नई दिल्ली, 7 सितंबर (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आदित्य एल 1 द्वारा ली गई कुछ तस्वीरें साझा की हैं। इसरो ने गुरुवार को जानकारी दी है कि सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु के लिए निर्धारित आदित्य-एल1 ने सेल्फी ली है और पृथ्वी और चंद्रमा की खूबसूरत तस्वीरें भी क्लिक की हैं। स्पेस एजेंसी ने तस्वीरें और एक सेल्फी भी एक्स पर साझा की है, जिसे आदित्य-एल1 ने क्लिक किया था।

इसरो ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा, “आदित्य-एल1 मिशन: दर्शकों, आदित्य-एल1 ने सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु के लिए सेल्फी ली, पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें खींची। उल्लेखनीय है कि आदित्य एल वन अभी पृथ्वी की कक्षा में घूम रहा है। इसके बाद वह सूर्य की ओर अपनी यात्रा शुरू करेगा।

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नई दिल्ली, 05 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से जी20 देशों के नेताओं को 9 सितंबर को ‘भारत मंडपम’ में रात्रिभोज के लिए भेजे गए आधिकारिक निमंत्रण पत्र में इस बार उनके लिए ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ के संबोधन का प्रयोग किया गया है। इससे पहले प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया लिखे जाने की पंरपरा थी।

राष्ट्रपति भवन से आधिकारिक निमंत्रण पत्र में भारत शब्द के प्रयोग के बाद पक्ष विपक्ष की राजनीति आरंभ हो गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है। संविधान में अनुच्छेद एक के अनुसार, “भारत, जो इंडिया है, राज्यों का एक संघ होगा लेकिन अब इस ‘राज्यों के संघ’ पर भी हमला हो रहा है। उन्होंने आगे लिखा कि मोदी इतिहास को विकृत करना और इंडिया को विभाजित करना जारी रख सकते हैं, जो भारत है, जो राज्यों का संघ है। लेकिन हम विचलित नहीं होंगे। आख़िर क्या है आईएनडीआईए पार्टियों का उद्देश्य यही है। यह भारत है-सद्भाव, मैत्री, मेल-मिलाप और विश्वास लाओ। जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया!।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि हालांकि इंडिया को “भारत” कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है, जो देश के दो आधिकारिक नामों में से एक है। उन्हें उम्मीद है कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि “इंडिया” से पूरी तरह से छुटकारा पा ले, जिसकी सदियों से बनी अनगिनत ब्रांड वैल्यू है। हमें इतिहास के उस नाम पर अपना दावा छोड़ने के बजाय दोनों शब्दों का उपयोग जारी रखना चाहिए, एक ऐसा नाम जिसे दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में असम में एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने लोगों से अपील की थी कि वे इंडिया के स्थान पर देश के लिए भारत शब्द का प्रयोग करें।

क्रिकेट खिलाड़ी वीरेन्द्र सहवाग का कहना है कि उनका हमेशा से मानना रहा है कि नाम ऐसा होना चाहिए जो हममें गर्व पैदा करे। हम भारतीय हैं, इंडिया अंग्रेजों द्वारा दिया गया एक नाम है और हमारा मूल नाम ‘भारत’ को आधिकारिक तौर पर वापस पाने में बहुत समय लग गया है। मैं बीसीसीआई और जयशाह से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि इस विश्व कप में हमारे खिलाड़ियों के सीने पर भारत हो। उन्होंने आगे कहा कि 1996 के विश्व कप में, नीदरलैंड भारत में विश्व कप में हॉलैंड के रूप में खेलने आया था। 2003 में जब हम उनसे मिले, तब वे नीदरलैंड थे और अब भी वही हैं। बर्मा ने अंग्रेजों द्वारा दिया गया नाम वापस बदलकर म्यांमार कर दिया है और कई अन्य अपने मूल नाम पर वापस चले गये हैं।

भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने भी कुछ इसी तरह का बयान दिया है। उनका कहना है कि इंडिया नाम से ब्रिटिश हमें प्रताड़ित करते थे जबकि भारत नाम हमारी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। हमें संविधान में संशोधन करना चाहिए और केवल भारत नाम ही रखना चाहिए।

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नई दिल्ली, 05 सितंबर (हि.स.)। कांग्रेस ने मांग की है कि मोदी सरकार संसद के विशेष सत्र के मुद्दों को साझा करे। सरकार बताए कि 18 से 22 सितंबर के दौरान संसद के विशेष सत्र का एजेंडा क्या है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि मोदी सरकार संसद के विशेष सत्र को लेकर देश को गुमराह कर रही है। यह सरकार संसदीय परंपराओं का पालन नहीं कर रही है। मोदी सरकार ने संसद के विशेष सत्र की घोषणा तो कर दी है लेकिन मुद्दे तय नहीं कर पा रही है।

गोगोई ने बताया कि आज कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी की अध्यक्षता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में पार्टी संसदीय दल की रणनीतिक बैठक हुई। यह बैठक सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर हुई। इस बैठक में हमने देश की आर्थिक समस्या, हिमाचल प्रदेश की आपदा और मणिपुर की अस्थिरता के साथ ही गौतम अडानी के संदर्भ में चर्चा की। गोगोई ने कहा कि आज रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने निवास पर आई.एन.डी.आई.ए, के घटक दलों के नेताओं को बुलाया है। यहां भी देश के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जनता से जुड़े जरूरी मुद्दों पर चर्चा करने और सुझाव देने के लिए तैयार है। अब सवाल मोदी सरकार से है कि क्या वो अपना एजेंडा बताएंगे?

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नई दिल्ली, 05 सितंबर (हि.स.)। नई दिल्ली – श्री माता वैष्णो देवी कटरा के बीच बुधवार से स्पेशल रेलगाड़ियां चलेंगी। यह रेलगाड़िया दोनों दिशाओं में कुल चार फेरे लगाएंगी।

उत्तर रेलवे ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि रेलयात्रियों की सुविधा तथा अतिरिक्त भीड़भाड़ के मद्देनजर नई दिल्ली- श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा के बीच स्पेशल रेलगाड़ियां चलाने का निर्णय लिया गया है।

रेलगाड़ी संख्या 04071 नई दिल्ली- श्री माता वैष्णो देवी कटरा गति शक्ति स्पेशल रेलगाड़ी 06 सितंबर को नई दिल्ली से रात्रि 11.15 बजे प्रस्थान कर अगले दिन पूर्वाह्न 11:25 बजे श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा पहुंचेगी। वापसी दिशा में 04072 श्री माता वैष्णो देवी कटरा नई दिल्ली गति शक्ति स्पेशल रेलगाड़ी 09 सितंबर को श्री माता वैष्णो देवी कटरा से सांय 06.30 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 06.50 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।

एकनामिकल वानानुकूलित श्रेणी के डिब्बों वाली यह स्पेशल रेलगाड़ी मार्ग में सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र जं., अम्बाला कैंट, लुधियाना, जलंधर कैंट, पठानकोट कैंट, जम्मू तवी तथा उथमपुर स्टेशनों पर दोनों दिशाओ में रुकेगी |

रेलगाड़ी संख्या 04081 नई दिल्ली – श्री माता वैष्णो देवी कटरा स्पेशल रेलगाड़ी 07 सितंबर को नई दिल्ली से रात्रि 11.15 बजे प्रस्थान कर अगले दिन पूर्वाह्न 11:25 बजे श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा पहुंचेगी। वापसी में 04082 श्री माता वैष्णो देवी कटरा- नई दिल्ली स्पेशल रेलगाड़ी 10 सितंबर को श्री माता वैष्णो देवी कटरा से सांय 06.30 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 06.50 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।

वानानुकूलित, शयनयान तथा सामान्य श्रेणी के डिब्बों वाली यह स्पेशल रेलगाड़ी मार्ग में सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र जं., अम्बाला कैंट, लुधियाना, जलंधर कैंट, पठानकोट कैंट, जम्मू तवी तथा उथमपुर स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में रुकेगी।

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नई दिल्ली, 02 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 5 सितंबर को विज्ञान भवन में 75 चयनित शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 प्रदान करेंगी।

शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि देश में हर साल 5 सितंबर को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश में शिक्षकों के अद्वितीय योगदान का जश्न मनाना और उन शिक्षकों को सम्मानित करना है जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है। प्रत्येक पुरस्कार में योग्यता प्रमाण पत्र, 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक रजत पदक दिया जाता है। पुरस्कार विजेताओं को प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करने का भी अवसर मिलेगा।

स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय एक कठोर, पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के लिए हर साल शिक्षक दिवस पर एक राष्ट्रीय स्तर का समारोह आयोजित करता रहा है। इस वर्ष से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का दायरा बढ़ाकर उच्च शिक्षा विभाग और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के शिक्षकों को इसमें शामिल कर लिया गया है। इस वर्ष 50 स्कूल शिक्षकों, उच्च शिक्षा से 13 शिक्षकों और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय से 12 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा।

नवीन शिक्षण, अनुसंधान, सामुदायिक आउटरीच और काम की नवीनता को पहचानने की दृष्टि से भागीदारी (जन भागीदारी) को अधिकतम करने के लिए ऑनलाइन मोड में नामांकन मांगे गए थे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों के चयन के लिए प्रतिष्ठित व्यक्तियों को शामिल करते हुए तीन अलग-अलग स्वतंत्र राष्ट्रीय जूरी का गठन किया था।

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नई दिल्ली, 02 सितंबर (हि.स.)। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति में गृहमंत्री अमित शाह और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कई लोगों को जगह मिली है। यह समिति ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावनाएं तलाशेगी। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने शनिवार को इस समिति के गठन की घोषणा की।

समिति के अन्य सदस्यों में राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हैं।

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल और कानून मामलों के सचिव नीतेन चंद्रा उच्चस्तरीय समिति की बैठकों में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल होंगे।

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गुवाहाटी (असम), 02 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने लोगों से “भारत” शब्द का प्रयोग करने को कहा है। वे गुवाहाटी में भगवान महावीर धर्मशाला में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

सरसंघचालक शुक्रवार को गुवाहाटी की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं। जैन समाज के समारोह में आज उन्होंने कहा, “हम सभी को इंडिया शब्द का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए और भारत का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, ”अंग्रेजी बोलने वालों से बात करते समय विशेष नाम नहीं बदलते। उदाहरण के लिए, गोपाल नाम अंग्रेजी में कहने पर नहीं बदलेगा। हमारे देश में ऐसे कई शहर हैं जिनके नाम सदियों से चले आ रहे हैं। इसी तरह, हमें विदेशी लोगों से बात करते समय इंडिया कहने की ज़रूरत नहीं है। हमें भारत का उपयोग करना चाहिए।”

सरसंघचालक ने आगे कहा कि हम कहीं भी जाएं तो भारत ही कहते हैं। यदि कोई नहीं समझता है तो उसे नहीं समझने दो। जब उसे ऐसा करने की आवश्यकता होगी तब वह समझ जाएगा।

अगर किसी को समझ नहीं आती तो चिंता की कोई बात नहीं है। जिसे समझने की जरूरत है वह समझ लेगा। और हमें उसे समझाने की जरूरत नहीं है जो खुद समझना नहीं चाहेगा। हम आत्मनिर्भर और स्वतंत्र हैं।

‘आज पूरी दुनिया को हमारी ज़रूरत है, आज कोई भी हमें नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता। हम सभी को साथ लेकर चलते हैं क्योंकि यही हमारी संस्कृति और आध्यात्मिकता है। ‘हम पूरी दुनिया को एक मानते हैं। हम अकेले जा सकते हैं। लेकिन, सबको साथ लेकर चलते हैं क्योंकि हम सोचते हैं कि पूरी दुनिया हमारी है। यह हमारा ज्ञान है और आज पूरी दुनिया को इस ज्ञान की आवश्यकता है।’

सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा, “जब हर कोई परिवर्तन चाहता है। और परिवर्तन के लिए आचरण करता है। और बलिदान देने को तैयार होता है। तभी परिवर्तन होता है। हम कई भाषाएं सीखेंगे लेकिन अपनी मातृभाषा नहीं भूलेंगे। हमारे परिवारों में आजकल बच्चे हिंदी या असमिया में गिनती करना नहीं जानते। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे बच्चे अन्य सभी भाषाएं सीखें लेकिन घर पर वह केवल हमारी मातृभाषा का उपयोग करें। इस तरह हम अपने समाज को मजबूत और अपने भारत को मजबूत बना सकेंगे।’

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श्रीहरिकोटा, 02 सितंबर (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश के पहले सूर्य मिशन के तहत ‘आदित्य-एल1’ यान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से शनिवार को प्रक्षेपित कर दिया। इसरो ने कहा है कि प्रक्षेपण सफल रहा।

‘आदित्य-एल1’ सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अवलोकन करेगा। ‘आदित्य एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष यान है।

इसे पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर इसरो के सबसे भरोसेमंद पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) के जरिये श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। ‘आदित्य-एल1’ के 125 दिन में लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास हेलो कक्षा में स्थापित होने की उम्मीद है। इस कक्षा को सूर्य के सबसे करीब माना जाता है।

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं के अलावा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है।

‘आदित्य-एल1’ के साथ सात पेलोड हैं। इनमें से चार सूर्य के प्रकाश का निरीक्षण करेंगे। इसरो ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग में मिली कामयाबी के बाद इस मिशन का आगाज किया है।

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पटना/सारण, 01 सितम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता व पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में आज (शुक्रवार को) आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

उन पर आरोप था कि 1995 में विधानसभा चुनाव में उनके पक्ष में मतदान नहीं करने पर प्रभुनाथ सिंह ने राजेंद्र राय (47) और दारोगा राय (18) की हत्या करवा दी थी। इतना ही नहीं, चुनाव हारने के बाद प्रभुनाथ सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी अशोक सिंह को भी 90 वें दिन मौत के घाट उतार दिया था।

मामला वर्ष 1995 का है। आरोप है कि प्रभुनाथ सिंह ने अपने कहे अनुसार मत नहीं देने पर छपरा के मसरख इलाके के रहने वाले राजेंद्र राय और दारोगा राय की हत्या करवा दी। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान छपरा के मसरख में 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की पोलिंग बूथ के पास ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों ने ही प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं दिया था।

यह वही चुनाव था जिसमें अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। इसके बाद प्रभुनाथ सिंह ने 90 दिनों के अंदर ही अशोक सिंह का काम तमाम करने की धमकी दी थी और 3 जुलाई, 1995 के दिन अशोक सिंह की हत्या हो गई। यह उनके विधायक बनने का 90 वां दिन था।

प्रभुनाथ सिंह फिलहाल अशोक सिंह हत्याकांड में झारखंड के हजारीबाग के केंद्रीय कारावास में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

आज दारोगा राय और राजेन्द्र राय की हत्या के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन दोनों की हत्या के मामले में पटना के ट्रायल कोर्ट 2008 में बरी कर दिया था। बिहार उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के निर्णय को ही बरकरार रखा था। इसके खिलाफ राजेन्द्र राय के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 18 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय ने निचली अदालतों के निर्णय को खारिज करते हुए प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया और 1 सितम्बर को सजा का दिन तय किया था।

प्रभुनाथ सिंह का राजनीतिक सफर
लालू प्रसाद यादव के करीबी और राष्ट्रीय जनता दल के बाहुबली राजनेता प्रभुनाथ सिंह चार बार के सांसद हैं। वे 1998, 1999, 2004 और 2013 में महाराजगंज लोकसभा से निर्वाचित होकर सांसद चुने गए थे।

प्रभुनाथ सिंह के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1985 से शुरू हुई थी, तब वे पहली बार विधायक चुने गए थे।

1990 में प्रभुनाथ सिंह जनता दल के टिकट पर दोबारा विधानसभा चुनाव जीते थे। 1995 आने पर विधानसभा चुनाव में जनता दल का टिकट अशोक सिंह को दिया गया। इस दौरान प्रभुनाथ ने बिहार पीपुल्स पार्टी (बीपीपा) से चुनाव लड़ा। प्रभुनाथ हार गए और अशोक सिंह चुनाव जीत गए। इसके बाद 3 जुलाई 1995 को शाम 7.20 बजे पटना के स्ट्रैंड रोड स्थित आवास में अशोक सिंह की हत्या कर दी गई। हत्या में प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह तथा मसरख के रितेश सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया गया था।

अब 70 साल के हो चुके प्रभुनाथ सिंह का पूरा जीवन जेल में ही बीतेगा। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने भी सजा सुनाने से पहले प्रभुनाथ की उम्र पूछी, और फिर कहा- अब तो भगवान ही इनका मालिक है।

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मुंबई, 30 अगस्त (हि.स.)। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक साइरस पूनावाला ने कहा कि सीरम ने कोरोना वैक्सीन के बाद डेंगू और मलेरिया का टीका भी बना लिया है। इससे आम नागरिकों को राहत मिलेगी।

साइरस पूनावाला ने पुणे में बुधवार को पत्रकारों को बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना वैक्सीन बनाई और दुनिया को जीवनदान दिया। देश के सभी नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन दी गई। अब सीरम इंस्टीट्यूट ने डेंगू और मलेरिया का टीका बनाकर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह वैक्सीन एक साल के अंदर बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि बरसात के मौसम में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां लाखों लोगों को संक्रमित करती हैं और कुछ लोगों की डेंगू के कारण मौत भी हो जाती है। इसलिए कई सालों से सीरम इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक इन बीमारियों के खिलाफ टीका खोजने की कोशिश कर रहे थे। ये वैज्ञानिक अब वैक्सीन बनाने में सफल हो गए हैं। सीरम के वैज्ञानिक कैंसर के साथ-साथ डेंगू और मलेरिया पर भी शोध कर रहे हैं। वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का टीका खोजने की कोशिश कर रहे हैं। 

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नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर मोदी सरकार झूठ बोलती है। राहुल गांधी बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

राहुल गांधी ने कहा कि चीन ने हमारी सीमा में अतिक्रमण किया है। यह बात पूरा लद्दाख जानता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि लद्दाख में एक इंच भी ज़मीन नहीं गई है। यह झूठ है। पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने अतिक्रमण किया है।

राहुल ने कहा कि चीन ने जो मानचित्र जारी किया है, वह गंभीर मामला है। इस पर प्रधानमंत्री को कुछ बोलना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि चीन ने हाल ही में अपना नक्शा जारी किया है, जिसमें वह अरुणाचल और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बता रहा है। इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी की ओर से कल भी आपत्ति जताई गई थी। कल कांग्रेस ने कहा था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चार दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई। उसके बाद भारत सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर सख्त लहजे में चीन से बात की है। इस मुलाकात के बाद अब चीन ने एक नक्शा जारी किया है, जिसमें वह अरुणाचल और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बता रहा है। कल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछा था कि यह कैसा सख्त लहजा है कि चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा?

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नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन पर लगे आरोपों से उन्हें बरी कर दिया है। समिति ने अपनी सिफारिश में अधीर रंजन के निलंबन को वापस लेने की मंजूरी प्रदान की है। यह समिति अपनी सिफारिश लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को देगी। इसके बाद ओम बिरला समिति की सिफारिश को स्वीकार करते हुए अधीर रंजन का निलंबन समाप्त करने की घोषणा करेंगे।

इससे पहले विशेषाधिकार समिति की बैठक में यह तय हुआ था कि अधीर रंजन को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाए। इसी बाबत आज की बैठक में अधीर रंजन ने विशेषाधिकार समिति के सामने अपनी बात रखी। इसमें उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को आहत करने का नहीं था। विशेषाधिकार समिति ने अधीर रंजन की बातों पर विश्वास करते हुए निलंबन खत्म करने का प्रस्ताव पारित किया। अब यह प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा।

विशेषाधिकार समिति की पिछली बैठक में ही अधीर रंजन के खिलाफ मामले को खत्म करने पर लगभग सहमति बन चुकी थी लेकिन लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मामला विशेषाधिकार समिति को सौंपे जाने से इसकी रिपोर्ट बनानी जरूरी थी। इसलिए अधीर रंजन को विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होकर उनके विचार को जानना जरूरी हो गया था। ताकि विस्तृत रिपोर्ट में सारी बातें लिखी जा सकें।

पिछली बैठक में समिति के एक सदस्य ने यह बात रखी थी कि सत्र समाप्त हो जाने के बाद निलंबन का मामला स्वतः खत्म हो जाता है। उन्होंने समिति को इसके लिए ओडिशा विधानसभा में हुए निलंबन और हाई कोर्ट के फैसले का उदाहरण भी दिया था। इसी बैठक में सभी सदस्यों का यह मानना था कि मामला लोकसभा अध्यक्ष द्वारा भेजा गया है, इसलिए एक बार अधीर रंजन को भी बुलाया जाना चाहिए। ताकि पूरी रिपोर्ट बना कर लोकसभा अध्यक्ष के सामने भेजी जा सके और आगे की कार्रवाई लोकसभा अध्यक्ष करें।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न हुए संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण 10 अगस्त को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था।

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