नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने शनिवार को पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है। इसमें वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय को साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय को देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। पिछले पांच दशक से पत्रकारिता में सक्रिय भूमिका निभाने वाले श्री राय इंदिरा गांधी कला केंद्र के अध्यक्ष हैं। इससे पहले वह पद्मश्री से सम्मानित किए गए हैं।

बता दें कि पद्म पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यापार, उद्योग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में महान काम करने वालों को दिया जाता है।

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नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार ने शनिवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- पद्म पुरस्कार 2025 के लिए गुमनाम नायकों के नामों की घोषणा की है। उम्मीद है कि आज कुछ देर में प्राप्तकर्ताओं की पूरी सूची जारी की जाएगी।

इनमें पैरालिंपियन हरविंदर सिंह, ब्राजील के हिंदू आध्यात्मिक गुरु जोनास मसेट्टी, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भाटला, भारत की विरासत के बारे में लिखने के लिए प्रसिद्ध दंपति ह्यूग और कोलीन गैंटजर, गोवा की 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई, पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र दास, कुवैत की योग साधिका शेखा ए जे अल सबाह इस वर्ष के प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में शामिल हैं।

देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं – पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री। यह पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यापार, उद्योग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्टता को मान्यता देता है।

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नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस के अवसर पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारियों व कर्मियों को उनके विशिष्ट सेवा और सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।

सीआईएसएफ मुख्यालय द्वारा मिली जानकारी के अनुसार विशिष्ट सेवाओं के लिए शिखर सहाय, महानिरीक्षक, एनईएस-II मुख्यालय कोलकाता, नीता सिंह, उप महानिरीक्षक, डीआइजी एपी प.क्षे. मुंबई को सम्मानित किया गया है। सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक में अवधेश प्रताप सिंह, वरिष्ठ कमांडेंट, एएसजी श्रीनगर, जय प्रकाश आज़ाद, वरिष्ठ कमांडेंट, बल मुख्यालय, नई दिल्ली, तुषार ज्ञानेश्वर सखारे, वरिष्ठ कमांडेंट, एएसजी अमृतसर, सुनील कुमार रघुवंशी, वरिष्ठ कमांडेंट, बल मुख्यालय, नई दिल्ली, विशाल दुबे, वरिष्ठ कमांडेंट, बल मुख्यालय, नई दिल्ली, नरेन्द्र कुमार जोशी, सहायक कमांडेंट/कप्रअ, बल मुख्यालय, नई दिल्ली, शराफत अली खान, सहायक कमांडेंट, आरटीसी भिलाई, सुनील कुमार गुप्ता, सहायक कमांडेंट/ कप्रअ, प्रथम आ.वा. बड़वाहा, एम. रमेश, सहायक कमांडेंट/ कप्रअ, एपीएस द.क्षे. मुख्यालय चेन्नई, सुशील कुमार, सहायक कमांडेंट/ कप्रअ, डीपीए कांडला, अजया कुमार बी., सहायक कमांडेंट, आरटीसी अराकोणम, धर्म चंद व्यास, निरीक्षक/ डीएएमईल नई दिल्ली, प्रतिमा देवी, निरीक्षक/का., एफजीयूटीपी ऊंचाहार, कुलदीप कुमार, उप निरीक्षक/का., आरटीसी बहरोड़, वी. तमिल सेल्वम, सहायक उप निरीक्षक/का., चौथी आ.वा., बीएन शिवगंगई, बी. एन. शर्मा, सहायक उप निरीक्षक/का., एएसजी पटना, आर. जय कुमार, सहायक उप निरीक्षक/का., सीपीसीएल चेन्नई, वी. थंगराजा, सहायक उप निरीक्षक/का., एएसजी पोर्टब्लेयर, एम. अरुमुगम, सहायक उप निरीक्षक/का., एएसजी मदुरै, उत्पल बनर्जी, सहायक उप निरीक्षक/का., एमटीएस मेजिया, महिंदर सिंह, सहायक उप निरीक्षक/का., 8वीं आ.वा. जयपुर, शिशपिंदर सिंह, सहायक उप निरीक्षक/का., एसएसजी ग्रेटर नोएड़ा, दुर्गा प्रसाद चंद्र, सहायक उप निरीक्षक/का., एसडीएससी शार, मुकेश कुमार, सहायक उप निरीक्षक/का., ओएनजीसी देहरादून शामिल हैं।

इसी क्रम में सराहनीय सेवाओं के लिए अग्निशमन सेवा पदक में अवधेश कुमार सिंह, सहायक कमांडेंट/अग्नि, डीटीपीएस दुर्गापुर, प्रेम चंद शर्मा, सहायक कमांडेंट/अग्नि, एनटीपीसी कनिहा, विजेन्द्र यादव, निरीक्षक/अग्नि, पीपीसीएल बवाना और रणधीर सिंह, सहायक उप निरीक्षक/अग्नि, एसएसटीपीएस शक्तिनगर शामिल हैं।

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नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का आज राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। बाद में उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो भारत की पहली राजकीय यात्रा पर हैं। वो कल भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पोस्ट में कहा, “एक खास दोस्त का विशेष स्वागत। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का भारत की पहली राजकीय यात्रा पर गर्मजोशी से स्वागत किया। राष्ट्रपति प्रबोवो का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।”

राष्ट्रपति प्रबोवो ने मीडिया से बातचीत में कहा, “इंडोनेशिया भारत को अपना बहुत अच्छा मित्र मानता है। भारत हमारी स्वतंत्रता को मान्यता देने वाला पहला देश था और स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में हमारा समर्थन किया। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे। मैं भारत के साथ घनिष्ठ सहयोग, साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हूं, यह मेरा दृढ़ संकल्प है।”

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नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी के ऐतिहासिक कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी की सुबह दुनिया भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य कौशल को देखेगी। इस साल गणतंत्र दिवस पर संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने और जनभागीदारी पर विशेष फोकस किया है। समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोलो सुबियंतो होंगे।

रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के अनुसार, इंडोनेशिया से 160 सदस्यीय मार्चिंग दल और 190 सदस्यीय बैंड दल भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियों के साथ कर्तव्य पथ पर परेड में हिस्सा लेंगे। विभिन्न राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों की 31 झांकियां भाग लेंगी। झांकियों की विषय वस्तु ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास’ है। राष्ट्रगान के बाद भारतीय संविधान के 75वें वर्ष के आधिकारिक लोगो के बैनर वाले गुब्बारे छोड़े जाएंगे। कार्यक्रम का समापन 47 विमानों के फ्लाईपास्ट के साथ होगा।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुबह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पारंपरिक बग्गी में कर्तव्य पथ पर पहुंचेंगी और एक औपचारिक मार्च पास्ट के दौरान सलामी लेंगी। इसमें सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल, सहायक नागरिक बल, एनसीसी और एनएसएस की इकाइयां शामिल होंगी। राष्ट्र और समाज निर्माण में विशेष योगदान करने वालों को सम्मानित करने के लिए जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के विशेष मेहमानों को इस कार्यक्रम को देखने के लिए सरकार के विशेष मेहमानों के रूप में आमंत्रित किया गया है। गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत देश के विभिन्न हिस्सों के 300 सांस्कृतिक कलाकार ‘सारे जहां से अच्छा’ संगीत वाद्ययंत्र बजाते हुए करेंगे।

संस्कृति मंत्रालय संगीत नाटक अकादमी के माध्यम से ‘जयति जया ममः भारतम’ शीर्षक से 5000 कलाकारों के साथ 11 मिनट के सांस्कृतिक प्रदर्शन का आयोजन करेगा।

गणतंत्र दिवस समारोह का समापन ‘बीटिंग रिट्रीट समारोह’ के साथ होगा। यह समारोह 29 जनवरी को विजय चौक पर होगा। दिल्ली में बीटिंग रिट्रीट के दिन शाम को 6ः15 बजे बिगुल बजाकर राष्ट्रीय ध्वज को झुका दिया जाएगा। संगीतमय धुन में राष्ट्रगान गाया जाएगा।

गणतंत्र दिवस समारोह का गवाह बनने के लिए राष्ट्रीय स्कूल बैंड प्रतियोगिता के फाइनलिस्ट विद्यार्थियों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। फाइनलिस्ट टीमों में से झारखंड की लड़कियों की एक टीम राष्ट्रपति के मंच के सामने प्रदर्शन करेगी और दो टीमें विजय चौक के पास कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के साथ प्रदर्शन करेंगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल अपने आवास पर गणतंत्र दिवस समारोह के एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस स्वयंसेवकों, यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम कैडेट्स, झांकी कलाकारों और जनजातीय अतिथियों आदि से मुलाकात कर चुके है। दिल्ली कैंट स्थित करियप्पा परेड ग्राउंड में 27 जनवरी को ‘युवा शक्ति-विकसित भारत’ की थीम पर एनसीसी रैली भी होनी है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी एनसीसी की विविध गतिविधियों की समीक्षा करेंगे।

मेट्रो और डीटीसी की फेरी सेवाः 26 जनवरी की सुबह 04:00 बजे से पूरी दिल्ली में दिल्ली मेट्रो का परिचालन शुरू होगा। दिल्ली मेट्रो के पार्किंग स्थल पूरे दिल्ली में नियमित दरों पर शुल्क के आधार पर खुलेंगे। पार्क और राइड योजना की सुविधा इस वर्ष भी रहेगी। आमंत्रित अतिथि अपने वाहन पालिका पार्किंग, कनॉट प्लेस और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के पार्किंग क्षेत्र (गेट-14 और 15) में पार्क कर सकेंगे। यहां से वह डीटीसी बसों के माध्यम से फेरी सेवाओं (पिक एंड ड्रॉप) का उपयोग करेंगे। फेरी सेवाएं सुबह 6:00 बजे शुरू होंगी और 8:30 बजे बंद हो जाएंगी। 

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महाकुंभ नगर, 24 जनवरी (हि.स)। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में संतों ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग उठाई। इसकी मांग को लेकर विहिप आंदोलन भी करेगी। इसके साथ ही अयोध्या के बाद काशी और मथुरा को मुक्त किए जाने और देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की भी मांग उठाई गयी। वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर संतों ने एक स्वर से कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है।

महाकुंभ क्षेत्र में विहिप की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि अंग्रेजों के समय से हमारे प्रमुख मंदिर सरकार के कब्जे में हैं। मंदिरों को मुक्त करने के लिए विहिप आंदोलन करेगी। इस दौरान मंच पर जगद्गुरु आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि, विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार और केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा उपस्थित रहे।

अवधेशानंद गिरि ने बताया कि केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के पूज्य संतों ने दुनियाभर के हिंदू समाज की धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आवश्यकताएं, चुनौतियां और संकटों के संदर्भ में विचार करते हुए हिंदू समाज का मार्गदर्शन किया है। इसमें निम्नलिखित विषय-बिंदुओं पर संतों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

देशभर में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का जागरण अभियान प्रारम्भ हुआ है। आन्ध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से इस अभियान का शंखनाद हो चुका है। संतों ने आग्रह किया कि सभी मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त किये जाएं, सरकारी नियंत्रण स्थापित करने वाले कानून हटाए जाएं और मंदिरों का प्रबंधन आस्था रखने वाले भक्तों को सौंपा जाए।

हिन्दू समाज के घटते जन्मदर का प्रमुख कारण हिन्दू जनसंख्या में हो रहा असंतुलन है। हिन्दू समाज के अस्तित्व की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण दायित्व के रूप में हर हिन्दू परिवार में कम से कम तीन बच्चों का जन्म होना चाहिए। मार्गदर्शक मंडल के संतों ने आह्वान किया है कि हिन्दू समाज की जनसंख्या को संतुलित बनाये रखने के लिए हिन्दू समाज के जन्मदर को बढ़ाने की आवश्यकता है।

अवधेशानंद गिरि ने बताया कि वक्फ बोर्ड के निरंकुश एवं असीमित अधिकारों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार संशोधन अधिनियम लाने वाली है, उसका केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल स्वागत करता है। साथ ही यह आह्वान करता है कि यह कानून पारित होना चाहिए तथा सभी दलों के सांसदों को इसमें सहयोग करना चाहिए।

वर्ष 1984 के धर्म संसद से लेकर अयोध्या, मथुरा, काशी के मंदिरों की प्राप्ति के लिए संत समाज, हिन्दू समाज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विहिप संकल्पबद्ध थे, हैं और रहेंगे। भारत के उत्थान के लिए सामाजिक समरसता, पर्यावरण की रक्षा, कुटुम्ब प्रबोधन से हिन्दू संस्कारों का सिंचन तथा सामाजिक कुप्रथाओं का निर्मूलन, अपने स्व का आत्मबोध तथा अच्छे नागरिकों के कर्तव्य, ये राष्ट्रीय चारित्र्य का विकास समाज के लिए आवश्यक है।

बैठक प्रमुख रूप से जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती, आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानन्द, महामंडलेश्वर विश्वात्मानन्द भारती, महामंडलेश्वर बालकानन्द, स्वामी चिदानंद मुनि, स्वामी राजेंद्र देवाचार्य, स्वामी कौशल्यानन्द गिरि, स्वामी अश्विलेश्वरानन्द, स्वामी हरिहरानन्द, श्रीमहंत निर्मोही अखाड़ा राजेंद्र दास, महंत रविन्द्र पुरी जी महाराज, पूज्य भास्कर गिरि जी आदि उपस्थित रहे।

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– डीआरडीओ की झांकी में स्वदेशी हथियार प्रणालियों की दिखाई जाएगी झलक

नई दिल्ली, 24 जनवरी (हि.स.)।​ कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पहली बार तीनों सेनाओं की​ संयुक्त झांकी सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित करेगी। ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ थीम के साथ​ झांकी में स्वदेशी अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम और एक रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट के साथ युद्ध क्षेत्र का परिदृश्य दिखाया जाएगा।

​रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस बार गणतंत्र दिवस परेड के दौरान देशवासियों के समक्ष संयुक्तता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित करने के लिए तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी दिखाई जाएगी। यह झांकी ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ की विषय-वस्तु के साथ सशस्त्र बलों में संयुक्तता व एकीकरण के वैचारिक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगी। इस झांकी में तीनों सेनाओं के बीच नेटवर्किंग और संचार को सुविधाजनक बनाने वाले संयुक्त संचालन कक्ष को दर्शाया जाएगा। इसमें युद्ध क्षेत्र के परिदृश्यों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें जमीन, पानी और हवा में समकालिक ऑपरेशन को दिखाया जाएगा।

झांकी में स्वदेशी अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक, तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम की झलक देखने को मिलेगी। यह झांकी मुख्य रूप से बहु-डोमेन परिचालनों में तीनों सेनाओं की तालमेल को प्रदर्शित करेगी। ये प्लेटफॉर्म रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के दृष्टिकोण का उदाहरण हैं। रक्षा मंत्रालय ने 2025 को ‘परिवर्तन का वर्ष’ घोषित किया है। समकालीन और भविष्य के संघर्षों में सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमता को अधिकतम करने की दिशा में प्रमुख आधारशिला के रूप में पहचाना गया है। एकीकृत रक्षा कार्मिक मुख्यालय ने सुधारों को सही दिशा में ले जाने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल की दिशा में केंद्रित पहल की है।

डीआरडीओ की झांकी गणतंत्र दिवस परेड के दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की झांकी का विषय ‘रक्षा कवच- बहु-क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ बहु-स्तरीय संरक्षण’ होगा, जिसमें त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, 155 मिमी/52 कैल एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, ड्रोन का पता लगाना, रोकना और नष्ट करना, सैटेलाइट-आधारित निगरानी प्रणाली, मध्यम शक्ति रडार अरुध्रा, उन्नत हल्के वजन के टारपीडो, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली धर्मशक्ति, लेजरआधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, स्वदेशी मानव रहित हवाई प्रणाली, सुरक्षा बलों के लिए वी/यूएचएफ मैनपैक सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो, स्वदेशी सुरक्षित सैटेलाइट फोन और उग्रम असॉल्ट राइफल शामिल होंगे।

इसके अलावा डीआरडीओ सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल प्रलय हथियार प्रणाली भी प्रदर्शित करेगा, जिसे अत्याधुनिक तकनीकों के साथ डिजाइन और विकसित किया गया है। परेड के दौरान डीआरडीओ में विकसित नाग मिसाइल सिस्टम, पिनाका, ब्रह्मोस, शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम 10 मीटर और आकाश हथियार प्रणाली प्रदर्शित की जाएंगी। डीआरडीओ की 2024 की प्रमुख उपलब्धियों को भी झांकी के पोस्टरों में प्रदर्शित किया जाएगा, इसमें लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल, हल्के वजन की बुलेट प्रूफ जैकेट ‘अभेद’, हल्का युद्धक टैंक ज़ोरावर, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो और इलेक्ट्रो ऑप्टिक (श्येन) के साथ डोर्नियर का रडार के साथ मिड-लाइफ अपग्रेड शामिल हैं।

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नई दिल्ली, 23 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती ‘पराक्रम दिवस’ पर कटक में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए नेताजी सुभाष के जीवन से हमें निरंतर प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष कंफर्ट जोन के बंधन में नहीं बंधे इसी प्रकार हमें भी विकसित भारत के लिए अपना कंफर्ट जोन छोड़ना होगा।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के लिए जारी एक वीडियो संदेश में कहा कि आज जब हमारा देश विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में जुटा है, तब नेताजी सुभाष के जीवन से हमें निरंतर प्रेरणा मिलती है। नेताजी के जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य ‘आजाद हिंद’ था। उन्होंने अपने संकल्प की सिद्धि के लिए अपने फैसले को एक ही कसौटी पर परखा ‘आजाद हिंद’। नेताजी एक समृद्ध परिवार में जन्में। उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की। वो चाहते तो अंग्रेजी शासन में एक वरिष्ठ अधिकारी बनकर आराम की जिंदगी जीते लेकिन उन्होंने आजादी के लिए कष्टों को चुना, चुनौतियों को चुना, देश-विदेश में भटकना पसंद किया।

उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष कंफर्ट जोन के बंधन में नहीं बंधे। इसी तरह आज हम सभी को विकसित भारत के निर्माण के लिए अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलना है। हमें खुद को विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना है, उत्कृष्टता को चुनना ही है, क्षमता पर फोकस करना है। नेताजी ने देश की स्वतंत्रता के लिए आजाद हिंद फौज बनाई। इसमें देश के हर क्षेत्र, हर वर्ग के वीर-वीरांगनाएं शामिल थे। सबकी भाषाएं अलग-अलग थी, लेकिन भावना एक थी- देश की आजादी। यही एकजुटता आज विकसित भारत के लिए भी बहुत बड़ी सीख है। तब स्वराज के लिए हमें एक होना था, आज विकसित भारत के लिए हमें एक रहना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पूरा देश श्रद्धापूर्वक उन्हें याद कर रहा है। इस वर्ष के पराक्रम दिवस का भव्य उत्सव नेताजी की जन्मभूमि पर हो रहा है। कटक में नेताजी के जीवन से जुड़ी एक विशाल प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में नेताजी के जीवन से जुड़ी अनेक विरासतों को एक साथ सहेजा गया है। कई चित्रकारों ने कैनवास पर नेताजी के जीवन प्रसंग की तस्वीरें उकेरी हैं। इन सबके साथ नेताजी पर आधारित कई पुस्तकों को भी इकट्ठा किया गया है। नेताजी की जीवन यात्रा की ये सारी विरासत ‘मेरे युवा भारत’ को एक नई ऊर्जा देगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में विश्व में हर तरफ भारत की प्रगति के लिए अनुकूल माहौल है। दुनिया भारत की ओर देख रही है कि कैसे हम इस 21वीं सदी को भारत की शताब्दी बनाते हैं। ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में हमें नेताजी सुभाष की प्रेरणा से भारत की एकजुटता पर बल देना है। हमें उन लोगों से भी सतर्क रहना है जो देश को कमजोर करना चाहते हैं। देश की एकता को तोड़ना चाहते हैं। नेताजी सुभाष भारत की विरासत पर बहुत गर्व करते थे। वे अक्सर भारत के समृद्ध लोकतांत्रिक इतिहास की चर्चा करते थे। आज भारत गुलामी की मानसिकता के बाहर निकल रहा है। अपनी विरासत पर गर्व करते हुए विकास कर रहा है।

मोदी ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर लाल किले से झंडा फहराने का अवसर मिला था। नेताजी की विरासत से प्रेरित होकर हमारी सरकार ने 2019 में दिल्ली के लाल किले में उन्हें समर्पित एक संग्रहालय का निर्माण किया। उसी वर्ष, हमने सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी शुरू किया। 2021 में सरकार ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। इंडिया गेट के समीप नेताजी की विशाल प्रतिमा लगाना, अंडमान में द्वीप का नाम नेताजी के नाम पर रखना, गणतंत्र दिवस की परेड में आईएनए के जवानों को नमन करना सरकार की इसी भावना का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 10 वर्षों में देश ने यह भी दिखाया है कि तेज विकास से सामान्य जन का जीवन भी आसान होता है और सैन्य सामर्थ्य भी बढ़ता है। बीते दशक में 25 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। ये बहुत बड़ी सफलता है। आज गांव हो या शहर, हर तरफ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है, साथ ही भारत की सेना की ताकत में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि आज विश्व मंच पर भारत की भूमिका बढ़ रही है, भारत की आवाज बुलंद हो रही है। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा। हमें नेताजी सुभाष की प्रेरणा से ‘एक लक्ष्य-एक ध्येय’ विकसित भारत के लिए निरंतर काम करते रहना है।

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नई दिल्ली, 22 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय राजधानी में इस वर्ष लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित होने वाले भारत पर्व-2025 में मुख्य परेड में शामिल झांकियों सहित विभिन्न राज्यों की 43 झांकियां भाग लेंगी। हालांकि इस बार राजस्थान की झांकी गणतंत्र दिवस की परेड में कर्तव्य पथ से निकलने वाली चुनिंदा झांकियों में तो शामिल नहीं होगी लेकिन दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में आयोजित होने वाले भारत पर्व-2025 में राजस्थान की झांकी ‘सोणो राजस्थान’ भी मुख्य परेड में निकलने वाली झांकियों के साथ ही शामिल होगी और जन आकर्षण का केंद्र बनेगी।

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में इस वर्ष गणतंत दिवस की मुख्य परेड में कर्तव्य पथ से निकलने वाली चुनिंदा झांकियों और दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित होने वाले भारत पर्व-2025 में भाग लेने वाली झांकियों की तैयारियों का बुधवार को परेड ग्राउंड दिल्ली कैंट स्थित गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में प्रेस प्रिव्यू हुआ।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में विभिन्न राज्यों सहित केन्द्रीय मंत्रालयों की 31 झांकियां शामिल होंगी जबकि लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित होने वाले भारत पर्व-2025 में मुख्य परेड में शामिल झांकियों सहित विभिन्न राज्यों की 43 झांकियां भाग लेंगी। इस बार राजस्थान की झांकी में विरासत ओर विकास का सुन्दर मिश्रण किया गया है। यह झांकी विकसित भारत की संकल्पना लिये राजस्थान के समृद्ध इतिहास, संस्कृति और स्थापत्य परंपरा के साथ ही राज्य के नवीन निर्माण की एक सुंदर झांकी है।

झांकी के नोडल अधिकारी राजस्थान ललित कला अकादमी के डॉ. रजनीश हर्ष ने प्रेस प्रिव्यू में पत्रकारों को बताया कि यह सुन्दर झांकी राजस्थान की उत्सवधर्मी संस्कृति, स्थापत्य परंपरा और हस्तशिल्प का सुंदर मिश्रण है। इस बार भी झांकी का डिजाइन सिद्धस्त कलाकार हरशिव शर्मा द्वारा सुंदर तरीके से किया गया है।

इस अद्भुत झांकी के अग्रभाग में राजस्थान के पारंपरिक पर्व तीज की सुप्रसिद्ध सवारी के मनोहारी दृश्य को शामिल किया गया है जबकि पिछले भाग में शेखावाटी की प्राचीन और दुर्लभ हवेलियों की समृद्ध विरासत को दर्शाया गया है। झांकी के नीचे के पैनल में इन हवेलियों में बने हुए पुराने भित्ति चित्र ओर विभिन्न प्रकार के म्यूरल की डिजाइन का दिग्दर्शन किया गया है। साथ ही झांकी में राजस्थान सरकार द्वारा जल संरक्षण और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों की झलक को भी शामिल किया गया है।

डॉ.हर्ष ने बताया कि राज्य के कला और संस्कृति विभाग के शासन सचिव रवि जैन, उप शासन सचिव बृज मोहन नोगिया, जयपुर की संभागीय आयुक्त एवं राजस्थान ललित कला अकादमी की प्रशासक रश्मि गुप्ता के मार्गदर्शन में बनाई गई हैं।

राजस्थान का गौरव कही जाने वाली हवेलियों को हाल ही में राजस्थान के पर्यटन विभाग ने विकसित कर म्यूजियम में बदलने का सराहनीय प्रयास किया है, ताकि देशी विदेशी पर्यटक इनका दीदार कर सकें।

इस सांस्कृतिक झांकी में विकसित भारत की संकल्पना के तहत राजस्थान की उत्सवधर्मी संस्कृति में समाए महिलाओं के सुप्रसिद्ध त्यौहार तीज ओर खेतीबाड़ी और उद्योगों में जल संरक्षण, सौर ऊर्जा के विकास का सुंदर ढंग से प्रदर्शन किया गया है। झांकी का निर्माण कार्य इंवेंटिवो क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड फैब्रिकेटर द्वारा किया गया है। झांकी को नेशनल कैनवास पर उतारने के लिए उनके साथ कलाकार हरशिव शर्मा, विनय शर्मा, समुद्र सिंह और प्रीति सोलंकी अकादमी की पूरी टीम ने फैब्रिकेटर के साथ मिलकर रात दिन काम किया है।

उल्लेखनीय है कि भारत पर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर वर्ष 2014 से दिल्ली में अनवरत मनाया जा रहा है। इस पर्व का उद्देश्य विविधताओं से भरे भारत के सांस्कृतिक वैभव का प्रदर्शन करना और कलाकारों का उत्साह वर्धन करना है।

भारत पर्व में इस बार राजस्थान की झांकी भी अन्य झांकियों के साथ दिल्लीवासियों और देश विदेश के दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेगी।

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मुंबई, 22 जनवरी (हि.स.)। जलगांव जिले में परधाड़े स्टेशन के पास बुधवार को लखनऊ से मुंबई आ रही पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफवाह से यात्री ट्रेन कूदने लगे। उसी समय बहुत से यात्री दिल्ली की ओर जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। इस घटना में 8 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों से अधिक यात्री घायल हो गए। इस घटना में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

मध्य रेलवे के प्रवक्ता स्वप्रिल लीला ने बताया कि लखनऊ से मुंबई आ रही पुष्पक एक्सप्रेस की एक बोगी के नीचे से धुंआ निकलने लगा, इसकी भनक लगते ही ड्राइवर ने ट्रेन ब्रिज पर रोक दी। इसके बाद ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैल गई और यात्री ट्रेन से बाहर कूदने लगे। इसी दौरान दिल्ली की ओर जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में यात्री आ गए। जलगांव से बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचा है, मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है।

जलगांव के जिलाधिकारी आयुष प्रसाद ने बताया कि लखनऊ से मुंबई आ रही पुष्पक एक्सप्रेस आज देरी से चल रही थी। ट्रेन जैसे ही परधाड़े स्टेशन से मुंबई को चली, उसी समय पुल के पास एक बोगी में ट्रेन के नीचे से धुंआ दिखा। इससे उस बोगी के यात्रियों ने शोर मचाना शुरू करके चेन पुलिंग कर दी। इससे ड्राइवर ने पुल पर ही ट्रेन को रोक दिया। पुल पर एक तरफ नदी होने की वजह से यात्री दूसरी तरफ रेलवे ट्रैक पर कूदने लगे। इसी दौरान दिल्ली की ओर जा रही तेज रफ्तार कर्नाटक एक्सप्रेस ने यात्रियों को कुचल दिया। उन्होंने बताया कि इस घटना में अब तक 8 यात्रियों की मौत हो गई है। घटनास्थल पर पहुंचीं आठ से अधिक एंबुलेंस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया है। मौके पर रेलवे, पुलिस और जिला प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्य कर रही हैं।

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-रामनाथ कोविंद ने महाकुम्भ के आयोजन को भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण बताया

महाकुम्भ नगर, 21 जनवरी (हि.स.)। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।

रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।

कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ

डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि “तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई, हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।” उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।

गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद

उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुंभ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षाबलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।

राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान

उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”

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कोलकाता, 21 जनवरी (हि.स.) । फिल्म अभिनेता सैफ अली खान पर हमले का बंगाल कनेक्शन सामने आया है। मुंबई पुलिस ने खुलासा किया है कि आरोपित शरीफुल इस्लाम शहजाद बांग्लादेशी नागरिक है। उसने भारत में प्रवेश करने के बाद पश्चिम बंगाल में कुछ समय बिताया और वहीं से आधार कार्ड बनवाने की कोशिश की।

पुलिस के अनुसार, करीब सात महीने पहले शरीफुल ने मेघालय में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित डाउकी नदी पार कर अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया। इसके बाद वह पश्चिम बंगाल आया, जहां उसने कई जिलों में काम की तलाश की। भारतीय दस्तावेज बनाने की कोशिश की।

जांच अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में रहने के दौरान शरीफुल ने एक स्थानीय महिला के नाम पर एक भारतीय सिम कार्ड हासिल किया। इसी सिम का इस्तेमाल उसने बाद में मुंबई में रहते हुए अपने परिजनों से संपर्क करने के लिए किया। मुंबई पुलिस ने पश्चिम बंगाल पुलिस से यह जानकारी साझा कर संबंधित महिला की तलाश करने का अनुरोध किया है।

पुलिस के अनुसार, मुंबई पहुंचने पर शरीफुल ने वहां काम की तलाश शुरू की। उसने ऐसे स्थानों को प्राथमिकता दी, जहां नागरिकता के प्रमाण की आवश्यकता न हो। इस दौरान वह मुंबई में ठेकेदार अमित पांडे के संपर्क में आया। पांडे ने उसे कई जगह काम दिलाने में मदद की। पुलिस का कहना है कि सैफ अली खान के घर में घुसने से पहले शरीफुल को बांद्रा के एक अन्य अभिनेता के बंगले के पास घूमते हुए देखा गया था।

पुलिस की पूछताछ में शरीफुल ने कहा कि उसने परिवार से संपर्क किया। उसने अपने भाई से बात की। भाई बांग्लादेश में रहता है। शरीफुल ने बांग्लादेश में 12वीं तक पढ़ाई की है और उसके दो भाई हैं। मुंबई पुलिस की एक टीम पश्चिम बंगाल आकर मामले की जांच करेगी।

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