नई दिल्ली, 17 फरवरी (हि.स.): केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। चौहान ने अधिकारियों से कहा कि किसानों के हितों को सदैव सर्वोपरि रखना चाहिए। उन्होंने बुआई के दौरान खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर भी निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि गेहूं की बुआई इस रबी सीजन में 324.88 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है, जबकि पिछले वर्ष यह 318.33 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में थी। धान की बुआई 42.54 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो कि गत वर्ष 40.59 लाख हेक्टेयर में थी। दलहन का रबी सीजन का बुआई क्षेत्र इस वर्ष 140.89 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि गत वर्ष यह 137.80 लाख हेक्टेयर में था। तिलहन की फसलों की बुआई इस वर्ष 97.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई, जो गत वर्ष 99.23 लाख हेक्टेयर क्षेत्र था, कमी वाला यह क्षेत्र अन्य फसलों- गेहूं व चना में डायवर्ट हुआ बताया है।

मंत्री चौहान ने विभिन्न राज्यों में मौसम की ताजा एवं संभावित तथा जलाशयों की स्थिति एवं विभिन्न उपज और उनके मूल्य की जानकारी लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि तापमान व जलाशयों की स्थिति के अनुसार आगामी गेहूं व सरसों की उपज अच्छी होने की उम्मीद है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि किसानों के हितों को सदैव सर्वोपरि रखना चाहिए। बुआई के दौरान खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर भी कृषि मंत्री ने निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि रबी मौसम के लिए 14 फरवरी की स्थिति में प्रमख उत्पादक राज्यों में प्याज एवं आलू की बुआई गत वर्ष से क्रमशः 1.52 लाख हेक्टेयर एवं 0.32 लाख हेक्टेयर ज्यादा है, जबकि टमाटर की बुआई भी गत वर्ष की तरह सामान्य है। देश में रबी का कुल बोया गया सामान्य क्षेत्र प्याज के लिए 11.37 लाख हेक्टेयर, आलू के लिए 21.47 लाख हेक्टेयर और टमाटर के लिए 5.80 लाख हेक्टेयर था। चालू रबी सीजन में टमाटर और प्याज की बुआई सुचारू रूप से चल रही है। तीनों फसलों के लिए बुआई का समय अभी उपलब्ध है और मौजूदा अच्छी बाजार कीमतों को देखते हुए, सामान्य क्षेत्र हासिल करने की उम्मीद है।

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नई दिल्ली, 17 फ़रवरी (हि.स.)। चुनाव आयोग ने कल मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त होने जा रहे राजीव कुमार को आज विदाई दी। राजीव कुमार 01 सितंबर 2020 को चुनाव आयुक्त बने थे और 15 मई, 2022 को देश के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया था.

अपने विदाई भाषण में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए 1.5 करोड़ मतदान अधिकारियों को उनके समर्पण के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के लोकतांत्रिक संस्थानों पर प्रेरित और अपुष्ट हमलों के बावजूद लगभग एक अरब मतदाताओं का भरोसा अडिग है। उन्होंने मतदाताओं की विशेष रूप से महिला मतदाताओं की उनकी जीवंत भागीदारी के लिए सराहना की और कहा कि चुनावी प्रक्रिया अब अधिक समावेशिता की ओर बढ़ रही है।


चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के समावेशी, परिवर्तनकारी और उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे चुनावी प्रक्रियाओं को मजबूत मिली है और चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में भारत का कद वैश्विक स्तर पर और बढ़ा है।

उल्लेखनीय है कि आयोग में उनके कार्यकाल की विशेषता संरचनात्मक, तकनीकी, क्षमता विकास, संचार, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और प्रशासन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मौन लेकिन गहन सुधारों की रही। राजीव कुमार के कार्यकाल में कई चुनावी सुधार किए गए। इनमें 17 के अधिक आयु के युवाओं के लिए उन्नत आवेदन सुविधा के साथ मतदाता पंजीकरण के लिए चार अर्हता तिथियों को क्रियान्वित करना शामिल रहा। मतदाता पंजीकरण के लिए सरलीकृत फॉर्म; असम में परिसीमन के साथ चुनावी सीमाओं को फिर से परिभाषित करना; मतदाता सुविधा केंद्र पर मतदान कर्मियों द्वारा मतदान सुनिश्चित करना ताकि किसी भी तरह की धमकी, देरी और गलत कामों से बचा जा सके। इन पहलों का उद्देश्य चुनाव प्रशासन को आधुनिक बनाते हुए प्रत्येक पात्र नागरिक को सशक्त बनाना था।

कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान 31 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में चुनाव कराये। इसके साथ ही 2022 के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव, 2024 के लोकसभा चुनाव और राज्यसभा में विभिन्न रिक्तियों को पूरा कराने से जुड़े चुनाव कराए। यह चुनावी प्रबंधन में एक दुर्लभ और यादगार उपलब्धि है। इस दौरान चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए और लगभग शून्य पुनर्मतदान और हिंसा की घटनाएं हुईं।

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श्रद्धालुओं की गहरी श्रद्धा और आस्था का प्रमाण है महाकुम्भ : अजय भट्ट

महाकुम्भ नगर:  पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सांसद अजय भट्ट ने सोमवार को सपरिवार संगम में पवित्र स्नान किया। इस अवसर पर उन्होंने महाकुम्भ 2025 में श्रद्धालुओं के उत्साह और आस्था की सराहना की।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए बधाई दी। अजय भट्ट ने कहा ‘यहां श्रद्धालुओं की अटूट आस्था देखने को मिल रही है। ‘यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, फिर भी वे यहां बड़ी संख्या में आ रहे हैं। यह उनकी गहरी श्रद्धा और आस्था का प्रमाण है।

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आधार-मतदाता कार्ड ही नागरिकता का प्रमाण, वह तो बांग्लादेशियों के पास भी है –हाईकोर्ट के जज का बड़ा बयान

कोलकाता:  आधार और मतदाता पहचान पत्र क्या भारतीय नागरिकता का प्रमाण हो सकता है? कलकत्ता हाईकोर्ट के जज ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि ये पहचान पत्र तो बांग्लादेशी घुसपैठियों के पास भी होते हैं।

सोमवार को फर्जी पासपोर्ट मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति देबांशु बसाक की खंडपीठ ने यह टिप्पणी की। मामला पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले के दुलाल शील और उनकी पत्नी स्वप्ना शील से जुड़ा है, जिन्हें एक साल पहले गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का आरोप है कि वे मूल रूप से बांग्लादेशी नागरिक हैं और फर्जी आधार और मतदाता कार्ड के जरिए भारत में रह रहे थे।

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बसाक ने कहा कि क्या आधार कार्ड और मतदाता कार्ड होने से कोई भारतीय नागरिक बन जाता है? इस तरह के फर्जी दस्तावेज हर बांग्लादेशी के पास मिल जाते हैं। कुछ तो खुद को भारतीय साबित करने के लिए टैक्स भी भरते हैं। उन्होंने अमेरिका में हो रही निर्वासन की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वहां भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि आव्रजन विभाग से इस मामले में कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है, इसलिए यह साबित नहीं होता कि पासपोर्ट फर्जी है। उन्होंने 2019 के विदेशी पंजीकरण संशोधन अधिनियम की धारा-2 का हवाला देते हुए कहा कि जो लोग 2024 से पहले भारत में आए हैं, उन्हें नागरिक माना जाना चाहिए। इसी आधार पर दंपति के लिए जमानत की मांग की गई थी। हालांकि, अदालत इस तर्क से संतुष्ट नहीं हुई और बर्दवान के इस दंपति की जमानत याचिका खारिज कर दी।

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बेंगलुरु के चिंतन शिविर में इस्पात क्षेत्र को मजबूत करने की सामूहिक प्रतिबद्धता जताई

नई दिल्ली:  इस्पात मंत्रालय ने बेंगलुरु के होटल ताज वेस्ट एंड में भारत के इस्पात क्षेत्र के भविष्य पर केंद्रित एक दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सीपीएसई के नेता प्रमुख उद्योग विषयों पर विचार-विमर्श करने और आगे की राह तैयार करने के लिए एकत्रित हुए।

इस कार्यक्रम में इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी वर्चुअली और इस्पात और भारी उद्योग राज्यमंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस्पात मंत्रालय के सचिव संदीप पौंड्रिक और सीपीएसई प्रमुखों ने भी भाग लिया, जिससे उद्योग के विकास के प्रति एकीकृत दृष्टिकोण को बल मिला। उद्घाटन समारोह के बाद लौह अयस्क उपयोग, राष्ट्रीय इस्पात नीति 2025, विशेष इस्पात, तथा परिचालन दक्षता और लागत में कमी के लिए रणनीतियों पर महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए। आकर्षक चर्चाओं ने सभी उपस्थित लोगों की सक्रिय भागीदारी को संभव बनाया।

भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने राष्ट्रीय इस्पात नीति के लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाने पर जोर देते हुए कहा, “आइए हम 2030 तक 300 मीट्रिक टन इस्पात उत्पादन क्षमता प्राप्त करके आत्मनिर्भर भारत की दिशा में काम करें। इस्पात आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है और हमें घरेलू उत्पादन बढ़ाने, लौह अयस्क संसाधनों का अनुकूलन करने और प्रमुख क्षेत्रों के लिए विशेष इस्पात का उत्पादन करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”

संदीप पौंड्रिक ने उद्योग उत्कृष्टता, आत्म-चिंतन और निरंतर सीखने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह मंच परिचालन दक्षता बढ़ाने और नवाचार को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है, जिससे टिकाऊ और प्रभावशाली विकास सुनिश्चित होता है।”

इस आयोजन का एक मुख्य आकर्षण इंडिया स्टील 2025 के लिए आधिकारिक वेबसाइट का शुभारंभ था, जो 24-26 अप्रैल 2025 तक आयोजित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सीपीएसई के 35 युवा प्रबंधकों को भविष्य के उद्योग के नेताओं के रूप में पेश किया गया, जिन्हें दक्षता और लागत अनुकूलन को आगे बढ़ाने का काम सौंपा गया।

चिंतन शिविर का समापन सीपीएसई की ओर से वैश्विक स्तर पर भारत के इस्पात क्षेत्र को मजबूत करने की सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ हुआ। यह आयोजन हितधारकों को एकजुट करने, रणनीतिक चर्चाओं को बढ़ावा देने और एक लचीले और प्रतिस्पर्धी इस्पात उद्योग की नींव रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

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New Delhi: दिल्ली NCR में सोमवार की सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए।

भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 थी। भूकंप का केंद्र नई दिल्ली ही था। जमीन से 5 किलोमीटर नीचे भूकंप का केंद्र था। भूकंप से फिलहाल किसी नुकसान की खबर नहीं है।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मापी गई। इसका केंद्र 28.59° उत्तरी अक्षांश और 77.16° पूर्वी देशांतर पर था, जो जमीन के करीब पांच किलोमीटर नीचे था।

भूकंप के कारण कंपन महसूस हुई। खिड़कियों के सीसे और ग्रिल में कंपन होने लगी। कुछ सेकेंड तक झटके महसूस किए गए।

सुबह का समय होने के कारण अधिकतर लोग सोए थे। हालांकि कुछ लोग जगे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के बाद सभी एक दूसरे से हाल जानते देखे गए।

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नई दिल्ली, 16 फ़रवरी (हि.स.)। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की जांच के लिए दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। इसमें उत्तर रेलवे के प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक नरसिंह देव के नेतृत्व में प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त पंकज गंगवार शामिल हैं।

रेल मंत्रालय के अनुसार समिति ने अपनी जांच शुरू कर दी है और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सभी वीडियो फुटेज पूरी तरह सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।

हादसे के बाद आज सुबह रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है।

उल्लेखनीय है कि कल रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ के कारण मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हैं।

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नई दिल्ली, 16 फ़रवरी (हि.स.)। कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे को सीधे तौर पर रेलवे की नाकामी करार देते हुए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस ने आराेप लगाया कि इस दुखद घटना के पीड़िताें के आंकड़ों को रेलवे प्रशासन छिपा रहा है।

कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने रविवार काे पत्रकार वार्ता के दाैरान आरोप लगाया कि सरकार हादसे के समय राहत और बचाव कार्यों की बजाय लीपा-पोती में लगी थी। उन्होंने कहा कि हादसे की दुखद घटना को स्वीकार करने की बजाय आंकड़ों को छुपाया जा रहा था। नई दिल्ली रेल हादसा सीधे तौर पर प्रशासनिक व्यवस्था की नाकामी है।

श्रीनेत ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि हादसे से कुछ देर पहले ही रेलवे की सुरक्षा समीक्षा बैठक हुई थी। क्या यह केवल औपचारिकता भर थी। दूसरी और हादसे के पहले हर घंटे 1500 से अधिक प्लेटफार्म टिकट बिक रहे थे। क्या प्रशासन को अंदाजा नहीं था कि इतनी भीड़ आने वाली है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि रेलवे प्रशासन की नाकामी के कारण आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक दम घुटने से 18 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 9 महिलाएं, 4 पुरुष और 5 बच्चे शामिल हैं। हादसे के चश्मदीदों की बातें सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्हाेंने आराेप लगाया कि कुलियाें ने शवों को लाद-लादकर बाहर निकाला। वहां पुलिस प्रशासन और एंबुलेंस की व्यवस्था तक नहीं थी।

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-मृतकों के परिजनों को 10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को ढाई और मामूली रूप से घायलों को 1-1 लाख-अप्रत्याशित रूप से यात्रियों की संख्या बढ़ने और बेकाबू भीड़ के कारण हुआ हादसा, जांच के आदेश

नई दिल्ली, 16 फ़रवरी (हि.स.)। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में भीड़ के कारण शनिवार रात अचानक भगदड़ मच गई। हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई। वहीं 12 घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। भारतीय रेलवे की तरफ से मृतक परिजनों की आर्थिक मदद की घोषणा की गई है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित सभी प्रमुख हस्तियों ने मरने वालों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13, 14, 15 और 16 पर भारी भीड़ के कारण यह हादसा हुआ। दिल्ली पुलिस ने 18 लोगों की मौत की पुष्टि की है जिनमें 14 महिलाएं हैं। एलएनजेपी अस्पताल में 15 और लेडी हार्डिंग अस्पताल में 3 लोगों को मृत घोषित किया गया।

मृतकों की पहचान हुई

बक्सर बिहार निवासी आहा देवी (79) , संगम विहार दिल्ली निवासी पिंकी देवी (41), सरिता विहार निवासी शीला देवी (50), बवाना दिल्ली निवासी व्योम (25), बिहार निवासी पूनम (40), बिहार निवासी ललिता देवी (35), मुजफ्फरपुर बिहार निवासी सुरुचि (11), समस्तीपुर बिहार निवासी कृष्णा देवी (40) समस्तीपुर बिहार निवासी विजय साह (15), वैशाली बिहार निवासी नीरज (12), नवादा बिहार निवासी शांति देवी (40), नवादा बिहार निवासी पूजा (8), भिवानी हरियाणा निवासी संगीता मलिक (34), महावीर एन्क्लेव निवासी पूनम (34), नांगलोई दिल्ली निवासी ममता झा (40), सागरपुर दिल्ली निवासी रिया सिंह (7), बिजवासन दिल्ली निवासी बेबी (24) और नांगलोई दिल्ली निवासी मनोज (47) के रूप में हुई है।

आर्थिक मदद की घोषणाभारतीय रेलवे ने मृतक परिजनों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की है। प्रत्येक मृतक परिजन को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख और मामूली रूप से जख्मी लोगों को एक-एक लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने जताया शोकराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मृतकों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए कहा- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में लोगों की मौत के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।

प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए एक्स पर पोस्ट में लिखा- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल शीघ्र स्वस्थ हों। अधिकारी उन सभी लोगों की सहायता कर रहे हैं जो इस भगदड़ से प्रभावित हुए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पोस्ट में लिखा- दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों को हर संभव इलाज दिया जा रहा है। मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से विनाशकारी खबर। रेलवे प्लेटफॉर्म पर भगदड़ के कारण लोगों की मौत से मैं बेहद दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को हृदयविदारक बताते हुए एक्स पर लिखा- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हादसे में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति, शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।

अचानक मची भगदड़

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में बीती देर हुए हादसे योगेश ने मिश्रा ने बताया कि उनकी ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 15 में थी। एसी-2 की टिकट ली थी। लेकिन, भीड़ इतनी ज्यादा थी कि किसी भी बोगी में पैर रखने की जगह नहीं थी। सब लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ रहे थे। उन्होंने बताया कि रेल के बाथरूम में भी लोग भरे हुए थे।

कुछ ही दूरी पर खड़ी बिमला देवी ने बताया क उनके पति हार्ट के मरीज हैं। उन्हें आखिरी बार 10 बजे देखा था, उसके बाद से उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि न पुलिस सहयोग कर रही है न ही रेल प्रशासन। उन्होंने कहा कि वह तीन से चार चक्कर अस्पताल से लेकर यहां तक काट चुकी हैं। वह घबराकर कहती हैं कि कोई उनकी मदद करें। राकेश रावत ने बताया कि दिल्ली में रनहौला में रहते है। दो महीना पहले ही उन्होंने टिकट बुक करवाई थी। रात में वह परिवार के चार सदस्यों के साथ स्टेशन में आए थे। वह 14 नंबर प्लेटफार्म के पास खड़े थे, तभी अचानक से साै के करीब लाेग भागने लगे, लोग चिल्ला रहे थे, ट्रेन इस प्लेटफार्म में नहीं दूसरी जगह आनी वाली है। रावत ने बताया कि सिर्फ पांच मिनट के अंदर पूरी घटना हो गई। उन्होंने कई बच्चों को भगदड़ में नीचे गिरते हुए देखा था।

घटना के बाद इलाके की घेराबंदीनई दिल्ली स्टेशन पर भीड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हादसे के बाद चारों तरफ अफरातफरी मच गई। जिस दौरान घटना हुई उस दौरान कई ट्रेन प्रयागराज की तरफ जाने वाली थी।

घटना से अनजान लोगों का स्टेशन पर आने का सिलसिला जारी था। लोगों की संख्या बढ़ने लगी, जिसे देखते हुए नई दिल्ली स्टेशन की ओर आने वाले सभी मार्ग को बंद कर दिया गया और वाहनों को स्टेशन पर आने से रोक दिया गया। ट्रेन में सवार नहीं होने वाले के साथ साथ कई लोग खुद ही भीड़ को देखते हुए स्टेशन से बाहर निकलने लगे।

कई लोगों की ट्रेन छूटी

नई दिल्ली स्टेशन पर भीड़ की वजह से कई लोगों की ट्रेन छूट गई। लोगों ने बताया कि उन्हें अन्य ट्रेन से अपने गंतव्य तक जाना था लेकिन भीड़ की वजह से वह प्लेटफार्म के भीतर नहीं जा पाए और उनकी ट्रेन छूट गई। लोगों ने बताया कि रस्ते बंद करने की वजह से वह यहां से वहां भटकते रहे।

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चंडीगढ़, 16 फ़रवरी (हि.स.)। अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासी भारतीयों को लेकर शनिवार देर रात अमेरिकी सेना का दूसरा विमान अमृतसर पहुंचा।

भारतीयों के दूसरे दल की वापसी को लेकर किसी ने आधिकारिक जानकारी नहीं दी है लेकिन बताया जा रहा है कि इस विमान से 116 भारतीय नागरिक अपने देश वापस लौटे हैं।

अमेरिकी सेना का विमान शनिवार रात 11.40 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। इसके बाद करीब तीन घंटे तक कागजी कार्यवाही की गई।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पिछले दो दिनों से अमृतसर में हैं और पंजाब सरकार द्वारा अमेरिका से आने वाले भारतीयों के स्वागत का प्रबंध किया गया था। इसके बावजूद देर रात जब जहाज अमृतसर में लैंड हुआ तो मुख्यमंत्री भगवंत मान की बजाए पंजाब के एनआरआई मंत्री कुलदीप धालीवाल, कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ यहां मौजूद थे। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी शनिवार रात यहां पहुंचे थे लेकिन वापस चले गए।

गैर सरकारी सूत्रों के अनुसार निर्वासित लोगों में पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से 8, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से 2-2 और हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।

अमेरिका तीसरे बैच में अवैध अप्रवासी भारतीयों को रविवार को अमृतसर भेजेगा।

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नई दिल्ली, 15 फरवरी (हि.स.)। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार रात भगदड़ मचने से 15 लोगों की दुखद मौत हो गई, जबकि 10 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसे की जानकारी मिलते ही रेलवे प्रशासन और सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया गया।

इसे भी पढ़ें: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़, दम घुटने की शिकायत के बाद मची अफरा-तफरी

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर दुख जताते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (एनडीएलएस) पर स्थिति नियंत्रण में है। दिल्ली पुलिस और आरपीएफ मौजूद है। घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। अचानक बढ़ी भीड़ को निकालने के लिए चार विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भगदड़ की स्थिति कैसी बनी और व्यवस्था में कहां कमी रह गई, इसकी जांच की जाएगी।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आज रात करीब 10 बजे प्लेटफार्म 13 और 14 के पास अभूतपूर्व भीड़ की स्थिति पैदा हो गई। अचानक हुई इस भीड़ के कारण प्लेटफार्म पर मौजूद कुछ यात्री बेहोश हो गए, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति की अफवाह फैल गई। इससे दहशत फैल गई, बाद में भीड़ की स्थिति को कम कर स्थिति को नियंत्रित किया गया। अभूतपूर्व भीड़ को निकालने के लिए उत्तर रेलवे ने तुरंत चार विशेष ट्रेनें चलाईं। अब भीड़ कम हो गई है। इस बीच, बेहोश और घायल यात्रियों को आरपीएफ और दिल्ली पुलिस द्वारा नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया है।

बताया जा रहा है कि प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेनों के अचानक रद्द होने के कारण स्टेशन पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। अचानक की गई इस घोषणा से यात्रियों में हड़कंप मच गया, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर हुआ, जहां आमतौर पर प्रयागराज की ओर जाने वाली ट्रेनें संचालित होती हैं। रेलवे प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। दमकल की चार गाड़ियां मौके पर हैं और घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया है।

एलएनजेपी अस्पताल के मुख्य हताहत चिकित्सा अधिकारी ने इलाज के दौरान 15 लोगों के मौत की पुष्टि की है, जिनमें तीन बच्चे शामिल हैं। वहीं कुछ घायलों का इलाज लेडी हार्डिंग अस्पताल में चल रहा है।

इस घटना पर दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने गहरा दुख व्यक्त किया और मुख्य सचिव व पुलिस आयुक्त को राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और रेलवे प्रशासन से प्रभावित यात्रियों को जल्द से जल्द मदद पहुंचाने की अपील की है।

यात्रियों के लिए अपील

रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे शांत रहें और अफवाहों पर ध्यान न दें। साथ ही, प्रभावित यात्रियों की मदद के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाने की संभावना है। घटना के बाद यात्रियों में रोष देखा जा रहा है, और रेलवे प्रशासन से भीड़ नियंत्रण के बेहतर इंतजाम करने की मांग की जा रही है।

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नई दिल्ली, 15 फरवरी (हि.स.)। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार को अचानक भारी भीड़ उमड़ने के कारण अफरा-तफरी मच गई। खासकर प्लेटफॉर्म नंबर 13 और 14 पर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। दम घटने की समस्या के बाद कुछ यात्रियों के बेहोश होने पर वहां भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। भगदड़ की वजह से दस लोगों के घायल होने की सूचना है।

जानकारी के अनुसार, स्टेशन पर यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ गई थी, जिससे कई प्लेटफॉर्म पर लोगों को आने-जाने में दिक्कतें होने लगीं। यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने में रेलवे प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी। बताया जा रहा है कि यह भीड़ प्रयागराज जाने वालों की थी।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भारी भीड़ की स्थिति में कई यात्रियों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। तभी चार यात्री बेहोश हो गए, जिसे देख लोगों में अफरा-तफरी मच गई।

घटना की जानकारी मिलते ही दिल्ली दमकल विभाग की चार गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। साथ ही दिल्ली पुलिस ने भी हालात संभालने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि भगदड़ की स्थिति को फिलहाल संभाल लिया गया है लेकिन भगदड़ की वजह से दस लोग घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से संयम बनाए रखने की अपील की है और सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है। स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन को लेकर विशेष कदम उठाए जा रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

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