जम्मू, 7 जुलाई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में खराब मौसम के चलते शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा को अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है। जम्मू-कश्मीर में गुुरुवार से भारी बारिश हो रही है, जो शुक्रवार को भी जारी रही है। इस आदेश के बाद आधार शिविर बालटाल और पहलगाम के दोनों रूटों पर यात्रियों को आगे जाने से रोक दिया गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि अमरनाथ गुफा जाने वाली यात्रा को भारी बारिश के चलते शुक्रवार सुबह रोक दी गई है। किसी भी तीर्थयात्री को पवित्र गुफा की ओर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। इससे 3,200 से अधिक तीर्थयात्रियों को नुनवान, पहलगाम आधार शिविर में और लगभग चार हजार तीर्थयात्रियों को बालटाल आधार शिविर में रोका गया है। मौसम में सुधार होने के बाद ही यात्रा फिर से शुरू की जाएगी।

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New Delhi:  मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली मानहानि की सजा बरकरार रहेगी। गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में निचली अदालत के दो साल की सजा के फैसले को बरकरार रखा। हाई कोर्ट ने राहुल की पुनर्विचार याचिका कर दी।

सूरत सेशन कोर्ट ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इस फैसले के खिलाफ 25 अप्रैल, 2023 को राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। दो मई को गुजरात हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज के फैसले पर कांग्रेस ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। पार्टी नेता अमित चावड़ा ने कहा कि राहुल गांधी जनता की आवाज बनकर उभरे हैं। तानाशाही तरीके से उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई है।

यह है पूरा मामलाः

2019 में कर्नाटक के कोलर में चुनाव रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों होते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ इस टिप्पणी के खिलाफ गुजरात भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने सूरत सेशन कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसी मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी।

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नई दिल्ली, 06 जुलाई (हि.स.)। विपक्षी दलों की एकता की मुहिम के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी अपने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मजबूत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

लोक सभा चुनाव की तैयारियों के साथ-साथ 20 जुलाई से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र में बेहतर समन्वय स्थापित करने और रणनीति बनाने के लिए भाजपा ने 18 जुलाई को अशोका होटल में एनडीए की बैठक बुलाई है।

माना जा रहा है कि इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल, लोजपा (चिराग पासवान धड़ा) और चंद्रबाबू नायडू भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। इन सभी पार्टियां एनडीए में शामिल हो सकती हैं।

लोक सभा चुनाव में विपक्षी दलों की लगातार हो रही बैठकों की चर्चाओं के बीच भाजपा भी चुनावी रणनीति सहयोगी दलों के साथ बना सकती है। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर भी चर्चा की जा सकती है।

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– राकांपा के दोनों गुटों ने अलग-अलग बैठक बुलाकर समर्थकों के साथ किया शक्ति प्रदर्शन
– अजीत पवार की बैठक में 32 विधायक और शरद पवार की बैठक में 16 विधायक हाजिर हुए
मुंबई, 05 जुलाई (हि.स.)। महाराष्ट्र में गरमाई सियासत के बीच बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दोनों गुटों ने बुधवार को अलग-अलग बैठक कर शक्ति प्रदर्शन किया। इन बैठकों के बाद अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग के सामने बड़ा दावा किया है। इसमें शरद पवार की जगह अजित पवार को एनसीपी का अध्यक्ष बनाने का दावा किया गया है।

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बांद्रा स्थित एमईटी कालेज में अपने समर्थक विधायकों व पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। इस बैठक में राकांपा के 32 विधायक उपस्थित थे। इसी तरह शरद पवार के गुट की ओर से नरीमन पाईंट स्थित यशवंत राव चव्हाण प्रतिष्ठान में बैठक बुलाई गई। इस बैठक में राकांपा के 16 विधायक उपस्थित थे। राकांपा के कुल 53 विधायकों में से एक नवाब मलिक इस समय जेल में हैं और 4 विधायक तटस्थ रहे। इन चारों ने किसी भी बैठक में जाने से परहेज किया। बैठक के बाद अजीत पवार 32 विधायकों को लेकर होटल ताज लैंड में पहुंचे हैं। इन सभी विधायकों को अजीत पवार ने होटल में सुरक्षित रखा है। होटल में अजीत पवार, छगन भुजबल आदि नेता खुद भी मौजूद हैं।

इस बैठक में अजीत पवार ने कहा कि राकांपा में उनके साथ हमेशा अन्याय हुआ। चार बार मुख्यमंत्री बनने का मौका आया, लेकिन नेतृत्व ने उन्हें मुख्यमंत्री बनने नहीं दिया। अजीत पवार ने कहा कि शरद पवार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, फिर अचानक अपना इस्तीफा वापस ले लिया। यह किस तरह की पद्धति है। साथ ही अजीत पवार ने कहा कि वे सुप्रिया सुले को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए तैयार थे।

शरद पवार ने अपने समर्थकों की बैठक में कहा कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ा तो कांग्रेस पार्टी की संपत्ति पर हक नहीं जताया था। शरद पवार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस समय गैर भाजपा सरकारों और समर्थकों को तोड़ने का काम किया जा रहा है, लेकिन अब तक का इतिहास है कि जो भाजपा के साथ गया, खत्म हो गया। शरद पवार ने कहा कि छगन भुजबल उनसे कह कर गए कि क्या हो रहा है, देखकर आता हूं और उन्होंने मंत्री पद की शपथ ले ली।

दोनों गुटों की बैठक के बाद अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग के सामने बड़ा दावा किया है। इसमें शरद पवार की जगह अजित पवार को एनसीपी का अध्यक्ष बनाने का दावा किया गया है। बताया गया है कि कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने 30 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी, जिसमें प्रस्ताव पास किया गया है कि पार्टी लोगों के कल्याण के उद्देश्य से दूर जा रही है, ऐसे में शरद पवार की जगह अजित पवार को अध्यक्ष चुना जाता है। अजित गुट ने चुनाव आयोग में भी अर्जी दायर की है, जिसमें कहा गया है कि 30 जून को मुंबई में हुई कार्यकारिणी की बैठक में अजित पवार को एनसीपी का अध्यक्ष चुना गया है।

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– इसरो के बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग तैयारियां अंतिम चरणों में
– चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर 13 जुलाई को चंद्रमा पर रवाना होने के लिए तैयार

नई दिल्ली, 05 जुलाई (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को लेकर तैयारियां अंतिम चरणों में हैं। चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर रॉकेट एलवीएम-3 के साथ 13 जुलाई को चंद्रमा पर रवाना होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। चंद्रयान-3 लैंडर को आज इसरो श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र में हेवी लॉन्च रॉकेट पर असेंबल किया गया। चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर को वही नाम देने का फैसला किया है, जो चंद्रयान-2 के लैंडर और रोवर के नाम थे।

चंद्रयान-2 के बाद इस मिशन को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग की क्षमता की जांच के लिए भेजा जा रहा है। चंद्रयान-2 मिशन आखिरी चरण में विफल हो गया था। उसका लैंडर पृथ्वी की सतह से झटके के साथ टकराया था, जिसके बाद पृथ्वी के नियंत्रण कक्ष से उसका संपर्क टूट गया था। चंद्रयान-3 को उसी अधूरे मिशन को पूरा करने के लिए भेजा जा रहा है। इसमें लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद उसमें से रोवर निकलेगा और सतह पर चक्कर लगाएगा। लैंडर का नाम विक्रम होगा जो भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है और रोवर का नाम प्रज्ञान होगा। चंद्रयान-2 के लैंडर और रोवर के भी यही नाम रखे गए थे।

इसरो अधिकारियों के मुताबिक चंद्रयान-2 मिशन फेल होने के बाद का ही अगला प्रोजेक्ट चंद्रयान-3 है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। यह चंद्रयान-2 की तरह ही दिखेगा, लेकिन चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। मिशन की सफलता के लिए नए उपकरण बनाए गए हैं, एल्गोरिदम को बेहतर किया गया है। चंद्रयान-2 मिशन जिस वजह से असफल हुआ था, उन पर इस प्रोजेक्ट में फोकस किया गया है। चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का ऐलान चंद्रयान-2 के लैंडर-रोवर के दुर्घटनाग्रस्त होने के चार साल बाद हुआ है।

चंद्रयान-3 मिशन के जुलाई में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा के उस हिस्से तक लॉन्च होने की उम्मीद है, जिसे डार्क साइड ऑफ मून कहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह हिस्सा पृथ्वी के सामने नहीं आता। चंद्रयान -3 का उद्देश्य चंद्र सतह पर एक सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग और रोविंग क्षमताओं का प्रदर्शन करना है। चंद्रयान-3 को एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रणोदन मॉड्यूल को मिलाकर बनाया गया है, जिसका कुल वजन 3,900 किलोग्राम है। अकेले प्रणोदन मॉड्यूल का वजन 2,148 किलोग्राम है जो लैंडर और रोवर को 100 किलोमीटर की चंद्र कक्षा में ले जाएगा।

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नई दिल्ली, 03 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित कन्वेंशन सेंटर में मंत्री परिषद के साथ बैठक की।

यह बैठक मंत्रिपरिषद में बदलाव की अटकलों के बीच महत्वपूर्ण मानी जा रही है। संसद का मानसून सत्र भी 20 जुलाई से शुरू होने जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रिपरिषद के साथ एक सार्थक बैठक रही। जहां हमने विभिन्न नीति संबंधी मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह, संगठन महामंत्री बीएल संतोष और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की थी।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में मंत्रालयों से जुड़ी केंद्र की योजनाओं के कार्यान्वयन की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री की ओर से बैठक में आगामी पांच राज्यों के विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर एक राजनीतिक संदेश भी दिया गया है।

इसके अलावा सरकार मानसून सत्र की तैयारियों में भी जुटी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जिस कन्वेंशन सेंटर में बैठक की है, इसी में जी20 शिखर सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा।

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जम्मू, 03 जुलाई (हि.स.)। जम्मू के आधार शिविर से अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के लिए 4758 तीर्थयात्रियों का चौथा जत्था सोमवार को 223 वाहनों में सवार होकर रवाना हुआ। जम्मू के आधार शिविर से 1728 यात्री 96 वाहनों में सवार होकर बालटाल के लिए रवाना हुए और 3030 यात्री 127 वाहनों में सवार होकर पहलगाम के लिए रवाना हुए है।

तीर्थयात्रा के लिए अब तक 3.5 लाख से अधिक लोगों ने अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 62 दिवसीय की है। इस वर्ष यात्रा 1 जुलाई से शुरू हुई है और 31 अगस्त तक चलेगी।

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– अब तक कुल 12807 तीर्थयात्रियों ने किये बाबा बर्फानी के दर्शन

जम्मू, 02 जुलाई (हि.स.)। जम्मू के आधार शिविर से रविवार को 4903 अमरनाथ तीर्थयात्रियों का तीसरा जत्था रवाना हुआ। इसके साथ ही अब तक कुल 12807 तीर्थयात्री बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं।

प्रशासन के अनुसार 2346 तीर्थयात्री 131 वाहनों के काफिले में बालटाल आधार शिविर के लिए रविवार सुबह भेजे गए। तीर्थयात्रा के लिए अब तक 3.5 लाख से अधिक लोगों ने अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। 62 दिवसीय यात्रा के पहले दिन 8000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा में पूजा-अर्चना की, जो दोनों मार्गों पहलगाम और बालटाल से पहुंचे थे।

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उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही अजित पवार ने एनसीपी के नाम और सिंबल पर दावा ठोंका

– लोकसभा और विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लड़ेंगे: अजीत पवार

– राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के रूप में ही हम सरकार में शामिल हुए : छगन भुजबल

 

मुंबई, 02 जुलाई (हि. स.)। उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही अजित पवार ने एनसीपी के नाम और सिंबल पर दावा ठोंकते हुए कहा कि अगले सारे चुनाव एनसीपी के नाम और सिंबल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें राकांपा के विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों का समर्थन प्राप्त है।

अजीत पवार रविवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। अजीत पवार ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार को विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया था और आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तौर पर सरकार में हिस्सा लिया है। अजित पवार ने यह भी कहा कि हमने इससे पहले शिवसेना के साथ जाकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में काम किया था। हम जब शिवसेना के साथ जा सकते हैं, तो भाजपा के साथ भी जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे साथ पार्टी के विधायक, सांसद और पदाधिकारी हैं। बहुत से लोग मुंबई से बाहर हैं, उन लोगों से फोन पर बात हुई है और सभी मुंबई पहुंचने वाले हैं। अजीत पवार ने कहा कि इस संबंध में कई दिनों से चर्चा चल रही थी। राज्य की स्थिति यह है कि विकास को महत्व दिया जाना चाहिए, हम इसके लिए एक साथ आए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 9 साल से केंद्र सरकार चल रही है। देश को मजबूती से आगे बढ़ाने का काम चल रहा है। इसलिए ऐसे प्रयासों को समर्थन देने की जरूरत है।

 

अजीत पवार ने विपक्ष को भी चुनौती देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां मिलकर बैठकें कर रही हैं। ममता दीदी अपने राज्य में बैठकें कर रही हैं, वहीं केजरीवाल अपने राज्य में काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी बैठकें बेनतीजा साबित हुई हैं। अजीत पवार ने कहा कि कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं, लेकिन हमने महाराष्ट्र के समग्र विकास के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के रूप में सरकार में भाग लिया है।

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जम्मू, 30 जून (हि.स.)। अधिकारियों ने अमरनाथ यात्रियों को तीर्थयात्रा पर निकलने से पहले जम्मू-कश्मीर में निर्दिष्ट स्थानों से रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (आरएफआईडी) कार्ड एकत्र करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों को इसके बिना यात्रा न करने की सलाह दी है।

अमरनाथ यात्रा से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सभी यात्रियों को हर समय अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की ओर से जारी आरएफआईडी कार्ड पहनना अनिवार्य है। किसी भी यात्री को आरएफआईडी कार्ड के बिना यात्रा क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आरएफआईडी आर्बिटर टेक्नोलॉजी कार्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी से लैस है और यात्रियों के आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है। यह आईडी ट्रैकिंग के दौरान रास्ता भटक जाने पर हर तीर्थयात्री की पहचान का पता लगाने में भी मदद करती है।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस साल अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और यात्रियों से अपनी सुरक्षित यात्रा के लिए उनका पालन करने को कहा है। 62 दिनों तक चलने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से दक्षिण कश्मीर में पहलगाम और मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल मार्ग से पर्याप्त सुविधाओं और अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई है।

इसी बीच शुक्रवार सुबह 3,488 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास आधार शिविर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रियों को यात्रा अवधि के दौरान आरामदायक कपड़े पहनने के लिए कहा गया है और ट्रैकिंग जूते पहनने, चढ़ते समय धीरे-धीरे चलने और ऊंचाई वाले वातावरण के साथ खुद को ढालने के लिए समय निकालने की सलाह दी गई है। यात्रियों को इस दौरान खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए भी कहा गया है। तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि यदि किसी यात्री को सांस लेने में तकलीफ या फिर असुविधा का अनुभव हो रहा हो तो उसे निकटतम चिकित्सा सुविधा से संपर्क करना चाहिए और यदि संभव हो तो कम ऊंचाई पर उतरने का प्रयास करना चाहिए।

यात्रियों को यह भी सलाह दी गई है कि उन्हें अपनी क्षमता से अधिक परिश्रम करने से बचना चाहिए और रास्ते में बार-बार रूकना और आराम करना चाहिए। यात्रियों से ट्रैकिंग मार्ग और आसपास अपशिष्ट पदार्थ फैलाकर पर्यावरण को प्रदूषित करने से बचने के लिए भी कहा गया है। यात्रियों को रास्ते में कोई शॉर्टकट अपनाने का प्रयास नहीं करने के लिए भी कहा गया है और खतरे के क्षेत्र के संकेतों पर नजर रखने के लिए भी कहा गया है जहां उन्हें सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल खराब मौसम के कारण 18 जुलाई, 2022 को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में 15 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी और दर्जनों अन्य घायल हो गए। इस दौरान वार्षिक अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई और 3.60 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए।

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नई दिल्ली, 30 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय केवल विश्वविद्यालय नहीं बल्कि एक मूवमेंट रहा है।

प्रधानमंत्री दिल्ली विश्वविद्यालय के खेल परिसर के बहुउद्देशीय हॉल में आयोजित दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ऐसे समय में अपने 100 वर्ष पूरे कर रहा है जब आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान किसी देश की उपलब्धियों का प्रतिबिंब होते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में इन 100 वर्षों की यात्रा में कितने ही ऐतिहासिक पड़ाव पार किए हैं।

उन्होंने कहा कि इंसान हो या संस्थान जब उसके संकल्प देश के संकल्प के साथ जुड़ जाते हैं तो उसकी सफलता भी देश की सफलताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में भाग लेने दिल्ली मेट्रो से यात्रा कर पहुंचे। मेट्रो से यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने यात्रियों के साथ संवाद भी किया। दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री ने छात्रों से भी संवाद किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उनके साथ मौजूद रहे।

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कंप्यूटर केन्द्र और प्रौद्योगिकी संकाय के भवन और विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में बनने वाले अकादमिक ब्लॉक का भी शिलान्यास किया।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना 1 मई 1922 को हुई थी। पिछले सौ वर्षों के दौरान, इस विश्वविद्यालय का काफी विकास एवं विस्तार हुआ है और अब इसमें 86 विभाग, 90 कॉलेज, 6 लाख से अधिक छात्र हैं तथा इसने राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

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बालटाल व पहलगाम दोनों मार्गाें पर सुरक्षा व सुविधा के व्यापक इंतजाम
दोनों यात्रा मार्गों पर शिव भक्तों के स्वयंसेवी संस्थाओं ने लगाए 120 लंगर

जम्मू, 29 जून (हि.स.)। वार्षिक अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को शुरू होने से पहले बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों का जम्मू के भगवती नगर स्थित आधार शिविर यात्री निवास में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस आधार शिविर से शुक्रवार यानी 30 जून को पहला जत्था बालटाल और पहलगाम के आधार शिविर के लिए रवाना होगा। इन दोनों आधार शिविरों से शनिवार को श्रद्धालु पवित्र गुफा की ओर अपनी यात्रा आरंभ करेंगे।

बफार्नी बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप में पहुंचना शुरू हो गए हैं। यात्रा के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसके लिए जम्मू शहर में तत्काल पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। यात्रा पंजीकरण के लिए भोले के भक्त कतारों में सुबह से ही लगे हुए हैं। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को उत्साह देखते ही बन रहा है। पूरा शहर बम बम भोले के जयकारों से गूंजना शुरू हो गया है।

इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 62 दिन चलेगी। यात्रा 1 जुलाई को शुरू होकर 31 अगस्त को सम्पन्न होगी। हिंदुओं के लिए इस यात्रा का एक अलग ही महत्व है। तीर्थयात्रा पहलगाम में नुनवान और कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल के रास्तों से शुरू होगी। इन दोनों यात्रा मार्गों पर करीब 120 लंगर लगाए गए हैं। लखनपुर से लेकर बालटाल व पहलगाम तक करीब 50 लंगर हैं। उधमपुर जिले में जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर विभिन्न स्थानों पर ही कुल 22 लंगर लगाए गए हैं।

इसी बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव राज कुमार गोयल, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव मंदीप कुमार भंडारी ने अमरनाथ यात्रा के दोनों तीर्थ मार्गों का व्यापक दौरा किया था। अधिकारियों ने यात्रा के सुचारू संचालन के लिए बलों और अन्य लोगों के बीच पूर्ण समन्वय पर ध्यान केंद्रित करने और संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान पर जोर दिया। यात्रा शुरू होने से पहले अनंतनाग जिला प्रशासन ने चिकित्सा, स्वच्छता और अन्य सहित सभी सुविधाओं की व्यवस्था की है।

डिप्टी कमिश्नर अनंतनाग सईद फखरुद्दीन हामिद ने कहा कि इस साल आरआईएफडी, स्वच्छता, लॉगिंग की सभी व्यवस्थाएं की गई हैं और सभी विभाग यात्रा के लिए काम कर रहे हैं। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक सद्भाव बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव का भी प्रतीक है।

अमरनाथ यात्रा को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस बार दोनों आधार शिविरों में ही नहीं बल्कि पूरे यात्रा मार्ग पर चिह्नित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। पवित्र गुफा, पंचतरणी, शेषनाग में भी हेलीपैड तैयार किए गए हैं, ताकि आपात परिस्थितियों में राहत कार्यों में किसी प्रकार की दिक्कत न आए। इलाके में सात हेलीपैड तैयार किए गए हैं, जिन पर रात को भी हेलीकॉप्टर उतर सकता है। बालटाल बेस कैंप और पवित्र गुफा तक के रास्ते में 1243 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। इसके अलावा चिन्हित स्थानों पर जनशक्ति और ईंधन के साथ 19 जेनसेट भी लगाए गए हैं।

बर्फीले पहाड़ों के बीच 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा की सुरक्षा की जिम्मेदारी पारंपरिक रूप से सीआरपीएफ के पास रहती है, लेकिन इस बार यह जिम्मेदारी इंडो तिब्बत बॉर्डर (आईटीबीपी) पुलिस को दी गई है। माना जा रहा है कि इस बार अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव मणिपुर हिंसा की वजह से भी हुआ है।

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