नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सुबह 11 बजे संसद में लगातार आठवां केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। सीतारमण ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव व कुछ अन्य सदस्यों के विरोध के बीच बजट भाषण शुरू किया। वित्तमंत्री ने कहा कि इस बजट में प्रस्तावित विकास उपाय 10 व्यापक क्षेत्रों में हैं। बजट में गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही है। पिछले 10 वर्षों के हमारे विकास ट्रैक रिकॉर्ड और संरचनात्मक सुधारों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। इस अवधि में भारत की क्षमता और संभावनाओं पर विश्वास बढ़ा है। वित्तमंत्री ने कहा कि राज्यों के साथ साझेदारी में धन-धान्य कृषि योजना के तहत कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को कवर किया जाएगा। इससे 1.7 करोड़ किसानों को ग्रामीण समृद्धि बनाने में मदद मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा होंगे।

वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि बिहार में मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसका मकसद मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बेहतर बनाना है। इस कार्य में लगे लोगों को एफपीओ के रूप में संगठित किया जाएगा। उन्होंने ने कहा कि सरकार पीएम धन-धान्य कृषि योजना शुरू करेगी। इसका मकसद कृषि जिलों में विकास कार्यक्रम को बढ़ावा देना है। मौजूदा योजनाओं और विशेष उपायों के अभिसरण के माध्यम से कार्यक्रम कम उत्पादकता, मध्यम फसल तीव्रता और औसत से कम ऋण मापदंडों वाले 100 जिलों को कवर करेगा। इसका प्रमुख उद्देश्य सांस्कृतिक उत्पादकता को बढ़ाना भी है।

उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पावधि ऋण की सुविधा प्रदान करता है। संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से लिए गए ऋण के लिए ऋण सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी जाएगी। सीतारमण ने कहा कि सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर की सीमा को क्रमशः 2.5 और दो गुना तक बढ़ाया जाएगा। इससे युवाओं में रोजगार के लिए आत्मविश्वास बढ़ेगा।

उन्‍होंने कहा कि यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए हमारी सरकार ने पूर्वी क्षेत्र में तीन निष्क्रिय यूरिया संयंत्रों को फिर शुरू किया है। यूरिया आपूर्ति को बढ़ाने के लिए असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित किया जाएगा।

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नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। संसद के बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया में उन्हें “पुअर लेडी” कह दिया। सोनिया गांधी की इस टिप्पणी की निंदा करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सोनिया गांधी इस टिप्पणी के लिए आदिवासी समुदायों से माफी मांगें। उन्होंने एक्स पर अपने संदेश में कहा कि भाजपा का हर एक कार्यकर्ता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के लिए सोनिया गांधी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द “बेचारी” (पुअर) की कड़ी निंदा करता है। ऐसे शब्दों का जानबूझकर इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी की अभिजात्य मानसिकता, गरीब विरोधी और आदिवासी विरोधी सोच को दर्शाता है। कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रपति और देश के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।

जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया पर दिए गए अपने बयान में कहा कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति को संदर्भित करने के लिए पुअर लेडी वाक्यांश का उपयोग बेहद अपमानजनक है और सर्वोच्च संवैधानिक कार्यालय की गरिमा के लिए विपक्ष की निरंतर उपेक्षा को रेखांकित करता है। दुर्भाग्य से, यह कोई अकेली घटना नहीं है। जब राष्ट्रपति सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाल रही थीं, तो अपनी सामंती मानसिकता से प्रेरित विपक्ष ने पिछड़े वर्गों और महिलाओं के सशक्तिकरण का मजाक उड़ाने का फैसला किया, जो कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लाया गया परिवर्तन था।

नड्डा ने कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन में बढ़ती अस्थिर दुनिया में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता के स्तंभ के रूप में भारत का उदय, महिलाओं के नेतृत्व में विकास, आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा, प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार, पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से सात दशकों में पहली बार रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों को बैंकिंग प्रणाली में शामिल करना शामिल था। आज सभी का ध्यान भारत की उल्लेखनीय प्रगति का जश्न मनाने पर होना चाहिए था लेकिन राजनीतिक लाभ लेने के लिए बार-बार, विपक्ष ने संवैधानिक मानदंडों की घोर उपेक्षा की है। बाबासाहेब आंबेडकर के प्रति अनादर की अपनी विरासत को अशोभनीय सहजता से आगे बढ़ाया है। शायद अब समय आ गया है कि विपक्ष देश के सर्वोच्च पद का बार-बार अपमान करने के बजाय लोकतंत्र के मंदिर में सार्थक चर्चा पर ध्यान केंद्रित करे।

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नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण से इसकी शुरुआत होगी। पूर्वाह्न 11 बजे उनका अभिभाषण होगा। इसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण पेश होगा। केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। सरकार ने बजट सत्र के लिए 16 विधेयकों की सूची तैयार की है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 की आर्थिक समीक्षा पेश करेंगी। सत्र का पहला चरण 13 फरवरी को समाप्त होगा। दूसरा चरण 10 मार्च को शुरू होगा और चार अप्रैल को समाप्त होगा। बजट सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने सभी से सहयोग की अपील की। बैठक में 36 राजनीतिक दलों के 52 नेताओं ने हिस्सा लिया।

केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साल का पहला सत्र होने के कारण राष्ट्रपति दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी। इसके बाद आर्थिक सर्वे पेश होगा। एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर चर्चा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि 5 फरवरी को दिल्ली में मतदान के कारण अवकाश रहेगा और संसद की कार्यवाही नहीं चलेगी। बजट सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक चलेगा। इसके थोड़े समय के अंतराल के बाद 10 मार्च को बजट सत्र का दूसरा भाग आरंभ होगा। सरकार के पास इस सत्र के लिए 16 विधेयक और 19 संसदीय कार्य हैं।

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि विपक्ष की ओर से हमने चिंता जताई कि संसद को एकतरफा तरीके से चलाया जा रहा है। जेपीसी में भी विपक्ष की ओर वक्फ विधेयक में उठाए गए संशोधन को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया जबकि दूसरी ओर सत्ता पक्ष की ओर से किए गए बदलावों को स्वीकार कर लिया गया। हमने इस मुद्दे पर भी अपने विचार रखे। महाकुंभ के दौरान हुए हादसे पर भी बैठक में हमारी ओर से दुख जताया गया।

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नई दिल्ली, 30 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को संसद में 2024-25 की आर्थिक समीक्षा पेश करेंगी। आर्थिक समीक्षा चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के आकलन के साथ-साथ देश के सामने आने वाली चुनौतियों को भी बयां करती है। सीतारमण शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एनडीए सरकार का दूसरा पूर्ण बजट पेश करेंगी।

देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन के नेतृत्व वाली टीम ने समीक्षा को तैयार किया है। केंद्रीय बजट से पहले संसद में पेश होने वाली आर्थिक समीक्षा सुधारों और विकास का खाका प्रदान करती है। यह अगले वित्त वर्ष के लिए दृष्टिकोण प्रदान करने के अलावा अर्थव्यवस्था और विभिन्न क्षेत्रों में विकास की रूप-रेखा को बयां करती है।

आर्थिक समीक्षा में धीमी वृद्धि दर, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट और खपत के लिए कम मांग जैसी प्रमुख गतिविधियों के बारे में भी विस्तार से आकलन प्रदान किए जाने की उम्मीद है। इसके अलावा गरीबी उन्मूलन, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, बुनियादी ढांचे के विकास और वित्तीय क्षेत्र से संबंधित चुनौतियों को लेकर आर्थिक समीक्षा में प्राय: नए और लीक से हटकर विचार दिए जाते हैं।

उल्‍लेखनीय है कि संसद का बजट सत्र शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुरू होगा। बजट सत्र का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त होगा जबकि दूसरा भाग 10 मार्च को शुरू होगा और 4 अप्रैल को समाप्त होगा।

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नई दिल्ली, 30 जनवरी (हि.स.)। संसद के बजट सत्र से एक दिन पहले गुरुवार को सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। बैठक में सरकार ने सभी दलों से सहयोग की अपील की। बैठक में 36 राजनीतिक दलों के 52 नेताओं ने भाग लिया।

बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साल का पहला सत्र होने के कारण राष्ट्रपति दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी। इसके बाद आर्थिक सर्वे पेश किया जाएगा। 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर चर्चा की जाएगी। चर्चा के समय को लेकर कल राज्यसभा और लोकसभा अध्यक्ष कार्यमंत्रणा समिति की बैठक करेंगे और इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 5 फरवरी को दिल्ली में मतदान के कारण अवकाश रहेगा और संसद की कार्यवाही भी नहीं चलेगी। बजट सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक चलेगा। इसके थोड़े समय के अंतराल के बाद 10 मार्च को बजट सत्र का दूसरा भाग आरंभ होगा। सरकार के पास इस सत्र के लिए 16 विधेयक और 19 संसदीय कार्य हैं।

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विपक्ष की ओर से हमने चिंता जताई कि संसद को एकतरफा तरीके से चलाया जा रहा है। जेपीसी में भी विपक्ष की ओर वक्फ विधेयक में उठाए गए संशोधन को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया जबकि दूसरी ओर सत्ता पक्ष की ओर से किए गए बदलावों को स्वीकार कर लिया गया। हमने इस मुद्दे पर भी अपने विचार रखे। महाकुंभ के दौरान हुए हादसे पर भी बैठक में हमारी ओर से दुख जताया गया।

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नई दिल्ली, 30 जनवरी (हि.स.)। साहित्य अकादमी ने मान्यता प्रदत्त 24 भारतीय भाषाओं में प्रतिवर्ष दिए जाने वाले देश के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कारों के लिए चयन प्रक्रिया में बदलाव किया है। साहित्य अकादमी ने पहली बार इन भाषाओं में वर्ष 2025 के अपने मुख्य पुरस्कार के लिए पुस्तकों के चयन को लेकर स्वयं लेखकों, प्रकाशकों एवं उनके शुभचिंतकों से पुस्तकें आमंत्रित की हैं।

साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि पुस्तकें जमा करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी है। वर्ष 2025 के पुरस्कारों के लिए वर्ष 2019 से 2023 (1 जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2023) के बीच प्रकाशित पुस्तकों की एक प्रति आवेदन फॉर्म भरकर विचारार्थ भेजी जा सकती है। इस बारे में विस्तृत जानकारी अकादमी की वेबसाइट www.sahitya-akademi.gov.in पर उपलब्ध है।

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महाकुम्भ नगर, 29 जनवरी (हि.स.)। मौनी अमावस्या स्नान के अवसर पर संगम नोज पर हुए हादसे की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। पुलिस भी हादसे की जांच करेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक गुरुवार को घटना स्थल का दौरा करेंगे। प्रदेश सरकार मृतकों के आश्रितों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी।

गौरतलब है कि मंगलवार की रात को संगम नोज पर हुई भगदड़ में 90 श्रद्धालु घायल हो गए, जिसमें से 30 की मौत हो गई।

महाकुंभ भगदड़ में 30 लोगों की मौत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “घटना अत्यंत दुखद है, मृतकों के प्रति मेरी विनम्र श्रद्धांजलि है। जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। इस घटना की पूरी जांच करवा करके हम इसकी तह में जाएंगे। इसके अलावा पुलिस के स्तर पर भी हम लोग इसकी अलग से जांच करवाएंगे कि ये घटना किन कारणों की वजह से हुई है। मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। न्यायिक आयोग इस पूरे मामले को देखकर एक समय सीमा के अंदर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा।“ इस घटना की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री भावुक हो गए।

इस हादसे की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार को बनाया गया है। पूर्व डीजीपी वी.के. गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस बी.के. सिंह आयोग के सदस्य हैं। न्यायिक आयोग इस पूरे मामले को देखकर एक समय सीमा के अंदर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा।

बुधवार को मेला अधिकारी विजय किरन आनन्द एवं डीआईजी मेला वैभव कृष्ण ने संयुक्त प्रेस वार्ता की। डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि भारी भीड़ के दबाव में बैरिकेड्स टूटने से यह हादसा हुआ। जमीन में लेटे हुए श्रद्धालु दौड़ते श्रद्धालुओं के कदमों तले कुचले गए। उन्होंने बताया कि हादसे में 90 श्रद्धालु घायल हुए, जिसमें से 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई। 25 मृतकों की पहचान हो चुकी है। शेष पांच की पहचान के प्रयास जारी हैं। 24 घायलों को घर भेज दिया गया है। 36 घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में जारी है।

मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द ने बताया कि आज कोई वीवीआईपी या वीआईपी प्रोटोकाल नहीं था। आज किसी प्रकार के वीआईपी वाहन का प्रवेश नहीं था। उन्होंने बताया कि आगे भी अमृत स्नान के पर्व पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। मेलाधिकारी ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। मेला प्रशासन ने मृतकों व घायलों की जानकारी के लिये हेल्प लाइन नम्बर 1920 जारी किया।

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– मृतकों एवं घायलों की जानकारी के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1920 जारी

महाकुम्भ नगर, 29 जनवरी (हि.स.)। प्रयागराज महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम नोज पर हुई भगदड़ में 30 श्रद्वालुओं की मौत हो गई, जिसमें से 25 श्रद्धालुओं की शिनाख्त हो गई है। हादसे में 60 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। मरने वालों में अधिकतर श्रद्धालु कर्नाटक, गुजरात और असम के हैं। मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द और डीआईजी मेला वैभव कृष्ण ने बुधवार शाम को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

वैभव कृष्ण ने बताया कि भारी भीड़ के दबाव में बैरिकेड्स टूटने से यह हादसा हुआ। हादसे में 90 श्रद्धालु घायल हुए। इसमें से 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई। मृतकों में से 25 की पहचान हो चुकी है। शेष पांच की पहचान के प्रयास जारी हैं। 24 घायलों को घर भेज दिया गया है। 36 घायलों का इलाज प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में जारी है।

मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द ने बताया कि आज कोई वीवीआईपी या वीआईपी प्रोटोकाल नहीं था। आज किसी प्रकार के वीआईपी वाहन का प्रवेश नहीं था। उन्होंने बताया कि आगे भी अमृत स्नान के पर्व पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। मेलाधिकारी ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। मेला प्रशासन ने मृतकों एवं घायलों की जानकारी के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1920 जारी किया।

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लखनऊ, 29 जनवरी (हि. स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान संगम के पास मची भगदड़ पर आज अधिकारियों से चर्चा की। समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से कहा कि प्रयागराज में श्रद्धालु जनों की भारी भीड़ है। संगम नोज में स्नान का भारी दबाव है। जो लोग जहां पर मौजूद हैं, उसी घाट पर स्नान करें। प्रशासन उनकी पूरी व्यवस्था के लिए तत्परता से लगा हुआ है। हादसे में कुछ लोग घायल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज कराया जा है। प्रधानमंत्री मोदी भोर से ही चार बार उनसे बात कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लगभग 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में हैं। कल भी साढ़े पांच करोड़ श्रद्धालुजनों ने महाकुंभ का स्नान किया। संगम नोज पर जाने के कारण ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हुईं। रात 1 से 2:00 के बीच यह हादसा हुआ। अखाड़ा परिषद के स्नान को लेकर बैरीकेडिंग भी की गई थी। कुछ श्रद्धालु इसमें घायल हुए हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचा कर इलाज किया जा रहा है। कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हैं। लगातार प्रशासन श्रद्धालुओं को स्नान कराने के लिए लगा हुआ है। प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालु जनों के सकुशल स्नान कराने, अमृत स्नान में पूरे देश भर से आए श्रद्धालुजनों की व्यवस्था के लिए लगा है।

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रातः काल से ही चार बार फोन करके जानकारी ली है। गृहमंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल लगातार जानकारी ले रहे हैं। व्यवस्था को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की जा रही है, जिसमें मुख्य सचिव समेत गृह विभाग के महत्वपूर्ण अधिकारी मौजूद हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अखाड़ा परिषद, महामंडलेश्वरों और पूज्य संतों से हमारी खुद की वार्ता हुई है। संतों ने कहा है कि श्रद्धालु जन पहले स्नान करेंगे। उसके बाद संतजन स्नान करेंगे। आज प्रातः काल से सुबह साढ़े आठ बजे तक साढ़े तीन करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। कई बिंदु पर श्रद्धालुजनों का अब भी दबाव है। इसलिए सभी श्रद्धालुओं से अपील है। पूज्य संतों से अपील है कि अफवाह पर कोई ध्यान न दें। संयम से स्नान करें। यह सब आयोजन उन्हीं लोगों का है। प्रशासन उनकी सेवा के लिए पूरी तत्परता से लगा हुआ है। पूरी मजबूती के साथ वहां पर हर प्रकार सहयोग करने के लिए प्रशासन जुटा है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर नकारात्मक अफवाह फैलाने का प्रयास करेगा तो उससे नुकसान हो सकता है। 15 से 20 किलोमीटर में अस्थाई घाट बनाए गए हैं। वहां पर भी लोग स्नान कर सकते हैं। यह आवश्यक नहीं है कि सभी लोग संगम पर ही स्नान करें। उसमें बच्चे हैं, बुजुर्ग हैं और सांस की बीमारी वाले तमाम ऐसे श्रद्धालु हैं जिन्हें पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। सभी गंगा जी के घाट हैं। उन्हें वहीं पर स्नान कर लेना चाहिए। जहां पर वह मौजूद हैं। संगम में स्नान का बहुत ज्यादा दबाव है।

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प्रात: 08 बजे तक 2.78 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

महाकुम्भनगर, 29 जनवरी (हि.स.)। मौनी अमावस्या पर्व पर अमृत स्नान की इच्छा से बड़ी संख्या में आये श्रद्धालुओं से प्रयागराज महाकुम्भ पट चुका है। पूरा मेला क्षेत्र श्रद्धालुओं के जयकारे से गूंज रहा है। संगम की रेती पर आस्था का सागर हिलोरें मार रहा है। श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के बाद दान पुण्य कर रहे हैं। श्रद्धालु शांतिपूर्ण तरीके से स्नान कर रहे हैं। मेला प्रशासन के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन सुबह 08 बजे तक 2.78 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी है। जिसमें कल्वास की संख्या 10 लाख शामिल है।

त्रिवेणी की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के जत्थे जा रहे हैं। वहीं स्नान कर श्रद्धालु अपने गंतव्य की ओर रवाना भी हो रहे हैं। श्रद्धालुओं की सेवा में स्थान-स्थान पर लंगर भी लगाये गये हैं। भीड़ को देखते हुए पुलिस ने शहर की सड़कों पर बाइन न चलाने की अपील की है। शहरी क्षेत्र की सभी पार्किंग पहले ही फुल हो चुकी हैं। बाहर से चार पहिया लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को शहर से बाहर ही रोका जा रहा है।

महाकुम्भ नगर पहुंचे श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपील की है कि श्रद्धालुगण मां गंगा के जिस भी घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। उन्होंने सभी से मेला प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।

जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने अपील की है कि भारी भीड़ के कारण हमें जहाँ भी स्थान मिले अमृत स्नान करें। आज अमृत स्नान की शोभा यात्रा स्थगित की है। परमेश्वर सभी का कल्याण करें। स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें। लोग अपने शिविर से बाहर न निकलें। अपनी और एक दूसरे की सुरक्षा करें।

बाबा रामदेव ने कहा है कि करोड़ों श्रद्धालुओं के इस हुजूम को देखते हुए सभी से आग्रह किया कि हम भक्ति के अतिरेक में न बहें और आत्म अनुशासन का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक स्नान करें। जूना अखाड़े के संरक्षक स्वामी हरि​गिरि महाराज ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह प्रयागराज के किसी भी घाट पर डुबकी लगायें उन्हें संगम स्नान का ही पुण्य मिलेगा।

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श्रद्धालु जहां भी हैं, वहीं स्नान करें : हरि गिरी

महाकुम्भ नगर, 29 जनवरी (हि.स.)। महाकुम्भ में मंगलवार की रात संगम तट पर भगदड़ से हुए दुःखद हादसे के बाद मेला प्रशासन ने दूसरे अमृत स्नान को रोक दिया है। अखाड़े अमृत स्नान के लिये तैयार हैं। हादसे के बाद जारी राहत कार्य और भीड़ के मद्देनजर मेला प्रशासन ने अखाड़ों के स्नान को रोक रखा है।

गौरतलब है कि, संगम में रात 2 बजे के करीब मची भगदड़ में 25 से ज्यादा लोग घायल हैं। फिलहाल, मेला प्रशासन ने मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं की है।
पहुंच रहे थे। शाम 8 बजे तक 4.83 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाई थी।

संगम पर हुए दुखद हादसे के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि, अखाड़े अमृत स्नान के लिये तैयार हैं। मेला प्रशासन ने राहत कार्यों के चलते अमृत स्नान को रोका है। मेला प्रशासन से बातचीत करके अखाड़े अमृत स्नान के लिये संगम की ओर बढ़ेंगे।

जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण गिरि जी महाराज ने बताया कि, मेला प्रशासन ने दो घंटे के लिये अमृत स्नान रोका है। अखाड़े अमृत स्नान के लिये तैयार हैं।

अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि, संगम में मंगलवार की रात को मची भगदड़ के बाद अखाड़ों को अमृत स्नान के लिये रोका गया है।

श्रद्धालु जहां भी हैं, वहीं स्नान करें

जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि जी महाराज ने मंगलवार की रात को संगम में हुए हादसे के बाद श्रद्धालुओं से अपील की है कि, लोग दो-चार लोगों के झुण्ड में स्नान के लिये जाएं। श्रद्धालु जहां भी हैं, वहीं स्नान करें। प्रयागराज की 40 किमी की परिधि में श्रद्धालु जहां भी स्नान करेंगे, उन्हें मौनी अमावस्या के पुण्य का लाभ मिलेगा।

13 अखाड़ों का अमृत स्नान में क्रम और समय

मौनी अमावस्या पर सबसे पहले श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी व श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़ा स्नान करेगा। दूसरे स्थान पर श्रीतपोनिधि पंचायती श्रीनिरंजनी अखाड़ा एवं श्रीपंचायती अखाड़ा आनंद अमृत स्नान करेगा। तीन संन्यासी अखाड़े श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा एवं श्रीपंच दशनाम आवाहन अखाड़ा तथा श्रीपंचाग्नि अखाड़ा स्नान करेगा। तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़ा स्नान करेगा। अखिल भारतीय श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़ा स्नान करेगा। इसके बाद अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी, श्रीपंचायती नया उदासीन अखाड़ा, श्रीपंचायती अखाड़ा बडा उदासीन निर्वाण और सबसे अंत में श्रीपंचायती निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा।

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महाकुम्भनगर, 29 जनवरी (हि.स.)। महाकुम्भ का दूसरा अमृत स्नान आज है। मौनी अमावस्या के दिन किया जाने वाला यह स्नान धार्मिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा जाता है, ऐसे में महाकुम्भ के दूसरे अमृत स्नान के दिन डुबकी लगाने से भक्तों को कई शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। स्नान के बाद दान-पुण्य और मौन व्रत रखना भी आज के दिन धार्मिक दृष्टि से कल्याणकारी है। हिंदू पंचांग के अनुसार अमृत स्नान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट से लेकर 6 बजकर 18 मिनट तक है। गौरतलब है कि, कड़ी सुरक्षा के बीच बड़ी संख्या में भक्त त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं।

महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर बने हैं ये शुभ योग

पण्डित अवधेश मिश्र शास्त्री ने बताया कि, महाकुम्भ के दिन दूसरे अमृत स्नान के दिन त्रिग्रही योग बना है। इस दिन सूर्य-बुध और चंद्रमा मकर राशि में एक साथ विराजमान हैं। इसके साथ ही शिववास योग भी दूसरे अमृत स्नान के दिन बना हुआ है। इन शुभ योगों में स्नान-दान करने से महा पुण्य की प्राप्ति होगी।

मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दिन क्या करना शुभ

ज्योतिषाचार्य राकेश त्रिपाठी ने बताया कि, आप चाहें प्रयागराज में त्रिवेणी घाट में डुबकी लगाएं चाहे घर पर ही व्रत और पूजन करें, कुछ कार्य आपके लिए बेहद शुभ फलदायी इस दिन हो सकते हैं। इस दिन आपको सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। पितरों को स्मरण करते हुए ’ॐ पितृ देवतायै नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए। तुलसी के पास दीपदान करने के साथ ही इस दिन कुछ समय के लिए मौन रहना चाहिए। इन कार्यों को करने से शुभ फल आपको प्राप्त होगा।

उन्होंने बताया कि, मौनी अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र, तिल और चावल का दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से पितर खुश होते हैं। इस दिन गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर यह संभव न हो, तो घर पर ही गंगाजल में पानी डालकर स्नान कर लें। इस दिन गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन खिलाना शुभ माना जाता है। यह पितरों को प्रसन्न करता है।

मकर संक्रांति से अब तक 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु लगा चुके हैं डुबकी

महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी के दिन पूर्णिमा के स्नान से हुई थी। तब से अब तक प्रयागराज के पवित्र त्रिवेणी घाट में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं।

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