Patna: त्याग, समर्पण और बलिदान का प्रतीक पर्व ईद-उल-अजहा देश भर में मनाया जा रहा है. इस अवसर पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत तमाम नेताओं ने मुस्लिम भाइयों को बधाइयाँ दी है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी बधाई


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी बधाई

बिहार के मुख्यमंत्री ने दी बधाई

बिहार के उपमुख्यमंत्री ने दी बधाई

0Shares

नई दिल्ली: अगर आपकी किसी अचल संपत्ति पर किसी ने कब्जा जमा लिया है तो उसे वहां से हटाने में लेट लतीफी नहीं करें. अपनी संपत्ति पर दूसरे के अवैध कब्जे को चुनौती देने में देर की तो संभव है कि वह आपके हाथ से हमेशा के लिए निकल जाए. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एक बड़ा फैसला दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, अगर वास्तविक या वैध मालिक अपनी अचल संपत्ति को दूसरे के कब्जे से वापस पाने के लिए समयसीमा के अंदर कदम नहीं उठा पाएंगे तो उनका मालिकाना हक समाप्त हो जाएगा और उस अचल संपत्ति पर जिसने कब्जा कर रखा है, उसी को कानूनी तौर पर मालिकाना हक दे दिया जाएगा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट कर दिया कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को इस दायरे में नहीं रखा जाएगा. यानी, सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को कभी भी कानूनी मान्यता नहीं मिल सकती है.

0Shares

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) और नाना जी देशमुख (मरणोपरांत) को भारत रत्न सम्मान दिया गया. भूपेन हजारिका की ओर से उनके बेटे तेज हजारिका, नाना जी देशमुख की ओर से वीरेंद्र जीत सिंह अलंकरण समारोह में मौजूद रहे.

राष्ट्रपति कोविंद ने सबसे पहले नाना जी देशमुख के लिए भारत रत्न लेने आए वीरेंद्र जीत सिंह को अवार्ड दिया. इसके बाद गायक डॉक्टर भूपेन कुमार हजारिका की ओर से आए उनके बेटे तेज हजारिका को यह सम्मान सौंपा. इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति कोविंद ने भारत रत्न से सम्मानित किया.

सम्मान समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वैंकया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और अन्य गणमान्य मौजूद थे.

0Shares

नई दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन को राज्यसभा सभापति और देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने लिए निजी क्षति बताया है. इसके बाद जब उप राष्ट्रपति लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में सुषमा स्वराज को अंतिम विदाई देने पहुंचे तो उनके पार्थिव शरीर के सामने फफक-फफक कर रो पड़े. नायडू पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को छोटी बहन मानते थे जो हर रक्षा बंधन उन्हें राखी बांधा करती थीं.

इससे पहले राज्यसभा में सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि वह एक सक्षम प्रशासक और जनता की सच्ची आवाज थीं. वेंकैया नायडू ने कहा कि सुषमा एक रोल मॉडल के तौर पर उभरीं और उन्हें ऐसी मंत्री के रूप में जाना गया जिनसे सबसे आसानी से संपर्क किया जा सकता है.

राज्यसभा में पूरे सदन ने मौन रखकर सुषमा स्वराज को याद किया और दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी. मोदी सरकार में सुषमा स्वराज के साथ कैबिनेट मंत्री रह चुके नायडू ने कहा कि वह मुश्किल वक्त का भी हंसकर सामने करने में सक्षम और एक महान वक्ता थीं. उन्हें हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में बराबर की महारत हासिल थी. कश्मीर के मुद्दे पर किया उनका आखिरी ट्वीट एक देश और एक विधान के विषय पर उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

0Shares

नई दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हो गया है. भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज को गंभीर हालत में एम्स में भर्ती कराया गया था. सुषमा स्वराज की हालत काफी नाज़ुक बनी हुई थी. स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, नितिन गडकरी अस्पताल पहुंच चुके हैं. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी एम्स के लिए रवाना हो गए हैं. बता दें सुषमा स्वराज की तबियत काफी लंबे समय से खराब बनी हुई थी. सुषमा स्वराज ने करीब तीन घंटे पहले ही आर्टिकल 370 हटने के बाद ट्वीट किया था.


विदेशों में रह रहे भारतीयों को जब कभी भी परेशानी हुई है तब-तब सुषमा स्‍वराज ने मदद का हाथ बढ़ाया है. सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 में अम्बाला में हुआ था. राजनीति में आने से पहले सुषमा स्वराज ने सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता के पद पर भी काम किया. साल 2014 में बीजेपी के सत्‍ता में आने के बाद सुषमा स्‍वराज को विदेशमंत्री का पद सौंपा गया. इस पद को संभालने के बाद से ही जब कभी भी विदेश में रह रहे किसी भारतीय को मदद की जरूरत पड़ी, सुषमा स्‍वराज ने हर मुमकिन कोशिश की. उन्‍होंने कई बार विदेशों में फंसे भारतीयों को सकुशल घर वापसी कराई है.

 

0Shares

धारा 370 की बड़ी बातें

-जम्मू-कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते थे।
-जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 साल होता था।
-भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के संबंध में बहुत ही सीमित दायरे में कानून बना सकती थी।
-जम्मू-कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू होता था।
-जम्मू-कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी कर ले तो उस महिला की जम्मू-कश्मीर की नागरिकता खत्म हो जाती थी।
-यदि कोई कश्मीरी महिला पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से शादी करती थी, तो उसके पति को भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाती थी।
-जम्मू-कश्मीर में पंचायत के पास कोई अधिकार नहीं था।


-जम्मू-कश्मीर में काम करने वाले चपरासी को आज भी ढाई हजार रूपये ही बतौर वेतन मिल रहे थे।
-कश्मीर में अल्पसंख्यक हिंदुओं और सिखों को 16 फीसदी आरक्षण नहीं मिलता था।
-जम्मू-कश्मीर का झंडा अलग होता था।
-जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती थी।
-जम्मू-कश्मीर में भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं था। यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश मान्य नहीं होते थे।
-धारा 370 के चलते कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती थी।
-सूचना का अधिकार (आरटीआई) लागू नहीं होता था।
-शिक्षा का अधिकार (आरटीई) लागू नहीं होता था। यहां सीएजी (CAG) भी लागू नहीं था।

0Shares

गृहमंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार का संकल्प पत्र पेश किया. शाह ने कहा कि कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 में बड़ा बदलाव किया है. अब सिर्फ आर्टिकल 370 का खंड A लागू रहेगा. बाकी खंड तुरंत प्रभाव से खत्म कर दिए गए हैं.

गृहमंत्री ने इसके साथ ही आर्टिकल 35A भी हटाए जाने का ऐलान किया. शाह ने कश्मीर के पुनर्गठन प्रस्ताव भी पेश किया है. अब जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश होगा, जबकि लद्दाख को भी अलग कर केंद्रीय शासित प्रदेश बनाया गया है.

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में उनके घर पर कैबिनेट की मीटिंग हुई. बताया जा रहा है कि इसी मीटिंग में कश्मीर को लेकर तीन बड़े फैसले लिए गए.

बता दें कि रविवार देर रात पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) नेता उमर अब्दुल्ला को रविवार देर रात नजरबंद किया गया है.

0Shares

#Chandrayaan2 चाँद की ओर अग्रसर है. जल्द ही चाँद पर पहुँच वहां की तस्वीरें और जानकारियों हम तक पहुँचाने वाला है. चाँद पर पहुँचने के रास्ते से #Chandrayaan2 ने बेहद शानदार तस्वीरें भेजी है.

ये तस्वीरें #Chandrayaan2 पर लगाये गए LI4 कैमरा से ली गयी है. ISRO ने इसे शेयर किया है.

देखिये तस्वीरें

 

0Shares

भारत के सबसे बड़े कॉफी नेटवर्क चेन कैफे कॉफी डे के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव मिल गया है. सिद्धार्थ सोमवार शाम से लापता थे. करीब दो सौ लोगों का दल मेंगलुरु के पास नेत्रावती नदी में उनकी तलाश कर रहा था.

कर्ज में डूबे होने की लिखी बात

लापता होने से पहले अपने आखिरी लेटर में उन्होंने कर्ज में डूबे होने की बात लिखी थी. उन्होंने लिखा था कि वह एक उद्यमी के तौर पर असफल रहे.

इससे पहले सिद्धार्थ (60) के कार चालक बसवराज पाटिल ने मेंगलुरू में एक पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया कि उनके मालिक पुल से लापता हो गए थे, जहां वह कार से उतरे थे और कुछ देर टहलना चाहते थे.

पुलिसकर्मी, तटरक्षक बल, गोताखोर और मछुआरे सहित लगभग 200 लोग नदी के उस इलाके में खोजबीन में लगे हुए थे जहां सिद्धार्थ के कूदने की आशंका है. दक्षिण कन्नड़ के उपायुक्त शशिकांत सेंथिल ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा, एक शव मिला है जो कैफे कॉफी डे के मालिक वीजी सिद्धार्थ का लगता है.

चालक की ओर से दर्ज मामले के अनुसार, “सिद्धार्थ नेत्रावती नदी के पुल पर कार से उतर गए और यह कहकर कि वह थोड़ी देर सैर करना चाहते हैं, उसे पुल के दूसरे छोर पर इंतजार करने के लिए बोलकर चले गए लेकिन एक घंटे बाद भी नहीं लौटे.”

पुलिस को शक है कि सिद्धार्थ बहती नदी में कूद गए होंगे तभी ड्राइवर को वहां नहीं मिले. सिद्धार्थ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और यूपीए-2 सरकार में विदेश मंत्री (2009-2012) रह चुके एस. एम. कृष्णा के सबसे बड़े दामाद थे. कृष्णा 1999 से 2004 के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.

0Shares

Bhopal/Chhapra: भोपाल के जनजातीय संग्रहालय में भिखारी ठाकुर रंगमंडल, छपरा के द्वारा बिदेसिया नाटक का मंचन हुआ.

जैनेन्द्र दोस्त द्वारा निदेशित यह नाटक भिखारी ठाकुर का सबसे प्रसिद्ध नाटक है जिसे उन्होंने अपने नाच दल के माध्यम से देश-दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया था. इस नाटक का मुख्य विषय विस्थापन है. इस नाटक में रोजी-रोटी की तलाश में विस्थापन, घर में अकेली औरत का दर्द, शहर में पुरुष का पराए औरत के प्रति मोह को दिखाया गया है. बिदेसिया कि कहानी में गाँव का एक युवक (बिदेसी) शादी के बाद अपनी नवब्याहता पत्नी (प्यारी सुंदरी) को छोड़ कर रोजी-रोटी के लिए कलकत्ता कमाने चला जाता है. कलकत्ता में बिदेसी एक रूपवती स्त्री रखेलिन के चक्कर में फँस जाता है तथा अपनी पत्नी प्यारी सुंदरी को भूल जाता है. उधर गाँव में प्यारी सुंदरी पति कि याद में रोती-कलपती रहती है तथा अपना दुख कलकता कमाने जा रहे बटोही को सुनाती है. बटोही उसे वचन देता है कि वो उसके पति तक उसका संदेश अवश्य ही पहुंचाएगा. बटोही कलकत्ता चला जाता है. इसी बीच गाँव का एक मनचला युवक देवर बन कर प्यारी सुंदरी से बलात्कार करने आता है. प्यारी सुंदरी दृढ़ता और साहस से उस नकली देवर का मुकाबला करती है. उधर कलकत्ता पहुँचने के बाद बटोही बिदेसी को खोज लेता है तथा उसे उसकी पत्नी प्यारी सुंदरी की स्थिति से अवगत कराता है. बिदेसी की चेतना लौटती है, वह घर लौटने का निश्चय करता है. रखेलिन इस निश्चय का विरोध करती है. रखेलिन बिदेसी को वापस न जाने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन देती है. अंततः बिदेसी वापस घर लौटता है. बिदेसी को वापस आया देख कर प्यारी सुंदरी के खुशी का ठिकाना नहीं रहता. उधर रखेलिन भी कलकत्ता से अपने दोनों बच्चों के साथ बिदेसी के गाँव पहुँचती है. बिदेसी इन्हे देख अचंभित होता है. हाँ-ना और अनुनय-विनय के बाद सभी हिलमिल कर गाँव में साथ रहने लगते हैं. मंगलकामना के साथ नाटक समाप्त होता है.

भिखारी ठाकुर के साथ काम कर चुके कलाकार अब काफी बुजुर्ग हो चले हैं तथा एक एक कर इस दुनिया को अलविदा कह रहे हैं. ऐसी स्थिति में रंगमंडल ने यह निर्णय लिया कि रंगमंडल प्रशिक्षण कार्यक्रम रख कर ग्रामीण युवाओं को भिखारी ठाकुर की रंग-परंपरा का प्रशिक्षण प्रदान करेगी. साथ ही साथ भिखारी ठाकुर से संबंधित विभिन्न प्रकार के अकादमिक एवं गैर-अकादमिक लेखनों को एकत्रित एवं प्रोत्साहित किया जाएगा. इस दल ने अब तक -विदेश के कई नाट्य-महोत्सवों में भागीदारी की है. इसी वर्ष दल के वरिष्ठ कलाकार रामचंद्र माँझी जी को वर्ष 2017 के संगीत नाटक अकादेमी पुरस्कार से नवाज़ा गया है.

नाटक के पात्र रामचंद्र मांझी – रखेलिन, शिवलाल बारी – बटोही, लखिचन्द मांझी – प्यारी सुंदरी, शंकर राम – बिदेसी, रघु पासवान – लबार, जगदीश राम – पड़ोसी औरत, जलेश्वर माली – हारमोनियम, भरत ठाकुर – ढ़ोलक, रकजकुमार – झाल, जैनेन्द्र दोस्त – गोपी जंतर, श्रीराम – तबला, रामचंद्र मांझी छोटे – समाजी गायक, रसीद मियां – समाजी गायन, विजय राम समाजी गायन, प्रियंका कुमारी – वस्त्र सज्जा, रंजीत कुमार राम – मंच व्यवस्था, निर्देशन – जैनेन्द्र दोस्त.

0Shares

Mumbai:  मुंबई में भारी बारिश के की वजह से ट्रेनों की आवाजाही पर बुरा असर पड़ा है. बदलापुर और वांगनी के बीच महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रैक पर पानी भरने की वजह से फंस गई है. ट्रेन में लगभग 700 यात्री मौजूद हैं. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) और सिटी पुलिस की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं. यात्रियों के रेस्क्यू के लिए नेवी का हेलीकॉप्टर भी रवाना किया गया.

फंसे हुए यात्रियों को खाने-पीने की सामग्री वितरित की गई. सेंट्रल रेलवे ने महालक्ष्मी एक्सप्रेस के यात्रियों से अपील करते हुए कहा कि वह ट्रेन से नीचे ना उतरें, ट्रेन सुरक्षित है.

NDRF की टीम ने 300 लोगों को रेस्क्यू किया

एनडीआरएफ की टीम ने महिलाओं और बच्चों समेत अब तक 300 लोगों को रेस्क्यू कर लिया है. महालक्ष्मी एक्सप्रेस से अब बुजुर्गों को निकाला जा रहा है.

ट्रैक पर 2 फीट पानी

रेलवे के जनरल मैनेजर ने जानकारी देते हुए कहा कि अभी ट्रैक पर 2 फीट पानी है, जब एक फीट से कम रह जाएगा तब ट्रेन को बदलापुर की ओर रवाना किया जाएगा.

ट्रैक पर पानी भरने से रेलवे सेवा बाधित

इसके अलावा बारिश की वजह से रेल सेवा भी प्रभावित हुई है. मुंबई के बदलापुर स्टेशन के ट्रैक पर पानी भर गया है, जिसके चलते कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं.

0Shares

खास बातें: 

यूपी के पीलीभीत टाइगर रिज़र्व की घटना

बाघिन ने 9 लोगो पर किया था हमला

लोगों ने पीट पीट कर की हत्या

यूपी के पीलीभीत में गांव वालों ने एक बाघिन को पीट पीट हत्या कर दी. घटना का वीडियो वायरल हो रहा है जिसको देखकर लोग हैरान है. इस वीडियो को देखने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों में काफी गुस्सा है.

वीडियो में देखा जा सकता है कि गांव के लोग डंडों से बुजुर्ग बाघिन को पीट रहे हैं. बाघिन हिम्मत करके उठी जिसके बाद ग्रामीण दूर भाग गये लेकिन उसे काफी चोट आयी थी, जिसके बाद आज सुबह बाघिन ने दम तोड़ दिया.

बाघिन की इस तरह हुई हत्या से टाइगर रिजर्व प्रशासन सवालो के घेरे में आ गया है. वीडियो में कुछ वर्दी धारी भी दिख रहे हैं. गौरतलब है कि गुरुवार को पीलीभीत टाईगर रिजर्व की दियोरिया रेंज के पास मटेना कालोनी में लोगों का सामना बाघिन से हुआ था. बाघिन ने 9 ग्रामीणों पर हमला कर घायल कर दिया था. बाद में ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर बाघिन को लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा. जिसके बाद घायल बाघिन गांव के पास ही जंगल में एक जगह बैठ गई और उठ नहीे पा रही थी.

पीलीभीत टाईगर रिजर्व के अधिकारी मौके पर पहुचे लेकिन उन्‍होंने उसका इलाज नहीं कराया. बाघिन रात भर दर्द से कराहती रही और तड़प-तड़प कर शुक्रवार सुबह जान दे दी. फिलहाल टाईगर रिजर्व की यूपी के पीलीभीत में गांव वालों ने एक बाघिन को पीट पीट हत्या कर दी. घटना का वीडियो वायरल हो रहा है जिसको देखकर लोग हैरान है. इस वीडियो को देखने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों में काफी गुस्सा है.

वीडियो में देखा जा सकता है कि गांव के लोग डंडों से बुजुर्ग बाघिन को पीट रहे हैं. बाघिन हिम्मत करके उठी जिसके बाद ग्रामीण दूर भाग गये लेकिन उसे काफी चोट आयी थी, जिसके बाद आज सुबह बाघिन ने दम तोड़ दिया.

देखिये वीडियो

 

0Shares