Chhapra: रोटरी क्लब ऑफ सारण के तत्वावधान में मध्य विद्यालय बिचला तेलपा में फलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के जागरूकता के लिए अभियान चलाया गया. कार्यक्रम का उद्धघाटन सिविल सर्जन डॉ मधेश्वर झा ने किया.

सिविल सर्जन ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 7 अगस्त से फलेरिया से बचाव पखवारा चलाया जा रहा हैं. फलेरिया में पैर हाथी की तरह हो जाता हैं. जिसे हाथी पांव भी कहा जाता हैं. इसके रोकथाम के लिए ही सर्वजन दवा अभियान चलाया जा रहा हैं. मादा क्युलेक्स मच्छर के काटने से यह बीमारी होती हैं. जो व्यक्ति इसके बचाव के लिए दवा खा लेता हैं. उसके उपर मच्छर के काटने से प्रभावित नहीं होगा.

जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ दिलीप सिंह ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डीईसी की दवा फलेरिया, हाइड्र्रोसिल की बीमारी में कारगर हैं. फलेरिया तथा हाइड्रोसिल के बचाव के लिए साफ सफाई भी अति आवश्यक हैं.

वही रोटरी सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल ने बताया कि दो से पाँच साल के बच्चे के लिए एक गोली डीइसी की तथा एक गोली अलबेन्डाजोल की लेनी हैं तथा छः साल से चौदह साल तक के बच्चों के लिए दो गोली डीइसी तथा एक गोली अलबेन्डाजोल की लेनी हैं. जबकि चौदह साल से उपर के व्यक्ति को तीन गोली डीइसी की तथा एक गोली अलबेन्डाजोल की लेनी हैं. उक्त दवा को खाना खानें के बाद ही लेनी हैं. खाली पेट कभी इस दवा का सेवन नहीं करना हैं.

इस अवसर पर रोटरी सारण के अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार गुप्ता, विद्यालय के प्राचार्य ब्रजेश कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक धीरज कुमार, फलेरिया सलाहकार सुधीर कुमार, मनोज कुमार गुप्ता समेत कई लोग उपस्थित थे.

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Chhapra: भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता व गायक शत्रुध्न कुमार उर्फ खेसारीलाल यादव पर 18 लाख रुपये के चेक बाउंस होने के मामले में रसूलपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. खेसारी यादव पर यह प्राथमिकी असहनी गांव निवासी मृत्युंजय नाथ पांडेय ने दर्ज करायी है.

दर्ज प्राथमिकी में पीड़ित ने कहा है कि वह अपनी खरीदी गयी जमीन सात कट्ठा ग्यारह धुर जमीन बाईस लाख सात हजार रुपये में तय किया था. जिसकी रजिस्ट्री चंदा देवी पति शत्रुध्न कुमार उर्फ खेसारीलाल यादव के नाम एकमा स्थित निबंधन कार्यालय में 04 जून 2019 को कर दिया. जिसके बाद अभिनेता ने बैंक ऑफ बड़ौदा का अठारह लाख रुपये की रकम का चेक दिया और बाकी का शेष रकम बाद में देने का भरोसा दिलाया. 20 जून 2019 को जब अपने बैंक में उक्त चेक को जमा किया तो 24 जून को चेक वापस हो गया.

बैंक कर्मियों के कहने पर पुन: उक्त चेक को दुबारा 27 जून को अपने बैंक खाते में जमा किया पर 28 जून को चेक बाउंस हो गया. अंततः मानसिक रूप से परेशान होकर कानूनी वकालतन नोटिस भेजा गया. जिसका भी जवाब अबतक अभिनेता ने नहीं दिया जिसके बाद रसूलपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए न्याय की गुहार लगायी है.

इस मामले में अभिनेता ने चेक के बाउंस होने की बातों से इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि खाते में पर्याप्त राशि उपलब्ध है. चेक को भुगतान से रोका गया है. अभिनेता ने बताया कि रजिस्ट्री से पहले उक्त जमीन का दाखिल खारिज करने की बातें मृत्युंजय पांडेय के द्वारा कही गयी थी, क्योंकि इस जमीन का दाखिल खारिज उनके नाम से नही है बल्कि उसके नाम से है जिससे मृत्युंजय पांडेय ने जमीन खरीदी थी. तीन महीने बाद भी श्री पांडेय जमीन का दाखिल खारिज अपने नाम से नही करा सके. इस लिए उन्हें आशंका है कि जमीन की बिक्री में उनसे धोखाधड़ी की गई है. जबतक जमीन का दाखिल खारिज नही हो जाता भुगतान रुका रहेगा.  

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Chhapra:  DRM  विजय कुमार पंजियार ने आज  सीवान-थावे -छपरा रेल खण्ड का गहन निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने यात्री सुख-सुविधाओं एवं विकास कार्यों की प्रगति देखी और विद्युतीकरण परियोजनाओं के निर्माण कार्यो के दौरान रेल यात्रियों की संरक्षा और सुरक्षा की समीक्षा की. निरीक्षण का आरंभ उन्होंने पूर्वाह्न सीवान जं रेलवे स्टेशन के व्यापक निरीक्षण से किया.

मसरख, मढ़ौरा, पटेरही, खैरा स्टेशनों का हुआ गहन निरीक्षण

इस दौरान उन्होंने थावे- सिधौलिया, दिघवा दिघौली, मसरख, मढ़ौरा, पटेरही एवं खैरा स्टेशनों का गहन निरीक्षण किया और विधुतीकरण के अनुरूप चल रहे विकास कार्यों यथा प्लेटफार्मों, स्टैण्डर्ड थर्ड इंटरलॉकिंग, केंद्रीकृत पैनल, स्टेशन भवन, यात्री विश्रामालयों, दिव्यांग यात्रियों हेतु रैंप, पैदल ऊपरी गामी पुल की ऊंचाई , कलर लाइट सिग्नलिंग, जनरेटर कक्ष, पेड़ों से लाइन एवं ओवरहेड लाइन क्लियरेंस,स्टेशन मास्टर कक्ष ,स्टेशन सीमा एवं यूटीएस व पी आर एस बुकिंग काउंटरों का निरीक्षण किया एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया.

इस अवसर पर उनके साथ अपर मंडल रेल प्रबंधक/इंफ़्रा प्रवीण कुमार, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक रोहित गुप्ता , वरिष्ठ मंडल इंजीनियर द्वितीय प्रवीण पाठक, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी मोहित वर्मा, वरिष्ठ मंडल विधुत इंजीनियर सत्येंद्र यादव, वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर त्रयंबक तिवारी ,सहायक वाणिज्य प्रबंधक ए.के.सुमन सहित   वरिष्ठ पर्यवेक्षक एवं निरक्षक उपस्थित थे.

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Chhapra: रेडियो मयूर 90.8 FM और साहित्यिक संस्था साहित्य रश्मि की संयुक्त पहल पर मौना पकड़ी स्थित NCC कंप्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड में स्वतंत्रता दिवस के पूर्व संध्या पर एक साहित्यिक आयोजन किया गया.

‘मयूरपंख’: शब्दों की उड़ान के नाम से इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि युवाओं के बीच कहानी, कविता गीत, ग़ज़ल आदि के साथ साथ लिखने पढ़ने का एक नया ट्रेंड विकसित हो और हमारा शहर मानसिक रूप से और भी विकसित बनें.

रेडियो मयूर 90.8 FM के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अभिषेक अरुण ने बताया कि ये कार्यक्रम हर महीने हमारे शहर में आयोजित किया जाएगा. जिसमें नए साहित्यकारों को शामिल किया जाएगा. जिन्हें रेडियो में भी कार्यक्रम प्रस्तुत करने का मौका दिया जाएगा. जिससे यहाँ के छूपे हुए टैलेंट्स सामने आएंगे और हमारा समाज साहित्य के माध्यम से आगे बढ़ेगा.

कार्यक्रम की शुरुआत साहित्य रश्मि संस्था की ओर से शंकर शरण शिशिर ने की उसके बाद कई युवा साथियों ने अपनी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की. गीत: पल साक्षी (बाल कलाकार) कविता :- कुमार चंदन, सुप्रशांत सिंह मोहित, प्रियांशु शेखर, शंकर शरण शिशिर, शालिनी, राकेश कुमार विद्यार्थी, मिताली, अभिनन्दनने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया.

NCC कंप्यूटर्स के निदेशक अभिजीत शरण सिन्हा और अभिषेक अरुण ने अपनी प्रस्तुति दी. धन्यवाद ज्ञापन अभिषेक अरुण ने किया.

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छपरा: मंगलवार को जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से अलग-अलग मामलों में 10 से लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके तहत इसुआपुर थाना क्षेत्र में 2 लोगों के साथ एक देशी कट्टा व एक गोली के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया. इन दोनों के पास से चोरी की बाइक बरामद की गई है.

वही मसरख थाना क्षेत्र के धवरी गोपाल गांव से45 लीटर स्प्रिट और देसी दारु के साथ 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही बनियापुर थाना ने एक व बोलेरो 122 लीटर अंग्रेजी शराब को जब्त किया है.

उक्त जानकारी सारण Sp हरकिशोर राय ने दी.

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Mashrak: सोमवार को मशरक मलमलिया हाईवे पर ट्रक ने बाइक सवार दो युवकों को टक्कर मार दी. जिससे एक की मौके पर मौत हो गई. घटना मशरक थाना क्षेत्र के बनसोही बाजार लाइन होटल के समीप की है. इस घटना में दूसरा युवक बुरी तरह घायल हो गया है. बताया जा रहा है कि बकरीद के मौके पर दोनों युवक ने बुआ के घर जा रहे थे यह दौरान रास्ते में ही ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी जिससे एक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
मृतक 18 वर्षीय मजरूल अंसारी उर्फ आरिफ बताया जा रहा है. वह सिवान जिले के बसंतपुर थाना के सिपाह गांव निवासी बादशाह अंसारी का पुत्र था. वहीं घायल युवक 19 वर्षीय इरफान अंसारी जो मशरक के ही खजूरी पंचायत के निवासी है.

दोनों युवक बकरीद के अवसर पर बुआ के घर गोपालगंज जिले के कतालपुर गांव के मीरा टोला जा रहे थे. तभी रास्ते में हैं अनियंत्रित ट्रक ने उनके मोटरसाइकिल को कुचल दिया. जिससे घटनास्थल पर ही एक युवक की मौत हो गई. जबकि दूसरा छपरा सदर अस्पताल में भर्ती है.
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Chhapra:  बिहार प्रगतिशील लेखक संघ के सोलहवें राज्य सम्मेलन का दूसरा सत्र नामवर सिंह नगर के महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन सभागार में आयोजित किया गया.

दूसरे दिन के पहले सत्र को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश के अध्यक्ष ब्रजकुमार पांडे ने हटिंगटन को उद्घृत करते हुए कहा “हटिंगटन ने क्लैश ऑफ़ सिविलाइजेशन लिखकर बड़े व्यवस्थित ढंग से क्लास के सवाल को पीछे धकेलने का प्रयास किया. पूंजीवाद आज पूरी दुनिया में जंगल व प्राकृतिक संसाधनों को नए ढंग से कब्ज़ा करने का प्रयास किया जा रहा है. 1930 के दशक में जो आर्थिक मंदी आया उसके परिणाम स्वरूप फासीवाद का संकट आया जिसके खिलाफ लेखकों ने दुनिया भर में इसका प्रतिरोध किया. आज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से आने वाले खतरों को समझना होगा.”

बिहार प्रदेश के महासचिव रवींद्र नाथ राय ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा “आज बर्बरता को ही सभ्यता के रूप में सामने रखा जा रहा है. गाय को इस तरह भारत माता बना दिया गया है कि उसे माता न मानने वाले देशद्रोही माना जाता है. गाय, कश्मीर, लवजिहाद तक हिंसा का दुष्चक्र बना हुआ है. हिन्दू समाज इतना जड़, ठस व कूपमण्डूक कभी नहीं था.” अपने वक्तव्य के पश्चात रवींद्रनाथ राय ने सांगठनिक रिपोर्ट रखा, जिसमें 2015 के लखीसराय राज्य सम्मेलन के बाद के चार वर्षों के दौरान हुई प्रदेश की गतिविधियों की चर्चा की गई. रिपोर्ट के बाद प्रतिनिधि सत्र आरंभ हुआ.

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मधेपुरा के मणिभूषण वर्मा, सीवान के अनिल कुमार श्रीवास्तव, गया के परमाणु कुमार, मधुबनी के श्रीराम प्रिय पांडे, अरविंद प्रसाद , रामविलास साहू, बेगूसराय के ललन लालित्य, अनिल पतंग, खगड़िया से राजेन्द्र राजेश, पूर्वी चंपारण से हरिश्चंद्र चौधरी, मुजफ्फरपुर आए रमेश ऋतम्भर, सीतामढ़ी के रामबाबू नीरव, लखीसराय के रामबहादुर सिंह, अशोक समदर्शी, पूर्णियां से नूतन आनन्द.

इस सत्र ने राष्ट्रवाद के नाम पर धार्मिक उन्माद, विकास के प्रश्नों, संकटों से घिरी दुनिया, विवेक पर हमला, नेहरू के संबंध में दुष्प्रचार, सूचना पर सरकार का नियंत्रण, नई इकाइयों के गठन, आर्थिक संसाधन का इंतज़ाम, कन्हैया पुरस्कार का पुनः प्रारंभ, पुरानी पत्रिकाओं का फिर से प्रकाशन, सोशल मीडिया का इस्तेमाल संबंधी विचार व सुझाव प्रकट किए गए.

सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र राजन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान पूरे हिंदी क्षेत्र में हस्तक्षेप किया गया.सिर्फ राजधानी ही नहीं बल्कि जिला, अनुमंडल स्तर तक ले जाकर कार्यक्रम हमने कोशिश जी है. आयोजनधर्मिता ही महज नहीं हो, इसके साथ साथ रचनाधर्मिता को भी ध्यान देने की जरूरत थे. राजेन्द्र राजन ने आगे कहा कि हमें अतीत की उपलब्धियों ओर बातें करके ही वर्तमान की चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर सकता. सिर्फ क्रांतिकारी बातें करके राज्याश्रय पाने की इच्छा रखने वालों की कोई जरूरत नहीं है. हमें भाजपा या सांप्रदायिक ताकतों द्वारा आयोजित आयोजनों से दूरी बनाने होगी. हम राज्यसत्ता को हमे विचारधारा और वर्गीय आधार पर करना चाहिए. हमें दृष्टिसंपन्न होकर आगे बढ़ने की जरूरत होगा.

स्वागत समिति के उपाध्यक्ष लाल बाबू यादव ने छपरा के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि छपरा में जनार्दन प्रसाद झा ‘द्विज’ हुए जिन्होंने प्रेमचंद की पहली आलोचना लिखी. यहीं राहुल सांकृत्यायन रहा करते थे. जब छपरा में जयप्रकाश विश्विद्यालय बना तो उसके परिसर का नाम राहुल सांकृत्यायन के नाम पर रखा गया. यहां भोजपुरी साहित्य का आंदोलन भी सशक्त धारा रही है. प्रगतिशील आंदोलन की बहुत मजबूत धारा रही है. भले ही उसपर कोई सांगठनिक मुहर नहीं हो. छपरा में 1947 से आजतक कोई साम्प्रदायिक दंगा का इतिहास नहीं रहा है. लेकिन इधर हाल के दिनों में धार्मिक उन्माद बढाया जा रहा है.

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Chhapra: ऑल इन्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन (AISF) की सारण जिला इकाई ने देश के वीर शहीद क्रांतिकारी खुदीराम बोस की शहादत दिवस पर उनके तैल-चित्र पर माल्यार्पण कर उनको याद किया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष राजीव कुमार ने किया. सभा को संबोधित करते हुए एआईएसएफ सारण जिला सचिव राहुल कुमार यादव ने कहा कि भारतीय स्वाधीनता संग्राम का इतिहास क्रांतिकारियों के सैकड़ों साहसिक कारनामों से भरा पड़ा है. क्रांतिकारियों की सूची में ऐसा ही एक नाम है खुदीराम बोस का, जो मात्र 18 साल की उम्र में ही देश के लिए फांसी पर चढ़ गए. देश को आजाद कराने की ऐसी लगन लगी कि उन्होंने 9वीं कक्षा के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी और स्वदेशी आंदोलन में कूद पड़े. 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में चलाए गए आंदोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया.

उन्होंने कहा कि उनका बचपन बस बीता ही था, उनके साथी जब पढ़ाई और परीक्षा के बारे में सोच रहे थे, वह क्रांति की मशाल रौशन कर रहे थे, खुदीराम के बगावती तेवरों से घबराई अंग्रेज सरकार ने मात्र 18 वर्ष की आयु उन्हें फांसी पर लटका दिया. लेकिन उनकी शहादत ऐसा कमाल कर गई कि देश में स्वतंत्रता संग्राम के शोले भड़क उठे.

वहीं राज्य परिषद् सदस्य विनय कुमार गिरि ने कहा कि जिस उम्र में लोग जिंदगी के हसीन ख्वाब बुनते हैं, वह वतन पर निसार होने का जज्बा लिए हाथ में गीता लेकर फांसी के फंदे की तरफ बढ़ गए और देश की आजादी के रास्ते में अपनी शहादत का दीप जलाया. यह थे अमर शहीद खुदीराम बोस. खुदीराम के बगावती तेवरों से घबराई अंग्रेज सरकार ने उन्हें फांसी पर जरूर लटका दिया. लेकिन उनकी शहादत ऐसा कमाल कर गई कि देश में स्वतंत्रता संग्राम के शोले भड़क उठे.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से अभिलाषा मिश्रा ,बिट्टू कुमार, मुकेश कुमार यादव, अनरजीत कुमार गांगुली, गुड्डू कुमार, बबन बैठा, सोनू कुमार ठाकुर, रामा शंकर प्रसाद, विकास कुमार शहीद दर्जनों लोग मौजूद थे.

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Chhapra/Marhaura: विश्वगुरु शंकराचार्य दसनाम गोस्वामी समाज के बैनर तले भारत के पूर्व राष्ट्रपति बीबी गिरि की 125 जयंती धूमधाम से मनाया गया. भारत रत्न डॉ बीबी गिरि को तैल्य चित्र पर पुष्प माला चढाने के साथ जमा हुये आतिथियों ने एक स्वर में मना कि डॉ बीबी गिरि एक बड़े आदर्श के रूप में समाज में है जिनके जीवन के संघर्ष को अंगीकार कर बहुत कुछ पाया जा सकता है.

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इस अवसर पर इस समाज से आने वाले एक मात्र सांसद दुलारचंद गोस्वामी का समाज के तरफ से भव्य अभिनन्दन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अथिति रहे कटिहार के जदयू सांसद दुलारचंद गोस्वामी ने बोलते हुये कहा कि डॉ बीबी गिरि ने अपने संघर्ष से देश का सर्वोच्च पद प्राप्त किया है. पूर्व राष्ट्रपति को एक बड़े व्यक्तित्व का धनी बताते हुये कहा कि वे बड़े प्रतिभा के धनी थे और अपने इसी प्रतिभा के कारण देश में श्रमिकों के बड़े नेता भी बने.

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गोस्वामी समाज के लोगो को संबोधित करते हुये कहा कि वे समाज में जिस कार्य को कर रहे हो उसी कार्य को मनोयोग से अपना कर्म समझ कर करे. अभिनन्दन समारोह में सांसद ने गोस्वामी समाज के आरक्षण के मुद्दे को सांसद में आवाज बुलंद करने को लेकर आश्वस्त किया.

विश्वगुरु शंकराचार्य दसनाम गोस्वामी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोरंजन गिरि ने कहा कि बिहार के 22 जिला में एक साथ डॉ बीबी गिरि की जयंती मानाने की परम्परा शुरू किया गया है. अगले वर्ष से इसे अन्य जिलों में भी धूमधाम से मनाया जायेगा.

इसके पूर्व मुख्य अतिथि सांसद दुलालचन्द गोस्वामी, और राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोरंजन गिरि को समाज के लोगों ने बुके, फुल माला व अंगवस्त्र देकर तथा सभी सम्मानित अतिथि का बुके से सम्मानित किया. संचालन संजीव कुमार ने, धन्यवाद ज्ञापन जिला अध्यक्ष जवाहर गिरि ने किया.

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Chhapra: सारण में रविवार को युवाओं के द्वारा मंदिर परिसर में पौधा रोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर कार्यक्रम के दौरान युवा क्रांति के सदस्यों ने मंदिर परिसर में 20 से अधिक पौधे लगाये.

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इस मौके पर युवा क्रांति अध्यक्ष विजय राज ने बताया कि वातावरण को शुद्ध रखने और संतुलन बनाए रखने में पेड़-पौधे अहम भूमिका निभाते हैं. ये मिट्टी का कटाव रोकते हैं और नमी बनाए रखते हैं. जहां पेड़-पौधों की संख्या ज्यादा होती है वहां बरसात में अच्छी बारिश होती है. पेड़ों को जीवन का आधार कहा जाता है. भविष्य में बेहतर वातावरण के लिए सभी को पौधे रोपना चाहिए.

वही अरुण पुरोहित ने कहा कि पेड़-पौधे हमारी जीवन रेखा होते हैं. कुछ दवाइयों का काम भी करते हैं. हर व्यक्ति और बच्चे को एक-एक पौधा लगाकर उसकी बड़े होने तक देखभाल करनी चाहीए. आज जिस प्रकार जल का स्रोत जमीन के नीचे जाते जा रहा है इसको बचाने के लिए हमें अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाने की आवश्यकता है.

इस कार्यक्रम में एमएलसी वीरेंद्र नारायण यादव , हरिराम शास्त्री, पंडित रंगनाथ शांडिल्य, झरिमन राय आदि ने भाग लिया.

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Chhapra: नगर थाना क्षेत्र के रौजा मुहल्ले में नाबालिग छात्रा से रेप मामला में पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है. एसपी हर किशोर राय ने बताया कि पीड़िता को अत्यधिक रक्तस्राव के कारण सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां से उसे पीएमसीएच में रेफर कर दिया गया. जहां उसका इलाज चल रहा है.

उन्होंने बताया कि इस मामले में 3 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वही इस मामले की फोरेंसिक टीम ने भी जांच की है और साक्ष्य जुटाए है. 

पीड़िता पटना के पीएमसीएच में भर्ती

फिलहाल पीड़ित पटना के पीएमसीएच में भर्ती है जहां उसे खतरे से बाहर बताया जा रहा है. चिकित्सक उसकी हालत पर नजर बनाए हुए है. पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया गया है.  

वार्ड पार्षद का देवर आरोपित 

Rape की जघन्य घटना को अंजाम देने वाले आरोपितों में सोनू और आतिश को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. जबकि एक अन्य आरोपित वार्ड पार्षद के देवर व ITBP जवान रविराज शर्मा को रविवार को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने तीनों को जेल भेज दिया है.

क्या था मामला 
शनिवार को छपरा नगर थाना क्षेत्र के रौजा मुहल्ले में एक नाबालिग छात्रा के साथ गैंग रेप की घटना सामने आई थी. जिसके बाद परिजनों ने पीड़ित को छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया. जहां से उसे बेहतर ईलाज के लिए PMCH रेफर कर दिया गया. 

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वास्तव में अगर जम्मू कश्मीर के बारे में बातचीत करने की जरूरत है तो वह है POK और अक्साई चीन के बारे में. इसके ऊपर देश में चर्चा होनी चाहिए गिलगित जो अभी POK में है. विश्व में एकमात्र ऐसा स्थान है जो कि 5 देशों से जुड़ा हुआ है- अफगानिस्तान, तजाकिस्तान (जो कभी रूस का हिस्सा था), पाकिस्तान, भारत और तिब्बत-चाइना.

“वास्तव में जम्मू कश्मीर का महत्व जम्मू के कारण नहीं, कश्मीर के कारण नहीं, लद्दाख के कारण बल्कि इसकी महत्ता है तो वह है गिलगित-बाल्टिस्तान के कारण.”

भारत के इतिहास में भारत पर जितने भी आक्रमण हुए यूनानियों से लेकर आज तक (शक, हूण, कुषाण, मुग़ल) वह सारे गिलगित से हुए. हमारे पूर्वज जम्मू-कश्मीर के महत्व को समझते थे. उनको पता था कि अगर भारत को सुरक्षित रखना है तो दुश्मन को हिंदूकुश अर्थात गिलगित-बाल्टिस्तान उस पार ही रखना होगा. किसी समय इस गिलगित में अमेरिका, ब्रिटेन रूस बैठना चाहता था, यहाँ तक की पाकिस्तान तो 1965 में रूस को इसे दे देने के लिये वादा तक कर लिया था. अब चीन वहाँ बैठने के लिये पैर पसार चूका है. पाकिस्तान तो प्रयासरत है ही.

“दुर्भाग्य से इस गिलगित के महत्व को सारी दुनिया समझती है केवल एक उसको छोड़कर, जिसका वास्तव में गिलगित-बाल्टिस्तान है और वह है भारत.” क्योंकि हमको इस बात की कल्पना तक नहीं है कि भारत को अगर सुरक्षित रहना है तो हमें गिलगित-बाल्टिस्तान किसी भी हालत में चाहिए.

आज हम आर्थिक शक्ति बनने की सोच रहे हैं. क्या आपको पता है गिलगित से सड़क मार्ग से आप विश्व के अधिकांश कोनों में जा सकते हैं. गिलगित से सड़क मार्ग से 5000 किलोमीटर दूर दुबई है, 1400 किलोमीटर दिल्ली है, 2800 किलोमीटर मुंबई है, 3500 किलोमीटर रूस है, चेन्नई 3800 किलोमीटर है, लंदन 8000 किलोमीटर दूर.

जब हम सोने की चिड़िया थे हमारा सारे देशों से व्यापार चलता था 85 प्रतिशत जनसंख्या इन मार्गों से जुड़ी हुई थी. Central Asia, यूरेशिया, यूरोप, अफ्रीका सब जगह हम By Road जा सकते है. अगर गिलगित-बाल्टिस्तान हमारे पास हो. आज हम पाकिस्तान के सामने IPI (Iran-Pakistan-India) गैस लाइन बिछाने के लिए गिड़गिड़ाते हैं. ये तापी की परियोजना है जो कभी पूरी नहीं होगी अगर हमारे पास गिलगित होता तो गिलगित के आगे तज़ाकिस्तान था हमें किसी के सामने हाथ नहीं फ़ैलाने पड़ते.

हिमालय की 10 बड़ी चोटियों है जो कि विश्व की 10 बड़ी चोटियों में से है और ये सारी हमारी है और इन 10 में से 8 गिलगित-बाल्टिस्तान में है. तिब्बत पर चीन का कब्जा होने के बाद जितने भी पानी के वैकल्पिक स्त्रोत हैं वह सारे गिलगित-बाल्टिस्तान में है.

आप हैरान हो जाएंगे वहां बड़ी-बड़ी 50-100 यूरेनियम और सोने की खदाने हैं. आप POK के मिनरल डिपार्टमेंट की रिपोर्ट को पढ़िए आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे. वास्तव में गिलगित-बाल्टिस्तान का महत्व हमको मालूम नहीं है और सबसे बड़ी बात गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग Strong Anti PAK है.

दुर्भाग्य क्या है हम हमेशा कश्मीर बोलते हैं, जम्मू- कश्मीर नहीं बोलते हैं. कश्मीर कहते ही जम्मू, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान दिमाग से निकल जाता है. ये जो पाकिस्तान के कब्जे में जो POK है उसका क्षेत्रफल 79000 वर्ग किलोमीटर है. उसमें कश्मीर का हिस्सा तो सिर्फ 6000 वर्ग किलोमीटर है और 9000 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा जम्मू का है और 64000 वर्ग किलोमीटर हिस्सा लद्दाख का है जो कि गिलगित-बाल्टिस्तान है. यह कभी कश्मीर का हिस्सा नहीं था यह लद्दाख का हिस्सा था वास्तव में सच्चाई यही है. इसलिए पाकिस्तान यह जो बार-बार कश्मीर का राग अलापता रहता है तो उसको कोई यह पूछे तो सही- क्या गिलगित-बाल्टिस्तान और जम्मू का हिस्सा जिस पर तुमने कब्ज़ा कर रखा है क्या ये भी कश्मीर का ही भाग है? कोई जवाब नहीं मिलेगा.

क्या आपको पता है गिलगित-बाल्टिस्तान, लद्दाख के रहने वाले लोगों की औसत आयु विश्व में सर्वाधिक है. यहाँ के लोग विश्व अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा जीते है.

भारत में आयोजित एक सेमिनार में गिलगित-बाल्टिस्तान के एक बड़े नेता को बुलाया गया था. उसने कहा कि “we are the forgotten people of forgotten lands of BHARAT”. उसने कहा कि देश हमारी बात ही नहीं जानता. किसी ने उससे सवाल किया कि क्या आप भारत में रहना चाहते हैं? तो उसने कहा कि 60 साल बाद तो आपने मुझे भारत बुलाया और वह भी अमेरिकन टूरिस्ट वीजा पर और आप मुझसे सवाल पूछते हैं कि क्या आप भारत में रहना चाहते हैं. उसने कहा कि आप गिलगित-बाल्टिस्तान के बच्चों को IIT, IIM में दाखिला दीजिए AIIMS में हमारे लोगों का इलाज कीजिए. हमें यह लगे तो सही कि भारत हमारी चिंता करता है, हमारी बात करता है. गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान की सेना कितने अत्याचार करती है लेकिन आपके किसी भी राष्ट्रीय अखबार में उसका जिक्र तक नहीं आता है. आप हमें ये अहसास तो दिलाइये की आप हमारे साथ है. और मैं खुद आपसे यह पूछता हूं कि आप सभी ने पाकिस्तान को हमारे कश्मीर में हर सहायता उपलब्ध कराते हुए देखा होगा. वह बार बार कहता है कि हम कश्मीर की जनता के साथ हैं. कश्मीर की आवाम हमारी है. लेकिन क्या आपने कभी यह सुना है कि किसी भी भारत के नेता, मंत्री या सरकार ने यह कहा हो कि हम POK- गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता के साथ हैं. वह हमारी आवाम है, उनको जो भी सहायता उपलब्ध होगी, हम उपलब्ध करवाएंगे आपने यह कभी नहीं सुना होगा.

कांग्रेस सरकार ने कभी POK- गिलगित-बाल्टिस्तान को पुनः भारत में लाने के लिए कोई बयान तक नहीं दिया प्रयास तो बहुत दूर की बात है. हालाँकि पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय POK का मुद्दा उठाया गया. फिर 10 साल पुनः मौन धारण हो गया और फिर से नरेंद्र मोदी जी की सरकार आने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में ये मुद्दा उठाया.

आज अगर आप किसी को गिलगित के बारे में पूछ भी लोगे तो उसे यह पता नहीं है कि यह जम्मू कश्मीर का ही भाग है. वह यह पूछेगा क्या यह कोई चिड़िया का नाम है ? वास्तव में हमें जम्मू कश्मीर के बारे में जो गलत नजरिया है उसको बदलने की जरूरत है.

अब करना क्या चाहिए? तो पहली बात है सुरक्षा में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए. जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा का मुद्दा बहुत संवेदनशील है. इस पर अनावश्यक वाद-विवाद नहीं होना चाहिए. एक अनावश्यक वाद विवाद चलता है कि जम्मू कश्मीर में इतनी सेना क्यों है? तो बुद्धिजीवियों को बता दिया जाए कि जम्मू-कश्मीर का 2800 किलोमीटर का बॉर्डर है. जिसमें 2400 किलोमीटर पर LoC है. आजादी के बाद भारत ने पांच युद्ध लड़े वह सभी जम्मू-कश्मीर से लड़े भारतीय सेना के 18 लोगों को परमवीर चक्र मिला और वह 18 के 18 जम्मू कश्मीर में शहीद हुए हैं.

इनमें 14000 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं जिनमें से 12000 जम्मू कश्मीर में शहीद हुए हैं. अब सेना बॉर्डर पर नहीं तो क्या मध्यप्रदेश में रहेगी. क्या यह सब जो सेना की इन बातों को नहीं समझते वही यह सब अनर्गल चर्चा करते हैं.

वास्तव में जम्मू कश्मीर पर बातचीत करने के बिंदु होने चाहिए- POK , वेस्ट पाक रिफ्यूजी, कश्मीरी हिंदू समाज, आतंक से पीड़ित लोग , धारा 370 और 35A का दुरूपयोग, गिलगित-बाल्टिस्तान का वह क्षेत्र जो आज पाकिस्तान -चाइना के कब्जे में है l जम्मू- कश्मीर के गिलगित- बाल्टिस्तान में अधिकांश जनसंख्या शिया मुसलमानों की है और वह सभी पाक विरोधी है वह आज भी अपनी लड़ाई खुद लड़ रहे हैं, पर भारत उनके साथ है ऐसा उनको महसूस कराना चाहिए, देश कभी उनके साथ खड़ा नहीं हुआ वास्तव में पूरे देश में इसकी चर्चा होनी चाहिएl

वास्तव में जम्मू-कश्मीर के विमर्श का मुद्दा बदलना चाहिए. जम्मू कश्मीर को लेकर सारे देश में सही जानकारी देने की जरूरत है. इसके लिए एक इंफॉर्मेशन कैंपेन चलना चाहिए. पूरे देश में वर्ष में एक बार 26 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर का दिवस मनाना चाहिए और सबसे बड़ी बात है जम्मू कश्मीर को राष्ट्रवादियों की नजर से देखना होगा. जम्मू कश्मीर की चर्चा हो तो वहां के राष्ट्रभक्तों की चर्चा होनी चाहिए तो उन 5 जिलों के कठमुल्ले तो फिर वैसे ही अपंग हो जाएंगे.

इस कश्मीर श्रृंखला के माध्यम से मैंने आपको पूरे जम्मू कश्मीर की पृष्ठभूमि और परिस्थितियों से अवगत करवाया और मेरा मुख्य उद्देश्य सिर्फ यही है जम्मू कश्मीर के बारे में देश के प्रत्येक नागरिक को यह सब जानकारियां होनी चाहिए. अब आप इतने समर्थ हैं कि जम्मू कश्मीर को लेकर आप किसी से भी वाद-विवाद या तर्क कर सकते हैं. किसी को आप समझा सकते हैं कि वास्तव में जम्मू-कश्मीर की परिस्थितियां क्या है.
वैसे तो जम्मू कश्मीर पर एक ग्रन्थ लिखा जा सकता है लेकिन मैंने जितना हो सका उतने संछिप्त रूप में इसे आपके सामने रखा है. आप पढ़कर लाइक कर रहे हो या बिना पढ़े लाइक कर रहे हो उसका कोई भी मतलब नहीं है.

अगर आप इस श्रृंखला को अधिक से अधिक जनता में प्रसारित करेंगे तभी हम जम्मू कश्मीर के विमर्श का मुद्दा बदल सकते हैं अन्यथा नहीं. इसलिए मेरा आप सभी से यही अनुरोध है श्रृंखला को अधिक से अधिक लोगों की जानकारी में लाया जाए, ताकि देश की जनता को जम्मू कश्मीर के संदर्भ में सही तथ्यों का पता लग सके.

(यह लेखक के अपने विचार है)

लेखक परिचय

रामदयाल शर्मा
क्षेत्र संयोजक,
विद्वत परिषद्, बिहार-झारखण्ड
पूर्व प्राचार्य, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, छपरा

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