नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार की 7 वीं वर्षगांठ के मौके पर कहा कि देश इन वर्षों में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चला है। उन्होंने कहा कि हम सभी ने देश की सेवा में हर क्षण समर्पित भाव से काम किया है। 
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात 2.0’ के 24वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा, आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। उन्होंने कहा कि इन सात सालों में भारत ने ‘डिजिटल लेन देन’ में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है। आज किसी भी जगह जितनी आसानी से आप चुटकियों में डिजिटल भुगतान कर देते हैं, वो कोरोना के इस समय में भी बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। 
उन्होंने कहा कि इन वर्षों में जो कुछ भी उपलब्धि रही है, वो देश की रही है, देशवासियों की रही है। कितने ही राष्ट्रीय गौरव के क्षण हमने इन वर्षों में साथ मिलकर अनुभव किए हैं। जब हम देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं है, अपने संकल्प के चलता है, तो हम सबको गर्व होता है। जब हम देखते हैं कि अब भारत अपने खिलाफ साजिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है। जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं ती ताकत बढ़ती है, तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग धन्यवाद देते हैं कि 70 साल बाद उनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है। कितने ही लोग कहते हैं कि हमारा भी गांव अब पक्की सड़क से, शहर से जुड़ गया है। उन्होंने जनता के बैंक खाता खुलने, ‘जल जीवन मिशन’ और ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत घर मिलने की खुशी का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद 7 दशकों में हमारे देश के केवल साढ़े तीन करोड़ ग्रामीण घरों में ही पानी के कनेक्शन थे। लेकिन पिछले 21 महीनों में ही साढ़े चार करोड़ घरों को साफ पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। इनमें से 15 महीने तो कोरोनाकाल के ही थे। इसी तरह का एक नया विश्वास देश में ‘आयुष्मान योजना’ से भी आया है। जब कोई गरीब मुफ्त इलाज से स्वस्थ होकर घर आता है तो उसे लगता है कि उसे नया जीवन मिला है। 
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नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने कोविड के चलते कमाने वाले सदस्य को खोने वाले परिवारों की सहायता की घोषणा की है। इसके तहत इन परिवारों को पेंशन दी जाएगी और साथ ही बीमा भरपाई का दायरा बढ़ा कर इसे आसान बनाया जाएगा।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि मुश्किल की इस घड़ी में सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और इन योजनाओं के माध्यम से इन परिवारों की वित्तीय दिक्ततों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

सरकार के अनुसार कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत काम के दौरान होने वाली मौतों में दी जाने वाली पेंशन योजना कोविड से मरने लोगों के परिवारों को भी दी जाएगी। योजना के तहत औसद दैनिक वेतन का 90 प्रतिशत पेंशन के तौर पर दिया जाता है। इस योजना का 24 मार्च 2020 से लागू हुआ माना जाएगा और इस तरह के मामलों में अगले साल 24 मार्च तक दिया जाएगा।

इसके साथ ही कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन के तहत दी जाने वाली बीमा सुविधा को  विस्तार और उदार बनाया जाएगा। इसका कोविड के तहत जान गंवाने वाले कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इसके तहत बीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख किया गया है। न्यूनतम बीमा लाभ को 2.5 लाख तक रखने के प्रावधान को दोबरा लाया गया है। यह पिछले साल फरवरी से अगले तीन साल तक के लिए होगा। पिछले 12 महीनों के अंदर नौकरी बदलने वाले को कांट्रेक्ट और दिहाड़ी मजदूरों को भी इसका लाभ मिलेगा। इसके बारे में विस्तृत जानकारी श्रम मंत्रालय जल्द जारी करेगा।

 

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड -19 के कारण अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों की सहायता करने के लिए उठाये जा सकने वाले कदमों के बारे में चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की.

प्रधानमंत्री ने वर्तमान कोविड महामारी से प्रभावित बच्चों के लिए कई सुविधाओं की घोषणा की. इन उपायों की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चे देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और देश बच्चों की सहायता एवं सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगा ताकि वे मजबूत नागरिक के रूप में उभरें और उनका भविष्य उज्ज्वल हो. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कठिन समय में एक समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें और उनमें एक उज्ज्वल भविष्य की आशा जगाएं. कोविड-19 के कारण माता-पिता दोनों या माता-पिता में से जीवित बचे या कानूनी अभिभावक/दत्तक माता-पिता को खोने वाले सभी बच्चों को ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत सहायता दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि जिन उपायों की घोषणा की जा रही है, वे सिर्फ पीएम केयर्स फंड जोकि कोविड -19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में सहायता करेगा, में उदार योगदान के कारण संभव हुए हैं.

बच्चे के नाम पर सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट): पीएम केयर्स 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये का कोष बनाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई एक योजना के माध्यम से योगदान देगा। यह कोष: 18 वर्ष की आयु से अगले पांच वर्षों तक उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान उनकी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए मासिक वित्तीय सहायता / छात्रवृति देने के लिए उपयोग किया जाएगा, और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर, उसे व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग के लिए एकमुश्त के रूप से कोष की राशि मिलेगी।

स्कूली शिक्षा: 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए: बच्चे को नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिलाया जाएगा। अगर बच्चे का दाखिला किसी निजी स्कूल में होता है तो पीएम केयर्स से आरटीई के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी। पीएम केयर्स वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर होने वाले खर्च का भी भुगतान करेगा।

स्कूली शिक्षा: 11 -18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए: बच्चे को केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसेकि सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में प्रवेश दिलाया जाएगा। यदि बच्चे को अभिभावक / दादा-दादी / विस्तारित परिवार की देखरेख में रखा जाना है, तो उसे निकटतम केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिलाया जाएगा। अगर बच्चे का दाखिला किसी निजी स्कूल में होता है तो पीएम केयर्स से आरटीई के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी। पीएम केयर्स वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर होने वाले खर्च का भी भुगतान करेगा।

उच्च शिक्षा के लिए सहायता:

मौजूदा शिक्षा ऋण के मानदंडों के अनुसार भारत में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों / उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण दिलाने में बच्चे की सहायता की जाएगी। इस ऋण पर लगने वाले ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा।

विकल्प के रूप में ऐसे बच्चों को केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत स्नातक / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के शिक्षण शुल्क / पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। जो बच्चे मौजूदा छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत पात्र नहीं हैं, उनके लिए पीएम केयर्स एक समकक्ष छात्रवृत्ति प्रदान करेगा।

स्वास्थ्य बीमा

ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा, जिसमें 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर होगा। 18 वर्ष की आयु तक के इन बच्चों के लिए प्रीमियम की राशि का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा।

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​- पुलवामा आतंकी हमले ​​में शहीद ​हुए थे मेजर विभूति शंकर​ ​ढौंडियाल 
– लेफ्टिनेंट​ ​निकिता कौल​ ​की वर्दी पर लगाए गए चमचमाते हुए सितारे ​​
 
​​नई दिल्ली:​ जम्मू-कश्मीर के ​​पुलवामा आतंकी हमले में शहीद ​हुए ​सेना के मेजर ​​​​विभूति शंकर ढौंडियाल​ ​की पत्नी ​​निकिता कौल ने ​शनिवार को ​भारतीय सेना में शामिल होकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी​। नितिका​ ने आज ​पहली बार भारतीय सेना की वर्दी पहनी​​।​​​ ​​सेना की उत्तरी कमान​ के ​कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने उनकी वर्दी पर अपने हाथों से चमचमाते हुए सितारे लगाए​​​​ उन्होंने मेजर पति की शहादत पर मातम मनाने के बजाए देश सेवा का रास्ता​ चुना और ​आज मुल्क के लाखों फौजियों​ की पत्नियों के लिए प्रेरणा बन गईं​​ ​​​
 
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर ​14 फरवरी​,​ 2019​ को हुए ​आतंकवादी हमले के दौरान 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद ही पुलवामा के पिंगलान गांव में आतंकियों को ढेर करने के लिए सेना ने ऑपरेशन चलाया था​​​। पिंगलान में हुए इस एनकाउंटर में ​18 फरवरी​,​ 2019 को ​चार सैनिक शहीद हुए थे​ जिनमें कश्मीर में 55 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात ​​मेजर रैंक के ऑफिसर विभूति​ शंकर ढौंडियाल भी शामिल थे​​​​​​।​​ ​राष्ट्र के लिए बलिदान ​देने ​पर उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था​​।​ उस समय मेजर ढौंडियाल और नितिका की शादी को 10 माह ही हुए थे​​। ​शादी की पहली सालगिरह भी न मना पाने वाली नितिका कौल ने अपने पति को एक बहादुर सैनिक बताते हुए कहा था कि उन्‍हें इस बात का पूरा भरोसा है कि उनके पति की शहादत और ज्‍यादा लोगों को सेनाओं में जाने के लिए प्रेरित करेगी​​​​​​​​।
 
मेजर ढौंडियाल का शव जब उनके गृहनगर पहुंचा था तो पत्नी नितिका ने गर्व के साथ अपने पति को सैल्‍यूट किया​। नितिका ने उस समय कहा था कि आपने मुझसे झूठ कहा था कि आप मुझसे प्‍यार करते हो​। आप मुझसे नहीं बल्कि अपने देश से ज्‍यादा प्‍यार करते थे और मुझे इस बात पर गर्व है​। शादी के नौ माह बाद ही महज 27 साल की उम्र में ही वीर नारी बनीं नितिका ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा था कि वह कोई बेचारी नहीं हैं बल्कि एक बहादुर शहीद की पत्‍नी हैं और उन्‍हें अपने पति की शहादत पर गर्व है​। नितिका ने अपने बहादुर पति को नम आंखों से ‘जय हिंद’ बोलकर अंतिम विदाई दी थी। उस वक़्त अपने पति की अर्थी को सैल्यूट करते एक तस्वीर भी वायरल गुई थी। निकिता आज मुल्क के लाखों फौजियों, फौज के अफसरों और उनके खानदान की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गईं हैं। 
 
नितिका ने अपने पति की ​शहादत के छह महीने बाद ​​शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) परीक्षा और सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) के साक्षात्कार को अनुमति दे दी​ 30 साल की नितिका ने पिछले वर्ष शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) की परीक्षा पास कर ली थी। इसके बाद उन्हें प्रशिक्षण के लिए चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में नियुक्त किया गया।​ लेफ्टिनेंट निकिता कौल ने सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद आज भारतीय सेना में शामिल होकर अपने पति को सही मायने में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। यह वास्तव में उनके लिए गर्व का क्षण था क्योंकि सेना की उत्तरी कमान​ के ​कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने ​खुद अपने हाथों से आज निकिता के कंधों पर चमचमाते सितारों को लगाया।​ अब ​वह भी पति की तरह आर्मी ऑफिसर की ​वर्दी पहनकर दुश्मनों से जंग करने के लिए तैयार हैं।​ 
 
चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में पासिंग आउट परेड के बाद नितिका ने अपने अनुभव बांटते हुए कहा कि पिछले 11 महीने में मैंने उसी यात्रा का अनुभव किया है जिससे उनके पति गुजरे हैं। मेरा मानना ​​​​है कि वह हमेशा मेरे जीवन का हिस्सा बनने जा रहे हैं।​ मेरे जीवन के पिछले 11 महीने महत्वपूर्ण रहे हैं, इस यात्रा के दौरान परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग मिला​​।​​​ ​नीतिका ने अपने सास-श्वसुर का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि पति के शहीद होने के बाद सेना में शामिल होने के लिए उन्होंने ही प्रोत्साहित ​किया जिसका नतीजा है कि आज मैं इस मुकाम पर हूं​ ​उन्होंने महिलाओं को सन्देश देते हुए कहा कि जीवन में चुनौतियां बहुत हैं लेकिन अगर खुद पर भरोसा रखें तो आत्मविश्वास इन कठिनाइयों को आसान बना देता है
 
इनपुट एजेंसी

 

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भीलवाड़ा: जिले के पारोली थाना क्षेत्र के साकड़ा गांव चौराहे पर शनिवार सवेरे दो बाइक की आमने-सामने भिड़ंत में तीन युवकों की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही पारोली थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और शवों को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। हादसे के बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई।
 
पारोली थाना प्रभारी रामपाल विश्नोई ने बताया कि सांकड़ा के निकट दो बाइक की आमने-सामने जोरदार भिड़ंत हो गई। इसमें भागचंद रेगर निवासी साकड़ा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गोविंद कुमार तेली निवासी गांव रूपा ने कोटडी चिकित्सालय में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं एक गंभीर रूप से घायल हेमराज तेली को भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के लिए रेफर किया गया लेकिन उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गई। हादसें मे मौत की खबर जैसे ही मृतक के परिवार साकड़ा व रोपा गांव में पहुंची तो कोहराम मच गया। तीनों शव में से दो को पुलिस ने भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी स्थित सामुदायिक अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। वही एक युवक का शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। युवकों की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पाकिस्तानअफगानिस्तान और बांग्लादेश से सम्बंध रखने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। ये शरणार्थी गुजरातराजस्थानछत्तीसगढ़हरियाणा तथा पंजाब के 13 जिलों में हैं। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात इस बारे में अधिसूचना जारी की। दो साल पहले 2019 में बने सीएए कानून का देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध हुआ था। तब से यह कानून अमल में नहीं लाया जा सका है। अब नयी अधिसूचना के साथ ऐसे शरणार्थियों के लिए भारत के  नागरिक बनने का रास्ता साफ हो गया है।

शुक्रवार रात केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा है, नागरिकता कानून-1955 की धारा-16 में दिए गए अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने पाकिस्तानअफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को धारा-के तहत भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने या धारा-के अंतर्गत भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र देने का फैसला किया है। मोरबीराजकोटपाटनवडोडरा (गुजरात)दुर्ग और बलोदाबाजार (छत्तीसगढ़)जालौरउदयपुरपालीबाड़मेरसिरोही (राजस्थान)फरीदाबाद (हरियाणा) तथा जालंधर (पंजाब) में रह रहे पाकिस्तानअफगानिस्तान व बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम इसके तहत भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के पात्र हैं।’

अधिसूचना के मुताबिक, ऐसे शरणार्थियों के आवेदन का सत्यापन राज्य के सचिव या जिले के डीएम कर सकेंगे। जिलाधिकारी या राज्य के गृह सचिव एक ऑनलाइन और लिखित रजिस्टर बनाएंगे। रजिस्टर में भारत के नागरिक के रूप में इस तरह के शरणार्थियों का पंजीकरण होगा।  इस तरह की जानकारी की एक प्रति सात दिनों के अंदर केंद्र सरकार को भेजनी होगी।

ज्ञातव्य है कि जब 2019 में सीएए कानून बनातो देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन के बीच 2020 की शुरुआत में दिल्ली में दंगे भी हुए थे।  सीएए के तहत भी पाकिस्तानअफगानिस्तान और बांग्लादेश में से आए उन हिंदूसिखजैनबौद्धपारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। ये ऐसे लोग होंगेजो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे। तब से यह कानून ठंडे बस्ते में है। बहरहाल, नई अधिसूचना से ऐसे लोग अब भारत के नागरिक हो सकेंगे।

Agency: हिंदुस्थान समाचार 

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-देश में 2.84 लाख मरीज हुए स्वस्थ
नई दिल्ली: देश में कोरोना के नए मामलों में लगातार कमी हो रही है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1 लाख,73 हजार नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस बीमारी से 3617 लोगों की मौत हो गई। पिछले 24 घंटे में 2 लाख, 84 हजार,601 मरीज स्वस्थ हुए है।
शनिवार की सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना के कुल 2 करोड़.77 लाख  मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, इस बीमारी से 3 लाख,22 हजार,512 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव मरीजों की संख्या 22 लाख,28 हजार,724 है। राहत भरी खबर है कि कोरोना से अबतक 2 करोड़,51 लाख,78 हजार,011 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
राहतभरी खबर ये भी है कि कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है । रिकवरी रेट में सुधार हो रहा है। पिछले 24 घंटे में देश का रिकवरी रेट बढ़कर 90.80 प्रतिशत हो गया है। आईसीएमआर के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 20 लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। 28 मई को 20 लाख,80 हजार ,048 टेस्ट किए गए। देश में अबतक कुल 34 करोड़,11 लाख ,19 हजार ,909 टेस्ट किए जा चुके हैं।

 

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चौबीस घंटे में 2.59 लाख मरीज स्वस्थ 
नई दिल्ली: देश में कोरोना के नए मामलों में कमी देखने को मिल रही है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1 लाख 86 हजार, 364 नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस बीमारी से 3 हजार, 660 लोगों की मौत हो गई। पिछले 24 घंटे 2 लाख, 59 हजार,459 मरीज स्वस्थ हुए हैं।
शुक्रवार सुबह जारी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में अबतक कोरोना के कुल 2 करोड़,75 लाख,55 हजार,457 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, इस बीमारी से अबतक 3 लाख,18 हजार,895 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव मरीजों की संख्या 23 लाख,44 हजार,152 है। राहत भरी खबर है कि कोरोना से अबतक 2 करोड़ ,48 लाख ,93 हजार ,410 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो राहत की बात है। रिकवरी रेट में सुधार हो रहा है। पिछले 24 घंटे में देश का रिकवरी रेट बढ़कर 90.33 प्रतिशत हो गया है। आईसीएमआर के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 20 लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। 27 मई को 20 लाख,70 हजार,508 टेस्ट किए गए। देश में अबतक कुल 33 करोड़ ,90 लाख ,39 हजार ,861 टेस्ट किए जा चुके हैं।
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शोपियां: दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के गणपोरा अर्शीपोरा इलाके में शुक्रवार दोपहर आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच जारी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है। सूत्रों के अनुसार अभी दो और आतंकी सुरक्षाबलों के घेरे में हैं। दोनों ओर से गोलीबारी फिलहाल जारी है।
शुक्रवार दोपहर स्थानीय पुलिस को जिले के गणपोरा अर्शीपोरा इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही पुलिस, सेना की 44 आरआर और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी करके आतंकवादियों की धर-पकड़ के लिए तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने इलाके में आने-जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया ताकि आतंकी भाग न सकें। तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबल उस स्थान पर पहुंच गये, जहां आतंकी छिपे हुए थे। सुरक्षाबलों ने पहले आतंकियों को आत्मसर्म्पण करने के लिए कहा लेकिन आतंकी नहीं माने और गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। समाचार लिखे जाने तक सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया है। मुठभेड़ फिलहाल जारी है।
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास से हुए नुकसान का आकलन करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई हैं। बाद में उन्होंने अलग कमरे में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और राज्य में हुए नुकसान की रिपोर्ट सौंप कर बंगाल के लिए राहत पैकेज देने की मांग की।
शुक्रवार को निर्धारित समय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोलकाता पहुंचे और उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर में चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। हवाई सर्वे के बाद प्रस्तावित समीक्षा बैठक के लिए प्रधानमंत्री मोदी पूर्व मेदिनीपुर पहुंचे। यहां कलाईकुंडा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई है। बैठक में भाग लेने के लिए ममता बनर्जी भी पहुंचीं लेकिन अंत समय में उन्होंने बैठक में भाग नहीं लिया। ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी से अलग मुलाकात के लिए अलग से समय मांगा। बाद में एक अलग कमरे में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और बंगाल में चक्रवात से हुए नुकसान की रिपोर्ट सौंपी है। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपनी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री से बंगाल के लिए तत्काल राहत पैकेज की मांग की है। इसके बाद मुख्यमंत्री दीघा के लिए रवाना हो गईं। 
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी शामिल होने का कार्यक्रम था। लेकिन बैठक में भाजपा विधायक व विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के बैठक में शामिल होने पर मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुईं। प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री देवश्री चौधरी, शुभेंदु अधिकारी और राज्य के सिंचाई मंत्री सोमेन महापात्र भी मौजूद थे।

 

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नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर लालकिले के भीतर एवं बाहर हुई हिंसा के मामले में क्राइम ब्रांच ने बड़ा खुलासा किया है। क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, साजिश बीते नवंबर में ही रच ली गई थी। इसके बाद से लगातार हिंसा के लिये तैयारियां की गई और गणतंत्र दिवस के दिन इसे अंजाम दिया गया। लालकिला पर हिंसा का दिन गणतंत्र दिवस इसलिये चुना गया, क्योंकि इससे सरकार की काफी बदनामी होती।
यह खुलासा क्राइम ब्रांच के जरिए हिंसा को लेकर कोर्ट में दायर आरोपपत्र में किया गया है। जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने हाल ही में लालकिला हिंसा को लेकर आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोपपत्र में क्राइम ब्रांच द्वारा बताया गया है कि नवंबर 2020 से ही प्रदर्शनकारियों ने लालकिला हिंसा की तैयारियां शुरू कर दी थी। इसके लिए नवंबर-दिसंबर में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर खरीदे गए थे। प्रदर्शनकारियों ने यह मन बना लिया था कि वह बॉर्डर पर नहीं बल्कि लाल किले में बैठकर अपना प्रदर्शन करेंगे। वह लालकिला पर कब्जा करना चाहते थे ताकि प्रदर्शन के लिए वहां बैठ सकें, लेकिन जिस प्रकार से वहां पर हिंसा हुई और निशान साहिब को फहराया गया, इससे डरकर वे भाग गए थे।
तीन हजार से ज्यादा पेज का आरोपपत्र
क्राइम ब्रांच ने इस मामले में कोर्ट के समक्ष तीन हजार से ज्यादा पेज का आरोपपत्र दाखिल किया है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए कई आरोपितों को जमानत मिल चुकी है। आरोपपत्र में क्राइम ब्रांच ने उन किसान नेताओं की भूमिका को भी संदिग्ध बताया है, जिनके बहकावे में आकर इस हिंसा को अंजाम दिया गया। इस हिंसा में 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे। वहीं अबतक 150 से ज्यादा प्रदर्शनकारी गिरफ्तार हो चुके हैं। कुछ किसान नेता अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
हिन्दुस्थान समाचार
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