Chhapra: शारदीय नवरात्र का पावन पर्व आज से आरंभ हो गया है। सुबह से ही पूरे देश में घरों, मंदिरों और पूजा पंडालों में भक्तों ने कलश स्थापना कर मां दुर्गा की आराधना शुरू की। श्रद्धालु व्रत रखकर, मंत्र-जाप और भजन-कीर्तन के साथ भक्ति में लीन नजर आए। वातावरण मां दुर्गा के जयकारों और घंटा-घड़ियाल की ध्वनि से गूंज उठा।

मां शैलपुत्री की आराधना

नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व होता है। इन्हें पर्वतराज हिमालय की पुत्री कहा गया है, इसी कारण नाम पड़ा “शैलपुत्री”। माता वृषभ पर सवार होकर एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल पुष्प धारण किए अपने भक्तों को दर्शन देती हैं। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की उपासना से साधक को दृढ़ता, शांति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर भक्तजन उपवास रखते हैं और दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ विशेष अनुष्ठान कर मां से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

नौ दिनों तक मां के नौ रूपों की साधना

नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। इन नौ रूपों की साधना कर भक्त अपने जीवन से नकारात्मकता को दूर कर दिव्यता और शक्ति की प्राप्ति करते हैं।

मंदिरों और पंडालों में रौनक

नवरात्र को लेकर मंदिरों और पूजा पंडालों में विशेष सजावट की गई है। जगह-जगह भव्य पंडाल बनाए गए हैं, जिनमें मां दुर्गा की मनमोहक प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। रोशनी, सजावट और भक्ति गीतों से पूरा माहौल आध्यात्मिक रंग में रंग गया है। श्रद्धालु परिवार सहित पंडालों में पहुंचकर मां के दर्शन कर रहे हैं और भजन-कीर्तन में शामिल हो रहे हैं।

प्रशासन की तैयारियां

त्योहार को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क है। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों और बड़े पंडालों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सफाई और बिजली आपूर्ति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कई जगहों पर महिला सुरक्षा बल और स्वयंसेवक भी तैनात किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

शारदीय नवरात्र न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। मान्यता है कि इसी काल में मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर धर्म और सत्य की स्थापना की थी। इसलिए नवरात्र को शक्ति की उपासना का पर्व कहा जाता है। यह पर्व भक्ति, तप और आत्मशुद्धि का अवसर भी है।

आस्था और विश्वास का पर्व

नवरात्र के दिनों में भक्त मां दुर्गा से सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं। मान्यता है कि मां की सच्चे मन से की गई उपासना से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पंडालों और मंदिरों में उमड़ी भीड़ यह दर्शाती है कि मां की भक्ति लोगों के हृदय में गहराई तक रची-बसी है।

0Shares

नई दिल्‍ली, 22 सितंबर (हि.स)। देश में वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें आज से लागू हो गईं। नवरात्रि के पहले दिन से लागू इन दरों में मुख्य रूप से अब पांच फीसदी और 18 फीसदी की दो दो श्रेणी हैं। लग्जरी और विलासितापूर्ण वाली वस्तुओं पर अलग से 40 फीसदी कर लगेगा। सिगरेट, तंबाकू और अन्य संबंधित वस्तुओं को छोड़कर नई कर दरें आज से प्रभावी हो गईं। इससे हर आयु वर्ग और हर समुदाय के लोगों को बड़ी राहत मिली है।

रसोई में इस्तेमाल होने वाले सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां और उपकरणों और वाहनों समेत करीब 400 वस्तुएं सस्ती हो गई हैं। रोजमर्रा की जरूरतों का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली प्रमुख कंपनियों ने जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मे स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की है। उन्होंने इस अवसर की पू्र्व संध्या पर पांच बजे देश के नाम संबोधन में कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे। कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे। पिछले एक वर्ष में जीएसटी और आयकर में छूट के कारण देशवासियों को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई। इससे बाजार में उपभोक्ता विश्वास और मांग में इजाफा हुआ है।

देश में इससे पहले जीएसटी के चार स्लैब- पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी लागू थे। कुछ महंगी चीजों पर अलग से सेस लगता था। सरकार ने 12 फीसदी वाले 99 फीसदी सामान को 5 फीसदी में और 28 फीसदी वाले 90 फीसदी आइटम को 18 फीसदी में शिफ्ट कर दिया है। इससे आम लोगों को हर महीने थोड़ी राहत मिलेगी। आज साबुन, पाउडर, कॉफी, डायपर, बिस्कुट, घी और तेल जैसी दैनिक जरूरत की वस्तुएं सस्ती हो गईं। पनीर, मक्खन, नमकीन, जैम, कैच-अप, सूखे मेवे, कॉफी और आइसक्रीम जैसी चीजों पर अब कम टैक्स लगेगा। पहले इन वस्‍तुओं पर 12 फीसदी या 18 फीसदी जीएसटी लगता था, अब इन्हें पांच फीसदी की स्लैब में रखा गया है। ग्लूकोमीटर, डायग्नोस्टिक किट्स और ज्यादातर दवाओं पर जीएसटी सिर्फ पांच फीसदी हो गया है। पहले ये 12 या 18 फीसदी की स्लैब में थे।

सीमेंट पर जीएसटी की दर अब 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई है। टीवी, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसी चीजों पर भी टैक्स कम हुआ है। पहले इन पर 28 फीसदी जीएसटी था। अब ये18 फीसदी के स्लैब में हैं। छोटी कारों पर अब 18 फीसदी और बड़ी गाड़ियों पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। पहले एसयूवी और एमपीवी जैसी गाड़ियों पर 28 फीसदी टैक्स के साथ 22 फीसदी सेस भी लगता था। जीएसटी कटौती के बाद अब कुल टैक्स घटकर करीब 40 फीसदी हो गया है। सैलून, गा सेंटर, फिटनेस क्लब, हेल्थ स्पा जैसी सेवाओं पर जीएसटी 18 से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। हेयर ऑयल, साबुन, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टैल्कम पाउडर, शेविंग क्रीम, आफ्टरशेव लोशन जैसी चीजों पर अब सिर्फ पांच फीसदी जीएसटी लगेगा।

0Shares

Chhapra/Patna:  शारदीय नवरात्रि आज से शुरू हो गई है। इसके साथ ही सभी लोग देवी आराधना में जुट गए हैं।
शारदीय नवरात्र के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें दी है।
उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि मां दुर्गा शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं। नवरात्रि के पूरे नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विशेष महत्व है। मां दुर्गा भक्तों और साधकों में शक्ति का संचार कर करूणा और परोपकार के द्वारा प्राणियों का कल्याण करती हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि नवरात्रि पर्व को पारस्परिक सद्भाव, आपसी भाईचारा एवं शांतिपूर्ण तरीके से हर्षोल्लास के साथ मिल जुलकर मनायें।
0Shares

Sharadiya Navratri 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि का खास स्थान है। साल में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है, दो बार गुप्त नवरात्रि और दो बार मुख्य नवरात्रि, जिन्हें चैत्र और शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इनमें से शारदीय नवरात्रि को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। यह पर्व अश्विन मास में आता है, जो कि शरद ऋतु का समय होता है। इसी वजह से इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा के लिए समर्पित होते हैं। हर दिन देवी के एक विशेष स्वरूप की साधना की जाती है और दसवें दिन दशहरा या विजयादशमी के रूप में इस महापर्व का समापन होता है।

शारदीय नवरात्रि 2025 कब से कब तक?
इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर 2025, सोमवार से हो रही है। इस दिन कलश स्थापना या घटस्थापना की जाती है, जिसे बेहद शुभ और विशेष माना जाता है।

नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से होगी।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से होती है। 2025 में घटस्थापना 22 सितंबर को की जाएगी।

शुभ समय: सुबह 5:38 से 7:32 बजे तक (1 घंटा 54 मिनट)

अभिजीत मुहूर्त: 11:18 से 12:06 बजे तक

चौघडिया

शुभ: सुबह 08: 40 से 10: 11सुबह

लाभ :दोपहर 02:44 से 04:15 संध्या

अमृत: संध्या 04:15 से 05:46 संध्या

इस बार माता का आगमन किस वाहन पर होगा?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर साल नवरात्रि पर मां दुर्गा अलग-अलग वाहन पर सवार होकर आती हैं। वर्ष 2025 में माता रानी हाथी पर सवार होकर पधारेंगी। हाथी पर आगमन को बेहद शुभ माना जाता है। यह समृद्धि, शांति और उन्नति का प्रतीक है।

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

0Shares

नई दिल्ली, 21 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कल से लागू होने वाले सुधारों को ‘बचत उत्सव’ बताते हुए आज कहा कि नागरिक देवो भव: की सोच पर आधारित ‘कर सुधारों’ से देश के लोगों के ढाई लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बचेंगे और आत्मनिर्भरता की दिशा में स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को गति मिलेगी।

मोदी ने सोमवार को शारदीय नवरात्रि के साथ जीएसटी की नयी दरों के लागू होने की पूर्व संध्या पर रविवार शाम को राष्ट्र के नाम संदेश में त्योहारों के इस मौसम में “सबका मुंह मीठा करने वाले और देश के हर परिवार की खुशियां बढ़ाने वाले” जीएसटी के अगली पीढ़ी के सुधार लागू होने पर देश के कोटि-कोटि परिवारजनों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी सुधारों से रोजमर्रा की ज्यादातर जरूरत की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि ज्यादातर सामान अब 5 प्रतिशत के टैक्स दायरे में आएगा। इससे खाना-पीना और यहां तक कि घूमना-फिरना भी सस्ता हो जाएगा। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर स्वदेशी वस्तुओं की अपील करते हुए कहा कि देश के लोग भारत में बनी वस्तुओं को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए आत्मनिर्भर भारत बेहद जरूरी है।

उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता को स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली। वैसे ही देश की समृद्धि को भी स्वदेशी के मंत्र से ही शक्ति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में छोटे, मझोले एवं लघु उद्योगों (एमएसएमई) की भूमिका को रेखांकित किया और उन्हें देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ ही वैश्विक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भारत के स्वर्णिम काल में भी इन्हीं उद्योगों ने भारत की साख बनाई थी। उन्हें भारत का वही गौरव वापस लौटना है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह से जीएसटी आने से पहले देश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक सामान भेजना महंगा और कठिन होता था। बेंगलुरु से हैदराबाद सामग्री भेजने की बजाय बेंगलुरु से यूरोप और यूरोप से हैदराबाद भेजना ज्यादा आसान होता था। कई तरह के टैक्स जंजाल थे, जिसकी कीमत आखिरकार ग्राहक को उठानी पड़ती थी। उनकी सरकार ने आते ही सभी हितधारकों से बातचीत कर जीएसटी लाए और इसमें लगातार सुधार जारी है। उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने राज्यों में विनिर्माण गतिविधियों में तेज़ी लाकर आत्मनिर्भर भारत पहल और स्वदेशी कार्यक्रम का सक्रिय समर्थन करें। निवेश आकर्षित करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर ध्यान केंद्रित करें।

प्रधानमंत्री अपने भाषण की शुरूआत शक्ति की उपासना के पर्व नवरात्रि की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं से की और कहा कि नवरात्रि के पहले ही दिन से देश आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा रहा है।

उन्होंने कहा कि 22 सितंबर की सुबह से देश में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि इसके साथ ही पूरे देश में जीएसटी बचत उत्सव शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस उत्सव से लोगों की बचत बढ़ेगी और अपनी पसंद का सामान खरीदना आसान होगा। इससे गरीब, मध्यम वर्ग, नव मध्यम वर्ग, युवा, किसान, महिलाएं, दुकानदार, व्यापारी और उद्यमी सभी को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस त्योहार के मौसम में हर परिवार की खुशियां बढ़ेंगी और देशवासियों को जीएसटी बचत उत्सव की शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सुधार भारत की विकास यात्रा को गति देंगे, कारोबार को आसान बनाएंगे, निवेश को आकर्षक बनाएंगे और हर राज्य को विकास की दौड़ में बराबर का भागीदार बनाएंगे।

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि दशकों तक लोग और व्यापारी ऑक्ट्रॉय, एंट्री टैक्स, सेल्स टैक्स, एक्साइज, वैट, सर्विस टैक्स जैसे दर्जनों करों के जाल में फंसे रहते थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्थिति से देश को निकालना बहुत जरूरी था। इसलिए जब 2014 में उन्हें जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने जीएसटी को प्राथमिकता दी। सभी पक्षों से चर्चा की गई, और “एक राष्ट्र-एक टैक्स” का सपना साकार हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है। समय बदलने और देश की जरूरतें बढ़ने के साथ ही अगली पीढ़ी के सुधार जरूरी हो जाते हैं। इसी कारण अब नए जीएसटी सुधार लागू किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि अब सिर्फ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब रहेंगे। इसका मतलब है कि रोजमर्रा की ज्यादातर चीजें सस्ती होंगी। खाने-पीने का सामान, दवाइयाँ, साबुन, ब्रश, पेस्ट, स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी सेवाएं या तो टैक्स-फ्री होंगी या केवल 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। पहले 12 प्रतिशत टैक्स वाली लगभग सभी चीजें अब 5 प्रतिशत श्रेणी में आ गई हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और नव मध्यम वर्ग के रूप में देश की प्रगति में भूमिका निभा रहे हैं। अब जीएसटी में राहत से गरीब और नव मध्यम वर्ग को दोहरा फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि घर बनाना, टीवी-फ्रिज खरीदना, स्कूटर-बाइक-कार लेना सब सस्ता होगा। घूमना-फिरना भी आसान होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की समृद्धि के समय एमएसएमई और कुटीर उद्योग देश की रीढ़ थे। भारत की मैन्युफैक्चरिंग और क्वालिटी दुनिया में पहचान रखती थी। हमें वह गौरव वापस पाना है। छोटे उद्योग जो भी बनाएं, वो हर कसौटी पर बेहतरीन होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें मेड इन इंडिया सामान खरीदना चाहिए, जिसमें देश के युवाओं की मेहनत हो। हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना है और हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है। उन्होंने कहा कि गर्व से कहें “मैं स्वदेशी खरीदता हूं, मैं स्वदेशी बेचता हूं।” यही हर भारतीय का स्वभाव बनना चाहिए।

अंत में प्रधानमंत्री ने नवरात्रि और जीएसटी बचत उत्सव की शुभकामनाएं दीं।

0Shares