Jammu, 02 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्री माता वैष्णो देवी जी मंदिर के आधार शिविर कटरा से कश्मीर के लिए ट्रेन सेवा का उद्घाटन 6 जून को कर सकते हैं। इसके बाद कटरा और बारामूला के बीच वंदे भारत ट्रेन चलना शुरू हो जाएगी। अधिकारियों ने बताया है कि कश्मीर के लिए ट्रेन सेवाओं के शुभारंभ की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और प्रधानमंत्री 6 जून को घाटी के लिए पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं।

ट्रेन सेवा का शुभारंभ 19 अप्रैल को होना था, लेकिन उस दिन खराब मौसम की भविष्यवाणी के मद्देनजर इसे स्थगित कर दिया गया था।

अधिकारियों ने कहा कि 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलने वाली श्री अमरनाथ जी की तीर्थयात्रा के लिए इस मार्ग को खोलना उपयोगी साबित हो सकता है। खासकर तब जब इस मौसम में समय से पहले और भारी मानसून आने की खबरें हैं जिससे रामबन और बनिहाल के संवेदनशील हिस्से के बीच जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो सकता है।

यात्रियों को कटरा से श्रीनगर की ओर जाने में मदद मिल सकती है

उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक खुलने से श्री अमरनाथ जी के यात्रियों को कटरा से श्रीनगर की ओर जाने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो तीर्थयात्रियों की भीड़ को कम करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। खासकर राजमार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में।

कटरा और बारामूला के बीच केवल वंदे भारत ट्रेन चलने की उम्मीद है

अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में कटरा और बारामूला के बीच केवल वंदे भारत ट्रेन चलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री कटरा से बारामूला और बारामूला से कटरा के लिए वर्चुअली ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। वे कटरा स्टेडियम में एक रैली को संबोधित करेंगे। कटरा से ट्रेन सेवाओं को हरी झंडी दिखाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी के चिनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल और रियासी जिले में रेलवे ट्रैक पर पहले केबल स्टे ब्रिज का दौरा करने की संभावना है।

कार्य पूरा होने के बाद घाटी के लिए ट्रेन का जम्मू से परिचालन शुरू कर दिया जाएगा

सूत्रों के अनुसार, शुरुआत में यह ट्रेन कटरा से बारामूला तक चलेगी। हालांकि, जम्मू रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाने सहित विस्तार कार्य पूरा होने के बाद घाटी के लिए ट्रेन का जम्मू से परिचालन शुरू कर दिया जाएगा, जो संभवतः अगस्त-सितंबर में शुरू होगा।कटरा से बारामूला तक ट्रेन के कई सफल ट्रायल रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के जवानों को ले जाने वाली एक ट्रेन भी श्रीनगर तक ट्रैक पर चली थी।

पिछले साल फरवरी में 48.1 किलोमीटर लंबा बनिहाल-सांगलदान खंड चालू किया गया था

पहलगाम आतंकी हमले के बाद ट्रैक का नया सुरक्षा ऑडिट किया गया और सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है, जिसमें अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना शामिल है। कुल 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना में से 209 किलोमीटर को चरणों में चालू किया गया, जिसमें 118 किलोमीटर का काजीगुंड-बारामुल्ला खंड का पहला चरण अक्टूबर 2009 में चालू किया गया। इसके बाद जून 2013 में 18 किलोमीटर का बनिहाल-काजीगुंड, जुलाई 2014 में 25 किलोमीटर का उधमपुर-कटरा और पिछले साल फरवरी में 48.1 किलोमीटर लंबा बनिहाल-सांगलदान खंड चालू किया गया था।

कश्मीर को एक नई विशेष रूप से डिजाइन की गई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिलेगी

46 किलोमीटर लंबे संगलदान-रियासी सेक्शन पर काम पिछले साल जून में पूरा हो गया था, जिससे रियासी और कटरा के बीच कुल 17 किलोमीटर का हिस्सा बचा जो करीब तीन महीने पहले पूरा हो गया, जिसके बाद वंदे भारत समेत कई ट्रेनों के ट्रायल शुरू हो गए। इस परियोजना पर 41,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। 4 जनवरी को कटरा-बनिहाल सेक्शन पर इलेक्ट्रिक ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया। रेलवे ने पिछले कुछ महीनों में ट्रैक के विभिन्न खंडों पर कई ट्रायल किए हैं, जिनमें अंजी खाद और चिनाब पुल के दो प्रमुख मील के पत्थर शामिल हैं। कश्मीर को एक नई विशेष रूप से डिजाइन की गई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिलेगी। यह नई सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन कटरा और श्रीनगर को जोड़ेगी। कटरा और श्रीनगर को जोड़ने वाली नई सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन जम्मू-कश्मीर में तीसरी ऐसी ट्रेन होगी।

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Chhapra: देश में हर साल 30 मई को हिन्दी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। बात 1826 की है। देश में ब्रितानी हुकूमत थी। तब देश में अंग्रेजी, फारसी, उर्दू एवं बांग्ला भाषा में अखबार छपते थे। इसी साल तत्कालीन राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) में कानपुर के रहने वाले वकील पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने 28 मई को अंग्रेजों की नाक के नीचे हिन्दी पत्रकारिता के इतिहास की ‘उदन्त मार्तण्ड’ के रूप में आधारशिला रखी। इसी पर आज हिन्दी पत्रकारिता के भव्य भवन खड़े हैं।

साप्ताहिक ‘उदन्त मार्तण्ड’ ने अंग्रेजों की नाक में इस कदर खुजली कर दी की कि उसका प्रकाशन डेढ़ वर्ष से अधिक न हो सका। ‘उदन्त मार्तण्ड’ के प्रथम प्रकाशन तिथि की स्मृति में ही हिन्दी पत्रकारिता दिवस मनाकार पंडित जुगल किशोर शुक्ल के योगदान को याद किया जाता है।

प्रकाशक एवं संपादक शुक्ल के हर मंगलवार को छपने वाले ‘उदन्त मार्तण्ड’ में हिन्दी भाषा के बृज और अवधी भाषा का मिश्रण होता था। ‘उदन्त मार्तण्ड’ के वितरण में अंग्रेजों के डाक शुल्क में छूट न दिए जाने के कारण इसका 79वां और आखिरी अंक दिसंबर 1827 में प्रकाशित हुआ।

इस समाचार पत्र के पहले अंक की 500 प्रतियां प्रकाशित हुई थीं। वैसे अंग्रेज जेम्स ऑगस्टस हिकी को भारतीय पत्रकारिता का जनक माना जाता है। उन्होंने 1780 में कलकत्ता जनरल एडवरटाइजर के साथ मिलकर भारत का पहला अऱबार बंगाल गजट शुरू किया था। यह पत्र केवल दो वर्ष तक ही चला। 1782 में ब्रिटिश राज की मुखर आलोचना के कारण इसे जब्त कर लिया गया।

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अररिया, 21 मई(हि.स.)।दिल्ली सहित अन्य दूसरे प्रदेशों में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों को गर्मी के दिनों में ट्रेनों में ठूस ठुसकर नहीं आना होगा।रेलवे ने आनंद विहार टर्मिनल से जोगबनी के लिए आठ फेरों वाली समर स्पेशल ट्रेन की घोषणा की है।20 सामान्य श्रेणी की कोच के साथ यह ट्रेन चलेगी।

25 मई से 13 जुलाई तक साप्ताहिक चलेगी

रेलवे बोर्ड की ओर से जारी अधिसूचना में गाड़ी संख्या 04074/04073 आनंद विहार टर्मिनल जोगबनी एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन आनंद विहार टर्मिनल से गाड़ी संख्या 04074 शुक्रवार दिनांक 23 मई से 11 जुलाई साप्ताहिक और जोगबनी से गाड़ी संख्या 04073 रविवार दिनांक 25 मई से 13 जुलाई तक साप्ताहिक चलेगी।ट्रेन में सिर्फ सामान्य श्रेणी के 20 कोच लगाए गए हैं।

जोगबनी से रविवार के सुबह 9:30 बजे खुलेगी

आनंद विहार टर्मिनल से जोगबनी के लिए रात 23:55 में खुलेगी।वहीं जोगबनी से रविवार के सुबह 9:30 बजे खुलेगी।आनंद विहार टर्मिनल से खुलने के बाद ट्रेन का ठहराव गाजियाबाद, कानपुर सेंट्रल, उन्नाव, लखनऊ, सुल्तानपुर,जौनपुर सिटी, वाराणसी विहार, गाजीपुर सिटी, बलिया, सुरेमनपुर, छपरा, हाजीपुर, शाहपुर पटोरी, बरौनी, बेगूसराय, खगड़िया, नवगछिया, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, फारबिसगंज स्टेशनों पर दिया गया है।

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पृथ्वी गृह पर जीव की उत्पत्ति ने इस गृह को सभी गृहों में श्रेष्ठ बनाया, भगवान ( भुमि, गगन, वायु, अग्नि, जल) जीवों की अनुकूलता के लिए पर्याप्त मात्रा में उपस्थिति रहे, मानव अपने विवेक से यहां उपस्थित पांचों तत्वों का उपभोग करते हुए सम्पूर्ण पृथ्वी पर फैलने के साथ सभी जीव जंतुओं में श्रेष्ठतम बना, वह आदि मानव इस गृह पर उपस्थित सभी जीव जंतुओं पशु-पक्षियों को अपने मित्र सम्मान मानते हुए एक साथ जीवन यापन करते रहा। लेकिन जब इसे शुन्य का ज्ञान हुआ तब से यह शोषण करने लगा, सभी जीव जन्तु , प्राकृतिक सम्पदा ओं का शोषण करने लगा, आज स्थिति उत्पन हो गई कि भगवान स्वमं प्रदुषित होने के साथ इसमें विराजमान वायु और जल दोनों की कमी महसूस होने लगी। वायु अर्थात् आंक्सिजन जीवंत रहने के लिए जीतनी आवश्यक है उतना ही जल।

जल सरंक्षण की बहुत बड़ी आवश्यकता दुनिया को महसूस हो रहीं हैं। स्वाभाविक भी है ग्लोबल वार्मिंग, बड़ते जल दोहन, बिगड़ते पारिस्थितिकी तंत्र, जलवायु परिवर्तन से मौसम परिवर्तन होते हुए वर्षा ऋतु का समय गड़बड़ा गया, हिमपात नहीं होने से बर्फ से ढके पहाड़ नग्न होते दिखाई देने लगे हैं, पीने योग्य मिट्ठे पानी की पूर्ति नहीं होने से सर्दी खत्म होते किल्लत मचने लगती है, वन्य जीव भटकते हुए दिखाई देते हैं, वहीं सुखी झीलों के किनारे पक्षी मरते दम तोड़ते दिखाई देने लगते और यह सत्य है।
अब बात यह आतीं हैं कि जल है क्या ? जल ” एक रासायनिक पदार्थ” है जो दो हाइड्रोजन और एक आंक्सिजन परमाणु (H2O) से मिलकर बना, यह तीनों अवस्थाओं ठोस द्रव गैस के रूप में पाया जाता रहा , पानी की सो बुंदों के शोधन के बाद एक बुंद अर्थात सो किलो ग्राम पानी से एक लीटर अम्रत तुल्य पीने योग्य मीठे पानी की प्राप्ति होती है, इसीलिए कहते हैं की “जल है तो कल” है यानी “जल ही जीवन” सत्य है, जल के बगैर जीवन सम्भव नहीं, इसीलिए पीढ़ियों से जल संरक्षण के प्रति एक दुसरे को जागरूक करने के साथ साथ जल के कार्यों में जुटना पुन्य प्राप्त करने जैसा माना जाता है, वैसे पानी सभी जगह पाया जाता है लेकिन पानी की उपलब्धता के आधार पर इसे दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया खारा पानी, मीठा पानी। खारा पानी की मात्रा सर्वाधिक है यह कुल पानी का 97.5 प्रतिशत, मीठा पानी 2.5 प्रतिशत, वर्तमान में यह 1.8 प्रतिशत रह गया। यह भी विभिन्न रुपों में पाया जाता है, जिससे इसका एक प्रतिशत से भी कम उपयोग किया जा सकता है।

‌ बात हम मीठे पानी की करें, मीठा पानी वर्षा जल चक्र के माध्यम से सुर्य के तेज ताप से गैस के रूप में उपर उठते हुए बादलों में परिवर्तित होने के बाद हमें कोहरा औंस, वर्षा, हिमपात के माध्यम से ठोस द्रव गैस अवस्थाओं में प्राप्त होता जों बाद में झीलों नदियों भूगर्भ से प्राप्त होता है। मीठा पानी का उपलब्धता के आधार पर विभाजन करने पर आता है कि यह बर्फ के रूप में 75.2 प्रतिशत, भू-जल के रूप में 22.6 प्रतिशत, धरती की सतह पर 0.3 प्रतिशत, वाष्प और बादलों में 0.001 प्रतिशत, भूमिगत जल 1.6 प्रतिशत पाया जाता है। आवश्यकता के आधार पर हम भूमिगत जल का सर्वाधिक उपयोग करते हैं और उसके बाद थोड़ा नदियों का पानी बाकी झीलों से कृषि उत्पादन में उपयोग किया जाता है, इन परिस्थितियों में कुल मीठे जल का एक प्रतिशत जल उपयोग में लाया जाता है और वही जल सर्वाधिक मात्रा में कम पड़ते दिखाई दे रहा है, जिसके सरंक्षण की आवश्यकता है, इसे लेकर विश्व भर में विश्व जल दिवस मनाया जाता है ताकि पानी को बचाया जा सके।

पानी उपलब्ध कों लेकर शरीर की बात करें तो उसमें 70%पानी पाया जाता है, मस्तिष्क में 85% पानी, मानव रक्त में 79% पानी, फेफड़ों में 80% पानी पाया जाता है, पुरा शरीर पानी का पुतला है, लेकिन वर्तमान में यहां भी पानी की कमी आने लगीं है और यह सब होने लगा है बड़ते पोल्यूशन, अत्यधिक दोहन, बिगड़ते पर्यावरणीय हालातों की वज़ह से, इन सभी का जिम्मेदार स्वमं मानव है जो आज कष्ट भोग रहा है पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहा है। 2050 के बाद हालातों में और अधिक परिवर्तन होगें जिनसे पृथ्वी गृह पर उपस्थित मानव सहित सभी जीव जंतुओं पशु-पक्षियों को सूतक लगने की पुर्ण संभावनाओं के साथ यह कह सकते हैं कि दुनिया की आधी आबादी को मीठा पीने योग्य पानी नसीब नहीं होगा, जहां जल की धाराएं बहा करती वहीं आज जहरीले पानी को पीने के लिए लोग मजबूर हैं। दूषित पानी पीने से कैंसर, रक्त संबंधी, हड्डियों में जकड़न, त्वचा जैसे रोगी यों की संख्या बढ़ने के साथ शरीर में पानी की कमी लोगों में दिखाई देने लगी। वर्तमान जलीय समस्याओं को समझते हुए हमें रोज जल दिवस जैसा वातावरण बनाने की आवश्यकता है, बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग को कम करने, जल प्रदुषण जैसी समस्या से निपटने, भूगर्भीय जल दोहन तथा जल के व्यावसायिक करण को रोकने की आवश्यकता है, जिससे प्रत्येक नागरिक को मीठा पानी प्राप्त हो सकें। लेखक के अपने निजी विचार है।
लेखक :- राम भरोस मीणा जाने माने पर्यावरणविद् एवं स्वतंत्र लेखक हैं।

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डॉ. लोकेश कुमार
स्वामी विवेकानंद ने गुरु रामकृष्ण परमहंस से एक बार पूछा, ‘आपने ईश्वर को देखा है?’ परमहंस ने जवाब दिया, ‘हाँ, मैंने ईश्वर का दर्शन किया है, जैसे वे दूसरों को देखते हैं, बल्कि और भी स्पष्ट रूप से।’ ऐसे थे गुरु रामकृष्ण परमहंस। उनका जन्म 18 फरवरी, 1836 को बंगाल के कामारपुर में हुआ था। माना जाता है कि उनके दिए हुए ज्ञान का ही स्वामी विवेकानंद ने विश्व भर में प्रचार-प्रसार किया था। परमहंस 23 साल की आयु में कोलकाता के रानी रासमणि मंदिर के पुरोहित पद पर आसीन हुए थे। वे जीवनभर माँ काली की पूजा-अर्चना में संलग्न रहे।

मंदिर की सेवा में लीन, वे सादा जीवन, उच्च विचार रखते थे। उनका मानना था कि जब ईश्वर की कृपा हो जाए, तो दुनिया के दुख-दर्द नहीं रहते हैं। यदि हम ईश्वर से मिली हुई शक्ति का दुरुपयोग करेंगे, तो वह वापस अपनी शक्तियाँ छीन लेगा। पुरुषार्थ से ही ईश्वर की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

एक बार वे अपने परम भक्त मधुरदास विश्वास के साथ वृंदावन, वाराणसी और काशी विश्वेश्वर की यात्रा पर रेल से निकले। यात्रा के दौरान बिहार के वर्धमान गाँव में रुके। उस समय बिहार अकाल की भयंकर चपेट में था। अन्न और जल दोनों की कमी थी। जनता दुख और कष्टों से बेहाल थी। करुणामय रामकृष्ण परमहंस यह स्थिति देखकर व्यथित हो गए। उन्होंने अपने साथी मधुरदास से कहा, “देखो, भारत माँ की संतानें कैसी दीन और हीन भाव से ग्रस्त हैं। आप इन दरिद्रनारायण के भरपेट भोजन की व्यवस्था करो, तभी मैं यहाँ से आगे जाऊँगा। मैं इन्हें तड़पते-बिलखते नहीं छोड़ सकता।” यह कहने के साथ ही उनकी आँखों से आँसू बहने लगे। मधुरदास कोलकाता गए और उनके लिए भोजन व राशन की व्यवस्था की। उनके इस असीम प्रेम से उन लोगों के चेहरों पर मुस्कान की लहर दौड़ गई। इसके बाद ही परमहंस ने आगे की यात्रा पूरी की।

एक बार रामकृष्ण परमहंस ने अपने शिष्यों से कहा कि ईश्वर एक है, उस तक पहुँचने के मार्ग अलग-अलग हो सकते हैं। इसलिए हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि सभी धर्मों का लक्ष्य एक ही है – ईश्वर तक पहुँचना। भक्ति के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं। यह सुनकर एक शिष्य ने कहा, “हम यह कैसे मान लें कि सभी रास्ते सत्य हैं?” इस पर उन्होंने शिष्य को समझाते हुए कहा, “किसी अनजाने घर की छत पर पहुँचना कठिन है। छत पर पहुँचने के लिए हम सीढ़ी, रस्सी या बांस का सहारा लेंगे। छत पर पहुँचने के बाद हमें पता चलेगा कि हम सबका लक्ष्य एक ही था, लेकिन पहुँचने के तरीके अलग-अलग थे। हमें भक्ति करते समय किसी एक मार्ग को दृढ़तापूर्वक अपनाना चाहिए और अलग-अलग रास्ते देखकर भटकना नहीं चाहिए, क्योंकि सबका अंतिम लक्ष्य एक ही है।”

परमहंस विवेकानंद को समझाया करते थे कि समाज की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है। चारों ओर भूख, रोग, अशिक्षा और अज्ञानता फैली हुई है। हिमालय में तपस्या करने से बेहतर है कि वे इन समस्याओं से जूझ रहे लोगों की मदद करें। स्वामी विवेकानंद ने कठोर तपस्या करने के स्थान पर समाज की सेवा को ही जीवन का लक्ष्य बना लिया।

रामकृष्ण परमहंस का गुरु के बारे में मानना था कि संत बुरे व्यक्तियों में भी उनके अंदर की अच्छाइयों को ढूँढ़ निकालते हैं। मनुष्य को चाहिए कि वह किसी से बैर न रखे और हर चीज में अच्छाइयों को खोजे। अहंकार ही असली रूप में माया है। इस अहंकार को त्याग देना चाहिए। अहंकार को त्यागकर ही मानव अपने लक्ष्य तक पहुँच सकता है।

उनका कहना था कि मानव को निःस्वार्थ भाव से सेवा और मदद करनी चाहिए, भले ही सामने वाला उसका साथ दे या न दे। वे उदाहरण देकर समझाते थे कि यदि हम नदी में गोता लगाते हैं और हमें पहली बार में मोती नहीं मिलता, तो इसका मतलब यह नहीं कि समुद्र में मोती नहीं हैं। वे यह बताना चाहते थे कि मनुष्य को जीवन में प्रयास करते रहना चाहिए। भले ही पहली बार में सफलता हाथ न लगे, परंतु इसका अर्थ यह नहीं कि सफलता मिलेगी ही नहीं।

परमहंस कहा करते थे, “व्यक्ति का मन ही उसे गुलाम, बादशाह, ज्ञानी और अज्ञानी बनाता है। इसलिए व्यक्ति को अपने मन को नियंत्रित करके अपना मार्ग सुगम बनाना चाहिए।” वे कहा करते थे कि व्यक्ति देखने में अलग-अलग हो सकते हैं – कोई गोरा, कोई काला, कोई क्रूर। लेकिन सभी में ईश्वर का तत्व मौजूद है। इसलिए सभी में ईश्वर की छवि देखनी चाहिए।

मनुष्य को अपने जीवन में त्याग की भावना रखकर यापन करना चाहिए। उनका कहना था कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। व्यक्ति को इस सच्चाई को पहले ही स्वीकार कर लेना चाहिए, अन्यथा उसे अपनी चीजें खोने का दर्द हमेशा सताता रहेगा।

गुरु रामकृष्ण का आदर्श वाक्य है – ‘शिव ज्ञाने जीव सेव’, जिसका अर्थ है कि ‘मनुष्य की सेवा ही भगवान की पूजा है।’

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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बाढ़, एक प्राकृतिक आपदा जिसे हम हमेशा से जानते हैं, ने इस वर्ष भी अपना विकराल रूप दिखाया है। हाल ही में, असम, बिहार, और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भयानक बाढ़ ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया है, सैकड़ों की जान ली है और लाखों की संपत्ति को नष्ट कर दिया है।

पूर्वोत्तर की बात करें तो असम में जहां लगभग 23 लाख लोग प्रभावित हैं वही मणिपुर व नागालैंड भी इसकी चपेट में है। जबकि सिक्किम, अरुणाचल, त्रिपुरा और मिजोरम में भी भारी बारिश हो रही है। पूरे उत्तर भारत में भी भारी बारिश हो रही है।

आलम यह है कि बिहार में भारी बारिश के कारण केवल 18 दिनों में बिहार में 12 पुल धराशाई हो गए हैं। बिहार, यूपी और असम में हर वर्ष बाढ़ आता है। हर वर्ष रोकने के लिए इंतजाम किए जाते रहे हैं लेकीन शायद नाकाफी है।

1980 में राष्ट्रीय बाढ़ आयोग ने अनुमान लगाया था कि 21वीं सदी के शुरुआती दशक तक चार करोड़ हेक्टेयर भूमि बाढ़ के चपेट में होगी। इसे देखते हुए बहुद्देशीय बांध और 35000 किमी तटबंध बनाए गए। लेकिन कम होने के बजाय यह और बढ़ता ही जा रहा है। पर क्या हम हर बार की तरह सिर्फ इसका इंतजार करेंगे या इस बार कुछ ठोस इंतजाम करेंगे?

बाढ़ के कारणों को समझना जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार, बाढ़ का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन, अनियमित वर्षा और नदियों के किनारे अवैध निर्माण है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2000 से 2019 के बीच बाढ़ की घटनाएं 134% बढ़ी हैं। इससे साफ है कि हम सिर्फ प्राकृति के गर्जनाओं का सामना नहीं कर रहे, बल्कि अपने ही गलतियों का भी खामियाजा भुगत रहे हैं।

पिछले कुछ वर्षों में, सरकारों ने बाढ़ से निपटने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। परंतु इनमें से अधिकतर योजनाएं कागजों तक ही सीमित रह गई हैं। नदियों की सफाई, तटबंधों का निर्माण, और जलभराव वाले क्षेत्रों की निगरानी जैसे कार्यों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है। परिणामस्वरूप, हर साल बाढ़ के चलते जान-माल का भारी नुकसान होता है। बाढ़ का एक कारण अंतराष्ट्रीय परिस्थिति भी है।

नेपाल के कारण बिहार और चीन के कारण असम में बाढ़ आता है। बिहार की अलग समस्या है। उत्तर में नेपाल से तो दक्षिण में झारखंड से और यूपी के ढलान से आए पानी से बिहार में बाढ़ आता है।

नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के अनुसार, 2015 से 2020 के बीच भारत में बाढ़ के कारण लगभग 1700 लोगों की मौत हुई और लगभग 65 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा। यह आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि हमारी तैयारियों में कमी है। बाढ़ से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है नदियों के किनारे अवैध निर्माण को रोकना। इसके अलावा, जलभराव वाले क्षेत्रों की नियमित सफाई और नदियों के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखना भी जरूरी है।अधिकारियों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

वैज्ञानिकों और जलवायु विशेषज्ञों की सलाह पर ध्यान देना और उन्हें योजनाओं में शामिल करना अति आवश्यक है। साथ ही, बाढ़ पूर्वानुमान तंत्र को भी सुधारने की जरूरत है ताकि लोगों को समय रहते चेतावनी मिल सके। इसके अलावा, लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। कचरा फेंकने और नदियों को प्रदूषित करने से बचना होगा। हमें समझना होगा कि नदियों का संरक्षण ही हमारा संरक्षण है।

केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा। फंड की कमी का बहाना नहीं चलेगा। हाल ही में, एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में केंद्र सरकार ने बाढ़ नियंत्रण के लिए 3000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, परंतु इनमें से अधिकांश राशि का सही उपयोग नहीं हो पाया। इसके अतिरिक्त, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की भी जरूरत है।

नेपाल, बांग्लादेश और भूटान जैसे देशों के साथ मिलकर जल संसाधन प्रबंधन पर काम करना चाहिए। इससे बाढ़ नियंत्रण में काफी मदद मिलेगी। बाढ़ के समय राहत कार्यों को तेजी से और प्रभावी ढंग से अंजाम देने के लिए स्थानीय प्रशासन को भी तैयार रहना चाहिए। रेस्क्यू टीमें, चिकित्सा सहायता और राहत सामग्री को पहले से ही तैयार रखना होगा ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।

बाढ़ का इंतजार नहीं, इंतजाम जरूरी है। हमें बाढ़ से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को मजबूत करना होगा। सिर्फ योजनाएं बनाना और कागजों पर काम करना काफी नहीं है। हमें धरातल पर उतरकर काम करना होगा।

तभी हम बाढ़ के प्रकोप से खुद को और अपनी आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित रख पाएंगे। बाढ़ का सामना करना हमारे लिए एक चुनौती है, परंतु सही कदम उठाकर हम इस चुनौती को अवसर में बदल सकते हैं।

यह समय है जागरूक होने का, संगठित होने का, और मिलकर इस प्राकृतिक आपदा का सामना करने का। हमारा छोटा सा प्रयास भी बाढ़ से बड़ी राहत दिला सकता है।

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मूर्ख दिवस (1 अप्रैल) पर विशेष

योगेश कुमार गोयल

‘मूर्ख दिवस’ मनाने की परम्परा कब, कैसे और कहां प्रचलित हुई, इस बारे में दावे के साथ तो कुछ नहीं कहा जा सकता पर माना यही जाता है कि इस परम्परा की शुरूआत फ्रांस में 16वीं सदी के उत्तरार्द्ध में हुई थी। माना जाता है कि एक अप्रैल 1564 को फ्रांस के राजा ने मनोरंजक बातों के जरिये एक-दूसरे के बीच मैत्री और प्रेम भाव की स्थापना के लिए एक सभा का आयोजन कराया था। उसके बाद निर्णय लिया गया कि अब से हर वर्ष इसी दिन ऐसी ही सभा का आयोजन होगा, जिसमें सर्वाधिक मूर्खतापूर्ण हरकतें करने वाले व्यक्ति को ‘मास्टर ऑफ फूल’ की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। इस सभा में शिरकत करने वाले व्यक्ति अनोखी और विचित्र वेशभूषाएं धारण करके अपनी अजीबोगरीब हरकतों से उपस्थित जनसमूह का मनोरंजन किया करते थे और सर्वाधिक मूर्खतापूर्ण हरकत करने वाले व्यक्ति को ‘मूर्खों का अध्यक्ष’ चुना जाता था, जिसे ‘बिशप ऑफ फूल्स’ की उपाधि से नवाजा जाता था। इस सभा के बाद ‘गधा सम्मेलन’ का भी आयोजन होता था, जो करीब एक सप्ताह चलता था। सम्मेलन में लोग अपने चेहरे पर गधे के मुंह की आकृति के मुखौटे लगाकर गधे की आवाज निकालते थे। इस दिन वहां कर्मचारी, अधिकारी सभी एक-दूसरे का मजाक उड़ाने को स्वतंत्र होते थे।

यह भी मान्यता है कि 1564 में फ्रांस के सम्राट चार्ल्स के आदेश पर लागू हुए ग्रेगेरियन कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरूआत 1 जनवरी से की जाने लगी जबकि उससे पूर्व चूंकि वर्ष में सिर्फ 9 ही महीने होते थे, अतः नया साल 1 अप्रैल से ही शुरू होता था लेकिन ग्रेगेरियन कैलेंडर लागू किए जाने के बाद भी जो लोग 1 अप्रैल को ही नव वर्ष के रूप में मनाते रहे, दूसरे लोगों ने उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और इस तरह 1 अप्रैल को ‘मूर्ख दिवस’ के रूप में मनाए जाने की परम्परा शुरू हो गई। कुछ पश्चिमी राष्ट्रों में वे लोग, जो जूलियन कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरूआत 25 मार्च से मानते हैं, वे वसंत के आगमन के साथ ही नए साल के आने की खुशियां मनाते हैं और एक सप्ताह तक चले इन मनोरंजक कार्यक्रमों का समापन वे 1 अप्रैल को ही करते हैं। ‘एनसाइक्लोपीडिया ऑफ रिलीजन’ तथा ‘एनसाइक्लोपीडिया ऑफ ब्रिटानिका’ के अनुसार भी एक अप्रैल को ‘मूर्ख दिवस’ मनाने का सीधा संबंध वसंत के आगमन से ही है, जब प्रकृति मनुष्य को अपने अनियमित मौसम से मूर्ख बनाती है।

कुछ लोग अप्रैल फूल मनाने की परम्परा की शुरूआत इटली से हुई मानते हैं। प्राचीन समय से ही इटली में एक अप्रैल को एक मनोरंजन उत्सव मनाया जाता है, जिसमें स्त्री-पुरूष सभी जमकर शराब पीते हैं और नाच-गाकर खूब हुड़दंग मचाते हैं। रात के समय दावतों का आयोजन भी किया जाता है। यूरोप के कुछ देशों में भी प्राचीन काल से ही ‘मूर्ख दिवस’ मनाए जाने का उल्लेख मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन वहां मालिक नौकर की और नौकर मालिक की भूमिका अदा करता था और नौकर इस दिन मालिक से अपने मनचाहे काम कराते थे, जिन्हें मालिक भी बिना किसी विरोध के खुशी-खुशी किया करते थे।

यूनान में ‘मूर्ख दिवस’ की शुरूआत कैसे हुई, इस संबंध में कई किस्से प्रचलित हैं। ऐसे ही एक किस्से में कहा जाता है कि यूनान में एक व्यक्ति को खुद की बुद्धि और चतुराई पर बहुत घमंड था। वह बुद्धिमानी और चतुराई के मामले में अपने बराबर दुनिया में किसी को कुछ नहीं समझता था। एक बार उसके कुछ दोस्तों ने उसे सबक सिखाने का निश्चय किया और उससे कहा कि मध्य रात्रि के समय पहाड़ की चोटी पर आज देवता अवतरित होंगे और वहां जितने भी लोग उपस्थित होंगे, उन्हें वह मनचाहा वरदान देंगे। अपने दोस्तों की बात पर विश्वास करके वह अगले दिन सुबह होने तक पहाड़ की चोटी पर देवता के प्रकट होने का इंतजार करता रहा और जब निराश होकर वापस लौटा तो दोस्तों ने उसका खूब मजाक उड़ाया। जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन पहली अप्रैल थी। माना जाता है कि तभी से यूनान में एक अप्रैल को लोगों को मूर्ख बनाने की परम्परा शुरू हुई।

स्कॉटलैंड में अप्रैल फूल को ‘अप्रैल गोक’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है पपीहा और पपीहा को यहां बुद्धूपन का प्रतीक माना गया है। इस अवसर पर लोग यहां कई प्रकार की मनोरंजक व आश्चर्यजनक अफवाहें उड़ाते हैं, जिन पर लोगों को आसानी से विश्वास भी हो जाता है। आज तो दुनिया के बड़े-बड़े टी. वी. चैनल और प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाएं भी अपने दर्शकों व पाठकों के साथ 1 अप्रैल को ऐसी हंसी-ठिठौली करने में पीछे नहीं रहते।

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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बिहार दिवस के अवसर पर इतिहास विभाग (जय प्रकाश विश्वविद्यालय) की छात्रा अर्चना कुमारी वर्मा ने भोजपुरी में एक रचना प्रस्तुत की है।

हम बिहार लिखेनी

सीता मईया के ह इ जनम भूमि,
गाँधी जी के ह करम भूमि,

वैशाली के ह इ लोकतंत्र
महावीर के ह शांतिमंत्र

गंगा मईया के हम शृंगार लिखेनी,
ख़ुद के मिथिला के संस्कार लिखेनी,

सम्राट अशोक के राज्य विस्तार लिखेनी,
गर्व से आपन जनम भूमि हम बिहार लिखेनी।

ई भूमि ह विश्व के सबसे पहिला गणतंत्र,
व्यापार अउर संस्कृति के प्राचीनतम केन्द्र।

नीति आयोग जेकरा के कहेला सबसे पिछड़ा राज्य,
हम ओहि जगह से होखे के समझेनी आपन सौभाग्य।

आर्यभट्ट के अविष्कार लिखेनी,
जे. पी. बाबु के हम हुंकार लिखेनी,

कुंवर सिंह के बलिदान लिखेनी,
गर्व से आपन जनम भूमि हम बिहार लिखेनी।

 

लेखक परिचय

अर्चना कुमारी वर्मा
P.G DEPARTMENT OF HISTORY J.P.U
M.A -III Semester.

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आज का पंचांग
दिनांक 01 /03/2024 शुक्रवार
फाल्गुन कृष्णपक्ष पंचमी
सुबह 06 :21 उपरांत षष्ठी
विक्रम सम्वत :2080
नक्षत्र : स्वाति
सुबह12:48 उपरांत विशाखा
चन्द्र राशि तुला
सूर्योदय 06:12 सुबह
सूर्यास्त :05:51 संध्या
चंद्रोदय :10:55 रात्रि
चंद्रास्त :09:13 सुबह
लगन :कुम्भ 06:54 सुबह उपरांत
मीन लगन
ऋतू : बसंत
चौघडिया,
दिन चौघड़िया:
चर 06:12 सुबह 07:40 सुबह
लाभ 07:40 सुबह 09:07 सुबह
अमृत 09:07 सुबह 10:34 सुबह
काल 10:34 सुबह 12:02 दोपहर
शुभ 12:02 दोपहर 01:29 दोपहर
रोग 01:29 दोपहर 02:57 दोपहर,
उद्देग 2:57 दोपहर 04:24 संध्या
चर 04:24 संध्या 05:51 संध्या
राहुकाल
सुबह 10:34 से 12:02 दोपहर
अभिजित मुहूर्त
सुबह 11:39 से 12:25 दोपहर
दिशाशूल पछिम
यात्रा विचार :आज कही यात्रा पर जाने के पहले दही खाकर यात्रा करे यात्रा पूर्ण होगा.

आज का राशिफल

मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। कर्ज समय पर चुका पाएंगे। आय में मनोनुकूल वृद्धि होगी। पारिवारिक मित्रों से मेल-जोल बढ़ेगा। छोटे भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा।
लकी नंबर 6 लकी कलर लाल

वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। आय में वृद्धि होगी। कार्यकुशलता का विकास होगा। घर-बाहर प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नए कार्य प्रारंभ करने की रूपरेखा बनेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
लकी नंबर 5 लकी कलर पिला

मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
तीर्थाटन की योजना बनेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। वरिष्ठजनों का सहयोग प्राप्त होगा। समय पर काम पूरे होंगे। मनोरंजक यात्रा हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा।
लकी नंबर 2 लकी कलर हरा

कर्क(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। घर-परिवार में विवाद हो सकता है। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। अपेक्षित कार्यों में विलंब हो सकता है। चिंता तथा तनाव रहेंगे।
लकी नंबर 6 लकी कलर केशरी

सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
दांपत्य जीवन में प्रगाढ़ता आएगी। परिवार में कोई आयोजन हो सकता है। प्रसन्नता तथा व्यस्तता रहेगी। उत्साह में वृद्धि होगी। वरिष्ठजन सहयोग व मार्गदर्शन करेंगे। निवेश शुभ रहेगा।
लकी नंबर 2 लकी कलर लाल

कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। समय पर कार्य होंगे। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।
लकी नंबर 1लकी कलर सफेद

तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
राजकीय बाधा उत्पन्न हो सकती है। विवाद न करें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर में अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
लकी नंबर 2 लकी कलर महरुम

वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
कष्ट, भय व बेचैनी का वातावरण बन सकता है। सावधानी रहें। लेन-देन में सावधानी रखें। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी।
लकी नंबर 7 लकी कलर गुलाबी

धनु(ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
अज्ञात भय सताएगा। नेत्र पीड़ा हो सकती है। स्वास्थ्य पर व्यय होगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा।
लकी नंबर 9 लकी कलर बैग्नी

मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। पारिवारिक मांगलिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। विवाद को बढ़ावा न दें।
लकी नंबर 4 लकी कलर आसमानी

कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक मांगलिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
लकी नंबर 6 लकी कलर भूरा

मीन(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
पुराना रोग उभर सकता है। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। बनते काम बिगड़ सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। घर-परिवार में मतभेद संभव है।
लकी नंबर 3 लकी कलर नीला

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ 8080426594/9545290847

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आज का पंचांग
दिनांक 29 /02/2024 गुरुवार
फाल्गुन कृष्णपक्ष पंचमी
पूर्ण रात्रि तक
विक्रम सम्वत :2080
नक्षत्र : चित्रा
सुबह 10:22 उपरांत स्वाति
चन्द्र राशि तुला
सूर्योदय 06:13 सुबह
सूर्यास्त :05:51 संध्या
चंद्रोदय :09:59 संध्या
चंद्रास्त :08:11 सुबह
लगन :कुम्भ 06:58 सुबह उपरांत
मीन लगन
ऋतू : बसंत
चौघडिया,
दिन चौघड़िया:
शुभ 06:13 सुबह 07:41 सुबह
रोग 07:41 सुबह 09:08 सुबह
उद्देग 09:08 सुबह 10:35 सुबह
चर 10:35 सुबह 12:02 दोपहर
लाभ 12:02 दोपहर 01:29 दोपहर
अमृत 01:29 दोपहर 02:56 दोपहर,
काल 2:56 दोपहर 04:24 संध्या
शुभ 04:23 संध्या 05:51 संध्या
राहुकाल
दोपहर 01:29 से 02:56 दोपहर
अभिजित मुहूर्त
सुबह 11:39 से 12:25 दोपहर
दिशाशूल दक्षिण
यात्रा विचार :आज कही यात्रा पर जाने के पहले जीरा खाकर यात्रा करे यात्रा पूर्ण होगा.

आज का राशिफल

मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। कर्ज समय पर चुका पाएंगे। आय में मनोनुकूल वृद्धि होगी। पारिवारिक मित्रों से मेल-जोल बढ़ेगा। छोटे भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा।
लकी नंबर 6 लकी कलर लाल

वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। आय में वृद्धि होगी। कार्यकुशलता का विकास होगा। घर-बाहर प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नए कार्य प्रारंभ करने की रूपरेखा बनेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
लकी नंबर 5 लकी कलर पिला

मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
तीर्थाटन की योजना बनेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। वरिष्ठजनों का सहयोग प्राप्त होगा। समय पर काम पूरे होंगे। मनोरंजक यात्रा हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा।
लकी नंबर 2 लकी कलर हरा

कर्क(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। घर-परिवार में विवाद हो सकता है। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। अपेक्षित कार्यों में विलंब हो सकता है। चिंता तथा तनाव रहेंगे।
लकी नंबर 6 लकी कलर केशरी

सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
दांपत्य जीवन में प्रगाढ़ता आएगी। परिवार में कोई आयोजन हो सकता है। प्रसन्नता तथा व्यस्तता रहेगी। उत्साह में वृद्धि होगी। वरिष्ठजन सहयोग व मार्गदर्शन करेंगे। निवेश शुभ रहेगा।
लकी नंबर 2 लकी कलर लाल

कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। समय पर कार्य होंगे। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।
लकी नंबर 1लकी कलर सफेद

तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
राजकीय बाधा उत्पन्न हो सकती है। विवाद न करें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर में अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
लकी नंबर 2 लकी कलर महरुम

वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
कष्ट, भय व बेचैनी का वातावरण बन सकता है। सावधानी रहें। लेन-देन में सावधानी रखें। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी।
लकी नंबर 7 लकी कलर गुलाबी

धनु(ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
अज्ञात भय सताएगा। नेत्र पीड़ा हो सकती है। स्वास्थ्य पर व्यय होगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा।
लकी नंबर 9 लकी कलर बैग्नी

मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। पारिवारिक मांगलिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। विवाद को बढ़ावा न दें।
लकी नंबर 4 लकी कलर आसमानी

कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक मांगलिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
लकी नंबर 6 लकी कलर भूरा

मीन(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
पुराना रोग उभर सकता है। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। बनते काम बिगड़ सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। घर-परिवार में मतभेद संभव है।
लकी नंबर 3 लकी कलर नीला

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ 8080426594/9545290847

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आज का पंचांग
दिनांक 28/02/2024 बुधवार
फाल्गुन कृष्णपक्ष चतुर्थी
सुबह 04:18 उपरांत पंचमी
विक्रम सम्वत :2080
नक्षत्र : हस्त
सुबह 07:33 उपरांत चित्रा
चन्द्र राशि कन्या
रात्रि 09:00 उपरांत कन्या
सूर्योदय 06:14 सुबह
सूर्यास्त :05:50 संध्या
चंद्रोदय :09 :06 संध्या
चंद्रास्त :08:12 सुबह
लगन :कुम्भ 07:02 सुबह उपरांत
मीन लगन
ऋतू : बसंत
चौघडिया,
दिन चौघड़िया:
रोग 06:14 सुबह 07:41 सुबह
उद्देग 07:41 सुबह 09:08 सुबह
चर 09:08 सुबह 10:35 सुबह
लाभ 10:35 सुबह 12:02 दोपहर
अमृत 12:02 दोपहर 01:29 दोपहर
काल 01:29 दोपहर 02:56 दोपहर,
शुभ 2:56 दोपहर 04:23 संध्या
रोग 04:23 संध्या 05:50 संध्या
राहुकाल
दोपहर 12:02 से 01:29 दोपहर
अभिजित मुहूर्त
सुबह 11:39 से 12:26 दोपहर
दिशाशूल उत्तर
यात्रा विचार :आज कही यात्रा पर जाने के पहले धनिया खाकर यात्रा करे यात्रा पूर्ण होगा.

आज का राशिफल

मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
किसी वरिष्ठ व्यक्ति के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। परिवार के लोग अनुकूल व्यवहार करेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। नए लोगों से संपर्क होगा। आय में वृद्धि तथा आरोग्य रहेगा।
लकी नंबर 2 लकी कलर पिला

वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि तथा उन्नति मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा।
लकी नंबर 9 लकी कलर केशरी

मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चोट व दुर्घटना से बचें। आय में कमी रह सकती है। घर-बाहर असहयोग व अशांति का वातावरण रहेगा। अपनी बात लोगों को समझा नहीं पाएंगे।
लकी नंबर 7 लकी कलर भूरा

कर्क(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
किसी जानकार प्रबुद्ध व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होने के योग हैं। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। किसी राजनयिक का सहयोग मिल सकता है। लाभ के दरवाजे खुलेंगे। चोट व दुर्घटना से बचें।
लकी नंबर 1 लकी कलर गुलाबी

सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। काम में मन लगेगा।
लकी नंबर 2 लकी कलर संतरी

कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
दु:खद सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। अपने काम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें।
लकी नंबर 3 लकी कलर बैंगनी

तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
भूले-बिसरे साथी तथा आगंतुकों के स्वागत तथा सम्मान पर व्यय होगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार के सदस्यों की उन्नति के समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी।
लकी नंबर 8 लकी कलर सफेद

वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
यात्रा मनोनुकूल मनोरंजक तथा लाभप्रद रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। घर-बाहर सफलता प्राप्त होगी।
लकी नंबर 5 लकी कलर लाल

धनु(ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
घर-बाहर प्रसन्नतादायक वातावरण रहेगा। नौकरी में चैन महसूस होगा। व्यापार से संतुष्टि रहेगी। संतान की चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्वी तथा शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। मित्रों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
लकी नंबर 4 लकी कलर बैंगनी

मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सुकून रहेगा। जल्दबाजी में कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। कानूनी अड़चन आ सकती है।
लकी नंबर 6 लकी कलर आसमानी

कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
नई योजना लागू करने का श्रेष्ठ समय है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा।
लकी नंबर 6 लकी कलर नीला

मीन(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते कामों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जीवनसाथी से सामंजस्य बैठाएं। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेवजह लोगों से मनमुटाव हो सकता है।
लकी नंबर 4 लकी कलर गुलाबी

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ 8080426594/9545290847

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आज का पंचांग
दिनांक 25/02/2024 रविवार
फाल्गुन कृष्णपक्ष प्रतिपदा
रात्रि 08:35 उपरांत द्वितीया
विक्रम सम्वत :2080
नक्षत्र :पूर्वाफाल्गुन
रात्रि 01:24 उपरांत उतराफाल्गुन
चन्द्र राशि सिह
सूर्योदय 06:17 सुबह
सूर्यास्त :05:49 संध्या
चंद्रोदय :06 :34 संध्या
चंद्रास्त :06:48 सुबह
लगन :कुम्भ 07:14 सुबह उपरांत
मीन लगन
ऋतू : बसंत
चौघडिया,
दिन चौघड़िया:
उद्देग 06:17 सुबह 07:43 सुबह
चर 07:43 सुबह 09:10 सुबह
लाभ 09:10 सुबह 10:36 सुबह
अमृत 10:36 सुबह 12:03 दोपहर
काल 12:03 दोपहर 01:29 दोपहर
शुभ 01:29 दोपहर 02:56 दोपहर,
रोग 2:56 दोपहर 04:22 संध्या
उद्देग 04:22 संध्या 05:49 संध्या
राहुकाल
संध्या 04:22 से 05:49 संध्या
अभिजित मुहूर्त
सुबह 11:40 से 12:26 दोपहर
दिशाशूल पच्छिम
यात्रा विचार :आज कही यात्रा पर जाने के पहले पान खाकर यात्रा करे यात्रा पूर्ण होगा.
आज का राशिफल

मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
नौकरी में कार्यभार रहेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आय में निश्चितता रहेगी। जोखिम न लें। एकाएक स्वास्थ्‍य खराब हो सकता है, लापरवाही न करें। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है।
लकी नंबर 2 लकी कलर केसरी

वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। लाभ देगा। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा।
लकी नंबर 3 लकी कलर लाल

मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
फिजूलखर्ची ज्यादा होगी। शत्रु भय रहेगा। शारीरिक कष्ट से बाधा उत्पन्न होगी। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नए काम करने का मन बनेगा।
लकी नंबर 8 लकी कलर आसमानी

कर्क(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ने के योग हैं। कोई बड़ी समस्या का अंत हो सकता है।
लकी नंबर 3 लकी कलर भूरा

सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
कोई बड़ा खर्च एकाएक सामने आएगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। कुसंगति से बचें। किसी व्यक्ति के काम की जवाबदारी न लें। स्वयं के काम पर ध्यान दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं।
लकी नंबर 4 लकी कलर नीला

कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
घर के छोटे सदस्यों संबंधी चिंता रहेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा।
लकी नंबर 6 लकी कलर सफेद

तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। सुख के साधन जुटेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा।
लकी नंबर 6 लकी कलर गुलाबी

वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत होगी। किसी जानकार व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है।
लकी नंबर 4 लकी कलर बैंगनी

धनु(ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद से क्लेश हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। पार्टनरों से कहासुनी हो सकती है।
लकी नंबर 1 लकी कलर ब्लू

मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि अपमान हो। व्यापार-व्यवसाय अनुकूल रहेगा।
लकी नंबर 9 लकी कलर संतरी

कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
नौकरी में अधिकार मिल सकते हैं। सुख के साधन जुटेंगे। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। स्वास्थ्‍य संबंधी चिंता बनी रहेगी।
लकी नंबर 7 लकी कलर पिला

मीन(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
विवेक का प्रयोग करें। समस्याएं कम होंगी। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा।
लकी नंबर 3 लकी कलर हरा

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ 8080426594/9545290847

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