– पहलगाम में हुए हमले के बाद भारतीय सेना ने अपने तय किए लक्ष्य पर सिर्फ 22 मिनट में सफलता पाई : प्रधानमंत्री मोदी
– जो लोग गांधीजी के नाम पर अपनी गाड़ी चलाते रहे, उनके मुंह से न कभी स्वच्छता शब्द सुना और न ही स्वदेशी शब्द : मोदी

अहमदाबाद, 25 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी आज से दो दिन के गुजरात प्रवास पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से निकोल तक भव्य रोड शो किया और एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने शहरी विकास वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में 5477 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस मौके पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, प्रदेश अध्यक्ष एवं केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटील और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में सभी ने मेक इन इंडिया अपनाने का संकल्प लिया।

भारतीय जनता पार्टी गुजरात प्रदेश के मीडिया विभाग ने एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देशभर में गणेश उत्सव का अद्भुत उत्साह देखने को मिल रहा है। गणपति बाप्पा के आशीर्वाद से गुजरात के विकास से जुड़े अनेक कार्यों का श्रीगणेश हुआ है। यह मेरा सौभाग्य है कि अनेक परियोजनाएं जनता को समर्पित करने का अवसर मिला। इन विकास कार्यों के लिए जनता को बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है। देश के अन्य राज्यों में भी बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। हर प्रभावित परिवार के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं। प्रकृति का प्रकोप आज पूरे देश और दुनिया के लिए चुनौती बना हुआ है। केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य कर रही है।

मोदी ने आगे कहा कि गुजरात की धरती दो “मोहन” की धरती है- एक सुदर्शन चक्रधारी मोहन अर्थात हमारे द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण और दूसरे चरखा धारी मोहन अर्थात पूज्य बापू जी। आज हम दोनों के दिखाये मार्ग पर चलकर निरंतर मजबूत हो रहे हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने हमें सिखाया कि समाज और देश की रक्षा कैसे करनी है। उनका सुदर्शन चक्र न्याय और सुरक्षा का कवच बना, जो दुश्मन को पाताल में जाकर भी सजा देता है। यही भावना आज भारत के निर्णयों में देश और दुनिया महसूस कर रही है।

अहमदाबाद के पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात और खासकर अहमदाबाद ने ऐसे दिन भी देखे जब दंगाइयों, चाकू चलाने वालों और कर्फ्यू के कारण त्योहारों पर खून-खराबा होता था, लेकिन आज आतंकियों और उनके आकाओं को सरकार छोड़ती नहीं है। पहले की दिल्ली की कांग्रेस सरकारें चुप बैठी रहती थीं, जब हमारे जवानों का खून बहता था लेकिन दुनिया ने देखा कि पहलगाम का बदला भारत ने कैसे लिया- 22 मिनट में हमारी सेना ने सफाचट कर दिया। तय किए गए लक्ष्य पर सेना ने वार कर आतंकवाद की नाभि पर हमला किया। ऑपरेशन सिंदूर सेना के शौर्य और सुदर्शन चक्रधारी मोहन के भारत की इच्छाशक्ति का प्रतीक बन गया है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि चरखा धारी मोहन, पूज्य बापू जी ने भारत की समृद्धि का मार्ग स्वदेशी में बताया था। साबरमती आश्रम इसका साक्षी है। लेकिन जिन लोगों ने बापू के नाम पर सत्ता का सुख भोगा। उन्होंने स्वदेशी के मंत्र के साथ क्या किया ? उनके मुंह से न तो स्वच्छता और न ही स्वदेशी का शब्द सुनाई देता है। 60–65 वर्षों तक कांग्रेस ने शासन किया और भारत को दूसरे देशों पर निर्भर रखा ताकि वे सत्ता में बैठे-बैठे आयात से खेल सकें लेकिन आज भारत ने आत्मनिर्भरता को विकसित भारत के निर्माण का आधार बनाया है। किसानों, मछुआरों, पशुपालकों और उद्योगकारों के दम पर भारत तेजी से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। गुजरात का डेयरी सेक्टर बहुत मजबूत है और इसमें बहनों का योगदान सबसे बड़ा है। उन्होंने पशुपालन कर डेयरी शक्ति को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने छोटे उद्योगकारों, किसानों, पशुपालकों से कहा कि आज दुनिया में आर्थिक स्वार्थ की राजनीति हो रही है। मैं अहमदाबाद की धरती से वचन देता हूं कि मोदी के लिए आपका हित सर्वोपरि है। मेरी सरकार कभी आपके साथ अन्याय नहीं होने देगी। कितना भी दबाव आए, हम उसे सहन करने की शक्ति बढ़ाते रहेंगे। आत्मनिर्भर भारत अभियान को गुजरात से बहुत ऊर्जा मिली है। यह दो दशकों की मेहनत का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि कभी अहमदाबाद में दूध-छाछ के लिए भी कर्फ्यू लगते थे, लेकिन आज अहमदाबाद देश का सबसे सुरक्षित शहर बन चुका है। गुजरात की शांति और सुरक्षा ने हर क्षेत्र में विकास के अवसर बढ़ाए हैं। आज गुजरात मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर चुका है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि गुजरात में बने मेट्रो कोच अन्य देशों में निर्यात हो रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ गुजरात में कारखाने लगा रही हैं। इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन का भी गुजरात बड़ा केंद्र बन रहा है। सेमीकंडक्टर सेक्टर, टेक्सटाइल, जेम्स-ज्वेलरी, दवा और वैक्सीन निर्माण में गुजरात अग्रणी है। ग्रीन एनर्जी और पेट्रोकेमिकल हब के रूप में भी गुजरात की भूमिका अहम है।

उन्होंने कहा कि साबरमती आश्रम का नवीनीकरण हो रहा है। सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा के बाद यह कार्य ऐतिहासिक है। गरीब जब गरीबी से बाहर निकलते हैं तो नया नियो मिडल क्लास बनकर देश की ताकत बनते हैं। हमारी सरकार ने 12 लाख की आय पर आयकर माफ कर दिया। जीएसटी में भी सुधार हो रहे हैं और दिवाली से पहले बड़ी सौगात मिलने वाली है। स्वच्छता अभियान एक दिन का काम नहीं, बल्कि रोज का कार्य है।

प्रधानमंत्री ने साबरमती रिवरफ्रंट, कांकड़िया कार्निवल, अहमदाबाद के पर्यटन महत्व का भी उल्लेख किया और कहा कि अहमदाबाद यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी है। उन्होंने कहा कि त्योहार केवल संस्कृति का ही नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता का भी उत्सव बनना चाहिए। 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बनेगा और इसका रास्ता स्वदेशी और आत्मनिर्भरता से होकर जाता है।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने संबोधन में कहा कि गुजरात के पनोता पुत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी ने लगातार 4078 दिनों से अधिक शासन कार्य कर देश की राजनीति में अनूठा इतिहास रचा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर सफलतापूर्वक पूरा किया। यह मोदी जी के नेतृत्व में भारत की शक्ति और आत्मनिर्भरता का परिचायक है।

इस कार्यक्रम में राज्य के मंत्रीगण, प्रदेश और जिला पदाधिकारी, सांसद, विधायक और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत मंगलवार से अगले 3 दिन दिल्ली के विज्ञान भवन में समाज के विविध क्षेत्र से जुड़े लोगों से संगठन की 100 वर्षों की यात्रा पर संवाद करेंगे। कल से प्रारंभ होने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन में अब तक 1300 गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थित की पुष्टि की है। सम्मेलन का विषय 100 वर्ष की संघ यात्रा ‘नए क्षितिज’ है।

तीन दिवसीय सम्मेलन से एक दिन पूर्व सोमवार को संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने पत्रकारों से बातचीत में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय आयोजन में सेवानिवृत न्यायाधीश, पूर्व राजनयिक, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न देशों के राजनयिक और खेल व कला क्षेत्र से जुड़ी हस्तियों तथा राजनीतिक दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। इनमें से अब तक 1300 ने निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विजयादशमी के दिन वर्ष 1925 में नागपुर में स्थापना हुई थी। यह वर्ष संघ अपने शताब्दी वर्ष के तौर पर मना रहा है और इसी क्रम में संगठन ने देशभर में अपने स्वयंसेवकों के माध्यम से समाज से संवाद करने के विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई है। यह कार्यक्रम 02 अक्टूबर को विजयादशमी से प्रारंभ होंगे, जिसमें देशभर में संघ के स्वयंसेवक गणवेश में संचलन करेंगे।

इसके बाद घर-घर जाकर संघ के बारे में जानकारी देने से जुड़ा संपर्क अभियान, हिंदू सम्मेलन, सद्भाव बैठकें और अन्य आयोजन होंगे। इसी कड़ी में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के देश के चार प्रमुख शहरों में तीन दिवसीय संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किए जायेंगे। इस कड़ी में पहला आयोजन कल से दिल्ली में हो रहा है। दिल्ली के विज्ञान भवन शाम को सरसंघचालक संवाद करेंगे। इसी तरह का एक आयोजन 2018 में भी विज्ञान भवन में ही आयोजित हो चुका है।

सुनील आंबेकर ने बताया कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, पूर्व राजनयिक कंवल सिब्बल, खेल क्षेत्र से जुड़े जुड़े अभिनव बिंद्रा और कपिल देव कल के आयोजन में शामिल होने की संतुति दे चुके हैं।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (हि.स.)। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने रविवार को कहा कि भारतीय लोकतंत्र किसी अन्य देश से आयातित नहीं, बल्कि हमारी परंपराओं, महाकाव्यों और दार्शनिक विचारधारा में निहित है, जहां सदा धर्म और नैतिकता ने सत्ता का मार्गदर्शन किया। उन्होंने इन शब्दों के साथ आज ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस के द्वितीय सत्र को संबोधित किया। सत्र का विषय “भारत – मदर ऑफ डेमोक्रेसी” था, जो केंद्रीय विधानसभा के प्रथम भारतीय अध्यक्ष विट्ठलभाई पटेल के 1925 के निर्वाचन की शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। इस अवसर पर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट भी उपस्थित रहे।

हरिवंश ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक परंपरा हजारों वर्षों पुरानी है। उन्होंने उल्लेख किया कि ऋग्वेद से ही सभा और समिति जैसी सामूहिक विमर्श की संस्थाओं का उल्लेख मिलता है। रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों में नेतृत्व का संबंध त्याग, नैतिकता और प्रजाजन के प्रति जिम्मेदारी से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी चिंतकों ने राजनीति को नैतिकता से अलग किया, जबकि भारतीय चिंतन में धर्म और शासन हमेशा साथ रहे। उन्होंने कौटिल्य के अर्थशास्त्र का हवाला देते हुए कहा कि “राजा का सुख प्रजा के सुख में है,” और इसे मैकियावेली के उस विचार से अलग बताया कि शासक के लिए भयभीत करना प्रिय होने से अधिक महत्त्वपूर्ण है।

उपसभापति ने कहा कि लोकतंत्र केवल ग्रंथों में ही नहीं बल्कि भारत के सामाजिक जीवन और संस्थानों में भी दृष्टिगोचर होता है – ग्राम पंचायतों, बौद्ध संघों, गणराज्यों से लेकर भक्ति और सूफी आंदोलनों तक। उन्होंने कहा कि गांधीजी स्वयं कहते थे “हम लोकतांत्रिक संस्कृति के लोग हैं” और डॉ. आंबेडकर ने “शिक्षित बनो, संगठित हो, संघर्ष करो” का आह्वान कर इसी परंपरा को आगे बढ़ाया। उन्होंने अब्राहम लिंकन के प्रसिद्ध कथन “लोक के लिए, लोक द्वारा, लोक की सरकार” को कौटिल्य के शाश्वत सूत्र से जोड़ा, जिसमें कहा गया है कि राजा का अस्तित्व प्रजा से अलग नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस परंपरा का आधुनिक रूप 1925 में तब सामने आया जब विट्ठलभाई पटेल केंद्रीय विधान सभा के पहले भारतीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इसने न केवल सरकार के उम्मीदवार को पराजित किया बल्कि अध्यक्ष पद की स्वतंत्रता और गरिमा की परंपरा स्थापित की। सिंह ने याद दिलाया कि यह सदन महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल, पं. मोतीलाल नेहरू, महामना मालवीय जैसे नेताओं की आवाजों का साक्षी रहा है, जिनकी वाणी ने रोलेट एक्ट के विरुद्ध संघर्ष से लेकर असहयोग और सविनय अवज्ञा जैसे आंदोलनों को जन्म दिया।

हरिवंश ने कहा कि यह विधानसभा उन महान नेताओं की वाणी से गूंजी है जिन्होंने भारत की नियति गढ़ी। उनके स्वप्न को आगे बढ़ाना केवल हमारी जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि हमारा पवित्र कर्तव्य है। उन्होंने आह्वान किया कि भारत जब 2047 की ओर अग्रसर है, तो लोकतंत्र केवल प्रक्रिया या दलगत राजनीति तक सीमित न रहे, बल्कि नैतिकता, जवाबदेही और जनता की सेवा का प्रतीक बना रहे।

इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष कृष्ण लाल मिड्ढा, केरल विधानसभा के अध्यक्ष एएन शमसीर, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह, जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर, महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नरेवर, राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवानी, महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति राम शिंदे और आंध्र प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष केआर रामकृष्णम राजू सहित अनेक गणमान्य अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों ने भी विचार व्यक्त किए। सभी वक्ताओं ने अपने-अपने राज्यों की समृद्ध विधायी परंपराओं का उल्लेख करते हुए लोकतंत्र को और सशक्त बनाने में अध्यक्षों की भूमिका पर मूल्यवान दृष्टिकोण साझा किया।

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जम्मू, 24 अगस्त (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को जम्मू के राजभवन में अधिकारियों के साथ बैठक की और किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना के बाद राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की, जिसमें 65 लोगों की जान चली गई।

जम्मू अस्पताल का दौरा करने के बाद राजनाथ सिंह ने क्षेत्र में बाढ़ की समग्र स्थिति की समीक्षा के लिए जम्मू के राजभवन में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, सेना और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हुए।

बैठक के दौरान रक्षा मंत्री ने चल रहे राहत कार्यों का मूल्यांकन किया और बचाव एवं पुनर्वास प्रयासों को बेहतर बनाने की रणनीतियों पर चर्चा की।

उन्होंने क्षेत्र में हाल ही में हुए बादल फटने से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने में जम्मू और कश्मीर सरकार को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

खराब मौसम के कारण सिंह बादल फटने से प्रभावित स्थल का प्रत्यक्ष दौरा नहीं कर सके। इसके बजाय, वह जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) गए जहां उन्होंने इलाज के लिए भर्ती कई बचे हुए लोगों से मुलाकात की।

अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने उनकी चिकित्सा स्थिति और अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा उन्हें दी जा रही देखभाल के बारे में पूछताछ की।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (हि.स.)।​ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ​रविवार को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान इसरो के पहले अंतरिक्ष उड़ान मिशन ​’गगनयान​’ का हिस्सा बनने वाले ​वायु सेना के चारों ग्रुप कैप्टन​ को सम्मानित किया।​ रक्षा मंत्री ने चारों गगन यात्रियों को देश के रत्न और राष्ट्रीय आकांक्षाओं का अग्रदूत बताया।​ उन्होंने कहा कि भारत अंतरिक्ष को केवल अनुसंधान के क्षेत्र के रूप में नहीं बल्कि कल की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, ऊर्जा और मानवता के भविष्य के रूप में देखता है।

रक्षा मंत्री​ ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, ग्रुप कैप्टन पीबी नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप को सम्मानित करने ​के बाद अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती उपस्थिति पर प्रकाश डालते हुए​ कहा​ कि हम पृथ्वी की सतह से आगे अंतरिक्ष की नई सीमाओं की ओर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। हम चंद्रमा से लेकर मंगल तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं और आज हमारा देश गगनयान जैसे मिशनों के लिए पूरी तरह तैयार है।​ रक्षा मंत्री ने इस उपलब्धि को केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत की ओर एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा​ कि भारत दुनिया की अग्रणी अंतरिक्ष शक्तियों में गर्व से​ ऊंचा स्थान रखता है।

​उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष कार्यक्रम केवल प्रयोगशालाओं और प्रक्षेपण यान तक ही सीमित नहीं है। यह हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओं और वैश्विक दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है। चंद्रयान से लेकर मंगलयान तक हमने यह प्रदर्शित किया है कि सीमित संसाधनों के साथ भी असीमित इच्छाशक्ति सबसे चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों को उल्लेखनीय उपलब्धियों में बदल सकती है। राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अंतरिक्ष यात्रा में पीछे नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंतरिक्ष खनन, गहन अंतरिक्ष अन्वेषण और ग्रहीय संसाधन मानव सभ्यता की दिशा को पुनर्परिभाषित करेंगे।

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि दुनिया एक ऐसे युग में प्रवेश कर चुकी है​, जहां अंतरिक्ष अब केवल सैन्य शक्ति या तकनीकी कौशल का प्रतीक नहीं, बल्कि मानव सभ्यता की सामूहिक यात्रा में एक नया पड़ाव है। उन्होंने कहा​ कि भारत ने हमेशा दुनिया को ​’वसुधैव कुटुम्बकम​’ का संदेश दिया है और आज हमारे वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री इसी संदेश को नई​ ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।​ सफल अंतरिक्ष मिशन के लिए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के दृढ़ संकल्प और साहस पर उन्होंने कहा​ कि ढाई साल का प्रशिक्षण मात्र ढाई महीने में पूरा ​करना उनकी असाधारण उपलब्धि​, व्यक्तिगत समर्पण और भारतीय जनता की दृढ़ता का प्रतीक है।

रक्षा मंत्री ने कहा​ कि हालांकि​ शुभांशु भारतीय वायु सेना की वर्दी पहनते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में उनकी यात्रा केवल सशस्त्र बलों या भारत की ओर से नहीं, बल्कि समस्त मानवता के प्रतिनिधि के रूप में थी। इस ऐतिहासिक मिशन के माध्यम से नागरिक क्षेत्र में उनका योगदान इतिहास में सदैव अंकित रहेगा।​ अंतरिक्ष यात्रियों को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार करने की आवश्यकता पर बल देते हुए राजनाथ सिंह ने इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उनकी​ यह असाधारण उपलब्धि केवल भारत का गौरव ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता की प्रगति का प्रमाण है।

इस कार्यक्रम में ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने एक्सिओम मिशन 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के अपने असाधारण अनुभव को साझा किया। सम्मान समारोह के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और वायु​ सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी उपस्थित थे।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (रा.स्व.संघ) की अखिल भारतीय समन्वय बैठक आगामी 05 से 07 सितम्बर तक जोधपुर (राजस्थान) में आयोजित होगी। बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत एवं सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित सभी छह सह सरकार्यवाह और अन्य प्रमुख पदाधिकारी भाग लेंगे।

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि रा.स्व.संघ प्रतिवर्ष तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक आयोजित करता है। गत वर्ष यह बैठक सितंबर, 2024 में पालक्काड (केरल) में संपन्न हुई थी। संघ की इस अखिल भारतीय समन्वय बैठक में संघ प्रेरित 32 विविध संगठनों के चयनित पदाधिकारी ही सहभागी होते हैं। मुख्यतः यह संगठनों के अध्यक्ष और संगठन महामंत्री होते हैं। इस वर्ष भी बैठक में राष्ट्र सेविका समिति, वनवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिन्दू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय किसान संघ, विद्या भारती, भारतीय मजदूर संघ सहित 32 संघ प्रेरित विविध संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन मंत्री एवं प्रमुख पदाधिकारी सहभागी होंगे।

सुनील आंबेकर के अनुसार यह सभी संगठन संघ विचारों के अनुरूप समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक रूप से कार्यरत हैं। सार्वजनिक जीवन में लोकतांत्रिक पद्धति से सामाजिक परिवर्तन एवं व्यवस्थाओं में सुधार हेतु निरंतर प्रयासरत रहते हैं। बैठक में सभी संगठन कार्य क्षेत्र में अपने अनुभवों के आधार पर परिस्थितियों का आकलन प्रस्तुत करते हैं। राष्ट्रीय एकात्मता, सुरक्षा एवं सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण विषयों पर बैठक में व्यापक चर्चा तथा करणीय कार्यों में परस्पर समन्वय स्थापित करने के लिए आवश्यक कदमों की पहल होती है। हाल ही में हुई महत्वपूर्ण घटनाओं पर सामूहिक समीक्षात्मक विश्लेषण भी किया जाएगा।

इस बार की बैठक में भी विविध संगठन के कार्यकर्ता अपने कार्य की जानकारी, उपलब्धियों तथा आगामी योजनाओं को भी प्रस्तुत करेंगे। चूंकि, यह संघ की स्थापना का सौवां साल है, तो संघ शताब्दी के निमित्त कार्यक्रमों में सभी संगठनों की सहभागिता पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

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Supreme Court: आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ कहा कि कुत्तों को पकड़कर हमेशा के लिए शेल्टर होम में नहीं रखा जा सकता। उन्हें स्टरलाइज करने के बाद वापस छोड़ा जाएगा। शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि पूरे देश में इसके लिए एक समान नियम लागू होना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि खतरनाक और आक्रामक कुत्तों को बाहर नहीं छोड़ा जाएगा।

सार्वजनिक जगह पर खाना खिलाने पर रोक

कोर्ट ने आदेश दिया कि अब सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर पाबंदी होगी। इसके लिए हर इलाके में अलग से तय स्थान बनाया जाए, ताकि लोगों को परेशानी न हो। अदालत ने कहा कि इधर-उधर कुत्तों को खाना देने से कई बार समस्या खड़ी हो जाती है।

पुराने आदेश में बदलाव

दरअसल, 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम भेजने का निर्देश दिया था। इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। इसके बाद तीन जजों की नई बेंच—जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया ने मामले की सुनवाई की और अब नया आदेश दिया है।

अदालत की टिप्पणी

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़कों पर आवारा कुत्तों की समस्या बढ़ने के पीछे प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार है। अदालत चाहती है कि इस मुद्दे पर एक राष्ट्रीय नीति बने, ताकि देशभर में एक ही तरह से नियम लागू किए जा सकें।

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New Delhi, 21 अगस्त (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम 4 मिशन से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार को कहा कि अंतरिक्ष से भारत सारे जहां से अच्छा दिखता है।

 शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन की सफल समापन तक के अपने सफ़र के बारे में बताया

शुभांशु शुक्ला ने राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता में एक्सिओम-4 मिशन की शुरुआत से लेकर उसके सफल समापन तक के अपने सफ़र के बारे में बताया। इस दौरान केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह और इसरो के अधिकारी भी मौजूद रहे।

शुक्ला ने कहा कि चाहे कोई कितनी भी ट्रेनिंग क्यों न ली हो, उसके बाद भी जब आप रॉकेट में बैठते हैं और इंजन के शुरू होते ही एक बहुत ही अलग एहसास होता है। उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। यह अनुभव अविश्वसनीय, सफर रोमांचक और अद्भुत था। उन्होंने सरकार, इसरो, वैज्ञानिकों और नागरिकों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस मिशन को संभव बनाया।

अंतरिक्ष यात्री शुक्ला ने कहा कि यह मिशन भारत की वैज्ञानिक क्षमता और वैश्विक अंतरिक्ष सहयोग का एक सशक्त प्रमाण है। अंतरिक्ष में बिताए गए हर पल ने न केवल तकनीकी उत्कृष्टता का अनुभव कराया, बल्कि मानवता के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले।

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New Delhi, 21 अगस्त (हि.स.)। लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी। इस सत्र में 14 विधेयक प्रस्तुत किए गए और 12 विधेयक पारित हुए। विपक्ष के बिहार में मतदाता सूची अपडेट की प्रक्रिया और अन्य मुद्दों पर हंगामा के चलते कार्यवाही प्रभावित रही।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सदन में उपस्थित रहे

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्र के समापन पर सदन में हुए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नियोजित व्यवधानों के कारण 120 घंटे की तय चर्चा में से केवल 37 घंटे ही चर्चा संभव हो पाई। सत्र 21 जुलाई को प्रारंभ हुआ था और आज इसकी समाप्ति की घोषणा की जा रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सदन में उपस्थित रहे।

लगातार व्यवधानों के कारण केवल 55 प्रश्नों के ही मौखिक उत्तर दिए जा सके

बिरला ने बताया कि सदन में 28-29 जुलाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा हुई, जिसका समापन प्रधानमंत्री के जवाब से हुआ। इसके अलावा 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर विशेष चर्चा आयोजित की गयी। इस सत्र में 419 तारांकित प्रश्न पूछे जाने के लिए सूचीबद्ध किए गए थे। किंतु लगातार व्यवधानों के कारण केवल 55 प्रश्नों के ही मौखिक उत्तर दिए जा सके।

प्रधानमंत्री ने जताई खेद

उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि प्रारंभ में तय हुए 120 घंटे की चर्चा के स्थान पर मात्र 37 घंटे की ही कार्यवाही हो पाई। उन्होंने कहा कि संसद जनता की अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। इसलिए सदन में मर्यादित भाषा और आचरण बनाए रखना आवश्यक है। नारेबाज़ी, तख्तियां दिखाना और नियोजित गतिरोध संसदीय परंपराओं और गरिमा के अनुरूप नहीं हैं। असहमति लोकतंत्र का हिस्सा है, परंतु उसे शालीनता और गरिमा के साथ व्यक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने राजनीतिक दलों और सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे आत्ममंथन करें और संसद को जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप सार्थक चर्चा का मंच बनाएं।

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New Delhi, 21 अगस्त (हि.स.)। केंद्र सरकार ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले के बाद उनकी सुरक्षा को और कड़ी करते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में अब दिल्ली पुलिस के साथ-साथ सीआरपीएफ के जवान भी तैनात रहेंगे। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी है।

हमले उनके दृढ़ विश्वास और दिल्ली के विकास के जुनून को कम नहीं कर सकते: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता 

इसी बीच दिल्ली के सातों भाजपा सांसदों- रामवीर सिंह बिधूड़ी, बांसुरी स्वराज, हर्ष मल्होत्रा, मनोज तिवारी, प्रवीण खंडेलवाल, कमलजीत सहरावत और योगेंद्र चंदेलिया ने आज मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से उनके आवास पर जाकर उनका कुशलक्षेम पूछा। यह जानकारी सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी एक एक्स पोस्ट में दी। सांसदों ने कहा कि पिछले छह महीनों में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा किए जा रहे बड़े-बड़े कार्यों से जहां वह जनता में विकास की देवी के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त कर रही हैं, वहीं कुछ लोगों को जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं हल करने का अंदाज रास नहीं आ रहा। सातों सांसदों ने रेखा गुप्ता के बुलंद हौसलों और विकास के रास्ते पर चलने के अडिग इरादे की प्रशंसा की।

सांसदों ने मुख्यमंत्री के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करके जनता के बीच आने की कामना की। रेखा गुप्ता ने भी कहा कि ऐसे हमले उनके दृढ़ विश्वास और दिल्ली के विकास के जुनून को कम नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री पर हमले के आरोपित राजेश भाई खिमजी भाई सकरिया को तीस हजारी कोर्ट ने बुधवार रात पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है।

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New Delhi, 21 अगस्त (हि.स.)। प्रशांत महासागर में भारत के महत्वपूर्ण मित्र देश फिजी के प्रधानमंत्री सितिवेनी लिगमामादा राबुका, 24 अगस्त को भारत की तीन दिन की राजकीय यात्रा पर यहां आएंगे।

फिजी के प्रधानमंत्री के साथ उनकी पत्नी सुलुएती राबुका भी आएंगी

विदेश मंत्रालय ने आज यहां बताया कि राबुका के साथ उनकी पत्नी सुलुएती राबुका भी आएंगी तथा उनके साथ आने वाले प्रतिनिधि मंडल में फिजी के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवा मंत्री रातू अटोनियो लालबालावु और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री राबुका की वर्तमान पद पर यह पहली भारत यात्रा होगी। नई दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री राबुका 25 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी अतिथि के सम्मान में दोपहर के भोज देंगे। प्रधानमंत्री राबुका नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात करेंगे।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति मुर्मु ने अगस्त 2024 में फिजी का दौरा किया था। राबुका की भारत यात्रा के पहले प्रशांत महासागर के एक और महत्वपूर्ण मित्र फिलीपीन्स के राष्ट्रपति भी इसी माह भारत की यात्रा पर आये थे।

प्रधानमंत्री राबुका का यहां भारतीय थिंक टैंक वैश्विक मामलों की भारतीय परिषद (आईसीडब्ल्यूए) में ‘शांति का महासागर’ विषय पर व्याख्यान देने का भी कार्यक्रम है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री राबुका की यह यात्रा भारत और फिजी के बीच दीर्घकालिक और स्थायी संबंधों को रेखांकित करती है। यह सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने तथा हमारे लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों को और गहरा करने के लिए दोनों देशों की निरंतर प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।

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संसद की कार्यवाही अब संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध सभी 22 भाषाओं में सुनी और समझी जा सकेगी। पहले तक यह सुविधा केवल 18 भाषाओं में सीमित थी, लेकिन अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसकी दायरा बढ़ाने की घोषणा की है। मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ओम बिरला ने कहा कि “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि संविधान में दर्ज सभी भाषाओं में अनुवाद की व्यवस्था हो।”

अब कश्मीरी, कोंकणी और संथाली भाषाओं को भी जोड़ दिया गया है

अब तक कार्यवाही का अनुवाद हिंदी और अंग्रेज़ी के अलावा जिन 18 भाषाओं में होता रहा है, वे हैं असमिया, बांग्ला, बोडो, डोगरी, गुजराती, कन्नड़, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू। अब इसमें कश्मीरी, कोंकणी और संथाली भाषाओं को भी जोड़ दिया गया है।

भाजपा सांसद ने भोजपुरी के लिए उठाई आवाज

इस दौरान भाजपा सांसद पश्चिमी चंपारण से संजय जयसवाल ने मांग उठाई कि भोजपुरी को भी इस सूची में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि “भोजपुरी करीब 30 करोड़ लोगों की भाषा है। सरकार से मेरा आग्रह है कि उसे भी सरकारी कार्यों की भाषा में शामिल किया जाए।”

इस सुझाव पर हम अवश्य बैठकर चर्चा करेंगे: गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय

इस पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सांसद संजय जयसवाल के सुझाव को सराहते हुए कहा कि यदि कोई लोकभाषा स्थानीय स्तर पर सांस्कृतिक रूप से बोलचाल की भाषा में अपनी पहचान बना चुकी है, तो उसके महत्व को भी हम महत्वपूर्ण मानते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि संजय जयसवाल के इस सुझाव पर हम अवश्य बैठकर चर्चा करेंगे। 

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