सारण के सभी अस्पताल होंगे ‘क्वालिटी सर्टिफाइड’, एनक्यूएएस प्रमाणीकरण की तैयारी शुरू
• मरीजों को मिलेगी बेहतर सुविधा
• अब सदर-अनुमंडलीय अस्पताल भी होंगे एनक्यूएएस मानक पर
• 70 प्रतिशत से अधिक अंक पर मिलेगा क्वालिटी सर्टिफिकेट
छपरा। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब सदर अस्पताल की तरह ही अनुमंडलीय अस्पतालों, रेफरल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का भी राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (National Quality Assurance Standards – NQAS) के तहत प्रमाणीकरण कराया जाएगा। इस प्रक्रिया से स्वास्थ्य सुविधाओं में न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि मरीजों को उच्चस्तरीय और सुरक्षित उपचार भी मिलेगा।
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र जारी कर अस्पतालों को एनक्यूएएस की चेकलिस्ट के अनुरूप तैयारी करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और मानक स्तर पर लाने के लिए हर स्तर के अस्पतालों को प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है। इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी—दोनों क्षेत्रों में समान रूप से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि जिला स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है कि सदर अस्पताल की तरह ही सभी सीएचसी, पीएचसी और हेल्थ सब सेंटर में भी सेवाओं का स्तर ऊंचा हो। इससे न केवल इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि मरीजों का भरोसा भी बढ़ेगा।
70 प्रतिशत से अधिक अंक पर मिलेगा क्वालिटी सर्टिफिकेट:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए अस्पतालों को 70 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने होंगे। यह मूल्यांकन दो चरणों में किया जाता है—पहले राज्य स्तरीय टीम द्वारा और उसके बाद राष्ट्रीय स्तर की टीम द्वारा। जो संस्थान दोनों स्तरों पर सफल रहते हैं, उन्हें राष्ट्रीय गुणवत्ता सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। भारत सरकार द्वारा लागू इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना और मरीजों को मानक के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस प्रक्रिया में अस्पतालों का मूल्यांकन 8 प्रमुख बिंदुओं पर किया जाता है ताकि छोटी से छोटी सुविधा भी नजरअंदाज न हो।
इन बिंदुओं पर किया जाता है मूल्यांकन
एनक्यूएएस के तहत अस्पतालों का मूल्यांकन निम्न मानकों पर किया जाता है।
• क्लीनिकल सेवाओं की गुणवत्ता
• इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती और स्वच्छता व्यवस्था
• डॉक्टरों और नर्सों की संख्या
• मरीज प्रतीक्षा कक्ष की व्यवस्था और वेंटिलेशन
• ऑपरेशन थिएटर की मानक व्यवस्था (तीन अलग-अलग जोन, एयर फिल्टर, तापमान नियंत्रण)
• संक्रमण नियंत्रण के उपाय और प्रोटोकॉल का पालन
• मरीज को इलाज में लगने वाला समय
• स्टाफ की ट्रेनिंग और व्यवहारिक दक्षता
इन बिंदुओं पर मूल्यांकन दल द्वारा निरीक्षण किया जाता है और उसके आधार पर अंक दिए जाते हैं। जो संस्थान आवश्यक मानकों को पूरा करते हैं, उन्हें प्रमाणित कर “क्वालिटी अस्पताल” की श्रेणी में रखा जाता है।
गुणवत्ता से बढ़ेगा भरोसा:
एनक्यूएएस प्रमाणीकरण न केवल अस्पतालों की छवि को मजबूत करेगा बल्कि मरीजों के बीच भरोसे का माहौल भी पैदा करेगा। इससे स्वास्थ्य कर्मियों में जवाबदेही बढ़ेगी और सेवाएं अधिक पारदर्शी बनेंगी। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले समय में जिले के सभी प्रमुख अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक प्राप्त करें।
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