मुंबई: आयकर विभाग ने टैक्स चोरी में संलिप्त चीनी मोबाइल फोन निर्माताओं के देशभर में स्थित विभिन्न ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी की। चीनी मोबाइल ओप्पो और एमआई के मुंबई, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, बेंगलुरु, हैदराबाद और अन्य शहरों में स्थित दफ्तरों पर सुबह 9 बजे से एकसाथ छापेमारी शुरू हुई।

सूत्रों के अनुसार चीनी मोबाइल कंपनी एमआई और ओप्पो समेत कई अन्य कंपनियों से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों, निदेशकों और सीएफओ समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी हुई है। बतौर आयकर विभाग इन चीनी कंपनियों के कई निर्माण इकाइयों, कॉरपोरेट दफ्तरों और गोदामों में छापेमारी की गई। इस साल अगस्त में उपकरण बनाने वाली चीनी कंपनी जेटीई पर गुरुग्राम में आयकर विभाग ने कार्रवाई की थी। कंपनी के इंडिया चीफ से भी आयकर विभाग ने पूछताछ की थी। आयकर विभाग ने टैक्स अनियमितता का पता चलने के बाद यह कार्रवाई शुरू की। हाल ही में मोबाइल फोन, लोन एप्लिकेशन और ट्रांसपोर्ट बिजनेस में शामिल कई चीनी कंपनियों पर केंद्रीय जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की थी।

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– टीथवाल सेक्टर में एलओसी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करके कई दिनों से तेज किया निर्माण

– भारतीय नागरिक भी तीन दिनों से लाउडस्पीकर के जरिये निर्माण रोकने की लगा रहे गुहार

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब किये जा रहे निर्माण कार्यों की तर्ज पर अब पाकिस्तान ने भी जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में पड़ने वाले टीथवाल सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक अवैध तरीके से सड़क का निर्माण शुरू किया है। एलओसी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करके किये जा रहे इस निर्माण कार्य पर भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने आपत्ति जताते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी है। भारतीय नागरिक भी पिछले तीन दिनों से लगातार लाउडस्पीकर के जरिये सड़क का निर्माण रोकने की चेतावनी दे रहे हैं लेकिन सड़क का निर्माण बदस्तूर है।

नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय बाड़ और जीरो लाइन के बीच कई गांव हैं। पाकिस्तान ने सीमा पर बाड़ नहीं बनाई है लेकिन उसके क्षेत्र में भी कई गांव जीरो लाइन के पास हैं। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में पड़ने वाले टीथवाल सेक्टर में 13 गांव भारतीय बाड़ के सामने हैं। भारतीय सीमा पर बाड़ और जीरो लाइन के बीच की कुल संख्या 60 गांव होने का अनुमान है। राजौरी से बांदीपोरा तक नियंत्रण रेखा से सटे जिलों में कम से कम दस लाख लोगों की आबादी है। 2005 में कश्मीर में आए भूकंप के बाद पाकिस्तान और भारत ने आधिकारिक तौर पर पांच क्रॉसिंग पॉइंट नौसेरी-टिथवाल, चकोटी-उरी, हाजीपुर-उरी, रावलकोट-पुंछ और तत्तापानी-मेंढर नामित किए। इसके अलावा 2011 में एक अध्यादेश पारित करके व्यापारिक गतिविधियों के लिए चकोठी-सलामाबाद और रावलकोट (टिट्रिनोट)-पुंछ (चक्कन-दा-बाग) बॉर्डर तय किये गए।

जम्मू और कश्मीर क्रॉस एलओसी ट्रैवल एंड ट्रेड अथॉरिटी एक्ट, 2016 के अनुसार रावलकोट-पुंछ, चकोठी-उरीक, चिलियाना-टीथवाल, तत्ता पानी-मेंढर, हाजी पीर–सिली कोट क्रॉसिंग पॉइंट सूचीबद्ध किये गए हैं। भारतीय और पाकिस्तानी सेना इन क्रॉसिंग पॉइंट्स का उपयोग फ्लैग मीटिंग और विशेष अवसरों और त्योहारों के दौरान मिठाइयों के आदान-प्रदान के लिए करते हैं। इसमें टीथवाल क्रॉसिंग मुजफ्फराबाद और कुपवाड़ा के बीच नीलम नदी के पार है। यह आमतौर पर केवल गर्मियों के महीनों के दौरान खुली रहती है। अन्य दो क्रॉसिंग केवल लोगों की आवाजाही के लिए हैं। पहली बार 1931 में बना टीथवाल पुल का दो बार पुनर्निर्माण किया गया है।

नियंत्रण रेखा ने कश्मीर को दो भागों में विभाजित करके झेलम घाटी मार्ग को बंद कर दिया, जो पाकिस्तानी पंजाब से कश्मीर घाटी के अंदर और बाहर जाने का एकमात्र रास्ता था। इस क्षेत्रीय विभाजन ने कई गांवों को अलग कर दिया और परिवार के सदस्यों को अलग कर दिया। कुछ परिवार एलओसी पर नीलम नदी जैसे स्थानों पर एक-दूसरे को देख सकते थे लेकिन मिल नहीं पा रहे थे। नियंत्रण रेखा के आसपास कुछ गांवों की महिलाओं ने पाकिस्तान की ओर से होने वाली घुसपैठ और संघर्ष विराम उल्लंघन रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने पाकिस्तानी सेना के शिविरों से संपर्क करके घुसपैठ रोकने पर जोर दिया। भारत से इसी साल फरवरी में हुए एक समझौते के बाद एलओसी पार से गोलीबारी कम हुई है।

भारतीय सेना के मुताबिक इस साल सीमा पार से होने वाली घुसपैठ की संख्या में काफी कमी आई है। घुसपैठ करने का प्रयास करने वाले आतंकवादियों को भारतीय सुरक्षा बलों की मुठभेड़ में मार गिराया गया है। इस साल अधिक संख्या में घुसपैठ कराने में नाकाम रहने पर बौखलाए पाकिस्तान ने अब टीथवाल सेक्टर एलओसी से 500 मीटर से भी कम दूरी पर पीओके के अपने गांव चिलियान में भौगोलिक स्थान 34°23’20.03″उत्तरी अक्षांश एवं 73°46’3.90″पूर्वी देशांतर पर अवैध तरीके से सड़क का निर्माण शुरू किया है। पाकिस्तान ने इसके साथ ही एलओसी के नजदीक रिटेनिंग वॉल का कुछ निर्माण शुरू कर दिया है। स्पष्ट रूप से एलओसी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने पाकिस्तान को निर्माण कार्य रोकने की चेतावनी दी है।

भारतीय सेना की 15वीं कॉर्प्स को चिनार कॉर्प्स के रूप में भी जाना जाता है। यह कॉर्प्स वर्तमान में श्रीनगर में स्थित है और कश्मीर घाटी में सैन्य अभियानों के लिए जिम्मेदार है। इसने अब तक पाकिस्तान और चीन के साथ सभी सैन्य संघर्षों में भाग लिया है। भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद 1948 में भारतीय सेना के हिस्से के रूप में इसका गठन किया गया था। 1955 में उधमपुर में मुख्यालय बनाकर 15वीं कॉर्प्स के रूप में कई नाम बदले गए। जून, 1972 में जम्मू और कश्मीर के परिचालन नियंत्रण को संभालने के लिए मुख्यालय उत्तरी कमान की स्थापना की गई थी। ऑपरेशन कारगिल विजय के बाद 15वीं कॉर्प्स को कश्मीर घाटी में सैन्य अभियानों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार बनाया गया है।

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नई दिल्ली: देश में कोरोना के नये वेरियंट ओमिक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में ओमिक्रोन के मामले बढ़कर 213 हो गए हैं। इनमें से 90 मरीज ठीक हो चुके हैं। देश के 15 राज्यों में ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है।

बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के अब तक 54 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं। वहीं दिल्ली में यह संख्या तेजी से बढ़ कर 57 हो गई है। तेलंगाना में 24, कर्नाटक में 19, राजस्थान में 18, केरल में 15, गुजरात में 14, जम्मू व कश्मीर में 3, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में 2-2, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल में एक-एक ओमिक्रोन के मामले रिपोर्ट किए गए हैं।

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– निगरानी उपकरणों ने रखी निगरानी, मिशन ने सभी उद्देश्यों को पूरा किया

– मिसाइल 150 किमी. से 500 किमी. के बीच लक्ष्य को बना सकती है निशाना

नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने नई पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का पहला उड़ान परीक्षण बुधवार को सुबह करीब साढ़े दस बजे ओडिशा तट के कलाम द्वीप से किया। यह मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर के बीच निशाने को भेद सकती है। मिशन ने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया। इस दौरान निगरानी उपकरणों के जरिए तट रेखा से इसके प्रक्षेपण की निगरानी की गई।

डीआरडीओ के मुताबिक मिसाइल ने वांछित अर्ध बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र का अनुसरण करके नियंत्रण, मार्गदर्शन और मिशन एल्गोरिदम को मान्य करते हुए उच्च डिग्री सटीकता के साथ निर्दिष्ट लक्ष्य को निशाना बनाया। मिसाइल की सभी उप-प्रणालियों ने भी संतोषजनक प्रदर्शन किया। डाउन रेंज के जहाजों सहित पूर्वी तट पर प्रभाव बिंदु के पास तैनात सभी सेंसर ने मिसाइल प्रक्षेपवक्र को ट्रैक किया और सभी घटनाओं को कैप्चर किया। मिसाइल ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और कई नई तकनीकों से संचालित है। मिसाइल की रेंज 150-500 किलोमीटर है और इसे मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है। मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन प्रणाली और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं। सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल 500-1000 किलोग्राम का भार वहन करने में सक्षम है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पहले विकास उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ और संबंधित टीमों को बधाई दी। उन्होंने तेजी से विकास और सतह से सतह पर मार करने वाली आधुनिक मिसाइल के सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ की सराहना की। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने टीम की सराहना करते हुए कहा कि यह आधुनिक तकनीकों से लैस सतह से सतह पर मार करने वाली नई पीढ़ी की मिसाइल है। इस हथियार प्रणाली को शामिल करने से सशस्त्र बलों को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।

इससे पहले परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का भारत ने 18 दिसंबर को सफल परीक्षण किया था। दो हजार किलोमीटर तक की मार करने में सक्षम अगली पीढ़ी की मिसाइल का टेस्ट ओडिशा के बालासोर में किया गया। इस मिसाइल को भी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने ही विकसित किया है। इस महीने की शुरुआत में भारत ने दो मिसाइलें टेस्ट की थीं। आठ दिसंबर को भारत ने सुखोई लड़ाकू विमान से सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के एयर वर्जन का सफल परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया था। इससे एक दिन पहले यानी 7 दिसंबर को भारत ने कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) का सफल परीक्षण किया था। यह एयर डिफेंस सिस्टम 15 किलोमीटर की दूरी पर ही लक्ष्य को भेद सकता है।

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नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को लड़कियों की विवाह योग्य आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष किए जाने संबंधी विधेयक पेश किया गया।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया। विधेयक में महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रावधान है।

स्मृति इरानी ने विधेयक का समानता के आधार पर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद लड़कियों की भी लड़कों के ही समान शादी के लिए 21 साल की उम्र की जा रही है।

विधेयक को लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्टेंडिंग कमेटी को भेजे जाने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि विधेयक को लाते समय किसी भी हितधारक और यहां तक की राज्यों से भी बातचीत नहीं की गई है। जल्दबाजी में किए गए कार्य में गलती की संभवना बनी रहती है।

तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत राय ने विधेयक को लाए जाने के तरीके का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग विधेयक के प्रावधानों के खिलाफ हैं। सरकार को जल्दी में न आकर सभी हितधारकों से बातचीत करनी चाहिए।

एआईएमआईएम के नेता असद्दुदीन औवेसी ने विधेयक का विरोध किया। उनका कहना था कि 18 साल से ऊपर के व्यस्क को मतदान करने और यहां तक की लीव-इन रिलेश्नशीप में रहने का अधिकार है, लेकिन उसे शादी करने का अधिकार छीना जा रहा है।

एनसीपी नेता सुप्रीया सुले ने कहा कि कामकाज सलाहकार समिति की बैठकों में हुई चर्चा को कभी भी सदन में लागू नहीं किया जाता। सरकार विपक्ष से चर्चा नहीं कर रही है और जल्दी में विधेयक लाकर उसे पारित करा रही है।

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नई दिल्ली: देश में कोरोना के नये वेरियंट ओमिक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में ओमिक्रोन के मामले बढ़कर 200 हो गए हैं। इनमें से 77 मरीज ठीक हो चुके हैं।

मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में अब तक 54 मामले ओमिक्रोन के रिपोर्ट हो चुके हैं। वहीं दिल्ली में यह संख्या तेजी से बढ़ कर 54 हो गई है। जिसमें 12 मरीज ठीक हो चुके हैं।

तेलंगाना में 20, कर्नाटक में 19, राजस्थान में 18, केरल में 15, गुजरात में 14, उत्तर प्रदेश में 2, आंध्रप्रदेश, चंडीगढ़, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल में एक-एक ओमिक्रोन के मामले रिपोर्ट किए गए हैं।

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नई दिल्ली: सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पाकिस्तान प्रायोजित फर्जी समाचार नेटवर्क साइट्स पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। खुफिया एजेंसियों तथा सूचना के आधार पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने भारत विरोधी प्रचार और फर्जी खबरें फैलाने वाले 20 यूट्यूब चैनलों और 2 वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश दिया है।

इन यू- ट्यूब चैनल में पंच लाइन, वेब न्यूज, खालसा टीवी, द नेकड ट्रूथ, न्यूज 24, 48 न्यूज, हिस्टोरिकल फैक्ट्स, पंजाब वायरल, नया पाकिस्तान, गो ग्लोबल, तैयब हनीफ, कनीज फातिमा, बाजवा, मोहसिन राजपूत, जैन अली ऑफिशियल, अहमद मियां इमरान सहित 20 यूट्यूब चैनलों को तुरंत बंद करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ 2 समाचार वेबसाइटों को भी बंद किया गया है।

केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि कुछ यू ट्यूब चैनल एवं वेबसाइट पाकिस्तान से संचालित एक दुष्प्रचार नेटवर्क से संबंधित हैं और भारत से संबंधित विभिन्न संवेदनशील विषयों के बारे में फर्जी खबरें फैला रहे हैं। इन चैनलों का उपयोग कश्मीर, भारतीय सेना, भारत में अल्पसंख्यक समुदायों, राम मंदिर, जनरल बिपिन रावत आदि जैसे विषयों पर योजनाबद्ध तरीके से विभाजनकारी सामग्री पोस्ट करने के लिए किया गया था।

भारत विरोधी दुष्प्रचार अभियान के तौर-तरीकों में द नया पाकिस्तान ग्रुप (एनपीजी) शामिल है, जो पाकिस्तान से संचालित होता है और जिसके पास यूट्यूब चैनलों का एक नेटवर्क है। इस दुष्प्रचार अभियान में कुछ अन्य वैसे यूट्यूब चैनल भी शामिल हैं, जो एनपीजी से संबंधित नहीं हैं। इस चैनलों का संयुक्त ग्राहक आधार 35 लाख से अधिक का था, और उनके वीडियो को 55 करोड़ से अधिक बार देखा गया था। नया पाकिस्तान समूह (एनपीजी) के कुछ यूट्यूब चैनल पाकिस्तानी समाचार चैनलों के एंकरों द्वारा संचालित किए जा रहे थे।

इन यूट्यूब चैनलों ने किसानों के प्रदर्शन, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम से संबंधित प्रदर्शन जैसे मुद्दों पर भी सामग्री पोस्ट की थी और अल्पसंख्यकों को भारत सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश की थी। इस बात की भी आशंका थी कि इन यूट्यूब चैनलों का इस्तेमाल पांच राज्यों में होने वाले आगामी चुनावों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के उद्देश्य से सामग्री पोस्ट करने के लिए किया जाएगा।

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नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार को फर्जी मतदान को रोकने के उद्देश्य से मतदाता की पहचान के लिए आधार संख्या जोड़ने संबंधी चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक,2021 को पारित कर दिया गया। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि चुनाव सुधार की दिशा में लाए गए इस विधेयक से फर्जी मतदान रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ना स्वैच्छिक होगा।

विधेयक में प्रावधान है कि मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने वाले व्यक्ति की पहचान के लिए संबंधित चुनाव पंजीकरण अधिकारी आधार संख्या की मांग कर सकता है। इसके साथ ही मतदाता सूची की जांच के दौरान भी मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आधार संख्या मांगी जा सकती है। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि किसी व्यक्ति का नाम किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र में पहले से ही दर्ज है या नहीं।

विधेयक में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए अब वर्ष में 4 तिथियों तक नाम दर्ज कराए जा सकते हैं। अब तक यह प्रावधान था कि कोई व्यक्ति जो एक जनवरी को 18 वर्ष का हो चुका है वह मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकता है। एक जनवरी के बाद 18 वर्ष का होने वाले व्यक्ति को मतदाता बनने के लिए एक वर्ष का इंतजार करना पड़ता था। अब नए विधेयक के प्रावधान के तहत एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर को आयु निर्धारण की तिथियों के रूप में स्वीकार किया जाएगा। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ना स्वैच्छिक होगा।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक मतदाताओं के हितों को ध्यान में रखकर लाया गया है। उन्होंने विपक्ष से विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किए जाने का अनुरोध किया।

कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों पर आपत्तियां जताईं। उन्होंने विधेयक पर विस्तार से चर्चा किए जाने की मांग की। कांग्रेस सदस्य शशि थरूर ने कहा कि आधार नागरिकता का नहीं बल्कि निवासी होने का प्रमाण है। यदि आधार को मताधिकार के दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया गया तो इससे गैर नागरिकों को भी वोट डालने का अधिकार मिल सकता है।

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि मत देना एक कानूनी अधिकार है। आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ना उचित नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि सरकार चुनाव प्रक्रिया में दखलअंदाजी कर रही है।

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– प्रोजेक्ट-15बी का पहला जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम पिछले महीने शामिल हो चुका है नौसेना में
– आईएनएस मोरमुगाओ को 2022 के मध्य तक भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किये जाने की उम्मीद

नई दिल्ली: प्रोजेक्ट-15बी श्रेणी के दूसरे स्वदेशी स्टील्थ विध्वंसक मोरमुगाओ को गोवा मुक्ति दिवस पर पहले परीक्षण के लिए समुद्र में उतारा गया। यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है। इसी प्रोजेक्ट के पहले जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम को पिछले महीने भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। समुद्री परीक्षण पूरे होने के बाद आईएनएस मोरमुगाओ को 2022 के मध्य तक नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाने की उम्मीद है। पानी में उतारने से पहले मझगांव डाकयार्ड के पुजारी श्री पुराणिक ने इसकी विधिवत पूजा की।

मुंबई के मझगांव यार्ड से जलावतरण हुआ यह युद्धपोत स्वदेशी तकनीक से बना है। दो साल तक मोरमुगाओ का समुद्र में परीक्षण किया जाएगा। इसके मिलने से भारतीय नौसेना की कई गुना ताकत बढ़ जाएगी। 163 मीटर लंबे और 730 टन वजनी इस युद्धपोत में मिसाइलों को चकमा देने की क्षमता है। 65 फीसदी स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस युद्धपोत को स्टील्थ तकनीक से बनाया गया है। यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है। इस युद्धपोत पर 50 अधिकारियों समेत 250 नौसैनिक तैनात रहेंगे। इस युद्धपोत में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं। समुद्र में 56 किलोमीटर प्रति घंटा (30 नॉटिकल मील) की रफ्तार से चलने वाला यह युद्धपोत 75 हजार वर्ग किमी. समुद्री क्षेत्र की निगरानी कर सकता है।

इसे देश का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत बताया जा रहा है। इस पर ब्रह्मोस, बराक-8 जैसी 8 मिसाइलें लगाई जाएंगी। देश के सबसे आधुनिक एडवांस्ड गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर में इजराइल का मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार ‘एमएफ-स्टार’ लगा है। यह कई किलोमीटर दूर से हवा में मौजूद लक्ष्य को पहचान लेगा जिससे सटीक निशाना लगाया जा सकेगा। यह उड़ते विमान पर 70 किलोमीटर और जमीन या समुद्र पर मौजूद लक्ष्य पर 300 किलोमीटर दूर से निशाना लगाने में सक्षम है। आईएनएस मोरमुगाओ 127 मिलीमीटर गन से लैस है, इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी है। मोरमुगाओ पर दो आरबीईयू-6000 एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर भी लगे हैं। इस पर बेहद खराब मौसम के दौरान भी नौसेना के हेलीकॉप्टर लैंड कर सकेंगे।

आईएनएस मोरमुगाओ प्रोजेक्ट-15बी श्रेणी का दूसरा स्वदेशी स्टील्थ विध्वंसक है। इसे 2022 के मध्य तक नौसेना के बेड़े में शामिल करने की योजना है। जहाज को समुद्र में उतारने के लिए 19 दिसंबर को इसलिए चुना गया क्योंकि आज ही देश पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। भारतीय नौसेना ने गोवा मुक्ति आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस जहाज के नाम को गोवा के समुद्री राज्य मोरमुगाओ को समर्पित करने से न केवल भारतीय नौसेना और गोवा के लोगों के बीच संबंध में वृद्धि होगी, बल्कि जहाज की पहचान को स्थायी रूप से राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका से भी जोड़ा जाएगा।

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-हर क्षेत्र में कायस्थों को विशेष जिम्मेदारी देने की जरूरत: अरविंद केजरीवाल
-न हम किसी के साथ हैं, न‍ किसी के खिलाफ, जो हमारे साथ है हम उसी के साथ: राजीव रंजन प्रसाद

नई दिल्‍ली: ग्‍लोबल कायस्‍थ कांफ्रेंस (जीकेसी) के ग्‍लोबल अध्‍यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि न तो हम किसी के साथ हैं, न‍ किसी के खिलाफ हैं, जो हमारे साथ है हम उसी के साथ।

जीकेसी के ग्‍लोबल अध्‍यक्ष ने रविवार को यहां तालकटोरा स्‍टेडियम में आयोजित विश्‍व कायस्‍थ महासम्‍मेलन……उम्‍मीदों का कारवां की अध्‍यक्षता करते यह बात कही। उन्‍होंने केंद्र और राज्‍य की सत्‍ता में शिखर पर बैठे लोगों का आगाह करते हुए कहा कि कायस्‍थ समाज अब अपना हक लेने के लिए पूरी तरह तैयार और एकजुट है।

राजीव रंजन ने कहा कि सम्पूर्ण भारत वर्ष के 5000 साल का इतिहास को यदि हम देखें तो कायस्थ समाज की हर काल खंड के शासन और प्रशासन में महत्वपूर्ण और विश्वसनीय भूमिका के उदाहरण दृष्टिगोचर हो जाते हैं। कायस्‍थों ने जरूरत पड़ी तो राष्ट्र की रक्षा में तलवारें भी उठाई है। इतना ही नहीं स्वाधीनता संग्राम से लेकर आजाद भारत में भी समाज के हस्ताक्षरों ने देश के महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली। लेकिन, आज कायस्थ कहीं न कहीं खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। इसिलिए कायस्‍थों को अपनी एकजुटता दिखाने के साथ अपनी ताकत का एहसास दिलाने के लिए एक मंच पर आना पड़ा है।

उन्‍होंने महासम्‍मेलन में आए आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि हम विश्व कायस्थ महासम्मेलन के माध्यम से देशभर में बड़ी संख्या में फैले कायस्थ परिवारों को उनके राजनीतिक, आर्थिक शैक्षणिक और व्यावसायिक हितों को ध्यान में रखते हुए अपनी बुलंद आवाज को सत्ता तथा राजनीति के गलियारे तक पहुंचाने के लिए एकजुट हुए हैं।

विश्‍व कायस्‍थ महासम्‍मेलन का उद्घाटन करते हुए दिल्‍ली प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कायस्थ समाज का देश के निर्माण और समाज निर्माण में बड़ा योगदान रहा है। आजादी की लड़ाई में भी कायस्थ समाज ने बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लिया और योगदान दिया है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि ‘हम नेपोलियन नहीं, हमें एक के बाद एक राज्य नहीं जीतने। हमें राजनीति नहीं करनी, राष्ट्र निर्माण करना है’। कायस्‍थ एक बुद्ध‍िजीवि वर्ग है, जिनका पहले भी राष्‍ट्र निर्माण में अहम योगदान रहा है।
उन्‍होंने कहा कि सिर्फ संख्‍या बल वालों को ही नहीं, बल्कि बौद्धिक क्षमता से परिपूर्ण लोगों को भी राजनीति में प्रमुख स्‍थान मिलना चाहिए। तभी एक विकसित राष्‍ट्र का निर्माण संभव हो सकेगा। इसके लिए पूरे देश में आंदोलन होना चाहिए, मैं कायस्थ समाज से इस आंदोलन में शामिल होने का आव्हान करता हूं।

इस अवसर पर उपस्थित सुविख्‍यात सिने स्‍टार एवं राजनीति के धुरंधर शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने विश्‍व कायस्‍थ महासम्‍मेन के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि कायस्थ महासम्मेलन से कायस्थों के एकजुट होने का स्पष्ट संकेत मिलता है और जिस प्रकार से यहां देश के विभिन्न राज्यों तथा अन्य देशों से कायस्थों के प्रतिनिधि जुटे हैं उससे पता चलता है कि अब हमारे राजनीतिक अधिकारों एवं हितों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कायस्थ समाज की विशिष्टिताओं को किसी को बताने की जरूरत नहीं है, बल्कि उसे भरपूर आदर सम्मान देने की जरूरत है। उन्होंने दुनियाभर में फैले कायस्थों से एकजुट होकर समाज के लिए कार्य करने की अपील की।
इसके साथ ही पूर्व सांसद संजय निरुपम ने कहा कि कायस्थों का इतने बड़े पैमाने पर महासम्मेलन आयोजित होना यह स्पष्ट करता है कि अब हमारे हितों को कोई नजरअंदाज नहीं करेगा और हम सब संगठित होकर राजनीतिक के अलावा आर्थिक, व्यापारिक एवं शैक्षणिक अधिकारों को लेकर रहेंगे। कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के अलावा देश की प्रगति में कायस्थों की विशिष्ट भूमिका रही है और राष्ट्रहित में इस समाज के लोगों पर अब विशिष्ट जिम्मेवारी सौंपी जानी चाहिए।

इसके अलावा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुप्रसिद्ध अभिनेता अंजन श्रीवास्तव, प्रख्यात अभिनेता शेखर सुमन एवं उनके सुपुत्र अभिनेता अध्ययन सुमन ने कायस्थों को संगठित होकर कार्य करने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि जब हम संगठित हो जाएंगे तो कोई भी हमें कमजोर समझ कर नजरअंदाज करने का प्रयास नहीं करेगा।

वहीं, विश्‍व हिंदु महासभा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष एवं धर्मगुरु स्‍वामी चक्रपाणी जी महाराज ने कायस्‍थों से जीकेसी के तहत अपनी खोई हुई प्रतिष्‍ठा को फिर से हासिल करने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि कायस्‍थ समाज को आर्थिक रूप से सबल करने के लिए भी एक रोडमैप तैयार करने पर बल दिया। स्‍वामी जी ने युवाओं को नौकरियों के साथ-साथ तकनीकि एवं व्‍यापार के क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लेने की अपील की।
जीकेसी की प्रबंध न्‍यासी रागिनी रंजन ने राष्ट्र संगठन में महिलाओं की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बताया और कहा कि महिलाएं जब आगे आ जाएंगे तो कायस्थों का हर तरह से सशक्त होना सुनिश्चित हो सकेगा। उन्‍होंने कहा कि युवाओं ने अपनी प्रतिभा से सभी बाधाओं को पार कर लिया है, वे वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं, लेकिन देश में ही अवसरों के लिए देश की राजनीति और प्रशासन में भी भागीदारी जरूरी है।

जीकेसी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि समाज को अब व्यापार क्षेत्र के लिए भी खुद को तैयार करना होगा। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में मौजूदा वक्‍त में समाज का कितना प्रतिनिधित्व है। इसके लिए हमसभी को एकजुट होने की जरूरत है।
इस अवसर पर स्‍मारिका का विमोचन किया गया। इस महासम्‍मेलन में जीकेसी के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता कमल किशोर, निश्का रंजन, अखिलेश श्रीवास्तव, आनंद सिन्हा, अनुराग सक्‍सेना, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक, राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल आनंद सन्नू, संजय कुमार सिन्हा, तकनीकी सेल के अध्यक्ष आनंद सिन्हा, अनुराग सक्सेना, शिक्षा प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष दीपक वर्मा, कला संस्कृति प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध सिने कलाकार अंजन श्रीवास्तव, सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका प्रिया मल्लिक, मीडिया एवं कला संस्‍कृति सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, फिल्म निर्माता अशोक सक्सेना, ग्लोबल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव, राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष ऋतु खरे, नवीन कुमार, अवनिश श्रीवास्तव, नवीन श्रीवास्‍तव, श्रुति सिन्हा, पवन सक्सेना, मिहिर भोले, राजीव कांत, प्रशांत सक्सेना, सीसीसीआई के अध्यक्ष नवीन कुमार, युवा संभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ कुमार वर्मा, युवा के राष्ट्रीय महासचिव कुमार आर्यन श्रीवास्तव, आलोक कुमार, चन्द्र भानु सिन्हा, दीप श्रेष्ठ , बिहार प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद, राजेश सिन्हा संजू, आईटी सेल के आशुतोष ब्रजेश, प्रियरंजन, धमेंद्र प्रसाद मुन्‍ना, राजेश कुमार डब्लू, सुशील कुमार श्रीवास्तव, बलिराम जी, सुजीत कुमार सिन्हा दीपू, अधिवक्ता संजय कुमार सिन्हा, मनोज कुमार सिन्हा, डब्लू श्रीवास्तव, सुजय अम्बष्ठ, कैप्टन तरुण कुमार, रुपेश रंजन सिन्हा, सौरभ जयपुरियार, आलोक अविरल, शालिनी वैरागी, धनंजय प्रसाद, नीलेश रंजन, सुनिल श्रीवास्‍तव और राज कुमार श्रीवास्तव ने अपने विचार रखे। उक्‍त आशय की जानकारी दिल्‍ली प्रदेश मीडिया सेल के अध्‍यक्ष प्रजेश शंकर ने दी।

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शाहजहांपुर/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शाहजहांपुर में उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे ‘गंगा एक्सप्रेस-वे’ की आधारशिला रखी। छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे मेरठ के बिजौली गांव के निकट से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव तक जायेगा।

यह परियोजना देश भर में तेज गति से कनेक्टिविटी प्रदान करने संबंधी प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित है। गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जो राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ेगा।

594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत का अनुमान है। इस पर शाहजहांपुर में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी भी निर्मित की जाएगी।

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– अत्याधुनिक कनस्तर मिसाइल की मारक क्षमता 1000 किलोमीटर से 2000 किलोमीटर तक होगी
– अग्नि-4 और अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल तकनीक से विकसित हुई है नई मिसाइल

नई दिल्ली: भारत ने शनिवार सुबह अग्नि शृंखला की सबसे नई पीढ़ी की ”अग्नि प्राइम” मिसाइल का तीसरा सफल परीक्षण ओडिशा तट पर किया। अत्याधुनिक अग्नि प्राइम को 4,000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-4 और 5,000 किलोमीटर की अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीक से विकसित किया गया है। यह अग्नि श्रेणी की मिसाइलों की नई पीढ़ी का उन्नत संस्करण है। कनस्तर वाली इस मिसाइल की मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर के बीच है।

प्रवक्ता के अनुसार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आज सुबह 10:55 बजे ओडिशा के बालासोर तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल ”अग्नि प्राइम” का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। पूर्वी तट पर स्थित विभिन्न टेलीमेट्री और रडार स्टेशनों ने मिसाइल पर नजर रखी। मिसाइल ने उच्च स्तर की सटीकता के साथ सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। ”अग्नि प्राइम” अग्नि श्रेणी की मिसाइलों का एक नई पीढ़ी का उन्नत संस्करण है। यह एक कनस्तर वाली मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर के बीच है।

डीआरडीओ ने पिछले साल सितम्बर और अक्टूबर में छह सप्ताह के भीतर 12 मिसाइलें लॉन्च करके दुनिया को अचंभित कर दिया था। डीआरडीओ ने कोरोना महामारी से पहले पहला परीक्षण 05 मार्च को और दूसरा परीक्षण इसी साल 28 जून को ओडिशा तट के एकीकृत परीक्षण रेंज में किया था। यह मिसाइल तकनीक सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) थी, जो भारत को लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल विकसित करने में मदद करेगी। ”अग्नि प्राइम” को 4000 किलोमीटर की दूरी वाली अग्नि-4 और 5000 किलोमीटर की अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीक से विकसित किया गया है।

अग्नि परियोजना से जुड़े एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि अग्नि-I सिंगल-स्टेज की मिसाइल है जबकि ”अग्नि प्राइम” मिसाइल दो चरणों वाली है। ठोस ईंधन वाली इस मिसाइल को उन्नत रिंग-लेजर गायरोस्कोप पर आधारित जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम के जरिये निर्देशित किया जाएगा। दोनों चरणों में समग्र रॉकेट मोटर्स और मार्गदर्शन प्रणाली इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स से लैस हैं। डबल-स्टेज अग्नि प्राइम में एक कनस्तर संस्करण होगा, जिससे इसे सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से फायर किया जा सकता है। नई प्रौद्योगिकियों के एकीकरण के कारण पिछले संस्करण की तुलना में कम वजन वाली यह मिसाइल मारक क्षमता के मामले में अधिक घातक होगी।

भारत की पहली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के रूप में अग्नि- I का पहला परीक्षण मई 1989 में किया गया था। 700 किलोमीटर से 900 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-I को 2004 में सशस्त्र बलों में शामिल किया गया था। सफल प्रायोगिक परीक्षणों के बाद अग्नि प्राइम मिसाइल के सशस्त्र बलों में अग्नि-I मिसाइल की जगह लेने की उम्मीद है। भारत के पास फिलहाल सबसे महत्वाकांक्षी अग्नि शृंखला में पांच मिसाइलें हैं।

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