बेंगलुरु, 20 मई (हि.स.)। कर्नाटक में शनिवार को नई सरकार का गठन हो गया। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने राज्य के नए मुख्यमंत्री और डीके शिवकुमार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। बेंगलुरु के कांटेरावा स्टेडियम में राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने सभी मंत्रियों को शपथ दिलाई।

कर्नाटक सरकार के इस शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ ही विपक्षी दलों की एकजुटता दिखाई दी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हिप्र के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा एमके स्टालिन, तेजस्वी यादव , हेमंत सोरेन और महबूबा मुफ्ती, सीताराम येचुरी, फारूक अब्दुल्ला, डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य आदि मौजूद रहे।

कैबिनेट मंत्रीः

नव-निर्वाचित कर्नाटक सरकार में कैबिनेट मंत्रियों के रूप में डॉ. जी. परमेश्वर, के.एच. मुनियप्पा, के.जे. जॉर्ज और एम.बी. पाटिल ने शपथ ली।

राज्यमंत्रीः

सतीश जारकीहोली, प्रियांक खड़गे, रामलिंगा रेड्डी और बीजेड ज़मीर अहमद खान ने नव-निर्वाचित कर्नाटक सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली।

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रांची, 20 मई (हि.स.)। राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने सीबीआई कोर्ट से पासपोर्ट रिलीज करने की अनुमति मांगी थी। मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई। इसके बाद कोर्ट ने लालू का पासपोर्ट रिलीज करने का आदेश दे दिया।

लालू ने कोर्ट में अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दाखिल की थी। अधिवक्ता अनंत कुमार विज ने शनिवार को बताया कि पासपोर्ट रिनुअल करवाने के लिए अदालत से रिलीज करने का अनुरोध किया गया था। उसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। साथ ही पासपोर्ट रिलीज करने का आदेश दिया है।

उल्लेखनीय है कि लालू चारा घोटाले के अलग-अलग मामलों में सजायाफ्ता हैं। उन्हें हाई कोर्ट से बेल मिली है। फिलहाल वह जमानत पर हैं। जमानत की शर्त के अनुसार उनका पासपोर्ट कोर्ट में जमा रखना है। कोर्ट की अनुमति से ही वह पासपोर्ट ले सकते हैं और इस्तेमाल कर सकते हैं।

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नई दिल्ली, 20 मई (हि.स.)। कांग्रेस पार्टी ने दो हजार रुपये का नोट बंद किए जाने को लेकर केन्द्र सरकार की आलोचना की है और इसे दूसरी नोटबंदी करार दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को ट्वीट कहा कि केन्द्र सरकार ने नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को एक गहरा जख्म दिया था। जिससे पूरा असंगठित क्षेत्र तबाह हो गया। छोटे व्यापार ठप्प हो गए और करोड़ों लोगों ने रोजगार खोए दिए थे।

खड़गे ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अब 2000 रुपये के नोट वाली “दूसरी नोटबंदी” कर रही है। क्या ये गलत निर्णय के ऊपर पर्देदारी नहीं है? उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए तब सच्चाई सामने आएगी।

उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2000 रुपये के नोटों को सिस्टम से वापस लेने का निर्णय लिया है। अब केंद्रीय बैंक दो हजार के नये नोट नहीं छापेगा और दो हजार के पुराने नोटों को 30 सितंबर तक बदलने का समय दिया गया है।

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नई दिल्ली  (हि.स.)। गर्मियों के इस मौसम में रेल यात्रा करने वालों की सुविधा और यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेल इस साल 380 विशेष ट्रेनों के 6369 फेरे लगाएगी। भारतीय रेल 2022 में चलाई गई गर्मियों की कुल विशेष ट्रेनों (348 ट्रेनों के 4599 फेरों) के मुकाबले इस साल 1770 फेरे अधिक लगायेगी। पिछली गर्मियों में जहां प्रति विशेष ट्रेन औसतन 13.2 फेरे लगाए गए, वहीं इस साल प्रति विशेष ट्रेन 16.8 फेरे लगाए जाएंगे।

ये विशेष ट्रेनें पटना-सिकंदराबाद, पटना-यशवंतपुर, मुजफ्फरपुर, दिल्ली-पटना, नई दिल्ली-कटरा, चंडीगढ़-गोरखपुर, आनंद विहार-पटना, विशापत्तनम-पुरी-हावड़ा, मुंबई-पटना, मुंबई-गोरखपुर जैसे प्रमुख गंतव्यों के बीच चलाई जाएंगी। कुल मिलाकर, जो 380 विशेष ट्रेनें 6369 फेरे लगाएंगी उनमें 25,794 सामान्य डिब्बे और 55,243 स्लीपर डिब्बे होंगे। सामान्य श्रेणी के डिब्बों में जहां 100 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी वहीं स्लीपर डिब्बों में आईसीएफ में 72 यात्री और एलएचबी में 78 यात्रियों की क्षमता होगी।

गर्मियों में यात्रियों की बढ़ी संख्या को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये देशभर में फैले रेलवे मंडलों ने विशेष गाड़ियां चलाने की तैयारी की है। इन विशेष ट्रेनों के जरिये विभिन्न राज्यों जैसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, ओडीशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली के साथ कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है। मुख्य तौर पर कर्नाटक क्षेत्र में सेवायें देने वाली दक्षिण पश्चिम रेलवे पिछले साल के 779 फेरों के मुकाबले इन गर्मियों में अधिकतम 1790 फेरे लगायेगी वहीं प्रमुख रूप से गुजरात राज्य में सेवायें देने वाली पश्चिम रेलवे पिछले साल गर्मियों के 438 फेरों के मुकाबले इस साल 1470 फेरे लगाने की तैयारी में है। यह कहना भी महत्वपूर्ण होगा कि इस साल दक्षिण मध्य रेलवे 784 फेरे लगा रही है जो कि पिछले साल के मुकाबले 80 फेरे अधिक है। देश के उत्तरी हिस्से में यात्रियों की भारी संख्या को देखते हुये उत्तर पश्चिम रेलवे विशेष ट्रेनों के 400 फेरे लगायेगी, वहीं पूर्वी मध्य रेलवे 380 फेरे लगायेगी। उत्तर रेलवे की भी इस साल 324 फेरे लगाने की योजना है।

बहरहाल, पूरे मौसम के दौरान इन विशेष ट्रेनों के तहत न तो ट्रेनों की संख्या और न ही उनके द्वारा लगाये जाने वाले फेरों की संख्या स्थिर रहेगी। विशेष रेलगाड़ियों की योजना और उन्हें चलाना एक सतत प्रक्रिया है और इसके लिये सभी संचार माध्यमों जैसे कि मीडिया रिपोर्टों, सोशल मीडिया प्लेटफार्म, रेलवे की एकीकृत हेल्पलाइन नंबर 139 से 24 घंटे सातों दिन जानकारी प्राप्त करने के साथ ही पीआरएस सिस्टम में प्रतीक्षारत यात्रियों के ब्यौरे से किसी खास रेलमार्ग पर गाड़ियों की मांग का आकलन किया जाता है। इसके आधार पर ही ट्रेनों की संख्या और उनके फेरों की संख्या तय की जाती है।

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नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दो हजार रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला किया है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे 30 सितंबर तक इन नोटों को बैंकों में जमा करा दें या बदलवा लें।

आरबीआई की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक की ‘स्वच्छ नोट नीति’ के अनुसरण में 2 हजार के बैंक नोटों को चलन से वापस लेने का निर्णय लिया गया है। 2 हजार के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। उसका कहना है कि 2013-14 में भी ऐसा ही पहले किया जा चुका है।

बैंकों से कहा गया है कि वे अब दो हजार का नोट जारी न करें। वहीं लोग बैंकों में जाकर दो हजार का नोट एक्सचेंज करा सकते हैं। 23 मई से एक बार में 20 हजार तक की सीमा में 2 हजार के नोट अन्य नोटों में एक्सचेंज कराए जा सकते हैं। वहीं बैंकों में जमा कराने की कुछ शर्तों के साथ कोई सीमा नहीं होगी।

आरबीआई के अनुसार, “लोग अपने बैंक खातों में बेरोक-टोक और मौजूदा निर्देशों व अन्य वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत समान्य तरीके से 2 हजार के नोट जमा कर सकते हैं। इसके अलावा किसी भी बैंक शाखा में उन्हें अन्य नोटों से बदल सकते हैं। 23 मई से किसी भी बैंक में दो हजार के बैंकनोटों को एक बार में 20 हजार की सीमा तक बदला जा सकता है।”

रिजर्व बैंक के अनुसार नवंबर 2016 में 2 हजार के बैंकनोट लाये गए थे। इनका मकसद पांच सौ और एक हजार के बैंक नोटों की कानूनी वैधता वापिस लिए जाने की स्थिति में अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आवश्यकता को तेजी से पूरा करना था। एक बार अन्य बैंकनोट के पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाने के बाद दो हजार के बैंकनोटों को पेश करने का उद्देश्य पूरा हो गया।

प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने और जनता को पर्याप्त समय प्रदान करने के लिए सभी बैंक 30 सितंबर तक दो हजार के नोटों के लिए जमा और विनिमय सुविधा प्रदान करेंगे। वहीं एक्सचेंज की सुविधा आरबीआई के 19 क्षेत्रीय दफ्तरों में भी उपलब्ध होगी।

सूत्रों का कहना है कि लोगों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। दो हजार के नोट 30 सितंबर के बाद भी वैध रहेंगे। 30 सितंबर तक की सीमा तय की गई है क्योंकि आरबीआई को उम्मीद है कि बैंकों के साथ नोट बदलने के लिए लोगों के लिए 4 महीने का समय पर्याप्त है। चलन में चल रहे 2000 रुपये के अधिकांश नोट 30 सितंबर की निर्धारित समय सीमा के भीतर बैंकों में वापस आ जाएंगे।

आरबीआई का कहना है कि 2018-19 में 2 हजार के बैंक नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। दो हजार के बैंकनोटों में से लगभग 89 प्रतिशत मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे और 4-5 वर्षों के अपने अनुमानित जीवनकाल के अंत में हैं। चलन में इन बैंक नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च 2018 को अपने चरम पर 6.73 लाख करोड़ रुपये से घटकर 3.62 लाख करोड़ हो गया है। यह कुल नोटों का 10.8 प्रतिशत है।

शीर्ष बैंक का कहना है कि यह भी देखा गया है कि इस मूल्यवर्ग का आमतौर पर लेन-देन के लिए उपयोग नहीं किया जाता है। इसके अलावा जनता की मुद्रा आवश्यकता को पूरा करने के लिए अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का स्टॉक पर्याप्त बना हुआ है।

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नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने देश की रक्षा तैयारियों की जानकारी विदेशी एजेंसियों को मुहैया कराने के आरोप में एक पत्रकार विवेक रघुवंशी और उसके सहयोगी पूर्व नेवी कमांडर आशीष पाठक को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है।

सीबीआई ने दिल्ली-एनसीआर और जयपुर में दोनों से जुड़े 15 स्थानों पर आज छापेमारी की है। यहां से एजेंसी को 48 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, संवेदनशील दस्तावेज और ऑनलाइन डाटा मिला है। इसमें देश के रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी गुप्त जानकारी भी है। आज इस मामले में सीबीआई इनकी कोर्ट में पेशी कराएगी।

सीबीआई के अनुसार पिछले साल 09 दिसंबर को मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि दोनों देश के रक्षा प्रतिष्ठानों, रक्षा तैयारियों और सैन्य खरीद से जुड़ी संवेदनशील एवं गोपनीय जानकारी विदेशी एजेंटों, संस्थाओं और लोगों को पहुंचा रहे थे। बदले में इन्हें और इनके परिवारजनों को विदेशी स्रोतों से लाभ प्राप्त हो रहा था। यह भी जानकारी मिली है कि इन्होंने इसके लिए करार तक किए थे।

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नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के कुछ करीबी लोगों के घरों पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को छापेमारी की है। यह छापेमारी जम्मू-कश्मीर में कथित बीमा घोटाले को लेकर की गई है।

सूत्रों के मुताबिक सत्यपाल मलिक के मीडिया सलाहकार रहे सुनक बाली के दिल्ली आवास के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर व राजस्थान सहित कुल आठ ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है।

इसपर पूर्व राज्यपाल मलिक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके पूर्व सहयोगी रहे सुनक बाली को सीबीआई परेशान कर रही है। आगे उन्होंने कहा कि जब वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, तब बाली बिना सरकारी वेतन लिए उनके प्रेस सलाकार और सचिव के तौर पर कार्यरत थे। सीबीआई जान बूझकर इस मामले में शिकायत करने वाले लोगों को ही परेशान कर रही है।

उल्लेखनीय है कि सत्यपाल मलिक ने बीते दिनों एक साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि जब वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे तो उनको एक बीमा कंपनी की फाइल पास करने सहित कुछ अन्य मामलों को लेकर रिश्वत की पेशकश की गई थी।

मलिक के इन गंभीर आरोपों की जांच के लिए सीबीआई ने मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू की है। इस संबंध में 28 अप्रैल को सीबीआई ने मलिक से भी पूछताछ की थी।

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पटना/बेगूसराय 16 मई (हि.स.): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल विजन को आगे बढ़ाने के लिए रेलवे द्वारा एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत बिहार में 50 स्टेशनों पर ओएसओपी केंद्र खोले गए हैं। इससे बड़ी संख्या में स्थानीय लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने मंगलवार को बताया कि वोकल फॉर लोकल विजन को बढ़ावा देने और स्थानीय उत्पादों के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद‘ की घोषणा के अनुरूप पारंपरिक शिल्प एवं लघु उद्यमों के संरक्षण तथा अधिक से अधिक रोजगार सृजन हेतु रेलवे तत्पर है।

देश में 728 रेलवे स्टेशनों को ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद‘ आउटलेट से कवर किया गया है। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत बिहार के 50 स्टेशनों को ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद‘ आउटलेट से कवर किया गया है। यह योजना स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों, बुनकरों, जन-जातियों के बेहतर जीविकोपार्जन एवं कल्याण सहित आजीविका और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने तथा स्थानीय व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला में मदद करने में सफल रही है।

इससे स्थानीय हस्तशिल्प और छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिला। ओएसओपी केंद्रों पर स्थानीय कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित भगवान बुद्ध की मूर्ति, काष्ठ कलाकृति, जरी जरदोजी के परिधान एवं अन्य वस्तुएं, मधुबनी पेंटिंग, हस्तनिर्मित सजावटी सामान, हथकरघा उत्पाद, काला चावल जैसे स्थानीय कृषि उत्पाद, मिठाई और अचार जैसे स्थानीय खाद्य उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री की जाती है। स्टेशनों पर ओएसओपी केंद्रों के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को उच्च दृश्यता मिल रही है।

उनसे जुड़े स्थानीय कारीगर एवं अन्य इस अतिरिक्त आय स्रोत से लाभान्वित हो रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार का एक नया अवसर पैदा हुआ और वह आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं। स्टॉल संचालक ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि स्वरोजगार से जुड़े छोटे कामगारों को अपने पैर पर खड़ा होने तथा लोकल उत्पाद को बेचने एवं प्रचार-प्रसार का बड़ा अवसर मिला। स्टॉल खुलने से आर्थिक रूप से समृद्धि आई है।

उन्होंने बताया कि आरा, बक्सर, दानापुर, फतुहा, जहानाबाद, किउल, मोकामा, पाटलिपुत्र, पटना सिटी, पटना जंक्शन, राजेन्द्र नगर, राजगीर, समस्तीपुर, बापूधाम मोतिहारी, बेतिया, दरभंगा, रक्सौल, सहरसा, सकरी, सोनपुर, हाजीपुर, मानसी, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, शाहपुर पटोरी, नवगछिया, अनुग्रह नारायण रोड, डेहरी ऑन सोन, गया, सासाराम, गोमो, पारसनाथ, कोडरमा, बरकाकाना, टोरी, लातेहार, डाल्टेनगंज, रेणुकूट, चोपन एवं सिंगरौली पर ओएसओपी केंद्र कार्यरत है।

इसके अलावा पूर्व रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे एवं पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के क्षेत्राधिकार में पड़ने वाले बिहार के भागलपुर, जमालपुर, सुल्तानगंज, बारसोई, मनिहारी, अररिया, अररिया कोर्ट, दलान, कटिहार, किशनगंज, लामा, प्राणपुर रोड, पुर्णिया, रौतारा, सलमारी, आजमनगर, जोगबनी, छपरा, छपरा कचहरी एवं थावे स्टेशन पर ओएसओपी केंद्र से स्थानीय लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

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जयपुर, 15 मई (हि.स.)। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सोमवार को अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है। उन्होंने सरकार के सामने तीन मांगे रखीं और कहा कि इस महीने के आखिर तक यदि ये मांगें नहीं मानी गईं, तो पूरे प्रदेश में हम आंदोलन करेंगे।

पांच दिन की जनसंघर्ष यात्रा के समापन पर जयपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए पायलट ने तीन मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि मेरी पहली मांग है कि भ्रष्टाचार की जननी राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग करके इसका पुनर्गठन किया जाए। चेयरमैन और सदस्यों के चयन के लिए नए कानून और मापदंड बने और पारदर्शिता से लोगों का चयन हो। दूसरी मांग में कहा गया है कि पेपर लीक होने से प्रत्येक बच्चे को उसका पूरा मुआवजा मिलना चाहिए। तीसरी मांग में कहा गया है कि वसुंधरा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

उन्होंने कहा कि आज 15 मई को जन संघर्ष यात्रा समाप्त हो रही है। अगर इस महीने के आखिर तक यह तीनों मांगे नहीं मानी गई, तो मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि अभी तक मैंने गांधीवादी तरीके से अनशन किया है। जनसंदेश यात्रा की है, लेकिन महीने के आखिरी तक कार्यवाही न होने पर पूरे प्रदेश में आप लोगों के साथ आंदोलन करूंगा।

पायलट ने कहा कि गांव-ढाणी, शहरों में बड़ा आंदोलन होगा। न्याय करवाएंगे। हम लोगों के पास कुछ नहीं है। हम तो पैर में जूता डालकर निकल पड़े थे। गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि हम बिना पद के गाली खा-खाकर संगठन के लिए काम कर रहे हैं और आप सत्ता में बैठकर मलाई खा रहे हो। लोग यह सुन लें कि मुझे किसी सीमा में न बांधें, मैं किसी एक धर्म या समाज का नहीं हूं। मैं 36 कौम का बेटा हूं। राजस्थान का बेटा हूं। पायलट ने कहा कि मैं किसी पद पर रहूं या न रहूं। राजस्थान की जनता की सेवा करता रहूंगा। डरने वाला नहीं हूं, दबने वाला नहीं हूं। आपके लिए लड़ा हूं और लड़कर रहूंगा।

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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी को अपार बहुमत की तरफ बढ़ता हुआ देखकर राज्य की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में कांग्रेस की यह जीत, जनता की जीत है।

खड़गे ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि कांग्रेस सरकार बनाने के बाद राज्य की जनता से किए अपने पांचों वादे को पूरा करेगी। पार्टी पर भरोसा जताने के लिए हम कर्नाटक की जनता को धन्यवाद देते हैं। आगे उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जीत जनता की जीत है। कर्नाटक की जनता ने भ्रष्ट सरकार को नकार दिया है। हमने जो वादे किए हैं, उसे पूरा करेंगे।

उन्होंने कहा कि आने वाले दूसरे राज्यों में भी कांग्रेस सरकार बनाएगी। एक सवाल का जवाब देते हुए खड़गे ने कहा कि विधायक दल की बैठक के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी।

मतगणना के दौरान कांग्रेस पार्टी 107 सीटों पर अभी आगे चल रही है, जबकि 29 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। वहीं भारतीय जनता पार्टी 50 सीटों पर आगे चल रही है और 13 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है।

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नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट बहुमत की तरफ बढ़ता देख पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस जनता से किए सभी वादे को पूरा करेगी। यह राज्य की जनता की जीत है।

कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार दोपहर को पत्रकारों से मुखातिब होते हुए राहुल गांधी ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं, नेताओं और राज्य की जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता ने नफरत की दुकान बंद कर दी है।

आगे उन्होंने कहा कि कर्नाटक की गरीब जनता ने पूंजीवादी शक्ति को हरा दिया है। हमने कर्नाटक का चुनाव मोहब्बत के साथ लड़ा और जीता है। हम दूसरे राज्यों में भी इसी तरह चुनाव जीतेंगे। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता से हमने पांच वादे किए थे। उन वादों को हम पहले दिन और पहली कैबिनेट में पूरा करेंगे।

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भोपाल, 13 मई (एजेंसी ): अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद् के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर भाजपा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि ‘राममंदिर और बजरंग बली भी कर्नाटक में भाजपा को बचा नहीं पाए, यह चिंता की बात है।’ कर्नाटक के नतीजे भाजपा के लिए 2024 लोकसभा चुनाव का वेकअप कॉल है।

डॉ. तोगड़िया शनिवार को भोपाल में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार चाहिए। महंगाई से मुक्ति चाहिए। सुरक्षा चाहिए। किसानों को फसलों के दाम चाहिए। राज्य और केंद्र सरकार के कोटे से एक करोड़ सरकारी पद खाली हैं, जिन्हें तीन महीने में भर दो। पेट्रोल-डीजल, गैस सिलेंडर के दाम कम करो। किसानों के लिए एमएसपी बनाओ तो 70 करोड़ किसानों के वोट मिलेंगे। 2024 में क्या होगा यह देश की जनता तय करेगी।

‘द केरल स्टोरी’ जैसी फिल्म बनना शर्म की बात

इस दौरान उन्होंने ‘द केरल स्टोरी’ जैसी फिल्म बनाने को शर्म की बात बताया है। उन्होंने कहा कि बहन-बेटियों पर अत्याचार की वाहवाही हो रही है। क्या हिंदू लड़कियां शिकार बन रही हैं? वे शिकार बन रही हैं, तभी तो ऐसी फिल्में बन रही हैं। भविष्य में ऐसी कोई फिल्म न बने, इसलिए एंटी लव जिहाद कानून और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाएं। हम बहन-बेटियों को सुरक्षा की ट्रेनिंग दे रहे हैं।

भारत में ही हिंदू सुरक्षित नहीं

डॉ. तोगड़िया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारत में ही हिंदू सुरक्षित नहीं हैं। मणिपुर हिंसा में सैकड़ों हिंदू मारे गए हैं। पहले कश्मीर में हिंदुओं के लिए शरणार्थी शिविर थे, अब मणिपुर में हैं। मणिपुर सरकार हिंदुओं की सुरक्षा में फेल हो गई। वहां मृतकों के परिवार को 50 लाख, एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देनी चाहिए। बॉर्डर पर बीएसएफ लगाई जाए।

उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने में अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद् का विस्तार हो चुका है। अब हमारा लक्ष्य समृद्ध, सुरक्षित और सम्मानयुक्त हिंदू बनाने का है। यह लक्ष्य पूरा करने के लिए देश के गांव-शहरों में एक लाख स्थानों पर हर सप्ताह हनुमान चालीसा केंद्र शुरू किए गए हैं। हम इनसे दो करोड़ हिंदू परिवारों को जोड़ेंगे। इन परिवारों को सुरक्षा, समृद्धि, सम्मान, स्वास्थ्य, संस्कार देने में सहयोग करेंगे। कोई भूखा नहीं रहेगा। उन्हें अनाज उपलब्ध कराएंगे। गरीबों को चिकित्सा सुविधा और स्वस्थ रहने की ट्रेनिंग देंगे।

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