चेन्‍नई: अन्नाद्रमुक की महासचिव शशिकला को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. अन्नाद्रमुक के विधायकों की एक बैठक में यह फैसला लिया गया. शशिकला के नेता चुने जाने के बाद मुख्‍यमंत्री ओ. पन्‍नीरसेल्‍वम ने इस्‍तीफा दे दिया है. अब शशिकला के हाथों में तमिलनाडु की बागडोर होगी. खुद मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने वी के शशिकला के नाम का प्रस्ताव अन्नाद्रमुक विधायल दल के नेता के रूप में किया. जिसे सर्वसम्‍मति से मान लिया गया.

ज्ञात हो कि पिछले कई दिनों से अटकले लगायी जा रही थी कि तमिलनाडु में पनीरसेल्वम की कुर्सी जा सकती है.उनके जगह पर पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की खास सहयोगी शशिकला सत्ता संभालेगी. इधर द्रमुक के कार्यवाहक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु की जनता ने जयललिता के परिवार के किसी सदस्य को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मतदान नहीं किया था. द्रमुक स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है. स्थिति के संबंध में द्रमुक जो भी फैसला करेगी, वह लोकतांत्रिक संरचना के अनुरुप होगा.

0Shares

नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन 5 फरवरी से 12 मार्च तक आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक यह हर रोज सुबह साढ़े नौ बजे से शाम चार बजे तक खोला जाएगा. इन पांच हफ्तों के दौरान इसे सोमवार को मेंटेनेंस के लिए बंद रखा जाएगा.

इस दौरान मुगल गार्डन के साथ-साथ स्प्रीचुअल गार्डन, हर्बल गार्डन, बोनसाई गार्डन और म्यूजिकल गार्डन भी आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शनिवार को सालाना उद्यानोत्सव का शुभारंभ करेंगे.

राष्ट्रपति भवन के मुताबिक उद्यानोत्सव के दौरान इस साल गुलाब की दो नई वैराइटी को पहली बार सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित किया जाएगा. इनका नामकरण राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उनकी दिवंगत पत्नी सुव्रा मुखर्जी के नाम पर किया गया है. “प्रेसिडेंट प्रणब” और “सुव्रा मुखर्जी” नाम की इन नई वैराइटियों को पश्चिम बंगाल के पुष्पांजलि रोज़ नर्सरी के प्राणाबीर कुमार मेइटी और अशोक कुमार मेइटी ने विकसित किया है. इन्हें मुगल गार्डन में प्रदर्शित किया जाएगा.

तय किया गया है कि 10 मार्च को मुगल गार्डन को सिर्फ किसानों, विकलांगों, सैनिकों, अर्ध-सैनिक बलों और दिल्ली पुलिस के जवानों के लिए खोला जाएगा. टैक्टाइल गार्ड नेत्रहीनों के लिए यह 10 मार्च को 11 बजे से 4 बजे तक खोला जाएगा.

0Shares

नई दिल्ली: 93 सालों में यह पहली है कि रेल बजट आम बजट का हिस्सा बनाकर पेश किया गया. इस बार बजट में रेल यात्रियों को किराए में छूट जैसे कोई ऐलान नहीं किए गए हैं. लेकिन राहत की बात यह है कि किरायों में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी की गई है और न ही कोई नई ट्रेन इंट्रोड्यूस की गई.

रेल बजट को लेकर जेटली द्वारा कही गई 10 खास बातें…

आईआरसीटीसी (IRCTC) से टिकट बुकिंग पर सर्विस टैक्‍स खत्‍म.

नई मेट्रो रेल नीतियां लाई जाएगी. 3500 किलोमीटर नई रेल बिछाई जाएंगी.पर्यटन और तीर्थ के लिए विशेष ट्रेनें होंगी.

500 स्‍टेशन विकलांगों की सुविधा के मुताबिक बनाए जाएगा. बोले जेटली, नदियों सड़के और रेल देश की जीवन रेखा है.
    
पैसेंजर सुरक्षा के लिए रेल संरक्षा कोष बनाया जाएगा, एक लाख करोड़ का प्रावधान. रेल का बजट 1,31,000 करोड़ का होगा.

स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर्स लगाए जाएंगे, 300 स्टेशनों से शुरुआत की जाएगी
    
2019 तक सभी ट्रेनों में बॉयो टॉयलेट लगवाए जाएंगे. मानवरहित क्रॉसिंग पूरी तरह से खत्म की जाएगी
   
7000 रेलवे स्टेशनों पर सौर ऊर्जा की सुविधा दी जाएगी. सरकार चुनेगी 25 स्टेशन, जिनका विकास किया जाएगा

रेल कोच से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार का ‘कोच मित्र’ सुविधा का प्रस्ताव.
    
रेल के किराये-भाड़े का निर्धारण लागत, सामाजिक जिम्मेदारी तथा प्रतिस्पर्धा के आधार पर किया जाएगा.

चालू वित्तीय वर्ष में 2,800 किलोमीटर की लाइनें शुरू की जा रही हैं.

0Shares

नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र आज से शुरू होने जा रहा है. सुबह 11 बजे राष्ट्रपति के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी. प्रणब मुखर्जी संसद भवन के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे. हर साल की तरह इस साल भी राष्ट्रपति का भाषण सरकार की नीतियों और उपलब्धियों का लेखाजोखा होगा.

ऐसा पहली बार होगा जब अलग से रेल बजट पेश करने की परंपरा खत्म की जा रही है. रेलवे से जुड़े प्रावधान आम बजट में ही शामिल होंगे. नोटबंदी के फैसले के बाद और आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस बजट सत्र को बेहद अहम माना जा रहा है.

बजट सत्र का पहला हिस्सा 9 फरवरी तक चलेगा जबकि दूसरा हिस्सा 9 मार्च से 12 अप्रैल तक होगा. दूसरी तरफ, विपक्षी पार्टियां सत्र के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी कर रही हैं. कई दल बजट को चुनाव से ठीक पहले पेश किये जाने का विरोध कर रहे हैं.

0Shares

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम से पैसा निकालने की सीमा में फिर से बढ़ोतरी कर दी है. अब नई लिमिट के अनुसार आप एक दिन में 24 हजार रुपए तक निकाल सकेंगे. एटीएम से पैसे निकालने की नई लिमिट एक फरवरी से लागू हो जाएगी.

इसके साथ ही चालू खाते यानि करंट अकाउंट से एटीएम के जरिए पैसे निकालने की सीमा को खत्म कर दिया गया है. नोटबंदी के तीन महीने बाद ताजा गाइड लाइन जारी करते हुए रिजर्व बैंक ने ये ऐलान किया है कि अब लोग एटीएम से एक दिन में अधिकतम 24 हजार रुपए निकाल सकेंगे. अब तक एटीएम से एक बार में सिर्फ 10 हजार रुपए ही निकाले जा सकते थे. इसके साथ ही अब करंट अकाउंट से एटीएम के जरिए पैसा निकालने पर कोई सीमा नहीं है. अभी तक करंट अकाउंट से एक लाख तक की रकम निकालने की सीमा निर्धारित थी. हालांकि एक सप्ताह में अभी एटीएम से सिर्फ 24 हजार रुपए निकाल सकते हैं.

8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद से एटीएम से पैसा निकालने की सीमा तय कर दी गई थी. सबसे पहले एक दिन में अधिकतम 2500 रुपए और फिर 4500 रुपए की सीमा लगाई गई थी. फिर बीते 16 जनवरी को ये सीमा बढ़ाकर दस हजार रुपए कर दी गई थी.

0Shares

लखनऊ: कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी प्रमुख व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को एक साथ साझा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस किया. दोनों ने भापजा और आरएसएस पर जोरदार हमला बोला. राहुल गांधी ने सपा के साथ कांग्रेस के गंठबंधन को गंगा और यमुना का संगम बताया और कहा कि अखिलेश के साथ राज्‍य में विकास की धारा बहा देंगे.

राहुल गांधी ने भाजपा पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस की विचारधारा से देश को खतरा है. मायावती और भाजपा की सोच और विचारधारा में बहुत फर्क है. भाजपा की सोच और विचारधारा से देश को खतरा है, लेकिन मायावती के विचार या सोच से कोई खतरा नहीं है. राहुल बोले, मैं मायावती का व्‍यक्तिगत रूप से काफी सम्‍मान करता हूं, हां ये अलग बात है कि उनके नेतृत्‍व में राज्‍य काफी पीछे चला गया, लेकिन उनके सोच से कोई खतरा नहीं है.

राहुल गांधी ने कहा, अखिलेश यादव का इरादा साफ, नियत साफ है. अखिलेश यादव ने कोशिश की यूपी को मजबूत करने की. कांग्रेस की भी यही सोच है कि कैसे यूपी का विकास हो और यूपी को बदलने के लिए ही सपा के साथ गंठबंधन किया है. राहुल गांधी ने भाजपा-आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस की नियत साफ नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नियत में खोट नहीं है, लेकिन उनके इरादे में विरोधाभास है. एक ओर वो देश से भ्रष्‍टाचार हटाना चाहते हैं तो दूसरी ओर वो पंजाब में भ्रष्‍टाचारियों के साथ गंटबंधन कर लिये.

0Shares

नई दिल्ली: चुनाव आयोग की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा, मेरे प्यारे देशवासियों, आप सबको नमस्कार. 26 जनवरी हमारा गणतंत्र दिवस देश के कोने-कोने में उमंग और उत्साह के साथ हम सबने मनाया. मैं आशा करता हूं कि हर स्तर पर, हर वक़्त, जितना बल अधिकारों पर दिया जाता है, उतना ही बल कर्तव्यों पर भी दिया जाए. अधिकार और कर्तव्य की दो पटरी पर ही, भारत के लोकतंत्र की गाड़ी तेज़ गति से आगे बढ़ सकती है.

मोदी ने कहा, कल 30 जनवरी है, हमारे पूज्य बापू की पुण्य तिथि है. एक समाज के रूप में, एक देश के रूप में, 30 जनवरी, 11 बजे 2 मिनट का मौन धारण कर पुज्‍य बापू को श्रद्धांजलि दें. यह सहज स्वभाव बनना चाहिए. 2 मिनट क्यों न हो, लेकिन उसमें सामूहिकता भी, संकल्प भी और शहीदों के प्रति श्रद्धा भी अभिव्यक्त होती है. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर विभिन्न वीरता पुरस्कारों से, जो वीर-जवान सम्मानित हुए, उनको, उनके परिवारजनों को, मैं बधाई देता हूं.

मैं खास करके नौजवानों से आग्रह करना चाहता हूं. ओप सोशल मीडिया में बहुत एक्टिव हैं. आप एक काम कर सकते हैं. इसबार जिन-जिन वीरों को सम्‍मान मिला है आप नेट पर खोजिए, उनके संबंध में दो-दो अच्‍छे शब्‍द लिखिए और अपने मित्रों के सामने पहुंचाइये.

मोदी ने जम्‍मू-कश्‍मीर में हिमस्‍खलन में शहीद हुए सेना के जवानों को याद किया और उन्‍हें श्रद्धांजलि दिया. मोदी ने कहा, सेना के जवान देश की रक्षा में डटे हुए हैं, वे हिमस्खलन के कारण वीरगति को प्राप्त हुए मैं इन सभी वीर जवानों को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं.

कई वर्षों से, मैं जहां गया, जिसे मिला, परीक्षा एक बहुत बड़ा परेशानी का कारण नज़र आया. परिवार परेशान, विद्यार्थी परेशान, शिक्षक परेशान, एक बड़ा विचित्र सा मनोवैज्ञानिक वातावरण हर घर में नज़र आता है. परीक्षा अपने-आप में एक ख़ुशी का अवसर होना चाहिए.

साल भर मेहनत की है, अब बताने का अवसर आया है, ऐसा उमंग-उत्साह का पर्व होना चाहिए. परीक्षा को ऐसे लीजिए, जैसे मानो त्योहार है. और जब त्योहार होता है तो हमारे भीतर जो सबसे बेस्ट होता है, वही बाहर निकल कर आता है. समाज की भी ताक़त की अनुभूति उत्सव के समय होती है. जो उत्तम से उत्तम है, वो प्रकट होता है.

मैं माता-पिता को ज़्यादा आग्रह से कहता हूँ कि आप इन तीन-चार महीने एक उत्सव का वातावरण बनाइए. पूरा परिवार एक टीम के रूप में इस उत्सव को सफल करने के लिए अपनी-अपनी भूमिका उत्साह से निभाए. देखिए, देखते ही देखते बदलाव आ जाएगा.

कन्याकुमारी से कश्मीर तक और कच्छ से कामरूप तक, अमरेली से अरुणाचल प्रदेश तक, ये तीन-चार महीने परीक्षा ही परीक्षायें होती हैं. हम सब का दायित्व है कि इन तीन-चार महीनों को अपने-अपने तरीक़े से, अपनी-अपनी परंपरा और परिवार के वातावरण को लेते हुए, उत्सव में परिवर्तित करें.

आपको ये पता होना चाहिए, मेमोरी को रिकॉल करने का जो पावर है, वो रिलैक्सेशन में सबसे ज़्यादा होता है. जब टेंशन होती है, तब आपका नॉलेज, आपका ज्ञान, आपकी जानकारी नीचे दब जाती हैं और आपका टेंशन उस पर सवार हो जाता है.

आप जो एक्ज़ाम देने जा रहे हैं, वो साल भर में आपने जो पढ़ाई की है, उसका एक्ज़ाम है. ये आपके जीवन की कसौटी नहीं है. आपने कैसा जीवन जिया, कैसा जीवन जी रहे हो, कैसा जीवन जीना चाहते हो, उसका एक्ज़ाम नहीं है.

हमारे सबके सामने हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का बड़ा प्रेरक उदाहरण है. वे वायुसेना में भर्ती होने गए, फेल हो गए. मान लिजिए उस विफलता के कारण अगर वो मायूस हो जाते, जिंदगी से हार जाते, तो क्‍या भारत को इतन बड़ा वैज्ञानिक मिलता, इतने बड़े राष्‍ट्रपति मिलते, नहीं मिलते.

* ऋचा आनंद का सवाल – आज के दौर में शिक्षा के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती मैं देख पाती हूं, वो यह है कि शिक्षा आज परीक्षा केंद्र होकर रह गयी है. अंक सबसे ज्‍यादा महत्‍पूर्व हो गए हैं. इसकी वजह से प्रतिस्‍पर्द्धा तो बहुत बढ़ी ही है, साथ में विद्यार्थियों में तनाव भी बहुत बढ़ गया है. तो शिक्षा की इस वर्तमान दिशा और इसके भविष्‍य को लेकर आपके विचारों से अवगत होना चाहूंगी.

इसके जवाब में मोदी ने कहा, जीवन में आपको नॉलेज काम आने वाला है, स्किल काम आने वाली है, आत्मविश्वास काम आने वाला है, संकल्पशक्ति काम आने वाली है. आप में से कोई ऐसा नहीं होगा, जिसने अपने पारिवारिक डॉक्‍टर को कभी, वे कितने नंबर से पास हुए थे, पूछा होगा. किसी ने नहीं पूछा होगा. किसी वकील के पास जाते हैं, तो क्या उस वकील की अंक पत्र देखते हैं? आप उसके अनुभव को, उसके ज्ञान को, उसकी सफलता की यात्रा को देखते हैं.

‘प्रतिस्पर्द्धा’ एक बहुत बड़ी मनोवैज्ञानिक लड़ाई है. सचमुच में, जीवन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्द्धा काम नहीं आती है. जीवन को आगे बढ़ाने के लिए अनुस्पर्द्धा काम आती है और जब मैं अनुस्पर्द्धा कहता हूँ, तो उसका मतलब है, स्वयं से स्पर्द्धा करना. आपने खेल जगत में देखा होगा. क्योंकि उसमें तुरंत समझ आता है, इसलिए मैं खेल जगत का उदहारण देता हूं. सचिन तेंदुलकर जी का ही उदाहरण ले लें. 20 साल लगातार अपने ही रिकॉर्ड तोड़ते जाना, खुद को ही हर बार पराजित करना और आगे बढ़ना बड़ी अदभुत जीवन यात्रा है उनकी, क्‍योंकि उन्‍होंने प्रतिस्‍पर्द्धा से ज्‍यादा अनुस्‍पर्द्धा का रास्ता अपनाया.

गौरतलब हो कि पांच राज्‍यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने नियमित रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के प्रसारण के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी, जिसे कुछ शर्तों के साथ आयोग ने अपनी हरी झंडी दे दी. चुनाव आयोग ने साफ कर दिया कि मन की बात में वोटरों को प्रभावित करने जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए.

0Shares

नई दिल्ली: देश के 68वें गणतंत्र दिवस पर गुरुवार को राजपथ पर देश की शान और ताकत दिखाया गया. राष्ट्रगान के साथ पूरे देश ने तिरंगे को सम्मान दिया. इसके फौरन बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश की रक्षा में शहीद हुए हवलदार हंगपन दादा को अशोक चक्र से सम्मानित किया. राष्ट्रपति ने दादा की पत्नी को यह सम्मान दिया. इसके बाद राजपथ पर परेड की शुरुआत हुई.

परेड की शुरुआत विंग कमांडर रमेश कुमार दूबे के नेतृत्व में हुई. चार एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने आकाश से पुष्प वर्षा की. इनमें से एक हेलीकॉप्टर तिरंगा लेकर उड़ा, जबकि तीन अन्य हेलीकॉप्टरों पर सेना, नौसेना और वायु सेना की पताका फहराया गया. इस बार परेड में सेना और अर्धसैनिक बलों के 15 मार्चिंग दस्तों ने अपने शौर्य और शक्ति का प्रर्दशन किया. इनके सैनिकों का कदमताल और जोश शानदार था.

इस साल पहली बार नेशनल सिक्योरिटी गार्ड जो आमतौर पर ब्लैक कैट कमांडोज कहे जाते हैं राजपथ की परेड में शामिल हुआ. 100 एनएसजी कमांडो का दस्ता पहली बार परेड में शामिल हुआ. परेड में तेजस विमान पहली बार जमीन से मात्र 300 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भरते हुए फ्लाई परेड किया. 67 साल से चली आ रही गणतंत्र दिवस को मनाने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हमारी बीएसएफ की ऊंट रेजिमेंट, मिसाइल दागने की क्षमता रखने वाला भीष्म टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम, हथियारों को भांपने में सक्षम स्वाथी, आकाश वेपन सिस्टम और धनुष गन सिस्टम जैसी आधुनिक सैन्य ताकत की झलक यहां दिखी.

परेड में मेकैनाइज्ड इन्फैन्ट्री रेजीमेंट, बिहार रेजीमेंट, गोरखा ट्रेनिंग सेंटर और पंजाब रेजीमेंटल सेंटर, सिख रेजीमेंटल सेंटर, मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप, इन्फैन्ट्री, बटालियन (क्षेत्रीय सेना) सिख लाइट इन्फैन्ट्री का संयुक्त बैंड भी दिखा. इसके बाद नौसेना की मार्चिंग टुकड़ी और नौसेना की भी एक झांकी दिखी. वायु सेना के मार्चिंग टुकड़ी के बाद वायु सेना की भी एक झांकी दिखाई गई, जिसमें भारतीय वायुसेना के सैन्य कौशल को प्रदर्शित किया गया.

सेना की मोटरसाइकिल टीम ने आज राजपथ पर ऐसा अदभुत करतब दिखाया कि लोग हैरान रह गए. परेड के बड़े आकर्षण में से एक एमआई-35 हेलिकॉप्टरों, स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस, जगुआर और सुखोई की सलामी रही.

परेड में 17 राज्यों 6 मंत्रालयों की झांकियां भी दिखीं. 25 वो बच्चे भी परेड का हिस्सा थे जिन्हें साल 2016 का राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिया गया है. सबसे आखिरी में एयरफोर्स का फ्लाइंग पास्ट आकर्षण का केंद्र रहा.

0Shares

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया. इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि मैं 68वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई देता हूं. हमारी अर्थव्यवस्था चुनौतीपूर्ण वैश्विक गतिविधियों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन कर रही है. राष्ट्रपति ने काह कि काले धन को बेकार करते हुए और भ्रष्टाचार से लड़ते हुए, विमुद्रीकरण से आर्थिक गतिविधि में, कुछ समय के लिए मंदी आ सकती है. राष्ट्रपति ने डिजिटल पेमेंट की तारीफ करते हुए कहा कि इससे लेनदेन में भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी.
यहाँ पढ़े भारत के गणतंत्र दिवस 2017 की पूर्व संध्या पर भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का राष्ट्र के नाम संदेश

प्यारे देशवासियो,
हमारे राष्ट्र के अड़सठवें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, मैं भारत और विदेशों में बसे आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूं। मैं सशस्त्र बलों, अर्द्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों के सदस्यों को अपनी विशेष बधाई देता हूं। मैं उन वीर सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।
भाइयो और बहनो,
2. 15 अगस्त, 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ, हमारे पास अपना कोई शासन दस्तावेज नहीं था। हमने 26 जनवरी, 1950 तक प्रतीक्षा की, जब भारतीय जनता ने इसके सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता तथा लैंगिक और आर्थिक समता के लिए स्वयं को एक संविधान सौंपा। हमने भाईचारे, व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता को प्रोत्साहित करने का वचन दिया।
उस दिन हम विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बन गए।
3. लोगों के विश्वास और प्रतिबद्धता ने हमारे संविधान को जीवन प्रदान किया और हमारे राष्ट्र के संस्थापकों ने, बुद्धिमत्ता और सजगता के साथ भारी क्षेत्रीय असंतुलन और बुनियादी आवश्यकताओं से भी वंचित विशाल नागरिक वर्ग वाली एक गरीब अर्थव्यवस्था की तकलीफों से गुजरते हुए, नए राष्ट्र को आगे बढ़ाया।
4. हमारे संस्थापकों द्वारा निर्मित लोकतंत्र की मजबूत संस्थाओं को यह श्रेय जाता है कि पिछले साढ़े छ: दशकों से भारतीय लोकतंत्र अशांति से ग्रस्त क्षेत्र में स्थिरता का मरूद्यान रहा है। 1951 में 36 करोड़ की आबादी की तुलना में, अब हम 1.3 अरब आबादी वाले एक मजबूत राष्ट्र हैं। उसके बावजूद, हमारी प्रति व्यक्ति आय में दस गुना वृद्धि हुई है, गरीबी अनुपात में दो तिहाई की गिरावट आई है, औसत जीवन प्रत्याशा दुगुनी से अधिक हो गई है, और साक्षरता दर में चार गुना बढ़ोतरी हुई है। आज हम विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था हैं। हम वैज्ञानिक और तकनीकी जनशक्ति के दूसरे सबसे बड़े भंडार, तीसरी सबसे विशाल सेना, न्यूक्लीयर क्लब के छठे सदस्य, अंतरिक्ष की दौड़ में शामिल छठे सदस्य और दसवीं सबसे बड़ी औद्योगिक शक्ति हैं। एक निवल खाद्यान्न आयातक देश से भारत अब खाद्य वस्तुओं का एक अग्रणी निर्यातक बन गया है। अब तक की यात्रा घटनाओं से भरपूर, कभी-कभी कष्टप्रद, परंतु अधिकांश समय आनंददायक रही है।
5. जैसे हम यहां तक पहुंचे हैं वैसे ही और आगे भी पहुंचेंगे। परंतु हमें बदलती हवाओं के साथ तेजी से और दक्षतापूर्वक अपने रुख में परिवर्तन करना सीखना होगा। प्रगतिशील और वृद्धिगत विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नति से पैदा हुए तीव्र व्यवधानों को समायोजित करना होगा। नवाचार, और उससे भी अधिक समावेशी नवाचार को एक जीवनशैली बनाना होगा। शिक्षा को प्रौद्योगिकी के साथ आगे बढ़ना होगा। मनुष्य और मशीन की दौड़ में, जीतने वाले को रोजगार पैदा करना होगा। प्रौद्योगिकी अपनाने की रफ्तार के लिए एक ऐसे कार्यबल की आवश्यकता होगी जो सीखने और स्वयं को ढालने का इच्छुक हो। हमारी शिक्षा प्रणाली को, हमारे युवाओं को जीवनपर्यंत सीखने के लिए नवाचार से जोड़ना होगा।
प्यारे देशवासियो,
6. हमारी अर्थव्यवस्था चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद, अच्छा प्रदर्शन करती रही है। 2016-17 के पूर्वाद्ध में, पिछले वर्ष की तरह, इसमें 7.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई , और इसमें निरंतर उभार दिखाई दे रहा है। हम मजबूती से वित्तीय दृढ़ता के पथ पर अग्रसर हैं और हमारा मुद्रास्फीति का स्तर आरामदायक है। यद्यपि हमारे निर्यात में अभी तेजी आनी बाकी है, परंतु हमने विशाल विदेशी मुद्रा भंडार वाले एक स्थिर बाह्य क्षेत्र को कायम रखा है।
7. काले धन को बेकार करते हुए और भ्रष्टाचार से लड़ते हुए, विमुद्रीकरण से आर्थिक गतिविधि में, कुछ समय के लिए मंदी आ सकती है। लेन-देन के अधिक से अधिक नकदीरहित होने से अर्थव्यवस्था की पारदर्शिता बढ़ेगी।
भाइयो और बहनो,
8. स्वतंत्र भारत में जन्मी, नागरिकों की तीन पीढ़ियाँ औपनिवेशिक इतिहास के बुरे अनुभवों को साथ लेकर नहीं चलती हैं। इन पीढ़ियों को स्वतंत्र राष्ट्र में शिक्षा प्राप्त करने, अवसरों को खोजने और एक स्वतंत्र राष्ट्र में सपने पूरे करने का लाभ मिलता रहा है। इससे उनके लिए कभी-कभी स्वतंत्रता को हल्के में लेना; असाधारण पुरुषों और महिलाओं द्वारा इस स्वतंत्रता के लिए चुकाये गए मूल्यों को भूल जाना; और स्वतंत्रता के पेड़ की निरंतर देखभाल और पोषण की आवश्यकता को विस्मृत कर देना आसान हो जाता है। लोकतंत्र ने हम सब को अधिकार प्रदान किए हैं। परंतु इन अधिकारों के साथ-साथ दायित्व भी आते हैं, जिन्हें निभाना पड़ता है। गांधीजी ने कहा, ‘आजादी के सर्वोच्च स्तर के साथ कठोर अनुशासन और विनम्रता आती है। अनुशासन और विनम्रता के साथ आने वाली आजादी को अस्वीकार नहीं किया जा सकता; अनियंत्रित स्वच्छंदता असभ्यता की निशानी है, जो अपने और दूसरों के लिए समान रूप से हानिकारक है।’
प्यारे देशवासियो,
9. आज युवा आशा और आकांक्षाओं से भरे हुए हैं। वे अपने जीवन के उन लक्ष्यों को लगन के साथ हासिल करते हैं, जिनके बारे में वे समझते हैं कि वे उनके लिए प्रसिद्धि, सफलता और प्रसन्नता लेकर आएंगे। वे प्रसन्नता को अपना अस्तित्वपरक उद्देश्य मानते हैं जो स्वाभाविक भी है। वे रोजमर्रा की भावनाओं के उतार-चढ़ाव में, और अपने लिए निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति में प्रसन्नता खोजते हैं। वे रोजगार के साथ-साथ जीवन का प्रयोजन भी ढूंढते हैं। अवसरों की कमी से उन्हें निराशा और दुख होता है जिससे उनके व्यवहार में क्रोध, चिंता, तनाव और असामान्यता पैदा होती है। लाभकारी रोजगार, समुदाय के साथ सक्रिय जुड़ाव, माता-पिता के मार्गदर्शन, और एक जिम्मेवार समाज की सहानुभूति के जरिए उनमें समाज अनुकूल आचरण पैदा करके इससे निपटा जा सकता है।
भाइयो और बहनो,
10. मेरे एक पूर्ववर्ती ने मेरी मेज पर फ्रेम किया हुआ कथन छोड़ा जो इस प्रकार था: ‘शांति और युद्ध में सरकार का उद्देश्य शासकों और जातियों की महिमा नहीं है बल्कि आम आदमी की खुशहाली है।’ खुशहाली जीवन के मानवीय अनुभव का आधार है। खुशहाली समान रूप से आर्थिक और गैर आर्थिक मानदंडों का परिणाम है। खुशहाली के प्रयास सतत विकास के साथ मजबूती से जुड़े हुए हैं, जिसमें मानव कल्याण, सामाजिक समावेशन और पर्यावरण को बनाए रखना शामिल है। हमें अपने लोगों की खुशहाली और बेहतरी को लोकनीति का आधार बनाना चाहिए।
11. सरकार की प्रमुख पहलों का निर्माण समाज के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य गांधीजी की 150वीं जयंती के साथ 02 अक्तूबर, 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाना है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बहाली के लिए मनरेगा जैसे कार्यक्रमों पर बढ़े व्यय से रोजगार में वृद्धि हो रही है। 110 करोड़ से अधिक लोगों तक अपनी वर्तमान पहुंच के साथ आधार लाभों के सीधे अंतरण, आर्थिक नुकसान रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने में मदद कर रहा है। डिजिटल भारत कार्यक्रम डिजिटल ढांचे के सर्वव्यापक प्रावधान और नकदीरहित आर्थिक लेन-देन साधनों के द्वारा एक ज्ञानपूर्ण अर्थव्यवस्था का निर्माण कर रहा है। स्टार्ट-अप इंडिया और अटल नवाचार मिशन जैसी पहलें नवाचार और नए युग की उद्यमिता को प्रोत्साहन दे रही हैं। कौशल भारत पहल के अंतर्गत, राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन 2022 तक 30 करोड़ युवाओं को कौशलयुक्त बनाने के लिए कार्य कर रहा है।
भाइयो और बहनो,
12. मुझे पूरा विश्वास है कि भारत का बहुलवाद और उसकी सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषायी और धार्मिक अनेकता हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। हमारी परंपरा ने सदैव ‘असहिष्णु’ भारतीय नहीं बल्कि ‘तर्कवादी’ भारतीय की सराहना की है। सदियों से हमारे देश में विविध दृष्टिकोणों, विचारों और दर्शन ने शांतिपूर्वक एक दूसरे के साथ स्पर्द्धा की है। लोकतंत्र के फलने-फूलने के लिए, एक बुद्धिमान और विवेकपूर्ण मानसिकता की जरूरत है। एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए विचारों की एकता से अधिक, सहिष्णुता, धैर्य और दूसरों कासम्मान जैसे मूल्यों का पालन करने की आवश्यकता होती है। ये मूल्य प्रत्येक भारतीय के हृदय और मस्तिष्क में रहने चाहिए; जिससे उनमें समझदारी और दायित्व की भावना भरती रहे।
प्यारे दशवासियो,
13. हमारा लोकतंत्र कोलाहलपूर्ण है। फिर भी जो लोकतंत्र हम चाहते हैं वह अधिक हो, कम न हो। हमारे लोकतंत्र की मजबूती इस सच्चाई से देखी जा सकती है कि 2014 के आम चुनाव में कुल 83 करोड़ 40 लाख मतदाताओं में से 66 प्रतिशत से अधिक ने मतदान किया। हमारे लोकतंत्र का विशाल आकार हमारे पंचायती राज संस्थाओं में आयोजित किए जा रहे नियमित चुनावों से झलकता है। फिर भी हमारे कानून निर्माताओं को व्यवधानों के कारण सत्र का नुकसान होता है जबकि उन्हें महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस करनी चाहिए और विधान बनाने चाहिए। बहस, परिचर्चा और निर्णय पर पुन:ध्यान देने के सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए।
14. जबकि हमारा गणतंत्र अपने अड़सठवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि हमारी प्रणालियां श्रेष्ठ नहीं हैं। त्रुटियों की पहचान की जानी चाहिए और उनमें सुधार लाना चाहिए। स्थायी आत्मसंतोष पर सवाल उठाने होंगे। विश्वास की नींव को मजबूत बनाना होगा। चुनावी सुधारों पर रचनात्मक परिचर्चा करने और स्वतंत्रता के बाद के उन शुरुआती दशकों की परंपरा की ओर लौटने का समय आ गया है जब लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के चुनाव एक साथ आयोजित किए जाते थे। राजनीतिक दलों के विचार-विमर्श से इस कार्य को आगे बढ़ाना चुनाव आयोग का दायित्व है।
प्यारे देशवासियो,
15. भयंकर रूप से प्रतिस्पर्द्धी विश्व में, हमें अपनी जनता के साथ किए गए वादे पूरा करने के लिए पहले से अधिक परिश्रम करना होगा।
० हमें और अधिक परिश्रम करना होगा क्योंकि गरीबी से हमारी लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। हमारी अर्थव्यवस्था को अभी भी गरीबी पर तेज प्रहार करने के लिए दीर्घकाल में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि करनी होगी। हमारे देशवासियों का पांचवां हिस्सा अभी तक गरीबी रेखा से नीचे बना हुआ है। गांधीजी का प्रत्येक आंख से हर एक आंसू पोंछने का मिशन अभी भी अधूरा है।
० हमें अपने लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए और प्रकृति के उतार-चढ़ाव के प्रति कृषि क्षेत्र को लचीला बनाने के लिए और अधिक परिश्रम करना है। हमें जीवन की श्रेष्ठ गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, गांवों के हमारे लोगों को बेहतर सुविधाएं और अवसर प्रदान करने होंगे।
० हमें विश्वस्तरीय विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के सृजन द्वारा युवाओं को और अधिक रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए अधिक परिश्रम करना है। घरेलू उद्योग की स्पर्द्धात्मकता में गुणवत्ता, उत्पादकता और दक्षता पर ध्यान देकर सुधार लाना होगा।
० हमें अपनी महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा और संरक्षा प्रदान करने के लिए और अधिक परिश्रम करना है। महिलाओं को सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जीने में सक्षम बनना चाहिए। बच्चों को पूरी तरह से अपने बचपन का आनंद उठाने में सक्षम होना चाहिए।
० हमें अपने उन उपभोग तरीकों को बदलने के लिए और अधिक परिश्रम करना है जिनसे पर्यावरणीय और पारिस्थिकीय प्रदूषण हुआ है। हमें बाढ़, भूस्खलन और सूखे के रूप में, प्रकोप को रोकने के लिए प्रकृति को शांत करना होगा।
० हमें और अधिक परिश्रम करना होगा क्योंकि निहित स्वार्थों द्वारा अभी भी हमारी बहुलवादी संस्कृति और सहिष्णुता की परीक्षा ली जा रही है। ऐसी स्थितियों से निपटने में तर्क और संयम हमारे मार्गदर्शक होने चाहिए।
० हमें आतंकवाद की बुरी शक्तियों को दूर रखने के लिए और अधिक परिश्रम करना है। इन शक्तियों का दृढ़ और निर्णायक तरीके से मुकाबला करना होगा। हमारे हितों की विरोधी इन शक्तियों को पनपने नहीं दिया जा सकता।
० हमें अपने उन सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों की बेहतरी को सुनिश्चित करने के लिए और अधिक परिश्रम करना है, जो आंतरिक और बाह्य खतरों से हमारी रक्षा करते हैं।
० हमें और अधिक परिश्रम करना है क्योंकि;
हम सभी अपनी मां के लिए एक जैसे बच्चे हैं;
और हमारी मातृभूमि, हम में से प्रत्येक से, चाहे हम कोई भी भूमिका निभाते हों;
हमारे संविधान में निहित मूल्यों के अनुसार;
निष्ठा, समर्पण और दृढ़ सच्चाई के साथ;
अपना कर्तव्य पूरा करने के लिए कहती है।

जय हिंद!

0Shares

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के कुनेरू स्टेशन के पास हीराखंड एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन सहित 8 डिब्बे पटरी से उतर गए. इस दुर्घटना में 32 लोगों की मौत की हो गई है. वही 50 से अधिक यात्री घायल हुए हैं. घायलों में कई की हालत गंभीर है, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.

ट्रेन शनिवार दोपहर 3 बजे जगदलपुर से भुवनेश्वर के लिए निकली थी. और देर रात ओडिशा के रायगढ़ से 35 किलोमीटर दूर विजयनगरम के कुनेरू स्टेशन के पास दुघटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में ट्रेन के इंजन के अलावा 1 लगेज वैन, 2 जनरल बोगी, 2 स्लीपर डिब्बे और 1 थर्ड एसी और 1 सेकेंड एसी कोच पटरी से उतर गया.

रेल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुखद जताते हुए संवेदना प्रकट की है.

रेल मंत्रालय ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया कि कुल चार राहत वैन घटनास्थल पर भेजे गए हैं. अभी प्राथमिकता घायल यात्रियों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाने की है. इसके साथ और बचाव का काम जारी है. इसके साथ ही उसने बताया कि रेलमंत्री सुरेश प्रभु हालात पर नजर बनाए हुए हैं और वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने का आदेश दिया है. मुआवजे का ऐलान

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हादसे में मरने वालों को 2 लाख, गंभीर रुप से घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजे का ऐलान किया है.

Photo: Twitter

0Shares

नई दिल्ली: आलोक वर्मा सीबीआई के नए चीफ होंगे. फिलहाल वे दिल्ली पुलिस के कमिश्नर के पद पर तैनात है. उन्हें सीबीआई के चीफ पद पर दो साल के लिए नियुक्त किया गया है.

आलोक वर्मा 1979 बैच के आईपीएस है. उन्हें पिछले साल मार्च में दिल्ली पुलिस का कमिश्नर नियुक्त किया गया था. इससे पहले वे तिहाड़ जेल के डीजी के पद पर तैनात थे.

गौरतलब है कि सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा दिसंबर में अपने पद से रिटायर्ड हो गए. उनके स्थान पर गुजरात कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को अस्थायी तौर पर सीबीआई का चीफ बनाया गया था. लेकिन अब आलोक वर्मा के रूप में सीबीआई को अपना पूर्ण कालिक प्रमुख होंगे.

0Shares

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के एटा जिले के अलीगंज में एक स्कूल बस और ट्रक के बीच हुई टक्कर में 13 बच्चों समेत 14 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में 24 बच्चे घायल भी हैं. बस में 50 से ज्यादा बच्चे सवार थे. एटा के डीएम ने मामले में केस दर्ज करने का आदेश दिया है.

दुर्घटना का कारण कोहरे का ज्यादा होना बताया जा रहा है. अलीगंज थाना क्षेत्र के असदपुर गांव के समीप यह हादसा हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना पर शोक जताया और मारे गये बच्चों के परिजनों के प्रति संवेदना जतायी है. साथ ही उन्होंने घायल बच्चों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार जेएस पब्लिक स्कूल की बस बालू से भरे ट्रक से टकरा गयी जिसके कारण कई स्कूली बच्चे काल के ग्रास बन गये. स्कूल बस में एलकेजी से लेकर सातवीं तक के बच्चे थे. घटना की सूचना मिलने के बाद जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक घटना स्थल पर पहुंच गये हैं और राहत कार्य जारी है. बताया जा रहा है कि टक्कर इतनी तेज थी कि बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी है.

गौरतलब है कि डीएम ने ठंड और कोहरे को देखते हुए सभी स्कूल बंद करने के आदेश दिये हैं, बावजूद इसके जेएस पब्लिक स्कूल खुला था. डीएम ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिये हैं.

0Shares