कुंभ स्नान के लिए गई बिछड़ी महिला को आरपीएफ ने परिजनों से मिलाया

प्रयागराज; प्रयागराज रामबाग एवं झूंसी स्टेशनों पर कार्य में लगे हुए टिकट चेकिंग कर्मचारी, रेलवे सुरक्षा बल के कर्मचारी, एवं अन्य कर्मचारी पूरे मनोयोग से कार्य करते हुए आने जाने वाले यात्रियों की हर यथासंभव सहायता कर रहे हैं । इन कर्मचारियों को अलग अलग पालियों में बांटकर लगातार चौबीस घंटे कार्य करने की नीति पर कार्य करते हुए यात्रियों को सुरक्षा प्रदान के साथ उनको गंतव्य स्थान तक सुरक्षित पहुँचाने के लिए भी निरन्तर प्रयत्नशील है।

इसी क्रम में दिनांक-28.01.2025 को समय 11.30 बजे एक वृद्ध महिला शांति कुवर उम्र लगभग 70 वर्ष निवासी ग्राम व थाना चांदी जिला भोजपुर बिहार सीसीटीवी कंट्रोल रूम में घबराई हुई आयी और उन्होंने बताया कि वह अपने परिजनों से बिछड़ गई हैं । कन्ट्रोल रूम में तैनात रेलवे सुरक्षा बल कांस्टेबल शिव प्रसाद सोनी द्वारा महिला को शान्त कर विश्वास दिलाया की उनके परिजनों को अवश्य खोज लेंगे । तदुपरांत कांस्टेबल ने परिचालन विभाग के सौरभ कुमार गुप्ता व कमर्शियल विभाग के प्रणय कुमार से समन्वय कर यात्री उद्घोषक प्रणाली से उद्घोषणा कराई गई। उद्घोषणा से मिली सूचना पर वृद्ध महिला का पोता भास्कर चौहान पुत्र विजय किशोर चौहान निवासी ग्राम व थाना चांदी जिला भोजपुर बिहार अपने परिजनों के साथ मेला कन्ट्रोल प्रयागराज रामबाग पहुँचे । मेला कंट्रोल के सी सी टी वी अधिकारी सहायक उप निरीक्षक श्री शिव प्रसाद ने पूरी तस्दीक करने के उपरांत अन्य विभागों के कर्मचारियों के समक्ष वृद्ध महिला को उनके परिजनों के सुपूर्द किया गया। अपने परिवार से मिलकर वृद्ध महिला बहुत प्रसन्न हुई। परिजन द्वारा रेलवे कार्य प्रणाली व रेलवे सुरक्षा बल की प्रशंसा करते हुए अपने परिजन को साथ लेकर अपने गन्तव्य को चले गए। इस गुमशुदा महिला शांति कुवर एवं उसके परिजनों ने रेल प्रशासन तथा कर्मचारी को इस सहयोग सेवा के लिए बहुत –बहुत धन्यवाद किया।

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अहमदाबाद, 28 जनवरी (हि.स.) | नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जोधपुर जेल से निकलकर गुजरात वापस आए हैं। वह फिलहाल अहमदाबाद के साबरमती स्थित अपने आश्रम में हैं। आसाराम ने 10 साल की लंबी अवधि के बाद अहमदाबाद के आश्रम में प्रवेश किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को चिकित्सा आधार पर 31 मार्च तक अंतरिम सशर्त जमानत दे दी है। जोधपुर जेल में सजा काट रहे आसाराम जमानत पर रिहा होने के 10 साल बाद अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में दाखिल हो गए । जमानत की शर्त यह है कि आसाराम अपने अनुयायियों से नहीं मिल सकेंगे। हालांकि, जैसे-जैसे इसके बारे में साधकों को पता चला है, वे आश्रम पहुंचने लगे हैं। पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया तथा आश्रम में स्थिति न बिगड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे गश्त शुरू कर दी गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जब आसाराम को जमानत मिली तो उनके अहमदाबाद आने की अटकलें बढ़ गईं। खास बात यह है कि आसाराम का यह आश्रम पहले भी कई विवादों में घिर चुका है। दीपेश-अभिषेक की अप्राकृतिक मौत का मामला, उसके बाद दुष्कर्म जैसी घटनाओं की शिकायतें और फिर आसाराम आश्रम अपने अनुयायियों के कारण भी विवादों में रहे हैं। जांच के दौरान कई विवाद सामने आये। इस बीच चांदखेड़ा पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है कि आसाराम अंतरिम जमानत के दौरान कोई नया विवाद खड़ा न करें।

आसाराम को अप्रैल 2018 में जोधपुर स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था। जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके बाद अप्रैल 2019 में सूरत की एक अदालत ने उनके पुत्र नारायण साईं को बलात्कार का दोषी ठहराया था।

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महाकुम्भ नगर, 27 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को संतों के साथ संगम में आस्था की डुबकी लगाई। केंद्रीय गृहमंत्री सोमवार पूर्वाह्न 11ः25 बजे प्रयागराज पहुंचे। एयरपोर्ट पर उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, योगी कैबिनेट के मंत्रियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। संगम नोज पर पवित्र स्नान से पूर्व उन्होंनें धर्माचार्यों से भेंट की। इसके बाद संतों के साथ पवित्र डुबकी लगाई। संगम स्नान के बाद गृहमंत्री ने अक्षयवट का दर्शन-पूजन किया।

केंद्रीय गृहमंत्री के साथ जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज, जूना अखाड़े के संरक्षक हरिगिरि महाराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं मनसा देवी ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज, निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, योग गुरु बाबा रामदेव सहित अन्य धर्माचार्यों और संतों के साथ स्नान किया। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने भी गृहमंत्री के साथ आस्था की डुबकी लगाई। स्नान के बाद अमित शाह ने सूर्य भगवान को पांच बार अर्घ्य देकर प्रणाम किया। अमित शाह ने स्नान के बाद अक्षयवट का दर्शन-पूजन भी किया।

संगम स्नान के बाद अमित शाह जूना अखाड़ा पहुचेंगे। वहां वे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और अन्य संतों से मुलाकात करेंगे। संतों से महाकुंभ के आयोजन और समाज में धर्म की भूमिका पर चर्चा करेंगे। संतों के साथ पारंपरिक भोजन भी करेंगे।

इसके बाद अमित शाह गुरु शरणानंद और गोविंद गिरि महाराज से विशेष भेंट करेंगे। इस मुलाकात में धर्म, समाज और युवा पीढ़ी को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करने के विषय पर गहन चर्चा होगी। इसके उपरांत श्रृंगेरी, पुरी और द्वारका पीठ के शंकराचार्यों से मुलाकात करेंगे। सरकार और संत समाज के बीच यह संवाद महाकुंभ को सफल और अनुकरणीय बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। गृहमंत्री शाम 6ः40 बजे दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।

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गणतंत्र दिवस पर महाप्रबंधक ने 19 रेलकर्मियों को किया सम्मानित

-उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय ने धूमधाम से मनाया 76वां गणतंत्र दिवस समारोह

प्रयागराज:  उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में राष्ट्र का 76वां गणतंत्र दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। महाप्रबंधक उपेन्द्र चंद्र जोशी ने झंडा फहराया और रेलवे सुरक्षा बल, भारत स्काउट और गाइड एवं सेंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड की परेड का निरीक्षण किया। महाप्रबंधक ने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 19 रेलवे कर्मियों को सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर महाप्रबंधक ने एनसीआर की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने उत्तर मध्य रेलवे के सभी कर्मचारियों और उनके परिवारों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर रेल सुरक्षा बल श्वान दस्ते का प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र रहा। इसके बाद रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ।

महाप्रबंधक ने कहा कि यह शुभ दिन हमें देशभक्ति की प्रबल भावना की अनुभूति कराता है। इस पुनीत पर्व पर हम अपने उन महान स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों का कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करते हैं, जिन्होंने एक जीवंत एवं मजबूत लोकतांत्रिक गणतंत्र के निर्माण में अतुलनीय भूमिका निभाई है। हमारा यह महान गणतंत्र पिछले सात दशकों में निरंतर गतिशील एवं सुदृढ़ हुआ है। ये राष्ट्रीय पर्व, जहाँ एक ओर हम सब में गर्व और उमंग का भाव जागृत करते हैं, वहीं दूसरी ओर, यह वह सुअवसर भी है, जब हम अपने कार्य निष्पादन, विशेषरूप से वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25, जो अपनी अंतिम तिमाही में है, की अवधि में किए गए कार्यों का मूल्यांकन भी करते हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ मेला के आयोजन में उत्तर मध्य रेलवे नोडल रेलवे की भूमिका निभा रही है। राष्ट्र सेवा हमारे लिए एक मिशन की तरह है। भारतीय रेल के महत्वपूर्ण घटक के रूप में हमारी रेलवे देश के विकास में अपना अहम योगदान कर रही है।

सम्मानित होने वालों में रेलवे के अधिकारी एवं कर्मचारियों में दीपक कुमार एसएसई संकेत व दूरसंचार मुख्यालय, अमित कुमार मीणा निरीक्षक रेलवे सुरक्षा बल मुख्यालय, संतोष कुमार पाण्डेय, राजेंद्र कुमार गौतम, संजीव कुमार शर्मा, संजय कुमार रावत, मनोज कुमार पटेल, झांसी मण्डल से अमित पटेल, दीपक सिंह, एस.सी.भासने, अशोक कुमार सिंह, गौरव कुमार शर्मा, आगरा मण्डल से फूल सिंह मीना, लोकेन्द्र सिंह ठाकुर, विजेंद्र सिंह, दादर अमान, झांसी कारखाना से पिंटू लाल मीना, नितिन कुमार, प्रेम सिंह चंदेल आदि शामिल थे। इस अवसर उत्तर मध्य रेलवे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा, पदाधिकारी एवं अन्य सदस्य, उत्तर मध्य रेलवे के सभी प्रमुख विभागाध्यक्ष, अन्य अधिकारी गण एवं बड़ी संख्या में कर्मचारी एवं उनके परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।

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नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कारों की शनिवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर घोषणा की गई। इस बार सात लोगों को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण और 113 को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।

पद्म पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यापार, उद्योग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में महान काम करने वालों को दिया जाता है।

केंद्र सरकार की ओर से घोषित पद्म विभूषण से सम्मानित लोगों की सूची में दुवुर नागेश्वर रेड्डी (मेडीसिन, तेलंगाना), जगदीश सिंह (चंडीगढ़), कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया (कला- गुजरात) और लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम (कला- कर्नाटक) के नाम शामिल हैं। इसके अलावा, तीन शख्सियतों एमटी वासुदेवन (केरल), ओसामु सुजुकी (जापान) और शारदा सिन्हा (बिहार) को मरणोपरान्त यह सम्मान दिया गया है।

वहीं, पद्म भूषण सम्मान पाने वाले 19 लोगों में वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय और ए. सूर्य प्रकाश, समाज सेवा के क्षेत्र में साध्वी ऋतंभरा हैं। कला क्षेत्र से अनंत नाग, जतिन गोस्वामी, नंदमुरी बालकृष्णा, एस. अजित कुमार, शेखर कपूर और शोभला चंद्र कुमार को भी पद्म भूषण सम्मान मिलेगा। इनके अलावा, अमेरिका के विज्ञान क्षेत्र से जुड़े विनोद धाम, पंकज पटेल, नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी, पूर्व हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश, ऑर्कियोलॉजिस्ट कैलाश नाथ दीक्षित, जोश चाको पेरियापुरम भी तीसरे सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानिक होंगे। वहीं, बिबेक दोबरॉय, मनोहर जोशी, सुशील कुमार मोदी और पंकज उधास को मरणोपरान्त पद्म भूषण पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई है।

जबकि पद्म श्री पुरस्कार के लिए 113 नामों की घोषणा की गई है। इसमें पूर्व क्रिकेटर आर अश्विन, गायक अरिजीत सिंह, भक्ति गायक भेरू सिंह चौहान, पत्रकार भीम सिंह भावेश, उपन्यासकार जगदीश जोशीला, सर्वाइकल कैंसर की वकालत करने वाली नीरजा भाटला और कुवैत की योग चिकित्सक शेखा ए.जे. अल सबाह और उत्तराखंड के ट्रैवल ब्लॉगर दंपत्ति ह्यूग और कोलीन गैंटजर पुरस्कार पाने वालों की सूची में शामिल हैं।

इसके अलावा, विलास डांगरे, वेंकप्पा अंबाजी सुगातेकर, हरिमन शर्मा, जुमदे योमगाम गामलिन, नरेन गुरुंग, जगदीश जोशीला, बतूल बेगम, पंडि राम मंडावी, निर्मला देवी को भी पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। श्री नारायण उर्फ भुलई भाई को लोकसेवा के क्षेत्र में योगदान के लिए मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा सत्यपाल सिंह को खेल के क्षेत्र में, श्याम बिहारी अग्रवाल को कला के क्षेत्र में, सोनिया नित्यानंद को औषधि के क्षेत्र में, सैयद ऐनुल हसन को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री मिला है।

पद्मश्री पाने वालों में उत्तर प्रदेश के 8 लोग भी शामिल हैं। इनमें आशुतोष शर्मा को विज्ञान और इंजिनियरिंग के क्षेत्र में, गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में, हृदय नारायण दीक्षित को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री दिया गया है।

वहीं, नागालैंड के फल किसान एल हैंगथिंग, पुडुचेरी के वादक पी दत्चानमूर्ति. मध्य प्रदेश के सामाजिक उद्यमी सैली होलकर और मराठी लेखक मारुति भुजंगराव चितमपल्ली को भी पद्म श्री पुरस्कार देने की घोषणा हुई है।

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नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने शनिवार को पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है। इसमें वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय को साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय को देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। पिछले पांच दशक से पत्रकारिता में सक्रिय भूमिका निभाने वाले श्री राय इंदिरा गांधी कला केंद्र के अध्यक्ष हैं। इससे पहले वह पद्मश्री से सम्मानित किए गए हैं।

बता दें कि पद्म पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यापार, उद्योग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में महान काम करने वालों को दिया जाता है।

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नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार ने शनिवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- पद्म पुरस्कार 2025 के लिए गुमनाम नायकों के नामों की घोषणा की है। उम्मीद है कि आज कुछ देर में प्राप्तकर्ताओं की पूरी सूची जारी की जाएगी।

इनमें पैरालिंपियन हरविंदर सिंह, ब्राजील के हिंदू आध्यात्मिक गुरु जोनास मसेट्टी, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भाटला, भारत की विरासत के बारे में लिखने के लिए प्रसिद्ध दंपति ह्यूग और कोलीन गैंटजर, गोवा की 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई, पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र दास, कुवैत की योग साधिका शेखा ए जे अल सबाह इस वर्ष के प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में शामिल हैं।

देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं – पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री। यह पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यापार, उद्योग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्टता को मान्यता देता है।

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नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस के अवसर पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारियों व कर्मियों को उनके विशिष्ट सेवा और सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।

सीआईएसएफ मुख्यालय द्वारा मिली जानकारी के अनुसार विशिष्ट सेवाओं के लिए शिखर सहाय, महानिरीक्षक, एनईएस-II मुख्यालय कोलकाता, नीता सिंह, उप महानिरीक्षक, डीआइजी एपी प.क्षे. मुंबई को सम्मानित किया गया है। सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक में अवधेश प्रताप सिंह, वरिष्ठ कमांडेंट, एएसजी श्रीनगर, जय प्रकाश आज़ाद, वरिष्ठ कमांडेंट, बल मुख्यालय, नई दिल्ली, तुषार ज्ञानेश्वर सखारे, वरिष्ठ कमांडेंट, एएसजी अमृतसर, सुनील कुमार रघुवंशी, वरिष्ठ कमांडेंट, बल मुख्यालय, नई दिल्ली, विशाल दुबे, वरिष्ठ कमांडेंट, बल मुख्यालय, नई दिल्ली, नरेन्द्र कुमार जोशी, सहायक कमांडेंट/कप्रअ, बल मुख्यालय, नई दिल्ली, शराफत अली खान, सहायक कमांडेंट, आरटीसी भिलाई, सुनील कुमार गुप्ता, सहायक कमांडेंट/ कप्रअ, प्रथम आ.वा. बड़वाहा, एम. रमेश, सहायक कमांडेंट/ कप्रअ, एपीएस द.क्षे. मुख्यालय चेन्नई, सुशील कुमार, सहायक कमांडेंट/ कप्रअ, डीपीए कांडला, अजया कुमार बी., सहायक कमांडेंट, आरटीसी अराकोणम, धर्म चंद व्यास, निरीक्षक/ डीएएमईल नई दिल्ली, प्रतिमा देवी, निरीक्षक/का., एफजीयूटीपी ऊंचाहार, कुलदीप कुमार, उप निरीक्षक/का., आरटीसी बहरोड़, वी. तमिल सेल्वम, सहायक उप निरीक्षक/का., चौथी आ.वा., बीएन शिवगंगई, बी. एन. शर्मा, सहायक उप निरीक्षक/का., एएसजी पटना, आर. जय कुमार, सहायक उप निरीक्षक/का., सीपीसीएल चेन्नई, वी. थंगराजा, सहायक उप निरीक्षक/का., एएसजी पोर्टब्लेयर, एम. अरुमुगम, सहायक उप निरीक्षक/का., एएसजी मदुरै, उत्पल बनर्जी, सहायक उप निरीक्षक/का., एमटीएस मेजिया, महिंदर सिंह, सहायक उप निरीक्षक/का., 8वीं आ.वा. जयपुर, शिशपिंदर सिंह, सहायक उप निरीक्षक/का., एसएसजी ग्रेटर नोएड़ा, दुर्गा प्रसाद चंद्र, सहायक उप निरीक्षक/का., एसडीएससी शार, मुकेश कुमार, सहायक उप निरीक्षक/का., ओएनजीसी देहरादून शामिल हैं।

इसी क्रम में सराहनीय सेवाओं के लिए अग्निशमन सेवा पदक में अवधेश कुमार सिंह, सहायक कमांडेंट/अग्नि, डीटीपीएस दुर्गापुर, प्रेम चंद शर्मा, सहायक कमांडेंट/अग्नि, एनटीपीसी कनिहा, विजेन्द्र यादव, निरीक्षक/अग्नि, पीपीसीएल बवाना और रणधीर सिंह, सहायक उप निरीक्षक/अग्नि, एसएसटीपीएस शक्तिनगर शामिल हैं।

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नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का आज राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। बाद में उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो भारत की पहली राजकीय यात्रा पर हैं। वो कल भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पोस्ट में कहा, “एक खास दोस्त का विशेष स्वागत। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का भारत की पहली राजकीय यात्रा पर गर्मजोशी से स्वागत किया। राष्ट्रपति प्रबोवो का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।”

राष्ट्रपति प्रबोवो ने मीडिया से बातचीत में कहा, “इंडोनेशिया भारत को अपना बहुत अच्छा मित्र मानता है। भारत हमारी स्वतंत्रता को मान्यता देने वाला पहला देश था और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में हमारा समर्थन किया। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे। मैं भारत के साथ घनिष्ठ सहयोग, साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हूं, यह मेरा दृढ़ संकल्प है।”

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नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी के ऐतिहासिक कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी की सुबह दुनिया भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य कौशल को देखेगी। इस साल गणतंत्र दिवस पर संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने और जनभागीदारी पर विशेष फोकस किया है। समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोलो सुबियंतो होंगे।

रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के अनुसार, इंडोनेशिया से 160 सदस्यीय मार्चिंग दल और 190 सदस्यीय बैंड दल भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियों के साथ कर्तव्य पथ पर परेड में हिस्सा लेंगे। विभिन्न राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों की 31 झांकियां भाग लेंगी। झांकियों की विषय वस्तु ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास’ है। राष्ट्रगान के बाद भारतीय संविधान के 75वें वर्ष के आधिकारिक लोगो के बैनर वाले गुब्बारे छोड़े जाएंगे। कार्यक्रम का समापन 47 विमानों के फ्लाईपास्ट के साथ होगा।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुबह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पारंपरिक बग्गी में कर्तव्य पथ पर पहुंचेंगी और एक औपचारिक मार्च पास्ट के दौरान सलामी लेंगी। इसमें सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल, सहायक नागरिक बल, एनसीसी और एनएसएस की इकाइयां शामिल होंगी। राष्ट्र और समाज निर्माण में विशेष योगदान करने वालों को सम्मानित करने के लिए जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के विशेष मेहमानों को इस कार्यक्रम को देखने के लिए सरकार के विशेष मेहमानों के रूप में आमंत्रित किया गया है। गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत देश के विभिन्न हिस्सों के 300 सांस्कृतिक कलाकार ‘सारे जहां से अच्छा’ संगीत वाद्ययंत्र बजाते हुए करेंगे।

संस्कृति मंत्रालय संगीत नाटक अकादमी के माध्यम से ‘जयति जया ममः भारतम’ शीर्षक से 5000 कलाकारों के साथ 11 मिनट के सांस्कृतिक प्रदर्शन का आयोजन करेगा।

गणतंत्र दिवस समारोह का समापन ‘बीटिंग रिट्रीट समारोह’ के साथ होगा। यह समारोह 29 जनवरी को विजय चौक पर होगा। दिल्ली में बीटिंग रिट्रीट के दिन शाम को 6ः15 बजे बिगुल बजाकर राष्ट्रीय ध्वज को झुका दिया जाएगा। संगीतमय धुन में राष्ट्रगान गाया जाएगा।

गणतंत्र दिवस समारोह का गवाह बनने के लिए राष्ट्रीय स्कूल बैंड प्रतियोगिता के फाइनलिस्ट विद्यार्थियों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। फाइनलिस्ट टीमों में से झारखंड की लड़कियों की एक टीम राष्ट्रपति के मंच के सामने प्रदर्शन करेगी और दो टीमें विजय चौक के पास कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के साथ प्रदर्शन करेंगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल अपने आवास पर गणतंत्र दिवस समारोह के एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस स्वयंसेवकों, यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम कैडेट्स, झांकी कलाकारों और जनजातीय अतिथियों आदि से मुलाकात कर चुके है। दिल्ली कैंट स्थित करियप्पा परेड ग्राउंड में 27 जनवरी को ‘युवा शक्ति-विकसित भारत’ की थीम पर एनसीसी रैली भी होनी है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी एनसीसी की विविध गतिविधियों की समीक्षा करेंगे।

मेट्रो और डीटीसी की फेरी सेवाः 26 जनवरी की सुबह 04:00 बजे से पूरी दिल्ली में दिल्ली मेट्रो का परिचालन शुरू होगा। दिल्ली मेट्रो के पार्किंग स्थल पूरे दिल्ली में नियमित दरों पर शुल्क के आधार पर खुलेंगे। पार्क और राइड योजना की सुविधा इस वर्ष भी रहेगी। आमंत्रित अतिथि अपने वाहन पालिका पार्किंग, कनॉट प्लेस और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के पार्किंग क्षेत्र (गेट-14 और 15) में पार्क कर सकेंगे। यहां से वह डीटीसी बसों के माध्यम से फेरी सेवाओं (पिक एंड ड्रॉप) का उपयोग करेंगे। फेरी सेवाएं सुबह 6:00 बजे शुरू होंगी और 8:30 बजे बंद हो जाएंगी। 

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महाकुंभ नगर, 24 जनवरी (हि.स)। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में संतों ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग उठाई। इसकी मांग को लेकर विहिप आंदोलन भी करेगी। इसके साथ ही अयोध्या के बाद काशी और मथुरा को मुक्त किए जाने और देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की भी मांग उठाई गयी। वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर संतों ने एक स्वर से कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है।

महाकुंभ क्षेत्र में विहिप की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि अंग्रेजों के समय से हमारे प्रमुख मंदिर सरकार के कब्जे में हैं। मंदिरों को मुक्त करने के लिए विहिप आंदोलन करेगी। इस दौरान मंच पर जगद्गुरु आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि, विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार और केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा उपस्थित रहे।

अवधेशानंद गिरि ने बताया कि केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के पूज्य संतों ने दुनियाभर के हिंदू समाज की धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आवश्यकताएं, चुनौतियां और संकटों के संदर्भ में विचार करते हुए हिंदू समाज का मार्गदर्शन किया है। इसमें निम्नलिखित विषय-बिंदुओं पर संतों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

देशभर में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का जागरण अभियान प्रारम्भ हुआ है। आन्ध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से इस अभियान का शंखनाद हो चुका है। संतों ने आग्रह किया कि सभी मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त किये जाएं, सरकारी नियंत्रण स्थापित करने वाले कानून हटाए जाएं और मंदिरों का प्रबंधन आस्था रखने वाले भक्तों को सौंपा जाए।

हिन्दू समाज के घटते जन्मदर का प्रमुख कारण हिन्दू जनसंख्या में हो रहा असंतुलन है। हिन्दू समाज के अस्तित्व की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण दायित्व के रूप में हर हिन्दू परिवार में कम से कम तीन बच्चों का जन्म होना चाहिए। मार्गदर्शक मंडल के संतों ने आह्वान किया है कि हिन्दू समाज की जनसंख्या को संतुलित बनाये रखने के लिए हिन्दू समाज के जन्मदर को बढ़ाने की आवश्यकता है।

अवधेशानंद गिरि ने बताया कि वक्फ बोर्ड के निरंकुश एवं असीमित अधिकारों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार संशोधन अधिनियम लाने वाली है, उसका केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल स्वागत करता है। साथ ही यह आह्वान करता है कि यह कानून पारित होना चाहिए तथा सभी दलों के सांसदों को इसमें सहयोग करना चाहिए।

वर्ष 1984 के धर्म संसद से लेकर अयोध्या, मथुरा, काशी के मंदिरों की प्राप्ति के लिए संत समाज, हिन्दू समाज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विहिप संकल्पबद्ध थे, हैं और रहेंगे। भारत के उत्थान के लिए सामाजिक समरसता, पर्यावरण की रक्षा, कुटुम्ब प्रबोधन से हिन्दू संस्कारों का सिंचन तथा सामाजिक कुप्रथाओं का निर्मूलन, अपने स्व का आत्मबोध तथा अच्छे नागरिकों के कर्तव्य, ये राष्ट्रीय चारित्र्य का विकास समाज के लिए आवश्यक है।

बैठक प्रमुख रूप से जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती, आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानन्द, महामंडलेश्वर विश्वात्मानन्द भारती, महामंडलेश्वर बालकानन्द, स्वामी चिदानंद मुनि, स्वामी राजेंद्र देवाचार्य, स्वामी कौशल्यानन्द गिरि, स्वामी अश्विलेश्वरानन्द, स्वामी हरिहरानन्द, श्रीमहंत निर्मोही अखाड़ा राजेंद्र दास, महंत रविन्द्र पुरी जी महाराज, पूज्य भास्कर गिरि जी आदि उपस्थित रहे।

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– डीआरडीओ की झांकी में स्वदेशी हथियार प्रणालियों की दिखाई जाएगी झलक

नई दिल्ली, 24 जनवरी (हि.स.)।​ कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पहली बार तीनों सेनाओं की​ संयुक्त झांकी सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित करेगी। ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ थीम के साथ​ झांकी में स्वदेशी अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम और एक रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट के साथ युद्ध क्षेत्र का परिदृश्य दिखाया जाएगा।

​रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस बार गणतंत्र दिवस परेड के दौरान देशवासियों के समक्ष संयुक्तता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित करने के लिए तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी दिखाई जाएगी। यह झांकी ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ की विषय-वस्तु के साथ सशस्त्र बलों में संयुक्तता व एकीकरण के वैचारिक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगी। इस झांकी में तीनों सेनाओं के बीच नेटवर्किंग और संचार को सुविधाजनक बनाने वाले संयुक्त संचालन कक्ष को दर्शाया जाएगा। इसमें युद्ध क्षेत्र के परिदृश्यों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें जमीन, पानी और हवा में समकालिक ऑपरेशन को दिखाया जाएगा।

झांकी में स्वदेशी अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक, तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम की झलक देखने को मिलेगी। यह झांकी मुख्य रूप से बहु-डोमेन परिचालनों में तीनों सेनाओं की तालमेल को प्रदर्शित करेगी। ये प्लेटफॉर्म रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के दृष्टिकोण का उदाहरण हैं। रक्षा मंत्रालय ने 2025 को ‘परिवर्तन का वर्ष’ घोषित किया है। समकालीन और भविष्य के संघर्षों में सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमता को अधिकतम करने की दिशा में प्रमुख आधारशिला के रूप में पहचाना गया है। एकीकृत रक्षा कार्मिक मुख्यालय ने सुधारों को सही दिशा में ले जाने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल की दिशा में केंद्रित पहल की है।

डीआरडीओ की झांकी गणतंत्र दिवस परेड के दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की झांकी का विषय ‘रक्षा कवच- बहु-क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ बहु-स्तरीय संरक्षण’ होगा, जिसमें त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, 155 मिमी/52 कैल एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, ड्रोन का पता लगाना, रोकना और नष्ट करना, सैटेलाइट-आधारित निगरानी प्रणाली, मध्यम शक्ति रडार अरुध्रा, उन्नत हल्के वजन के टारपीडो, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली धर्मशक्ति, लेजरआधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, स्वदेशी मानव रहित हवाई प्रणाली, सुरक्षा बलों के लिए वी/यूएचएफ मैनपैक सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो, स्वदेशी सुरक्षित सैटेलाइट फोन और उग्रम असॉल्ट राइफल शामिल होंगे।

इसके अलावा डीआरडीओ सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल प्रलय हथियार प्रणाली भी प्रदर्शित करेगा, जिसे अत्याधुनिक तकनीकों के साथ डिजाइन और विकसित किया गया है। परेड के दौरान डीआरडीओ में विकसित नाग मिसाइल सिस्टम, पिनाका, ब्रह्मोस, शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम 10 मीटर और आकाश हथियार प्रणाली प्रदर्शित की जाएंगी। डीआरडीओ की 2024 की प्रमुख उपलब्धियों को भी झांकी के पोस्टरों में प्रदर्शित किया जाएगा, इसमें लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल, हल्के वजन की बुलेट प्रूफ जैकेट ‘अभेद’, हल्का युद्धक टैंक ज़ोरावर, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो और इलेक्ट्रो ऑप्टिक (श्येन) के साथ डोर्नियर का रडार के साथ मिड-लाइफ अपग्रेड शामिल हैं।

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