Chhapra: शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन मंगलवार को मौसम ने अचानक करवट बदल ली। सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे और दोपहर बाद कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने पहले ही अनुमान जताया था कि बिहार के कई जिलों में 1 से 2 अक्टूबर तक हल्की वर्षा हो सकती है। इसी पूर्वानुमान के अनुरूप अचानक हुई बारिश ने नवरात्र और दशहरा को लेकर चल रही तैयारियों पर असर डालना शुरू कर दिया है।
नवरात्र के नौ दिनों तक पूजा-पंडालों और मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ा रहा। भक्तों ने मां दुर्गा की आराधना कर सुख-समृद्धि की कामना की। अंतिम दिन यानी महानवमी पर जहां पूजा-पाठ और कन्या पूजन का आयोजन किया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर दशहरा को लेकर भी तैयारियां अंतिम चरण में थीं। लेकिन इस बीच मौसम का बदला मिजाज लोगों के उत्साह में खलल डालता नजर आया।
बारिश से सबसे ज्यादा परेशानी उन समितियों को हो रही है जो रावण दहन की तैयारी में जुटी हैं। छपरा के राजेन्द्र स्टेडियम में भव्य रावण दहन का आयोजन होना है। यहां रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले तैयार किए जा रहे हैं। हजारों की भीड़ इस आयोजन को देखने पहुंचती है, लेकिन बारिश की वजह से पुतलों को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि बारिश रुक-रुक कर होने से पुतलों को ढकने और सुरक्षित रखने में अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ रही है।
इसी तरह शहर के विभिन्न मोहल्लों में बने आकर्षक पंडाल भी बारिश से प्रभावित हो रहे हैं। कई पंडालों में पानी टपकने और सजावट खराब होने की शिकायतें सामने आईं। बिजली व्यवस्था भी प्रभावित हुई है, जिससे श्रद्धालु और आयोजक दोनों ही परेशान हैं। शाम को मेलों में उमड़ने वाली भीड़ और पूजा-अर्चना के लिए आने वाले भक्तों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इन दिनों मेलों और आयोजनों से शहरों में चहल-पहल बढ़ जाती है। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी झूले, खिलौने और खान-पान के स्टॉल का आनंद लेते हैं। लेकिन बारिश ने इस उल्लास को थोड़ा फीका कर दिया है। मेलों में उमड़ने वाली भीड़ पर इसका सीधा असर पड़ सकता है।
कुल मिलाकर, नवरात्र और दशहरा के बीच आई इस बारिश ने आयोजकों और श्रद्धालुओं को परेशानी में जरूर डाला है, लेकिन लोग उम्मीद कर रहे हैं कि मौसम जल्द सामान्य होगा और विजयादशमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।
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