• स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन्स
• कांटेन्मेंट एवं बफर जोन को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में सुलभ होंगी सेवाएं
• कैंपेन मोड की सेवाएं दी जाएगी डोर टू डोर
• प्रसव संबंधी सेवाएं सभी क्षेत्रों में समान रूप से की जाएगी प्रदान

छपरा: कोरोना के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन ने कई जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित किया है. भारत जैसे देश में जहाँ प्रतिवर्ष लगभग 2.5 करोड़ से अधिक प्रसव होते हैं, वहाँ कोरोना के बढ़ते प्रसार ने प्रसव संबंधी सुविधा प्रदायगी में सरकार के सामने चुनौतियाँ खड़ी किया है. लेकिन अब सरकार ने प्रजनन, मातृ, नवजात, शिशु, किशोरी स्वास्थ्य एवं पोषण(आरएमएनसीएच प्लस एन) सेवाओं को फिर से बहाल करने का फैसला लिया है. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी कर इस संबंध में विस्तार से दिशा निर्देश दिया है. पत्र के अनुसार आरएमएनसीएच प्लस एन की सेवाएं बफर जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में सुलभ होंगी. जबकि प्रसव संबंधी सेवाएं अन्य क्षेत्रों की तुलना में कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में भी सामान रूप से उपलब्ध रहेगी. साथ ही महिलाएं, बच्चे एवं किशोरों के लिए महत्वपूर्ण सेवाओं को उनकी कोविड-19 स्थिति का बिना ख्याल किए प्रदान की जाएगी.

कैंपेन मोड की सेवाएं दी जाएगी डोर टू डोर
पत्र में बताया गया है कि कैंपेन मोड की सेवाओं को वैकल्पिक माध्यम से उपलब्ध करायी जाएगी. स्थानीय परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए इन सेवाओं की डोर टू डोर प्रदायगी पर बल दिया जाएगा. जिसमें विटामिन ए, सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा, राष्ट्रीय डीवर्मिंग डे एवं टेस्ट ट्रीट एवं टॉक कैंप फॉर एनीमिया जैसे कैंपेन मोड की सेवाएं शामिल होंगी.

प्रसव संबंधी सेवाएं कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में भी होगी उपलब्ध
कांटेन्मेंट एवं बफर जोन के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसव संबंधी सेवाएं पूर्वत जारी रहेगी. प्रसव पूर्व सेवाओं के तहत प्रसव पूर्व जांच, सशर्त वीएचएसएनडी( ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) एवं पीएमएसएमए( प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान) की सुविधा बफर जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में उपलब्ध रहेगी. जबकि कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में वीएचएसएनडी एवं पीएमएसएमए का आयोजन नहीं होगा एवं प्रसव पूर्व जांच के लिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल जाना होगा. प्रसव उपरांत देखभाल की सेवाएं बिना किसी अवरोध की बफर जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में उपलब्ध रहेगी. जबकि कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में प्रसव उपरांत देखभाल सेवाएं टेलीकंसल्टेशन के जरिए दी जाएगी.

नवजात एवं बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को भी किया जाएगा नियमित
नवजात एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रदान की जाने सेवाएं जैसे स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट(एसएनसीयू), गृह आधारित नवजात देखभाल(एचबीएनसी), गृह आधारित बड़े बच्चों की देखभाल(एचबीवाईसी), राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम(आरबीएसके) एवं पोषण पुनर्वास केंद्र(एनआरसी) बफर जोन से परे एवं ग्रीन जोन में पहले की तरह शुरू की जाएगी. जबकि कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में ये सेवाएं कुछ विशेष शर्तों के साथ प्रदान की जाएगी. जिसमें कोविड-19 स्थिति का बिना ख्याल किये बीमार बच्चों को नजदीकी एसएनसीयू में सुविधा मिलेगी एवं एचबीएनसी/ एचबीवाईसी सेवाओं को टेलीकंसल्टेशन के जरिए उपलब्ध करायी जाएगी. साथ ही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की जांच केवल अस्पताल में होगी, जहाँ प्रसव संबधी सेवाएं दी जा रही है. वहीं कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में उचित रेफरल प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए अति-कुपोषित बच्चों को नजदीकी पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाएगा.

कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में मिलेगी सशर्त प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं
प्रजनन स्वास्थ्य सेवा के तहत फिक्स्ड डे सेवा, प्रसव या गर्भपात उपरांत नसबंदी, कॉपर-टी एवं प्रसव उपरांत कॉपर-टी सुविधा बफर जोन के बाहर एवं ग्रीन ज़ोन में पहले की तरह प्रदान की जाएगी. लेकिन कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में सशर्त सेवाएं प्रदान की जाएगी. फिक्स्ड डे सेवा के तहत नसबंदी की सुविधा अस्पताल में दी जाएगी जहाँ प्रति दिन 10 लाभार्थियों को ही सेवा मिल सकेगी. प्रसव उपरांत या गर्भपात उपरांत नसबंदी सेवा उन्हीं महिलाओं को मिल सकेगी जो अस्पताल में पहले से होंगी एवं कॉपर टी एवं प्रसव उपरांत कॉपर टी की सुविधा की मांग करने पर यह सेवा अस्पताल में उपलब्ध होगी.

किशोरी स्वास्थ्य का भी रखा जाएगा ख्याल
किशोरी के लिए वितरित की जाने वाली आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट एवं सेनेटरी पैड का वितरण बफर जोन के आलवा एवं ग्रीन जोन में पहले की तरह प्रदान करायी जाएगी एवं यहाँ एडोलसेंट फ्रेंडली हेल्थ क्लीनिक(एएफएचसी) खुली रहेंगी. लेकिन कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में एएफएचसी का संचालन टेलीकंसल्टेशन के जरिए होगा.

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• कोरोना संकटकाल में भी मिल रही है परिवार नियोजन की सुविधाएं
• सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर लगाए गए हैं कंडोम बॉक्स

Chhapra: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संकट के बीच भी परिवार कल्याण कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है । जिसके तहत योग्य लाभार्थियों के बीच परिवार नियोजन के अस्थाई सुविधाएं पहुंचाई जा रही है। जिले के सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों में लगे कंडोम बॉक्स में एक बार फिर से कंडोम की सप्लाई शुरू कर दी गई है। बता दें कि कोरोना संक्रमण के कंडोम बॉक्स में कंडोम की सप्लाई बंद कर दी गई थी। जनसंख्या स्थिरीकरण को ध्यान में रखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा परिवार नियोजन के सेवाओं को फिर से संचालित करने का निर्देश दिया गया था। जिसके बाद फिर से कंडोम की सप्लाई शुरू कर दी गई है। परिवार नियोजन के साथ यौन संक्रमित रोगों एवं एचआईवी-एड्स से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करना अनिवार्य है।

निःशुल्क मिल रहा कंडोम

केयर इंडिया के फैमिली प्लानिंग कोऑर्डिनेटर प्रेमा कुमारी ने बताया जिले के सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कंडोम बॉक्स लगाया गया है। जहां से लाभार्थी निशुल्क कंडोम प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर घर जाकर परिवार नियोजन की अस्थाई साधनों की वितरण की जा रही है।

प्रवासियों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई सेवाएं

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि कोरोना संकट से बचने के लिए देश में लॉक डाउन लागू किया गया है। इस दौरान काफी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर को लौटे हैं। इस को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने परिवार नियोजन के सेवाओं को फिर से शुरू कर दिया है। ताकि अधिक से अधिक लाभार्थियों के बीच परिवार नियोजन के सेवाओं को पहुंचाया जा सके तथा जनसंख्या स्थिरीकरण में सफलता मिल सके।


कंडोम नहीं मिलने पर कर सकते हैं शिकायत

स्वास्थ्य केंद्रों में लगाए गए कंडोम बॉक्स में लाभार्थी को कंडोम नहीं मिलता है तो वहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तथा जिले के सिविल सर्जन से इसकी शिकायत कर नि:शुल्क कंडोम प्राप्त कर सकते हैं।

क्या है आंकड़ा

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 4 के अनुसार जिले में 1.7 प्रतिशत लोग ही अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। जागरूकता की कमी एवं स्थानीय स्तर पर आसानी से कंडोम की उपलब्धता नहीं होना भी इसके इस्तेमाल में कमी को दर्शाता है। इसको ध्यान में रखते हुये ही जिला से लेकर प्रखण्ड स्तरीय अस्पतालों में कंडोम बॉक्स लगाए गए हैं।

कंडोम इस्तेमाल के फ़ायदे
• अनचाहे गर्भ से छुटकारा
• जनसंख्या स्थिरीकरण में सहयोगी
• एचआईवी-एड्स के ख़तरे से बचाव
• अन्य यौन संक्रामक रोगों से बचाव

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इंसान और पालतू कुत्ते में लगाव जगजाहिर है. कुत्ता अपनी स्वामी भक्ति और वफादारी के लिए जाना जाता है. जापान में एक ऐसा ही कुत्ता हचीगों आज भी मशहूर है. जो अपने मालिक के इंतजार में कई सालों तक स्टेशन के बाहर उसका इंतजार करता रहा.

कोरोना काल में ऐसा ही एक मामला चीन से सामने आया है. जहां मालिक के प्रति कुत्ते के लगाव ने सबका दिल जीत लिया है. दरअसल फरवरी महीने में कोरोना वायरस के कारण उसके मालिक की मौत हो गई थी. जिसके बाद उसका पालतू कुत्ता तीन माह तक अस्पताल की लॉबी में बैठा उसका इंतजार करता रहा.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वुहान के अस्पताल में 5 दिन भर्ती रहने के बाद कोरोना वायरस से उसके मालिक की मौत हो गई थी. उसकी मौत के बाद पालतू कुत्ता भी उसकी वापसी के इंतजार में अस्पताल के बाहर बैठा रहा. इस कुत्ते का नाम जिआओ बाओ है. कुत्ता अपने मालिक की मौत से बेखबर था और उसके वापसी का इंतजार कर रहा था. कुत्ता तीन महीनों तक अस्पताल की लॉबी में बैठा इंतजार करता रहा.

अस्पताल कर्मियों के मुताबिक कई बार कुत्ते को अस्पताल की लॉबी से उठाया गया. कई बार उसे दूर दराज के इलाकों में छोड़ा भी गया. इसके बावजूद अस्पताल में कुत्ता दोबारा अपने मालिक के लिए पहुंच जाता.

कोरोना काल में बीमारी ने इंसानों के बीच दूरी ला दी है ऐसे में एक कुत्ते का अपने मालिक के प्रति लगाव, उसकी वफादारी को लोग सराह रहे है.

Photo Courtesy: @thandojo

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Chhapra: पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन पर एनई रेलवे मेंस कांग्रेस यूनियन की ओर से स्वयंसेवी संस्था गीता सुख फाउंडेशन को मेन्स कांग्रेस के पदाधिकारियों के सूखा राशन गुरुवार को उपलब्ध कराया.

यूनियन के पदाधिकारी प्यारे लाल महतो ने बताया कि गीता सुख फ़ाउंडेशन की ओर से शहर के जरूरतमंद, कमज़ोर व असहाय भूखे लोगों को प्रतिदिन भोजन कराया जाता है. इस कार्य में सहयोग करने का यूनियन ने निर्णय लिया था. इसके तहत यूनियन की ओर से राशन दिया गया.

उन्होंने कहा कि यूनियन की ओर से लॉक डाउन की अवधि में जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए सहयोग लगातार जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि इसके अलावा अन्य संगठनों को भी सहयोग दिया जाएगा.

इस मौके पर चंद्रकांत शर्मा, अभिनव गौरव, मिथुन रायपुत्रा, नरेंद्र तिवारी, रविशंकर कुमार, अमित कुमार, अशोक कुमार, राकेश कुमार ,शशि प्रियदर्शी ,सोहेल अंसारी, नन्दलाल सिंह, मुन्ना कुमार राय, आदि थे.

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Chhapra: कोरोना काल एवं लॉक डाउन के दौर में निरंतर 60 दिनों से आफ़ताब आलम खान के नेतृत्व में मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा सूखा राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा हैं.

इसी कड़ी में छपरा नगर निगम के अजायबगंज मोहल्ला में ज़रूरतमंद परिवारों के बीच सूखा राशन का पैकेट वितरण किया गया.

इस मौक़े पर आफ़ताब खान ने कहा की कोरोना त्रासदी का सबसे ज़्यादा असर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों पर पड़ा हैं. उनके पास अब रोज़गार का कोई साधन नहीं हैं और ऐसे में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो रही हैं. बिहार सरकार को ऐसे सभी प्रवासी श्रमिकों के लिए अविलम्ब ज़िला स्तर पर रोज़गार का व्यवस्था करना चाहिए.

राशन सामग्री वितरण कार्य में परवेज़ आलम खान, जमाल खान, निशू शाह, मोहम्मद फ़रीद, ज़ाकिर शाह, कजाफी शाह, बाबूजान आदि मौजूद थें.

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Chhapra: अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था लायंस क्लब छपरा टाउन एवं लियो क्लब छपरा टाउन द्वारा लगातार आठवें दिन शहर के पश्चिमी इलाकें गुदरी बाजार के सभी दुकानों और घरों को सेनेटाइज किया गया.

इस अवसर पर लियो क्लब छपरा टाउन के लिए एडवाइजर लायन वरुण सिन्हा ने कहा कि क्लब द्वारा लगातार कोविड-19 के दौरान हुए लॉक डाउन में सतत प्रयास किया जा रहा है कि लोगों को जागरूक किया जाए पिछले 8 दिनों से शहर के विभिन्न इलाकों को सैनिटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है. जो बेहद ही सराहनीय है.

इस अवसर पर संस्थापक अध्यक्ष लायंस क्लब छपरा टाउन लायन कुंवर जायसवाल, लायन संतोष साह, लायन संजीव कुमार, लियो अध्यक्ष लियो अली अहमद ,लियो विकास, लियो आशुतोष, लियो अभिषेक गुप्ता, लियो शुभम पांडेय, मौजूद थे.

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Chhapra: लॉकडाउन 4.0 लागू होने के बाद दूसरे परदेस में फंसे प्रवासी अब घर लौट जाना ही मुनासिब समझ रहे हैं. इसी बीच लंबी दूरी का सफर कर अपने घर को लौट रहे प्रवासियों के लिए रास्ते में प्रशासन से लेकर खास लोग भी मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं. इसमें छपरा के समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने वीर कुंवर सिंह सेतु यानी आरा-छपरा पुल के पास पहुंच बस से जा रहे सारण जिले के विभिन्न क्षेत्रों के रहने वाले प्रवासियों के लिए बिस्किट व पानी का प्रबंध कर उनके बीच वितरण किया.

इस दौरान समाजसेवी ने प्रवासियों से हाल-चाल पूछा. उनमें से कुछ लोगों से यह सवाल पूछा गया कि लॉकडाउन टूटने के बाद वे फिर परदेस जाएंगे तो फौरन एक ने जवाब दिया ‘न रे बाबा न अब हमनी के एहिजे रहके कमाइल-खाइल जाहि. अब हमनी के एहिजे रहके कोनो काम-धंधा शुरू करब जा और परिवार के भरण-पोषण कइल जाई. समाजसेवी ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि लॉकडाउन टूटने के बाद जितने भी प्रवासी भाई अपने बिहार लौट रहे हैं, उनलोगों के कमाने के लिए कोई विकल्प निकाला जाए, जिससे वे अपना जीवन यापन कर सके. क्वांटराइन सेंटर पर प्रवासियों के लिए अच्छे तरीके से व समय पर भोजन मिले, ताकि वे भूख के करण बीमार न पड़ जाए.

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Chhapra: कोरोना त्रासदी एवं लॉकडाउन के दौर में हाजी आफ़ताब आलम खान के नेतृत्व में रिविलगंज बाज़ार में ज़रूरतमंद परिवारों के बीच सूखा राशन वितरण किया गया.

हाजी आफ़ताब ने कहा की लॉकडाउन 4.0 में लोग बेहाल हो चुके हैं और कई तरह के मुसीबतों से जूझ रहे हैं. ऐसे में मजबूर ज़रूरतमंद परिवारों की मदद करना हर इंसान का फ़र्ज़ है. उन्होंने कहा की सारण ज़िले में मुस्लिम समाज के लोग निरंतर लगभग पचास दिनों से ज़रूरतमंद परिवारों के बीच सूखा राशन का पैकेट वितरण कर रहे हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा.

राशन वितरण कार्य में हाजी मोहम्मद अज़ीज़ खान उर्फ़ मुन्ना भाई, फख़रे आलम खान, मोहम्मद मुहिद, मोहम्मद शाहिद खान उर्फ़ लाडले भाई, परवेज़ आलम खान, बाबूजान, मोहम्मद अख़्तर अली, ख़ुर्शीद आलम शामिल थें.

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Chhapra: नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस की सारण इकाई ने छपरा नगर निगम के कोरोना योद्धा सफाईकर्मियो को प्रति सफाईकर्मी दो मास्क के हिसाब से 800 मास्क विधान पार्षद ई सच्चिदानंद राय के सहयोग से उपलब्ध कराया.

विधान पार्षद ई सच्चिदानंद राय ने कोरोना महामारी के दौरान एनयूजे (आई) सारण इकाई के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि पत्रकारों ने समाज के निचले स्तर के कर्मचारियों की फिक्र कर एक एतिहासिक कार्य किया है. जिससे न सिर्फ संक्रमण से बचेंगे बल्कि उन्हें यह एहसास होगा कि समाज के सभी वर्ग को उनकी फिक्र है. जिससे उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा.

इन मास्क को मेयर प्रिया देवी के प्रतिनिधि मिंटू सिंह को एनयूजेआई के कार्यकारी अध्यक्ष ठाकुर संग्राम सिंह और महासचिव राकेश कुमार सिंह ने सौंपा. एनयूजेआई ने इसके पूर्व सभी नगर पंचायतो सहित अन्य संस्थानों में करोना योद्धा टी-शर्ट का वितरण किया था.

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Chhapra: कोरोना संक्रमण के कारण नियमित टीकाकरण कार्यक्रम बेहद प्रभावित हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी कर क्षेत्रवार टीकाकरण सेवाओं को बहाल करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी है। जारी गाइडलाइन्स के अनुसार कोरोना संक्रमण के प्रसार के मुताबिक प्रत्येक जिले को रेड, ऑरेंज एवं ग्रीन जोन में बांटा गया है। वहीं रेड एवं ऑरेंज जोन में कोरोना संक्रमितों की व्यापकता के हिसाब से कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन भी बनाया गया है। संक्रमण प्रसार की आशंका के मद्देनजर कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन में स्वास्थ्य केन्द्रों एवं आउटरीच क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण को फ़िलहाल रोका गया है। लेकिन सभी क्षेत्रों (कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन सहित) के स्वास्थ्य केन्द्रों पर बर्थ डोज टीकाकरण जारी रहेगा।

बफ़र जोन के अलावा एवं ग्रीन जोन में शर्तों के साथ होगा टीकाकरण:

मंत्रालय के दिशानिर्देश के मुताबिक कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन में स्वास्थ्य केंद्र आधारित टीकाकरण एवं आउटरीच टीकाकरण सेशन( ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) अभी शुरू नहीं होगा। लेकिन बफ़र जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में स्वास्थ्य केंद्र आधारित टीकाकरण एवं आउटरीच टीकाकरण सेशन कुछ शर्तों के साथ शुरू होगा। जिसमें आउटरीच सेशन पर एक समय में 5 से अधिक लोगों को उपस्थित रहने की मंजूरी नहीं मिलेगी। इन सेशन के दौरान कोरोना संक्रमण रोकथाम के सभी प्रोटोकॉल का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। जिसमें पंचायत एवं अर्बन लोकल बॉडी आउटरीच सेशन साईट के प्लान में मदद करेंगे। किसी भी बफ़र एवं कॉन्टेंटमेंट जोन में 14 दिनों के बाद नियमित टीकाकरण सेवा की शुरुआत करने का फैसला राज्य एवं जिला प्रशासन द्वारा ही लिया जा सकेगा।

स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण के दौरान बरतनी होगी सतर्कता:

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए स्वास्थ्य केन्द्रों पर होने वाले टीकाकरण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह गाइडलाइन्स में दी गयी है। यह बताया गया है कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण के पूर्व हवादार स्थान का चयन करना होगा एवं यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक लोग एक दूसरे से 1 मीटर की दूरी पर ही बैठें। स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण लोड के मुताबिक पूर्व में ही फिक्स्ड टीकाकरण कर्मियों का चयन करना होगा। टीकाकरण कर्मियों को ग्लोब्स, तीन लेयर वाले मास्क एवं टीकाकरण करने से पूर्व हाथों को सैनिटाइज्ड करना अनिवार्य होगा। साथ ही टीकाकरण किसी भी रूप में बाधित नहीं हो इसके लिए वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता पूर्व में ही सुनिश्चित करनी होगी एवं लोगों को कोविड-19 के प्रति सजग करने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों के बाहर पोस्टर भी लागने होंगे।

वीएचएसएनडी सत्र आयोजन के लिए दिए गए निर्देश:

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस(वीएचएसएनडी) के आयोजन को लेकर कुछ जरुरी दिशानिर्देश दिया है।
• वीएचएसएनडी सत्र पर लोगों की भीड़ कम करने के लिए सत्र को प्रत्येक घन्टे के हिसाब से बाँटने की सलाह दी गयी है. प्रत्येक घंटे के स्लॉट में 4-5 लाभार्थियों को ही उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं.
• प्रत्येक वीएचएसएनडी सत्र को दो सेशन में बांटने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें अतिरिक्त सेशन के संचालन के लिए रिटायर्ड एएनएम एनएनएम, स्टाफ नर्सेज आदि या प्रशिक्षित पुरुष स्वास्थ्य कर्मी की नियुक्ति की जा सकती है.
• वीएचएसएनडी सत्र के एक दिन पूर्व ही आशा के द्वारा चिन्हित लाभार्थी को कॉल कर जानकारी दी जाएगी
• सत्र के दौरान एएनएम को कोरोना रोकथाम के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा. साथ ही सत्र पर जरुरी वैक्सीन के साथ ओआरएस, जिंक, आइएफए, कैल्शियम आदि की उपलब्धता भी सुनिश्चित करानी होगी
• सत्र के दौरान एएनएम सामाजिक दूरी का पालन करते हुए लाभार्थियो को 30 मिनट के वेटिंग पीरियड के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर जानकारी देगी

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Chhapra: लॉक डाउन 4.0 में छपरा के कई निजी अस्पताल खुल रहे हैं. अस्पतालों में डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ स्वास्थ्य सुरक्षा का ख्याल रखा जा रहा है. छपरा के वृंदावन कॉलोनी स्थित श्री साईं सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल व मेटरनिटी सेंटर में डॉ प्रियंका शाही द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि फिलहाल अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या कम है, सबसे पहले उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के साथ-साथ मरीजों को मास्क के साथ ही अस्पताल में एंट्री दी जा रही है, उन्होंने बताया कि जो भी मरीज अस्पताल आ रहे हैं उनकी गेट पर स्क्रीनिंग की जा रही है. प्रियंका साही ने बताया कि सर्वाइकल संबंधित पेशेंट अस्पताल में आ रहे हैं. उन्होंने मरीजों से अपील किया कि जिन्हें ज्यादा जरूरत हो वहीं अस्पताल आए जो घर पर रह सकते हैं वह घर पर ही रहें और फोन पर ही चिकित्सीय सलाह ले सकते हैं.

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Chhapra: अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था लायंस क्लब छपरा टाउन द्वारा शहर के थाना चौक पर सैनिटाइजेशन का कार्य किया गया. जिसमें क्लब के सदस्यों द्वारा उस सड़क से गुजरने वाले वाहनों को सैनिटाइज किया गया. जिनके पास मास्क नहीं था उन्हें मास्क भी वितरण किया गया.

अध्यक्ष मयंक जयसवाल में कहा कि क्लब द्वारा कोरोना संक्रमण से बचने के लिए शहर के थाना चौक से सैनिटाइजेशन का कार्य शुरू किया. इस दौरान एसडीएस कॉलेज के प्राचार्य अरुण कुमार सिंह भी शामिल हुए और उन्होंने भी कई गाड़ियों को सेनीटाइज किया. जिन लोगों के पास मास्क नहीं था उनको मास्क भी दिया गया.

इस अवसर पर संस्थापक अध्यक्ष कुंवर जयसवाल, संस्थापक सचिव कबीर, संजीव कुमार, धीरज सिंह, संतोष साह, जयप्रकाश, लियो अध्यक्ष अली अहमद, उपाध्यक्ष विकास समर आनंद, कोषाध्यक्ष अभिषेक गुप्ता, राशिद रिजवी, आशुतोष कुमार आदि उपस्थित थे.

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