कीव, 24 अगस्त (हि. स.)। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद कहा है कि भारत यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध समाप्त कराने के वैश्विक कूटनीतिक प्रयासों में एक ‘महत्वपूर्ण’ भूमिका निभा सकता है।

जेलेंस्की ने कहा कि वह भारत की यात्रा करने को लेकर उत्सुक हैं। यूक्रेन की यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां द्विपक्षीय वार्ता के दौरान जेलेंस्की को भारत यात्रा का निमंत्रण दिया, जिसके बाद उन्होंने यह टिप्पणी की। द्विपक्षीय वार्ता के बाद भारतीय मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने कहा, ‘मोदी की यात्रा ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि भारत को यूक्रेन का साथ देने की जरूरत है, न कि अमेरिका और रूस के बीच संतुलन साधने की।

मोदी की यूक्रेन की लगभग नौ घंटे की यात्रा, 1991 में यूक्रेन की स्वतंत्रता के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। यह यात्रा, जुलाई में मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के छह सप्ताह बाद हुई है।

जेलेंस्की ने कहा, ‘जब आप रणनीतिक साझेदारी, कुछ बातचीत शुरू करते हैं, तो आपको समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। इसलिए मुझे लगता है कि फिर से मुलाकात करना अच्छा रहेगा, और अगर हमारी बैठक भारत में होगी, तो मुझे खुशी होगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे काफी जरूरत है कि आपका देश हमारे पक्ष में रहे।

जेलेंस्की ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी, पुतिन के मुकाबले शांति के ज्यादा समर्थक हैं। समस्या यह है कि पुतिन (शांति) नहीं चाहते।”

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नई दिल्ली, 23 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता के दौरान शांति का संदेश दोहराते हुए कहा कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

मोदी ने शुक्रवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बैठक में अपने संबोधन में कहा कि एक मित्र के रूप में शांति स्थापित करने में उनका कोई योगदान संभव है तो वे इसका निर्वहन करना चाहेंगे। दो वर्ष से अधिक समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत इस संघर्ष में तटस्थ नहीं था बल्कि वह शांति का पक्ष लेने वाला एक पक्षधर था।

मोदी ने पिछले महीने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी यूक्रेन युद्ध के संबंध में हुई चर्चा का उल्लेख किया और कहा कि समस्या का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं हो सकता। उन्होंने जेलेंस्की के साथ अपने वक्तव्य में कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ ‘आंख में आंख’ डालकर कहा कि किसी भी समस्या का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं हो सकता।

संघर्ष के बारे में मानवकेन्द्रित दृष्टिकोण अपनाने पर जोर देते हुए उन्होंने दोनों पक्षों से आग्रह किया कि वे बातचीत के लिए आगे आएं। मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि विचार-विमर्श और बातचीत से ही समस्या का समाधान संभव है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस और यूक्रेन को एक-दूसरे को साथ बैठकर संकट से बाहर निकलने के लिए रास्ते तलाश करने होंगे। साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर की ओर संकेत करते हुए कहा कि विभिन्न देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है और भारत इसके लिए प्रतिबद्ध है।

करीब सात घंटे की अपनी यूक्रेन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने बमबारी के शिकार बाल चिकित्सालय के समीप निर्मित स्मृति स्थल पर श्रद्धासमुन अर्पित किए। इसका उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संघर्ष में बच्चों की मौत से उनका मन भरा हुआ है। यह बहुत दुखद और हृदय विदारक है।

मोदी ने संघर्ष के प्रारंभिक कालखंड में वहां भारतीय छात्रों को बाहर निकालने में राष्ट्रपति जेलेंस्की की भूमिका की सराहना की तथा उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर उन्हें शुभकामनाएं भी दीं।

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नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में आज पोलैंड पहुंचे। यात्रा के दौरान वह विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को पोलैंड से उनके पहुंचने की जानकारी देते हुए एक वीडियो वक्तव्य में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वारसॉ पहुंचे हैं। वह जल्द ही गुड महाराजा मेमोरियल पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए तीन स्मारकों पर जायेंगे। इन स्मारकों के पीछे का इतिहास पोलैंड और भारत को एक बहुत ही खास तरीके से जोड़ता है।

उन्होंने आगे कहाकि कल उनकी पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ द्विपक्षीय बैठकें हैं। वह पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से भी मुलाकात करेंगे। उसके बाद वह भारत-पोलैंड व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए पोलैंड के व्यापारिक नेताओं से मिलेंगे। प्रधानमंत्री भारतविदों और कुछ कबड्डी खिलाड़ियों से भी मुलाकात करेंगे। उनसे मुलाकात कर प्रधानमंत्री जानेंगे कि भारत और पोलैंड के लोग कैसे आपस में जुड़ रहे हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि यह पोलैंड और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ है। यात्रा ऐतिहासिक है। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पोलैंड यात्रा 45 साल बाद हो रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पोलैंड के वारसॉ में अपने होटल पहुंचे। यहां उन्होंने कलाकारों का प्रदर्शन देखा और भारतीय समुदाय से मुलाकात की।

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सुवा, 06 अगस्त (हि.स.)। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में फिजी की राजधानी सुवा में हैं। फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियामे मैवलीली कटोनिवेरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किया। यह फिजी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह सम्मान भारत और फिजी के बीच मित्रता के गहरे संबंधों का परिचायक है। यह सचित्र विवरण भारत की राष्ट्रपति के एक्स हैंडल पर साझा किया गया है।

द्रौपदी मुर्मू का सुवा पहुंचने पर फिजी के प्रधानमंत्री सीटिवेनी राबुका ने जोरदार स्वागत किया। राष्ट्रपति फिजी के बाद न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते जाएंगी। किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की फिजी और तिमोर-लेस्ते की पहली यात्रा है। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी।

विदेश मंत्रालय के सचिव जयदीप मजूमदार ने पिछले दिनों नई दिल्‍ली में राष्ट्रपति की यात्रा का ब्यौरा साझा किया था। इसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पांच से 10 अगस्‍त तक तीन देशों फिजी, न्‍यूजीलैंड और तिमोर-लेस्‍ते की यात्रा पर रहेंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक्‍ट ईस्‍ट नीति के अंतर्गत दक्षिण-पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र पर भारत ने विशेष रूप से ध्‍यान केन्द्रित किया है। यह तीनों देश भारत की एक्‍ट ईस्‍ट नीति के तहत आते है। भारत और फिजी के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। भारत, फिजी का प्रमुख विकास भागीदार रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रविवार को एक्स पर कहा कि एक्ट ईस्ट नीति को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते की तीन देशों की यात्रा पर रवाना हुईं। पहले चरण में राष्ट्रपति फिजी की राजकीय यात्रा पर रहेंगी। यह यात्रा दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगी। राष्‍ट्रपति फिजी की संसद को भी संबोधित करेंगी। उनका भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करने का भी कार्यक्रम है।

यात्रा के दूसरे चरण में राष्ट्रपति आठ और नौ अगस्त को न्यूजीलैंड जाएंगी। इस दौरान वे गवर्नर जनरल सिंडी किरो के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगी और प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से मुलाकात करेंगी। राष्ट्रपति, वेलिंगटन में एक अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन को भी संबोधित करेंगी और ऑकलैंड में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगी। यात्रा के अंतिम चरण में राष्ट्रपति 10 अगस्त को तिमोर-लेस्ते जाएंगी।

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नई दिल्ली, 5 अगस्त (हि.स.)। पड़ोसी देश बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर कल इस संबंध में संसद में बयान दे सकते हैं।

इसी बीच सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने हिंडन एयरबेस पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की। भारतीय वायु सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां ​​उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रही हैं और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है।

बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति और हिंडन एयर बेस पर उनकी भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा हुई है। मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने हर पूर्वी सेक्टर में अपने जवानों को अलर्ट पर रखा है।

बांग्लादेश के घटनाक्रम पर सोमवार शाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की मुलाकात हुई। कल विदेश मंत्री जयशंकर बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर संसद में बयान दे सकते हैं। इस बीच नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में विदेश मंत्री से मुलाकात की और बांग्लादेश में हाल के घटनाक्रम पर चर्चा की।

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ढाका, 05 अगस्त (हि.स.)। बांग्लादेश में जारी हिंसक प्रदर्शन के बीच सोमवार दोपहर 2:30 बजे एक सैन्य हेलीकॉप्टर ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर बंगभवन से उड़ान भरी है। उनके साथ उनकी छोटी बहन शेख रेहाना भी हैं।

सूत्रों ने बताया कि वे हेलीकॉप्टर से भारत के पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हुई हैं। बांग्लादेश के प्रमुख अखबार प्रोथोम अलो ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।

बांग्लादेश में इसे तख्ता पलट के रूप में देखा जा रहा है। बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में जारी हिंसक प्रदर्शन के चलते चारों तरफ अराजकता का माहौल बना हुआ है। यह भी बताया जा रहा है किचारों तरफ प्रदर्शन, आगजनी, हिंसा और कर्फ्यू के चलते सेना ने शेख हसीना को देश छोड़ने की सलाह ती।

सूत्रों के अनुसार कि शेख हसीना देश छोड़ने से पहले अपना भाषण रिकॉर्ड करना चाहती थीं। पर उन्हें वह मौका नहीं मिला। इसी के साथ बांग्लादेश के सेना मुख्यालय में हलचल तेज हो गई है।

सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान इस समय बैठक कर रहे हैं। बैठक में जातीय पार्टी के वरिष्ठ सह अध्यक्ष अनीसुल इस्लाम महमूद और पार्टी के महासचिव मुजीबुल हक चुन्नू को आमंत्रित किया गया है। इस बैठक में ढाका विश्वविद्यालय के कानून विभाग के प्रो. आसिफ नजरूल को भी आमंत्रित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश सरकार ने प्रदर्शनकारियों के आम जनता से लॉन्ग मार्च टू ढाका में हिस्सा लेने का आह्वान करने के बाद इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने का सोमवार को आदेश दिया।

इससे एक दिन पहले बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में हुई झड़प में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

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ढाका/नई दिल्ली, 5 अगस्त (हि. स.)। बांग्लादेश में भारी हिंसा, विरोध-प्रदर्शन के बीच भारत ने वहां मौजूद भारतीय नागरिकों के लिए परामर्श जारी किया है। ढाका स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को एक परामर्श जारी कर बांग्लादेश में मौजूद भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने के साथ संपर्क में रहने का आग्रह किया है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा घटनाक्रमों को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी जाती है। बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अपनी आवाजाही सीमित रखने और ढाका में भारतीय उच्चायोग के आपातकालीन फ़ोन नंबर 8801958383679, 8801958383680, 8801937400591 के ज़रिए संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है।

वहीं बांग्लादेश के सिलहट में ताजा हिंसा के बीच भारतीय सहायक उच्चायोग (एएचसीआई) ने एक्स पोस्ट में कहा, “भारतीय सहायक उच्चायोग के अधिकार क्षेत्र सिलहट में रहने वाले छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों से इस कार्यालय के संपर्क में रहने का अनुरोध किया जाता है और सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।” आपात स्थिति के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी साझा किया गया।

एएचसीआई सिलहट में भारत सरकार का एक प्रतिनिधि कार्यालय है। जो अपने कांसुलर क्षेत्राधिकार (सिलहट, मौलवीबाजार, सुनामगंज, हबीगंज, किशोरगंज और नेटोरोकोना जिलों) में वीजा जारी करने और भारतीय नागरिकों के कल्याण और द्विपक्षीय व्यापार के लिए जिम्मेदार है।एएचसीआई भारतीय उच्चायोग, ढाका की सामान्य देखरेख में कार्य करता है।

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पेरिस, 27 जुलाई (हि.स.)। सीन नदी पर एक शानदार और अपनी तरह के पहले उद्घाटन समारोह के बाद, बहुप्रतीक्षित पेरिस ओलंपिक 2024 की शुक्रवार (स्थानीय समयानुसार) को फ्रांस की राजधानी में शुरुआत की घोषणा की गई। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों के इतिहास में पहली बार ओलंपिक का उद्घाटन समारोह स्टेडियम के बाहर आयोजित किया गया।

शानदार उद्घाटन समारोह स्टेडियम के बाहर आयोजित किया गया, जो परंपरा से अलग था, सीन नदी में नावों से एथलीटों का स्वागत किया गया, जो छह किलोमीटर के मार्ग पर एक अनूठा शो पेश कर रहे थे।

भारतीय टीम का नेतृत्व दो बार की पदक विजेता पीवी सिंधु और पांच बार के ओलंपियन शरत कमल कर रहे थे। ग्रीष्मकालीन आयोजन के इतिहास में यह पहली बार है कि प्रतिभागी ओलंपिक में नदी के जरिये प्रवेश कर रहे थे।

प्रतिष्ठित फ्रांसीसी मिडफील्डर ज़िनेदिन ज़िदान ने उद्घाटन समारोह की शुरुआत करने के लिए ओलंपिक मशाल को लेकर एक पूर्व-रिकॉर्ड किए गए वीडियो में उपस्थिति दर्ज कराई। स्टेड डी फ्रांस से, उन्होंने दौड़ लगाई और मशाल को उठाया। हालांकि, वे मेट्रो में फंस गए और इसे बच्चों तक पहुंचाया। बच्चे कब्रिस्तान से गुज़रे और सीन नदी पर पहुँचे, और उसके बाद, प्रसारण को सीन के वास्तविक समय के दृश्य में बदल दिया गया।

राष्ट्रों की परेड से पहले, फ्रांसीसी गणराज्य के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाक का ट्रोकाडेरो में परिचय कराया गया। राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों ने कुछ अपवादों के साथ, फ्रेंच वर्णमाला क्रम में परेड की। परेड में ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका अंत में आए।

ग्रीस ने की परेड की शुरुआत, साथ ही रंगारंग कार्यक्रमों का भी हुआ आयोजन

पहले 18 प्रतिनिधिमंडलों को पोंट डी’ऑस्टरलिट्ज़ से राष्ट्रों की परेड में शामिल किया गया। परेड का नेतृत्व आधुनिक ओलंपिक खेलों के संस्थापक देश ग्रीस ने अपने देश-थीम वाले परिधान में किया। ग्रीस ने एनबीए स्टार जियानिस एंटेटेकोउनम्पो को अपने पुरुष ध्वजवाहक के रूप में चुना, साथ ही महिला ध्वज वाहक के रूप में रेसवॉकर एंटीगोनी एनट्रिसम्पियोटी थीं।

सीन नदी में नौकायन करते हुए, ग्रीस के बाद शरणार्थी ओलंपिक दल आया, जिसमें 37 व्यक्ति शामिल थे। रियो 2016 के लिए गठित होने के बाद से यह ओलंपिक खेलों में उनकी तीसरी उपस्थिति है। अफगानिस्तान तीसरे स्थान पर पहुंचा, जो सीन नदी के मनोरम दृश्य को पार करते हुए दक्षिण अफ्रीका, अल्बानिया और जर्मनी के बाद पहुंचा।

थॉमस बाक, जो उपस्थित थे, अपने गृह राष्ट्र जर्मनी के लिए जयकार करने के लिए खड़े हो गए। राष्ट्रों की परेड के दौरान, रहस्यमय व्यक्ति को ओलंपिक मशाल लेकर पेरिस के प्रसिद्ध स्मारकों में ओलंपिक मशाल लेकर जाते हुए देखा गया। वह पूरे शहर में दौड़ता हुआ गया और प्रसिद्ध लौवर संग्रहालय पहुंचा, जहां मोना लिसा जैसी प्रसिद्ध कलाकृतियां रखी गई हैं।

लेडी गागा के आकर्षक प्रदर्शन के बाद परेड फिर से शुरू हुई और ओलंपिक खेलों के इतिहास में सबसे सफल देशों में से एक चीन पहुंचा। चीन के टेबल टेनिस के महान खिलाड़ी मा लोंग और सिंक्रोनाइज्ड तैराक फेंग यू को ध्वजवाहक के रूप में चुना गया। फ्रांसीसी सेना के संगीतकारों के साथ फ्रांसीसी-मालियन गायक अया नाकामुरा द्वारा एक आकर्षक प्रदर्शन के बाद, परेड फिर से शुरू हुई।

एक हवाई जहाज ने अपनी पूंछ से धुआं उड़ाया और पेरिस के ऊपर एक गुलाबी दिल बनाया, जिसे अक्सर प्यार का शहर माना जाता है। कोलंबिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और कोको द्वीप सीन नदी पर अपनी-अपनी नावों पर पहुंचे। जब पेरिस में बारिश शुरू हुई, तो मिस्र उद्घाटन समारोह में पहुंच गया।

सिंधु और शरत कमल ने की भारतीय दल की अगुवाई

भारतीय प्रशंसकों की उत्सुकता आखिरकार तब खत्म हुई जब ध्वजवाहक शरत कमल और पीवी सिंधु, विशेष रूप से डिजाइन किए गए पारंपरिक परिधान पहने हुए, 78 एथलीटों और अधिकारियों के समूह के साथ सीन नदी पर दिखाई दिए।

भारतीय दल की नाव जैसे ही गुजरी, सीन नदी के चारों ओर ‘इटालिया’ के नारे गूंजने लगे, जो राष्ट्रों की परेड में इटली के आगमन की घोषणा कर रहे थे। उद्घाटन समारोह की कमान मिनियन्स ने संभाली, जो एक विशेष वीडियो में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। विभिन्न दल सीन नदी से गुजरते रहे। एक आकर्षक साइकिल चालन स्टंट किया गया, जिसने पूरे दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों ने प्रदर्शन जारी रखा और राष्ट्रों की परेड को कुछ समय के लिए रोक दिया।

फिर से शुरू होने के बाद, म्यांमार और नामीबिया अपनी विशेष नौकाओं पर पहुंचे, और निकारागुआ उनके पीछे पीछे आ गया।

अरशद नदीम के नेतृत्व में राष्ट्रों की परेड में शामिल हुआ पाकिस्तान

पाकिस्तान अपने भाला फेंकने वाले खिलाड़ी अरशद नदीम के नेतृत्व में राष्ट्रों की परेड में देश के ध्वजवाहक के रूप में पहुंचा। पाकिस्तान की नाव में कुल सात एथलीट सवार थे, जिनमें तीन महिलाएं और चार पुरुष शामिल थे।

मेजबान फ्रांस, 573 सदस्यों की टुकड़ी के साथ, सबसे बड़ी नाव में सीन नदी पर पहुंचा। टीम फिलिस्तीन भी राष्ट्रों की परेड में मौजूद थी, जिसका संदेश था, “राख से, हम हमेशा उठते हैं।”

फ्रांसीसी गायिका जूलियट अरमानेट ने जॉन लेनन के इमेजिन के अपने भावपूर्ण गायन से भीड़ को मंत्रमुग्ध कर दिया। परेड के अंत में, एफिल टॉवर के सामने ओलंपिक ध्वज फहराया गया। स्वयंसेवकों द्वारा उठाए गए सभी प्रतिनिधिमंडलों के झंडे ट्रोकाडेरो और एफिल टॉवर के बीच परेड किए गए।

समापन समारोह के दौरान संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी को ओलंपिक लॉरेल पुरस्कार प्रदान किया गया।

उद्घाटन समारोह के समापन चरण के दौरान, शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी को ओलंपिक लॉरेल पुरस्कार प्रदान किया गया।

पेरिस 2024 के अध्यक्ष तीन बार के ओलंपिक चैंपियन टोनी एस्टांगुएट ने एथलीटों को संबोधित करते हुए कहा, “अगले 16 दिनों तक, आप मानवता का सबसे अच्छा संस्करण होंगे। आप हमें याद दिलाएंगे कि खेल की भावनाएँ एक सार्वभौमिक भाषा बनाती हैं जिसे हम सभी साझा करते हैं। 11 अगस्त तक, हम आपके साथ रहेंगे। आपकी हार हमारी हार होगी। आपकी जीत हमारी जीत होगी। आपकी भावनाएँ हमारी भावनाएँ होंगी।”

आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक, जो एक ओलंपिक चैंपियन भी हैं, मंच पर दिखाई दिए और कहा, “इस ओलंपिक खेलों के जादू को पूरी दुनिया के साथ साझा करने के लिए पेरिस से बेहतर जगह और क्या हो सकती है? पेरिस, हमारे संस्थापक पियरे डी कुबर्टिन का जन्मस्थान, जिनके हम सब कुछ के ऋणी हैं। पेरिस, प्रकाश का शहर, जहाँ उन्होंने आधुनिक ओलंपिक खेलों का निर्माण किया है। अपने भाषण के दौरान, बाक ने इमेजिन के बोल भी याद किए।

पेरिस ओलंपिक के आधिकारिक शुरुआत की हुई घोषणा

इसके बाद राष्ट्रपति मैक्रोन मंच पर आए और उन्होंने फ्रेंच में घोषणा की, “मैं XXXIII ओलंपियाड के खेलों की शुरुआत की घोषणा करता हूं।”

फ्रांस के ध्वजवाहक, फ्लोरेंट मनौडौ और मेलिना रॉबर्ट-मिचॉन ने ओलंपिक शपथ लेने में एथलीटों का प्रतिनिधित्व किया।इसके बाद, जिदान को मंच पर बुलाया गया और उन्होंने रहस्यमय व्यक्ति से ओलंपिक लौ ली। उन्होंने मशाल स्पेन के आइकन टेनिस स्टार राफेल नडाल को सौंपी, जो रोलांड-गैरोस में अपने कौशल के लिए जाने जाते हैं।

दिग्गजों के हाथों से होकर गुजरी ओलंपिक मशाल

एक-एक करके एफिल टॉवर पर लगे छल्ले जलाए गए। फिर मशाल को नडाल, सेरेना विलियम्स, कार्ल लुईस और नादिया कोमनेसी के साथ नाव में सीन नदी के बीच ले जाया गया। जब नाव घाट पर पहुंची, तो मशाल को सेवानिवृत्त फ्रांसीसी टेनिस खिलाड़ी एमिली मौरेस्मो ने उठाया।

मौरेस्मो ने इसे फ्रांसीसी बास्केटबॉल के दिग्गज और पूर्व एनबीए स्टार टोनी पार्कर को सौंप दिया। वे दोनों लूवर और उसके पिरामिड के पास से जॉगिंग करते हुए आगे बढ़े। आखिरकार, मशालवाहकों का पूरा समूह 18 लोगों का हो गया और इसमें विभिन्न ओलंपियन और पैरालिंपियन शामिल थे। उन्होंने मशाल टेडी रिनर और मैरी-जोस पेरेक को सौंपी, जिन्होंने कड़ाही जलाई।

इसमें एक हॉट एयर बैलून भी लगाया गया था, जो 30 मीटर ऊंचा था। बैलून ने इस कढ़ाही को पेरिस के आसमान में ऊंचा उठा दिया। समारोह के अंत में गायिका सेलीन डायोन ने प्रस्तुति दी।

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काठमांडू, 24 जुलाई (हि.स.)। नेपाल के काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ सौर्य एयरलाइंस का विमान (9एन-एएमई) 21 साल 4 महीने पुराना था। बॉम्बार्डियर सीआरजे 200 सीरीज का यह विमान कनाडा के मॉन्ट्रियल में बनाया गया था।

त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के प्रवक्ता सुभाष झा के मुताबिक सबसे पहले इस विमान को अमेरिका की अटलांटिक कोस्ट एयरलाइंस ने मई 2003 में खरीदा था। खरीदने के 15 महीने बाद अगस्त 2004 में अमेरिका की इंडिपेंडेंस एयर ने इसका स्वामित्व ले लिया। इंडिपेंडेंस एयर ने जून 2007 तक इस विमान को उड़ाया था। इसके बाद जुलाई 2007 में नाइजीरिया के एरिक एयर ने इस विमान को खरीदा। एरिक ने इसे खरीदने के करीब नौ महीने बाद अप्रैल 2008 में साउथ अफ्रीकन एक्सप्रेस एयर को बेच दिया। करीब 9 साल के बाद साउथ अफ्रीकन एयर से इस विमान को अमेरिकी लीजिंग कंपनी एरोलीज ने जनवरी 2017 में खरीदा था। नेपाल के सौर्य एयरलाइंस ने इसे मार्च 2017 में खरीदा। सौर्य एयर को यह विमान उड़ाते हुए 6 साल हो गए थे।

21 वर्ष 4 महीने पुराना यह विमान बुधवार को उस समय हादसे का शिकार हो गया जब इसके इंजन टेस्टिंग के लिए टेक्निकल टीम के साथ पोखरा ले जाया जा रहा था। काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर टेक ऑफ करने के कुछ सेकेंड बाद ही यह जमीन पर गिर गया जिसमें 18 यात्रियों की मौत हो गई। इस हादसे में जान गंवाने वालों में अधिकांश एयरलाइंस के सेफ्टी एवं मेंटेनेंस कर्मचारी थे।

त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के प्रवक्ता सुभाष झा ने बताया कि पुराने विमानों के उड़ान को लेकर सरकार नए सिरे से विचार कर रही है। 20-25 साल पुराने विमान के संचालन पर रोक लगाने को लेकर सरकार ने एक समिति बनाए जाने की बात कही है।

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नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)। नेपाल के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बुधवार सुबह सौर्य एयरलाइंस का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई। सौर्य एयरलाइंस का यह विमान 9एन-एएमई (सीआरजे 200) पूर्वाह्न करीब 11 बजे काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरा था।

विमान में तकनीकी कर्मचारियों और चालक दल के सदस्यों सहित 19 लोग सवार थे। विमान के चालक दल में कैप्टन मनीष शाक्य और सह-पायलट सुशांत कटुवाल थे। इसके अलावा 17 अन्य लोगों में अमित मान महार्जन, सागर आचार्य, दिलीप वर्मा, मनु राज शर्मा, अश्विन निरौला, सुदीप लाल जोशी, सर्वेश मारसैंण, श्याम बिंदुकर, नवराज आले, राजाराम आचार्य, प्रिजा कटिवाडा, अधिराज शर्मा, उद्धब पुरी, यज्ञ प्रसाद पौडवाल, संतोष महतो, पुण्य रत्न साही और आरेफ रेडा थे।

पुलिस ने बताया कि विमान को पोखरा क्षेत्रीय हवाई अड्डे पर रखरखाव के लिए ले जाया जा रहा था।

नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के अनुसार सौर्य एयरलाइंस का सीआरजे7 (Reg-9NAME) विमान स्थानीय समयानुसार सुबह 11:11 बजे पोखरा के लिए काठमांडू से उड़ान भरने के बाद दाएं मुड़ा और रनवे के पूर्वी हिस्से में एक जगह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

विमान में आग लग गई। दुर्घटना होने के तुरंत बाद बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। हालांकि विमान में लगी आग पर अब काबू पा लिया गया है। 18 लोगों के शव बरामद किए गए हैं और एक घायल व्यक्ति को बचाकर अस्पताल ले जाया गया है।

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काठमांडू, 22 जुलाई (हि.स.)। नेपाल के नए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत के साथ सीमा विवाद को कूटनीतिक तरीके से सुलझाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के बीच सभी स्तर पर कूटनीतिक वार्ता के जरिए सभी समस्याओं का समाधान होने का उन्हें भरोसा है।

संसद में विश्वास मत हासिल करने के अगले दिन सोमवार को सांसदों के सवाल पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि कालापानी, लिपुलेक और लिम्पियाधुरा को लेकर नेपाल की संसद में सर्वसम्मति से संविधान संशोधन करके सरकार कूटनीतिक तरीके से ही इसका समाधान चाहती है। ओली ने कहा कि चूंकि संसद में संविधान संशोधन के जरिए हमने इन क्षेत्रों पर अपना दावा किया है, इसलिए इससे पीछे नहीं हट रहे हैं लेकिन हम इसका दीर्घकालिक समाधान चाहते हैं।

प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि भारत के साथ होने वाली सभी स्तर की वार्ता के दौरान सीमा समस्या को लेकर दोनों ही देश गम्भीर है। ओली ने कहा कि प्रधानमंत्री स्तर पर पिछली बार हुई वार्ता के दौरान भी सीमा समस्या को सुलझाने को लेकर स्पष्ट सहमति हुई है। ओली का दावा है कि जल्द ही सीमा समस्या को लेकर बॉर्डर वर्किंग ग्रुप को फिर से सक्रिय किया जाएगा।

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नई दिल्ली, 19 जुलाई (हि.स.)। विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में जारी असंतोष की स्थिति पर भारत सतर्क नजर बनाए हुए हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कहा कि बांग्लादेश में आंतरिक असंतोष के संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर स्वयं घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में साढ़े आठ हजार विद्यार्थियों सहित 15 हजार भारतीय नागरिक हैं। ये लोग भारत के राजनयिक मिशनों के संपर्क में हैं। ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है। हमारी ओर से नागरिकों के लिए सलाह जारी की गई है। साथ ही उनकी सुरक्षा और आवश्यक सहायता के लिए एक हेल्पलाइन 24 घंटे काम कर रही है।

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