Chhapra: समाहरणालय कार्यालय कक्ष में आयोजित खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के अवसर पर धान अधिप्राप्ति से संबंधित बैठक में जिलाधिकारी सारण राजेश मीणा के द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को समन्वय स्थापित कर लक्ष्य प्राप्त करने का निदेश दिया गया।
बैठक में जिला सहकारिता पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि सारण जिला में 10.11.2021 से 15.02.2022 के बीच धान अधिप्राप्ति किया जाना है। जिला कृषि विभाग के ऑकड़े के अनुसार इस वर्ष धान का उत्पादन 265540.5 मेट्रिक टन हुआ है। धान अधिप्राप्ति के लिए 90,000 मेट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है। सारण जिला में कुल चयनित पैक्सों की संख्या-255, चयनित व्यापार मंडलों की संख्या-12 है। अबतक 914 किसानों से 6328.65 मेट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गयी है जो कुल लक्ष्य का लगभग 7.03 प्रतिशत है। अबतक 578 किसानों के बीच 8,17,54,768 (आठ करोड़ सतरह लाख चौवन हजार सात सौ अड़सठ) रुपये की राशि का भुगतान कर दिया गया है। शेष किसानों का भुगतान दो दिन के अंदर करने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी के द्वारा समीक्षा के क्रम में धान अधिप्राप्ति में शिथिलता पर असंतोष व्यक्त करते हुए सहकारिता प्रसार पदाधिकारी दरियापुर एवं दिघवारा का एक दिन का वेतन स्थगित रखने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी के द्वारा स्पष्ट कहा गया कि धान अधिप्राप्ति के मामले में शिथिलता बरतने वाले सभी संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जिला सहकारिता पदाधिकारी, सभी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी, पैक्स एवं ब्यापार मंडल के अध्यक्ष को समन्वय स्थापित कर धान अधिप्राप्ति में तेजी लाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी के द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया कि अबतक अधिप्राप्ति कार्य प्रारंभ नही करने वाले पैक्स के विरुद्ध बिहार सहकारिता समिति अधिनियम 1935 की धारा 41 के अंतर्गत आवष्यक कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी के द्वारा छोटे किसानों से धान की खरीददारी करने एवं धान के गुणवता पर विशेष ध्यान देने की बात कही गयी। धान अधिप्राप्ति के समय किसानों को पावती रसीद देने का निर्देश सभी पेक्स अध्यक्षों को दिया गया। जिन प्रखंड में किसानों का पंजीकरण का प्रतिशत सबसे कम है वहाँ के सहकारिता प्रसार पदाधिकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें पंजीकरण हेतु जागरुक करें ताकि इसका लाभ किसानों को प्राप्त हो सके। जिलाधिकारी के द्वारा वरीय उप समाहर्त्ता, जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम, जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जिला अंतर्गत पंजीकृत चावल मिल का भौतिक सत्यापन कर प्रतिवेदन समर्पित करें।