– लद्दाख में सेना की मौजूदगी में पूरे सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (हि.स.)। कारगिल में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ करने के बारे में पहली सूचना देने वाले चरवाहा ताशी नामग्याल का निधन हो गया। उन्हीं की सूचना के बाद भारतीय सेना सतर्क हुई और करीब दो महीने तक चले युद्ध के बाद कारगिल की पहाड़ियों को घुसपैठियों से खाली कराया गया। उनका अंतिम संस्कार रविवार को लद्दाख में सेना की मौजूदगी में पूरे सम्मान के साथ किया गया। उनके परिवार को तत्काल सहायता प्रदान की गई और आगे भी सहायता देने का आश्वासन दिया गया है। सेना ने कहा कि नामग्याल के निस्वार्थ बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई, 1999 के बीच हुए कारगिल युद्ध को ‘ऑपरेशन विजय’ के नाम से भी जाना जाता है। पाकिस्तानी सैनिकों और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत-पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा कर लिया था। मई, 1999 की शुरुआत में अपने लापता याक की खोज करते समय ताशी नामग्याल ने बटालिक पर्वत श्रृंखला के ऊपर पाकिस्तानी सैनिकों को पठानी पोशाक में बंकर खोदते हुए देखा था। उन्होंने कारगिल में पाकिस्तान सेना के घुसपैठ कर कब्जा जमा लेने की पहली सूचना 3 मई, 1999 को भारतीय सेना को दी थी।

इसके बाद सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के लिए ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया। तीन मई से 26 जुलाई 1999 के बीच हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिक तेजी से लामबंद हुए। भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टीम 5 मई को जानकारी लेने कारगिल पहुंची तो पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया और उनमें से 5 की हत्या कर दी। इसके बाद 9 मई को पाकिस्तानियों की गोलाबारी से भारतीय सेना का कारगिल में मौजूद गोला बारूद का स्टोर नष्ट हो गया। पहली बार लद्दाख के प्रवेश द्वार यानी द्रास, काकसार और मुश्कोह सेक्टर में 10 मई को पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया।

इसके बाद 26 मई को भारतीय वायु सेना को कार्यवाही के लिए आदेश दिया गया। इस पर 27 मई को वायु सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का इस्तेमाल किया था। इस युद्ध में बड़ी संख्या में रॉकेट और बमों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान करीब दो लाख पचास हजार गोले दागे गए। आखिरकार 26 जुलाई को कारगिल युद्ध आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया और भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों के मिशन को विफल कर दिया था। नामग्याल की सतर्कता भारत की जीत में सहायक साबित हुई और उन्हें एक वीर चरवाहे के रूप में पहचान मिली।

सेना ने बयान में कहा कि वर्ष 1999 में कारगिल सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ किए जाने के बारे में भारतीय सैनिकों को सूचना देने वाले लद्दाख के चरवाहे ताशी नामग्याल का निधन लद्दाख की आर्यन वैली में स्थित गारखोन में हो गया। वह 58 वर्ष के थे। नामग्याल अपनी बेटी व शिक्षिका शीरिंग डोलकर के साथ द्रास में 25वें कारगिल विजय दिवस में शामिल हुए थे। लेह स्थित ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ ने कहा कि फायर एंड फ्यूरी कोर ताशी नामग्याल के आकस्मिक निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है। सेना ने लिखा कि एक देशभक्त का निधन हो गया। लद्दाख के वीर, आपकी आत्मा को शांति मिले।

श्रद्धांजलि संदेश में 1999 में ‘ऑपरेशन विजय’ के दौरान राष्ट्र के लिए उनके अमूल्य योगदान पर प्रकाश डाला गया और कहा गया कि यह ‘स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा। इसके बाद सेना के अधिकारी उनके गांव पहुंचे और पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया। सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने ताशी नामग्याल के परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि कारगिल में घुसपैठ के बारे में सबसे पहले सूचना देने वाले नामग्याल के परिवार को तत्काल सहायता प्रदान की गई है और आगे भी सहायता का आश्वासन दिया गया है। ताशी नामग्याल के परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं। सेना राष्ट्र के लिए उनके योगदान के लिए ऋणी रहेगी और उनके निस्वार्थ बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

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– पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों का ‘ब्लू वाटर’ में मुकाबला करने में सक्षम हैं दोनों जहाज

नई दिल्ली, 21 दिसम्बर (हि.स.)। देश के आत्मनिर्भर होने की यात्रा में एक और ऐतिहासिक दिन जुड़ गया, जब भारतीय नौसेना को एक साथ दो युद्धपोत सौंपे गए। इनमें एक विध्वंसक सूरत और दूसरा फ्रिगेट नीलगिरी हैं। इन जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) ने निर्मित किया है। दो अत्याधुनिक युद्धपोतों के एक साथ समुद्री बेड़े में शामिल होने से भारतीय नौसेना की परिचालन और युद्ध क्षमता बढ़ेगी।

नौसेना को मिला जहाज ‘सूरत’ प्रोजेक्ट 15बी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का चौथा और अंतिम है। इससे पहले पिछले तीन वर्षों में इसी प्रोजेक्ट के तीन जहाजों विशाखापत्तनम, मोरमुगाओ और इम्फाल को नौसेना के बेड़े में शामिल किया जा चुका है। सूरत की डिलीवरी भारतीय नौसेना की स्वदेशी विध्वंसक निर्माण परियोजना का समापन है। इस परियोजना की शुरुआत 2021 में हुई थी। कुल 7,400 टन वजन और 164 मीटर की लंबाई वाला निर्देशित मिसाइल विध्वंसक होने के नाते आईएनएस सूरत शक्तिशाली और बहुमुखी प्लेटफॉर्म है, जो सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जहाज रोधी मिसाइलों और टॉरपीडो सहित अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस है। इसने अपने समुद्री परीक्षणों के दौरान 30 नॉट्स (56 किमी/घंटा) से अधिक की गति प्राप्त की है। यह स्वदेशी रूप से विकसित भारतीय नौसेना का पहला एआई सक्षम युद्धपोत है, जो इसकी परिचालन दक्षता को कई गुना बढ़ाएगा।

नौसेना को सौंपा गया फ्रिगेट नीलगिरि प्रोजेक्ट 17ए स्टील्थ का पहला जहाज है। इस योजना के सात जहाज एमडीएल, मुंबई और जीआरएसई, कोलकाता में बनाए जा रहे हैं। ये बहु-मिशन फ्रिगेट भारत के समुद्री हितों के क्षेत्र में पारंपरिक और अपारंपरिक दोनों तरह के खतरों से ‘ब्लू वाटर’ में मुकाबला करने में सक्षम हैं। नए जहाजों को डीजल या गैस से संचालित किया जाता है। इन जहाजों में अत्याधुनिक एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणाली भी है। जहाजों में सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, 76 मिमी अपग्रेडेड गन और रैपिड फ़ायर क्लोज-इन हथियार प्रणालियों को लगाया गया है।

नौसेना को 2047 तक आत्मनिर्भर बनाने को ध्यान में रखते हुए इन जहाजों में 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री लगाई गई है। इन परियोजनाओं ने देश में आत्मनिर्भरता, आर्थिक विकास, रोजगार को बढ़ावा दिया है। इन युद्धपोतों में लगे प्रमुख हथियार और सेंसर स्वदेशी कंपनियों बीएपीएल, एलएंडटी, एमटीपीएफ, बीईएल, बीएचईएल, महिंद्रा आदि से हासिल किए गए हैं। इस वर्ग के शेष छह जहाज एमडीएल, मुंबई और जीआरएसई, कोलकाता में निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। इन जहाजों के 2025 और 2026 में भारतीय नौसेना को सौंपे जाने की उम्मीद है।

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मेरठ, 20 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के जनपद मेरठ में शुक्रवार को कथावाचक प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण की कथा में भगदड़ मच गई। इसमें कई लोगों के चोटिल होने की बात सामने आ रही है।

प्रशासन घायलों को अस्पताल पहुंचाया है। प्रत्यक्षद्रशियों का कहना है कि आज कथा का अंतिम दिन था, जिसमे शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद थे।

सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों ने भीड़ को रोकने का प्रयास किया। इस पर लाेगाें ने धक्का-मुक्की की और इस दौरान भगदड़ मच गयी।

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (हि.स.)। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच एक देश-एक चुनाव से जुड़ा 129 वां संविधान संशोधन विधेयक संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई।

लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11:00 बजे शुरू होते ही विपक्ष ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर शोर-शराबा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्य सदन के बीचों बीच पहुंच गए। इस दौरान सदन के नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उपस्थित थे। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच केंद्रीय कानूनमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संविधान संशोधन विधेयक को संसद की संयुक्त कार्य समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा। हंगामे के बीच प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर सदन की अनुमति प्रदान की गई। जेपीसी में 27 सदस्य हैं। इनमें से 12 राज्यसभा से हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने इस दौरान सदस्यों को संसदीय परंपराओं और गरिमा का सम्मान करने का आग्रह किया। उन्होंने सदस्यों को चेताया कि संसद परिसर धरना या प्रदर्शन के लिए नहीं है। ऐसा करने पर कार्यवाही भी की जा सकती है। इसके बाद वंदेमातरम के साथ ही कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

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जयपुर में केमिकल टैंकर फटा, 20 वाहन आग की चपेट में, अब तक पांच लोगों की मौत, 30 से अधिक झुलसे

जयपुर, 20 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान की राजधानी जयपुर के भांकरोटा थाना इलाके के अजमेर रोड स्थित पुष्पराज पेट्रोल पंप के समीप आज सुबह केमिकल टैंकर फट गया। इससे भीषण आग लग गई। इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। झुलसे कई लोगों की हालत गंभीर है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा घायलों को देखने अस्पताल पहुंचे हैं।

प्रशासनिक अमला झुलसे लोगों को अस्पताल पहुंचा रहा है। इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है। धमाके की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी। आग इतनी भयानक थी कि तीन सौ मीटर के दायरे में कई वाहन इसकी चपेट में आ गए। चार लोग मौके पर जिंदा जल गए। कई वाहन चालकों के झुलस जाने की सूचना है। पुलिस और दमकल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं। दमकल की कई गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हुई हैं।

अधिकारियों ने बताया कि हाइवे से गुजर रही एलपीजी गैस पाइपलाइन को बंद करा दिया गया है। यह हादसा संभवतः टैंकर में तकनीकी खराबी के कारण हुआ। पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और हाइवे पर यातायात रोक दिया गया है।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (हि.स.)। नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में विकसित किए जाने वाले युग युगीन भारत संग्रहालय के विकास के लिए गुरुवार को फ्रांस म्यूजियम डेवलपमेंट के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। राष्ट्रीय संग्रहालय में आयोजित समारोह में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, फ्रांस के भारत में राजदूत डॉ थियेरी माथू, संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुणीश चावला, राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक डॉ बी.आर. मणि मौजूद थे।

आगामी युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए फ्रांस म्यूजियम डेवलपमेंट के साथ राष्ट्रीय संग्रहालय के हस्ताक्षर समारोह में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध, एक रणनीतिक साझेदारी रही है। भारत और फ्रांस एक बहुध्रुवीय दुनिया में एक दूसरे को महत्वपूर्ण ध्रुवों के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस को इस बारे में बात करते हुए सुनते हैं कि हम दुनिया को अपने तरीके से कैसे देखते हैं, जरूरी नहीं कि दूसरे इसे कैसे परिभाषित करना चाहते हैं, तो यह हमारा इतिहास और विरासत है जो हमें आत्मविश्वास देती है। उन्होंने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के सांस्कृतिक सहयोग को गहरा करेंगे, हम वास्तव में एक विशेष प्रकार के रिश्ते को भी जोड़ रहे हैं, यह एक नई और अधिक लोकतांत्रिक विश्व बनाएगा।

इस मौके पर संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि युग युगीन भारत संग्रहालय देश की विकास भी विरासत भी की कल्पना के अनुरूप है। ‘युग युगीन भारत संग्रहालय’ दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय़ होगा। यह भारत की 10 हजार साल पुराने इतिहास को परिलक्षित करेगा। आज का समझौता बेहद महत्वपूर्ण है। इस संग्रहालय को विकसित करने में फ्रांस की तकनीकी सहयोग बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय के आठ भाग होंगे और भारत की कलाकृतियों की व्यापक समझ को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच संबंध को यह सहयोग और गहरा करेगा।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री ने गुरुवार देर शाम केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के आवास पर क्रिसमस समारोह में भाग लिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शाम केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के आवास पर क्रिसमस समारोह में भाग लिया और ईसाई समुदाय के प्रतिष्ठित सदस्यों के साथ बातचीत की।

सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में यह जानकारी साझा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन जी के आवास पर क्रिसमस समारोह में भाग लिया। ईसाई समुदाय के प्रतिष्ठित सदस्यों से भी बातचीत की।”

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (हि.स.)। संसद परिसर में धक्का-मुक्की मामले में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा की शिकायत पर संसद मार्ग थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

पुलिस के मुताबिक भाजपा द्वारा दी गई शिकायत में सिर्फ बीएनएस की धारा 109 (हत्या का प्रयास) हटाई गई है जबकि अन्य सभी धाराएं वही हैं जो शिकायत में दी गई हैं। भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ 109 (हत्या का प्रयास), 115, 117, 125, 131 और 351 सहित विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराई थी।

दरअसल, संसद में गुरुवार को बाबा साहेब के अपमान को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच टकराव इस कदर बढ़ गया कि मामला पुलिस स्टेशन तक जा पहुंचा। सत्ता पक्ष औऱ विपक्ष के सांसदों ने संसद के बाहर कथित हाथापाई के बाद एक-दूसरे पर मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। भाजपा की तरफ से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी द्वारा भाजपा सांसदों को धक्का मार कर घायल करने की घटना पर साथी सांसदों बांसुरी स्वराज व हेमांग जोशी के साथ संसद मार्ग थाने में राहुल गांधी के खिलाफ बीएनएस की धारा 109, 115, 117, 125, 131 और 351 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी।

वहीं, कांग्रेस ने भी भाजपा के नेताओं के खिलाफ गुरुवार को संसद मार्ग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि भाजपा नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ दुर्व्यवहार किया, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि की। दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक, राजीव शुक्ला और प्रमोद तिवारी सहित कांग्रेस सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने व्यक्तिगत रूप से शिकायत दर्ज कराई। प्रमोद तिवारी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 84 वर्षीय दलित नेता मल्लिकार्जुन खरगे को धक्का दिया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। हम इस कृत्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने आए हैं।

उधर, संसद परिसर में प्रदर्शन के दौरान हुई धक्का-मुक्की में घायल भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाजरत हैं। इस संबंध में आरएमएल एमएस डॉ. अजय शुक्ला ने बताया कि प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत के सिर में चोट लगी थी और उन्हें दवा दी गई है।

लोस अध्यक्ष के सख्त निर्देश

वहीं, संसद परिसर में हुए धक्का-मुक्की मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अब से कोई भी सदस्य, सदस्यों का समूह या राजनीतिक दल संसद भवन के किसी भी गेट पर प्रदर्शन नहीं करेंगे।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को संसद में अमित शाह की टिप्पणी को लेकर टकराव शुरू हो गया, जहां उन्होंने कांग्रेस पर बार-बार बी.आर. आंबेडकर का अपमान करने पर निशाना साधा। राज्यसभा में अपने भाषण में शाह ने कहा, “अगर उन्होंने भगवान का नाम इतनी बार लिया होता, तो उन्हें स्वर्ग में जगह मिल जाती।” विपक्ष ने जोरदार तरीके से इसकी निंदा की, जबकि भाजपा ने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज चौहान ने संसद में घायल हुए सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत से अस्पताल में भेंट कर उनका हाल जाना।

इस दौरान शिवराज चौहान ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने जो गुंडागर्दी की है, उसका दूसरा उदाहरण नहीं मिलता। ऐसा आचरण आज तक संसदीय इतिहास में देखा नहीं गया। ये संसद के इतिहास में काला दिन है, लोकतांत्रिक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा दी गई।

शिवराज सिंह ने कहा कि अमित शाह जी ने अपने भाषण में कांग्रेस की जो पोल खोली, उसकी खीज इतनी कि ये गुंडागर्दी पर उतर आए हैं।

उन्होंने कहा कि सांसद सारंगी घायल हैं, उनके सिर से ब्लीडिंग हो रही थी, उनकी आंख के पास टांके लगाए गए हैं। सांसद मुकेश राजपूत यहां एडमिट हैं, उन्हें घबराहट हो रही है और बीपी बढ़ा हुआ है। दोनों को देखकर मन पीड़ा से भर गया। जो सांसद वहां थे वो गवाह हैं कि किसने धक्का-मुक्की की और किसने गुंडागर्दी की। सारे वैधानिक कदम उठाए जाएंगे।

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मुंबई, 19 दिसंबर (हि.स.)। मुंबई के पास नीलकमल नाव हादसा मामले में इस घटना में बचाये गए यात्री नथाराम चौधरी की शिकायत पर गुरुवार को कोलाबा पुलिस स्टेशन में नौसेना की गश्ती स्पीड बोट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। नौसेना आज सुबह हादसाग्रस्त नांव को टोइंग कर समुद्र के किनारे लायी और उसकी छानबीन कर रही है। साथ ही नौसेना, तटरक्षक दल और बचाव दल की टीमें इस हादसे में लापता हुए दो लोगों की सुबह से समुद्र में तलाश कर रही हैं।यह जानकारी काेलाबा पुलिस ने दी।

इस घटना में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, 101 लोगों को बचाया गया है। इसमें जर्मनी के दो विदेशी यात्री भी शामिल थे। मृतकों में 7 पुरुष, 4 महिलाएं, 2 बच्चे शामिल हैं। इनकी पहचान महेंद्र सिंह शेखावत , प्रवीण शर्मा , मंगेश, मोहम्मद रेहान कुरेशी, राकेश नानाजी अहिरे, सफियाना पठान, माही पावरा, अक्षता राकेश अहिरे , मिठू राकेश अहिरे , दीपक वी. के रूप में की गई है। जबकि तीन शवों की पहचान खबर लिखे जाने तक नहीं हो सकी थी। इस घटना में बचाए गए दो लोगों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। इस हादसे में राकेश नाना अहिरे के परिवार के तीन लोगों मौत हो गई है। वे नासिक जिले के पिंपलगांव, बसवंत के निवासी थे। अहिरे परिवार पर्यटन के लिए मुंबई आया था।

बुधवार को गेटवे आफ इंडिया से करीब सवा तीन बजे एलीफेंटा पर्यटन स्थल की ओर जा रही नीलकमल नामक नाव उरन कारंजा के पास नौसेना की एक स्पीडबोट से टकरा कर हादसाग्रस्त हो गई थी। नौसेना के स्पीडबोट पर कुछ छह लोग सवार थे। इनमें तीन की मौत हो गई है, जबकि एक की हालत नाजुक बताई जा रही है और दो का इलाज जारी है। नौसेना ने बताया कि स्पीडबोट में नया इंजन लगाया गया था, जिसका परीक्षण किया जा रहा था और अचानक इंजन में खराबी आ जाने से स्पीडबोट बेकाबू हो गई थी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने इस घटना में मृतकों के आश्रितों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद दिए जाने की भी घोषणा की है। इसी तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस घटना में मृतकों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक मदद की घोषणा की है। खबर लिखे जाने तक समुद्र में दो लापता लोगों की तलाश जारी है।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (हि.स.)। डॉ. आंबेडकर को लेकर संसद में शुरू हुई तकरार ने आज धक्का-मुक्की का रूप ले लिया। पहले भाजपा ने आरोप लगाया कि उसके सांसदों को धक्का दिया गया और वो भी राहुल गांधी ने ऐसा किया। दूसरी ओर कांग्रेस ने यही आरोप भाजपा सांसदों पर लगाया। भाजपा ने जहां राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया तो कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पुलिस में शिकायत की।

इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए पत्रकार वार्ता भी की। भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस संसद में तर्क के स्थान पर शारीरिक बल से अपने आपको ऊपर उठाना चाहती है। वहीं, कांग्रेस का आरोप है कि आज का पूरा घटनाक्रम मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज संसद में हुए घटनाक्रम को कांग्रेस की गिरती हुई सोच का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने एक बुजुर्ग और एक आदिवासी महिला के साथ अशोभनीय व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि आज संसद में हुआ घटनाक्रम कल्पना से परे है। यह अशालीन, अशोभनीय और गुंडागर्दी से भरा व्यवहार है, इस आचरण की सभ्य समाज कल्पना भी नहीं कर सकता। वह स्वयं कई बार लोकसभा और विधानसभा के सदस्य रहे हैं लेकिन उन्होंने आज तक संसद या विधानसभा में इस तरह का आचरण नहीं देखा।

दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पत्रकार वार्ता कर इस घटनाक्रम के बारे में बताया। खरगे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नेहरू और आंबेडकर को लेकर झूठ फैलाने का काम कर रही है। उन्हें तथ्य देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने अपने बयान से डॉ. आंबेडकर का अपमान किया है। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए और अगर वह इस्तीफा नहीं देते तो प्रधानमंत्री को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।

उन्होंने सुबह हुई धक्का-मुक्की की घटना को लेकर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा है कि विपक्षी गठबंधन की महिला सांसदों को संसद के अंदर जाने से रोका गया। उनके साथ धक्का-मुक्की की गई और स्वयं उनके साथ भी दुर्व्यवहार हुआ, उनका संतुलन बिगड़ा और वह नीचे गिर गए। इसके उलट भाजपा हम पर आरोप लगा रही है कि हमने धक्का दिया। अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पूरे देश में आंदोलन होगा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी मुद्दों से ध्यान भटकने के लिए ऐसा कर रही है।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दल गुरुवार को बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर के मुद्दे पर संसद भवन परिसर में धक्का-मुक्की तक हो गई। इसमें भाजपा सांसद व पूर्व मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी घायल हो गए। उनके माथे पर चोट लगी और वहां से खून निकलने लगा। जिसके चलते उन्हें तत्काल एबुंलेंस से अस्पताल ले जाया गया। आरोप है कि संसद भवन के मकर द्वार पर प्रदर्शन कर रहे भाजपा सांसदों से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी उलझ पड़े। राहुल गांधी ने संसद भवन में प्रवेश करने के चलते एक सांसद को धक्का दे दिया, वे आगे खड़े प्रताप चंद्र सारंगी के ऊपर गिरे, जिससे सारंगी चोटिल हो गई।

व्हील चेयर पर बैठकर एबुंलेंस तक जाते हुए सारंगी ने कहा, “मैं सीढ़ियों के पास खड़ा था, राहुल गांधी आए और उन्होंने एक सांसद को धक्का दिया, जो मेरे ऊपर गिर गया, जिससे मैं भी गिर पड़ा।”

स्वयं राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया कि वे संसद भवन के भीतर जाना चाहते थे। उन्होंने कहा “मैं संसद के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन भाजपा के सांसद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे, धक्का दे रहे थे और धमका रहे थे। ये संसद है और अंदर जाना हमारा अधिकार है।”बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने फरूूुखाबाद से सांसद मुकेश राजपूत को धक्का दिया और वे प्रताप चंद्र सारंगी पर गिरे थे। मुकेश राजपूत को अचेतावस्था में आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

राज्यसभा में नागालैंड से भाजपा सदस्य एस फान्गनॉन कोन्याक ने राहुल गांधी के धक्का मुक्की करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी उनके बहुत करीब आ गए थे। इस पर सभापति ने कहा कि वे उनसे मिलने भी आईं थी और वे इस विषय को देख रहे हैं। इस मुद्दे को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और नेता सदन जेपी नड्डा ने भी सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि हमारे दो सांसद घायल हुए हैं और एक को अस्पताल जाना पड़ा है। राहुल गांधी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

दूसरी ओर कांग्रेस ने भी भाजपा सांसदों पर आरोप लगाए। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सांसद अराजकता पैदा करने, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को निशाना बनाने और उन पर हमला करने के इरादे से पहुंचे। जैसे ही वह अंदर घुसे भाजपा सांसदों ने उन्हें धक्का दिया, जिससे उनका संतुलन बिगड़ गया। खड़गे पर यह खुला हमला भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक है।

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी नेतृत्व में आज संसदीय दल की बैठक हुई। बाद में आईएनडीआईए गठबंधन के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों ने डॉ भीम राव अम्बेडकर की मूर्ति से लेकर संसद के मकर द्वार तक मार्च निकाला। उन्होंने हाथ में पोस्टर पकड़े हुए थे और जय भीम के नारे लगा रहे थे।

इसी बीच कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही में अमित शाह के बयान को पढ़कर सुनाया जिसमें वे कह रहे हैं, “मान्यवर, अभी एक फैशन हो गया है- ‘अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों में स्वर्ग मिल जाता।” श्रीनेत ने कहा कि ये शब्द गृह मंत्री अमित शाह ने देश के सदन में कहे हैं। इस वक्तव्य को किसी प्रकार से तोड़ा- मरोड़ा नहीं गया है। इस वक्तव्य का साक्ष्य राज्य सभा की वेबसाइट पर है। अमित शाह को इस अक्षम्य अपराध के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।

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