राजनीति हमारे लिए धन कमाने का जरिया नही सेवा करने का माध्यम है: सच्चिदानंद राय

राजनीति हमारे लिए धन कमाने का जरिया नही सेवा करने का माध्यम है: सच्चिदानंद राय

राजनीति हमारे लिए धन कमाने का जरिया नही सेवा करने का माध्यम है: सच्चिदानंद राय

Chhapra: सारण जिले के गांव में भी शहरों के जैसे सुविधा मिलेगी तो गांव भी शहर की तरह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. आने वाले समय में गांव भी शहर बने इसी संकल्प के साथ चुनाव मैदान में आया हूं, फैसला आपको करना है. आपको आपका सेवक कैसा चाहिए. उक्त बातें इंजीनियर सच्चिदानंद राय ने छपरा नगर निगम के वार्ड पार्षदों को संबोधित करते हुए भगवान बाजार के शगुन हॉल में कही.

उन्होंने कहा कि राजनीति हमारे लिए धन कमाने का जरिया नही बल्कि समाज सेवा का माध्यम है, नगर पंचायत और नगर निगम में विकास कार्य नही करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के कार्यों में इतना व्यस्त रहा कि नगर पंचायत के लिए समय ही ना मिला या यह समझिए कि मैंने अपने अधिकारों को समझा ही नहीं, परंतु इस बार लोग लालच देकर धन बल का प्रयोग कर चुनाव इसलिये जितना चाहते है ताकि वो सरकार के खजाने से कुछ धन कमा सके. लेकिन मैं पहला वैसा व्यक्ति हूँ जो धन कमाकर सेवा भाव से राजनीति करने आया हूँ, मेरी सोच है कि यदि मेरे ईमानदार प्रयासों से मेरे जनप्रतिनिधि साथियों को उनका अधिकार मिल जाये और उनके द्वारा कार्यान्वयन कर योजनाओं से गाँव का स्वरूप बदल जाये. मैंने सबसे पहले जनप्रतिनिधियों के अधिकार के लिये लड़ाई लड़ी और जब अधिकार मिलेगा और कार्य होंगे तो निश्चित ही गाँव की सरकार की वजह से गाँव सुंदर दिखेगी. इस कार्य से जनप्रतिनिधियों का भी विकास होगा.

उन्होंने कहा कि कार्य करने से ही इंसान आगे बढ़ता है जब कार्य ही नही मिलेंगे तो चुनाव जीतने का क्या मकसद, इसलिये मैंने कार्य लेने के लिये पहले आपके अधिकार की लड़ाई लड़ी है जिसमे काम मिलना शुरू हुआ. 2022-23 में बहुत सारी नयी योजनाओं में भी आपकी भागीदारी हो इसके लिये मैं चुनावी मैदान में हूं.

वही भाजपा के निष्कासन के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो होना ही था. 11 को जब टिकट कन्फर्म नही हुआ उसी दिन मैं यह समझ गया कि प्रदेश नेतृत्व की मंशा क्या है. नदी में छुप कर रहने वाले नेता अनुशासन का पाठ पढ़ाते है. इसकी चिंता नही करनी है. अभी मात्र एक लक्ष्य है चुनाव में 4 हजार पर. आगे 2024 का चुनाव सिर पर है वैसे 7 अप्रैल को चुनाव नतीजे आने के बाद मैं खुद वैसे समिति सदस्यों से हिसाब करूँगा की मेरा टिकट किन कारणों से काटा गया. मैं भी उन्हें बताऊंगा की पार्टी और जनप्रतिनिधियों के लिये मैंने क्या क्या किया है. मुझपर आज तक एक भी प्रकार से ना तो भ्रष्टाचार का दाग लगा और ना ही किसी अन्य चीजों की. जिस प्रकार से जनप्रतिनिधियों ने अपना समर्थन देने का मन बनाया है मुझे विश्वास है इस बार का निर्णय चार हजार के पार ही होगा.A valid URL was not provided.

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