नई दिल्ली, 28 मई (हि.स.)। प्रख्यात अभिनेता रजनीकांत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसद के नए भवन में तमिलों को गौरवान्वित करने के लिए आभार जताया है। रजनीकांत ने प्रधानमंत्री के ट्वीट संदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए खुशी जताई है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह राष्ट्रीय राजधानी के रायसीना हिल्स में संसद के नए भवन का औपचारिक उद्घाटन किया है। यह नया भवन पुरानी संसद के पास ही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पूरा देश तमिलनाडु की गौरवशाली संस्कृति पर गर्व करता है। नए संसद भवन में इस महान राज्य की संस्कृति को गौरवान्वित होते देखना वास्तव में खुशी की बात है। इस पर रजनीकांत ने ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने खुशी जताई और कहा-तमिल सत्ता का पारंपरिक प्रतीक राजदंड (सेंगोल) भारत के नए संसद भवन में चमकेगा। पहली बार भारत में तमिलों को गौरवान्वित किया गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हार्दिक धन्यवाद।

उल्लेखनीय है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली में तमिलनाडु के आदिनम संतों के हाथों से सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक पवित्र राजदंड ‘सेंगोल’ को ग्रहण किया था। प्रधानमंत्री ने आज इसे संसद के नए भवन में उद्घाटन समारोह के दौरान लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया है।

सेंगोल ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्बोधन में कहा था- सैकड़ों वर्षों की गुलामी के बावजूद तमिलनाडु की संस्कृति आज भी जीवंत और समृद्ध है। इस परंपरा को जीवित रखने का दायित्व आदिनम संतजनों ने तो निभाया ही है, साथ ही इसका श्रेय पीड़ित-शोषित-वंचित सभी को जाता है। उन्होंने इसकी रक्षा की। उसे आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री मोदी ने संतों से कहा-देश ने अगले 25 वर्ष के लिए कुछ लक्ष्य तय किए हैं। महत्वपूर्ण लक्ष्य है कि आजादी के 100 साल पूरे होने तक एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समावेशी विकसित भारत का निर्माण हो। 1947 में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका से कोटि-कोटि देशवासी पुन: परिचित हुए हैं। आज देश 2047 के बड़े लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है। ऐसे में आपकी भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई है। आपकी संस्थाओं ने हमेशा सेवा के मूल्यों को साकार किया है।

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नई दिल्ली, 28 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (रविवार) सुबह रायसीना हिल्स में स्थापित संसद के नए भवन का औपचारिक उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह की शुरुआत पूजा से हुई। प्रधानमंत्री मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद हैं। दोनों ने हवन में हिस्सा लिया।

इसके बाद प्रधानमंत्री ने नए भवन में पवित्र राजदंड ‘सेंगोल’ को स्थापित किया। तमिलनाडु से आए आदिनम संतों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कल नई दिल्ली में पवित्र राजदंड ‘सेंगोल’ सौंपा था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया है-‘पूरा देश तमिलनाडु की गौरवशाली संस्कृति पर गर्व करता है। नए संसद भवन में इस महान राज्य की संस्कृति को गौरवान्वित होते देखना वास्तव में खुशी की बात है।’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा है- भारत की नई संसद वास्तव में हमारे लोकतंत्र का प्रकाश स्तंभ है। यह देश की समृद्ध विरासत और भविष्य के लिए जीवंत आकांक्षाओं को दर्शाता है।’

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नई दिल्ली, 26 मई (हि.स.)। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस साल मानसून सामान्य रहने की संभावना जताई है। शुक्रवार को प्रेस वार्ता में मौसम विभाग ने जानकारी दी कि मानसून 4 जून के आसपास केरल में पहुंच जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार अगले एक हफ्ते तक अरब सागर में चक्रवात की संभावना नहीं है।

मौसम विभाग ने उत्तर पश्चिम भारत में अब तक सामान्य से कम बारिश होने की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार अगर वर्षा का वितरण सभी जगह लगभग समान हो तो यह एक आदर्श स्थिति होगी। अगर हमें हर जगह समान वितरण मिलेगा तो कृषि पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

 

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नई दिल्ली, 26 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवनिर्मित संसद भवन परिसर का एक वीडियो साझा करते हुए शुक्रवार को कहा कि नया संसद भवन हर भारतीय को गौरवान्वित करेगा। मोदी ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए, लोगों से ‘माई पार्लियामेंट माई प्राइड’ हैशटैग का उपयोग करते हुए अपने वॉयसओवर के साथ वीडियो को साझा करने का भी आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में कहा, “नया संसद भवन हर भारतीय को गौरवान्वित करेगा। यह वीडियो इस प्रतिष्ठित इमारत की एक झलक पेश करता है। मेरा एक विशेष अनुरोध है- इस वीडियो को अपने वॉयस-ओवर के साथ साझा करें, जो आपके विचारों को व्यक्त करता है। मैं उनमें से कुछ को री-ट्वीट करूंगा #MyParliamentMyPride का इस्तेमाल करना न भूलें।

उल्लेखनीय है कि नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह 28 मई को सुबह हवन और सर्व-धर्म प्रार्थना के साथ शुरू होगा।

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रांची (झारखंड), 24 मई (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को रांची स्थित धुर्वा के तिरिल मौजा में 72 एकड़ में नवनिर्मित झारखंड हाई कोर्ट के भवन का उद्घाटन किया। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से मामलों में कोर्ट के फैसले के बाद भी लोगों को न्याय नहीं मिलता। आप सबको इसका रास्ता निकालना चाहिए। लोगों को सही मायने में न्याय मिलना चाहिए। ये जिम्मेदारी आप सबकी है। लोगों को न्याय मिले, यह सुनिश्चित करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड से उनका पुराना नाता रहा है। आपके स्वागत से अभिभूत हूं। नया भवन बेहतरीन बनाया गया है। पूरा कैम्पस पीसफुल एनर्जी कंजर्वेशन को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यहां भारत के मुख्य न्यायाधीश और झारखंड के चीफ जस्टिस के अलावा बहुत से जज, वकील और विद्वान मौजूद हैं। बहुत से केस हाई कोर्ट में फाइनल होते हैं। बहुत से केस का फैसला सुप्रीम कोर्ट से आता है। जिनके पक्ष में फैसला आता है, वे खुश होते हैं। पांच-दस या 20 साल के बाद उनकी खुशी गायब हो जाती है। क्योंकि, उनको वो नहीं मिलता, जिसके लिए समय, रुपये और रातों की नींद बर्बाद कर दी। वे फिर से दुखी हो जाते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं फैमिली काउंसलिंग सेंटर की एक सदस्य थी। कुछ केस फाइनल होने के बाद हम उनके घर जाते थे। यह देखने के लिए कि जिस केस को हमने फाइनल किया, वह परिवार ठीक है या नहीं। बहुत से लोग अपने फैसले लेकर मेरे पास आते कि फैसला तो हमारे पक्ष में आ गया लेकिन हमें न्याय नहीं मिला। मुझे नहीं मालूम सुप्रीम कोर्ट के आगे कुछ होता है। ऐसे लोगों का कुछ हो सकता है। मूर्मु ने कहा कि चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें बताया कि ऐसे मामले होते हैं। लोग कंटेम्प्ट में जा सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को मैं धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने हिंदी में भाषण दिया। मुझे लगता है इसका लाभ मिलेगा, उन्हें देखकर हाई कोर्ट के जज भी प्रभावित होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह शुरुआत की है कि कई भाषाओं में काम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में यह जरूरी है। अंग्रेजी के अलावा यहां के लोग दूसरी भाषाओं में सहज हैं। तकनीक हमारी दुनिया बदल रहा है। नए भवन में कई आधुनिक सुविधाएं हैं। खासकर युवा जो इस क्षेत्र में हैं उन्हें और बेहतर करना है। न्याय व्यवस्था में समस्याओं की पहचान हो रही है, उस पर चर्चा हो रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इन समस्याओं से जल्द निकलकर बाहर आयेंगे।

इससे पूर्व झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन पर एक डॉक्यूमेंट्री दिखायी गयी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, भारत के चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ समेत सभी अतिथियों को शॉल और डोगरा शिल्प कला से बनी बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्मृति चिह्न के रूप में भेंट की गई।

उल्लेखनीय है कि लगभग 600 करोड़ की लागत से बने झारखंड हाई कोर्ट का नया कैंपस सुप्रीम कोर्ट से करीब तीन गुना बड़ा है। कैंपस में विभिन्न प्रजातियों के लगभग 2000 पौधे लगाए गए हैं। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा हाई कोर्ट भवन और बड़ा कैंपस भी है। गर्मी की छुट्टियों के बाद नए हाई कोर्ट कैंपस में न्यायिक गतिविधियां शुरू होंगी।

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रांची (झारखंड), 24 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन का उद्घाटन हुआ। यह आधुनिक राज्य और राष्ट्र का प्रतीक हो सकता है। न्याय के भवनों का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि शीघ्र न्याय नहीं मिलेगा तो न्याय व्यवस्था पर लोगों की आस्था नहीं रहेगी। जिला और सत्र न्यायालयों को सक्षम बनाना हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का कर्तव्य है।

चीफ जस्टिस बुधवार को रांची के धुर्वा स्थित तिरिल मौजा में 72 एकड़ में नवनिर्मित झारखंड हाई कोर्ट के भवन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला न्यायालय की गरिमा नागरिकों की गरिमा से जुड़ी है। न्याय प्रणाली का लक्ष्य सामान्य नागरिक को न्याय दिलाना है। मुकदमों की जानकारी मिले, समय पर सुनवाई हो, कागजात सही समय पर मिले। कैंटीन की व्यवस्था सही हो, महिलाओं के लिए शौचालय हो।

चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें अपने आप से कठोर सवाल पूछना होगा कि न्याय मिलने में उलझन रहने से न्याय कैसे मिलेगा। तकनीक के माध्यम से न्याय सभी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में अंग्रेजी में काम होता था, अब हिंदी और अन्य भाषाओं का भी उपयोग किया जा रहा है। छह हजार से ज्यादा निर्णयों के अनुवाद हिंदी में हो चुके हैं। ई-कोर्ट फेज तीन में सात हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था न्याय प्रणाली को आधुनिक प्रणाली में तब्दील करने में के लिए की गयी है।

उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली और सामाजिक न्याय में सद्भावना बनाये रखना राष्ट्र का लक्ष्य है। समय पर सुनवाई हो। फैसले का दस्तावेज शीघ्र मिलें। इसमें सुधार लाने की आवश्यकता है। आज भी आदिवासी और पिछड़ी जनजातियों की पास जमीन के दस्तावेजों का अभाव है, इसका ध्यान रखना होगा। अदालत की करवाई का लाइव प्रसारण हर घर में ले जाना महत्वपूर्ण प्रकल्प है।

मातृशक्ति की पराकाष्ठा हैं राष्ट्रपति : न्यायमूर्ति संजय मिश्रा
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि आज झारखंड के लिए बहुत गर्व का विषय है कि झारखंड हाई कोर्ट के नये भवन का उद्घाटन हो रहा है। कम समय में इस कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बहुत-बहुत धन्यवाद। झारखंड हाई कोर्ट के उद्घाटन के मौके पर राष्ट्रपति का आना एक गर्व की बात है। राष्ट्रपति मातृशक्ति की पराकाष्ठा हैं।

उन्होंने कहा कि इस भवन का जब शिलान्यास हुआ था उस समय आप झारखंड की राज्यपाल थीं। छह वर्षों के झारखंड के राज्यपाल के कार्यकाल में आपने कई बार इस नये भवन को लेकर समय-समय पर जानकारी ली। एक सामान्य परिवार से निकल कर देश की सर्वोच्च पद पर आसीन होने के लिए आपको बधाई।

जस्टिस डिलीवरी में ई-कोर्ट क्रांति साबित होगा : कानून मंत्री
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि जस्टिस डिलीवरी में ई-कोर्ट क्रांति साबित होगा। उन्होंने कहा कि ई-कोर्ट्स के पहले फेज में हमने इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया। सेकेंड फेज में नागरिकों को सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया। तीसरे फेज में जस्टिस डिलीवरी में क्रांति साबित होगा। मेघवाल ने कहा कि ऐसे कैदी जो गरीब हैं और जुर्माना नहीं भरने के कारण सजा काटने के बाद भी जेल में बंद हैं, उनको आर्थिक और कानूनी मदद दी जायेगी। इसका प्रावधान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में प्रावधान कर दिया है।

उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी नागरिकों और कोर्ट की सुविधा बढ़ाने में मददगार बना। न्याय विकास 2.0 वेब पोर्टल बना। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हियरिंग शुरू हुई। कोविड के समय संसार में रिकॉर्ड हियरिंग भारत में हुई है। ये टेक्नोलॉजिकल इंटरवेंशन की वजह से संभव हो पाया है। हम इंडस्ट्री 4.0 के युग में जी रहे हैं। इसमें एआई एक मजबूत टूल के रूप में उभरा है। मुझे ऐसा लगता है कि बेंच और बार दोनों के लिए यह उपयोगी साबित होगा। वादी-प्रतिवादी दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा।

मेघवाल ने कहा कि जब राष्ट्र को संविधान सौंपा गया था तब बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ने कहा था कि हम सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की स्थापना करने जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि 2047 में जब आजादी का शताब्दी वर्ष मनायेंगे तब एक विकसित भारत को देखेंगे। न्याय को और सरल बनाना है। स्थानीय भाषा का उपयोग न्यायिक व्यवस्था में करना है। सबों को न्याय मिले इसपर काम हो रहा है। अगले 25 वर्षों में स्थानीय भाषा में एक्सेस टू जस्टिस पर काम करेंगे। भारत सरकार न्यायपालिका की जरूरतों को पूरी करने के लिए कटिबद्ध और प्रतिबद्ध है।

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नई दिल्ली, 24 मई (हि.स.)। नए संसद के उद्घाटन समारोह का कई विपक्षी दलों के बहिष्कार करने पर भाजपा ने पलटवार करते हुए इसे विपक्ष का चरित्र बताया है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि भारत के मजबूत लोकतंत्र के मंदिर नए संसद को लेकर देश 140 करोड़ भारतीय गौरवान्वित हो रहे हैं। इस ऐतिहासिक पल को लेकर कुछ विपक्षी पार्टियां हैं, जो इसका विरोध कर रही हैं, वे राजनीतिक दल नरेन्द्र मोदी से बहुत नफरत करते हैं। वो एक नजर बट्टू मात्र बन कर रह गए हैं। भाटिया ने कहा कि हर सकारात्मक काम का, हर ऐतिहासिक पल का विरोध करना उनका चरित्र बन गया है। इन्होंने अनुछेद 370 के संशोधन का विरोध किया, भारत में कोरोना वैक्सीन बनी उसका विरोध किया, वन रैंक पेंशन का विरोध किया।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का लोकतंत्र के मंदिर की पवित्रता को खंडित करने का प्रयास है जो भारत के लोग करने नहीं देंगे। यह दुख की बात है कि एक सकारात्मक भूमिका निभाने के बजाय वे लोग विरोध में है।

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नई दिल्ली, 24 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस मौके पर ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा। इस सेंगोल को अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपयोग किया गया था।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कार्यक्रम पर बुधवार को नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सेंगोल तमिलनाडु से आए विद्वानों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को प्रदान किया जाएगीा। फिर उसी दिन नई संसद में स्थापित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सेंगोल हमारी सांस्कृतिक विरासत है और इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 14 अगस्त 1947 को जवाहर लाल नेहरू ने इसे अंग्रेजों से स्वीकार किया। 14 अगस्त की रात लॉर्ड माउंटबेटेन से सेंगोल प्राप्त कर पंडित नेहरू ने सेंगोल स्वीकार कर सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी की थी। पंडित नेहरू ने पवित्र सेंगोल को तमिलनाडु से मंगवाकर अंग्रेजों से स्वीकार किया था, जिसका तात्पर्य यह था कि पारंपरिक तरीके से सत्ता हमारे पास आई है।

प्रयागराज के संग्रहालय में यह सेंगोल वर्षों से रखा था। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर उसे पूरे सम्मान के साथ नयी संसद में स्थापित करने का निर्णय लिया गया। शाह ने कहा कि सत्ता का हस्तांतरण सिर्फ हाथ मिलाने या दस्तावेज पर दस्तखत करने से नहीं होता, यह देश की परंपरा को समाहित करने की प्रक्रिया है।

गृह मंत्री शाह ने जानकारी दी कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री नई संरचना को रिकार्ड समय में तैयार करने वाले करीब 60,000 श्रम योगियों को भी सम्मानित करेंगे।

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पटना, 24 मई (हि.स.)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने बुधवार को जारी बयान में कहा है कि 28 मई को संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का विपक्षी दल बहिष्कार करेंगे। इस मुद्दे पर राजद इन दलों के साथ है। उन्होंने कहा इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराना चाहिए।

उन्होंने कहा है जब से इस बात की चर्चा हुई कि प्रधानमंत्री इस भवन का उद्घाटन करेंगे तब से सभी दलों ने यह सुझाव दिया कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति से कराना चाहिए। यही संवैधानिक व्यवस्था है। यह परंपरा के अनुकूल है। इससे संविधान सर्वोपरि है की पुष्टि होती है।

झा ने कहा है कि इस मुद्दे पर विपक्षी दलों की राय का इतिहास लिखा जाएगा। इतिहास सब कुछ याद रखेगा, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा है कि राजद सहित तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, आम आदमी पार्टी और सीपीआईएम ने उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने की घोषणा की है। कांग्रेस पहले से ही मांग कर रही है कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए।

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वाराणसी, 23 मई, 2023: पूर्वोत्तर रेलवे उपभोक्ताओं की उन्नत यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये सतत प्रयत्नशील दिख रहा है। ऐसे में यात्रा के दौरान यात्रियों को सुविधाजनक एवं आरामदायक यात्रा अनुभव कराने के लिये प्रभावी कदम उठाये हैं।

इसी क्रम में वाराणसी मण्डल के बनारस, छपरा एवं मऊ स्टेशनों के कोचिंग डिपो के सभी रेकों में 15 मई, 2023 के अनुबन्ध के अनुसार नया ऑन बोर्ड लिनेन वितरण (ओ.बी.एल.डी.) शुरू कर दिया गया है। इससे पूर्व यात्रियों को ऑन बोर्ड लिनेन वितरण स्टाफ एवं अन्य सेवायें जैसे- ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस (ओ.बी.एच.एस.), वातानुकूलन (ए.सी.) मैकेनिक कर्मियों के बीच पहचान करने में समस्या हो रही थी तथा इस सम्बन्ध में ‘रेल मदद‘ पोर्टल के माध्यम से शिकायत एवं सुझाव प्राप्त हो रहे थे। तद्नुरूप रेलवे प्रशासन द्वारा एक नई पहल शुरू की गई है, जिसके अन्तर्गत कर्मचारियों के ड्रेस कोड में परिवर्तन किया गया है।

– नये ड्रेस कोड के अनुसार ऑन बोर्ड लिनेन वितरण (ओ.बी.एल.डी.) कर्मियों को नीले रंग का ड्रेस तथा उच्च दृश्यता वाली नारंगी जैकेट प्रदान किया जायेगा। जैकेट पर बेडरोल एवं ए.सी. लेबल अंकित होगा।

– इस नई व्यवस्था में आगमन एवं प्रस्थान दोनों स्टेशनों पर ऑन बोर्ड लिनेन वितरण (ओ.बी.एल.डी.) कर्मचारियों की ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस.) कैमरा द्वारा उपस्थिति दर्ज की जा रही है।

– इस नई व्यवस्था से ट्रेन में यात्री सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार होगा, जिसका सीधा लाभ यात्रियों को मिलेगा।

– वाराणसी मण्डल में इस नई व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। इस सुविधा पर मिले फीडबैक के आधार पर आगे अन्य कोचिंग डिपो में भी इस प्रकार की व्यवस्था लागू की जा सकती है।

 

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नई दिल्ली, 23 मई (हि.स.)। संघ लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को ‘सिविल सेवा परीक्षा 2022’ के नतीजे घोषित कर दिये हैं। इस बार कुल 933 उम्मीदवारों का चयन हुआ है, जिनमें 613 पुरुष और 320 महिलाएं हैं। इनके अतिरिक्त 41 दिव्यांगों का चयन किया गया है। आयोग की ओर से जारी परीक्षा परिणाम के अनुसार शीर्ष चार उम्मीदवार महिलाएं हैं। वहीं शीर्ष 25 में 14 महिलाएं और 11 पुरुष हैं।

पिछले साल जून में सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसमें 11 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। करीब 5.73 लाख उम्मीदवार परीक्षा में बैठे थे। इनमें से 13,090 लिखित (मुख्य) परीक्षा में उत्तीर्ण हुए थे। इनमें से 2,529 परीक्षार्तियों का साक्षात्कार के लिये चयन किया गया था।

इशिता किशोर ने सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने वैकल्पिक विषय के रूप में राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में स्नातक किया है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से वाणिज्य में स्नातक गरिमा लोहिया ने अपने वैकल्पिक विषय के रूप में वाणिज्य और लेखा के साथ दूसरी स्थान हासिल किया। जबकि आईआईटी, हैदराबाद से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक (बीटेक) उमा हराथी एन वैकल्पिक विषय के रूप में मानव विज्ञान के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज से स्नातक (बीएससी) स्मृति मिश्रा अपने वैकल्पिक विषय के रूप में जूलॉजी के साथ चौथे स्थान प्राप्त किया है।

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नई दिल्ली, 22 मई (हि.स.)। बदलती जीवनशैली की वजह से दुनिया भर में ह्रदय संबंधित रोगों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों (सीवीडी) से होने वाली मौतें साल 1990 में 1.21 करोड़ थीं, जो साल 2021 में बढ़कर दो करोड़ तक पहुंच गई यानि 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया 2010 की तुलना में 2025 तक कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों जैसे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से समयपूर्व मृत्यु दर को 25 प्रतिशत तक कम करने के लिए निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संघर्ष करेगी।

वहीं गैर संचारी रोग (एनसीडी) भी भारत में एक बढ़ती सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है। हाल के सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि देश में एनसीडी के कारण होने वाली मौतें 63 प्रतिशत बढ़ गई है।

डॉ. नरेन्द्र सैनी बताते हैं कि “यह एक चिंता की बात है कि देश में ह्रदय रोग संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं, इसलिए लोगों को अपने जीवन में स्वस्थ बदलाव लाना आवश्यक हैं। लोगों को अपनी दिनचर्या में योग, ध्यान, व्यायाम और स्वास्थ्यवर्धक खान-पान की आदतों को शुमार करना चाहिए।

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