गुवाहाटी, 3 जुलाई (हि.स.)। गुवाहाटी पुलिस ने कामाख्या मंदिर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में मृतक राजा रघुवंशी की बहन श्रृष्टि रघुवंशी और एक टीवी एंकर को नया समन जारी किया है। पहले जारी नोटिस के बावजूद दोनों आरोपित पूछताछ के लिए पुलिस के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे।

यह मामला क्राइम ब्रांच में केस संख्या 04/2025 के तहत दर्ज किया गया है, जिसमें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 196(2)/299/302 के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है। आरोप है कि एक टीवी इंटरव्यू के दौरान श्रृष्टि रघुवंशी की ओर से कामाख्या देवी मंदिर के संबंध में भ्रामक और अपमानजनक बयान दिए गए थे।

संयुक्त पुलिस आयुक्त अंकुर जैन के अनुसार, जांच अधिकारी ने 13 जून को बीएनएसएस की धारा 35(3) के तहत नोटिस भेजा था, जिसमें 23 और 24 जून को क्राइम ब्रांच थाना में उपस्थित होने को कहा गया था। लेकिन एफआईआर में नामित न्यूज़ चैनल की एंकर और इंदौर निवासी श्रृष्टि रघुवंशी अब तक जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं।

दरअसल, यह विवाद तब शुरू हुआ जब प्रसारित इंटरव्यू में एंकर ने कथित रूप से मां कामाख्या मंदिर को लेकर “असत्यापित और अत्यधिक आपत्तिजनक” बयान दिए। जबकि श्रृष्टि रघुवंशी ने एंकर के इन बयानों का समर्थन किया। इन टिप्पणियों से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और समाज में शांति व सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका है। दोनों के बयान असम के हिंदू समुदाय की आस्था के प्रतीक मां कामाख्या मंदिर के खिलाफ हैं, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

बहरहाल, पहले समन की अवहेलना के बाद पुलिस अब कानूनी रूप से और सख्त विकल्पों पर विचार कर रही है। फिलहाल मामले की जांच जारी है।

0Shares

नई दिल्ली, 3 जुलाई (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक 4 से 6 जुलाई तक दिल्ली के केशवकुंज स्थित संघ कार्यालय में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में संघ के कुल 233 पदाधिकारी शामिल होंगे। इसमें प्रांत प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक, क्षेत्र प्रचारक और विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री भाग लेंगे।

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने गुरुवार को केशवकुंज में पत्रकार वार्ता में बताया कि इस बैठक में संगठनात्मक समीक्षा, आगामी योजनाओं तथा संघ के शताब्दी वर्ष (2025-26) की व्यापक तैयारियों पर विशेष चर्चा की जाएगी। यह शताब्दी वर्ष आगामी विजयादशमी (2 अक्टूबर 2025) से प्रारंभ होकर विजयादशमी 2026 तक चलेगा। बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, सी.आर. मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त, आलोक कुमार और अतुल लिमये सहित सभी विभाग प्रमुख एवं कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहेंगे। साथ ही संघ प्रेरित 32 संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री भी भाग लेंगे।

आंबेकर ने बताया कि इस वर्ष मार्च से जून के बीच “ज्वाइन आरएसएस” के माध्यम से 28,571 नए लोग संपर्क में आए हैं। इसके अतिरिक्त देशभर में 100 प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किए गए, जिनमें अधिकतर युवा स्वयंसेवक शामिल थे।

संघ के शताब्दी वर्ष के तहत देशभर में खंड, बस्ती और मंडल स्तर पर हिंदू सम्मेलन, सामाजिक सद्भाव बैठकें, नागरिक गोष्ठियां और विशेष संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विजयादशमी 2025 को नागपुर में मुख्य कार्यक्रम होगा, जिसमें सरसंघचालक स्वयं उपस्थित रहेंगे।

संघ स्वयंसेवकों द्वारा 20 दिन का गृह संपर्क अभियान भी चलाया जाएगा, जिसमें वे घर-घर जाकर साहित्य सामग्री के माध्यम से संवाद करेंगे। यह अभियान नवंबर के बाद शुरू होगा। वहीं शताब्दी वर्ष में सरसंघचालक के प्रवास को लेकर उन्होंने कहा कि 2018 में दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम की तर्ज पर सरसंघचालक का 4 महानगरों में विशेष संवाद कार्यक्रम होगा। इसमें दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई और कोलकाता शामिल हैं। इसमें समाज के प्रमुख लोगों को भी आमंत्रित किया जाएगा।

संघ की इस बैठक को संगठनात्मक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें अगले वर्ष की दिशा, कार्यक्रम और समाज में प्रभावी पहुंच सुनिश्चित करने की रणनीति तय की जाएगी। संवाददाता सम्मेलन में अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर और प्रदीप जोशी भी उपस्थित थे।

0Shares

New Delhi, 3 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना में सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किए जाने पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसे पूरे देश के लिए सम्मान की बात बताई।

यह हम सभी के लिए बहुत गर्व की बात है: गडकरी 

गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि यह हम सभी के लिए बहुत गर्व की बात है क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया। यह पूरे देश के लिए बहुत सम्मान की बात है। यह सम्मान हमारे युवाओं की आकांक्षाओं, हमारी सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और भारत एवं घाना के बीच स्थायी ऐतिहासिक संबंधों का जश्न है।

प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों आठ दिवसीय विदेश यात्रा पर हैं

प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों आठ दिवसीय विदेश यात्रा पर हैं, जिसकी शुरुआत घाना से हुई है। इसके बाद वे त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया सहित पांच देशों की यात्रा करेंगे। इस दौरान वे संबंधित देशों के राष्ट्राध्यक्षों और प्रमुख नेताओं से मुलाकात करेंगे, जिसमें आपसी सहयोग, विकास के मुद्दे और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे। यात्रा की रूपरेखा इस तरह से तैयार की गई है कि ‘ग्लोबल साउथ’ को लेकर भारत की रणनीति को और अधिक सशक्त किया जा सके।

 

0Shares

New Delhi, 3 जुलाई (हि.स.)। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने गुरुवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर एडमिरल त्रिपाठी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक ‘राजमुद्रा’ की प्रतिकृति उपराष्ट्रपति को भेंट स्वरूप प्रस्तुत की। उपराष्ट्रपति के एक्स हैंडल पर मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए यह जानकारी दी गई।

राजमुद्रा मराठा साम्राज्य की गौरवपूर्ण विरासत और प्रशासनिक दूरदर्शिता की प्रतीक मानी जाती है

यह राजमुद्रा मराठा साम्राज्य की गौरवपूर्ण विरासत और प्रशासनिक दूरदर्शिता की प्रतीक मानी जाती है। इस पर अंकित संस्कृत श्लोक का अर्थ है, शाहजी के पुत्र शिवाजी की यह मुहर, सभी के कल्याण के लिए चमकती है, पहली रात के अर्धचंद्र की तरह, जो पूरे विश्व में निरंतर फैलती और पूजनीय है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने नीति और राष्ट्रभक्ति को याद किया

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस भेंट को ऐतिहासिक और प्रेरणादायक बताते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन, नीति और राष्ट्रभक्ति को याद किया। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज का जीवन आज भी जनसेवा, नीतिपूर्ण प्रशासन और आत्मगौरव का पथप्रदर्शक है।

राजमुद्रा की यह प्रतीकात्मक भेंट भारतीय नौसेना और मराठा साम्राज्य के बीच उस गौरवपूर्ण सामुद्रिक परंपरा को भी रेखांकित करती है, जिसकी नींव स्वयं शिवाजी महाराज ने रखी थी।

0Shares

New Delhi: राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (एनआईपीसीसीडी) का आधिकारिक तौर पर नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान कर दिया गया है। यह कदम संस्थान की उभरती भूमिका और देश भर में महिलाओं व बच्चों के विकास के लिए क्षेत्र-विशिष्ट, मिशन-संचालित मदद पर अधिक ध्यान केंद्रित करने को दर्शाता है। यह परिवर्तन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी के दूरदर्शी नेतृत्व में हुआ है।

4 जुलाई, 2025 को झारखंड के रांची में एक नए क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन किया जाएगा

संपर्क और क्षेत्रीय क्षमता निर्माण को मजबूत करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम के अंतर्गत, 4 जुलाई, 2025 को झारखंड के रांची में एक नए क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन किया जाएगा। यह केंद्र मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रमों-मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के विशेष प्रशिक्षण और अनुसंधान आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इसमें विशेष रूप से झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अब तक इन राज्यों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को आंशिक रूप से गुवाहाटी और लखनऊ स्थित क्षेत्रीय केंद्रों के माध्यम से पूरा किया जाता था जिससे लंबी यात्रा दूरी के कारण कई पदाधिकारियों के लिए रसद संबंधी चुनौतियां उत्पन्न होती थीं। यह नया क्षेत्रीय केंद्र, बाल मार्गदर्शन और परामर्श में एडवांस डिप्लोमा भी प्रदान करेगा और इन राज्यों में अग्रिम पंक्ति के पदाधिकारियों के लिए बेहतर पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा। अनुमान है कि चारों राज्यों के 115 जिलों में फैले मंत्रालय के मिशनों के अंतर्गत सात लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।

एनआईपीसीसीडी का नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान

अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि एनआईपीसीसीडी का नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान करना भारत के अग्रणी समाज सुधारकों में से एक की विरासत को श्रद्धांजलि है और महिला एवं बाल-केंद्रित विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। नए क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रांची में नए क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन पूर्वी क्षेत्र में विकेंद्रीकृत, क्षेत्र-विशिष्ट क्षमता निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह केंद्र न केवल हमारे अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण और सहायता तक बेहतर पहुंच प्रदान करके सशक्त करेगा, बल्कि जमीनी स्तर पर हमारे प्रमुख मिशनों को भी मजबूत करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में कोई भी महिला या बच्चा पीछे न छूटे।

रांची में नया क्षेत्रीय केंद्र न केवल प्रशिक्षण सेवाओं को क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के करीब लाएगा, बल्कि स्थानीय मुद्दों की पहचान, अनुकूलित हस्तक्षेप और पूर्वी क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण के लिए बेहतर संसाधन उपयोग को भी साकार करेगा। यह केंद्र बाल विकास, मानसिक स्वास्थ्य और किशोर कल्याण से संबंधित अनुसंधान, परामर्श और विस्तार गतिविधियों के लिए भी मददगार साबित होगा। यह कदम अंतिम छोर तक सेवाओं की आपूर्ति, क्षेत्र-विशिष्ट क्षमता निर्माण और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के नेतृत्व में एक समावेशी, सशक्त एवं स्वस्थ भारत के निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

एनआईपीसीसीडी का नाम अब सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान रखा गया है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और वर्तमान में इसके क्षेत्रीय केंद्र बैंगलोर, गुवाहाटी, लखनऊ, इंदौर और मोहाली में हैं। यह महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में प्रशिक्षण, अनुसंधान, दस्तावेज़ीकरण और क्षमता निर्माण के लिए शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करता है। संस्थान अपने ऑनलाइन और भौतिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न प्रमुख योजनाओं के तहत कार्यान्वयन तंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

0Shares

New Delhi, 02 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अब से कुछ देर पहले पांच देशों की यात्रा पर नई दिल्ली से रवाना हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया के लिए प्रस्थान करने से पहले जारी वक्तव्य में कहा, ”मेरी इन देशों की यात्रा से वैश्विक दक्षिण में भारत के मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे।” प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य को भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने जारी किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी साझा किया है।

घाना वैश्विक दक्षिण में मूल्यवान भागीदार

उन्होंने लिखा है, ” आज, मैं 02 से 09 जुलाई 2025 तक घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की पांच देशों की यात्रा पर जा रहा हूं। राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के निमंत्रण पर मैं 02-03 जुलाई को घाना जाऊंगा। घाना वैश्विक दक्षिण में एक मूल्यवान भागीदार है और अफ्रीकी संघ और पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मैं अपने आदान-प्रदान की प्रतीक्षा कर रहा हूं जिसका उद्देश्य हमारे ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करना और निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, क्षमता निर्माण और विकास साझेदारी के क्षेत्रों सहित सहयोग के नए द्वार खोलना है। साथी लोकतंत्रों के रूप में, घाना की संसद में बोलना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।”

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से मिलने का इंतजार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” पोर्ट ऑफ स्पेन से मैं ब्यूनस आयर्स की यात्रा करूंगा। यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है और जी-20 में एक करीबी सहयोगी है। मैं राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ अपनी चर्चा का इंतजार कर रहा हूं, जिनसे मुझे पिछले साल मिलने का सौभाग्य भी मिला था। हम कृषि, महत्वपूर्ण खनिजों, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्रों सहित अपने पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”

भारत ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्ध

उन्होंने कहा, ” मैं 06-07 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा। एक संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्ध है। साथ मिलकर, हम एक अधिक शांतिपूर्ण, न्यायसंगत, लोकतांत्रिक और संतुलित बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करते हैं। शिखर सम्मेलन के दौरान, मैं कई विश्व नेताओं से भी मिलूंगा। मैं एक द्विपक्षीय राजकीय यात्रा के लिए ब्रासीलिया की यात्रा करूंगा, जो लगभग छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। यह यात्रा ब्राजील के साथ हमारी घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करने और मेरे मित्र, राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ मिलकर ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।”

नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र करेंगे संबोधित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ” मेरा अंतिम गंतव्य नामीबिया होगा। एक विश्वसनीय भागीदार जिसके साथ हम उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष का एक साझा इतिहास साझा करते हैं। मैं राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मिलने और हमारे लोगों, हमारे क्षेत्रों और व्यापक वैश्विक दक्षिण के लाभ के लिए सहयोग के लिए एक नया रोडमैप तैयार करने के लिए उत्सुक हूं। नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना भी एक विशेषा अवसर होगा क्योंकि हम स्वतंत्रता और विकास के लिए अपनी स्थायी एकजुटता और साझा प्रतिबद्धता का जश्न मनाते हैं।”

बहुपक्षीय मंचों पर भागीदारी होगी गहरी

प्रधानमंत्री ने कहा, ”मुझे विश्वास है कि इन पांच देशों की मेरी यात्रा से वैश्विक दक्षिण में हमारी मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे। अटलांटिक के दोनों ओर हमारी साझेदारी मजबूत होगी। ब्रिक्स, अफ्रीकी संघ, इकोवास और कैरीकॉम जैसे बहुपक्षीय मंचों पर हमारी भागीदारी और गहरी होगी।”

0Shares

जम्मू, 02 जुलाई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज श्री अमरनाथ की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई। इसी के साथ अमरनाथ यात्रा आरंभ हो गई। उपराज्यपाल सिन्हा ने इससे पहले जम्मू के यात्री निवास बेस कैंप में पूजा-अर्चना की। बेस कैंप से तीर्थयात्रियों के रवाना होते ही हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारे गूंजे।

जम्मू स्थित भगवती नगर आधार शिविर से आज सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच कुल 5892 श्रद्धालु घाटी के लिए रवाना हुए। इसमें 2487 श्रद्धालु बालटाल मार्ग के लिए जबकि 3403 पहलगाम मार्ग के लिए रवाना हुए। कश्मीर घाटी से श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की यात्रा तीन जुलाई को शुरू होगी। यात्रा बालटाल और पहलगाम मार्ग से संचालित की जा रही है। जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग तीर्थयात्रियों के लिए मंदिर जाने का प्रमुख मार्ग है।

अमरनाथ तीर्थयात्रियों के प्रथम जत्थे में शामिल शालू ने कहा कि शानदार व्यवस्था की गई है। वह पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रही हैं। एक अन्य श्रद्धालु आकांक्षा ने कहा कि हमने पहले जत्थे का हिस्सा बनने की योजना बनाई थी। हमें डर नहीं था और हम जानते थे कि सुरक्षा पर्याप्त होगी। व्यवस्था बहुत अच्छी है। श्रद्धालु सुमन घोष ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि सभी को शांति से दर्शन मिलें। डरने की कोई बात नहीं है। भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बल यहां मौजूद हैं।

इस अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड और जम्मू-कश्मीर के निवासियों ने अपने कर्तव्यों का बखूबी पालन किया है। 2022 से अमरनाथ यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में सुधार किया गया है। गुफा तक जाने वाले दोनों मार्ग पहले छह फीट चौड़े थे जो अब 12 फीट चौड़े हैं। मार्ग पर पहले अंधेरा रहता था अब ग्रिड कनेक्टिविटी स्थापित हो गई है।

उन्होंने कहा कि पूरे रास्ते में दूरसंचार कनेक्टिविटी हो गई है। यात्रा के लाइव फीड के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे लगाए गए हैं। राजभवन और पुलिस नियंत्रण कक्ष में एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र से यात्रा की 24/7 निगरानी की जाएगी। आरएफआईडी-आधारित ट्रैकिंग प्रणाली स्थापित की गई है।

भाजपा नेता सत शर्मा ने कहा कि हजारों श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए यहां आए हैं। दो महीने पहले अलग माहौल बना था लेकिन आज हम देख सकते हैं कि श्रद्धालु किस तरह बाबा भोले के नारे लगा रहे हैं। लोगों को भरोसा है कि वे सुरक्षित हाथों में हैं।

0Shares

श्रीनगर, 30 जून (हि.स.)। अमरनाथ के यात्रा मार्गों पर हाई-टेक गैजेट की तैनाती सहित कई शीर्ष स्तरीय सुरक्षा व्यवस्थाएं की गई हैं। पहली बार यात्रा के पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर रणनीतिक स्थानों पर चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली (एफआरएस) लगाई गई है। इस तकनीक की स्थापना के परिणाम पहले ही सामने आ चुके हैं, जिसमें 19 जून को आतंकवादी संगठनों के दो ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की गिरफ्तारी की गई है। सिस्टम की स्थापना में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि जैसे ही कोई भी ब्लैक लिस्टेड व्यक्ति फ्रेम में आता है, सुरक्षा बलों द्वारा संचालित निगरानी केंद्र पर हूटर बज जाएगा, ताकि वास्तविक समय में खतरे को खत्म करने के लिए कदम उठाए जा सकें। इसके अलावा कश्मीर घाटी से गुजरने वाले पूरे यात्रा मार्ग को नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया है, क्योंकि अधिकारियों ने 1 जुलाई से 10 अगस्त तक इन क्षेत्रों में किसी भी यूएवी या ड्रोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

दक्षिण कश्मीर के हिमालय में भगवान शिव का निवास माने जाने वाले अमरनाथ जी के पवित्र गुफा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और रक्षा बंधन के साथ 9 अगस्त को समाप्त होगी। इस साल यात्रा की अवधि पिछले साल के 52 दिनों के मुकाबले घटाकर 38 दिन कर दी गई है। लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा पिछले एक हफ्ते से बेस कैंप का दौरा करके तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं।

सिन्हा ने सोमवार को बालटाल बेस कैंप में संवाददाताओं से कहा कि मैंने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद मैं कह सकता हूं कि इस साल व्यवस्थाएं काफी बेहतर हैं। सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय अच्छा है और वे सभी सतर्क हैं। हालांकि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भी इस साल की तीर्थयात्रा के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है, लेकिन अधिकारी कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं और कई अन्य उपायों के साथ सुरक्षा को मजबूत किया है।

इसके अलावा मार्गों पर चलने वाले सभी वाहनों और व्यक्तिगत तीर्थयात्रियों को रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान तकनीक से टैग किया जाएगा, जो उनकी आवाजाही पर नज़र रखने में मदद करेगा। अधिकारियों ने कहा कि जम्मू से पवित्र गुफा तक के पूरे मार्ग को सीसीटीवी निगरानी में लाया गया है और सभी आधार शिविरों के आसपास तीन-स्तरीय सुरक्षा कवच लगाया गया है। जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर स्थिर सुरक्षा ड्यूटी के लिए बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है। राजमार्ग से जुड़ने वाली लिंक सड़कों पर कुछ संवेदनशील स्थानों पर भी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। सुबह से देर रात तक वाहनों की रैंडम जांच की जा रही है।

अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर पहले भी कई आतंकवादी हमले हो चुके हैं। अगस्त, 2000 में नुनवान बेस कैंप पर हुए आतंकी हमले में दो दर्जन अमरनाथ तीर्थयात्रियों सहित 32 लोग मारे गए थे, जबकि जुलाई, 2001 में एक अन्य हमले में 13 लोग मारे गए थे जब आतंकवादियों ने यात्रा के शेषनाग बेस कैंप पर हमला किया था। 2002 में चंदनवारी बेस कैंप पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 11 तीर्थयात्री मारे गए थे। जुलाई, 2017 में कुलगाम जिले में अमरनाथ यात्रा बस पर हुए हमले में आठ तीर्थयात्री मारे गए थे।

0Shares

Hyderabad, 30 जून (हि.स.)। संगारेड्डी जिले के पशमिलाराम औद्योगिक क्षेत्र की सिगाची केमिकल इंडस्ट्री में सोमवार तड़के भीषण विस्फोट हुआ, जिससे आग लग गई। इस दुर्घटना में पांच मजदूरों की घटनास्थल पर मौत हो गई, जबकि 20 कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए। एक अन्य घायल ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सभी छह मृतकों की भी तक पहचान नहीं पाई है।

हादसे के समय 100 से अधिक मजदूर शिफ्ट में थे

संगारेड्डी की जिला कलेक्टर प्रवीण्या और एसपी परितोष ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को राहत उपायों पर कई सुझाव दिए। हादसे के समय 100 से अधिक मजदूर शिफ्ट में थे। उन्होंने बताया कि हादसे में घायल हुए लोगों को चंदननगर और इस्नापुर के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर है। 11 दमकल गाड़ियों के साथ दमकलकर्मी मौके पर पहुंच गए हैं और आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य राजस्व, एनडीआरएफ के दल घटना स्तर पर पहुंच गए हैं।

प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए क्षेत्र को खाली करवाना शुरू कर दिया है

हादसे की खबर मिलते ही मजदूरों के परिजन फैक्ट्री के बाहर जमा हो गए हैं। प्रशासन की ओर से लोगों को घटनास्थल से दूर रहने की सलाह दी गई। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है और हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। चश्मदीदों के अनुसार उद्योग से तेज दुर्गंध आ रही है। इससे आसपास के इलाकों के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फैक्ट्री और आसपास के क्षेत्र को प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खाली करवाना शुरू कर दिया है।

0Shares

Jammu and Kashmir, 30 जून (हि.स.)। जम्मू संभाग में भारी बारिश के बाद चिनाब नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण अधिकारियों ने जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में सलाल बांध के कई स्पिलवे गेट खोल दिए हैं। अतिरिक्त पानी को सुरक्षित रूप से निकालने और नीचे की ओर किसी भी संभावित बाढ़ को रोकने के लिए गेट खोले गए हैं। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से नदी के किनारों से दूर रहने और सभी सुरक्षा निर्देशों का पालन करने का आग्रह करते हुए निर्देश जारी किए हैं।

महानिरीक्षक (डीआईजी)  ने लोगों से की अपील

इससे पहले बताया गया था कि जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण चिनाब नदी का जल स्तर बढ़ गया है जिससे बगलिहार जलविद्युत परियोजना में पानी भर गया है। डोडा-किश्तवाड़-रामबन रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) श्रीधर पाटिल ने स्थिति को स्वीकार किया और लोगों से नदियों और उफनती धाराओं से दूर रहने का आग्रह किया। डीआईजी पाटिल ने कहा कि आप सभी ने देखा होगा कि चिनाब नदी में जलस्तर बढ़ गया है। मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि नदियों के पास न जाएं, जलस्तर बहुत अधिक है। खुद को जोखिम में न डालें।

0Shares

जम्मू, 30 जून (हि.स.)। पवित्र अमरनाथ यात्रा के जम्मू आधार शिविर यात्री निवास (बेस कैंप) में आज आगामी तीर्थयात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए ट्रायल रन किया गया। इस दौराान बसों को अभूतपूर्व सुरक्षा के साथ रवाना किया गया। यह जानकारी जम्मू के डिप्टी कमिश्नर अचिन कुमार वैश्य ने दी।

उन्होंने तीर्थयात्रियों से बड़ी संख्या में आने की अपील की है। वैश्य ने कहा आधार शिविर में समुचित व्यवस्था की गई है। 38 दिवसीय तीर्थयात्रा 03 जुलाई को बालटाल और पहलगाम से शुरू होगी। अचिन वैश्य ने बताया कि आज सरस्वती धाम में टोकन वितरित किए जाएंगे।

इससे पहले रविवार को सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय सेना, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जम्मू-कश्मीर राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने संयुक्त मॉक भूस्खलन अभ्यास किया। यह अभ्यास जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ समरोली, तोल्डी नाला में किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू में ऐतिहासिक मंडी राम मंदिर बम बम भोले के नारों से गूंज रहा है। तीर्थयात्रा से पहले देश भर से साधु यहां पहुंच रहे हैं। यह लोग 12,700 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। राम मंदिर में आवास, भोजन, पानी और स्वच्छता की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

0Shares

नई दिल्ली, 29 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आपातकाल की 50वीं बरसी पर उसके काले अध्याय को याद किया और कहा कि यह सिर्फ संविधान की हत्या नहीं थी, बल्कि न्यायपालिका को भी गुलाम बनाने का प्रयास था। उन्होंने उन हजारों लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने अत्याचारों का सामना करते हुए लोकतंत्र की रक्षा की।

प्रधानमंत्री ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 123वें एपिसोड में अनेक विषयों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने हाल के दिनों में देश में हुए सकारात्मक बदलावों, सांस्कृतिक पर्वों, सामाजिक सहभागिता, महिलाओं की प्रगति, पर्यावरण संरक्षण और भारत की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए देशवासियों को गर्व और प्रेरणा का अनुभव कराया।

प्रधानमंत्री ने आपातकाल की 50वीं बरसी पर लोकतंत्र की रक्षा में जुटे लोगों को याद किया। मोदी ने कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया। आप कल्पना कर सकते हैं कि वह दौर कैसा था। आपातकाल लगाने वालों ने ना सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी गुलाम बनाए रखने का था। इस दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया था। इसके ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई, बाबू जगजीवन राम और अटल बिहारी वाजपेयी के पुराने ऑडियो भी साझा किए, जिनमें उन्होंने उस दौर की भयावहता को स्पष्ट किया।

उन्होंने कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस साहब को जंजीरों में बांधा गया था। अनेक लोगों को कठोर यातनाएं दी गई। मीसा के तहत किसी को भी ऐसे ही गिरफ्तार कर लिया जाता था। छात्रों को भी परेशान किया गया। अभिव्यक्ति की आजादी का भी गला घोंट दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उस दौर में जो हजारों लोग गिरफ्तार किए गए उन पर ऐसे ही अमानवीय अत्याचार हुए लेकिन यह भारत की जनता का सामर्थ्य है कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं किया। आखिरकार, जनता-जनार्दन की जीत हुई-आपातकाल हटा लिया गया और आपातकाल थोपने वाले हार गए। मोदी ने कहा, “यह भारत की जनता का सामर्थ्य था कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं किया।”

25 जून को लागू किए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार द्वारा इसे “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाया गया। मोदी ने कहा कि देश पर आपातकाल थोपे जाने के 50 वर्ष कुछ दिन पहले ही पूरे हुए हैं। हम देशवासियों ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाया है। हमें हमेशा उन सभी लोगों को याद करना चाहिए, जिन्होंने आपातकाल का डट कर मुकाबला किया था। इससे हमें अपने संविधान को सशक्त बनाए रखने के लिए निरंतर सजग रहने की प्रेरणा मिलती है।

प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की भव्यता का वर्णन करते हुए बताया कि इस बार योग दिवस पर तीन लाख लोगों ने विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर एक साथ योग किया। दो हजार से अधिक आदिवासी छात्रों ने 108 मिनट तक सूर्य नमस्कार किए। दिल्ली में यमुना के किनारे योग को स्वच्छता के संकल्प से जोड़ा गया। हिमालय की बर्फीली चोटियों से लेकर नौसेना के जहाजों तक, योग हर जगह हुआ। इस बार की थीम ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ को उन्होंने वैश्विक एकता और भारतीय संस्कृति का सन्देश बताया।

प्रधानमंत्री ने तीर्थ यात्राओं में सेवा की भावना का उल्लेख करते हुए कहा कि जब लोग तीर्थ पर निकलते हैं, तो हजारों लोग सेवा में लग जाते हैं — भोजन, पानी, चिकित्सा और आश्रय जैसी व्यवस्थाएं भाव से की जाती हैं। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने और अमरनाथ यात्रा, जगन्नाथ रथ यात्रा जैसे आयोजनों की चर्चा की और सेवा भाव से जुड़े लोगों की सराहना की। उन्होंने देश को ट्रेकोमा रोग से मुक्त घोषित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की और बताया कि यह उपलब्धि स्वच्छता, जल की आपूर्ति और स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत से संभव हुई है। उन्होंने बताया कि अब देश की लगभग 64 प्रतिशत जनसंख्या को किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा है, जो 2015 से पहले सिर्फ 25 करोड़ लोगों तक सीमित था।

असम के बोडोलैंड क्षेत्र में हो रहे फुटबॉल टूर्नामेंट का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं की ऊर्जा, एकता और आत्मविश्वास की सराहना की। उन्होंने कहा कि कभी संघर्ष का प्रतीक रहे इस क्षेत्र के युवा अब खेलों के माध्यम से देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने तेलंगाना के भद्राचलम की महिलाओं द्वारा बनाए गए बाजरे के बिस्किट और सस्ते सैनिटरी पैड की जानकारी दी। कर्नाटक के कलबुर्गी की महिलाओं द्वारा तैयार की जा रही ज्वार की रोटियों को भी उन्होंने एक मिसाल बताया, जो अब शहरों तक पहुंच रही हैं। मध्यप्रदेश की सुमन उइके द्वारा मशरूम उत्पादन और ‘दीदी कैंटीन’ के ज़रिए आत्मनिर्भरता की कहानी भी उन्होंने साझा की।

उन्होंने मेघालय के एरी रेशम को भौगोलिक संकेतक टैग मिलने पर खुशी जताई और इसे पर्यावरण के अनुकूल, शांति का प्रतीक बताया। उन्होंने लोगों से खादी, हथकरघा और भारत में बने उत्पादों को अपनाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियों को वियतनाम में दर्शनार्थ ले जाने और वहां पर डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों द्वारा दर्शन किए जाने को भारत की सांस्कृतिक विरासत की वैश्विक मान्यता बताया।

पर्यावरण के क्षेत्र में पुणे के रमेश खर्माले द्वारा पहाड़ियों पर जल संरक्षण और वृक्षारोपण, अहमदाबाद में ‘सिंदूर वन’ और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी को पर्यावरण रक्षा में भागीदारी की प्रेरणा दी। महाराष्ट्र के ‘पटोदा’ गांव को उन्होंने अनुकरणीय बताया जो एक कार्बन न्यूट्रल ग्राम पंचायत बन चुका है।

कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने भारत की अंतरिक्ष में हाल की सफलता की ओर संकेत किया और कहा कि भारत हर क्षेत्र में नया इतिहास रच रहा है। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत, महिला सशक्तिकरण, स्वदेशी उत्पादों के समर्थन और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर अपने विचार दोहराते हुए देशवासियों से सकारात्मक योगदान की अपील की।

0Shares