नई दिल्ली, 2 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 8 महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनकी कुल लंबाई 936 किलोमीटर और कुल लागत 50,655 करोड़ रुपये है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव में शुक्रवार देर शाम नेशनल मीडिया सेंटर में पत्रकारों को मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने ने बताया कि मंत्रिमंडल ने 6-लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 4-लेन खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 6-लेन थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 4-लेन अयोध्या रिंग रोड, रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर के पत्थलगांव और गुमला के बीच 4-लेन सेक्शन, 6-लेन कानपुर रिंग रोड, 4-लेन उत्तरी गुवाहाटी बाईपास और मौजूदा गुवाहाटी बाईपास का चौड़ीकरण/सुधार, पुणे के पास 8-लेन एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड़ कॉरिडोर को मंजूरी दी है।

मंत्री ने इन परियोजनाओं का लाभ बताया। उन्होंने कहा कि आगरा और ग्वालियर के बीच यात्रा का समय 50 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। खड़गपुर-मोरग्राम कॉरिडोर पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर की अर्थव्यवस्था को बदल देगा। कानपुर रिंग रोड़ शहर के आसपास के राजमार्ग नेटवर्क को भीड़भाड़ से मुक्त करेगा। रायपुर रांची कॉरिडोर के पूरा होने से झारखंड और छत्तीसगढ़ के विकास को गति मिलेगी। वहीं थराद और अहमदाबाद के बीच नया कॉरिडोर पूरा होने पर गुजरात में निर्बाध बंदरगाह संपर्क और कम लॉजिस्टिक्स लागत के लिए हाई स्पीड रोड नेटवर्क सुनिश्चित होगा।

0Shares

नई दिल्ली, 01 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद रहे राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा गुरुवार को केरल पहुंचे और वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित विभिन्न राहत शिविरों का दौरा किया।

राहुल गांधी ने 2019 और 2024 के आम चुनाव में वायनाड लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। हालांकि, 2024 में उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा सीट से जीतने के बाद उन्होंने वायनाड निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया, जहां से उपचुनाव होने पर प्रियंका के चुनाव लड़ने की उम्मीद है।

राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा सुबह साढ़े नौ बजे कन्नूर हवाईअड्डे पर उतरे और फिर सड़क मार्ग से वायनाड पहुंचे। कांग्रेस महासचिव और अलाप्पुझा के सांसद केसी वेणुगोपाल भी उनके साथ हैं।

पार्टी द्वारा साझा किए गए उनके यात्रा कार्यक्रम के अनुसार, राहुल और वाड्रा चूरामला भूस्खलन स्थल के साथ-साथ एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, डॉ. मूपेन मेडिकल कॉलेज और मेप्पादी में दो राहत शिविरों का भी दौरा करेंगे।

मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन ने मुंडक्काई, चूरालमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बस्तियों को प्रभावित किया। मुंडकई, चूरालमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बस्तियों में मंगलवार तड़के हुए भूस्खलन से महिलाओं और बच्चों समेत 173 लोगों की मौत हो गई है।

0Shares

-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भूस्खलन के मद्देनजर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से की बात-ध्रुव हेलीकॉप्टर ने वायनाड के चूरलमाला क्षेत्र में बचाव अभियान चलाकर एयरलिफ्ट किया

नई दिल्ली, 30 जुलाई (हि.स.)। केरल के वायनाड में मंगलवार तड़के भूस्खलन के बाद प्रभावित क्षेत्रों में तीनों सेनाओं और भारतीय तटरक्षक बल ने राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भूस्खलन के मद्देनजर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की। भारतीय सेना की टुकड़ियों के साथ भारतीय वायुसेना के ध्रुव हेलीकॉप्टर ने वायनाड के चूरलमाला क्षेत्र में बचाव अभियान चलाया, जहां आज भूस्खलन के कारण 93 लोगों की मौत हो गई है।

वायनाड में आज तड़के दुखद आपदा आने पर भारतीय सशस्त्र बलों ने तत्काल कार्रवाई की और बचाव कार्य शुरू करने के लिए 300 सैन्य कर्मियों को तुरंत भेजा गया। बचाव और राहत प्रयासों में सहायता के लिए सेना, नौसेना की टीमों और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों की अतिरिक्त टुकड़ियां जुटाई गईं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केरल के वायनाड में भूस्खलन के मद्देनजर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की। भारतीय सेना की टुकड़ियों को चल रहे बचाव और राहत कार्यों में लगाया गया है। अतिरिक्त सैनिक, भारी इंजीनियरिंग उपकरण, बचाव कुत्तों की टीमें और अन्य आवश्यक राहत सामग्री को त्रिवेंद्रम, बेंगलुरु और दिल्ली से सेवा विमानों से पहुंचाया जा रहा है।

उच्च प्रशिक्षित आईसीजी कर्मियों और चिकित्सा कर्मियों को आपदा प्रभावित समुदायों को तत्काल राहत और सहायता देने के लिए तैनात किया गया है। इन दलों को आवश्यक आपदा राहत सामग्री जैसे कि बचाव कार्यों के लिए रबर की हवा भरी नावें, पानी और जल निकासी की समस्याओं का प्रबंधन करने के लिए डीजल से चलने वाले पंप, सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट, प्रतिकूल मौसम की स्थिति में कर्मियों की सुरक्षा के लिए रेनकोट और गम बूट और मलबे को साफ करने और प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए मिट्टी साफ करने वाले अन्य उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।

भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) जिला मुख्यालय (केरल और माहे) और आईसीजी स्टेशन बेपोर ने केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत दल भेजे हैं। आईसीजी ने प्रभावित आबादी की सहायता के लिए खाद्य सामग्री, पेयजल और अन्य आवश्यक आपूर्ति भी भेजी है। कुशल सहायता वितरण सुनिश्चित करने के लिए इन आपूर्तियों के वितरण का तालमेल जिला आपदा प्रबंधन टीम के साथ किया जा रहा है। आईसीजी इस आपदा के असर को कम करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

0Shares

-जम्मू और कश्मीर के लिए 2024-25 का बजट लोकसभा से हुआ पारित
-लोकसभा ने ध्वनिमत से पास किया 48.21 लाख करोड़ रुपये का बजट

नई दिल्‍ली, 30 जुलाई (हि.स.)। लोकसभा ने मंगवलार को वित्‍त वर्ष 2024-25 के लिए 48.21 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय बजट को ध्‍वनिमत से पारित कर दिया है। लोकसभा ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बजट को भी ध्वनिमत से अपनी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही उससे संबंधित विनियोग विधेयक संख्‍या-3 को भी सदन ने ध्‍वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा में बजट पर 27 घंटे चर्चा हुई, जिसमें 125 सदस्यों ने भाग लिया।

इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का 5वां पूर्ण बजट पेश किया। सीतारमण ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के लिए वित्‍त वर्ष 2024-25 के लिए एक लाख 18 हजार 390 करोड़ रुपये का बजट किया। इससे पिछले वित्‍त वर्ष में यह एक लाख 18 हजार 500 करोड़ रुपये था। इस वित्‍त वर्ष में इसमें 110 करोड़ रुपये की कमी आई है। सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट में किसी भी सेक्टर का बजट नहीं घटाया गया है।

केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतामरण ने बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कि केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा वित्‍त वर्ष 2024-25 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 फीसदी और वित्‍त वर्ष 2025-26 तक 4.5 फीसदी से नीचे लाने का प्रस्ताव है। सीतारमण ने बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हमने इस वित्‍त वर्ष में जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्रीय बजट में 17 हजार करोड़ रुपये की पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान की है। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस की लागत के वित्तपोषण के लिए 12 हजार करोड़ रुपये शामिल हैं।

वित्‍त मंत्री ने लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह वह बोझ है जिसे हम अपने कंधों पर लेना चाहते हैं, ताकि जम्मू-कश्मीर को विकास गतिविधियों पर पैसा खर्च करने में अधिक लचीलापन मिले। इसके बाद केंद्रीय बजट और जम्मू-कश्मीर के बजट को लोकसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके साथ ही संबंधित विनियोग विधेयक भी सदन ने पारित कर दिया।

0Shares

नई दिल्ली, 30 जुलाई (हि.स.)। वकीलों के लिए एक राहत भरी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया और राज्यों के बार काउंसिल वकीलों के रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में हजारों रुपये नहीं वसूल सकते । चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि एडवोकेट एक्ट के मुताबिक वकीलों से उनके रजिस्ट्रेशन के लिए सामान्य वर्ग के लिए 750 रुपये और एससी-एसटी वर्ग के लिए 125 रुपये हैं। ऐसे में बार काउंसिल इससे ज्यादा रजिस्ट्रेशन फीस नहीं वसूल सकते ।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एडवोकेट एक्ट की धारा 24((1) (एफ) के मुताबिक किसी वकील से जितनी फीस तय है उससे ज्यादा कोई राशि नहीं वसूली जा सकती है। इसके मुताबिक सामान्य वर्ग के वकीलों से राज्य बार काउंसिल 600 रुपये और बार काउंसिल ऑफ इंडिया 150 रुपये वसूल सकती है जबकि एससी-एसटी वर्ग के वकीलों के लिए राज्य बार काउंसिल 100 रुपये और बार काउंसिल ऑफ इंडिया 25 रुपये वसूल सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि संसद ने वकीलों के रजिस्ट्रेशन की फीस तय की है और ऐसे में बार काउंसिल इसका उल्लंघन नहीं कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि ये आदेश पहले से रजिस्टर्ड वकीलों के लिए लागू नहीं होगा बल्कि अब जो भी नए वकील रजिस्ट्रेशन कराएंगे उनके लिए लागू होगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी जिसमें राज्यों के बार काउंसिल की ओर से वकीलों के रजिस्ट्रेशन के लिए कई गुना ज्यादा फीस मांगने को चुनौती दी गई थी।

0Shares

नई दिल्ली, 30 जुलाई (हि.स.)। हावड़ा से मुंबई जा रही सीएसएमटी एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12810 ) बीती मध्य रात्रि झारखंड में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दुर्घटना में मेल ट्रेन के कई डिब्बे बेपटरी हो गए। प्रारंभिक सूचना है कि हादसे में छह लोग घायल हुए हैं। यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दुर्घटना किस कारण हुई, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।

यह रेल हादसा झारखंड के चक्रधरपुर मंडल के राजखरसवान पश्चिम आउटर और बड़ाबांबू के बीच हुआ।

सूत्रों के अनुसार हावड़ा-मुंबई एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से करीब तीन घंटे लेट 2 बजकर 37 मिनट पर टाटानगर स्टेशन से रवाना हुई। चक्रधरपुर पहुंचने से पहले ही बेपटरी होकर बगल की लाइन से गुजर रही मालगाड़ी से चिपक गई। रेलवे में इसे साइट क्लोजन कहते हैं। इसी के चलते हादसा अधिक भीषण हो गया। मेल ट्रेन और मालगाड़ी के डिब्बे इस टक्कर के बाद दूर तक फैल गए। रात के अंधेरे में हुए इस हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से किए गए।

इस रेल खंड पर यातायात पूरी तरह से रोक दिया गया है। इस मार्ग से होकर जाने वाली कई ट्रेनें कैंसिल कर दी गई हैं और कुछ को दूसरे मार्ग से होकर गुजारा जा रहा है। सुबह होने के साथ ही इस ट्रेन के यात्रियों को दूसरे संसाधनों से सुरक्षित आगे के लिए भेजा जा रहा है। दुर्घटनास्थल पर रेल पटरियां उखड़ गईं है। ओवरहेड लाइन व खंभे भी उखड़ गए हैं।

रेल मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि दुर्घटना राहत चिकित्सा उपकरण स्टाफ और सहायक मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम), चक्रधरपुर के साथ मौके पर मौजूद हैं। छह लोग घायल हुए हैं। रेलवे मेडिकल टीम ने सभी को प्राथमिक उपचार दिया है। रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। टाटानगर : 06572290324, चक्रधरपुर:06587 238072, राउरकेला: 06612501072, 06612500244, हावड़ा : 9433357920 03326382217, मुंबई हेल्पलाइन 022-22694040, नागपुर हेल्पलाइन नंबर 7757912790 ।

0Shares

वाराणसी मंडल आरपीएफ पुलिस ने 08 वर्षों के दौरान ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के तहत 908 बच्चों को बचाया

वाराणसी ; पिछले आठ वर्षों में, रेलवे सुरक्षा बल (आर.पी.एफ.) ‘नन्हे फरिश्ते’ नामक एक ऑपरेशन में अग्रणी रहा है। यह एक मिशन जो विभिन्न भारतीय रेल जोनों एवं मंडलों में पीड़ित बच्चों को बचाने के लिए समर्पित है। पिछले आठ वर्षों (2017- 2024) के जूलाई,2024 तक के दौरान, वाराणसी मंडल के रेलवे सुरक्षा बल जवानों ने स्टेशनों और ट्रेनों में खतरे में पड़े या खतरे में फंसने से 908 बच्चों को बचाया है।

इसी क्रम में, ‘नन्हे फरिश्ते’ ऑपरेशन के तहत वाराणसी मंडल के विभिन्न स्टेशनों से वर्ष 2017-2018 में कुल 232, वर्ष 2019-2020 में 200 ,वर्ष 2021-22 में 229 तथा वर्ष 2023-2024 के 29 जूलाई तक 232 तथा 15 बच्चों को तस्करों से बचाया गया। इनमें घर से भागे हुये, लापता,बल मजदूरी के लिए, बिछड़े हुए, निराश्रित, अपहृत, मानसिक रूप से विक्षिप्त एवं बेघर बच्चे सम्मिलित हैं।

‘नन्हे फरिश्ते’ सिर्फ एक ऑपरेशन से कहीं अधिक है; यह उन सैकडों बच्चों के लिए एक जीवन रेखा है जो खुद को अनिश्चित परिस्थितियों में पाते हैं। 2017 से 2024 तक का डेटा, अटूट समर्पण, अनुकूलन शीलता और संघर्ष क्षमता की कहानी दर्शाता है। प्रत्येक बचाव समाज के सबसे असुरक्षित सदस्यों की सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। वर्ष 2018 में ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ की महत्वपूर्ण शुरुआत हुई। इस वर्ष,वाराणसी मंडल के रेलवे सुरक्षा बल जवानों ने कुल 153 पीड़ित बच्चों को बचाया था , जिनमें 134 लड़के और 19 लड़कियां शामिल थे ।

इस तरह की पहल की तत्काल आवश्यकता को उजागर करते हुए ऑपरेशन के लिए एक मजबूत नींव रखी गई। वर्ष 2019 के दौरान, रेलवे सुरक्षा बल के प्रयास लगातार सफल रहे । जुलाई 2024 तक वाराणसी मंडल के रेलवे सुरक्षा बल की टीम 908 बच्चों को बचाने में सफल रही। 2024 के 29 जूलाई तक रेलवे सुरक्षा बल ने 128 बच्चों को बचाया है। जिसमे 95 लड़के तथा 37 लड़कियाँ है। शुरुआती रुझान ऑपरेशन ‘नन्हे फरिश्ते’ के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता का प्रमाण देते हैं। ये संख्या बल मजदूरी एवं अन्य कारणों से बच्चों के भागने की लगातार जारी समस्या तथा उन्हें अपने माता-पिता के पास सुरक्षित पहुंचने के लिए रेलवे सुरक्षा बल के किए गए प्रयासों दोनों को दर्शाती हैं।

रेलवे सुरक्षा बल ने अपने प्रयासों से, न केवल बच्चों को बचाया है, बल्कि घर से भागे हुए और लापता बच्चों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता भी बढ़ाई है, जिसमे आगे की कार्रवाई और विभिन्न हित धारकों से समर्थन मिला। रेलवे सुरक्षा बल का ऑपरेशन का दयारा लगातार बढ़ रहा है, रोज नई चुनौतियों का सामना कर भारत के विशाल रेलवे नेटवर्क में बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
ट्रैक चाइल्ड पोर्टल पर बच्चों की पूरी जानकारी उपलब्ध रहती है। वाराणसी मंडल के बनारस, छपरा, सीवान, बलिया, देवरिया सदर, मऊ एवं गाजीपुर सिटी स्टेशनों के अलावा विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर चाइल्ड हेल्पडेस्क उपलब्ध है। रेलवे सुरक्षा बल मुक्त कराए गए बच्चों को जिला बाल कल्याण समिति अथवा चाईल्ड लाइन को सौंप देती है, जो बच्चों को उनके माता-पिता/अभिवावक को सौंप देती है।

0Shares

नई दिल्ली, 28 जुलाई (हि.स.)। भाजपा मुख्यालय में चल रही दो दिवसीय भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की बैठक में राज्यों और केन्द्र सरकार के बीच समन्वय पर जोर दिया गया। इस बैठक में दोनों दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद रहे। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेता मौजूद रहे। इस बैठक का रविवार को समापन हाे गया।

इनके अलावा बैठक में उत्तर प्रदेश से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू औऱ मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह बैठक में उपस्थित रहे।

सूत्रों के अनुसार इस बैठक में लोकसभा चुनाव नतीजों की समीक्षा की गई और आगामी चुनावों में राज्यों और संगठन के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया गया। इसके साथ सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने अपने राज्य के विकास के लिए रोड मैप का प्रेजेन्टेशन दिया। सूत्रों के अनुसार आगामी चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पूरे दमखम के साथ लड़ने के लिए मंत्र दिए गए। सूत्रों के अनुसार बैठक में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय पर चर्चा हुई, जिसमें ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का भी जिक्र हुआ। सभी ने इस अभियान को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इसके साथ उत्तर प्रदेश के दस सीटों पर होने वाले उपचुनावों पर भी अलग से चर्चा की गई और संगठन के साथ समन्वय पर जोर दिया गया।

0Shares

सड़क हादसे में सेना जवान की मौत

बाक्सा : बाक्सा जिलांतर्गत शालबाड़ी के सरुगति गांव में बीती रात हुए एक भीषण सड़क हादसे में सेना के जवान की मौत हो गयी। जवान भवानीपुर-मनाह लिंक रोड के किनारे बुलेट बाइक (एएस12एए- 8498) के निचे दबा हुआ था।

सुबह स्थानीय लोगों ने जवान के पार्थिव शरीर को देखा। हादसे का शिकार हुए जवान की पहचान गोपी सूत्रधार (28) के रूप में हुई है। जवान छुट्टी पर घर आया था। गोपी सूत्रधार एक कन्या के पिता थे।

इसी बीच सूचना पाकर बांहबाड़ी मौके पर पहुंची पुलिस न शव को थाने ले आई। बाद में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस इस संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

0Shares

नई दिल्ली, 27 जुलाई (हि.स.)। मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से शनिवार को दो छात्राओं की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि बेसमेंट में और भी छात्र फंसे हुए हैं। फिलहाल मौके पर दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीम राहत बचाव कार्य में लगी है। मोटर के जरिए बेसमेंट से पानी निकाला जा रहा है। वहीं, दिल्ली सरकार की राजस्व मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को इस मामले की जांच करने तथा 24 घंटे में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

बताया जा रहा है कि ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सेंटर के कोचिंग सेंटर में शनिवार रात अचानक पानी भर गया। इससे वहां अफरा-तफरा मच गई। कुछ छात्र कोचिंग सेंटर से बाहर निकलने में कामयाब हो गए, जबकि बेसमेंट में अंधेरा होने के कारण कई बच्चे अंदर फंसे रह गए। मामले की सूचना मिलते ही दमकल और एनडीआरएफ की टीम ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया और देर रात दो शवों को बाहर निकाला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नजदीकी अस्पताल के शवगृह में सुरक्षित रखवा दिया है। मरने वालों में दो युवती हैं, जिनकी अभी पहचान नहीं हो पाई है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

पुलिस का कहना है कि शनिवार शाम अचानक हुई तेज बारिश का पानी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट स्थित लाइब्रेरी में भर गया। पानी भरते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। वहां मौजूद छात्रों ने किसी तरह जीने के रास्ते ऊपर भागकर अपनी जान बचाई। इस बीच चार से पांच छात्र-छात्राएं वहां फंस गए। देखते ही देखते पूरे बेसमेंट में पानी भर गया। हालात बिगड़ते देखकर तुरंत मामले की सूचना पुलिस के अलावा दमकल विभाग को दी गई। खबर मिलते ही दमकल सात गाड़ियां मौके पर पहुंची। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। बेसमेंट में अंधेरा होने की वजह से बचाव कार्य में खासी दिक्कत हो रही थी। हालात बिगड़ते देखकर एनडीआरएफ की टीम को बुला लिया गया। दमकल विभाग ने पंप के सहारे बेसमेंट से पानी निकालने के अलावा एनडीआरएफ के गोताखारों ने बेसमेंट में घुसकर छात्रों की तलाश शुरू कर दी। कुछ छात्रों का कहना था कि नीचे दो या तीन ही छात्राएं फंसी थीं जबकि कुछ इनकी संख्या चार से पांच बता रहे हैं।

जिला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मध्य दिल्ली के पुराना राजेंद्र नगर इलाके में बड़ा बाजार मार्ग पर 11-बी में राव आईएएस स्टडी सेंटर है। यहां पर यूपीएससी के छात्रों की कोचिंग होती है। कोचिंग सेंटर ने छात्रों के पढ़ने के लिए बेसमेंट में लाइब्रेरी की व्यवस्था की हुई है। शनिवार शाम करीब 35 छात्र-छात्राएं यहां मौजूद थे।

अग्निशमन अधिकारी अतुल गर्ग का कहना है कि उन्हें शाम में करीब 7.15 बजे घटना की सूचना मिली, जिसके बाद दमकल की कुल 5 गाड़ियां मौके पर पहुंची। हमने पंप से पानी निकाला और दो लड़कियों के शव बरामद किए। हालांकि वहां तीन बच्चों के फंसे होने की आशंकी थी। इनमें दो को बरामद कर लिया गया है। जैसे ही पानी खत्म होगा हम तीसरे को भी खोज लेंगे। उन्होंने बताया कि बेसमेंट में 30 छात्र थे, जिनमें तीन फंस गए थे और बाकि सुरक्षित निकल गए थे।

बतादें कि बीते दिन शुक्रवार को पटेल नगर इलाके में बारिश के चलते फैले करंट से एक छात्र की मौत हो गई थी। राजधानी दिल्ली में पढ़ने आये बच्चों की इस तरह मौत बेहद दर्दनाक और मन को झकझोर देने वाली है।

0Shares

नई दिल्ली, 27 जुलाई (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बड़ा फेरबदल करते हुए कई राज्यों के राज्यपालों को बदल दिया है। राष्ट्रपति ने पुडुचेरी और चंडीगढ़ के उपराज्यपाल के साथ-साथ राजस्थान, तेलंगाना, सिक्किम, झारखंड, छत्तीसगढ़, मेघालय, महाराष्ट्र और मणिपुर के राज्यपाल बदले हैं। यही नहीं राष्ट्रपति ने पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के रूप में बनवारीलाल पुरोहित का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है।

राष्ट्रपति भवन की ओर से शनिवार देर रात जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि के. कैलाशनाथन को उनके कार्यालय का कार्यभार संभालने की तारीख से पुडुचेरी का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है।

हरिभाऊ किसनराव बागड़े को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया है, जबकि जिष्णु देव वर्मा को तेलंगाना का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। ओम प्रकाश माथुर सिक्किम और संतोष कुमार गंगवार झारखंड के नये राज्यपाल होंगे।

रमेन डेका को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया है जबकि सी.एच. विजयशंकर मेघालय के राज्यपाल होंगे।

झारखंड के राज्यपाल के साथ तेलंगाना का अतिरिक्त प्रभार संभालने वाले सी.पी. राधाकृष्णन को महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।

असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को पंजाब का राज्यपाल नियुक्त किया गया और उन्हें केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का प्रशासक भी नियुक्त किया गया है।

वहीं सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है और उन्हें मणिपुर के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है।

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि उपरोक्त नियुक्तियां उनके संबंधित कार्यालयों का कार्यभार संभालने की तारीख से प्रभावी होंगी।

0Shares

लखनऊ, 28 जुलाई(हि. स.)। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नौ राज्यपालों की नियुक्ति की, जिसमें उत्तर प्रदेश के दो वरिष्ठ राजनेताओं को अलग-अलग राज्यों में राज्यपाल बनाया गया।

उत्तर प्रदेश के बरेली से भाजपा से कई बार सांसद रहे संतोष गंगवार को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया है तो वहीं अभी तक सिक्किम के राज्यपाल रहे लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को असम का राज्यपाल बनाया गया है।

लक्ष्मण आचार्य पर मणिपुर के राज्यपाल का भी चार्ज दिया गया है। लक्ष्मण आचार्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी क्षेत्र के रामनगर के रहने वाले हैं। संतोष गंगवार और लक्ष्मण आचार्य दोनों ही भारतीय जनता पार्टी की संगठन रचना से निकले हुए चेहरे हैं और पार्टी में प्रमुख दायित्व का निर्वहन किया है।

0Shares