Shimla, 08 अक्टूबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में मंगलवार शाम हुए भयावह बस हादसे ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं। झंडूता उपमंडल के भल्लू पुल के पास पहाड़ी से अचानक भारी मलबा गिरने से मरोतम से घुमारवीं जा रही निजी बस ‘संतोषी’ देखते ही देखते मिट्टी और पत्थरों के ढेर तले दब गई। इस दर्दनाक हादसे में 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दो मासूम बच्चों को मलबे से जीवित निकाल लिया गया है। हादसे में एक आठ वर्षीय लापता बच्चे का शव बचाव दलों ने आज सुबह बरामद किया।

बारिश के बावजूद रातभर चला ऑपरेशन

हादसे के वक्त बस में करीब 18 लोग सवार थे। शाम के समय हुई भारी वर्षा के बीच मलबा गिरने की आवाज और चीख-पुकार ने पूरे इलाके को दहला दिया। स्थानीय लोग सबसे पहले मौके पर पहुंचे और फंसे लोगों को बचाने की कोशिश की। थोड़ी ही देर में पुलिस, प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने राहत-बचाव कार्य शुरू किया। बारिश के बावजूद रातभर ऑपरेशन चला और बुधवार सुबह तक मलबे से सभी शवों को निकाला गया। एनडीआरएफ के जवान स्निफर डॉग्स की मदद से अब भी लापता बच्चे की तलाश कर रहे हैं।

दोनों बच्चे फिलहाल एम्स बिलासपुर में भर्ती हैं

इस हादसे में दो छोटे बच्चों का जिंदा बच निकलना किसी चमत्कार से कम नहीं। 8 वर्षीय शौर्य और उसकी 10 वर्षीय बहन आयूषी को जब मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया तो सभी की आंखें नम हो गईं। दुर्भाग्य से दोनों की मां कमलेश कुमारी (36) की इस हादसे में मौत हो गई। दोनों बच्चे फिलहाल एम्स बिलासपुर में भर्ती हैं और खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।

डीएसपी घुमारवीं विशाल वर्मा ने बताया कि मृतकों में 9 पुरुष, 4 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मृतकों की पहचान झंडूता निवासी सारिफ खान (25), रजनीश कुमार (36), चुन्नी लाल (52), बक्शी राम (42), अंजना (29) और उसके बेटे राकेश (7) व आरव (4), कमलेश कुमारी (36), घुमारवीं निवासी राजीव (40), नरेंद्र (52), कांता देवी (51), नैना देवी निवासी कृष्ण लाल (30), कलोल निवासी प्रवीण (40) और हमीरपुर जिला के बड़सर निवासी दंपति संजीव कुमार (35) व विमला देवी (35) के रूप में हुई है। इस दंपति का 8 वर्षीय बेटे राहुल की भी मौत हो गई।


इस बीच उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने लोगों से अपील की है कि जिन व्यक्तियों को लगता है कि उनके परिजन कल से लापता हैं, वे तत्काल हेल्पलाइन नंबर +91 98168 33137 पर संपर्क करें। इसके अतिरिक्त, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नंबर 01978-224901 और 94594-57061 पर भी जानकारी दे सकते हैं।

कई दिनों से पहाड़ी पर भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा था

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई दिनों से पहाड़ी पर भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा था। लोगों ने प्रशासन को चेताया भी था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। दो दिनों से लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण ढीली पड़ी मिट्टी आखिरकार दरक गई और एक ही पल में कई परिवार उजड़ गए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को पचास हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

हिमाचल में भूस्खलन से जुड़े हादसे कोई नए नहीं, लेकिन बिलासपुर की यह त्रासदी फिर याद दिला गई किन्नौर के निगुलसरी और मंडी के कोटरूपी जैसे दर्दनाक हादसों की, जब चलती बसें मलबे की चपेट में आकर दर्जनों यात्रियों की जान ले गई थीं। भले ही राहत-बचाव कार्य जारी है, लेकिन बिलासपुर का यह हादसा प्रदेश के इतिहास में एक और दिल दहला देने वाली त्रासदी बन गया है, जिसने कई घरों के चिराग हमेशा के लिए बुझा दिए।

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Patna, 29 सितंबर (हि.स.)। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार दशहरा में इस बार प्रदेश के अधिसंख्य भागों में वर्षा के आसार है। प्रदेश में दो अक्टूबर से छह अक्टूबर के बीच उत्तर बिहार एवं पूर्वी बिहार के कई जिलों में भारी वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है।

अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना

इस अवधि के दौरान कई स्थानों पर मेघ गर्जन, वज्रपात को लेकर चेतावनी जारी की गई है। अत्यधिक वर्षा होने से नदियों के जल ग्रहण क्षेत्रों में भारी वृद्धि की संभावना है। सोमवार को पटना सहित अधिसंख्य भागों में बादल छाए रहने के साथ कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी की संभावना है।

प्रदेश के सात जिलों के सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज में मेघ गर्जन के साथ वज्रपात की चेतावनी है। पांच दिनों के दौरान तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है।

बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के प्रमुख शहरों में वर्षा की स्थिति:

पटना के अलग-अलग भागों में वर्षा हुई। पटना के बाढ़ में 21.2 मिमी, गयाजी के गुरूआ में 19.3 मिमी, पटना के बेलछी में 17.6 मिमी, वैशाली के राघोपुर में 10 मिमी, समस्तीपुर के मोहनपुर में 9.0 मिमी, औरंगाबाद के ओबरा में 8.6 मिमी, जमुई में सात मिमी, भोजपुर के कोइलवर में 6 मिमी, रोहतास के बिक्रमगंज में पांच मिमी, समस्तीपुर के पटोरी में 4.8 मिमी, नालंदा के बिंद में 4.4 मिमी, पटना के माेकामा में 3.6 मिमी, बांका के चंदन में 3.2 मिमी, बांका के कटोरिया में 2.8 मिमी, औरंगाबाद के दाउदनगर में 2.6 मिमी, पटना के दानापुर में 2.2 मिमी, रोहतास के नौहट्टा में 2.2 मिमी, भोजपुर के जगदीशपुर में 2.1 मिमी, गयाजी के डोभी में 2.1 मिमी एवं औरंगाबाद के रफीगंज में दो मिमी वर्षा दर्ज की गई।

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New Delhi, 24 सितंबर (हि.स)। केंद्रीय कैबिनेट में बुधवार को 10.90 लाख रेलवे कर्मचारियों को उत्पादकता आधारित बोनस (पीएलबी) को मंजूरी दे दी। यह बोनस दिवाली से पहले कर्मचारियों के अकाउंट में भेजा जाएगा। इसके लिए 1865 करोड़ 68 लाख रुपये के भुगतान को स्‍वीकृति दी गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने बिहार के बख्तियारपुर-राजगीर और झारखंड के तिलैया के बीच 104 किलोमीटर की रेल दोहरीकरण परियोजना को भी मंजूरी दी है।

बिहार के लिए 6 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज 10 लाख 91 हजार 146 रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) के रूप में 1865 करोड़ 68 लाख रुपये के भुगतान को स्‍वीकृति दी। रेलवे कर्मचारियों के बेहतर कामकाज को मान्‍यता देते हुए यह मंजूरी दी गई है।उन्होंने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने बिहार के बख्तियारपुर-राजगीर और झारखंड के तिलैया के बीच 104 किलोमीटर की रेल दोहरीकरण परियोजना को भी मंजूरी दी है। इस पर करीब 2,192 करोड़ रुपये की लागत आएगी। केंद्रीय कैबिनेट ने बिहार के लिए लगभग छह हजार करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी है।

यह बोनस रेलवे कर्मचारियों के 78 दिनों के वेतन के बराबर है

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह बोनस रेलवे कर्मचारियों के 78 दिनों के वेतन के बराबर है। हर साल दुर्गा पूजा, दशहरा की छुट्टियों से पहले पात्र रेल कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान किया जाता है। उन्‍होंने कहा कि इस वर्ष लगभग 10 लाख 91 हजार अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी राशि का भुगतान किया जा रहा है। पिछले साल सरकार ने रेल कर्मचारियों के लिए 2,029 करोड़ रुपये के बोनस को मंज़ूरी दी थी। इससे 11,72,240 कर्मचारियों को लाभ हुआ था।

उन्‍होंने कहा कि रेलवे के समग्र प्रदर्शन में सुधार के लिए रेल कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में पीएलबी भुगतान किया जाता है। प्रत्येक पात्र रेल कर्मचारी के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर अधिकतम देय पीएलबी की राशि 17 हजार 951 रुपये है। यह राशि विभिन्न श्रेणियों के रेल कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप-सी कर्मचारियों को दी जाएगी।

रेल मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में रेलवे का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। रेलवे ने रिकॉर्ड 1614.90 मिलियन टन माल ढुलाई की और लगभग 7.3 बिलियन यात्रियों को गंतव्‍य स्‍थल तक पहुंचाया।

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Chhapra: अग्रवाल कुल के प्रवर्तक, समाज के संस्थापक, अग्रोहा नरेश, दानवीर, प्रेम, शांति एवं अहिंसा के समर्थक महाराजा अग्रसेन की जयंती उमंग एवं हर्षोल्लास के साथ छपरा के महाराजा अग्रसेन भवन में मनाई गई। जिसमें शहर के अग्रवाल समाज के लोगों ने महाराजा अग्रसेन के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवनी एवं आदर्शो को याद किया। 

इस अवसर पर अग्र बंधुओं ने एक दूसरे को मिष्ठान खिलाकर इस विशेष दिवस की शुभकामनाएं दीं और इस माध्यम से आपसी प्रेम को पुनः मजबूत किया.

कार्यक्रम संयोजक आदित्य अग्रवाल ने इस अवसर पर बताया कि महाराजा अग्रसेन का जन्म नवरात्र के प्रथम दिवस पर हुआ था, वे बचपन से ही परम दयालु, समाजवाद के समर्थक एवं हिंसा विरोधी थे। एक यज्ञ के दौरान डरे हुए पशु को देखकर उनके मन में उस पशु के प्रति सहानुभूति प्रकट हुई और उन्होंने यज्ञ को अधूरा छोड़कर उसकी बलि देने से इंकार कर दिया। तत्पश्चात उन्होंने क्षत्रिय धर्म को त्याग कर वैश्य धर्म अपना लिया, आज भी अग्रवाल समाज उनके आदर्शो को मानकर हिंसा से दूर रहता है एवं प्रेम, शांति और व्यापार कुशलता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है.

कार्यक्रम का संचालन राजीव रंजन अग्रवाल उर्फ राजू अग्रवाल ने आगंतुक अग्र बंधुओं को महाराजा अग्रसेन जी का सम्मान वस्त्र देकर किया और समाज के लोगों से हर माहौल में एकजुट होने का अनुरोध किया.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से मनमोहन दास अग्रवाल, आदित्य अग्रवाल, राजीव रंजन अग्रवाल उर्फ राजू अग्रवाल, सुशील अग्रवाल, विजय अग्रवाल, आकाश अग्रवाल, निकेत अग्रवाल, देवांश अग्रवाल, शिवांश अग्रवाल, ऋषभ अग्रवाल, लेखराज अग्रवाल, अभिषेक मित्तल, विशाल अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल, चिति रानी अग्रवाल सहित अग्रवाल समाज के अन्य लोग उपस्थित रहे.

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Bengaluru (Karnataka), 22 सितंबर (हि.स.)। राज्य में सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण (जाति जनगणना) आज से शुरू हो गई। कई समुदायों के असंतोष, आपत्तियों और चिंताओं के बीच राज्य का पिछड़ा वर्ग आयोग 7 करोड़ लोगों के घर-घर जाकर सारी जानकारी इकट्ठा करेगा।

गणनाकार 60 प्रश्नों के माध्यम से सारी जानकारी दर्ज करेंगे

जाति जनगणना के लिए 1.75 लाख शिक्षकों को तैनात किया गया है और उन्हें अग्रिम तैयारियों के साथ प्रशिक्षित किया गया है। गणनाकार 60 प्रश्नों के माध्यम से सारी जानकारी दर्ज करेंगे। ईसाई उपजातियों के नाम दर्ज करने के मामले में आयोग ने विभिन्न राजनीतिक और प्रशासनिक जटिलताओं के कारण 33 ईसाई उपजातियों को सूची से हटा दिया है।

हालांकि, लोग चाहें तो अपना धर्म और जाति विवरण स्वयं दर्ज कर सकते हैं। बेंगलुरु शहर में तैयारी और प्रशिक्षण में देरी के कारण सर्वेक्षण 2-3 दिन देरी से शुरू होगा। इस बीच, उच्च न्यायालय आज जाति जनगणना को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा की जनहित याचिका पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है और अन्य याचिकाओं पर भी विचार किए जाने की संभावना है।

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पटना। सीमेज संस्था में संस्कार भारती की ओर से “भारतीय कला दृष्टि” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साहित्य, रंगमंच, संगीत और फिल्म से जुड़े विशेषज्ञों ने छात्रों को संबोधित करते हुए भारतीय कला की मूल आत्मा और उसके समकालीन महत्व पर प्रकाश डाला।

संस्कार भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री अभिजीत गोखले ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से भारत की विविधताओं को आज पूरी दुनिया देख रही है। रील्स के जरिए संस्कृति, पर्यटन और भोजन से जुड़े कई पहलुओं की जानकारी लोगों तक पहुंच रही है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक व विकृत सामग्री भी आ रही है, जो संस्कृति को नुकसान पहुँचा रही है। स्टैंडअप कॉमेडी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मनोरंजन के बहाने टिक्का-टिप्पणी और आघात करने का चलन बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में कला को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है, जिससे नई पीढ़ी भारतीय कला दृष्टि से और गहराई से जुड़ सकेगी।

फिल्म समीक्षक बिनोद अनुपम ने कहा कि फिल्मों में जहां एक ओर हिंसा दिखाई देती है, वहीं कुछ फिल्में आदर्श परिवार की झलक भी प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने नई फिल्मों और राजश्री प्रोडक्शन की पारिवारिक फिल्मों के बीच अंतर को रेखांकित किया।

संगीत नाटक अकादमी के सदस्य व संस्कार भारती के अखिल भारतीय मंत्री डॉ. संजय कुमार चौधरी ने कहा कि प्रेमचंद की कहानियों में भारतीय दृष्टि स्पष्ट दिखाई देती है। उन्होंने जोर दिया कि फिल्मों में राष्ट्रभाव होना चाहिए और अनुकरणीय न होने वाले पात्रों को समाज के आदर्श के रूप में प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि भारत का विचार आत्मा से जुड़ा है और कला का उद्देश्य जीवन, परिवार व राष्ट्र के लिए सामूहिक चेतना का निर्माण करना है।

नाट्य प्रशिक्षक कुमार रविकांत ने कहा कि भारतीय कला दृष्टि लोक जीवन में रची-बसी है। फिल्मों के माध्यम से विमर्श स्थापित कर समाज को उससे परिचित कराना आवश्यक है।

वरिष्ठ नृत्यांगना अंजुला कुमारी ने कहा कि संस्कार भारती भारतीय कला दृष्टि का बोध कराती है। हमारी मिट्टी की खुशबू पूरे विश्व में फैली हुई है और युवा इसे और विस्तारित कर सकते हैं। उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम् का उदाहरण देते हुए कहा कि लोकगीतों व संस्कार गीतों में परिवार के सभी सदस्य शामिल होते थे, जो संयुक्त परिवार की परंपरा को दर्शाते हैं। आजकल हर रस्म में डीजे का चलन बढ़ गया है जिससे लोक संस्कृति का स्पर्श कम हो रहा है।

उन्होंने चावल का उदाहरण देते हुए कहा कि उससे भात, खीर और बिरयानी सब बन सकता है, और हर व्यंजन की अपनी उपयोगिता है। उसी तरह कला भी जीवन में विविध रूपों में योगदान देती है।

वरिष्ठ नाटककार मिथिलेश कुमार ने कहा कि साहित्य, कला और संगीत से भले ही आजीविका कठिन हो, लेकिन इससे सम्मान और पहचान जरूर मिलती है।

कार्यक्रम का संचालन सुदीपा घोष और नेहाल सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के निदेशक नीरज अग्रवाल ने दिया।

इस अवसर पर संस्कार भारती के केन्द्रीय कार्यालय प्रमुख अशोक तिवारी, उत्तर और दक्षिण बिहार के महामंत्री, बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और छात्र उपस्थित थे।

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Ramban, 17 सितंबर (हि.स.)। हाल ही में हुई लगातार बारिश के कारण रियासी के रामबन क्षेत्र में करोल-मैत्रा मार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बह गया। इसके बाद सेना की व्हाइट नाइट कोर के इंजीनियर सैनिकों ने रामबन के मेत्रा में 150 फीट का दो मंजिला अतिरिक्त चौड़ा बेली ब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया है। एनएचएआई और नागरिक अधिकारियों के सहयोग से बनाए गए इस ब्रिज से रामबन में सड़क कनेक्टिविटी बहाल होगी।

नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर आवश्यक सत्यापन के बाद पुल को खोल दिया जाएगा

व्हाइट नाइट कोर ने कहा कि यह पुल आवश्यक आपूर्ति, आपातकालीन सेवाओं और स्थानीय यातायात के सुचारू आवागमन को सुनिश्चित करते हुए महत्वपूर्ण संपर्क लिंक को बहाल करेगा। नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर आवश्यक सत्यापन के बाद पुल को खोल दिया जाएगा।सेना ने पुल के निर्माण सहित दूरदराज के स्थानों में समय पर चिकित्सा, पशु चिकित्सा और खाद्य आपूर्ति प्रदान की है। इस दौरान 5000 से भी ज्यादा लोगों को राहत प्रदान की गई और आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए दूरदराज के गांवों में कई चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए।

भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित लोगों को समय पर राहत प्रदान की गई

दरअसल, रामबन जिले में हाल ही में लगातार बारिश के कारण रामबन जिले को मुख्य भूमि से जोड़ने वाली करोल-मैत्रा रोड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बह गया था। इससे दैनिक जीवन बाधित हो गया और स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से कनेक्टिविटी की तत्काल बहाली का अनुरोध किया। इस पर नागरिक प्रशासन ने भारतीय सेना से सहायता का अनुरोध किया।

इसके बाद व्हाइट नाइट इंजीनियर्स की एक टीम तैनात की गई और उन्होंने 150 फुट ट्रिपल पैनल डबल स्टोरी एक्स्ट्रा वाइड रीइन्फोर्स्ड बेली ब्रिज के लॉन्च को अंजाम दिया, जिसे भारी यातायात वहन क्षमता सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। बीआरओ, एनएचएआई, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग रामबन और अन्य नागरिक एजेंसियों ने कार्य के शीघ्र निष्पादन में सहायता की। इसके अलावा परियोजना के तहत मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान किश्तवाड़, डोडा, रामबन, उधमपुर, रियासी, अखनूर, राजौरी और पुंछ जिलों को कवर करते हुए क्षेत्र में जारी रहा, जिससे मूसलाधार बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित लोगों को समय पर राहत प्रदान की गई।

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Patna, 15 सितंबर (हि.स.)। बिहार में उमस भरी गर्मी के बाद मानसून का असर दाे दिनाें से जारी है रविवार से शुरू हुई लगातार बारिश से पूरे राज्य को गर्मी से राहत मिली है। सोमवार को भी हालात जस के तस बने हुए हैं। पटना समेत गया, भोजपुर, मुंगेर, समस्तीपुर, किशनगंज जैसे कई जिलों में भारी बारिश का दौर जारी है।

बारिश का यह दौर 20 सितंबर तक जारी रह सकता है

भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले पांच दिनों तक यह सिलसिला जारी रहेगा, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ने और बाढ़ का खतरा गहरा गया है। उमस भरी गर्मी से तो राहत मिली, लेकिन अब जलजमाव और यातायात की समस्याएं सिरदर्द बन गई हैं। आईएमडी की मानें तो पूर्वोत्तर बांग्लादेश और असम के ऊपर बना चक्रवाती तंत्र तथा बंगाल की खाड़ी में सक्रिय लो-प्रेशर एरिया ने बिहार के मौसम को पूरी तरह हिला दिया है। समुद्र से आने वाली नमी के कारण बारिश का यह दौर 20 सितंबर तक जारी रह सकता है।

मौसम विभाग ने 13 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है, जहां अति भारी वर्षा की आशंका है। इनमें किशनगंज, अररिया, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, खगड़िया प्रमुख हैं। वहीं पटना, मुंगेर, भोजपुर, बेगूसराय और शेखपुरा में भी मध्यम से भारी बारिश जारी रहेगी। वज्रपात हाेने का खतरा सबसे ज्यादा उत्तर और दक्षिण बिहार के ग्रामीण इलाकों में है। गंगा, कोसी और बागमती नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, उत्तराखंड की बारिश का असर भी यहां दिख रहा है।

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Chhapra: श्री चित्रांश समिति, छपरा के द्वारा ब्रज किशोर किंडरगार्टन में पूर्व से प्रस्तावित कार्यक्रम के आलोक में रविवार को निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

जिसमे सभी प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ॰ पंकज कुमार, विशिष्ट सदस्य रवि शंकर श्रीवास्तव, महासचिव पंकज कुमार वर्मा, संयुक्त सचिव अविनाश कुमार और रितेश चांद, सचिव सुबोध कुमार सिन्हा,कोषाध्यक्ष रविशंकर दत्ता, उपकोषाध्यक्ष अश्विनी कुमार के साथ ही अन्य चित्रांश सदस्य उपस्थित रहे।

प्रतियोगिता का पर्यवेक्षण सुप्रिया पांडे, शिक्षिका, ब्रज किशोर किंडरगार्टन के द्वारा किया गया। इस प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को दिनांक 23 अक्टूबर 2025 को संध्या 06:00 बजे समिति के सांस्कृतिक कार्यक्रम समारोह के मंच से पुरस्कृत किया जाएगा।

अन्य प्रतिभागियों को भी सांत्वना पुरस्कार दिया जाएगा। जानकारी महासचिव पंकज कुमार वर्मा ने दी।

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Jammu, 03 सितंबर (हि.स.)। उत्तर रेलवे ने जम्मू और कटरा स्टेशनों से 30 सितंबर तक आने-जाने वाली 68 ट्रेनों को रद्द कर दी हैं, जबकि 24 ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू किया जा रहा है। हाल ही में हुई भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के बाद पठानकोट-जम्मू सेक्शन में कई जगहों पर आठ दिनों से रेल यातायात बाधित है।

भारी बारिश के कारण रेल और सड़क यातायात बुरी तरह बाधित हुआ है

रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि 26 अगस्त से जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बड़ी संख्या में लोग, खासकर तीर्थयात्री फंस गए हैं। रेल और सड़क यातायात बुरी तरह बाधित हुआ है। जम्मू क्षेत्र में बुधवार तक 380 मिमी बारिश के साथ 1910 के बाद से सबसे भारी बारिश दर्ज की गई है। फंसे हुए यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए जम्मू तवी-श्री माता वैष्णो देवी कटरा (2 शटल सेवायें), जम्मू तवी-कोलकाता और श्री माता वैष्णो देवी कटरा-नई दिल्ली ट्रेन चलाई जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि जम्मू-कटरा सेक्शन में शटल सेवा के लिए चार ट्रेनें 1 से 15 सितंबर तक चलेंगी। रेलवे ने संपर्क क्रांति और सियालदह एक्सप्रेस ट्रेनों, कंत्री एक्सप्रेस, वंदे भारत, त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस और शटल सेवाओं का संचालन बहाल कर दिया है। उन्होंने बताया कि जम्मू और कटरा के बीच स्थानीय लोगों और फंसे हुए यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए दो जोड़ी ट्रेनों को शामिल करने के साथ शटल सेवायें शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कोलकाता और वैष्णो देवी-नई दिल्ली ट्रेनें चल रही हैं। वंदे भारत ट्रेन 7 सितंबर से फिर से चालू होगी। जम्मू से सात ट्रेनों में कुल 5,784 फंसे हुए यात्रियों को उनकी आगे की यात्रा के लिए रवाना किया गया है।

 

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Patna, 3 सितंबर (हि.स.)। बिहार में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग पटना ने आज भारी बारिश को लेकर 11 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 12 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। दूसरी ओर नेपाल में हो रही बारिश की वजह से सुपौल में कोसी नदी उफान पर है।

 सारण सहित बिहार के 11 जिलों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट

जिन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, उनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, कैमूर, अरवल और औरंगाबाद शामिल है। सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, , मधेपुरा, सहरसा, खगाड़िया, भागलपुर, मुंगेर, जमुई और बांका मौसम विभाग ने बिहार के 11 जिलों में भारी बारिश को लेकर जारी किया ऑरेंज अलर्ट।

इन सभी जिलों में तेज हवा, मेघ गर्जन और भारी बारिश समेत वज्रपात की चेतावनी जारी की गई है. साथ ही यहां पर 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी।

11 सिंतबर से 18 सितंबर के बीच कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है।

मौसम विभाग ने राज्य के लोगों को एडवाइजरी जारी की है कि जलभराव और बाढ़ की स्थिति में लोग ऊंचे स्थानों पर चले जाएं। साथ ही खुले बिजली के तारों से दूर रहे हैं और व्रजपात के दौरान खुले मैदान समेत ऊंचे पेड़ों के पास खड़े होने से बचें।

मौसम विभाग पटना के अनुसार बिहार में मानसून अभी थोड़ा कमजोर पड़ गया है, लेकिन 11 सिंतबर से 18 सितंबर के बीच कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। इससे शहरों में जलभराव की समस्या पैदा होगा, लेकिन किसानों को राहत जरूर मिलेगी।

बीते 24 घंटे में कैमूर, जमुई और मुंगेर में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। बिहार में इस बार अब तक सामान्य से करीब 29 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि कुछ जिलों में बारिश की कमी 61 प्रतिशत तक बनी हुई है।

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New Delhi, 30 अगस्त (हि.स.)। केंद्र सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा के 6 महीने बाद भी अधिसूचना जारी न होने से नाराज रेलवे कर्मचारी 19 सितंबर को देशभर में प्रदर्शन करेंगे। यह जानकारी शनिवार को ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) ने दी।

रेलवे कर्मचारियों 19 सितंबर को देशभर में रेलवे कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे

फेडरेशन के अनुसार, एआईआरएफ की नई दिल्ली में इस मुद्दे पर 28 अगस्त को मीटिंग हुई थी। मीटिंग में तय किया गया कि कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग की घोषणा विगत जनवरी में की। इसके 6 महीने गुजरने के बाद भी तक गजट नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया। इसको लेकर 19 सितंबर को देशभर में रेलवे कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे। साथ ही सारे कर्मचारी 19 सितंबर 1968 को रेलवे की हड़ताल के दौरान मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि देंगे।

आठवें वेतन आयोग का गजट नोटिफिकेशन तुरंत जारी करें: शिव गोपाल मिश्र

एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने बताया कि 19 सितंबर को पूरे देश में लाखों कर्मचारी सरकार को ध्यान दिलाने के लिए प्रदर्शन करेंगे। इसलिए उन्होंने सभी कर्मचारियों से अनुरोध किया है कि कर्मचारी इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण हो और व्यापक ढंग से हो। उन्होंने भारत सरकार से भी अनुरोध किया है कि आठवें वेतन आयोग का गजट नोटिफिकेशन तुरंत जारी करें, जिससे कर्मचारियों का रोष कम कराया जा सके और उन्हें शांत करने में मदद मिले।

उल्लेखनीय है कि 19 सितंबर 1968 को केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने एक दिन की बड़ी हड़ताल की, जिसका नेतृत्व ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) ने किया था। इस हड़ताल का मकसद बढ़ती महंगाई के खिलाफ जरूरत आधारित न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ता मांगना था। इस हड़ताल में रेलवे, रक्षा, डाक और टेलीग्राफ जैसे कई सरकारी विभागों के कर्मचारी शामिल हुए।

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