New Delhi: भारतीय जनता पार्टी ने जगत प्रकाश नड्डा को निर्विरोध अपना अध्यक्ष चुन लिया है. वे पार्टी के 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे. उनके निर्वाचन की घोषणा चुनाव प्रभारी राधामोहन सिंह ने की.

जेपी नड्डा का जन्‍म बिहार के पटना में 2 दिसंबर 1960 को हुआ. उनका परिवार हिमाचल प्रदेश से आता है. पिता शिक्षाशास्‍त्री थे. पटनायूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे. पटना में ही पढ़ाई हुई.

1975 में संपूर्ण क्रांति आंदोलन के समय, नड्डा ने राजनीति में कदम रखे. इसके बाद वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल होगए.

पटना यूनिवर्सिटी में 1977 के चुनाव में नड्डा सेक्रेट्री चुने गए. ABVP के काम को करीब को देखा. हिमाचल यूनिवर्सिटी से LLB कीडिग्री ली.

अपने घरेलू राज्‍य हिमाचल प्रदेश से नड्डा ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और तीन बार जीते. 1993-98, 1998-2003 और 2007 से 2012 तक राज्‍य में कैबिनेट मंत्री रहे.

2014 में कैबिनेट विस्‍तार के समय, नड्डा को केंद्र में स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री बनाया गया.

लोकसभा चुनाव में नड्डा को उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. सपाबसपा गठबंधन के सामने उन्‍होंने बीजेपी को उतना नुकसाननहीं होने दिया. 2014 की 73 सीटों के मुकाबले BJP गठबंधन को 2019 में 64 सीटें मिलीं.

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नई दिल्ली: सीनियर आईपीएस अधिकारी ए.पी माहेश्वरी ने बुधवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का महानिदेशक का प्रभार ग्रहण कर लिया.

वे 1984 बैच के उत्तरप्रदेश कैडर के अधिकारी है. इससे पहले वे केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) थे.

उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख 28 फरवरी 2021 तक के लिए सीआरपीएफ की कमान सौंपी गई है. सीआरपीएफ के मौजूदा महानिदेशक आर.आर भटनागर के 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने के बाद सीआरपीएफ के महानिदेशक का पद खाली था.

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New Delhi: संशोधित नागरिकता कानून के लिए अधिसूचना जारी हो गयी है. केंद्र सरकार के द्वारा जारी अधिसूचना के साथ ही संशोधित नागरिकता कानून पूरे देश में प्रभावी हो गया.

इस कानून के अनुसार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के सदस्य जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी.

यह असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि ये क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैं. इसके साथ ही यह कानून बंगाल पूर्वी सीमा विनियमन, 1873 के तहत अधिसूचित इनर लाइन परमिट (आईएलपी) वाले इलाकों में भी लागू नहीं होगा. आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिज़ोरम में लागू है.

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नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया गया है. निर्भया रेप कांड के चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी होगी. निर्भया मामले में चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को पहले ही फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है. दिल्ली में साल 2012 में हुए रेप कांड को लेकर मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई.

पटियाला हाउस कोर्ट के जज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चारों दोषियों से बात की. पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चारों दोषियों से बात की. 

कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां ने कहा कि दोषियों को फांसी से न्याय व्यवस्था में भरोसा बढ़ेगा. मेरी बेटी को न्याय मिला है. 4 दोषियों की सजा देश की महिलाओं को सशक्त बनाएगी. निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करेंगे.

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निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में दरिंदगी से गैंगरेप हुआ था. गैंगरेप के बाद दोषियों ने निर्भया का वीभत्स तरीके से कत्ल कर दिया था. इस हादसे के बाद देशभर प्रदर्शन हुए थे.

घटना वाले दिन निर्भया अपने एक दोस्त के साथ साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी मॉल में ‘लाइफ ऑफ पाई’ मूवी देखने गई थी. लौटते वक्त दोनों एक बस में सवार हुए जिसके बाद उनके साथ दरिंदगी हुई.

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New Delhi: दिल्ली विधानसभा चुनाव का चुनाव आयोग ने सोमवार को ऐलान कर दिया. इसके साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में कुल 70 विधानसभाएं हैं, अभी की विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी, 2020 को खत्म हो रहा है.

चुनाव आयोग ने दिल्ली में 8 फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों पर मतदान का ऐलान किया. वही चुनाव नतीजों का ऐलान 11 फरवरी को होगा. दिल्ली में फिलहाल आम आदमी पार्टी की सरकार है. इस चुनाव में फिर से उसका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से है.

चुनाव का शेड्यूल

नोटिफिकेशन – 14 जनवरी, मंगलवार
नॉमिनेशन की आखिरी तारीख – 21 जनवरी, मंगलवार
स्क्रूटनी – 23 जनवरी
नामांकन वापस लेने की तारीख – 24 जनवरी
वोटिंग – 8 फरवरी
मतगणना – 11 फरवरी

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New Delhi: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया.

पुरस्कार मिलने के बाद अमिताभ बच्चन ने भारत सरकार और देश की जनता को धन्यवाद दिया. अमिताभ ने कहा कि मैं यहां तक भारत की जनता के कारण पहुंचा हूं जिन्होंने मुझे इतना प्यार दिया. उन्होंने कहा कि दादासाहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना 50 साल पहले हुई थी और इतने ही वर्ष मुझे इस फिल्म उद्योग में हो गए हैं.’ अमिताभ बच्चन ने कहा, ‘पुरस्कार को मैं बहुत ही विनम्रता से स्वीकार करता हूं, आभार प्रकट करता हूं. 

जब इस पुरस्कार की घोषणा हुई तो मेरे मन में एक संदेह उठा कि क्या कहीं ये संकेत है मेरे लिए कि अब बहुत काम हो गया अब घर बैठकर आराम कीजिए. अभी तो बहुत काम करना बाकी है और आगे भी संभावनाएं बन रही हैं जहां मुझे काम करना पड़ेगा.’

अमिताभ बच्चन ने साल 1969 में सात हिंदुस्तानी फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी. करियर की शुरुआत में उन्हें कुछ असफलताओं का सामना करना पड़ा था. मगर साल 1973 में जंजीर फिल्म उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. फिल्म से उनकी इमेज इंडस्ट्री में एंग्री यंग मैन के रूप में स्थापित हुई. इसके बाद एक के बाद एक मिली सफल फिल्मों ने उन्हें सदी का महानायक बना दिया.

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नई दिल्ली: तीन दशक से अधिक की उल्लेखनीय सेवा के बाद, भारतीय वायु सेना का मिग-27 लड़ाकू विमान रिटायर हो गया. वायु सेना स्टेशन जोधपुर से एक भव्य समारोह में Mig 27 को डीकमीशन किया गया.

आकाश का बॉस Mig-27 ने कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी. Mig-27 4000 किलो के हथियार ले जा सकता है. MiG-27 भारतीय वायु सेना के बेड़े में 1985 में शामिल किया गया. यह अत्यंत सक्षम लड़ाकू विमान ज़मीनी हमले की क्षमता का आधार रहा है.

वायु सेना के सभी प्रमुख ऑपरेशन्स में भाग लेने के साथ मिग-27 नें 1999 के कारगिल युद्ध में भी एक अभूतपूर्व भूमिका निभाई थी.

Adieu MiG 27 indian air force

 

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New Delhi: देश के कई हिस्सों में सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा देखने को मिला. साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण को भारत समेत दुनिया के कई देशों से देखा गया.

यह पूर्ण सूर्य ग्रहण था. इस बार चंद्रमा की छाया सूर्य का पूरा भाग नहीं ढक पाई. इस ग्रहण में सूर्य का बाहरी हिस्सा प्रकाशित रहता है. वलयाकार सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा गया. जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई दिया.

ग्रहण भारत में सुबह 8 बजकर 4 मिनट से शुरू हुआ. ग्रहण की अवधी 5 घंटे 36 मिनट तक रही.

साल के इस आखिरी सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिकों ने ‘रिंग ऑफ फायर’ का नाम दिया है. बता दें कि इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्य ग्रहण लगा था.

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दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register, NPR) के अपडेशन को मंजूरी दे दी गई. इसके साथ ही कैबिनेट ने इस प्रक्रिया के लिए 8,700 करोड़ रुपये के बजट आवंटन को भी मंजूरी दे दी. एनपीआर के तहत देश भर के नागरिकों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा. यहां बता देना जरूरी है कि एनपीआर डेटाबेस नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा.

सरकारी योजनाओं को लागू करने में होगा इस्‍तेमाल 

बता दें कि एनपीआर डेटाबेस का इस्तेमाल सरकार अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए करती है. साल 2021 की जनगणना से पहले 2020 में एनपीआर अपडेट किया जाना है. एनपीआर अपडेशन की प्रक्रिया 01 अप्रैल 2020 से शुरू होने वाली है. असम को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह अभियान 2020 में अप्रैल से सितंबर तक चलेगा. इस बाबत सरकारी अधिसूचना अगस्त में जारी की गई थी. इससे पहले 2011 की जनगणना से पहले 2010 में भी इसको अपडेट किया गया था.

क्‍या है एनपीआर 

रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त की आधिकारिक वेबसाइट में जारी सूचना के मुताबिक, अब जनगणना-2021 के लिए घरों की सूची तैयार करने के चरण के साथ ही एनपीआर को अपडेट करने का फैसला किया गया है. एनपीआर में सामान्य नागरिकों की गणना की जाती है जो किसी जगह पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से रह रहे हों. इस डेटा में व्यक्ति का नाम, पता, शिक्षा, पेशा जैसी सूचनाएं दर्ज होंगी.ये सूचनाएं लोगों द्वारा खुद दी गई जानकारी पर आधारित होंगी.इसमें बाहरी व्यक्ति भी जानकारी दर्ज होगी.

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New Delhi: दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत के कई क्षेत्रों मे भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए. इसके बाद लोग घरों से बाहर निकल गए.

दिल्ली में शाम 5 बजकर 12 मिनट पर झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.3 थी.

भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश में जमीन से 190 किलोमीटर नीचे था. भूकंप के झटके पंजाब, जम्मू कश्मीर, हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में महसूस किए गए.

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Chhapra: बिहार के हक का पानी भी चोरी किया जा रहा है. पिछले 50 वर्षों में हमारा लगभग 48 लाख क्यूसेक पानी चोरी किया गया है. पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण सिवान, गोपालगंज और सारण के लगभग 2 करोड़ किसानों के लिए संबंधित क्षेत्र में सिंचाई की गंभीर समस्या बनी हुई है. उक्त बातें कहते हुए लोकसभा में आज शून्यकाल के तहत गंडक परियोजना का मुद्दा उठाते हुए सारण सांसद राजीव प्रताप रुडी ने बिहार के हक की बात की.

उन्होंने सदन को बताया कि गंडक परियोजना के समझौते के तहत बिहार को पूरा पानी नहीं दिया जा रहा है. भारत सरकार की नेपाल सरकार से समझौते के अनुसार भारत को 15665 क्यूसेक पानी मिलना तय हुआ था. इसके तहत उत्तर प्रदेश को लगभग 7500 और बिहार को 8530 क्यूसेक पानी मिलना निर्धारित किया गया था. परन्तु पश्चिम नहर का केवल 2500-3000 क्यूसेक पानी ही बिहार में आता है. बाकी का पानी कहाँ जाता है इसकी जांच होनी चाहिए और हमारा पानी हमे वापस मिलना चाहिए.

श्री रुडी ने बताया कि गंडक परियोजना से निकले नहर का अंतिम सीमा सारण में पहुंचता है, सारण प्रमंडल के तहत पड़ने वाले तीन जिले गोपालगंज, सिवान और सारण में गंडक परियोजना की नहरें हैं पर, इसके बावजूद जहां नवम्बर माह में हमें 6000 क्यूसेक और दिसम्बर में 5600 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए था वहीं नहर में एक बूंद पानी भी नही है.

सांसद श्री रुडी ने सदन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए बताया कि सारण जिला भारत सरकार के 154 जिलों की सूची में पानी की कमी वाला जिला (Water Deficient District) घोषित किया गया है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के लगभग 112 किलोमीटर और बिहार के 65 किलोमीटर की भूमि को सिंचित करने के उदेश्य से मुख्य पश्चिमी नहर का निर्माण किया गया था. पर, बिहार में इसका उदेश्य पूरा ही नहीं हो पाता है क्योंकि हमारे हिस्से का पानी हमें नहीं मिल पाता है.

श्री रुडी ने मुद्दा उठाते हुए सरकार से तीन मांगे की. उन्होंने सरकार से मांग की कि दो माह के भीतर इस विषय पर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाय, समझौते के अनुसार सारण, सिवान और गोपालगंज जिला को पानी उपलब्ध कराया जाय और साथ ही गंडक नहर के जीर्णोद्धार एवं विस्तार के लिए भारत सरकार AIPB (त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम) योजना के तहत बिहार सरकार द्वारा भेजी गई वित्तीय प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान करें. 

सदन के बाहर श्री रुडी ने बताया कि गंडक नदी, गंगा नदी की चौथी सबसे बड़ी सहायक नदी है. गंडक नदी को नेपाल की पहाड़ियों में काली या कृष्णा गंडकी और नेपाल तराई में नारायणी के नाम से भी जाना जाता है. भारतीय ग्रंथों में इसका नारायणी नदी के रूप में उल्लेख मिलता है. सारण और चंपारण जिले में कृषि के लिए आजादी के लगभग 50 वर्ष पूर्व सन 1900 ई॰ से पहले सारण तटबंध व चंपारण और तिरहुत तटबंध का निर्माण अंग्रेजों द्वारा किया गया था. सन 1914 ई॰ में चंपारण जिले (गंडक के पूर्व) में सिंचाई के लिए त्रिवेणी नहर प्रणाली को पूरा किया गया जो कि स्वतंत्रता के बाद भी चलता रहा. हालाँकि, सारण जिले में सिंचाई के लिए जल निकासी नहरों का भी निर्माण किया गया था, लेकिन इस उद्देश्य की पूर्ति करने में वे असफल रहे और बाद में योजना को ब्रिटिश सरकार ने छोड़ दिया. आजादी से पहले, बिहार और बिहार राज्य की प्रांतीय सरकार ने अपने-अपने राज्यों में सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए गंडक नदी के पार दो अलग-अलग डायवर्सन संरचनाओं का प्रस्ताव रखा था. बाद में, भारत सरकार ने पहल की और नेपाल सरकार से नेपाल में गंडक में एक बैराज के निर्माण के लिए पहल की.

श्री रुडी ने बताया कि यह बिहार और उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है. गंडक नदी पर सूरतपुरा (नेपाल) में हाइड्रो  बिजली  का  उत्पादन किया जाता है. ये बांध बिहार में भैसलोतन (वाल्मीकि नगर) में बनाया गया है. वर्ष 1959 ई॰ के समझौते के आधार पर नेपाल को भी गंडक परियोजना से लाभ मिल रहा है. इस परियोजना के अंतर्गत वाल्मीकि नगर (बिहार) में त्रिवेणी घाट नाम स्थान पर बाँध निर्मित किया गया है. यह बाँध बिहार तथा नेपाल में विस्तृत है. इसलिए इसे त्रिवेणी नहर प्रणाली भी कहते हैं. इस परियोजना के अंतर्गत दो मुख्य नहर का निर्माण किया गया है.

सांसद के इस प्रयास से स्थानीय किसानों में हर्ष की लहर है और उन्हें उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीने में उनके नहर में पानी होगा और उनके हिस्से का पानी उनके खेतों में पहुंच सकेगा.

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New Delhi: Citizenship (Amendment) Bill 2019 राज्यसभा से भी पास हो गया है. बिल के पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 मत पड़े. इसके साथ ही बिल को संसद के दोनों सदनों से मंज़ूरी मिल गयी है. अब बिल को राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जायेगा. जिसके बाद कानून बन जायेगा.   

प्रधानमंत्री ने दी बधाई

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