छपरा/सोनपुर: विश्वप्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला का उद्घाटन सूबे की पर्यटन मंत्री अनीता देवी ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस अवसर पर जन समूह को संबोधित करते हुए मंत्री अनीता देवी ने कहा कि सोनपुर का हरिहर क्षेत्र मेला देश ही नही बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है. सबसे बड़े पशु मेले में दूर दूर से लोग आते है. बदलते परिवेश में मेला भी बदला है.  मेला को विकसित और भव्य बनाया जायेगा.

उन्होंने कहा कि बिहार में मंगलराज है. अपने प्रदेश में सभी को मान सम्मान मिल रहा है. हर क्षेत्र में बिहार आगे बढ़ रहा है. मेले को अन्तराष्ट्रीय स्तर का बनाने में हर जरुरी कदम उठाये जा रहे है. 

गौरवशाली है अपना बिहार

कला संस्कृति मंत्री शिव चंद्र राम ने कहा कि हमारा इतिहास स्वर्णिम है. उसे विरासत के रूप में सजा संवार कर रखने की जरुरत है. सरकार विकास के लिए कृत संकल्पित है. सरकार इसके प्रगति के लिए कार्य कर रही है. मेले में बड़े बड़े कलाकार के साथ स्थानीय कलाकार आ रहे है. सभी को प्राथमिकता दी जा रही है. सभी का सम्मान हो रहा है. हमारा बिहार गौरवशाली बिहार है.

वही खनन एवं भूतत्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी ने कहा कि हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के धार्मिक महत्व को देखते हुए सरकार ने इसके विकास के लिए कार्य कर रही है. प्रतिवर्ष मेला का स्वरुप और भव्य हो रहा है. बिहार के आर्थिक विकास के लिए मेला महत्वपूर्ण है. मेला के अंतराष्ट्रीय ख्याति के लिए सभी को मिल कर काम करने की जरुरत है.

पर्यटन विभाग की सचिव हरजोत कौर ने कहा कि पशुओं के मामले में विश्व का सबसे बड़ा मेला पहले राजस्व विभाग का मेला था. अब पर्यटन विभाग का हो गया है. ऐसा पर्यटन को बढ़ने के लिए किया गया है. विगत 5 वर्षो से सोनपुर मेले का आयोजन पर्यटन विभाग कर रहा है. पर्यटन बिहार का महत्वपूर्ण है बिहार की जीडीपी पर्यटन से जुडी है. पर्यटकों की संख्या सूबे में निरंतर बढ़ रही है. पर्यटन विभाग के सचिव ने कहा कि जिसने बिहार नहीं देखा, उसने कुछ नहीं देखा.

छपरा विधायक सी एन गुप्ता ने अपने संबोधन में सोनपुर मेले की ख्याति के साथ साथ रिविलगंज के गोदना सेमरिया मेले को भी विकसित करने की मांग की. 

सारण के जिलाधिकारी दीपक आनंद ने धन्यवाद ज्ञापन करने के दौरान कहा कि मेला को हाई-टेक किया जा रहा है. सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी स्टाल के माध्यम से दी जा रही है. जिलाधिकारी ने कहा कि 1000, 500 के नोट वाली समस्या मेले में नहीं आएगी. सभी बैंकों को एटीएम के लिए निर्देश दिए गए है. कई महीनों से सभी द्वारा किये गए कठिन परिश्रम से मेला सफल हो पाता है।

इस अवसर पर मेला दर्पण का लोकार्पण किया गया साथ ही आम जनता के लिए सोनपुर मेला का एक मोबाइल App भी लांच किया गया है. जिससे मेले में आने में लोगो को जानकारी प्राप्त करने में सहूलियत होगी.

उद्घाटन सत्र के दौरान मंच पर आयुक्त नर्मदेश्वर लाल, डीआईजी अजित कुमार राय, एसपी पंकज कुमार राज, जिला परिषद की अध्यक्ष मीणा अरुण, तरैया विधायक मुद्रिका राय, अमनौर विधायक शत्रुघ्न तिवारी सहित वैशाली और सारण जिले के दर्जनों जिला प्रशासन के पदाधिकारी मौजूद थे.

उद्घाटन के बाद बिहार गौरव गान का आयोजन हुआ. वही मशहूर पार्श्वगायिका अलका याग्निक ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को झुमने को मजबूर कर दिया.

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छपरा(सुरभित दत्त): हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला, एशिया का सबसे बड़ा मेला है. लगभग 5 से 6 किलोमीटर के क्षेत्र में मेला लगता है. इस मेले को लेकर एक बात मशहूर है कि यहाँ सुई से लेकर हाथी तक बिकता है.

वैसे तो हाथियों की खरीदारी पर सरकार ने रोक लगा रखी है. बावजूद इसके मेला में हाथी आकर्षण का केंद्र होते है. मेला में पशुओं की बिक्री होती है. जिनमे खास तौर पर घोड़ा, बैल, भैस, कुत्ते आदि शामिल है. मेला में पक्षी मेला भी लगता है. हरिहर क्षेत्र मेले का एक बड़ा आकर्षण मीना बाजार भी होता है. यहां देश के विभिन्न स्थानों से व्यापारी अपने सामनों के साथ पहुंचते है.

पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सोनपुर मेला उसी स्थान पर लगता है जहां कभी गज और ग्राह में भयंकर युद्ध हुआ था. ऐसी मान्यता है कि गज को बचाने के लिए विष्णु स्वयं यहां आए थे. वही सोनपुर में हरिहरनाथ मंदिर दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां हरि (विष्णु) और हर (शिव) की एकीकृत मूर्ति है. इसके मंदिर के बारे में कहा जाता है कि कभी ब्रह्मा ने इसकी स्थापना की थी.

एक महीने चलता है मेला

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के साथ शुरू होने वाला सोनपुर मेला एक महीने चलता है. गंगा स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है. पहले आधिकारिक तौर पर मेला सिर्फ 15 दिनों का होता था. लेकिन इस बार 32 दिनों तक चलेगा.

बड़ी संख्या में पहुंचते है विदेशी सैलानी

सोनपुर मेला की प्रसिद्धि इतनी है कि विदेशों से सैलानी इस मेले को देखने बड़ी संख्या में पहुंचते है. मेले में सैलानियों के ठहरने के लिए खास इंतजाम किये जाते है. snp2

 मेले में आने वाले विदेशी मेहमानों के रहने और पर्यटकों के लिए अन्य जरुरी तैयारी की जा रही है. 

12 नवम्बर से 13 दिसंबर तक चलेगा मेला
सोनपुर मेला को लेकर तैयारियां अब अंतिम चरण में है. इस बार मेला का उद्घाटन 12 नवम्बर को होगा. सूबे की पर्यटन मंत्री अनीता देवी मेले का उद्घाटन करेंगी. उद्घाटन सत्र में मशहूर पार्श्व गायिका अलका याग्निक प्रस्तुति देंगी.  मेले का समापन 13 दिसम्बर को होगा. सोनपुर मेला को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का उत्कृष्ट मेला बनाने के लिए तैयारियां जोरो पर है.  

सांस्कृतिक कार्यक्रम की होगी प्रस्तुति 

कला-संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार एवं सूचना जनसम्पर्क विभाग बिहार के द्वारा प्रतिदिन मुख्य पंडाल में राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय, स्थानीय कलाकारो के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमो की प्रस्तुति होगी. मेले में एडवेंचर स्पोर्ट्स की व्यवस्था भी की गयी है.

कैसे पहुंचे सोनपुर मेला
सड़क मार्ग:
राजधानी पटना से 25 किलोमीटर
हाजीपुर से 3 किलोमीटर
जिला मुख्यालय छपरा से 50 किलोमीटर

हवाई मार्ग
नजदीकी एयरपोर्ट, पटना

ट्रेन
हाजीपुर स्टेशन से 3 किलोमीटर
सोनपुर स्टेशन से 1 किलोमीटर
पटना जंक्शन से लगभग 25 किलोमीटर

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छपरा: हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के सफल संचालन के लिए जिलाधिकारी दीपक आनंद ने सोनपुर अनुमंडल कार्यालय में सभी कोषांगो की समीक्षा बैठक की. उन्होंने कोषांगो के प्रभारी पदाधिकारी को निदेश दिया कि पिछलें वर्ष की तुलना में इस वर्ष मेला को आकर्षक बनाये और अपने-अपने कोषांगो को दिये गये दायित्वों को जिम्मेवारी पूर्वक सम्पन्न करे.

इस वर्ष उच्च स्तर के कलाकारो को बुलाने का निदेश दिया तथा स्तरीय कार्यक्रम प्रस्तुत करने हेतु स्तरीय कलाकारों को निमंत्रण देने का निदेश दिया है.

12 नवम्बर से 13 दिसंबर तक चलेगा मेला
इस वर्ष मेला अवधि दिनांक 12 नवम्बर से 13 दिसम्बर तक होगी. कुल 32 दिनों तक मेला चलेगा. मेले का उद्घाटन 12अक्तूबर को होगा. मेले के उद्घाटन एवं समापन के लिए मुख्य अतिथि (उद्घाटनकर्ता एवं समापनकर्ता) एवं इस अवसर पर अन्य अतिथियों के चयन एवं आमंत्रण की कार्रवाई पर्यटन विभाग के द्वारा की जायेगी.

स्नान घाटों, सड़कों और रौशनी की होगी व्यवस्था
मेले के अवसर पर सभी स्नान घाटों, पहलेजा घाट विभिन्न सड़को एवं पदाधिकारी शिविरों मे जनरेटर सहित रौशनी की व्यवस्था जिला प्रशासन के द्वारा किया जाना है. मेला क्षेत्र में हाईमास्ट लाईट, गजग्राह चौक पर फौव्वारा लगाने का जिलाधिकारी ने सम्बंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि मेले मे तैयारी में किसी प्रकार की कमी न रहने पाये. सोनपुर मेला में पेय जल की व्यवस्था, सफाई की व्यवस्था, शौचालयों/चेंजींग रूम की व्यवस्था, मानव चिकित्सा एवं पशु चिकित्सा की व्यवस्था, बैरिकेडिंग एवं स्नान घाट के निर्माण, विधि व्यवस्था, पथो की मरम्मति की व्यवस्था, रेल बस व्यवस्था, प्रदर्शनी की व्यवस्था, बैंको की शाखा खोलने की व्यवस्था, डाकघर की व्यवस्था, खाद्य एवं आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति की व्यवस्था, पंडाल, मंच, प्रकाश, ध्वनि, उपकरण आदि की व्यवस्था, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, भीड़ नियंत्रण हेतु स्काउट्स गाइड की व्यवस्था, यातायात की समुचित व्यवस्था की गयी है.

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छपरा: शिक्षक का मूल कर्तव्य होता है ‘शिक्षा का दान’ लेकिन वर्तमान समय में शिक्षण संस्थान शिक्षा का मंदिर बनने की बजाय एक व्यवसायिक केंद्र बनता जा रहा है. जहाँ शिक्षा का दान देने के बदले शिक्षक सिर्फ उपस्थिति पंजी का व्यवसायिक केन्द्र बनाने पर बल दे रहे हैं. बात चाहे बच्चें की हो या फिर शिक्षकों के प्रशिक्षण संस्थान की. जहाँ इन दिनों अप्रशिक्षित शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं.

सरकार ने प्रशिक्षण अवधि में वेतन देने की अनुमति क्या दी कुछ शिक्षक इसे पैसा कमाने का जरिया बनाने के फ़िराक में हैं. प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्या ने विरोध किया तो उल्टे उन्हें आरोपों के जाल में उलझा दिया गया. इसके बावजूद कई शिक्षक शिक्षा का दान देकर जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान की अस्मिता बचा रहे हैं.

इस पूरे प्रकरण की सच्चाई जानने के लिए सोनपुर के जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्या से छपरा टुडे ने बातचीत की. जिसमे कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये जिससें यह बात स्पष्ट हो गयी है.

डायट की प्राचार्या दीपा कुमारी के अनुसार उनके द्वारा विद्यालय में योगदान देने के दिन से ही इसके विकास को लेकर कार्य किया जा रहा है. प्रशिक्षु शिक्षकों के शिक्षण को लेकर नियमित रूप से कक्षा का आयोजन कराना तथा कक्षा में 85 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया. लेकिन संस्थान के प्राध्यापक इससे खफ़ा होने लगें.

शिक्षण संस्थान में पढ़ाने की बजाय प्राध्यापक शिक्षकों से कक्षा के संचालन में बाधा उत्पन्न करने लगे. कई प्रशिक्षु शिक्षकों को अपने साथ मिलाकर बिना कक्षा में उपस्थित हुए शिक्षकों को अनुपस्थिति विवरणी देने और पैसा उगाही की योजना बनाई जाने लगी. जिसका कई प्राध्यापकों ने विरोध भी किया. लेकिन किसी की एक न चली.

प्राचार्य दीपा कुमारी ने बताया कि शिक्षण संस्थान में 10 प्राध्यापक हैं. लेकिन मात्र 05 प्राध्यापकों द्वारा ही कक्षा का संचालन किया जाता हैं. उन्होंने बताया कि एक शिक्षक पूर्व में शिक्षक नेता थे जो सिर्फ शिक्षण संस्थान में राजनीति करते है. वही एक शिक्षक समस्तीपुर में कार्यरत है लेकिन तालमेल से उन्होंने डायट में अपना प्रतिनियोजन करा रखा है. पटना से आना और जाना इतना ही तक सीमित है. शिक्षण संस्थान में वैसे तो कई महिला शिक्षक है लेकिन दो महिलाएं शिक्षकों को पढ़ाने की बजाए अन्य शिक्षकों के साथ राजनीति करती है. शिक्षण संस्थान में प्रतिदिन शिक्षकों की संख्या बेहतर है लेकिन उन्हें पढ़ाने की बजाय प्राध्यापक उन्हें घर जाने की सलाह देते है इतना ही नहीं उन्हें पैसो की बदौलत अनुपस्थिति विवरणी देने का प्रलोभन भी दिया जाता हैं.

विदित हो कि सरकारी विद्यालयों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षक राज्य के अलग अलग प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण ले रहे हैं. पुरे दो वर्ष की प्रशिक्षण अवधि के दौरान उन्हें शिक्षण संस्थान से मिलने वाले अनुपस्थिति विवरणी के आधार पर वेतन भी दिया जाना हैं. लेकिन शिक्षण संस्थानों में अनुपस्थित रहने पर उन्हें अनुपस्थिति विवरणी नहीं मिलेगी जिससे उन्हें वेतन नहीं मिल पायेगा. इसी वजह से शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के कुछ शिक्षक प्रशिक्षु से तालमेल बैठाकर बिना कक्षा में शामिल हुए अनुपस्थिति विवरणी के बदले पैसा बना रहे हैं.

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सोनपुर: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् सोनपुर इकाई द्वारा मंगलवार को स्थानीय स्कूल में नूतन पुरातन सदस्य सम्मेलन का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम में उपस्थित छात्रो को संबोधित करते हुए अभाविप के प्रदेश कार्य समिति सदस्य आशुतोष कुमार रितेश ने कहा कि अभाविप विगत 67 वर्षो से राष्ट्र हित एवं छात्र हित में कार्य करती आ रही है. यही कारण है की आज देश हित में अपने प्राणों की आहुति देने वाले छात्रो की बड़ी संख्या के साथ अभाविप को विश्व् का सबसे बड़ा छात्र संगठन होने का गौरव प्राप्त हुआ है.

वहीं पूर्व प्रदेश सह मंत्री तनुज सौरभ ने कहा कि अभाविप के कार्यकर्ताओ ने अपनी कार्यशैली के बदौलत ही जहाँ एक ओर देश में राष्ट्रभक्त छात्र संगठन अपनी अलग पहचान बनाई है वही दूसरी ओर शिक्षा क्षेत्र में कॉलेज कैंपस में भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय सहित देश के सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों में हुए छात्र संघ चुनाव में भी जीत हासिल किया है।

वही कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश कार्य समिति सदस्य अमरेंद्र चौरसिया, नगर मंत्री महेश राज, दिव्यांशु गौतम, रवि कुमार सिंह, सरोज कुमार, अजय कुमार, रोहित सिंह, कुँवर किशन, सत्येन्द्र कुमार, विनोद कुमार आदि ने अपने विचार रखें. जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के निदेशक रंजीत कुमार सिंह और संचालन जिला संयोजक आकाश कुमार ने किया.

कार्यक्रम में सोनपुर इकाई के पुराने कार्यसमिति को भंग कर नयी कार्य समिति की घोषणा भी की गयी. जिसमे प्रो० रौशन कुमार सिंह को नगर अध्यक्ष, विकाश किशोर गौतम उर्फ़ ‘विक्की’ को नगर मंत्री, यशवंत कुमार, आशीष कुमार सिंह, आदित्य कान्त को सह मंत्री, सोनू कुमार को कोषाध्यक्ष, राजीव कुमार सिंह को कार्यालय मंत्री, प्रगति कुमारी को छात्रा प्रमुख, काजल कुमारी, शिवानी कुमारी,नीतू कुमारी को सह प्रमुख वही महेश राज, मंतोष, विजय, नितेश, कृष्णा, प्रिंस तथा उज्जवल को कार्यसमिति सदस्य बनाया गया.

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