Chhapra: सेहत केंद्र, राजेन्द्र कॉलेज, छपरा के तत्वावधान में पोषण सप्ताह के अंतर्गत एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसका शीर्षक ” युवावस्था में पोषण का महत्व” था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने करते हुए कहा कि किसी भी समाज एवं राष्ट्र की प्रगति युवाओं पर निर्भर हैं। युवावस्था वह संवेदनशील अवस्था हैं, जहा उचित पोषण द्वारा, उनके मानसिक, शारीरिक विकास को बढ़ावा दिया जाता हैं।
सेहत केंद्र की नोडल पदाधिकारी डॉ. जया कुमारी पांडेय ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि सतत विकास के लक्ष्यों में लक्ष्य 2 में खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण को सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है, जिससे स्पष्ट है कि आज सम्पूर्ण विश्व पोषण के महत्व को समझ चुका है, और भारत सहित सभी अन्य देश इस दिशा में लगातार नीति निर्माण एवम उसके कार्यान्वयन द्वारा अपनी जन दक्षता में सुधार के लिए प्रयत्नशील हैं। परंतु जब तक जन जागरूकता, विशेष कर युवाओं में जागृति नहीं होगी, तब तक इस प्रकार के आयोजन सफलीभूत नहीं होंगे। अतः युवा वर्ग अपने पोषण की पूर्ति हेतु अपने रसोईघर की तरफ जाए।
मुख्य वक्ता डॉ. सीमा सिंह, विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी, सदर हॉस्पिटल छपरा ने अपने वक्तव्य का प्रारंभ करते हुए कहा कि आपका और आपके परिवार का पोषण जितना संतुलित और अच्छा होगा, उतना ही आप सभी एक्टिव व स्मार्ट होंगे। थाली में परोसी गई हर चीज आपके मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव डालती है। आप इस थाली को कितना पोषक बना सकते हैं यह आपके हाथ में है। पोषण का मतलब केवल इतना ही नहीं होता कि आप क्या खा रहे हैं? कितना खा रहे हैं? कितनी बार खा रहे हैं? इसका मतलब है कि आपके शरीर को कितने जरूरी पोषक तत्व मिल रहे हैं। वैसे भी कोरोना काल में इम्युनिटी का आधार सही पोषण एक मुख्य तत्व बनकर उभरा है। संतुलित पोषण के लिए पांच बिंदुओं की आवश्यकता है। पहला अन्न, दूसरा दालें। इनमें राजमा, छोले आदि आते हैं। तीसरे में फैट है, इसमें एक छिपा हुआ फैट होता है और एक दिखता हुआ फैट। दिखते हुए फैट में तो घी और मक्खन जैसी चीजें आ गईं और छिपे हुए फैट्स कई प्रकार के बीज और सूखे मेवे आ जाते हैं। चौथे में फल और पांचवे में सब्जियां। इनसे हमें विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं।
मुख्य वक्ता द्वारा पोषण के महत्व, उसे प्राप्त करने के दैनिक जीवन में विविध स्त्रोतों के विस्तार से छात्र छात्राओं का ज्ञान वर्धन कराने हेतु डॉ. अनुपम कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ. कामेश्वर सिंह, कन्हैया प्रसाद, गौरव कुमार समेत कई विद्यार्थी उपस्थित थे ।