Chhapra: मुंबई स्थित पीच ऐडुकेयर संस्था के फाउंडर निदेशक व व्यक्तित्व विकास विशेषज्ञ कुमार पल्लव ने कहा कि मानव संसाधन वर्तमान में हरेक कम्पनी का मेरुदंड माना जाने लगा है. इसका महत्व हमेशा से प्रबंधन की किताबों में पढ़ा- पढ़ाया जाता रहा है, लेकिन विगत दशक के उतरार्ध से यह लगभग हरेक कम्पनी के व्यवहार का हिस्सा बनता जा रहा है.
आज हरेक कम्पनी अपने वित्तीय संसाधनों की तरह ही मानवीय संसाधन के संरक्षण, प्रशिक्षण तथा उनके व्यक्तिगत विकास को भी कम्पनी का ही एक दायित्व मानकर काम कर रही है. वे शहर के भगवान बाजार में एक संस्था के कार्यक्रम में बोल रहे थे. कुमार पल्लव विगत बीस वर्षों से इसी विषय पर काम कर रहे हैं. उनका टेरो कार्ड-नूरोसाइान्स- वैदिक और क्लिनिकल सायकॉलजी पर आधारित प्रशिक्षण काफ़ी चर्चा में भी है. कुमार ने प्रबंधन की शिक्षा आईआईएम लखनऊ में प्राप्त की.
वहीं के प्रोफ़ेसर डॉ देवाशीष दास गुप्ता और प्रख्यात अर्थशास्त्री लोर्ड मेघनाथ देसाई से काफ़ी प्रभावित भी हैं. उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व विकास और संघर्ष मानवीय स्वभाव और सतत चलने वाली प्रक्रियाएं हैं. हमारा व्यक्तित्व तीस प्रतिशत गुणसूत्रों से, तीस प्रतिशत ग्रह नक्षत्रों के प्रभाव से और चालीस प्रतिशत सामाजिक साक्षात्कार से प्रभावित होता है. एक संतुलित और सामयिक व्यक्तित्व हर कम्पनी के लिए पूंजी होती है. विघटन के इस दौर में ऐसा व्यक्तित्व कम मिलता है इसलिए कम्पनी इस तरफ़ सजग हो गयी है. हमारे व्यक्तित्व पर ग्रह नक्षत्रों का असर व्यापक और गहरा है. अभी तक हम मनोविज्ञान को ही इस तरफ कारगर मानते आए थे. लेकिन कार्ड आपकी तात्कालिक ऊर्जा की व्याख्या करने में बड़े प्रभावी होते हैं. हाल के अपने ट्रेनिंग में हमें इसके सकारात्मक परिणाम भी मिले. सरकारी सेक्टर भी इस बारे में सजग हुए हैं. अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने मंत्रियों को प्रबंधन संस्थान, लखनऊ में प्रशिक्षण दिलाया.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भी इसमें शामिल हुए चुकि भारतीय अर्थव्यवस्था मिश्रित है, ऐसे में देश का विकास सरकार और प्राइवट सेक्टर की सम्मिलित जिम्मेवारी है. बिहार में हरेक सरकारी कर्मचारी और प्राइवट सेक्टर के मानव संसाधन के लिए ऐसी ट्रेनिंग उत्पादकता बढ़ाने में काफ़ी मदद करेगी.