नई दिल्ली, 11 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार साइबर अपराध को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर म्यूल अकाउंट्स की पहचान करने की योजना बना रही है।

गृहमंत्री शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में ‘साइबर सुरक्षा एवं साइबर अपराध’ विषय पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में अमित शाह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और रिज़र्व बैंक तथा अन्य सभी बैंकों के साथ समन्वय से म्यूल अकाउंट्स की पहचान की व्यवस्था बनाने के लिए प्रयास जारी है। म्यूल अकाउंट को ऑपरेट होने से पहले ही बंद करने की व्यवस्था भी की जाएगी। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘रुकें, सोचें और फिर कार्रवाई करें’ के मंत्र के बारे में जानकारी देकर उन्हें साइबर अपराधों के प्रति सतर्क किया जा सके।

गृहमंत्री ने कहा कि आई4सी पोर्टल पर कुल 1 लाख 43 हजार एफआईआर दर्ज की गई हैं और 19 करोड़ से अधिक लोगों ने इस पोर्टल का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से 805 ‘ऐप्स’ और 3266 वेबसाइट-लिंक को आई4सी की सिफारिश पर ब्लॉक किया गया है। इसके अलावा 399 बैंक और वित्तीय मध्यस्थ ऑनबोर्ड हो चुके हैं। साथ ही 6 लाख से अधिक संदिग्ध डेटा साझा किया गया, 19 लाख से अधिक म्यूल खाते पकड़े गए और 2038 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन रोके गए हैं।उल्लेखनीय है कि म्यूल अकाउंट- धोखाधड़ी के जरिए कमाए गए पैसे को ठिकाने लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला बैंक खाते को कहते हैं।

भारत दुनिया में डिजिटल परिदृश्य के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया

अमित शाह ने कहा कि आज भारत दुनिया में डिजिटल परिदृश्य के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। भारत की कुल अर्थव्यवस्था में डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदान 20 प्रतिशत है। गृह मंत्रालय का लक्ष्य साइबर अपराध के मामलों और उनकी एफआईआर को शून्य करना है। साइबर अपराध से निपटने के लिए हमने चार प्रकार की रणनीति अपनाई है, जिसमें अभिसरण, समन्वय, संचार और क्षमता शामिल है। इन सभी को स्पष्ट उद्देश्यों और रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ लागू किया जा रहा है। गृह मंत्रालय के भीतर अंतर-मंत्रालयी और अंतर-विभागीय समन्वय को मजबूत किया गया है, जिससे निर्बाध संचार और सूचना का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित हुआ है।

‘1930’ हेल्पलाइन

शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, सीईआरटी-आईएन, आई4सी और दूरसंचार और बैंकिंग जैसे विभागों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान की स्वस्थ परंपरा के कारण कई साइबर अपराध मामलों से सफलतापूर्वक निपटने में मदद मिली है। गृहमंत्री ने साइबर अपराध को रोकने के लिए जनता के बीच जागरुकता बढ़ाने के महत्व पर बल दिया और समिति के सभी सदस्यों से आई4सी हेल्पलाइन नंबर 1930 का प्रचार करने का अनुरोध किया। साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मद्देनजर, ‘1930’ हेल्पलाइन कार्ड ब्लॉक करने जैसी विभिन्न सेवाओं की पेशकश करते हुए एक-बिंदु समाधान प्रदान करती है।

अमित शाह ने कहा कि 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में साइबर अपराध फोरेंसिक प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। साइट्रेन प्लेटफॉर्म, जो कि एक मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी) प्लेटफॉर्म है, पर 101,561 पुलिस अधिकारियों ने पंजीकरण कराया है और 78,000 से अधिक प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।

बैठक में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय एवं बंदी संजय कुमार, समिति के सदस्य, केंद्रीय गृह सचिव और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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नई दिल्ली, 11 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिल्ली के यशोभूमि में भारत ऊर्जा सप्ताह-2025 का वर्चुअली उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि ‘विकसित भारत के लिए अगले दो दशक बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगले पांच साल में हम कई बड़े मील के पत्थर पार करने जा रहे हैं। हमारे कई ऊर्जा लक्ष्य 2030 की समय सीमा के अनुरूप हैं।

उन्होंने कहा, हमारे ये लक्ष्य बहुत महत्वाकांक्षी लग सकते हैं लेकिन भारत ने पिछले 10 वर्षों में जो हासिल किया है, उससे यह विश्वास पैदा हुआ है कि हम इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। पिछले 10 वर्षों में भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बढ़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक में भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बढ़कर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। हमारी सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 32 गुना वृद्धि हुई है। आज भारत तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश है। इसके अलावा, हमारी गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता तीन गुनी हो गई है।

21वीं सदी, भारत की सदी है

उन्होंने कहा कि दुनिया का हर एक्सपर्ट आज कह रहा है कि 21वीं सदी, भारत की सदी है। भारत अपनी ही नहीं, दुनिया की ग्रोथ को भी ड्राइव कर रहा है और इसमें हमारे ऊर्जा सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा साझेदारी पांच खंभों पर खड़ी है। हमारे पास संसाधन हैं, जिनमें हम हार्नेस करा रहे हैं। हम अपने प्रतिभाशाली दिमागों को इनोवेट करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। हमारे पास आर्थिक ताकत है, राजनीतिक स्थिरता है। भारत के पास रणनीतिक भूगोल है, जो ऊर्जा व्यापार सबसे आकर्षक और आसान जगह है। भारत, ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नई संभावानाएं तैयार हो रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत अपने लक्ष्य से काफी पहले ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है। इसका एक उदाहरण ‘इथेनॉल मिश्रण’ है। हम वर्तमान में 19 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण कर रहे हैं, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत हुई है, किसानों के लिए पर्याप्त राजस्व उत्पन्न हुआ है और सीओ2 उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है। हम अक्टूबर 2025 से पहले 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया पहल के साथ, हम स्थानीय आपूर्ति और विनिर्माण को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। पिछले दशक में, भारत की सौर पीवी मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2 गीगावाट से बढ़कर 70 गीगावाट हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की जैव ईंधन उद्योग तेजी से ग्रो करने को तैयार है। हमारे पास 500 मिलियन मैट्रिक टन का टिकाऊ फीडस्टॉक है। भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन बना, जो लगातार विस्तार कर रहा है। 28 नेशन और 12 अंतरराष्ट्रीय संगठन जुड़ चुके हैं। ये कचरे को संपत्ति में ट्रांसफार्म कर रहा है और उत्कृष्टता का केंद्र सेट रहा है।

उन्होंने कहा कि हमने देश के सामान्य परिवारों और किसानों को ऊर्जादाता बनाया है। बीते साल हमने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शुरू की। इस योजना का स्कोप सिर्फ ऊर्जा उत्पादन तक ही सीमित नहीं है। इससे सोलर सेक्टर में नई स्किल्स बन रही हैं, नया सर्विस इकोसिस्टम बन रहा है और आपके लिए इंवेस्ट की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।

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महामंडलेश्वर सदा शिवेंद्र सरस्वती ने महाकुम्भ में योगी सरकार की व्यवस्थाओं को सराहा

प्रयागराज से वापस लौटे संतों ने महाकुंभ में योगी सरकार की व्यवस्थाओं को सराहा

सीतापुर:  प्रयागराज महाकुंभ से महामंडलेश्वर की पदवी पाकर नैमिषारण्य वापस लौटे संतों ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर योगी सरकार की सराहना की है, तो वहीं महाकुंभ में व्यवस्था के दुष्प्रचार के नाम पर हो रही सियासत पर भी गहरी नाराजगी प्रकट की है। जानकारी हो कि महाकुंभ में पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी से जुड़े नैमिषारण्य के दो संतों को महामंडलेश्वर की पदवी मिली है। नैमिषारण्य वापसी पर प्रयागराज महाकुम्भ की व्यवस्थाओं पर हो रही राजनीति पर उनकी प्रतिक्रिया जानी।

स्वामी विद्यानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि महाकुंभ की व्यवस्थाएं अच्छी थीं। योगी सरकार ने साधु-संतों एवं श्रद्धालुओं के लिए कोई कसर नहीं बाकी रखी। उन्होंने कहा कि भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद थी, परंतु इसकी आड़ में व्यवस्थाओं को कोसा नहीं जा सकता। सरकार की पूरी ईमानदारी से कोशिश रही कि साधु-संतों एवं स्नान के लिए आने वाले लोगों लिए अच्छा प्रबंध हो। योगी सरकार इस मामले में खरी उतरी है ।

महामंडलेश्वर विद्यानंद सरस्वती ने उदाहरण देते हुए कहा कि 10 लोगों की क्षमता के एक कमरे में अगर 100 लोग आ जाएं तो थोड़ी बहुत अव्यवस्था होना स्वाभाविक बात है, परंतु बाद में उसे ठीक करने की कोशिश होती है, लेकिन जिस प्रकार से अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए कुछ लोग प्रयागराज में हुई भगदड़ की घटना की आड़ में पूरे महाकुंभ को बदनाम कर रहे हैं , वह अत्यंत दुःखद व निन्दनीय है।

वही महामंडलेश्वर सदा शिवेंद्र सरस्वती ने महाकुम्भ में योगी सरकार की व्यवस्थाओं को सराहनीय बताते हुए कहा कि आलोचना राजनीतिक रोटियां सेकने जैसी है।सभी साधु -संतों एवं श्रद्धालुओं के लिए योगी सरकार की व्यवस्था अच्छी थी। उत्तर प्रदेश में राजसत्ता की कमान एक संत के हाथ में है। संत के रूप में योगी जी पूरी ईमानदारीपूर्वक महाकुंभ के प्रति अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की धरोहर को योगी जी ने अच्छे तरीके से आगे बढ़ाया है।

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में सीतापुर को धार्मिक दृष्टिकोण से मिली उपलब्धि ऋषियों की तपस्थली नैमिषारण्य को गौरवान्वित करने वाली है। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के शिविर में नैमिषारण्य से संबंध रखने वाले इन दोनों संतों , सदा शिवेंद्र सरस्वती व स्वामी विद्यानंद सरस्वती को महाकुंभ में महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई है। वहां परंपराओं का निर्वहन करते हुए इन दोनों संतों का पट्टाभिषेक किया गया है।

नैमिषारण्य वैसे भी धर्म क्षेत्र में सुविख्यात है। यहां कभी 88 हजार ऋषियों ने तपस्या की थी। वेदों, पुराणों की रचना स्थली, मनु शतरूपा की तपस्थली के रूप में इसे पूरे विश्व में मान्याता प्राप्त है। इन सबके बीच संतों का पट्टाभिषेक कर उनको महामंडलेश्वर घोषित कर देना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।

नैमिषारण्य के स्वामी सदा शिवेंद्र सरस्वती व स्वामी विद्यानंद सरस्वती को प्रयागराज महाकुंभ के दौरान पट्टाभिषेक करके महामंडलेश्वर की पदवी से सम्मानित किया गया है। मात्र 19 वर्ष की आयु में 1990 में संत जीवन में प्रवेश करने वाले विद्यानंद सरस्वती पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी से जुड़े हैं वहीं सदा शिवेंद्र सरस्वती 11 वर्ष की आयु से नैमिषारण्य में हरिहरानंद सरस्वती ब्रह्म विज्ञान पीठ संस्थानम से पढ़ाई करते हुए आश्रम से संत के रूप में निकले।

इन दोनों संतों को महा निर्वाणी अखाड़ा के अध्यक्ष श्री रविंद्रपुरी महाराज महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानन्द भारती, आचार्य राजगुरु की मौजूदगी में महाकुंभ में महामंडलेश्वर की उपाधि मिली। दोनों संतों को वैदिक परंपरा के अनुसार अखाड़े के महामंडलेश्वरों ने पट्टाभिषेक (चादरविधि) करके महामंडलेश्वर की पदवी से सम्मानित किया गया।

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विंध्यधाम में भक्ति की बयार, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

मीरजापुर: माघ मास शुक्ल पक्ष प्रदोष तिथि पर विंध्यवासिनी धाम में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। महाकुंभ पलट प्रवाह के प्रभाव से लाखों श्रद्धालु मां के दरबार में उमड़ पड़े। प्रयागराज हाईवे पर लगातार जाम लगा रहने के बावजूद भक्तों की आस्था अटूट रही और वे दर्शन-पूजन के लिए माता के चरणों में पहुंचते रहे।

गंगा स्नान के उपरांत नर-नारी, बच्चे और बुजुर्ग सभी श्रद्धा भाव से मां विंध्यवासिनी के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे। माता का भव्य श्रृंगार देख भक्तगण भावविभोर हो उठे। मंदिर परिसर में घंटा-घड़ियाल और शंख ध्वनि के बीच जय माता दी के जयघोष गूंजते रहे, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया।

सोमवार की भोर में मंगला आरती के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खुले, तो लंबी कतारों में खड़े श्रद्धालु जयकारे लगाते हुए दर्शन के लिए उमड़ पड़े। माता के दर्शन-पूजन का यह सिलसिला देर शाम तक अनवरत जारी रहा। श्रद्धालुओं ने मंदिर के गुंबद की परिक्रमा कर मत्था टेका और गंगा घाटों पर मुंडन संस्कार संपन्न कराए। वहीं मंदिर की छत पर साधक मंत्र जाप और साधना में लीन दिखे, जिससे संपूर्ण क्षेत्र में आध्यात्मिक ऊर्जा व्याप्त हो गई।

यातायात नियंत्रण में जुटा प्रशासन

भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। प्रयागराज-मीरजापुर मार्ग पर जबरदस्त यातायात के दबाव के चलते अटल चौराहे पर पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा स्वयं खड़े होकर वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करते दिखे। संपूर्ण मेला क्षेत्र में पुलिस एवं पीएसी के जवान तैनात रहे। श्रीविंध्य पंडा समाज के सदस्यगण भी यूनिफॉर्म और पहचान पत्र के साथ श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर दिखे।

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नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिल्ली की प्रतिष्ठित सुंदर नर्सरी में परीक्षा पे चर्चा के आठवें संस्करण में विद्यार्थियों से तनाव मुक्त परीक्षा के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को सीमित नहीं किया जाना चाहिए, उन्हें अपने जुनून को तलाशने की आजादी होनी चाहिए। 

प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान तनाव से बचने के लिए समय प्रबंधन और कठिन विषय को स्वयं चुनौती देने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे समाज में दुर्भाग्य से यह घर कर गया है कि अगर हम स्कूल में इतने नंबर नहीं लाए, दसवीं-बारहवीं में इतने नंबर नहीं आए तो जिंदगी तबाह हो जाएगी। इसलिए पूरे घर में तनाव हो जाता है। ऐसे में आपको खुद को तैयार करना है। उन्होंने कहा कि ऐसे में इस तनाव को मन में न लें और तय करें कि आपको आज कितना पढ़ना है। ये अगर आप कर लेते हैं, तो आप इस तनाव से खुद को निकाल सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने विद्यार्थियों से कहा कि लोग नेताओं के आचरण से प्रेरणा लेते हैं। अगर आप स्वच्छता का उपदेश दे रहे हैं लेकिन गंदगी फैला रहे हैं, तो आप नेता नहीं बन सकते। नेता बनने के लिए टीमवर्क के साथ-साथ समझदारी और धैर्य भी जरूरी है। आपको अपने साथियों के लिए मौजूद रहना होगा और इससे विश्वास पैदा होगा। यह विश्वास ही आपके नेतृत्व को सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि आप, सम्मान मांग नहीं सकते, आपको सम्मान कमाना पड़ेगा। इसके लिए आपको खुद को बदलना होगा। लीडरशिप थोपी नहीं जाती, आपके आस-पास के लोग आपको स्वीकारते हैं। नेता बनने के लिए टीमवर्क सीखना और धैर्य बहुत आवश्यक है।

प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को मोटा अनाज (मिलेट्स) और सब्जियों के महत्व बताते हुए कहा कि बीमार न होने का मतलब यह नहीं है कि हम स्वस्थ हैं। नींद भी पोषण पर निर्भर करती है। चिकित्सा विज्ञान भी नींद पर ध्यान केंद्रित करता है। सभी को सुबह की धूप में समय बिताना चाहिए।

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महाकुम्भ नगर, 10 फरवरी (हि.स.)। देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को प्रयागराज की पावन धरा पर त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगायी। त्रिवेणी संगम पर राष्ट्रपति मुर्मु ने प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाया। बता दें, देश की प्रथम नागरिक का संगम में पावन डुबकी लगाने का यह ऐतिहासिक क्षण है। गौरतलब है कि इससे पहले भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में पावन स्नान किया था। राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सोमवार सुबह प्रयागराज पहुंचने पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। यहां से राष्ट्रपति अरैल घाट आईं, जहां से क्रूज पर सवार होकर वह त्रिवेणी संगम पहुंचीं। इस दौरान राष्ट्रपति ने डेक पर खड़े होकर नौका विहार का आनंद भी लिया और अपने हाथों से पक्षियों को दाना खिलाया। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच राष्ट्रपति ने पूरी आस्था के साथ त्रिवेणी संगम में स्नान किया। पावन डुबकी लगाने से पहले राष्ट्रपति ने त्रिवेणी संगम में पुष्प व नारियल अर्पित किया और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम किया। उन्होंने मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की अराधना करते हुए एक के बाद एक कई बार पवित्र जल में डुबकी लगाई। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चारण और श्लोकों के बीच उन्होंने संगम स्थल पर पूजा अर्चना की और संगम की आरती भी उतारी। इस दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें महाकुम्भ के आयोजन और इससे जुड़ी अनेक व्यवस्थाओं की जानकारी भी दी।

संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इसके धार्मिक आस्था को और अधिक मजबूती देने के लिए अक्षयवट का दर्शन-पूजन करेंगी। सनातन संस्कृति में अक्षयवट को अमरता का प्रतीक माना जाता है। यह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जिसकी महत्ता पुराणों में भी वर्णित है। इसके अलावा वो बड़े हनुमान मंदिर में भी दर्शन और पूजा-अर्चना कर देशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना करेंगी।

इसके साथ ही आधुनिक भारत और डिजिटल युग के साथ धार्मिक आयोजनों को जोड़ने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल को राष्ट्रपति समर्थन देंगी। वे डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का अवलोकन करेंगी। राष्ट्रपति शाम शाम पौने छह बजे प्रयागराज से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगी।

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नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को फ्रांस और अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए। दो देशों की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पेरिस में एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करने और अमेरिका में अपने मित्र राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने को लेकर उत्साहित हैं।

प्रधानमंत्री ने फ्रांस और अमेरिका की यात्रा से पहले अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा कि राष्ट्रपति मैक्रों के निमंत्रण पर वह 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस की यात्रा पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह पेरिस में एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हैं। वह विश्व के नेताओं और वैश्विक तकनीकी सीईओ की एक सभा है, जहां हम समावेशी, सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से नवाचार और व्यापक सार्वजनिक भलाई को लेकर एआई प्रौद्योगिकी के लिए सहयोगी दृष्टिकोण पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी यात्रा का द्विपक्षीय खंड मेरे मित्र राष्ट्रपति मैक्रों के साथ भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए 2047 क्षितिज रोडमैप पर प्रगति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगा। हम फ्रांस में पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करने के लिए ऐतिहासिक फ्रांसीसी शहर मार्सिले की यात्रा भी करेंगे और अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर परियोजना का भी दौरा करेंगे, जिसमें भारत वैश्विक भलाई को लेकर ऊर्जा का दोहन करने के लिए फ्रांस सहित भागीदार देशों के संघ का सदस्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को माजर्गेस युद्ध स्मारक जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्रांस से वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के निमंत्रण पर अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। उन्होंने कहा कि वह अपने मित्र राष्ट्रपति ट्रम्प से मिलने के लिए उत्सुक हैं। यद्यपि यह उनकी ऐतिहासिक चुनावी जीत और जनवरी में शपथ ग्रहण के बाद हमारी पहली मुलाकात होगी, लेकिन मुझे उनके पहले कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी बनाने में साथ काम करने की बहुत ही मधुर याद है।

उन्होंने कहा कि यह यात्रा उनके पहले कार्यकाल में हमारे सहयोग की सफलताओं को आगे बढ़ाने और प्रौद्योगिकी, व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन के क्षेत्रों सहित हमारी साझेदारी को और बढ़ाने और गहरा करने के लिए एक एजेंडा विकसित करने का अवसर होगा। हम अपने दोनों देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए मिलकर काम करेंगे और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य को आकार देंगे।

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– दोनों फाइटर जेट को उड़ान भरते हुए देखने के लिए देशी-विदेशी दर्शकों में भी होड़

बेंगलुरु, 10 फरवरी (हि.स.)। एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ में इस बार रूसी सुखोई-57 जेट और अमेरिकी एफ-35 की धूम है। एयर फोर्स स्टेशन येलहंका में दोनों फाइटर जेट की गड़गड़ाहट के साथ उड़ान भरते हुए देखने के लिए देशी-विदेशी दर्शकों में भी होड़ मची है। मित्र देशों से आए दर्शक दो दिनों तक रूसी और अमेरिकी फाइटर प्लेन का मुकाबला देखेंगे। प्रदर्शनी के शुरुआती दो व्यावसायिक दिन ख़त्म होने के बाद प्रदर्शनी आम दर्शकों के लिए खुल जाएगी।

यूक्रेन के साथ युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किये गए एकमात्र पांचवीं पीढ़ी के दो स्टील्थ रूसी सुखोई-57 जेट इस समय बेंगलुरु के आसमान की शोभा बढ़ा रहे हैं। यह फाइटर जेट अपनी लुभावनी एयरोबेटिक्स के लिए जाना जाता है, जिसने यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान के दौरान हवाई और जमीनी लक्ष्यों को भेदने में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है, जिसमें लंबी दूरी से सटीक हमले भी शामिल हैं। स्टेल्थ क्षमताओं वाला यह विमान उन्नत एईएसए राडार प्रणाली से लैस है और इसमें क्रूज मिसाइलों को लॉन्च करने की क्षमता है। सुखोई-57 को एएल-51एफ1 इंजन मिलने की उम्मीद है, जिससे इसकी लड़ाकू क्षमता और बढ़ जाएगी।

अमेरिकी वायु सेना ने पहले एयरो इंडिया-2025 में एफ-35 और अपग्रेड किए गए एफ-16 की प्रदर्शन उड़ानें रद्द कर दी थीं, लेकिन अब यह दोनों फाइटर जेट बेंगलुरु पहुंच कर अपने आसमानी करतब दिखा रहे हैं। पिछले यानी 2023 के एयरो इंडिया में पहली बार पेश किए गए एफ-35 के इस साल भी प्रमुख आकर्षण होने की उम्मीद थी, लेकिन इस बार रूसी सुखोई-57 भी अपनी ओर ध्यान आकर्षित कर रहा है। दोनों फाइटर प्लेन का मुकाबला दर्शकों के बीच कड़ी टक्कर दे रहा है।

सुखोई-57 रूस का प्रमुख स्टेल्थ मल्टीरोल फाइटर बेहतरीन हवाई श्रेष्ठता और स्ट्राइक क्षमताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्नत एवियोनिक्स, सुपरक्रूज़ क्षमता और स्टेल्थ तकनीक से लैस यह विमान एयरो इंडिया 2025 में पहली बार अपने आसमानी करतब दिखा रहा है। प्रदर्शनी में आने वाले दर्शक उच्च हवाई युद्धाभ्यास, फाइटर की चपलता, स्टेल्थ और मारक क्षमता और सामरिक प्रदर्शन देखकर मंत्रमुग्ध है।लॉकहीड मार्टिन एफ-35 लाइटनिंग II पांचवीं पीढ़ी का फाइटर है, जो उन्नत स्टेल्थ और नेटवर्क लड़ाकू क्षमताओं को एकीकृत करता है। एयरो इंडिया 2025 में अमेरिकी लड़ाकू की उपस्थिति आगंतुकों को अमेरिकी वायु सेना के प्रमुख विमान को देखने में सक्षम बना रही है।

रूसी सुखोई-57 और अमेरिकी एफ-35 अंतरराष्ट्रीय रक्षा और एयरोस्पेस सहयोग के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को उजागर करता है। एयरो इंडिया 2025 पूर्वी और पश्चिमी पांचवीं पीढ़ी की लड़ाकू प्रौद्योगिकी का एक दुर्लभ तुलनात्मक प्रदर्शन प्रदान कर रहा है, जिससे रक्षा विश्लेषकों, सैन्य कर्मियों और विमानन उत्साही लोगों को उनकी संबंधित क्षमताओं के बारे में बहुमूल्य जानकारी मिलेगी।

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नई दिल्ली, 10 फ़रवरी (हि.स.)। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने आज राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान मौजूदा केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का हवाला देते हुए सरकार से जल्द से जल्द जनगणना कराने का आग्रह किया।

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने सदन में कहा कि जनगणना में देरी के कारण 14 करोड़ भारतीय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत अपने वाजिब लाभ से वंचित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि मौलिक अधिकार है। उन्होंने जनगणना कराने में चार साल की देरी का जिक्र करते हुए चिंता जताई कि इस साल भी जनगणना होने की संभावना नहीं है।

कांग्रेस संसदीय दल की नेता ने कहा कि सितंबर 2013 में यूपीए सरकार का पेश किया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम देश की 140 करोड़ आबादी के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल थी। इसने लाखों परिवारों को भुखमरी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर कोविड-19 संकट के दौरान। इस अधिनियम ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए आधार बनाया था।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ग्रामीण आबादी का 75 फीसदी और शहरी आबादी का 50 फीसदी

सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने के हकदार हैं। हालांकि, लाभार्थियों के लिए कोटा अभी भी 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित किया जाता है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार जनगणना में चार साल से अधिक की देरी हुई है। मूल रूप से 2021 के लिए निर्धारित जनगणना को लेकर अभी भी इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि यह कब कराई जाएगी।

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इंफाल, 10 फरवरी (हि.स.)। मणिपुर में सुरक्षाबलों और पुलिस ने हिल और वैली जिलों के संवेदनशील स्थानों पर अभियान चलाकर बड़ी कामयाबी हासिल की।

उग्रवादियों के कई ठिकानों को ध्वस्त करते हुए बड़ी संख्या में हथियार और विस्फोटक बरामद किया। सुरक्षाबलों ने भाग रहे सात उग्रवादियों को पीछाकर दबोच लिया। यह जानकारी मणिपुर पुलिस ने आज सुबह दी।

मणिपुर पुलिस के अनुसार, बिष्णुपुर जिले के सागांग और नाओदाखोंग पहाड़ी क्षेत्र में एक एके-56 राइफल, एक एसएमसी कार्बाइन, तीन सिंगल बैरल बंदूकें, बुलेटप्रूफ कवर और प्लेट, आंसू गैस के छह गोले, छह 36 एचई ग्रेनेड, विभिन्न कैलिबर की जिंदा गोलियां और चार आईईडी को बरामद किया गया।

मणिपुर पुलिस ने लामलाई थाना क्षेत्र के तेल्लौ मखा लाइकाई में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन एनआरएफएम के एक ठिकाने का भंडाफोड़ कर सात उग्रवादियों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान मोइरांगथेम सोमोकांता सिंह (26), थोंगम इबोटन सिंह (34), हैसानम रोहित मैतेई (32), याइखोम इनाओ सिंह (20), नामैरकपम जोतिन मैतेई (33), निंगथौजम प्रेमकुमार सिंह (32) और हेमाम जॉन सिंह (33) के रूप में हुई है।

इनके पास से एक ए1 असॉल्ट राइफल, एक एके-47 राइफल, दो इंसास राइफल, दो एसएलआर, बुलेटप्रूफ जैकेट, मोबाइल फोन और अन्य सामान बरामद किया गया।बताया गया है कि इस दौरान लगभग 30 हथियारबंद बदमाशों ने थौबल जिले के ककमयाई पुलिस चौकी पर हमला कर वहां तैनात पुलिसकर्मियों को अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने छह एसएलआर और तीन एके-47 राइफलों समेत नौ हथियार लूट लिए।

हालांकि, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में एक हमलावर, हीजाम निंगथेम सिंह (49) को गिरफ्तार किया। वह प्रतिबंधित संगठन केसीपी का सदस्य है। बाद में, पुलिस ने तलाशी अभियान में लूटे गए नौ में से आठ हथियार नगामुखोंग पहाड़ी क्षेत्र से बरामद कर लिए।

इसके बाद, सुरक्षा बलों ने निंगेल, मालोम, तौबुल और लांगाथेल में बड़ा अभियान चलाकर लांगाथेल चिंगखोंग में केसीपी का एक महत्वपूर्ण ठिकाना ध्वस्त कर भारी मात्रा में गोला-बारूद, हथियार, विस्फोटक सामग्री, सैन्य वर्दी, बुलेटप्रूफ जैकेट और अन्य सामान जब्त किया गया।

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नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज फ्रांस और अमेरिका की चार दिवसीय (10 से 13 फरवरी) यात्रा पर रवाना होंगे। प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस में वहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ कृत्रिम मेधा (एआई) पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।

विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने हालिया संवाददाता सम्मेलन में बताया कि फ्रांस में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को भी संबोधित करेंगे। साथ ही व्यक्तिगत एवं प्रतिनिधिमंडल स्तर वार्ता के प्रारूप पर भी चर्चा करेंगे। दोनों नेता पेरिस के बाहर मार्सिले में भारत के नवीनतम महावाणिज्य दूतावास का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे। 12 फरवरी की सुबह दोनों नेता प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे।

विक्रम मिस्त्री के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। मिस्त्री ने बताया कि नए प्रशासन के कार्यभार संभालने के बमुश्किल तीन सप्ताह के भीतर प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका आने का निमंत्रण, भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्व को दर्शाता है।

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-एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ का औपचारिक उद्घाटन सोमवार को

बेंगलुरू, 09 फरवरी (हि.स.)। एयर फोर्स स्टेशन येलहंका में एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ का औपचारिक उद्घाटन सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में होंगा। पूर्व संध्या पर उन्होंने 10 से 14 फरवरी तक चलने वाले एयरो इंडिया के दौरान होने वाले कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देने के साथ ही रक्षा क्षेत्र में विकसित हो रहे भारत का खाका खींचा। राजनाथ सिंह ने रविवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में स्वदेशी एलसीए तेजस मार्क-2 की प्रोडक्शन लाइन का दौरा करके प्रगति का जायजा लिया।

रक्षा मंत्री एयरो इंडिया 2025 के लिए आज शाम को बेंगलुरु के एचएएल एयरपोर्ट पर उतरे और एचएएल की अत्याधुनिक एलसीए तेजस मार्क-1ए की उत्पादन सुविधा का दौरा किया। यह लड़ाकू विमान एलसीए मार्क-1 का उन्नत संस्करण है, जिसमें कई उन्नत विशेषताएं हैं। एलसीए बहु-भूमिका वाला विमान है, जो आसानी से आक्रामक हवाई सहायता, नजदीकी युद्ध और जमीनी हमले की भूमिका निभाने में सक्षम है। तेजस मार्क-1ए आने वाले दशकों तक भारतीय वायुसेना की रीढ़ की हड्डी के रूप में काम करेगा।

रक्षा मंत्री सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपने मिसाइल विकास कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। अग्नि मिसाइल, अस्त्र मिसाइल प्रणाली और पिनाका मिसाइल प्रणाली के उन्नत संस्करणों से लेकर अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली और आकाश वायु रक्षा प्रणाली तक हमने सफलता की अनेक कहानियां गढ़ी हैं। इन उपलब्धियों ने भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने, भारत को और अधिक आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि रक्षा विनिर्माण में हमारा घरेलू रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड को पार कर गया है। 2025-26 के अंत तक हमें उम्मीद है कि यह आंकड़ा 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। इसके अलावा रक्षा निर्यात भी 21 हजार करोड़ रुपये के रिकॉर्ड को पार कर गया है और 2025-26 के अंत तक हमें उम्मीद है कि यह आंकड़ा 30 हजार करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। रक्षा मंत्री ने विश्वास जताया कि यह आयोजन रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारी यात्रा को और तेज करेगा।

एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा
रक्षा मंत्री ने बताया कि एयरो इंडिया के पहले दिन सोमवार को सीईओ की गोलमेज बैठक भी होगी, जिसका विषय ‘ईडीजीई’ है, जिसका अर्थ है वैश्विक जुड़ाव के माध्यम से विकास को सक्षम बनाना। यह कार्यक्रम एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए उद्योग जगत के नेताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा। इस गोलमेज बैठक में 100 से अधिक उद्योग जगत के नेता भाग लेंगे। यह सम्मेलन वैश्विक और भारतीय दोनों सीईओ को रक्षा और एयरोस्पेस उद्योगों में व्यापार विस्तार और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठा और अद्वितीय अवसर प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, रक्षा औद्योगिक क्षेत्र की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होती जा रही है। रक्षा क्षेत्र में हर उपलब्धि न केवल हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करती है, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है। रक्षा अनुप्रयोगों के लिए विकसित की गई प्रौद्योगिकियां अक्सर सिर्फ सैन्य उपयोग से परे होती हैं। वे अक्सर नागरिक क्षेत्र में भी नवाचारों को जन्म देती हैं। ये प्रगति रोजगार सृजन में योगदान देती हैं और आर्थिक विकास को गति देती हैं, जिससे रक्षा क्षेत्र भारत की आर्थिक वृद्धि का एक प्रमुख चालक बन जाता है। मेरा मानना ​​है कि एयरो इंडिया की भूमिका सिर्फ हमारी एयरोस्पेस क्षमताओं को बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है। यह आर्थिक मजबूती का एक महत्वपूर्ण चालक भी है, जो हमारी अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में योगदान देता है।

रक्षा मंत्री ने एयरो इंडिया में लगने वाले इंडियन पवेलियन के बारे में जानकारी दी कि एक ओर हम अपनी प्रमुख रक्षा फर्मों और उद्योगों को प्रदर्शित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हम अपने अभिनव स्टार्ट-अप और एमएसएमई को भी आगे ला रहे हैं। कई भारतीय फर्मों के साथ-साथ वैश्विक औद्योगिकों की भागीदारी विश्व मंच पर भारत की बढ़ती तकनीकी शक्ति का प्रमाण होगी। एयरो इंडिया एक महत्वपूर्ण मंच है, जो एक सशक्त भारत, सक्षम भारत, सुरक्षित भारत और आत्मनिर्भर भारत के हमारे दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है। एयरो इंडिया के माध्यम से हम न केवल अपनी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि साझेदारी और सहयोग को भी मजबूत कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य अपने मित्र देशों के साथ साझा हितों के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना, गहन सहयोग और साझा प्रगति को बढ़ावा देना है।

इस बार एयरो इंडिया में 900 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं, जिनमें लगभग 150 विदेशी प्रदर्शक शामिल हैं। 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के साथ यह भव्य आयोजन भारत की एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं में बढ़ते वैश्विक विश्वास का प्रमाण है।इसके अलावा लगभग 30 देशों के रक्षा मंत्री या प्रतिनिधि इस आयोजन में भाग लेने आए हैं। 43 देशों के वायु सेना प्रमुखों और सचिवों की उपस्थिति न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय रक्षा समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है।

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