वैष्णव साधुओं के अनी अखाड़े के संत व महामण्डलेश्वर 08 जनवरी को करेंगे छावनी प्रवेश

महाकुंभ नगर(UP):  वैष्णव साधुओं के अनी-अखाड़े का छावनी प्रवेश 08 जनवरी को महाकुंभ मेला क्षेत्र में होगा। इनकी पेशवाई प्रयागराज के के.पी.इण्टर कॉलेज से शुरू होगी। इस दौरान, साधु-संत, महामण्डलेश्वर हाथी, घोड़े, पालकी, रथ, बग्घी और चांदी के हौदे पर सवार होकर मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। इस यात्रा में निर्वाणी, निर्मोही व दिगम्बर अखाड़े के करीब 774 महामण्डलेश्वर शामिल होंगे। इनका छावनी प्रवेश ढोल-नगाड़े, शंखनाद और जयघोष के साथ होगा।

यह जानकारी निर्वाणी अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत मुरलीदास महाराज ने हिन्दुस्थान समाचार को दी। उन्होंने बताया कि छावनी प्रवेश यात्रा में अखाड़ों के पदाधिकारी और संत शामिल होते हैं। इस यात्रा में वैष्णव अखाड़ा के अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष भी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि छावनी प्रवेश यात्रा में अखाड़ा के शिविर में प्रवेश करके संत अपना डेरा जमाते हैं।

अयोध्या के श्रीहनुमान गढ़ी के संत राजूदास महाराज ने बताया कि निर्मोही, दिगम्बर और निर्वाणी-ये तीन अनी प्रसिद्ध हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न शिविरों में विभिन्न पताकाओं से युक्त संगठित होकर यह कुंभ मेले के अवसर पर मार्च करते हैं। उन्होंने बताया कि सर्वमान्य पताका श्रीमहंत के शिविर के समक्ष लगाई जाती है। नागा,संन्यासियों का संगठन उसी प्रकार संगठित रहता है जैसे सैनिक संगठन होते हैं।

उन्होंने बताया कि बिगुल और तुरही की आवाज सुनकर जैसे सैनिक का संगठन सावधान हो जाता है, उसी प्रकार यह नागमणि की आवाज सुनकर सावधान हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि सेना जैसे मार्च करते हैं, इसलिए इन्हें शाही नाम दिया गया है।

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 डंपर और ट्रक की भीषण टक्कर से लगी आग, चालक समेत दो जिन्दा जले

हमीरपुर(up):  जिले में कानपुर-सागर नेशनल हाइवे पर पेट्रोलपंप के पास तेज रफ्तार डंपर और ट्रक में भीषण टक्कर हो गई जिससे दोनों ट्रक आग के गोला बन गए। आग की लपटों में चालक समेत दो लोग जिन्दा जल गए। हादसे के बाद हाइवे में दोनों तरफ जाम लग गया। सूचना पाते ही दमकल गाडिय़ों के साथ मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी जद्दोजहद के बाद ट्रकों की आग पर काबू पाया। पुलिस ने ट्रक की केबिन में फंसे चालक और खलासी के शव को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। रविवार को दोनों के शवों के पोस्टमार्टम कराने की तैयारी भी पुलिस ने शुरू कर दी है।

यह बीभत्स हादसा हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के गल्ला मंडी के सामने पेट्रोलपंप के पास बीती रात हुआ। जिसमें टक्कर होते ही डंपर और ट्रक आग का गोला बनकर धू-धू जल गए। बताते है कि महोबा के कबरई से गिट्टी लेकर एक डंपर कानपुर जा रहा था। जैसे ही यह डंपर सुमेरपुर कस्बे में पेट्रोलपंप के पास पहुंचा तभी कानपुर से महोबा की तरफ जा रहे ट्रक से डंपर की सीधी टक्कर हो गई। टक्कर होते ही दोनों ट्रकों में आग लग गई। हादसे के दौरान डंपर के चालक और खलासी को स्थानीय लोगों ने मौके से भागते देखा।

पेट्रोलपंप के पास हुए हादसे से लोगों में अफरातफरी मच गई। सूचना पाते ही दमकल गाडिय़ां मौके पर पहुंची। सीओ सदर राजेश कमल व सुमेरपुर थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। कानपुर-सागर नेशनल हाइवे में आवागमन रोककर पुलिस और दमकल कर्मियों ने रेस्क्यू आपरेशन चलाया। काफी जद्दोजहद के बाद हाइवे में धू-धू कर जल रहे ट्रकों की आग बुझाई जा सकी। पुलिस ने ट्रक के केबिन में फंसे चालक व खलासी के अस्थि पंजर शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

ट्रक की केबिन में अस्थि पंजर हालत में मिले शवस्थानीय लोगों ने बताया कि डंपर और ट्रक की टक्कर लगते ही विस्फोट के साथ दोनों ट्रकों में आग लग गई जिससे चालक और खलासी केबिन में फंसकर जल गए है। आग की इतनी विकराल थी कि कोई भी पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। सूचना पर मौके पर पहुंची दमकल गाड़ी ने किसी तरह आग बुझाकर केबिन में फंसे चालक और खलासी के शवों को अस्थि पंजर हालत में बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। सुमेरपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक अनूप सिंह ने आज रविवार को बताया कि इन दोनों की अभी तक शिनाख्त नहीं हो सकी। बताया कि दोनों ट्रक पूरी तरह से जल गए है।

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वाराणसी सहित पूर्वांचल के जिलों में घने कोहरे की चादर तनी,रफ्तार पर लगा ब्रेक

शनिवार को हुई तेज बूंदाबादी का दिखा असर, ठंड ने भी दिखाया असर

वाराणसी: वाराणसी सहित आसपास के जिलों में भी रविवार को दिन चढ़ने तक आसमान से जमीन तक घने कोहरे की चादर तनी रही। घने कोहरे के चलते कम दृष्यता से सड़कों पर वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया। चालक धीमी गति से लाइट जलाकर वाहन चलाते दिखे। सुरक्षा कारणों से डिपर और इंडिकेटर का उपयोग भी करते रहे। उधर,आम दिनों की अपेक्षा सड़कों पर आवागमन भी मौसम के चलते प्रभावित रहा।

अवकाश का दिन होने के कारण अलसुबह ज्यादातर लोग आवश्यक कार्य से ही घरों से निकले। वहीं, दुधिया,सब्जी वाले दुकानदार, मजदूर, रोज कमाने खाने वाले अलसुबह से ही घने कोहरे के बीच मंडियों में पहुंच गए। सुबह चायपान की दुकानों पर जुटे लोग भी लोग चाय की चुस्कियों के बीच घने कोहरे और ठंड पर चर्चा करते रहे। घने कोहरे के चलते सड़क परिवहन के साथ वायुयान और ट्रेन की सेवा भी प्रभावित हुई।

बाबतपुर एयरपोर्ट पर दृष्यता कम होने से विमानों को लैंडिग के लिए हवा में कई चक्कर काटने पड़े। पूर्वांह दस बजे के बाद ही एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिग हो पाई। घने कोहरे के बीच वाराणसी में अधिकतम तापमान दोपहर 12 बजे तक 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 14 डिग्री सेल्सियस,नमी 77 फीसदी और हवा की रफ्तार 11 किमी प्रतिघंटा दर्ज की गई। घने कोहरे के चलते सुबह आठ बजे तक 50 मी​टर की दूरी भी स्पष्ट रूप से नही दिख रही थी। घने कोहरे के बावजूद गंगाघाटों पर नेमी स्नानार्थियों के साथ विदेशी पर्यटक भी दिखे। घने कोहरे में भी पर्यटक गंगा में नौकायन का आनंद लेने के साथ विदेशी परिन्दों (साईबेरियन पंक्षी ) को दाना चुगाते दिखे।

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हिमाचल में थमी बर्फबारी, 400 से ज्यादा सड़कें अवरुद्ध

शिमला:  हिमाचल प्रदेश में दो दिनों की भारी बारिश और बर्फबारी के बाद मौसम खुल गया है। शिमला सहित राज्य के अधिकांश इलाकों में रविवार को धूप खिली और आमजन व पर्यटकों को राहत मिली है। हालांकि मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक शीतलहर का अलर्ट जारी किया है।

छह शहरों का शून्य से नीचे गिरा तापमान

प्रदेश के छह प्रमुख शहरों का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। ठंड के प्रकोप ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है। खासकर किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और अप्पर शिमला के इलाकों में ठंड का असर अधिक है। लाहौल स्पीति के ताबो में न्यूनतम तापमान -12.3 डिग्री, कुकुमसेरी में -7 डिग्री,कल्पा में -3.4 डिग्री, भरमौर में -1.7, नारकण्डा में -1.4 डिग्री, मनाली में -0.2 डिग्री, डल्हौजी में 0.4, सराहन में 0.5, कुफ़री में 0.9 और शिमला में 3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

सड़कों पर बर्फबारी का असर, लाहौल घाटी का कटा सम्पर्क

भारी बर्फबारी के कारण प्रदेश में 3 राष्ट्रीय राजमार्ग और 400 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हो गईं। प्रशासन ने मौसम खुलने के साथ ही इन सड़कों को बहाल करने का काम तेज कर दिया है। कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और नारकंडा जैसे इलाकों में बर्फ हटाने के लिए मशीनें लगाई गई हैं। अप्पर शिमला में एनएच-5 नारकण्डा में बर्फबारी से अवरुद्ध है और शिमला से रामपुर के लिए वाहनों की आवाजाही सैंज-लुहरी-सुन्नी सड़क से की जा रही है। इसी तरह देहा-चौपाल स्टेट हाइवे खिड़की के पास अवरुद्ध है।

जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति की लाहौल घाटी भारी बर्फबारी के कारण बाकी हिस्सों से कट गई है। भारी बर्फबारी के चलते नेशनल हाइवे-तीन और संसारी तिन्दी-तांदी सड़क मार्ग सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है। सीमा सड़क संगठन द्वारा इन सडक मार्गों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। घाटी के ज्यादातर इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित है।

सैंकड़ों सैलानियों का किया रेस्क्यू

भारी बर्फबारी के चलते अप्पर शिमला, कुल्लू और लाहौल-स्पीति में फंसे सैंकड़ों पर्यटकों को रेस्क्यू किया गया। प्रशासन ने सभी सैलानियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और उन्हें मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्रा की योजना बनाने की सलाह दी है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की रिपोर्ट के मुताबिक कल्पा में 14.9, कुफ़री में 14.5, पूह व मोरंग में 12-12, खदराला में 10, सांगला में 8.5 और केलंग में 8 सेंटीमीटर ताज़ा बर्फबारी दर्ज की गई है।

आगामी मौसम का पूर्वानुमान, दो जनवरी से फिर बर्फ़बारी

मौसम विज्ञान केंद्र ने 30 और 31 दिसंबर तथा एक जनवरी को प्रदेशभर में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। लेकिन दो से चार जनवरी के बीच फिर से भारी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में नए साल पर हिमाचल की वादियों का रुख कर रहे सैलानियों को बर्फ़बारी का नज़ारा देखने को मिल सकता है।

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श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई यातायात बहाल

श्रीनगर: भारी बर्फबारी के कारण कश्मीर घाटी के लिए सभी उड़ानें रद्द करने के एक दिन बाद रविवार को श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई यातायात बहाल कर दिया गया है।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के एक अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर के लिए उड़ानें फिर से शुरू हो गई हैं और हमें सामान्य परिचालन की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम से भारी बर्फबारी के बाद शनिवार को उड़ान संचालन को निलंबित करना पड़ा। अधिकारी ने कहा कि उड़ान संचालन फिर से शुरू करने से पहले रनवे को साफ कर दिया गया और सभी सुरक्षा जांच की गई। कश्मीर में शुक्रवार शाम को मौसम की पहली बड़ी बर्फबारी हुई और यह शनिवार तक जारी रही।

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भाजपा दिल्ली में सही वाेट कटवा रही है: केजरीवाल

नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर सही वोट कटवाने की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है।

रविवार को यहां पत्रकार वार्ता में अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि भाजपा दिल्ली में वोट कटवा रही है, जो सही मतदाता हैं, उनके वोट काटने की साजिश हो रही है। उन्होंने कहा कि मेरे नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में इनका (भाजपा का) ‘ऑपरेशन लोटस’ 15 दिसंबर से चल रहा है। उन्होंने कहा कि इन 15 दिन में इन्होंने लगभग पांच हजार वोटों को सूची से कटवाने और 7500 वोटों को जुड़वाने के लिए आवेदन किया है।

केजरीवाल ने आगे कहा कि मैं आप लोगों के जानकारी के लिए बता दूं कि मेरी विधानसभा में कुल वोट 1 लाख 6 हजार हैं। इसमें से 5 फीसदी वोट ये कटवा करवा रहे हैं और 7.5 फीसदी वोट ये जुड़वा रहे हैं तो फिर चुनाव कराने की जरूरत ही क्या है। अगर ये 12 फीसदी वोट इधर से उधर कर देंगे तो फिर चुनाव में बचा ही क्या है। एक ही विधानसभा में 11 हजार वोट काटे गए। केजरीवाल ने कहा कि देश में चुनाव के नाम पर एक तरह का खेल चल रहा है।

केजरीवाल ने चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर मतदाता आवेदनों में असामान्य वृद्धि पर चिंता जताई है। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा बेईमानी से चुनाव लड़कर किसी भी तरह से चुनाव जीतना चाहती है, लेकिन दिल्ली की जनता ऐसा नहीं होने देगी। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में उन्होंने जो हथकंडे अपनाए थे, हम उन्हें उस हथकंडे का इस्तेमाल करके यहां जीतने नहीं देंगे।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 20 अगस्त से लेकर 20 अक्टूबर तक समरी किया गया था। इसका मतलब ये है कि चुनाव आयोग लोगों के घर-घर जाकर रिव्यू करती है, जो वोटर नहीं हैं, उसका नाम काटती है और जिनका नाम नहीं जुड़ा हाेता है, उनके नाम जुड़वाती है और तब उसका वोटर कार्ड बनाती है। उन्हाेंने कहा कि जिनके नाम कटने की शिकायत दी गई है, उनमें से पांच साै लोगों को हमने वेरीफाई किया, कि 490 लोग अपने घर पर रहते हैं। यानी जो सही मतदाता हैं, उसके वोट काटने की साजिश हो रही है। 10 ऐसे लोग हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा वोट काटने वाली शिकायत चुनाव आयोग को दी है, ये कौन लोग हैं, किसके इशारे पर काम कर रहे हैं।

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि संविधान हमारा पथ प्रदर्शक है। 26 जनवरी को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष होने जा रहे हैं।

मन की बात के 117 वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2025 में 26 जनवरी को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष होने जा रहे हैं। हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है।

उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा सौंपा गया संविधान समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। संविधान हमारे लिए पथ प्रदर्शक और मार्गदर्शक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस एपिसोड में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का विशेष उल्लेख किया और कहा कि अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि इसकी विशेषता इसकी विशालता में ही नहीं बल्कि इसकी विविधता में भी है। इस आयोजन में करोड़ों लोग एक साथ एकत्रित होते हैं। लाखों संत, हजारों परंपराएं, सैकड़ो संप्रदाय, अनेक अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बनता है।

उन्होंने बताया कि इस बार कुंभ के आयोजन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैट बोर्ड का भी प्रयोग किया जा रहा है फोन विराम इसके माध्यम से 11 भारतीय भाषाओं में काम से जुड़ी हुई हर जानकारी हासिल की जा सकेगी।

स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित एनीमेशन सीरीज जेबीटी-भारत हैं हम के दूसरे सीजन के आने की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों का पसंदीदा कार्यक्रम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन नायकों के बारे में हमें बताता है जिनकी ज्यादा चर्चा नहीं होती। इसका दूसरा सीजन बड़े खास अंदाज में अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव गोवा में लॉन्च हुआ। भारतीय फ़िल्म जगत की महान हस्तियों का भी अपने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने जिक्र किया जिनकी इस वर्ष 100वीं जयंती है। उन्होंने राज कपूर, मोहम्मद रफी, अक्कीनेनी नागेश्वर राव गारू और तपन सिन्हा का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज कपूर ने फिल्मों के माध्यम से दुनिया को भारत की सॉफ्ट पावर से परिचित कराया। वहीं रफी साहब ने हर तरह के भावों को अपनी आवाज देकर जीवंत किया है।

अगले साल भारत में आयोजित होने वाले ऑडियो विजुअल इंटरटेनमेंट सबमिट यानी वेव्स सबमिट के विषय पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें दुनिया भर के मीडिया और एंटरटेनमेंट उद्योग के दिग्गज और सृजनात्मक दुनिया के लोग भारत आएंगे। यह भारत के दुनिया के कंटेंट क्रिएशन का हब बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मन की बात में प्रधानमंत्री ने दुनिया भर में भारत की संस्कृति के प्रचार-प्रसार से जुड़े कुछ तथ्य रखे। उन्होंने मिस्र में भारत की संस्कृति पर आधारित पेंटिंग प्रतियोगिता और दक्षिण अमेरिकी देश पराग्वे में लोगों की आयुर्वेद के प्रति बढ़ती रुचि का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल को वहीं ट्रेनिंग लिए शिक्षक सिखा रहे हैं।

विकास के पथ पर अग्रसर मोहब्बत प्रभावित बस्तर संभाग में आयोजित ओलंपिक के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि 65000 खिलाड़ियों ने इसमें भाग लिया यह हमारे युवाओं के संकल्प की गौरव गाथा है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2015 से 2023 के बीच मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मौतों में 80 प्रतिशत की कमी आई है। इस उपलब्धि का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कुछ सराहनीय प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने इस संदर्भ में असम में जोरहाट और हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हुए प्रयासों का उल्लेख किया।

आयुष्मान भारत योजना से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में मिल रही मदद को प्रधानमंत्री ने गरीबों को संबल देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि अब भारत में समय पर कैंसर का इलाज शुरू होने की संभावना काफी बढ़ गई है। आयुष्मान योजना ने उपचार के 30 दिनों के भीतर ही शुरू कराने में बड़ी भूमिका निभाई है।

ओडिशा के कालाहांडी में सब्जी क्रांति अर्थात कालाहांडी का वेजिटेबल हब बनने की उल्लेखनीय उपलब्धि को प्रधानमंत्री ने अपनी मन की बात में शामिल किया। उन्होंने बताया कि कम पानी और कम संसाधनों के बावजूद यहां एक समूह ने मिलकर एफपीओ यानि कृषि उत्पाद संघ की स्थापना की। खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया और आज यह करोड़ों का कारोबार कर रहा है। आज इससे 200 से अधिक किस जुड़े हैं जिसमें से 45 महिलाएं हैं। अब इस एफपीओ का सालाना टर्नओवर भी बढ़कर डेढ़ करोड़ से ज्यादा हो गया है।

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कच्छ में 3.2 का भूकंप,  इस माह में तीसरी बार झटका

-रविवार सुबह कंपन महसूस कर लोग घरों से बाहर निकले

भुज। कच्छ जिले के कुछ क्षेत्रों में रविवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस होने से हड़कंप मच गया।इस भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 3.2 रिकॉर्ड की गई, जिसका केन्द्र भचाऊ से 18 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पूर्व स्थित था।कच्छ इलाके में इस माह में यह तीसरी बार भूकंप के झटके लगे हैं।

भूकंपीय अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) के अनुसार राज्य के कच्छ जिले में रविवार सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर 3.2 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। जिला प्रशासन ने इस संबंध में बताया कि भूकंप से किसी तरह के जानहानि या सम्पत्ति के नुकसान होने की जानकारी नहीं मिली है।

दरअसल, कच्छ जिले में कम तीव्रता के भूकंप अक्सर आते रहते हैं। दिसंबर में जिले में तीन से अधिक तीव्रता वाला यह तीसरा भूकंप है। 23 दिसंबर को कच्छ में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके अलावा 7 दिसंबर को जिले में 3.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। इसके अलावा इसा साल 18 नवंबर को कच्छ में 4 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके अलावा उत्तर गुजरात के पाटण में भी 15 नवंबर को 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था।

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ओडिशा के कोरापुट में बस पलटने से 3 की मौत, 15 से अधिक घायल

मुख्यमंत्री ने जताया दुख, किया आर्थिक मदद का ऐलान

भुवनेश्वर: ओडिशा के कोरापुट जिले के बैपरिगुड़ा थाना अंतर्गत डकरी घाटी के सुकु नाला के पास रविवार काे सुबह एक बस पलट कर खाई में गिर गई।इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई और 15 से अधिक यात्री घायल हो गए। घायलों में छोटे बच्चे भी शामिल हैं। इन सभी काे समीप के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें कुछ की हालत गंभीर बताई गई है। मुख्यमंत्री मोहन माझी ने इस हादसे को लेकर दुःख व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को दो दो लाख रुपये की अनुकंपा राशि प्रदान करने की घोषणा की है ।

पुलिस के अनुसार हादसे के शिकार हुए लोग कटक जिले के निआली क्षेत्र के निवासी हैं। यहां के कुछ परिवारों ने एक बस किराए पर लेकर राज्य के विभिन्न मंदिरों के दर्शन के लिए यात्रा पर थे। बस में 40 से अधिक यात्री सवार थे। ये लोग कल कालाहांडी में मां मणिकेश्वरी के दर्शन के बाद रविवार काे कोरापुट के प्रसिद्ध शैव क्षेत्र गुप्तेश्वर जा रहे थे। बताया गया कि आज सुबह बस जैसे ही डकरी घाटी के करीब पहुंची ताे वहां से गुजरते समय वह सुकु नाला के पास पलट कर गहरी खाई में गई। इससे यात्रियाें में चीख-पुकार मच गई। दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से घायल यात्रियाें को वहां से निकाला और उन्हें रामगिरि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और बैपरिगुड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। अभी हादसे में मृतकाें और घायलाें की पहचान के बारे में विस्तृत विवरण नहीं मिला है।

घायलों में कई की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। एक नाबालिग लड़की का एक पैर और एक हाथ कट जाने की भी जानकारी मिली है।

कोरापुट गुप्तेश्वर सुकु नाला यात्री बस दुर्घटना के मृतकों और घायलों के बारे में जानकरी मिलने पर मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। इस हादसे में मृतकों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए उन्होंने परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों के लिए 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। इसके अलावा, गंभीर रूप से घायलों के लिए जिला मुख्य चिकित्सा केंद्र में तत्काल इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।

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कोलकाता, 28 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए अलग स्मारक की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की आलोचना की है।

शर्मिष्ठा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने बयान में आरोप लगाया कि जब अगस्त 2020 में उनके पिता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हुआ था, तब कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की शोकसभा आयोजित करना भी जरूरी नहीं समझा।

उन्होंने कहा कि उस समय कांग्रेस नेतृत्व ने इस मुद्दे पर उन्हें गुमराह किया। उनके अनुसार, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह प्रथा भारतीय राष्ट्रपतियों के लिए लागू नहीं होती। शर्मिष्ठा ने इस तर्क को बेतुका बताते हुए दावा किया कि उनके पिता की डायरियों से उन्हें पता चला कि जब पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन का निधन हुआ था, तो सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश खुद प्रणब मुखर्जी ने लिखा था।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पर यह आरोप भी लगाया कि पार्टी ने गांधी परिवार से इतर दूसरे दिग्गज नेताओं को हमेशा नजरअंदाज किया। इस मुद्दे पर उन्होंने सी.आर. केशवन नाम के एक व्यक्ति की पोस्ट का जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस ने कई राज्यों के नेताओं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सिर्फ इस कारण से अनदेखा किया क्योंकि वे गांधी परिवार के सदस्य नहीं थे।

इसके साथ ही उन्होंने ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पुस्तक का हवाला दिया, जिसे डॉ. मनमोहन सिंह के 2004 से 2009 तक मीडिया सलाहकार रहे और फाइनेंशियल एक्सप्रेस के पूर्व संपादक डॉ. संजय बारू ने लिखा है। इस पुस्तक में कहा गया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2004 में दिवंगत प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के लिए दिल्ली में कोई स्मारक नहीं बनाया, जबकि 2004 से 2014 तक पार्टी सत्ता में थी।

बारू ने अपनी किताब में यह भी दावा किया है कि कांग्रेस राव का अंतिम संस्कार दिल्ली के बजाय उनके गृह नगर हैदराबाद में कराने की पक्षधर थी।

उल्लेखनीय है कि डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों के कारण 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

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नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की स्मृति में शोक प्रस्ताव पारित किया। मंत्रिमंडल ने दो मिनट का मौन रखकर डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।मंत्रिमंडल की बैठक में रखे शोक प्रस्ताव के अनुसार देश में 01.01.2025 तक सात दिनों के लिए राजकीय शोक घोषित किया गया है।इस शोक अवधि के दौरान, पूरे भारत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सात दिनों के लिए विदेश में सभी भारतीय मिशनों/उच्चायोगों में भी राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

डॉ. मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के दिन, सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों और सीपीएसयू में आधे दिन का अवकाश घोषित किया जाएगा।इसके साथ बैठक में संकल्प भी रखा गया जिसमें कहा गया “मंत्रिमंडल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के 26 दिसंबर, 2024 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में हुए दुखद निधन पर गहरा दुख व्यक्त करता है।

अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के पश्चिमी पंजाब के गाह गांव में 26 सितंबर, 1932 को जन्मे डॉ. सिंह का शैक्षणिक जीवन शानदार रहा। उन्होंने 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की और 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी सम्मान के साथ अर्थशास्त्र में ट्राइपोस प्राप्त किया। उन्हें 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा डी. फिल की उपाधि प्रदान की गई।

डॉ. सिंह ने अपना करियर पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में वरिष्ठ व्याख्याता के रूप में शुरू किया और उसी विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने। 1969 में वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रोफेसर बने। डॉ. मनमोहन सिंह 1971 में तत्कालीन विदेश व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बने। वे वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार (1972-76), आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव (नवंबर 1976 से अप्रैल 1980), योजना आयोग के सदस्य सचिव (अप्रैल 1980 से सितंबर 1982) और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (सितंबर 1982 से जनवरी 1985) रहे।

डॉ. सिंह को उनके करियर में मिले कई पुरस्कारों और सम्मानों में सबसे प्रमुख हैं भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण (1987), भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार (1995), वर्ष के वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी पुरस्कार (1993), कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय का एडम स्मिथ पुरस्कार (1956)।

डॉ. मनमोहन सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री रहे। आर्थिक सुधारों की व्यापक नीति लाने में उनकी भूमिका सर्वविदित है। डॉ. सिंह 22 मई, 2004 को भारत के प्रधानमंत्री बने और मई, 2009 तक प्रधानमंत्री रहे। वे मई 2009 से 2014 तक दूसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बने।

प्रस्ताव में कहा गया कि मनमोहन सिंह ने हमारे राष्ट्रीय जीवन पर अपनी छाप छोड़ी है। उनके निधन से राष्ट्र ने एक प्रख्यात राजनेता, प्रख्यात अर्थशास्त्री और एक प्रतिष्ठित नेता खो दिया है।मंत्रिमंडल सरकार और पूरे देश की ओर से शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है।”

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नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और सीमावर्ती राज्यों के शहरों में रहने वालों को आज सुबह बूंदाबांदी का सामना करना पड़ा। इस दौरान दिल्ली के कई हिस्सों में तेज बरसात हुई है। ठंडी हवा चल रही है। इससे शीतलहर का असर और बढ़ गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आज और कल उत्तर-पश्चिमी और मध्य भारत में आंधी, ओलावृष्टि और मध्यम वर्षा का पूर्वानुमान जताया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि आज सुबह 7:23 बजे दिल्ली में तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। समूचे महानगर में चल रही ठंडी हवा से मौसम और सर्द हो गया। इन दो दिनों में तापमान में उतार-चढ़ाव और घना कोहरा भी देखने को मिल सकता है। आज अधिकतम तापमान 20 और न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। दिल्ली के आसमान पर अगले 48 घंटे तक बादल छाए रहने का पूर्वानुमान है। साथ ही नोएडा में आज न्यूनतम तापमान 14 और अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और गाजियाबाद के कुछ हिस्सों में सुबह-सुबह बूंदाबांदी हुई है।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार, आज हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में ओलावृष्टि हो सकती है। 27 और 28 दिसंबर को पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण उत्तरी राज्यों के तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की उम्मीद है।

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