नई दिल्ली, 22 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार ने लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार-2024 की योजना को मंजूरी दे दी है। ये पुरस्कार 21 अप्रैल 2025 को सिविल सेवा दिवस 2025 के अवसर पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री द्वारा दिए जाएंगे।

केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के अनुसार देशभर में सिविल सेवकों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों को अभिस्वीकृत करने, मान्यता देने और पुरस्कृत करने के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। वर्ष 2024 के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार की योजना का उद्देश्य तीन श्रेणियों में सिविल सेवकों के योगदान को मान्यता देना है।

पहली श्रेणी में 11 प्राथमिकता वाले क्षेत्र कार्यक्रमों के तहत जिलों का समग्र विकास शामिल है। इस श्रेणी के तहत 5 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। दूसरी श्रेणी में आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम शामिल है। इस श्रेणी के अंतर्गत 5 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। तीसरी श्रेणी में केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों, राज्यों, जिलों के लिए नवाचार शामिल है। इस श्रेणी के अंतर्गत 6 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री पुरस्कार पोर्टल 20 जनवरी 2025 को लॉन्च किया गया। पंजीकरण और नामांकन के लिए पोर्टल को 27 जनवरी 2025 से 21 फरवरी 2025 तक चालू किया गया। प्रधानमंत्री पुरस्कार पोर्टल पर कुल 1588 नामांकन प्राप्त हुए। इनमें जिले का समग्र विकास श्रेणी में कुल 437, आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम में 426 और नवाचार श्रेणी में कुल 725 नामांकन प्राप्त हुए हैं। इस योजना को प्रतिभागियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। विशेष रूप से पहली बार भागीदारी करने वाले आकांक्षी ब्लॉकों का उद्देश्य प्रशासनिक सुधारों को और मजबूत बनाना है।

पुरस्कारों के लिए आवेदनों के मूल्यांकन में पहले अपर सचिवों की अध्यक्षता वाली छानबीन समिति द्वारा जिलों व संगठनों को लघु सूचीबद्ध करना, उसके बाद सचिव, डीएआरपीजी की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति द्वारा मूल्यांकन और फिर मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता वाली अधिकार प्राप्त समिति द्वारा पुरस्कारों के लिए अंतिम सिफारिश शामिल होगी। पुरस्कारों के लिए अधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों पर प्रधानमंत्री की मंजूरी ली जाएगी।

प्रधानमंत्री पुरस्कार-2024 में ट्रॉफी, स्क्रॉल और पुरस्कृत जिले व संगठन को 20 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिसका उपयोग परियोजना अथवा कार्यक्रम के कार्यान्वयन या लोक कल्याण के किसी भी क्षेत्र में संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

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नई दिल्ली, 20 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय राजधानी के रामलीला मैदान में एक बार फिर इतिहास रचा गया। दिल्ली की सत्ता से 27 साल से बाहर रही भारतीय जनता पार्टी ने जबरदस्त वापसी करते हुए इस बार भी मुख्यमंत्री पद पर महिला को मौका दिया। रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस समारोह की गवाह बनने के लिए दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से भी महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंचीं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला रहे थे, उस समय महिलाओं का जोश भी हाई था। महिलाओं ने भाजपा के झंडे को लहराते हुए जय श्री राम का उद्घोष कर अपनी खुशी को जाहिर किया।

वैसे तो शपथ ग्रहण समारोह का समय साढ़े 12 बजे का था लेकिन लोग इसके साक्षी बनने सुबह 10 बजे से ही पहुंचने लगे। केसरियां रंग के झंडों से पूरा मैदान सराबोर नजर आ रहा था। सभी गेट पर बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ लोग कई मीटर दूर से पैदल चले आ रहे थे। कई स्थानों पर लोग नाच कर जश्न मनाते हुई दिखाई दिए। समारोह स्थल पर भी भजन गाए जा रहे थे। दूर-दूर से आईं महिलाएं केसरिया रंग की पगड़ी पहनी हुईं और भाजपा के झंडों के साथ नारे लगा रही थीं। गजब का उत्साह छलक रहा था। समारोह 12 बजे के बाद शीर्ष नेतृत्व के आने का सिलसिला शुरू हुआ। पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे। 12 बजकर 25 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे, उनका स्वागत सभी नेताओं ने किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मंच पर रेखा गुप्ता को बधाई दी। मंच पर दाहिनी ओर पंक्ति में सबसे पहले रेखा गुप्ता और फिर प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंद्र इंद्राज, कपिल मिश्रा, पंकज कुमार सिंह बैठे थे। राष्ट्रगान के साथ शपथ ग्रहण समारोह 12.30 बजे शुरू हुआ। सबसे पहले दिल्ली के मुख्यसचिव ने मुख्यमंत्री पद और अन्य मंत्रियों के जारी गैजट नोटिफिकेशन को पढ़ा। उसके बाद उपराज्यपाल ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। उसके बाद प्रवेश वर्मा ने शपथ ली। मनजिंदर सिरसा ने पंजाबी में शपथ ली।

दिल्ली एनसीआर से पहुंचीं हजारों महिला कार्यकार्ताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। भाजपा के झंडे लेकर महिलाओं ने खूब नारेबाजी की। सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी के बाद रेखा गुप्ता चौथी महिला हैं जो दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी हैं। रेखा गुप्ता मूल रूप से हरियाणा की निवासी हैं। यही वजह रही की बड़ी संख्या में हरियाणा की महिलाएं शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचीं। इस दौरान कालका जी से आई प्रेमलता जोकि मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हैं, उन्होंने कहा कि हरियाणा की बेटी ने कतई, पूरे प्रदेश का मान बढ़ा दिया है। पूरे प्रदेश को व दिल्ली में रहने वाले सभी हरियाणा के लोगों को उनपर गर्व है। वहीं संगीता मोंगा, जोकि दिल्ली प्रदेश कार्यकारिणी में हैं जमकर नृत्य करती दिखाई दीं। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि महिला मुख्यमंत्री बनने से अब महिलाओं का मान भी बढ़ेगा और उनकी परेशानियों को समझा जा सकेगा।

माडल टाऊन से आई बीना बहल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महिला को मुख्यमंत्री बनाकर बता दिया है कि वो महिलाओं के सम्मान की बात ही नहीं करते बल्कि सम्मान देना भी जानते हैं। वहीं भगवा पगड़ी पहने हाथ में गुलाब का फूल लिए पहुंची सविता मित्तल ने कहा कि हमें पूरा विश्वास पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर था कि इस बार वो किसी महिला को ही मुख्यमंत्री बनाएंगे और हमारा विश्वास बिल्कुल सही साबित हुआ है। वहीं रेखा उनियाल ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने का सपना हमने देखा था, लगातार पार्टी के हर संघर्ष में बढ़-चढ़ कर लगे रहे और उसका फल आज महिला मुख्यमंत्री के रूप में हमें मिला है। इस खुशी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

जमकर हुई आतिशबाजी

शपथ ग्रहण समारोह के बाद भाजपा मुख्यालय में भी खुशी का माहौल दिखा। बड़ी संख्य़ा में कार्यकर्ता आतिशबाजी करते हुए दिखाई दिए। 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में काबिज होने की खुशी में भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं ने पटाखे जलाए और मिठाइयां बांटीं। वहीं, रेखा गुप्ता सहित सभी छह मंत्रियों के घर के बाहर भी खूब आतिशबाजी हुई। जनपथ स्थित प्रवेश वर्मा के घर के बाहर समर्थकों ने जमकर आतिशबाजी की। उल्लेखनीय है कि 27 वर्ष पहले यानी वर्ष 1998 में सुषमा स्वराज 52 दिनों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं। इसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की सरकारें रहीं।

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– मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम संग वैज्ञानिक विमर्श करने वाले पद्मश्री अजय सोनकर ने प्रयोगशाला में साबित कर दिखाया गंगा जल सबसे शुद्ध
– गंगा नदी के जल की शुद्धता पर सवाल उठाने वालों को देश के शीर्ष वैज्ञानिक ने प्रयोगशाला में झूठा साबित किया

महाकुम्भनगर, 20 फ़रवरी (हि.स.)। महाकुम्भ में अब तक 57 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। इसके बावजूद गंगा जल की शुद्धता पर कोई असर नहीं पड़ा है। मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम के साथ वैज्ञानिक विमर्श करने वाले पद्मश्री वैज्ञानिक डॉ. अजय कुमार सोनकर ने अपनी प्रयोगशाला में यह सिद्ध कर दिया है कि गंगा का जल न केवल स्नान योग्य है, बल्कि अल्कलाइन वाटर जैसा शुद्ध है। गंगा नदी के जल की शुद्धता पर सवाल उठाने वालों को देश के शीर्ष वैज्ञानिक ने अपनी प्रयोगशाला में झूठा साबित कर दिया है।

उन्होंने अपने सामने गंगा जल लेकर प्रयोगशाला में जांचने की खुली चुनौती भी दी है। साथ ही कहा है कि जिसे जरा भी संदेह हो, वह मेरे सामने गंगा जल ले और प्रयोगशाला में जांचकर संतुष्ट हो जाए। मोती उगाने की दुनिया में जापानी वर्चस्व को चुनौती देने वाले शीर्ष भारतीय वैज्ञानिक ने संगम और अरैल के साथ एक दो नहीं बल्कि पांच घाटों से गंगा जल कलेक्ट किया है। डॉ. सोनकर के लगातार तीन महीने के शोध में यह साबित किया कि गंगा जल सबसे शुद्ध है। यहां नहाने से किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हो सकता है। प्रयोगशाला में इसकी शुद्धता की पूरी तरह से पुष्टि हो गई है। बैक्टीरियोफेज के कारण गंगा जल की अद्भुत स्वच्छता क्षमता हर तरह से बरकरार है।

देश के शीर्ष वैज्ञानिक डॉ. अजय कुमार सोनकर ने महाकुम्भनगर के संगम नोज और अरैल समेत अलग-अलग पांच प्रमुख स्नान घाटों से खुद जाकर जल के नमूने इकट्ठा किए। इसके बाद उन्हें अपनी प्रयोगशाला में सूक्ष्म परीक्षण के लिए रखा। डॉ. अजय के अनुसार आश्चर्यजनक रूप से करोड़ों श्रद्धालुओं के स्नान के बावजूद जल में न तो बैक्टीरियल ग्रोथ देखी गई और न ही जल के पीएच स्तर में कोई गिरावट आई। देश के शीर्ष वैज्ञानिक ने इस शोध में पाया कि गंगा जल में 1100 प्रकार के बैक्टीरियोफेज मौजूद हैं। जो किसी भी हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं। यही कारण है कि गंगा जल में 57 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने के बाद भी उसका पानी दूषित नहीं हुआ।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ संस्थाओं और लोगों ने जनता में एक तरह का भ्रम फैलाया। जिसमें गंगा जल को आचमन और स्नान के लिए अयोग्य बताया गया था। वहीं डॉ. सोनकर के शोध ने इस दावे को पूरी तरह गलत साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि गंगा जल की अम्लीयता (पीएच) सामान्य से बेहतर है और उसमें किसी भी प्रकार की दुर्गंध या जीवाणु वृद्धि नहीं पाई गई। विभिन्न घाटों पर लिए गए सैंपल को प्रयोगशाला में 8.4 से लेकर 8.6 तक पीएच स्तर का पाया गया है। जो काफी बेहतर माना गया है।

गंगा का जल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

प्रयोगशाला में जल के नमूनों को 14 घंटों तक इंक्यूबेशन तापमान पर रखने के बाद भी उनमें किसी भी प्रकार की हानिकारक बैक्टीरिया की वृद्धि नहीं हुई। डॉ. सोनकर ने यह भी स्पष्ट किया कि गंगा का जल न केवल स्नान के लिए सुरक्षित है, बल्कि इसके संपर्क में आने से त्वचा संबंधी रोग भी नहीं होते। दावा है कि कोई भी व्यक्ति उनके साथ घाटों पर जाकर जल के नमूने इकट्ठा कर सकता है और प्रयोगशाला में उनकी शुद्धता की पुष्टि कर सकता है। महाकुम्भ में 57 करोड़ से अधिक लोगों के स्नान के बावजूद गंगा जल आज भी अपनी प्राकृतिक शक्ति से रोगमुक्त बना हुआ है।

गंगा जल प्रदूषित होता तो अब तक मच गया होता हाहाकार

डॉ. सोनकर ने कहा कि यहां महाकुम्भ को लेकर एक बात बहुत ध्यान देने वाली है और वो यह कि जिस प्रकार गंगा के जल को महाकुम्भ के पहले से ही अति दूषित बताकर दुष्प्रचार किया जा रहा है, लेकिन यदि ऐसी स्थिति सच में हुई होती तो अब तक दुनिया में हाहाकार मच गया होता। अस्पतालों में कहीं पैर रखने की जगह भी नहीं बची होती। ये मां गंगा की स्वयं को शुद्ध कर लेने की अद्भुत शक्ति है कि 57 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान कर लेने के बाद भी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। भ्रम फैलाने वालों से पूछा जाना चाहिए कि यदि गंगा जल दूषित है तो इन 57 करोड़ श्रद्धालुओं में से एक भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की बीमारी की कोई शिकायत क्यों नहीं पाई गई।

बैक्टीरिया की संख्या 37 डिग्री इंक्यूबेशन कंडीशन में भी नहीं बढ़ी

डॉ. सोनकर के अनुसार पानी में बैक्टीरिया की वृद्धि पानी को अम्लीय बना देते हैं। कई बैक्टीरिया अपने चयापचय के हिस्से के रूप में अम्लीय उपोत्पाद उत्पन्न करते हैं, जो पानी के पोटेंशियल आफ हाइड्रोजन (पीएच) स्तर को कम करता है। जैसे ही बैक्टीरिया पोषक तत्वों का उपभोग करते हैं वे लैक्टिक एसिड या कार्बोनिक एसिड जैसे अम्लीय यौगिकों को छोड़ते हैं। जिसकी वजह से पीएच गिर जाता है। लेकिन जांच में पांचों नमूने अल्कलाइन पाए गए, जिसकी पीएच वैल्यू 8.4 से 8.6 रिकॉर्ड हुई है। जो बैक्टीरिया के अप्रभाव को साबित करता है। साथ ही जल के नमूने में जीवित बैक्टीरिया बहुत कम संख्या में थे, जो जैविक रूप से अपनी आबादी बढ़ाने योग्य नहीं पाए गए। 37 डिग्री सेल्सियस पर इंक्यूबेशन कंडीशन में भी बैक्टीरिया की संख्या नहीं बढ़ी है।

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नई दिल्ली, 20 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली को नई मुख्यमंत्री मिल गई हैं। रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके साथ विधायक प्रवेश साहिब सिंह, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंदर इन्द्राज सिंह, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह रामलीला मैदान में हुई।

रेखा गुप्ता ने कल रात दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में आमराय से भाजपा विधायक दल की नेता चुने जाने के बाद पार्टी नेताओं के साथ उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया था। रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा और एनडीए के तमाम नेता और NDA शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री उपस्थित रहे। 

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नई दिल्ली, 19 फ़रवरी (हि.स.)। दिल्ली के नए मुख्यमंत्री पद को लेकर संशय आज खत्म हो गया। भारतीय जनता पार्टी की ओर से आज शाम पार्टी के दिल्ली प्रदेश मुख्यालय में मुख्यमंत्री पद के लिए शालीमार बाग की विधायक रेखा गुप्ता के नाम का ऐलान किया गया। रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी।वह कुछ देर में दिल्ली के उपराज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी। वह 20 फरवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में पद व गोपनीयता की शपथ लेंगी।

दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में आज शाम आयोजित विधायक दल की बैठक में नई दिल्ली से विधायक प्रवेश वर्मा और रोहिणी से विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने रेखा गुप्ता के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी ने ध्वनिमत से समर्थन किया। इससे पहले शाम सात बजे जब विधायक दल की बैठक शुरू हुई तो भी शालीमार बाग से विधायक चुनी गई रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रही थी। क्योंकि देश में जिन भी राज्यों में अभी भाजपा सरकारें हैं, वहां कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं है। बुधवार को विधायक दल की बैठक के लिए जब रेखा गुप्ता आईं तो मीडिया के सामने भी जीत का निशान (विक्ट्री साइन) दिखा कर सभी का अभिवादन स्वीकार कर रही थीं।

रेखा गुप्ता वैश्‍य समुदाय से आती हैं, जो दिल्ली में अच्छी खासी संख्या में है। वैश्य समुदाय को भाजपा का कोर वोटर माना जाता है। रेखा गुप्ता दिल्ली भाजपा की महासचिव और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। 50 वर्षीय रेखा गुप्ता दक्षिण दिल्ली नगर निगम की मेयर भी रह चुकी हैं।

रेखा गुप्ता की पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने एलएलबी की शिक्षा ग्रहण की है। रेखा गुप्ता का जन्म हरियाणा के जींद जिले के जुलाना उपमंडल के नंदगढ़ गांव में 1974 में हुआ था। वह बचपन में ही पिता के साथ दिल्ली आ गईं । छात्र जीवन में एबीवीपी से राजनीति में एंट्री की। वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की सचिव रह चुकी हैं। रेखा गुप्ता के पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर थे। इसी नौकरी के दौरान उनके पिता परिवार को लेकर दिल्ली शिफ्ट हो गए। दिल्ली विधानसभा का चुनाव रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार वंदना कुमारी को हराकर जीता है। रेखा गुप्ता को कुल 68200 वोट मिले थे जबकि आआपा की वंदना कुमारी 38605 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थीं। यहां से कांग्रेस के प्रवीण कुमार जैन 4892 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे।

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महाकुम्भ नगर, 19 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि महाकुम्भ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और राजनीति के अद्भुत मेल का भी गवाह बन रहा है। भारत भक्ति और संस्कृति की भूमि है, जिसे विश्वगुरु कहा जाता था।महाकुम्भ आस्था का प्रतीक है। कुछ लोग हमारी आस्था में बाधाएं डालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन करोड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति यह साबित करती है कि भारतीय संस्कृति अडिग और अमर है। यह बात उन्होंने बुधवार को महाकुम्भ में कही। उन्होंने इस दौरान त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई।

एक्स पर लालू यादव और ममता पर साधा निशाना

महाकुम्भ स्नान के बाद जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया एक्स पर लालू प्रसाद यादव और ममता बनर्जी पर तंज भी कसा। उन्होंने लिखा कि लीजिए भाई, हमने भी कुम्भ स्नान कर लिया। अब यदि किसी को पेट में दर्द हो रहा होगा तो हम उनका कुछ नहीं कर सकते। वैसे लालू प्रसाद यादव एवं ममता दीदी को कुछ ज़्यादा ही समस्या होगी। उनके इस पोस्ट के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि उन्होंने अपने इस बयान के जरिए विपक्ष पर सीधा हमला बोला है।

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-ठंडी का मौसम, हल्की धूप और सुंदर पानी, वहां से हटने का मन नहीं हो रहा था : जूही चावला

महाकुम्भ नगर, 18 फरवरी (हि.स.)। महाकुम्भ में फिल्मी सितारे भी त्रिवेणी की संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। मंगलवार को देश की प्रसिद्ध अभिनेत्री जूही चावला ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाईं। उन्होंने अपने जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव बताया और कहा कि यह मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत सुबह है।

उन्होंने मीडिया से बातचीत में दुनिया के सबसे बड़े इस आध्यात्मिक कार्यक्रम में शानदार व्यवस्था के लिए पुलिस, प्रशासन और अधिकारियों की प्रशंसा भी किया। उन्होंने कहा कि आज हम भी स्नान करने गए। वहां शीतल पानी, इतना मजा आया कि वहां से हटने का मन नहीं हो रहा था। मन हो रहा था मैं वहीं रह जाऊं। बहुत-बहुत खूबसूरत, आप सबका धन्यवाद। पुलिस, आप सबका भी जिन्होंने यहां पर इतनी अच्छी व्यवस्था कर रखी है, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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नई दिल्ली, 18 फरवरी (हि.स.)। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि चुनाव आयुक्त का चयन करने के लिए गठित समिति की बैठक में सोमवार को उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की चयन प्रक्रिया पर असहमति व्यक्त की थी। इसके बावजूद आधीरात को जिस तरह से सीईसी का चयन किया गया, यह अपमानजनक और अशिष्टतापूर्ण है।

राहुल गांधी ने आज एक बयान में कहा कि अगले चुनाव आयुक्त का चयन करने वाली समिति की बैठक के दौरान मैंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को एक असहमति पत्र प्रस्तुत किया था। इसमें कहा गया था कि कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त एक स्वतंत्र चुनाव आयोग का सबसे बुनियादी पहलू चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने की प्रक्रिया है। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करके और भारत के मुख्य न्यायाधीश को समिति से हटाकर मोदी सरकार ने हमारी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर करोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।

राहुल ने कहा कि विपक्ष के नेता के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं बाबासाहेब आंबेडकर और हमारे राष्ट्र के संस्थापक नेताओं के आदर्शों को कायम रखूं और सरकार को जवाबदेह ठहराऊं। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री द्वारा नए मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन करने का आधी रात को निर्णय लेना अपमानजनक और अशिष्टतापूर्ण है जबकि समिति की संरचना और प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा रही है और इस पर 48 घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है।

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नई दिल्ली, 18 फ़रवरी (हि.स.)। कांग्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) पद पर ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति किये जाने को जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताते हुए इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी ने इसे संविधान की भावना के खिलाफ करार दिया है।

इसे भी पढ़ें: ज्ञानेश कुमार होंगे नए मुख्य चुनाव आयुक्त, नये कानून से नियुक्त होने वाले पहले सीईसी

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आज यहां जारी बयान में कहा कि बीती आधी रात को जल्दबाजी में सरकार ने नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की है। यह संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के कई मामलों में दोहराया है कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता के लिए सीईसी को निष्पक्ष हितधारक होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि संशोधित कानून ने सीईसी चयन पैनल से सीजेआई को हटा दिया और सरकार को सीईसी का चयन करने से पहले 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक इंतजार करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहले ही कहा था कि इस निर्णय को तब तक टाला जाना चाहिए था जब तक कि सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुरूप इस मुद्दे पर निर्णय नहीं ले लेता।

उल्लेखनीय है कि सोमवार शाम सीईसी चयन समिति की बैठक के बाद बीती देर रात नए सीईसी पद पर ज्ञानेश कुमार और ईसी पद पर विवेक जोशी की नियुक्ति कर दी गई। इसका विधिवत नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया।

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नई दिल्ली, 18 फ़रवरी (हि.स.)। ज्ञानेश कुमार देश के नये मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। वे राजीव कुमार की जगह लेंगे। कानून मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। राजीव कुमार का कार्यकाल आज समाप्त हो गया।

पिछले साल मार्च में चुनाव आयुक्त के रूप में नामित किए गए ज्ञानेश कुमार देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। वे इस साल के आखिर में बिहार विधानसभा चुनाव और अगले साल बंगाल, असम और तमिलनाडु में होने वाले चुनावों की देखरेख करेंगे। इसके साथ ही 2027 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के कार्यकाल में होंगे। केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार, तीन सदस्यीय पैनल में दो आयुक्तों में से वरिष्ठ हैं।

इससे पहले सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम पर विचार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नॉर्थ ब्लॉक में हुई बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल हुए। पुरानी व्यवस्था के तहत तीन सदस्यी चुनाव आयोग में सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया जाता रहा है। हालांकि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े कानून के तहत अब समिति के माध्यम से नए मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन होता है। मु

ख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यालय की शर्तें) अधिनियम, 2023 के तहत नए मुख्य चुनाव आयुक्त वर्तमान में आयोग में शामिल चुनाव आयुक्त भी हो सकते हैं या फिर कोई नया नाम तय किया जा सकता है। अधिनियम के तहत केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री की अध्यक्षता में एक खोज समिति पांच उम्मीदवारों की एक सूची तैयार करती है।

उल्लेखनीय है कि मुख्य चुनाव आयुक्त रहे राजीव कुमार ने यह पदभार वर्ष 2022 में संभाला था। उनके नेतृत्व में चुनाव आयोग ने 2024 में लोकसभा चुनाव संपन्न कराया। इसके अलावा कई राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न कराए जिनमें जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, झारखंड और इसी साल हुए दिल्ली विधानसभा के चुनाव भी शामिल हैं।

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नई दिल्ली, 17 फरवरी (हि.स.)। देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम पर विचार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को बैठक हुई। नॉर्थ ब्लॉक में हुई इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल हुए। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल कल समाप्त हो रहा है।

पुरानी व्यवस्था के तहत तीन सदस्यी चुनाव आयोग में सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया जाता रहा है। हालांकि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े कानून के तहत अब समिति के माध्यम से नए मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यालय की शर्तें) अधिनियम, 2023 के तहत नए मुख्य चुनाव आयुक्त वर्तमान में आयोग में शामिल चुनाव आयुक्त भी हो सकते हैं या फिर कोई नया नाम तय किया जा सकता है।

अधिनियम के तहत केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री की अध्यक्षता में एक खोज समिति पांच उम्मीदवारों की एक सूची तैयार करती है। वर्तमान में अर्जुन राम मेघवाल विधि एवं न्याय मंत्री हैं। इस सूची पर फिर प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री से बनी चयन समिति विचार करती है। आमसहमति नहीं बन पाने पर समिति बहुमत के आधार पर नाम तय करती है।

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भारतीय Share Market में लगातार आठ दिनों की गिरावट के बाद वापसी

शेयर बाजार : सोमवार 17 फरवरी को बीएसई सेंसेक्स मामूली बढ़त के साथ 57.65 अंकों (0.08%) की तेजी लेकर 75,996.86 पर बंद हुआ। निफ्टी 50 ने भी 30.25 अंकों (0.13%) की बढ़त दर्ज कर 22,959.5 के स्तर पर दिन समाप्त किया। ब्रॉडर मार्केट्स भी दिन के नुकसान से उबरकर हरे निशान में बंद हुए।

टॉप गेनर्स:

अडानी एंटरप्राइजेज
बजाज फिनसर्व
इंडसइंड बैंक
पावर ग्रिड कॉरपोरेशन
अडानी पोर्ट्स

टॉप लूजर्स:

महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M)
भारती एयरटेल
विप्रो
TCS
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स
संकट में PSU बैंक और रियल एस्टेट सेक्टर!

निफ्टी PSU बैंक और निफ्टी रियल्टी इंडेक्स ने सोमवार को अपने 52-सप्ताह के नए निचले स्तर को छू लिया। लगातार विदेशी निवेशकों (FIIs) की बिकवाली ने इन सेक्टर्स पर दबाव बनाए रखा। साल 2025 में अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से भारी निकासी की है। केवल फरवरी में ही FIIs ने ₹29,183 करोड़ की बिकवाली की, जिससे बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। पिछले एक महीने में निफ्टी PSU बैंक और निफ्टी रियल्टी इंडेक्स ने मुख्य सूचकांकों से खराब प्रदर्शन किया है।

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