नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ से बचाव एवं राहत उपायों की तैयारियों की समीक्षा के लिए संबंधित राज्यों और मंत्रालयों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने प्रभावित लोगों की शीघ्र निकासी और आवश्यक सेवाओं के निर्बाध जारी रहने और नुकसान होने पर शीघ्र बहाली के निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री ने विशेष तौर पर बैठक में इस बात पर जोर दिया कि प्रभावित राज्यों में कोविड प्रबंधन प्रभावित न हो। संक्रमण न फैले और उपचार की दृष्टि से स्वास्थ्य सुविधायें भी निर्बाध जारी रहें। जामनगर सहित प्रभावित तटीय क्षेत्रों में  ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित न हो।

इसके अलावा उन्होंने 24 घंटे सातों दिन कंट्रोल रूम संचालित रखने और स्थानीय नागरिक समाज का सहयोग लेकर सजगता और बचाव कार्य संचालित करने को भी कहा।

अरब सागर में बने कम दवाब के क्षेत्र के चलते बने चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ धीरे-धीरे गुजरात उत्तर और उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और इसके 18 मई को गुजरात के तट से टकराने की आशंका है। केन्द्र सरकार ने इन राज्यों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 100 टीमें तैनात करने का फैसला किया है। राज्यों को परामर्श जारी किए हैं और संभावित नुकसान के प्रति आगाह कर जान-माल की सुरक्षा के लिए सतर्क किया है।

प्रधानमंत्री को बैठक में बताया गया कि कैबिनेट सचिव लगातार संबंधित राज्यों और मंत्रालयों के साथ संपर्क बनाए रखेंगे। वहीं गृह मंत्रालय लगातार पूरी स्थिति पर नजर बनाए रखेगा। यह भी जानकारी दी गई कि राज्यों को मदद के लिए राज्य आपदा राहत कोष से प्रथम इंस्टालमेंट भेज दी गई है।

इसके अलावा विभिन्न मंत्रालयों और नौसेना व वायुसेना की ओर से किए जा रहे प्रयासों की भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि एनडीआरएफ ने 42 टीमें तैनात कर दी हैं और कुछ को स्टेंड बाय पर रखा है। कोस्ट गार्ड, नेवी के हेलीकॉप्टर से बचाव एवं राहत कार्य किए जा रहे हैं। वायुसेना विशेष कार्य बल की यूनिट को स्टेंड बाय पर रखा है। इसके अलावा मानवीय सहायता के साथ सात जहाज पश्चिम तट पर तैनात है। आपदा राहत दल (डीआरटी) और चिकित्सा दल (एमटी) त्रिवेंद्रम, कन्नूर और पश्चिमी तट के साथ अन्य स्थानों पर स्टैंडबाय हैं।

बिजली और टेलीकॉम मंत्रालय सेवाओं के निर्बाध जारी रखने और नुकसान की स्थिति में बहाली के लिए पूरी तरह से तैयार है। स्वास्थ्य मंत्रालय परामर्श दे रहा है और उन्होंने आपातकालीन दवाओं के साथ 10 त्वरित प्रतिक्रिया चिकित्सा दल और 5 सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया दल भी तैयार रखे हैं।

तूफान वर्तमान में लक्षद्वीप और केरल तट के नजदीक है और यह धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ रहा है। तूफान जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा उससे पूर्वी तटों के नजदीकी राज्यों केरल, कनार्टक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात में तेज हवायें चलने और मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। तूफान के चलते तमिलनाडु में आज और पश्चिम राजस्थान में 18 और 19 मई को बारिश हो सकती है। तूफान 18 मई को गुजरात के पोरबंदर के आस-पास टकरायेगा। इससे वहां बढ़े स्तर पर नुकसान हो सकता है।

एनडीआरआफ ने इस संबंध में तैयारियां की है और राज्यों में 43 टीमें तैनात भी कर दीं है। इनकी संख्या पहले 53 से बढ़ाकर अब 100 कर दिया गया है। प्रत्येक टीम में 35 से 40 जवान होंगे। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए बचाव उपायों से जुड़े दिशा-निर्देशों मे भी बदलाव किया गया है। बचाव केन्द्रों में लोगों की संख्या कम रखने और समाजिक दूरी के पालन पर ध्यान दिया जाएगा। खास बात यह है कि एनडीआरएफ की टीम के सभी सदस्यों का टीकाकरण किया जा चुका है और उन्हें सभी उपयुक्त उपकरण दिए जा चुके हैं जिन्हें बचाव कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा।

एनडीआरएफ के महानिदेशक सत्य नारायण प्रधान ने कहा है कि आज ओडिशा और पंजाब से एनडीआरएफ की 13 टीमों को वायुमार्ग से गुजरात भेजा गया है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की 100 टीमों को इस काम में लगाया गया है। 42 टीमें तैनात कर दी गई हैं, 26 टीमें स्टैंडबाय पर हैं और 32 टीमें देशभर में इसके लिए समर्पित रखी गई हैं जिन्हें तुरंत वायुमार्ग से आपदा सहायता के लिए भेजा जाएगा।

केन्द्र सरकार ने तूफान को लेकर चेतावनी जारी की है और प्रभावित राज्यों के अधिक प्रभावित तटीय क्षेत्रों से तुरंत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही इन राज्यों में मछली पकड़ने संबंधी सभी गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने को कहा गया है। उत्तरी क्षेत्र में जहां मछुआरे नावों के साथ समुद्र में हैं उन्हें तुरंत वापिस आने को कहा गया है।

तूफान जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा इसकी गति लगातार बढ़ती जाएगी। यह 45-55 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गुजरात तट के नजदीक आते-आते 155-165 किमी प्रति घंटा की रफ्तार तक जाएगा। गुजरात के तटों पर तूफान के चलते 2-3 मीटर ऊंची लहरें आ सकती है।

मौसम विभाग का कहना है कि तूफान से गुजरात के देवभूमि द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जामनगर, गिर और सोमनाथ में नुकसान हो सकता है। यहां बिजली और मोबाइल सेवा प्रभावित होना, पेड़ों का उखड़ना, फसलों को नुकसान हो सकता है। सरकार ने प्रभावित क्षेत्र में लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी है। साथ ही प्रशासन को सलाह दी है कि वह इन क्षेत्रों में आवागमन को लेकर उचित प्रबंधन करें।

उल्लेखनीय है कि तौकते म्यांमार की ओर से दिया गया नाम है और इसका अर्थ छिपकली होता है। तूफान का असर पाकिस्तान तटीय इलाकों पर भी होगा।

 

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 नई दिल्ली: एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि कोरोना अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण वहां इंफेक्शन को नियंत्रण करने की बेहद आवश्यकता है। अस्पतालों में अब म्यूकरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस व बैक्टीरिया की बीमारी हो रही है जिससे मौत भी हो रही है। डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि ब्लैक फंगस चेहरे, नाक, आंखे यहां तक की दिमाग पर भी प्रतिकूल असर डालता है जिससे कई बार आंख की रोशनी भी चली जाती है। यह फंगल इंफेक्शन फेफड़ों में भी पहुंच जाता है। 
उन्होंने बताया कि कोरोना के इलाज में स्टेरॉयड अधिक लेने से भी इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है। खासकर डायबीटीज से पीड़ित कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगल इंफेक्शन होने की संभावना अधिक रहती है क्योंकि स्टेरॉयड लेने से शुगर लेवल अचानक 300-400 तक बढ़ जाता है।  इसलिए स्टीरॉयड का इस्तेमाल सोच समझकर ही लेना चाहिए। कोरोना के बेहद कम और मामूली लक्षण वाले मरीजों को स्टेरॉयड लेने से बचना चाहिए। 
 म्यूकरमाइकोसिस की दवा की उपलब्धता पर केन्द्र सरकार की नजर 
कोरोना से ठीक हुए कुछ लोगों में म्यूकरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस का संक्रमण देखा जा रहा है। इस संक्रमण के इलाज में कारगर एंटी फंगल दवा एम्फोटेरीसिन बी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार ने भी इसके उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि म्यूकरमाइकोसिस के संक्रमण पर केन्द्र सरकार ने पूरी नजर बनाए हुए है। इसे फैलने से रोकने के लिए सारे प्रयास किए जा रहे हैं।  रिपोर्ट के आधार पर इसके इलाज में कारगर दवा एम्फोटेरीसिन बी के उत्पाद को भी बढ़ाया गया है। इस दवा को आयात करने की भी कोशिश तेज कर दी गई हैं। कुलमिलाकर केन्द्र सरकार सारे प्रयास कर रही है ताकि इस संक्रमण को रोका जा सकें।
क्या होता है म्यूकरमाइकोसिस
दरअसल यह एक तरह का फंगस यानि फफूंद होती है। यह उन लोगों पर हमला करती है जो किसी स्वास्थ्य समस्या के कारण स्टेरायड ले रहे हैं जिसकी वजह से शरीर में बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। यह फंगल इंफेक्शन नाक से शुरू होता है फिर आंखों में पहुंचता है और फिर दिमाग तक जाता है, लेकिन घबराने की बात नहीं है। इसका सही वक्त पर लक्षण पहचान लिए जाएं और समय पर इलाज करवाया जाए तो यह ठीक होजाता है। 
क्या हैं इसके लक्षण 
साइनस या नाक का बंद हो जाना, दांतों का अचानक टूटना, आधा चेहरा सुन्न पड़ जाना, नाक से काले रंग का पानी निकलना या खून बहना, आंखों में सूजन, धुंधलापन, सीने में दर्द उठना, प्लूरल इफ्यूजन, सांस लेने में समस्या होना और बुखार होना। 
बचाव के उपाय 
कोरोना से ठीक होने के बाद भी शुगर के मरीज अपना शुगर लेवल की जांच करते रहें । इसे नियंत्रित रखें। डॉक्टरों की सलाह पर ही स्टेरॉयड लें। एंटीबयोटिक या फिर एंटीफंगल दवाइंयों का प्रयोग भी चिकित्सकों के सलाह पर ही करें। ऑक्सीजन ले रहे हैं तो ह्युमिडिफायर में साफ पानी का ही इस्तेमाल करें। 

 

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अक्षय तृतीय के अवसर पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत देश के 9.5 करोड़ किसानों के खातों में 8वीं किस्त के तौर पर रु 20,667 करोड़ की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की।

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प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशभर के किसानों से मुखातिब हुए और किसानों के अनुभवों को सुना। 9.5 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों के खातों में 19,000 करोड़ रुपये का भुगतान होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक कुल 11.80 करोड़ पंजीकरण हो चुके हैं। इससे 10.82 करोड़ किसान परिवार लाभ प्राप्त कर चुके हैं। योजना के तहत अब तक 1,16,292.88 करोड़ रुपये की राशि हस्तांरित की।

पीएम-किसान योजना के तहत केंद्र सरकार पात्र लाभार्थी किसान परिवारों के खाते में एक वित्तीय वर्ष में कुल छह हजार रुपये का भुगतान करती है। इसके लिए साल में तीन बार दो-दो हजार रुपये की किस्त जारी की जाती है। फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है। इस योजना में किसान परिवारों को अब तक 1.15 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जा चुके हैं।

 

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं देते हुए कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करने का आह्वान किया है। उन्होंने देश व समाज की भलाई के लिए काम करने का संकल्प लेने का भी आह्वान किया।

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राष्ट्रपति कोविंद ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, सभी देशवासियों को ईद मुबारक! यह त्योहार, आपसी भाईचारे और मेलजोल की भावना को मजबूत करने तथा स्वयं को मानवता
की सेवा के लिए फिर से समर्पित करने का अवसर है।

उन्होंने कोरोना के मद्देनजर सामूहिक प्रयास का आह्वान करते हुए कहा, आइए, हम कोविड-19 से निपटने के लिए सभी नियमों के पालन करने का तथा समाज व देश की भलाई के लिए काम करने का संकल्प लें।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अक्षय तृतीया, भगवान परशुराम जयंती और ईद के अवसर पर देशवासियों को  शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री ने देशवासियों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि हम सामूहिक प्रयास से कोरोना महामारी से लड़ाई जीत सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट संदेश में कहा, सभी देशवासियों को अक्षय तृतीया की मंगलकामनाएं। शुभ कार्यों की सिद्धि से जुड़ा यह पावन पर्व कोरोना महामारी पर विजय के हमारे संकल्प को साकार करने की शक्ति प्रदान करे।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, भगवान परशुराम की जयंती के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं।

मोदी ने ईद की बधाई देते हुए ट्वीट किया, ईद-उल-फितर के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं। सभी के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं। हमारे सामूहिक प्रयासों से हम वैश्विक महामारी को दूर कर सकते हैं और मानव कल्याण को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर सकते हैं। ईद मुबारक!

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नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने देश में कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर 27 जून को होने वाली सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा- 2021 को स्थगित कर दिया है.

अब, यह परीक्षा 10 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी. यूपीएससी ने गुरुवार को एक नोटिस जारी कर कहा, “नॉवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण मौजूदा परिस्थितियों के कारण, संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा- 2021 को टाल दिया है. यह परीक्षा 27 जून को आयोजित होनी थी. अब, यह परीक्षा 10 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी.”

 


इनपुट हिन्दुस्थान समाचार

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नई दिल्ली: जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने आज यहां ऐलान किया है कि देश के किसी भी हिस्से में ईद का चांद नजर नहीं आया है. इसलिए ईद शुक्रवार यानी 14 मई को मनाई जाएगी.

शाही इमाम ने आज बाद नमाजे-मगरिब जामा मस्जिद में आयोजित मरकजी रूयत-ए-हिलाल कमेटी की बैठक के बाद यह ऐलान किया. बैठक में दिल्ली की मस्जिदों के इमाम और मुस्लिम संगठनों के जिम्मेदार मौजूद थे. शाही इमाम ने कहा है कि कमेटी ने पश्चिम बंगाल, ओडीशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश औरत उत्तर प्रदेश आदि शहरों में चांद निकलने से सम्बंधित जानकारी एकत्र की है.

उन्होंने बताया कि कहीं से भी ईद का चांद निकलने की कोई खबर नहीं मिली है. इसलिए कमेटी ने फैसला लिया है कि भारत में 14 मई शुक्रवार को ईद मनाई जाएगी. शाही इमाम ने इस मौके पर देशवासियों को ईद की पेशगी मुबारकबाद (अग्रिम बधाई) भी दी है.

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नई दिल्ली: भारत में भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन का ट्रायल अब 2-18 साल के बच्चों में भी शुरू हो सकता है. विशेषज्ञों के एक पैनल ने मंगलवार को 2-18 आयुवर्ग के लिए कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के लिए मानव परीक्षण की सिफारिश की है.

भारत बायोटेक के आवेदन पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने प्रस्तावित दूसरे/तीसरे चरण के मानव परीक्षण की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की है. हालांकि अभी ट्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से इसकी मंजूरी मिलना बाकी है.

बता दें कि मंगलवार को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में भारत बायोटेक के प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया गया. भारत बायोटेक द्वारा दिए गए डेटा व बच्चों की सुरक्षा व वैक्सीन के प्रभाव के आकलन के बाद कमेटी ने यह फैसला लिया. मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक यह परीक्षण एम्स दिल्ली, पटना और नागपुर में किया जाएगा. 


इनपुट हिoसo

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ऋषिकेश: उत्तराखंड के जनपद टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. नगर पालिका के बहुउद्देशीय भवन सहित दो इमारतें जमींदोज हो गई हैं. पूरे क्षेत्र में मलबा भर गया है. इसकी पुष्टि देवप्रयाग के नगर पालिका अध्यक्ष श्रीकांत कोठियाल ने की है.
उन्होंने बताया कि शाम करीब 5:00 बजे करीब सांता नदी के ऊपर बादल फटने के बाद नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया. नदी में आए मलबे के कारण शांति बाजार में भारी तबाही हुई है. नगर पालिका का बहुउद्देश्यीय भवन व एक अन्य भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. मलबे से पूरा क्षेत्र पट गया है. पैदल पुल का भी कोई अता-पता नहीं चल रहा है. बिजली और पेयजल लाइन पूरी तरह हो ध्वस्त गई है.
उन्होंने बताया कि दुकानदारों और अन्य लोगों ने इधर-उधर सुरक्षित स्थानों की ओर भागकर अपनी जान बचाई. कोठियाल ने बताया कि बादल फटने के कारण अभी तक जनहानि का समाचार नहीं है. अगर यह मलबा आबादी के बीच आ जाता तो जनहानि हो सकती थी. आपदा प्रबंधन की टीम पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गई है. 
हिन्दुस्थान समाचार
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नई  दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि देश में कोरोना के नए मामले आने का राष्ट्रीय औसत 21 प्रतिशत है। देश के 310 जिलों में पॉजिटिविटी दर अभी 21 प्रतिशत से अधिक है। इस लिहाज से राज्यों को अभी तीन बातों पर फोकस करना चाहिए।
 आईसीएमआर के महानिदेशक मंगलवार को प्रेसवार्ता में बताया कि  राज्यों को  तीन बातों पर जोर देना चाहिए जिसमें  टेस्टिंग, आईसोलेशन और घर पर जांच की व्यवस्था शामिल है।  आईसीएमआर ऐसी पद्धति पर काम कर रहा है जिससे लोग घर पर ही आसानी से अपनी जांच कर सकें। राज्यों को टेस्टिंग पर जोर देना चाहिए। इसके लिए रैपिड एंटिजन टेस्ट का सहारा लिया जा सकता है। ज्यादा से ज्यादा रैपिड एंटिजन टेस्ट किए जाने चाहिए ताकि बीमारी को शुरुआती दौर में ही पकडा जाए और संक्रमितों को आईसोलेट किया जा सकें। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में रैपिड एंटिजन टेस्ट के साथ मोबाइल टेस्टिंग सेंटर के माध्यम से वहां टेस्ट की संख्या को बढ़ाया जा सकता है। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए संक्रमिक व्यक्ति को अलग करना भी आवश्यक है। इस पर भी राज्यों को जोर देना चाहिए।  
उन्होंने बताया कि देश में रोजाना 16 लाख आरटीपीसीआर टेस्ट करने की क्षमता है और 17 लाख रैपिड एंटिजन टेस्ट करने की क्षमता है। देश में करीब ढाई हजार से अधिक जांच लैब है जहां पर टेस्टिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि पहली व दूसरी लहर में युवाओं का संक्रमित होने की दर में ज्यादा फर्क नहीं है क्योंकि दूसरी लहर में ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं उससे लोगों में यह भ्रम फैल रहा है कि युवा इसकी चपेट में ज्यादा  आर रहे हैं। रही बात इसके असर की तो अभी वायरस के वेरियंट की तीव्रता पर अध्ययन चल रहा है। 
बुखार के साथ गला खराब, सिर दर्द, डायरिया हो तो टेस्ट जरूर करवाएं और खुद को अलग कर लें
डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि अगर किसी को इन दिनों बुखार, सांस लेने की दिक्कत, सिर व बदन दर्द की शिकायत हो या फिर स्वाद व गंध की ताकत चली गई हो वे लोग जांच अवश्य करवाएं । जांच रिपोर्ट आने का इंतजार करते हुए  परिवार के अन्य सदस्यों व लोगों से खुद को अलग कर लें।  उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के 10 दिनों बाद दोबारा टेस्ट करवाने की कोई आवश्यकता नहीं होती क्योंकि वायरस शरीर में तब तक मर जाता है। इसलिए नए दिशानिर्देश के तहत संक्रमण के दस दिन बाद या फिर रेपिड एंटिजन या आरटीपीआर टेस्ट में एक बार पॉजिटिव पाए जाने पर दोबारा जांच की आवश्यकता नहीं होती।
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जोधपुर (एजेंसी) : जेल में कोरोना संक्रमित होने के बाद एम्स में इलाज करा रहे आसाराम ने अपना इलाज आगे भी जारी रखने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट से दो महीने की अंतरिम जमानत मांगी है। आसाराम की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एम्स से आसाराम की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई 13 मई को होगी।
नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम का दूसरे बंदियों के साथ कोरोना सैंपल लिया गया था। पॉजिटिव आने के बाद आसाराम का ऑक्सीजन लेवल गिरना शुरू हो गया। बाद में उसे महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो दिन पूर्व उसे सुरक्षा कारणों से जोधपुर एम्स में शिफ्ट कर दिया गया था। वहां आसाराम की सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। अब आसाराम ने कोरोना की आड़ में हाईकोर्ट से दो माह की अंतरिम जमानत देने की मांग की है। आसाराम की याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेंद्र कच्छवाहा की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
आसाराम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल सिंह चौधरी ने तर्क दिया कि आसाराम कई बीमारियों से पीडित हैं और वह अपना इलाज आयुर्वेद पद्धति और दूसरे पद्धति से कराना चाहता हैं, इसलिए उसे दो महीने की अंतरिम जमानत दी जाए। खंडपीठ ने राजकीय अधिवक्ता अनिल जोशी को एम्स से आसाराम की मेडिकल रिपोर्ट अगली सुनवाई पर पेश करने के निर्देश दिए। इस मामले में अब अगली सुनवाई 13 मई को तय की गई है। आसाराम ने पूर्व में भी खुद को 12 बीमारियां बताते हुए केरल के आयुर्वेद केंद्र से इलाज के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया था।

 

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नई दिल्‍ली: वित्‍त वर्ष 2021-22 के बजट में ‘राज्‍यों को अंतरण’ शीर्षक के तहत टीकाकरण के लिए आवंटित 35 हजार करोड़ रुपये का कोविड-19 के टीके पर इस्तेमाल करने में केंद्र पर कोई रोक नहीं है। वित्‍त मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट करके ये स्‍पष्‍ट किया है।

वित्‍त मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक अप्रैल से शुरू चालू वित्त वर्ष (2020-21) के लिए अनुदान मांगों की संख्या 40 में प्रशासनिक सुविधाओं के लिहाज से ‘राज्‍यों को अंतरण’ शीर्षक तहत 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मंत्रालय ने स्‍पष्‍ट करते हुए कहा कि ये एक सुविधा है कि इस पर व्यय के तिमाही नियंत्रण वाले प्रतिबंध लागू नहीं होते हैं। इससे ये भी फायदा रहता है कि केंद्र सरकार टीके खरीदकर उन्हें राज्यों को अनुदान के तौर पर दे सकता है।

इसके साथ ही वित्‍त मंत्रालय ने ऐसी खबरों का खंडन किया है कि केंद्र सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण के लिए कोई राशि का प्रावधान नहीं किया है। मंत्रालय ने कहा है कि ‘वास्तव में टीकों की खरीद और उसके लिए भुगतान भी केंद्र सरकार द्वारा इसी खाते (राज्यों को अंतरण के तहत अनुदान मांग संख्या 40) से किया जा रहा है।’ गौरतलब है कि मीडिया में इस तरही की खबरें आ रही थी, जिसका खंडन वित्‍त मंत्रालय ने किया है।

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