नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं ताकि टिकट बुकिंग में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके। एक जुलाई से आईआरसीटीसी की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा। इसके अलावा 15 जुलाई से ऑनलाइन तत्काल बुकिंग के लिए आधार-आधारित ओटीपी प्रमाणीकरण भी अनिवार्य होगा।

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रेल मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में कई बदलाव किए हैं। पहला, ऑनलाइन तत्काल बुकिंग के लिए आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा। दूसरा, पीआरएस काउंटर्स और अधिकृत एजेंटों के माध्यम से तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ओटीपी प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा। तीसरा, अधिकृत टिकटिंग एजेंटों को बुकिंग विंडो के पहले 30 मिनट के दौरान तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति नहीं होगी।

मंत्रालय के अनुसार, इन बदलावों का उद्देश्य तत्काल टिकट बुकिंग में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है ताकि वास्तविक यात्रियों को इसका लाभ मिल सके। भारतीय रेलवे ने सभी यात्रियों से इन बदलावों का ध्यान रखने और अपने आईआरसीटीसी उपयोगकर्ता प्रोफाइल के साथ आधार लिंक करने का आग्रह किया है।

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नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या सात हजार के करीब पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 324 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमित तीन लोगों की मौत हुई है। ये मौतें केरल, दिल्ली और झारखंड में दर्ज की गई हुई हैं।

कोरोना के कुल सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 6815 हो गई है

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 10 जून यानी मंगलवार सुबह आठ बजे तक देश में कोरोना के कुल सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 6815 हो गई है। वहीं इस संक्रमण से 7644 मरीज स्वस्थ हो गये हैं। पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण से तीन मरीजों की मौत हुई है। इससे मृतकों की संख्या 68 हो गयी है।

गुजरात में 1109 सक्रिय मामले

मंत्रालय के मुताबिक केरल में अब तक कोरोना के सबसे अधिक मामले आ चुके हैं। केरल में 2053 कोरोना के मामले दर्ज हुए हैं। इसके बाद गुजरात में भी सक्रिय मामले हजार के पार पहुंच गए हैं। गुजरात में 1109 सक्रिय मामले हैं। पश्चिम बंगाल में 747 मामले सामने आए हैं। दिल्ली में मंगलवार को कोरोना के मामलों में कमी आई है। दिल्ली में अब 691 सक्रिय मामले हैं।

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इंदौर, 9 जून (हि.स.)। दो राज्यों को हैरान करने वाली घटना से रहस्यमय ढंग से पर्दा हट गया है। शिलांग पुलिस आरोपितों के घरों तक पहुंच गई और किसी को भनक तक नहीं लगने दी। आरोपितों से थाने और कार्यालय में नहीं बल्कि डीसीपी के बंगले में पूछताछ हुई। इसी बीच सोनम गाजीपुर के ढाबे पर पहुंच गई। जैसे ही उसके प्रेमी राज से वीडियो कॉल पर उसका सामना करवाया गया, उसने राजा की हत्या करना कबूल कर ली। राजा की हत्या के आरोप में सोनम को यूपी के गाजीपुर की कोर्ट में पेश किया गया। यहां से उसे रिमांड पर सौंपा जाएगा।

गौरतलब है कि राजा रघुवंशी और सोनम की शादी 11 मई को इंदौर में हुई थी। इसके बाद दोनों 20 मई को हनीमून के लिए गुवाहाटी पहुंचे और मां कामाख्या के दर्शन किए। इसके बाद दोनों 23 मई को मेघालय के शिलांग के लिए रवाना हुए। शुरुआत में परिवार की दोनों से बात होती रही, लेकिन 24 मई से दोनों के मोबाइल बंद हो गए। जब कोई संपर्क नहीं हो सका तो सोनम के भाई गोविंद और राजा के भाई विपिन शिलांग पहुंचे। इसके बाद वे सर्चिंग टीम के साथ जुड़े। इसी बीच लापता दंपति में से पति राजा रघुवंशी का शव दो जून को मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले के सोहरा क्षेत्र में एक झरने के पास गहरी खाई में मिला था।

राजा की हत्या की सुईं सोनम की ओर घूमने के बाद ईस्ट खासी हिल्स(शिलांग) पुलिस रविवार रात इंदौर पहुंच चुकी थी। हाईप्रोफाइल केस पर खुद मेघालय की डीजीपी आई नोंग्रांग नजर रखें थी। वह मध्य प्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाणा को जानकारी दे चुकी थी। रविवार रात करीब डेढ़ बजे राज कुशवाह को लक्ष्मणपुरा (नंदबाग) और विशाल उर्फ विक्की ठाकुर(नंदबाग) को हिरासत में लेते ही पुलिस आयुक्त संतोष कुमारसिंह को जानकारी दी और दोनों को अपराध शाखा के डीसीपी राजेश कुमार त्रिपाठी के बंगले में रखा गया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त(कानून)अमितसिंह देर रात बाइक से डीसीपी के बंगले पहुंचे और आरोपितों से पूछताछ की।

राज ने सोनम से प्रेम प्रसंग की बात तो स्वीकारी मगर राजा की हत्या में हाथ होने से साफ इनकार कर दिया। अफसरों ने सख्ती की और दोनों के अलग अलग कथन लिए गए। इसी बीच नंदगंज (गाजीपुर) पुलिस ने कॉल कर बताया कि सोनम काशी ढाबा पर मिल गई है। वह बयान देने की स्थिति में नहीं है। राज से पूछताछ कर रहे अफसरों ने कहा कि वीडियो कॉल कर सोनम से बात करवाएंगे। सोनम शुरुआत में सवालों को टालती रही। वह खुद को पीड़ित और असहाय बताने की कोशिश कर रही थी। लेकिन जैसे ही कैमरा राज की तरफ घुमाया सोनम देखती रह गई। उसे बताया कि राज और विशाल ने सब बता दिया है। सोनम फोन पर ही टूट गई और उसने राजा की हत्या में शामिल होना स्वीकार लिया। इसके बाद शिलांग पुलिस का एक दल गाजीपुर रवाना किया गया। गाजीपुर पुलिस से कहा कि सोनम पीड़ित नहीं बल्कि आरोपित है। उसको तत्काल हिरासत में ले लें।

राजा हत्याकांड से पर्दा उठने से दिनभर गहमागहमी बनी रही। एडिशनल पुलिस आयुक्त राजेश दंडोतिया ने कहा कि शिलांग पुलिस ने आरोपितों को कस्टडी में ले लिया है। अपराध शाखा की टीम सर्चिंग,जब्ती में मदद कर रही है। दोपहर को कड़ी सुरक्षा के बीच जिला अस्पताल में आरोपितों का मेडिकल करवाया गया। शाम को सीजेएम के बंगले में पेशी करवाई और सात दिन के लिए ट्रांजिट रिमांड पर लिया। इनमें राज कुशवाहा, विशाल चौहान, आकाश राजपूत शामिल है।

एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि बीना से पकड़ाया गया आरोपित आनंद कुर्मी सोमवार शाम तक इंदौर नहीं पहुंच पाया है। उसे मंगलवार सुबह कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसे बाद चारों आरोपितों को सुबह फ्लाइट से शिलॉन्ग लेकर जाया जाएगा। वहीं, सोनम रघुवंशी को यूपी के गाजीपुर की कोर्ट में पेश किया गया। यहां से रिमांड मिलने के बाद मेघालय पुलिस को सौंपा जाएगा, जिसके बाद उसे शिलॉन्ग ले जाया जाएगा।

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राजा रघुवंशी हत्या कांड में परिजनों ने CBI जांच की मांग की, मेघालय पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

इंदौर, 9 जून (हि.स.)। हनीमून के दौरान मेघालय के शिलांग में हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड में इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के बाद उनकी लापता पत्नी सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक ढाबे से हिरासत में लिया गया है। सोनम 17 दिन से लापता थी। मेघालय पुलिस का दावा है कि सोनम ने ही अपने पति की हत्या की साजिश रचकर पेशेवर हत्यारों को सुपारी दी थी। मामले में अब तक सोनम समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

सोनम पर हत्या की साजिश का आरोप

मेघालय पुलिस के अनुसार, सोनम का अपने पिता की प्लाईवुड फैक्टरी में काम करने वाले कर्मचारी राज कुशवाह से प्रेम संबंध था। आरोप है कि इसी रिश्ते के चलते सोनम ने पति की हत्या की साजिश रची। इस साजिश में राज कुशवाह के साथ विशाल सिंह, आनंद कुर्मी, आकाश राजपूत और आकाश लोधी को भी शामिल किया गया, जिन्हें अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया है।

परिजनों का विरोध, सीबीआई जांच की मांग

सोनम के पिता देवी सिंह ने मेघालय पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी बेटी निर्दोष है और पुलिस उसे झूठे केस में फंसा रही है। उन्होंने कहा, “मेघालय पुलिस ने न तो सही जानकारी दी और न ही परिवार से सहयोग किया। हमारी बेटी को किस हाल में ढाबे तक पहुंचना पड़ा, यह भी नहीं बताया गया।” देवी सिंह ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।

“शरीर पर एक खरोंच नहीं, कैसे हुई किडनैपिंग?” – राजा की मां

वहीं, मृतक राजा रघुवंशी की मां उमा ने भी सोनम पर संदेह जताया है। उन्होंने कहा, “सोनम को देखकर ऐसा नहीं लगा कि वह 17 दिन तक लापता रही हो। उसके शरीर पर एक भी खरोंच नहीं थी। अगर वह सच में किडनैप हुई होती, तो कुछ निशान जरूर होते।” उमा ने यह भी बताया कि शिलांग ट्रिप की जानकारी घर में किसी को नहीं थी और राजा ने खुद कहा था कि सोनम ने टिकट बुक कर ली, इसलिए वह मजबूरी में जा रहा है।

कब क्या हुआ – घटनाक्रम पर एक नजर

11 मई: राजा रघुवंशी और सोनम की शादी (इंदौर)

20 मई: दंपति गुवाहाटी पहुंचे, कामाख्या देवी के दर्शन किए

23 मई: शिलांग के लिए रवाना

24 मई: दोनों के मोबाइल बंद, संपर्क टूट गया

2 जून: राजा का शव मेघालय के सोहरा क्षेत्र में झरने के पास मिला

9 जून: सोनम गाजीपुर के एक ढाबे से हिरासत में

पुलिस जांच जारी

इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के अनुसार, मेघालय पुलिस की सूचना पर इंदौर से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं मेघालय की सोहरा थाना पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। सोनम को गाजीपुर से हिरासत में लेकर अब शिलांग लाया जा रहा है, जहां उससे पूछताछ की जाएगी।

अब पूरे मामले की निगाहें मेघालय पुलिस की जांच पर टिकी हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि सोनम 17 दिन तक कहां रही और आखिर उसकी भूमिका क्या थी। परिजन जहां सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, वहीं पुलिस इसे प्रेम संबंधों से जुड़ा हत्या का मामला मान रही है।

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9 जून (हि.स.)। मध्य प्रदेश के इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हनीमून यात्रा के दाैरान मेघालय के शिलांग में हुई हत्या मामले में उसकी लापता पत्नी साेनम काे गाजीपुर पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस ने साेनम काे वनस्टाॅप सेंटर में रखा गया है। स्थानीय पुलिस साेनम काे मेघालय पुलिस काे साैंपने के मेघालय पुलिस का इंतजार कर रही है।

शिलांग में पति राजा रघुवंशी की हत्या के बाद उसकी लापता पत्नी सोनम रघुवंशी

इस मामले में यूपी के कानून एवं व्यवस्था अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमिताभ यश ने साेमवार काे एक बयान जारी कर बताया कि शिलांग में पति राजा रघुवंशी की हत्या के बाद उसकी लापता पत्नी सोनम रघुवंशी बीती रात गाजीपुर जनपद के नंदगंज थाना क्षेत्र स्थित एक ढाबे से बदहवास स्थिति में मिली है। उन्हाेंने बताया कि उक्त ढाबे से सुबह तीन बजे साेनम ने अपने परिजनाें को फोन कर बताया कि वह वाराणसी-गाजीपुर मुख्य मार्ग पर स्थानीय काशी ढाबा पर मौजूद है। इसके बाद ​परिजनाें ने मध्य प्रदेश पुलिस को इसकी जानकारी दी। मध्य प्रदेश पुलिस ने गाजीपुर पुलिस से सम्पर्क किया। गाजीपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सोनम को हिरासत में लिया और अस्पताल ले जाकर उसक शारीरिक परीक्षण कराया। इसके बाद साेनम काे वन स्टॉप सेंटर भेजा दिया। एडीजी ने बताया कि जांच के लिए मेघालय पुलिस इंदौर में थी। वह सोनम को लेने के लिए गाजीपुर पहुंची रही है। कानूनी प्रक्रिया के तहत साेमन काे मेघालय पुलिस के सुपुर्द कर दिया जाएगा। यूपी पुलिस ने कोई भी पूछताछ सोनम से नहीं की है। क्याेंकि यह काम मेघालय पुलिस का है।

साेनम को अस्पताल ले जाकर मेडिकल कराने के बाद उसे वन स्टॉप सेंटर भेज दिया है

इसी बीच गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक ई रजा ने बताया है कि मध्य प्रदेश पुलिस की सूचना के बाद गाजीपुर जिले के नंदगंज थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सोनम को हिरासम में लिया है। साेनम का अस्पताल ले जाकर मेडिकल कराने के बाद उसे वन स्टॉप सेंटर भेज दिया है। इस संबंध में जो भी कार्रवाई होगी। वह मेघालय पुलिस करेगी। सोनम को लेने के लिए मेघालय की पुलिस आ रही है।

रघुवंशी की हनीमून यात्रा के बाद मेघालय के शिलांग में हुई थी हत्या

दरअसल, गाजीपुर पुलिस के मुताबिक इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हनीमून यात्रा के बाद मेघालय के शिलांग में हुई हत्या के बाद से पत्नी सोनम रघुवंशी लापता चल रही थी। ​रविवार रात गाजीपुर जनपद के नंदगंज थाना क्षेत्र स्थित काशी ढाबे से सोनम ने स्वयं सूचना अपने घरवालाें को दी थी। ​

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शिलांग, 9 जून (हि.स.)। इंदौर के राजा रघुवंशी की रहस्यमय मौत के मामले में नया मोड़ आया है, जिसमें पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें राजा की पत्नी सोनम भी शामिल है, जो घटना के बाद से लापता थी। उल्लेखनीय है कि राजा रघुवंशी और सोनम के हनीमून के दौरान गायब हो जाने और फिर राजा रघुवंशी की लाश मिलने की घटना की देश भर में चर्चा है।

पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया

सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक विवेक स्येम ने पुष्टि की है कि पहले आरोपित के रूप में 19 वर्षीय आकाश राजपूत, जो ललितपुर का निवासी है, को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद 22 वर्षीय विशाल सिंह चौहान और 21 वर्षीय राज सिंह कुशवाहा को भी हिरासत में लिया गया, ये दोनों इंदौर के ही निवासी हैं। इस बीच रविवार-सोमवार की आधी रात को सोनम रघुवंशी भी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के एक ढाबे से बदहवास अवस्था में हिरासत में ली गई। ढाबे के मालिक ने बताया कि सोनम की मानसिक अवस्था ठीक नहीं लग रही थी। उसने वहां बैठे एक परिवार से मदद मांगी, न मिलने पर वह मेरे पास आई और मुझसे फोन मांग कर अपने भाई को फोन किया। उधर से आवाज आने के बाद वह रोने लगी तब मुझे माजरा समझ और और मैंने ही पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस करीब तीन बजे उसे मेरे ढाबे से ले गई। ढाबे के मालिक के अनुसार सोनम ने रोते हुए अपने भाई से फोन पर कहा था कि वह और उसके पति शिलांग घूमने गए थे, जहां हमारे साथ लूट हुई और राजा रघुवंशी को मार दिया गया। मेरा सोना लूट लिया। मैं बेहोश हो गई और यहां कैसे पहुंची पता नहीं।

पिता का कहना है कि शिलांग पुलिस कुछ छिपा रही है

वहीं इंदौर में सोनम रघुवंशी के पिता का भी कहना है कि शिलांग पुलिस कुछ छिपा रही है और जांच की दिशा भटका रही है। वे बार बार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि शिलांग पुलिस उनके राज्य में हुई लूट और हत्या की वारदात को सोनम के राज कुशवाहा से दोस्ती से जोड़कर गलत दिशा में जांच ले जा रही है।

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हत्या में राज कुशवाहा का हाथ था

जबकि शिलांग के एसपी स्येम के अनुसार, यह अपराध 23 मई को हुआ था, जिसके बाद इंदौर से पकड़े गए आरोपित शिलांग से फरार हो गए थे। प्रारंभ में पुलिस इसे लापता होने का मामला मान रही थी, लेकिन 2 जून को राजा की लाश मिलने के बाद इसे हत्या का मामला समझा गया। इसके बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया, जिसने सात दिनों के भीतर महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए और संदिग्धों की पहचान की। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हत्या में राज कुशवाहा का हाथ था और सोनम भी इसमें शामिल थी। एसपी स्येम ने बताया कि सोनम और अन्य आरोपित पुलिस की कार्रवाई बढ़ने के बाद भूमिगत हो गए थे, जिसके बाद ही उसकी अचानक उपस्थिति सामने आई। पुलिस का मानना है कि सभी आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद हत्या के पीछे के कारण और घटनाओं की पूरी श्रृंखला स्पष्ट हो जाएगी।

दो सवालों के जवाब अभी भी लोगों के सामने आने हैं। पहला तो यही कि अगर राजा रघुवंशी को सोनम पसंद नहीं था तो वह शादी से इंकार कर सकती थी या शादी के बाद भी रिश्ता तोड़ सकती थी। शादी के समय बेहद खुश दिख रही सोनम आखिर अपने पति की हत्या क्यो करवाएगी। और दूसरा सवाल कि यदि उसे इंदौर के अपने दोस्त से मिलकर ही हत्या की साजिश रचनी थी तो वह उसे करीब 2200 किलोमीटर दूर शिलांग लेकर क्यों गई?

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इंदौर, 09 जून (हि.स.)। शादी के बाद हनीमून मनाने के लिए मेघालय गए इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या उनकी पत्नी सोनम ने ही कराई थी। पुलिस ने सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से एक ढाबे से पकड़ा है। उसके अलावा तीन हमलावरों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस बात की पुष्टि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड सांगमा ने एक्स पोस्ट पर की।

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने आज सुबह एक्स पोस्ट में कहा कि राजा हत्याकांड में सात दिनों के भीतर मेघालय पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। मध्य प्रदेश के रहने वाले तीन हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। महिला ने आत्मसमर्पण कर दिया है और एक अन्य हमलावर को पकड़ने के लिए अभियान अभी भी जारी है।

गौरतलब है कि राजा और सोनम रघुवंशी की शादी 11 मई को इंदौर में हुई थी। वे 20 मई को हनीमून के लिए रवाना हुए थे। दोनों इंदौर से बेंगलुरु होते हुए गुवाहाटी पहुंचे, जहां मां कामाख्या के दर्शन करने के बाद गत 23 मई को मेघालय के शिलांग रवाना हुए। शुरुआत में परिवार की दोनों से बात होती रही, फिर संपर्क टूट गया। राजा के बड़े भाई सचिन रघुवंशी को पहले लगा कि नेटवर्क की समस्या होगी, लेकिन 24 मई से दोनों के मोबाइल बंद हो गए तो चिंता होने लगी। कई प्रयासों के बाद जब कोई संपर्क नहीं हो सका तो सोनम के भाई गोविंद और राजा के भाई विपिन शिलांग पहुंचे। इसके बाद वे सर्चिंग टीम के साथ जुड़े।

23 मई को लापता दंपति में से पति राजा रघुवंशी का शव दो जून को मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले के सोहरा क्षेत्र में एक झरने के पास गहरी खाई में मिला था। सोनमी 17 दिन से लापता थी। बताया जा रहा है कि रविवार रात करीब दो बजे सोनम गाजीपुर के एक ढाबे पर पहुंची और उसने यहां से अपने भाई गोविद को फोन किया। गोविंद ने गाजीपुर से अपने परिचित को वहां भेजा। इसके बाद उन्होंने सोनम से फोन पर बात कराई। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सोनम गाजीपुर तक कैसे पहुंची? पुलिस अब जल्द ही सोनम को इंदौर लेकर आ सकती है।

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– बेंगलुरु में ब्रेन डेड मरीज के मल्टी ऑर्गन डोनेशन से 5 लोगों की जान बची

नई दिल्ली, 08 जून (हि.स.)। बेंगलुरु में ब्रेन डेड मरीज के अंगों से पांच लोगों की जान बचाने में भारतीय वायु सेना ने अहम भूमिका निभाई है। वायु सेना ने बेंगलुरु से दिल्ली तक एक किडनी और कॉर्निया को हवाई मार्ग से पहुंचाया, जिनका सैन्य अस्पताल में दो मरीजों को प्रत्यारोपित करके उनके जीवन की रक्षा की जा सकी। इसके अलावा तीन अंगों से बेंगलुरु में तीन मरीजों की जान बचाई गई। इस मिशन में कई अस्पताल और कर्नाटक की संस्था `जीव सार्थक’ शामिल थी, जिसने चिकित्सा समुदाय के समर्पण और विशेषज्ञता को प्रदर्शित किया।

दरअसल, बेंगलुरु के एक अस्पताल में शुक्रवार को एक मरीज को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। उसके परिजनों ने काम कर रहे अंगों को दान करने के लिए इच्छा जाहिर की। इसके बाद वायु सेना के विमान से एक किडनी और एक कॉर्निया को दिल्ली में आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) में भेजा गया। दूसरी किडनी और कॉर्निया को बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल की एक मेडिकल टीम के सहयोग से वायु सेना के बेंगलुरु स्थित कमांड अस्पताल में एक मरीज को प्रत्यारोपित किया गया। इसके अलावा बेंगलुरु के केंगेरी स्थित बीजीएस ग्लेनीगल्स अस्पताल में लिवर को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया।

इस तरह ब्रेन डेड घोषित मरीज के पांच अंग पांच अन्य मरीजों के नए जीवन का स्रोत बन गए। भारतीय वायु सेना ने एक बयान में कहा कि यह निर्बाध ऑपरेशन कर्नाटक की संस्था `जीव सार्थक’ के साथ मिलकर किया गया, जो सशस्त्र बलों के चिकित्सा समुदाय की असाधारण प्रतिबद्धता और चिकित्सा विशेषज्ञता को दर्शाता है। वायु सेना ने एक्स पर समन्वित ऑपरेशन का विवरण और एयरलिफ्ट की तस्वीरें साझा कीं। पोस्ट में कहा गया कि आईएएफ ने आज कमांड हॉस्पिटल एयर फोर्स बैंगलोर (सीएचएएफबी) के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर जीवन रक्षक बहु-अंग पुनर्प्राप्ति और महत्वपूर्ण प्रत्यारोपण को सक्षम किया।

कर्नाटक सरकार ने राज्य में मृत शरीर से दान में मिले अंगों के प्रत्यारोपण कार्यक्रम के लिए `जीव सार्थक’ संस्था का गठन किया है। यह संस्था 1994 के मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम के कार्यान्वयन की देखरेख करने के लिए नियुक्त निकाय है। इस संगठन का उद्देश्य मृतक दाता प्रत्यारोपण गतिविधियों का समन्वय करना और अंगदान के बारे में जनता को शिक्षित करना है। संस्था के कार्यों में प्रचार गतिविधियों, सेमिनारों, कार्यशालाओं और शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से मृतक दाता (शव) कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी के लिए अस्पतालों को शामिल करना शामिल है। जन जागरुकता कार्यक्रम अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, कॉरपोरेट्स और गैर-सरकारी संगठनों के साथ-साथ मीडिया की भागीदारी के माध्यम से होता है।

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नई दिल्ली, 8 जून (हि.स.)। चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी को सार्वजनिक मंचों से आरोप लगाने की बजाय सीधा आयोग से संवाद की अपील की है। आयोग का कहना है कि आरोप लगाने के स्थान पर उन्हें अपनी शिकायतों को लिखित तौर पर आयोग को देना चाहिए और समय निकाल कर मुलाकात करनी चाहिए।

सूत्रों का कहना है कि प्रक्रिया के अनुसार सार्वजनिक जानकारी है कि चुनाव आयोग सहित कोई भी संवैधानिक संस्था, तभी औपचारिक रूप से प्रतिक्रिया देती है जब संबंधित व्यक्ति लिखित में पत्र भेजता है। यह भी आश्चर्यजनक है कि “राहुल गांधी एक ओर इन मुद्दों को बेहद गंभीर बता रहे हैं लेकिन जब उन्हें लिखित रूप में देने की बात आती है, तो पीछे हट जाते हैं।” दूसरी ओर, जब कांग्रेस को 15 मई को आयोग से मिलने का आमंत्रण दिया गया, तब उसने आगे मिलने के लिए समय माँग लिया और पीछे हट गई।

चुनाव आयोग के सूत्रों ने राहुल गांधी की चुप्पी पर आश्चर्य जताया है। आयोग ने कहा कि 24 घंटे बीतने के बाद भी राहुल गांधी ने न तो कोई पत्र लिखा और न ही मिलने का समय माँगा। “वे अपने आरोपों को गंभीर बताते हैं लेकिन उन्हें लिखित रूप में देने से बच रहे हैं।”

सूत्रों का कहना है कि वास्तव में राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में कांग्रेस उम्मीदवारों द्वारा नियुक्त बूथ लेवल एजेंटों, पोलिंग और काउंटिंग एजेंटों की आलोचना कर दी है। दूसरी ओर, आयोग द्वारा पूरे देश में नियुक्त 10.5 लाख बूथ लेवल अधिकारी, 50 लाख पोलिंग अधिकारी और 1 लाख काउंटिंग सुपरवाइज़र उनके इन निराधार आरोपों से नाराज़ हैं, जो उनकी ईमानदारी और मेहनत पर सवाल उठाते हैं।

वहीं, सीसीटीवी फुटेज को लेकर आयोग का कहना है कि किसी भी चुनाव याचिका में उच्च न्यायालय मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज की जाँच कर सकता है। यह व्यवस्था चुनाव की निष्पक्षता बनाए रखने और मतदाताओं की गोपनीयता की रक्षा के लिए है। ऐसे में राहुल गांधी या उनके एजेंट मतदाताओं की गोपनीयता क्यों भंग करना चाहते हैं? क्या उन्हें उच्च न्यायालयों पर भी भरोसा नहीं है?

उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव को लेकर पांच बिंदुओं पर कथित चुनावी गड़बड़ियों की बात कही थी। इनमें चुनाव आयुक्त पैनल की नियुक्ति में पक्षपात, फर्जी मतदाताओं का नाम जोड़ना, मतदान प्रतिशत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना, टार्गेटेड बूथों पर बोगस वोटिंग और सीसीटीवी रिकॉर्ड न देने जैसे मुद्दे शामिल थे।

चुनाव आयोग ने इन सभी विषयों का जवाब दिया है। आयोग का कहना है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ही तीन सदस्यीय पैनल के माध्यम से शुरू हुई है। इसके पहले सरकारें सीधी नियुक्ति किया करती थी। मतदाता, मतदान प्रतिशत तथा बोगस वोटिंग के आरोपों पर आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की ओर ध्यान कराया है।

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आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर 16वें वित्त आयोग के अंशकालिक सदस्य नियुक्त

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर को 16वें वित्त आयोग का अंशकालिक सदस्य नियुक्त किया गया है। वे अपना कार्यभार संभालने की तिथि से लेकर आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत होने तक यानी 31 अक्टूबर, 2025 तक, जो भी पहले हो, अपने पद पर बने रहेंगे।

वित्‍त मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में बताया कि राष्ट्रपति ने आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर को 16वें वित्त आयोग का अंशकालिक सदस्य नियुक्त किया है। वे कार्यभार संभालने की तिथि से लेकर आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत होने तक यानी 31 अक्टूबर, 2025 तक, जो भी पहले हो, पद पर बने रहेंगे। टी. रबी शंकर की नियुक्ति 16वें वित्‍त आयोग के पूर्णकालिक सदस्यों में से एक अजय नारायण झा के व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने के परिणामस्वरूप हुई है।

16वें वित्‍त आयोग का गठन 31 दिसंबर, 2023 को किया गया था, जिसके अध्यक्ष नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया हैं। 16वें वित्‍त आयोग को 01 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए 31 अक्टूबर, 2025 तक अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करनी हैं।

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में 43 दिन से चल रहा प्राथमिक शिक्षकों का क्रमिक अनशन शनिवार को समाप्त हो गया। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ सचिवालय में हुई निर्णायक वार्ता के बाद प्राथमिक शिक्षक संघ ने अनशन समाप्त करने का ऐलान किया। इस बैठक में शिक्षकों की 20 से 21 मांगों पर सहमति बनी, जिनमें प्रमुख रूप से प्राथमिक और उच्च शिक्षा के लिए एक साझा निदेशालय के गठन पर सहमति बनी है।

बैठक के बाद शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सरकार शिक्षकों की जायज़ मांगों के प्रति संवेदनशील है और अधिकांश मुद्दों पर सकारात्मक सहमति बन गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि निलंबित शिक्षकों के मामलों पर भी पुनर्विचार किया जाएगा और किसी भी शिक्षक की पदोन्नति प्रभावित नहीं होगी।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्राथमिक और उच्च शिक्षा का निदेशालय एक ही रहेगा। साथ ही शिक्षकों की पदोन्नति और निलंबन के मामलों को भी पारदर्शिता से निपटाया जाएगा।

उधर, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने भी वार्ता को सफल बताया। उन्होंने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुई और सरकार ने शिक्षकों की लगभग सभी मांगों पर सहमति जताई। उन्होंने बताया कि प्राथमिक और उच्च शिक्षा को एक ही निदेशालय के अंतर्गत लाने को लेकर एक विशेष समिति गठित की जाएगी, जिसमें प्राथमिक शिक्षकों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा।

जगदीश शर्मा ने कहा कि हमारी यह बड़ी जीत है कि निदेशालय के ढांचे में किसी भी प्रकार का बदलाव समिति की सिफारिश के बिना नहीं किया जाएगा। साथ ही निदेशालय का नेतृत्व एक ही निदेशक द्वारा किया जाएगा।

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भारत ने 11 वर्षों में 27 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी रेखा से बाहर निकाला: विश्व बैंक

नई दिल्ली: विश्व बैंक की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार भारत ने अत्यधिक गरीबी उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। भारत में 11 साल में 269 मिलियन (करीब 27 करोड़) लोग अत्‍यधिक गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं।

विश्‍व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2011-12 में देश में अत्यधिक गरीबी की दर 27.1 फीसदी थी, जो 2022-23 तक घटकर केवल 5.3 फीसदी रह गई है। इसी अवधि में देश में 344.47 मिलियन (34.4 करोड़) लोग अत्यधिक गरीबी में रह रहे थे, जबकि 2022-23 तक यह संख्या घटकर 75.24 मिलियन (7.5 करोड़) हो गई। इसका मतलब है कि इस दौरान करीब 269 मिलियन (26.9 करोड़) भारतीय को अत्‍यधिक गरीबी रेखा से बाहर निकला गया है।

इन पांच राज्‍यों की गरीबी कम करने में निर्णायक भूमिका

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश- इन पांच राज्यों में 2011-12 में देश के 65 फीसदी अत्यंत गरीब रहते थे। अब इन्‍हीं पांच राज्यों ने 2022-23 तक गरीबी उन्मूलन में दो-तिहाई से अधिक योगदान दिया है।

शहरों में अत्यधिक गरीबी 10.7 फीसदी से 1.1 फीसदी पर आई

र‍िपोर्ट के मुताबिक विश्व बैंक ने गरीबी का आकलन 3.00 डॉलर प्रतिदिन की अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (2021 की कीमतों पर) के आधार पर की है। यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गरीबी में तेज गिरावट को दर्शाता है। इसी अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक गरीबी 18.4 फीसदी से घटकर 2.8 फीसदी प्रतिशत हो गई, जबकि शहरी क्षेत्रों में अत्यधिक गरीबी 10.7 फीसदी से घटकर 1.1 फीसदी पर आ गई है।

वहीं, 2.15 डॉलर प्रतिदिन की पिछली गरीबी रेखा (2017 की कीमतों पर) के आधार पर देखा जाए तो भारत में अत्यधिक गरीबी की दर 2011-12 में 16.2 फीसदी से घटकर 2022 में सिर्फ 2.3 फीसदी रह गई है। इस सीमा से नीचे रहने वाले भारतीयों की संख्या 2011 के 205.93 मिलियन (20.59 करोड़) से घटकर 2022 में 33.66 मिलियन (3.36 करोड़) हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस उपलब्धि को सरकार की गरीबों के लिए चलाई गई पीएम आवास योजना, पीएम उज्ज्वला योजना, जनधन योजना और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि बीते 11 सालों में केंद्र ने इंफ्रास्ट्रक्चर, समावेशन और पारदर्शिता पर ध्यान देते हुए कई योजनाएं शुरू कीं जिनका सीधा लाभ गरीबों को मिला। इन पहलों से हाउसिंग, क्लीन कुकिंग फ्यूल, बैंकिंग सर्विसेज और हेल्थकेयर तक लोगों की पहुंच में विस्तार हुआ है।

इसके अलावा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी), डिजिटल सर्विसेज और ग्रामीण विकास से जुड़े कामों ने भी गरीबों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी प्रयासों से 25 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर निकल पाए हैं। यह उपलब्धि भारत को गरीबी मुक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

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