राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया खंडन, दो-पहिया वाहनों पर टोल टैक्स लगाए जाने की खबर भ्रामक

दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उन खबरों का स्पष्ट खंडन किया है, जिनमें दावा किया जा रहा था कि 15 जुलाई से दोपहिया वाहनों से टोल टैक्स वसूला जाएगा। गडकरी ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट जारी कर कहा कि इस तरह का कोई निर्णय प्रस्तावित नहीं है।

उन्होंने साफतौर पर लिखा कि, “कुछ मीडिया हाऊसेस द्वारा दो-पहिया (Two wheeler) वाहनों पर टोल टैक्स लगाए जाने की भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है। ऐसा कोई निर्णय प्रस्तावित नहीं हैं। दो-पहिया वाहन के टोल पर पूरी तरह से छूट जारी रहेगी। बिना सच्चाई जाने भ्रामक खबरें फैलाकर सनसनी निर्माण करना स्वस्थ पत्रकारिता के लक्षण नहीं है। मैं इसकी निंदा करता हूं”।

गडकरी के इस बयान के बाद स्पष्ट हो गया है कि दोपहिया वाहन चालकों को फिलहाल किसी भी प्रकार का टोल भुगतान नहीं करना होगा। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, जब कोई व्यक्ति दोपहिया वाहन खरीदता है, तभी उससे टोल टैक्स का भुगतान एकमुश्त वसूल लिया जाता है। यही कारण है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर दोपहिया वाहनों से टोल नहीं लिया जाता, जबकि चार पहिया या उससे बड़े वाहनों से टोल वसूली की जाती है।

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New Delhi , 26 जून (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित राजभाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि भारतीय भाषाएं भारत को जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम बनेंगी।

“हमें किसी भी भाषा या विदेशी भाषा से विरोध नहीं है, लेकिन  अपनी भाषा का सम्मान का होना चाहिए”

शाह ने कहा कि आने वाले समय में केंद्र और राज्यों के प्रशासन में भारतीय भाषाओं का उपयोग और भी बढ़ेगा। वह इसके लिए राज्यों से संपर्क करेंगे और उन्हें समझाने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर शाह ने राजभाषा हिन्दी और सभी भारतीय भाषाओं के प्रेमियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “हमें किसी भी भाषा या विदेशी भाषा से विरोध नहीं है, लेकिन आग्रह अपनी भाषा के सम्मान और उपयोग का होना चाहिए। जब तक हम अपनी भाषा में सोचेंगे और गर्व से बोलेंगे नहीं, तब तक गुलामी की मानसिकता से मुक्ति संभव नहीं है।”

सरकारी प्रशासन आम नागरिकों की भाषा में हो: अमित शाह

राजभाषा विभाग की 1975 से 2025 तक की यात्रा का उल्लेख कर शाह ने कहा कि भारत की आजादी की शताब्दी (2047) तक देश के आत्मगौरव से जुड़े हर प्रयास में राजभाषा विभाग का योगदान स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकारी प्रशासन आम नागरिकों की भाषा में हो, यह लोकतंत्र और आत्मसम्मान दोनों के लिए जरूरी है।

अब जेईई, नीट और सीयूईटी जैसी परीक्षाएं 13 भारतीय भाषाओं में कराई जा रही हैं

शाह ने बताया कि अब जेईई, नीट और सीयूईटी जैसी परीक्षाएं 13 भारतीय भाषाओं में कराई जा रही हैं। सीएपीएफ कांस्टेबल भर्ती परीक्षा भी अब 13 भाषाओं में हो रही है और 95 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी मातृभाषा में परीक्षा दी है। यह दिखाता है कि भारतीय भाषाओं का भविष्य उज्ज्वल है।

हिंदी सभी भाषाओं की मित्र है: अमित शाह

गृह मंत्री ने कहा कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं है। हिंदी सभी भाषाओं की मित्र है और सब भाषाएं मिलकर ही भारत के स्वाभिमान को ऊंचा उठा सकती हैं। उन्होंने कहा कि पहले भाषाओं का इस्तेमाल देश को बांटने के लिए किया गया, लेकिन अब उन्हें भारत को जोड़ने का जरिया बनाया जाएगा।

समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार, सांसद भर्तृहरि महताब, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी और हिंदी भाषा की वरिष्ठ विद्वान डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन समेत कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं।

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New Delhi , 26 जून (हि.स.)।​ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने​ चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के विरुद्ध​ एकजुट होने का आह्वान किया​ है।​ उन्होंने एससीओ​ देशों के सामने पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में शुरू किये गए ऑपरेशन ​’सिंदूर​’ की जानकारी देकर पाकिस्तान के आतंकवाद को बेनकाब किया।​ उन्होंने भारत की नीति ​स्पष्ट करते हुए कहा कि क्षेत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित हैं तथा बढ़ती कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद इन समस्याओं का मूल कारण हैं।

चीन की मेजबानी में इस बार एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक किंगदाओ में हो​ रही है

चीन की मेजबानी में इस बार एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक किंगदाओ में हो​ रही है।​ उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व​ करने के लिए राजनाथ सिंह​ गए हैं। सदस्य देशों के​ रक्षा मंत्रियों, एससीओ महासचिव, एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक ढांचे (आरएटीएस) के निदेशक और अन्य प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने​ कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति के रूप में इस्तेमाल कर​के आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए और एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।

आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के जवाब में आतंकवाद से बचाव और सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए ऑपरेशन ​’सिंदूर​’ शुरू किया। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के दौरान पीड़ितों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर गोली मार दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र ​से घोषित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ खुद का बचाव करना हमारा अधिकार है। हमने दिखाया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे।

रक्षा मंत्री ने युवाओं में कट्टरपंथ ​का प्रसार रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आह्वान किया

राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के हर कृत्य को आपराधिक और अनुचित करार दिया। उन्होंने कहा कि एससीओ सदस्यों को इस बुराई की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने की भारत की प्रतिबद्धता ​जताई।​ रक्षा मंत्री ने युवाओं में कट्टरपंथ ​का प्रसार रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आह्वान किया। राजनाथ सिंह ने सीमा पार से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन सहित इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक का मुकाबला करने की आवश्यकता ​पर जोर दिया। मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में एससीओ की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने मध्य एशिया के साथ संपर्क बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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Jammu Kashmir:र, 26 जून (हि.स.)। जम्मू संभाग के उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके में गुरुवार सुबह सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो रही है। दोनों ओर से भारी गोलीबारी जारी है। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध गतिविधि के बारे में विशेष इनपुट मिलने के बाद कड़ी घेराबंदी की गई थी। अधिकारी ने बताया कि तलाशी के दौरान सुरक्षाबलों पर गोलीबारी हुई, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी गोलीबारी की है। दोनों ओर से फिलहाल भारी गोलीबारी जारी है। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है तथा और अतिरिक्त बल भेजा गया है।

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नई दिल्ली, 25 जून (हि्.स.)। देशभर में दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरी तरह सक्रिय है। यह अब राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 7 दिनों तक देश के उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। विशेष रूप से 25 जून की रात को ओडिशा और गुजरात क्षेत्र में कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान गुजरात और दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश में कई जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा पूर्वी राजस्थान, उत्तर हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश, अंडमान द्वीप, मध्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश और केरल सहित देश के कई इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर अच्छी बारिश हुई। वहीं गुजरात, हिमाचल, महाराष्ट्र, अंडमान-निकोबार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में 40 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चली।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मध्य प्रदेश के ऊपर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है, जिससे आने वाले दिनों में मध्य और आसपास के इलाकों में ज्यादा बारिश हो सकती है। इसके अलावा एक ट्रफ लाइन (द्रोणिका) पूर्वोत्तर अरब सागर से होते हुए मध्य प्रदेश तक फैली हुई है। वहीं बंगाल की खाड़ी और उत्तर ओडिशा के तट के आसपास के इलाके में अगले 24 घंटों में उस इलाके में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना जताई गई है।

इनके असर से पश्चिम भारत में भी तेज बारिश की संभावना बन रही है। खासकर गुजरात क्षेत्र में 25 जून को कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र के घाटी क्षेत्रों में भी आज भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ में अगले 7 दिनों तक रुक-रुक कर अच्छी बारिश होती रहेगी।

उत्तर-पश्चिम भारत की बात करें तो पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में अगले एक हफ्ते तक बारिश का दौर जारी रहेगा। कुछ स्थानों पर आंधी, बिजली गिरने और 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावना है। उत्तराखंड, हिमाचल और हरियाणा में 25 से 27 जून तक भारी बारिश का विशेष अलर्ट है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में 30 जून और 1 जुलाई को तेज बारिश हो सकती है।

पूर्वी भारत में भी ओडिशा सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है। 25 जून को यहां कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा की आशंका है, जो सामान्य जनजीवन को प्रभावित कर सकती है। मौसम विभाग ने आम जनता और प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

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Golaghat (Assam), 25 जून (हि.स.)। असम के गोलाघाट जिले में स्थित बोकाखात क्षेत्र के सापजुरी पानबारी निगम में मंगलवार रात एक ग्रेनेड विस्फोट की घटना हुई। अज्ञात हमलावर बाइक से आए और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कैंप (अब इसमें असम पुलिस की 11वीं एपीबीएन यूनिट तैनात है)पर ग्रेनेड फेंक कर फरार हो गए।

संदिग्ध विस्फोट में  तीन जवान सिद्धार्थ बरबोरा, सुशील भूमिज और मिंटू हजारिका घायल हो गए हैं

संदिग्ध विस्फोट में असम पुलिस की 11वीं सशस्त्र पुलिस बटालियन (एपीबीएन) के तीन जवान सिद्धार्थ बरबोरा, सुशील भूमिज और मिंटू हजारिका घायल हो गए हैं। उन्हें बोकाखात के शहीद कमला मिरी महकमा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना के बाद पुलिस ने रात में ही अभियान चलाया

दरअसल, यह कैंप अब सीआरपीएफ का नहीं रहा है, यहां वर्तमान में असम पुलिस की 11वीं एपीबीएन यूनिट तैनात है। घटना के बाद पुलिस ने रात में ही अभियान चलाया और संदेह के आधार पर दो व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है।

यह घटना किसी उग्रवादी संगठन की साजिश नहीं मानी जा रही है

पुलिस के अनुसार, यह घटना किसी उग्रवादी संगठन की साजिश नहीं मानी जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई गई है कि किसी अवैध शिकारी या नशीले पदार्थों के तस्कर ने यह हमला किया होगा। फॉरेंसिक विभाग टीम बुधवार दोपहर को घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंची हैं।

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New Delhi, 25 जून (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह ने आज ‘संविधान हत्या दिवस’ पर एक्स हैंडल पर अपने उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ‘आपातकाल’ कांग्रेस की सत्ता की भूख का ‘अन्यायकाल’ था। 25 जून, 1975 को लगे आपातकाल में देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया।

न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया- गृहमंत्री

उन्होंने लिखा, ” यह दिवस बताता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है, तो जनता उसे उखाड़ फेंकने की ताकत रखती है। आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्रविरोधी मानसिकता का परिचायक था। प्रेस की स्वतंत्रता कुचली गई। न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया।”

संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों गृहमंत्री शाह ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी 

केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने लिखा, ” देशवासियों ने ‘सिंहासन खाली करो’ का शंखनाद किया और तानाशाह कांग्रेस को उखाड़ फेंका। इस संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि। ” उल्लेखनीय है कि केंद्रीयमंत्री शाह ने कल ‘आपातकाल के 50 साल’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ” नई दिल्ली में आपातकाल की पूर्व संध्या पर आपातकाल के 50 साल कार्यक्रम में आपातकाल के खिलाफ संघर्ष करने वाले वीरों को सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।”

गृहमंत्री शाह ने आगे कहा कि 

जब किसी व्यक्ति के भीतर छिपा हुआ तानाशाही स्वभाव बाहर आ जाता है, तभी आपातकाल लगता है, यह इतिहास हमारी युवा पीढ़ी को जानना जरूरी है। आपातकाल, कांग्रेस द्वारा मल्टीपार्टी डेमोक्रेसी को एक पार्टी की तानाशाही में बदलने के षड्यंत्र की शुरुआत थी। आपातकाल का मूल कारण सत्ता की भूख थी। न देश पर कोई बाहरी खतरा था, न ही कोई आंतरिक संकट था, खतरा बस इंदिरा गांधी की कुर्सी पर था।

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New Delhi, 25 जून (हि.स.)। देश में साल 1975 में थोपे गए आपातकाल की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘संविधान हत्या दिवस’ पर इस काले कालखंड की लड़ाई में शामिल हर योद्धा को सलाम किया है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा ” हम अपने संविधान में निहित सिद्धांतों को मजबूत करने तथा विकसित भारत के अपने सपने को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराते हैं। हम प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएं तथा गरीबों और वंचितों के सपनों को पूरा करें।”

 

प्रधानमंत्री मोदी ने एक पोस्ट में लिखा, ” हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘संविधान हत्या दिवस’ के संबंध में एक्स पर कई पोस्ट किए हैं। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, ” हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं! ये पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आए लोग थे जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए।”

भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं

उन्होंने लिखा, ” आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन, भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था!”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तब के क्रूर कालखंड याद करते हुए लिखा

” जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। मुझे खुशी है कि ब्लू क्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना एच.डी. देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।”

उल्लेखनीय है कि ब्लू क्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन की इस किताब का नाम ‘द इमरजेंसी डायरीज – इयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर’ है। फाउंडेशन के अनुसार, इस किताब का विमोचन आज केंद्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह करेंगे।

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Patna: जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ में अब 40 रूपए के स्थान पर 20 रूपये प्रति थाली की दर से भोजन की व्यवस्था होगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया के माध्यम से  दी जानकारी  

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि आप सभी अवगत हैं कि जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ का संचालन बहुत ही अच्छे ढंग से हो रहा है। राज्य के सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों तथा विभिन्न सरकारी संस्थानों में जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ द्वारा संचालित कैंटीन के माध्यम से 40 रूपए प्रति थाली भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था। अब हमलोगों ने 40 रूपए के स्थान पर 20 रूपये प्रति थाली की दर से गुणवत्तापूर्ण भोजन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। आज कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी गई है।

सस्ता एवं शुद्ध भोजन उपलब्ध होने से बाह्य मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी सुविधा होगी

‘दीदी की रसोई’ का प्रति थाली न्यूनतम खर्च लगभग 40 रूपए है इसलिए 20 रूपए प्रति थाली की क्षतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा जीविका को उपलब्ध कराई जाएगी। सस्ता एवं शुद्ध भोजन उपलब्ध होने से बाह्य मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी सुविधा होगी। राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हमलोगों ने इस व्यवस्था को राज्य के सभी समाहरणालयों, अनुमण्डल कार्यालयों, प्रखण्ड एवं अंचल कार्यालयों में भी लागू करने का निर्णय लिया है और इसके लिए अधिकारियों को निदेशित कर दिया गया है ताकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले आमजनों को सस्ते दर पर शुद्ध भोजन मिल सके।

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Patna, 24 जून (हि.स.)।बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित ललित नारायण (एलएन) मिश्रा कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के स्थापना दिवस समारोह में मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल हुए। इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने अपने सम्बोधन में कहा कि बिहार शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ रहा है। बिहार धर्म और ज्ञान की भूमि रही है, जिसने देश को अनेक क्रांतिकारी और चिंतक दिए हैं। इस भूमि पर आकर मुझे नई ताकत और ऊर्जा की अनुभूति होती है।

धनखड़ ने कहा कि आजादी की बात करूं तो चंपारण सत्याग्रह बिहार की भूमि पर हुआ

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि आजादी की बात करूं तो चंपारण सत्याग्रह बिहार की भूमि पर हुआ। 1917 में महात्मा गांधी जी ने यहां से अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन किया। किसान की समस्या को उन्होंने राष्ट्र हित का आंदोलन बना दिया। बिहार की जनता का उत्साह, ज्ञान और चेतना पूरे देश के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए कहा कि यह नीति छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। अपने संसदीय जीवन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिताए समय को भी याद किया। उनके संसदीय अनुभवों की सराहना की। इसके साथ ही पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दों पर भी अपनी बात रखी।

आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा, ”उस समय लोकतंत्र को दबाने का प्रयास किया गया था

उपराष्ट्रपति ने आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा, ”उस समय लोकतंत्र को दबाने का प्रयास किया गया था, लेकिन जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चली संपूर्ण क्रांति ने भारत में लोकतंत्र को नई ऊर्जा और दिशा दी।” उपराष्ट्रपति के दौरे को लेकर जिला प्रशासन की ओर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। एल. एन मिश्रा कॉलेज सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर दंडाधिकारियों की तैनाती की गई थी।

कुलपति दिनेश चंद्र राय ने अंग वस्त्र और मोमेंटो देकर उपराष्ट्रपति का स्वागत किया

इस अवसर पर उद्योग मंत्री सह कॉलेज के संस्थापक नीतीश मिश्रा और बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश चंद्र राय ने अंग वस्त्र और मोमेंटो देकर उपराष्ट्रपति का स्वागत किया। उपराष्ट्रपति ने कॉलेज कैंपस में पौधारोपण किया। पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्रा को श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदानों को भी याद किया।

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New Delhi, 24 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विज्ञान भवन में आयोजित श्रीनारायण गुरु और महात्मा गांधी के ऐतिहासिक संवाद की शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख कर कहा कि इसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट और कठोर नीति को दुनिया के सामने रख दिया है।

भारतीयों का खून बहाने वालों के लिए अब दुनिया में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है- प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने दिखा दिया है कि भारतीयों का खून बहाने वालों के लिए अब दुनिया में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है। आज का भारत अपने हितों के अनुसार हर जरूरी कदम उठाने में पीछे नहीं रहता। उन्होंने श्रीनारायण गुरु और महात्मा गांधी की 1925 में हुई ऐतिहासिक मुलाकात को याद करते हुए कहा कि यह संवाद केवल इतिहास की घटना नहीं, बल्कि आज भी सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि श्रीनारायण गुरु का जीवन समता, एकता और आध्यात्मिक उत्थान का प्रतीक रहा है। भारत की विशेषता यही है कि जब भी देश किसी संकट में होता है, कोई न कोई महान विभूति मार्गदर्शन के लिए सामने आती है। श्रीनारायण गुरु ऐसे ही संत थे, जिन्होंने समाज को नई दिशा दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने शिवगिरी मठ को खुद के लिए सौभाग्यशाली बताया 

प्रधानमंत्री मोदी ने शिवगिरी मठ के साथ अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए कहा कि वह स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं कि यह मठ हमेशा उनके साथ खड़ा रहा है। उन्होंने 2013 की केदारनाथ आपदा का ज़िक्र कर कहा कि उस कठिन समय में शिवगिरी मठ ने भारत सरकार के बजाय उन्हें संपर्क किया, जब वे केवल एक मुख्यमंत्री थे। उन्होंने ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’, ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ और ‘वन फैमिली, वन फ्यूचर’ जैसे वैश्विक दृष्टिकोणों का उल्लेख करते हुए भारत के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत सतत विकास के लक्ष्य में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

आज बेटियां कोर्ट से लेकर स्पेस तक भारत का नाम रोशन कर रही हैं- प्रधानमंत्री

महिला सशक्तीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों का उल्लेख कर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बेटियां कोर्ट से लेकर स्पेस तक भारत का नाम रोशन कर रही हैं। हमने उन क्षेत्रों में भी महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की है, जहां पहले उनकी एंट्री तक वर्जित थी।

मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम एक वैचारिक महाकुंभ है

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति न केवल शिक्षा को समावेशी और आधुनिक बना रही है, बल्कि मातृभाषा में पढ़ाई को बढ़ावा देकर पिछड़े वर्गों को आगे ला रही है। शताब्दी समारोह के अवसर पर मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम एक वैचारिक महाकुंभ है, जो सामाजिक न्याय, एकता और आध्यात्मिक सद्भाव के मूल्यों को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह ऐतिहासिक संवाद 12 मार्च 1925 को शिवगिरी मठ में महात्मा गांधी और श्रीनारायण गुरु के बीच हुआ था, जिसमें वैकोम सत्याग्रह, धर्मांतरण, अस्पृश्यता उन्मूलन, दलित उत्थान और मोक्ष जैसे विषयों पर विचार हुआ था। श्री नारायण धर्म संघम ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस आयोजन में देशभर के आध्यात्मिक और सामाजिक नेता हिस्सा ले रहे हैं।

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Badrinath, 24 जून (हि.स.)। सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो आने वाले दिनों में श्रद्धालु श्री बदरीनाथ में स्थित ध्यान गुफाओं में ध्यान साधना के साथ ही रात्रि प्रवास भी कर सकेंगे। ऐसे में मौसम ने साथ दिया तो आगामी जुलाई माह में ध्यान गुफा सुविधायुक्त तैयार हो जाएंगे। ऐसे में उम्मीदों के बीच नगर पंचायत कार्य करवाने में जुटी है।


नगर पंचायत के अनुसार इनका निर्माण 2022 में किया गया

श्री बदरीनाथ मंदिर से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर ऋषि गंगा फॉल के पास ध्यान गुफाएं है। नगर पंचायत के अनुसार इनका निर्माण 2022 में किया गया। चार ध्यान गुफाओं में दो पत्थरों से तथा दो सीमेंट से निर्मित है लेकिन बर्फबारी से क्षतिग्रस्त होने और सुविधाओं के अभाव में यहां कम ही श्रद्धालु पहुंचते। इस सब के बीच नगर पंचायत ने इन गुफाओं की दिशा में कार्य शुरू किया तो उम्मीदों को भी पंख लगे।

नगर पंचायत बदरीनाथ के ईओ सुनील पुरोहित ने बताया कि डीएम के निर्देश पर ध्यान गुफाओं को सुविधायुक्त बनाया जा रहा है। जहां बिजली, बेड, कंबल, इलेक्ट्रिक केटल की सुविधा मिलेगी। बताया कि बोर्ड बैठक में शुल्क का निर्धारण होगा। मौसम ने साथ दिया तो जल्दी ही कार्य पूरा कर लिया जायेगा।

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