-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भूस्खलन के मद्देनजर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से की बात-ध्रुव हेलीकॉप्टर ने वायनाड के चूरलमाला क्षेत्र में बचाव अभियान चलाकर एयरलिफ्ट किया
नई दिल्ली, 30 जुलाई (हि.स.)। केरल के वायनाड में मंगलवार तड़के भूस्खलन के बाद प्रभावित क्षेत्रों में तीनों सेनाओं और भारतीय तटरक्षक बल ने राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भूस्खलन के मद्देनजर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की। भारतीय सेना की टुकड़ियों के साथ भारतीय वायुसेना के ध्रुव हेलीकॉप्टर ने वायनाड के चूरलमाला क्षेत्र में बचाव अभियान चलाया, जहां आज भूस्खलन के कारण 93 लोगों की मौत हो गई है।
वायनाड में आज तड़के दुखद आपदा आने पर भारतीय सशस्त्र बलों ने तत्काल कार्रवाई की और बचाव कार्य शुरू करने के लिए 300 सैन्य कर्मियों को तुरंत भेजा गया। बचाव और राहत प्रयासों में सहायता के लिए सेना, नौसेना की टीमों और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों की अतिरिक्त टुकड़ियां जुटाई गईं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केरल के वायनाड में भूस्खलन के मद्देनजर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की। भारतीय सेना की टुकड़ियों को चल रहे बचाव और राहत कार्यों में लगाया गया है। अतिरिक्त सैनिक, भारी इंजीनियरिंग उपकरण, बचाव कुत्तों की टीमें और अन्य आवश्यक राहत सामग्री को त्रिवेंद्रम, बेंगलुरु और दिल्ली से सेवा विमानों से पहुंचाया जा रहा है।
उच्च प्रशिक्षित आईसीजी कर्मियों और चिकित्सा कर्मियों को आपदा प्रभावित समुदायों को तत्काल राहत और सहायता देने के लिए तैनात किया गया है। इन दलों को आवश्यक आपदा राहत सामग्री जैसे कि बचाव कार्यों के लिए रबर की हवा भरी नावें, पानी और जल निकासी की समस्याओं का प्रबंधन करने के लिए डीजल से चलने वाले पंप, सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट, प्रतिकूल मौसम की स्थिति में कर्मियों की सुरक्षा के लिए रेनकोट और गम बूट और मलबे को साफ करने और प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए मिट्टी साफ करने वाले अन्य उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) जिला मुख्यालय (केरल और माहे) और आईसीजी स्टेशन बेपोर ने केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत दल भेजे हैं। आईसीजी ने प्रभावित आबादी की सहायता के लिए खाद्य सामग्री, पेयजल और अन्य आवश्यक आपूर्ति भी भेजी है। कुशल सहायता वितरण सुनिश्चित करने के लिए इन आपूर्तियों के वितरण का तालमेल जिला आपदा प्रबंधन टीम के साथ किया जा रहा है। आईसीजी इस आपदा के असर को कम करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।