गुवाहाटी (असम), 02 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने लोगों से “भारत” शब्द का प्रयोग करने को कहा है। वे गुवाहाटी में भगवान महावीर धर्मशाला में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

सरसंघचालक शुक्रवार को गुवाहाटी की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं। जैन समाज के समारोह में आज उन्होंने कहा, “हम सभी को इंडिया शब्द का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए और भारत का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, ”अंग्रेजी बोलने वालों से बात करते समय विशेष नाम नहीं बदलते। उदाहरण के लिए, गोपाल नाम अंग्रेजी में कहने पर नहीं बदलेगा। हमारे देश में ऐसे कई शहर हैं जिनके नाम सदियों से चले आ रहे हैं। इसी तरह, हमें विदेशी लोगों से बात करते समय इंडिया कहने की ज़रूरत नहीं है। हमें भारत का उपयोग करना चाहिए।”

सरसंघचालक ने आगे कहा कि हम कहीं भी जाएं तो भारत ही कहते हैं। यदि कोई नहीं समझता है तो उसे नहीं समझने दो। जब उसे ऐसा करने की आवश्यकता होगी तब वह समझ जाएगा।

अगर किसी को समझ नहीं आती तो चिंता की कोई बात नहीं है। जिसे समझने की जरूरत है वह समझ लेगा। और हमें उसे समझाने की जरूरत नहीं है जो खुद समझना नहीं चाहेगा। हम आत्मनिर्भर और स्वतंत्र हैं।

‘आज पूरी दुनिया को हमारी ज़रूरत है, आज कोई भी हमें नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता। हम सभी को साथ लेकर चलते हैं क्योंकि यही हमारी संस्कृति और आध्यात्मिकता है। ‘हम पूरी दुनिया को एक मानते हैं। हम अकेले जा सकते हैं। लेकिन, सबको साथ लेकर चलते हैं क्योंकि हम सोचते हैं कि पूरी दुनिया हमारी है। यह हमारा ज्ञान है और आज पूरी दुनिया को इस ज्ञान की आवश्यकता है।’

सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा, “जब हर कोई परिवर्तन चाहता है। और परिवर्तन के लिए आचरण करता है। और बलिदान देने को तैयार होता है। तभी परिवर्तन होता है। हम कई भाषाएं सीखेंगे लेकिन अपनी मातृभाषा नहीं भूलेंगे। हमारे परिवारों में आजकल बच्चे हिंदी या असमिया में गिनती करना नहीं जानते। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे बच्चे अन्य सभी भाषाएं सीखें लेकिन घर पर वह केवल हमारी मातृभाषा का उपयोग करें। इस तरह हम अपने समाज को मजबूत और अपने भारत को मजबूत बना सकेंगे।’

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श्रीहरिकोटा, 02 सितंबर (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश के पहले सूर्य मिशन के तहत ‘आदित्य-एल1’ यान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से शनिवार को प्रक्षेपित कर दिया। इसरो ने कहा है कि प्रक्षेपण सफल रहा।

‘आदित्य-एल1’ सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अवलोकन करेगा। ‘आदित्य एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष यान है।

इसे पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर इसरो के सबसे भरोसेमंद पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) के जरिये श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। ‘आदित्य-एल1’ के 125 दिन में लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास हेलो कक्षा में स्थापित होने की उम्मीद है। इस कक्षा को सूर्य के सबसे करीब माना जाता है।

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं के अलावा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है।

‘आदित्य-एल1’ के साथ सात पेलोड हैं। इनमें से चार सूर्य के प्रकाश का निरीक्षण करेंगे। इसरो ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग में मिली कामयाबी के बाद इस मिशन का आगाज किया है।

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पटना/सारण, 01 सितम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता व पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में आज (शुक्रवार को) आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

उन पर आरोप था कि 1995 में विधानसभा चुनाव में उनके पक्ष में मतदान नहीं करने पर प्रभुनाथ सिंह ने राजेंद्र राय (47) और दारोगा राय (18) की हत्या करवा दी थी। इतना ही नहीं, चुनाव हारने के बाद प्रभुनाथ सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी अशोक सिंह को भी 90 वें दिन मौत के घाट उतार दिया था।

मामला वर्ष 1995 का है। आरोप है कि प्रभुनाथ सिंह ने अपने कहे अनुसार मत नहीं देने पर छपरा के मसरख इलाके के रहने वाले राजेंद्र राय और दारोगा राय की हत्या करवा दी। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान छपरा के मसरख में 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की पोलिंग बूथ के पास ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों ने ही प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं दिया था।

यह वही चुनाव था जिसमें अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। इसके बाद प्रभुनाथ सिंह ने 90 दिनों के अंदर ही अशोक सिंह का काम तमाम करने की धमकी दी थी और 3 जुलाई, 1995 के दिन अशोक सिंह की हत्या हो गई। यह उनके विधायक बनने का 90 वां दिन था।

प्रभुनाथ सिंह फिलहाल अशोक सिंह हत्याकांड में झारखंड के हजारीबाग के केंद्रीय कारावास में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

आज दारोगा राय और राजेन्द्र राय की हत्या के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन दोनों की हत्या के मामले में पटना के ट्रायल कोर्ट 2008 में बरी कर दिया था। बिहार उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के निर्णय को ही बरकरार रखा था। इसके खिलाफ राजेन्द्र राय के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 18 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय ने निचली अदालतों के निर्णय को खारिज करते हुए प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया और 1 सितम्बर को सजा का दिन तय किया था।

प्रभुनाथ सिंह का राजनीतिक सफर
लालू प्रसाद यादव के करीबी और राष्ट्रीय जनता दल के बाहुबली राजनेता प्रभुनाथ सिंह चार बार के सांसद हैं। वे 1998, 1999, 2004 और 2013 में महाराजगंज लोकसभा से निर्वाचित होकर सांसद चुने गए थे।

प्रभुनाथ सिंह के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1985 से शुरू हुई थी, तब वे पहली बार विधायक चुने गए थे।

1990 में प्रभुनाथ सिंह जनता दल के टिकट पर दोबारा विधानसभा चुनाव जीते थे। 1995 आने पर विधानसभा चुनाव में जनता दल का टिकट अशोक सिंह को दिया गया। इस दौरान प्रभुनाथ ने बिहार पीपुल्स पार्टी (बीपीपा) से चुनाव लड़ा। प्रभुनाथ हार गए और अशोक सिंह चुनाव जीत गए। इसके बाद 3 जुलाई 1995 को शाम 7.20 बजे पटना के स्ट्रैंड रोड स्थित आवास में अशोक सिंह की हत्या कर दी गई। हत्या में प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह तथा मसरख के रितेश सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया गया था।

अब 70 साल के हो चुके प्रभुनाथ सिंह का पूरा जीवन जेल में ही बीतेगा। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने भी सजा सुनाने से पहले प्रभुनाथ की उम्र पूछी, और फिर कहा- अब तो भगवान ही इनका मालिक है।

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मुंबई, 30 अगस्त (हि.स.)। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक साइरस पूनावाला ने कहा कि सीरम ने कोरोना वैक्सीन के बाद डेंगू और मलेरिया का टीका भी बना लिया है। इससे आम नागरिकों को राहत मिलेगी।

साइरस पूनावाला ने पुणे में बुधवार को पत्रकारों को बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना वैक्सीन बनाई और दुनिया को जीवनदान दिया। देश के सभी नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन दी गई। अब सीरम इंस्टीट्यूट ने डेंगू और मलेरिया का टीका बनाकर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह वैक्सीन एक साल के अंदर बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि बरसात के मौसम में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां लाखों लोगों को संक्रमित करती हैं और कुछ लोगों की डेंगू के कारण मौत भी हो जाती है। इसलिए कई सालों से सीरम इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक इन बीमारियों के खिलाफ टीका खोजने की कोशिश कर रहे थे। ये वैज्ञानिक अब वैक्सीन बनाने में सफल हो गए हैं। सीरम के वैज्ञानिक कैंसर के साथ-साथ डेंगू और मलेरिया पर भी शोध कर रहे हैं। वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का टीका खोजने की कोशिश कर रहे हैं। 

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नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर मोदी सरकार झूठ बोलती है। राहुल गांधी बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

राहुल गांधी ने कहा कि चीन ने हमारी सीमा में अतिक्रमण किया है। यह बात पूरा लद्दाख जानता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि लद्दाख में एक इंच भी ज़मीन नहीं गई है। यह झूठ है। पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने अतिक्रमण किया है।

राहुल ने कहा कि चीन ने जो मानचित्र जारी किया है, वह गंभीर मामला है। इस पर प्रधानमंत्री को कुछ बोलना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि चीन ने हाल ही में अपना नक्शा जारी किया है, जिसमें वह अरुणाचल और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बता रहा है। इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी की ओर से कल भी आपत्ति जताई गई थी। कल कांग्रेस ने कहा था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चार दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई। उसके बाद भारत सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर सख्त लहजे में चीन से बात की है। इस मुलाकात के बाद अब चीन ने एक नक्शा जारी किया है, जिसमें वह अरुणाचल और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बता रहा है। कल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछा था कि यह कैसा सख्त लहजा है कि चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा?

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नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन पर लगे आरोपों से उन्हें बरी कर दिया है। समिति ने अपनी सिफारिश में अधीर रंजन के निलंबन को वापस लेने की मंजूरी प्रदान की है। यह समिति अपनी सिफारिश लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को देगी। इसके बाद ओम बिरला समिति की सिफारिश को स्वीकार करते हुए अधीर रंजन का निलंबन समाप्त करने की घोषणा करेंगे।

इससे पहले विशेषाधिकार समिति की बैठक में यह तय हुआ था कि अधीर रंजन को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाए। इसी बाबत आज की बैठक में अधीर रंजन ने विशेषाधिकार समिति के सामने अपनी बात रखी। इसमें उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को आहत करने का नहीं था। विशेषाधिकार समिति ने अधीर रंजन की बातों पर विश्वास करते हुए निलंबन खत्म करने का प्रस्ताव पारित किया। अब यह प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा।

विशेषाधिकार समिति की पिछली बैठक में ही अधीर रंजन के खिलाफ मामले को खत्म करने पर लगभग सहमति बन चुकी थी लेकिन लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मामला विशेषाधिकार समिति को सौंपे जाने से इसकी रिपोर्ट बनानी जरूरी थी। इसलिए अधीर रंजन को विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होकर उनके विचार को जानना जरूरी हो गया था। ताकि विस्तृत रिपोर्ट में सारी बातें लिखी जा सकें।

पिछली बैठक में समिति के एक सदस्य ने यह बात रखी थी कि सत्र समाप्त हो जाने के बाद निलंबन का मामला स्वतः खत्म हो जाता है। उन्होंने समिति को इसके लिए ओडिशा विधानसभा में हुए निलंबन और हाई कोर्ट के फैसले का उदाहरण भी दिया था। इसी बैठक में सभी सदस्यों का यह मानना था कि मामला लोकसभा अध्यक्ष द्वारा भेजा गया है, इसलिए एक बार अधीर रंजन को भी बुलाया जाना चाहिए। ताकि पूरी रिपोर्ट बना कर लोकसभा अध्यक्ष के सामने भेजी जा सके और आगे की कार्रवाई लोकसभा अध्यक्ष करें।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न हुए संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण 10 अगस्त को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था।

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माता वैष्णो देवी के भक्त दिल्ली से 6 घंटे में पहुंच जायेंगे कटरा

Delhi: भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जल्द ही माता वैष्णों देवी के भक्तों के बड़ा तोहफा देने जा रहा है. अगर सबकुछ ठीक रहा तो लोग दिल्ली से सुबह चलकर रात तक माता वैष्णो देवी का दर्शन कर लेंगे.

एनएचएआई तेजी से 670 किलोमीटर वाले दिल्‍ली-कटरा एक्‍सप्रेसवे के निर्माण में जुटा है. आशा व्यक्त की जा रही है कि अगले साल दिसंबर तक यह एक्सप्रेस वे बनकर तैयार हो जाएगा.

इस एक्सप्रेसवे के शुरू होते ही अभी दिल्ली से कटरा की 14 घंटे की दूसरी घटकर महज 6 घंटे की हो जाएगी. यानी यात्रियों के 8 घंटे बचेंगे.

दिल्‍ली-कटरा एक्‍सप्रेसवे के शुरू होते ही दोनों शहरों के बीच की दूरी 8 घंटे कम हो जाएगी. यानी भक्तगण दिल्‍ली से सुबह चलकर शाम तक माता वैष्‍णो देवी के दर्शन कर लेंगे.

4 लेन के बन रहे इस एक्सप्रेसवे को भविष्य में 8 लेन तक बढ़ाने की योजना है. बताते चले कि इसका ज्‍यादातर हिस्‍सा हरियाणा में है. 670 किलोमीटर वाला यह एक्‍सप्रेस वे दिल्‍ली के पास हरियाणा के झज्‍झर जिले से शुरू होकर कटरा तक जाएगा.

जानकारी के मुताबिक दिल्‍ली-कटरा एक्‍सप्रेसवे पर गाड़ियों की अधिकतम स्‍पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक निर्धारित की जा सकती है.

दिल्‍ली-कटरा एक्‍सप्रेसवे के बन जाने से दोनों शहर के बीच 140 किलोमीटर की दूरी मौजूदा 730 किलोमीटर से कम होकर 590 किलोमीटर रह जाएगी. इसके साथ 14 घंटे का 8 घंटे कम होकर महज 6 घंटे का रह जाएगा.

इसके बाद यदि कोई व्यक्ति सुबह 5 बजे दिल्‍ली से कटरा के लिए निकलता हैं तो 11 से 12 के बीच कटरा पहुंच जाएगा. यहां अगर वो व्यक्ति 1 से 2 बजे बीच वैष्‍णो माता दरबार के लिए चढ़ाई शुरू करता है तो वो 8 से 9 बजे तक माता रानी की दरबार में पहुंच सकता है.

इतना ही इस एक्सप्रेस वे के बन जाने से दिल्ली से अमृतसर महज 4 घंटे में पहुंचना मुमकिन हो सकता है. ऐसे में दिल्ली से सुबह निकल लोग स्‍वर्ण मंदिर में मत्‍था टेक कर शाम तक वापस भी आ सकता है.

इस एक्सप्रेसवे का निर्माण दो पैकेज यानी फेज में हो रहा है. एक्‍सप्रेसवे के फस्ट फेज करीब 400 किलोमीटर का ग्रीनफील्‍ड एक्‍सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है जो दिल्‍ली से लुधियाना और गुरदासपुर के बीच बन रहा है. इसके साथ ही नाकोदर से अमृतसर के बीच 99 किलोमीटर के एक कनेक्टिंग रोड का भी निर्माण होना है.

जबकि दिल्‍ली-कटरा एक्‍सप्रेसवे के निर्माण के फेज टू में गुरदासपुर से पठानकोट और जम्‍मू से कटरा तक निर्माण होना है. इसके साथ पठानकोट से गोबिंदसर के बीच 12.34 किलोमीटर के एक लिंक रोड निर्माण की भी योजना है. इससे हरियाणा के झज्‍झर, रोहतक, सोनीपत, जींद, करनाल और कैथल जिले तक जाना आसान हो जाएगा.

इसके साथ ही फेज टू में पंजाब के पटियाला, संगरूर, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला, तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर जिले तक भी लिंक रोड बनाया जाने का प्रस्ताव है.

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नई दिल्ली, 28 अगस्त (हि.स.)। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने एम्स के उन सभी डॉक्टरों को बधाई दी है, जिन्होंने उड़ान के दौरान आपात स्थिति में एक बच्ची का जीवन बचाया। उन्होंने डॉक्टरों की टीम को बधाई देते हुए कहा कि आपके प्रेरक कार्य ने दिखाया है कि डॉक्टरों को पृथ्वी पर भगवान का दूसरा रूप क्यों कहा जाता है। उन्होंने बच्ची के अच्छे स्वास्थ्य और शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।
दरअसल, रविवार को विस्तारा की यूके-814 फ्लाइट दिल्ली के लिए उड़ी। विमान में दो साल की एक बच्ची की अचानक हालत बिगड़ गई और वे बेहोश हो गई। इतना ही नहीं उस वक्त बच्ची के हाथ पैर ठंडे पड़ गए और उसकी नब्ज भी थम गई थी। विमान में इमरजेंसी कॉल की घोषणा हुई। इमरजेंसी कॉल के बाद फ्लाइट में मौजूद एम्स के पांच डॉक्टर मदद के लिए आगे आए।

एम्स दिल्ली ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर बच्चे और अन्य की तस्वीरें साझा की हैं। एम्स ने लिखा, आज शाम आईएसवीआईआर से बेंगलुरु से दिल्ली की उड़ान भरते समय विस्तारा एयरलाइन की उड़ान यूके-814 में एक संकट कॉल की घोषणा की गई। दो साल की एक बच्ची का इंट्राकार्डियक मरम्मत के लिए ऑपरेशन किया गया था, जो अचानक बेहोश हो गई थी और सियानोसिस से ग्रस्त थी। तुरंत बच्चे की जांच की गई। उसकी नाड़ी गायब थी, हाथ-पैर ठंडे थे, बच्ची सांस नहीं ले रही थी और उसके होंठ और उंगलियां पीले हो गए थे। 45 मिनट के उपचार के बाद बच्ची को नागपुर अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

दिल्ली एम्स के ये पांच डॉक्टर डॉ नवदीप कौर- एसआर एनेस्थीसिया, डॉ. दमनदीप सिंह- एसआर कार्डियक रेडियोलॉजी, डॉ. ऋषभ जैन- पूर्व एसआर एम्स रेडियोलॉजी, डॉ. ओइशिका- एसआर ओबीजी, डॉ. अविचला टैक्सक- एसआर कार्डियक रेडियोलॉजी ने देवदूत बनकर बच्ची की जान बचाई।

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बेंगलुरु, 26 अगस्त (हि.स.)। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद वैज्ञानिकों का उत्साहवर्धन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को बेंगलुरु पहुंचे। वह चंद्रयान-3 मिशन में शामिल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों से बातचीत करेंगे। इस दौरान उन्होंने ‘जय विज्ञान-जय अनुसंधान’ का नारा भी दिया। प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस की यात्रा से लौटने के तुरंत बाद सुबह करीब 7ः15 बजे इसरो के टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन संचालन परिसर पहुंचे।

प्रधानमंत्री वैज्ञानिकों का उत्साहवर्धन करेंगे। बेंगलुरु में एचएएल हवाई अड्डे के बाहर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-‘मैं खुद को रोक नहीं सका, क्योंकि मैं देश में नहीं था, लेकिन मैंने भारत दौरे के तुरंत बाद सबसे पहले बेंगलुरु जाने और अपने वैज्ञानिकों से मिलने का फैसला किया।’ प्रधानमंत्री ने हवाईअड्डे के बाहर एकत्र लोगों का अभिवादन भी किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा है- ‘मैं उन असाधारण इसरो वैज्ञानिकों से बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं, जिन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता से भारत को गौरवान्वित किया है। उनका समर्पण और जुनून वास्तव में अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे देश की उपलब्धियों के पीछे प्रेरक शक्ति है।’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एचएएल हवाईअड्डे के बाहर एकत्र लोगों से जय जवान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान के नारे भी लगवाए। उन्होंने कहा जो दृश्य आज मुझे यहां दिखाई दे रहा है वह मुझे ग्रीस और जोहानिसबर्ग में भी दिखाई दिया। दुनिया के हर कोने में न सिर्फ भारतीय बल्कि विज्ञान में विश्वास करने वाले, भविष्य को देखने वाले, मानवता को समर्पित सब लोग इतने ही उमंग और उत्साह से भरे हुए हैं।

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नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को बताया कि चंद्रयान 3 मिशन के रोवर ‘प्रज्ञान’ ने चांद की सतह पर 8 मीटर की दूरी तय की है और उसके सारे पे लोड सही तरीके से काम कर रहे हैं। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सुरक्षित रूप से उतरा था।

इसरो ने ‘एक्स’ पर कहा कि सभी नियोजित रोवर गतिविधियों को सत्यापित कर लिया गया है। रोवर ने लगभग आठ मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है। रोवर के दो पेलोड (उपकरण) एलआईबीएस और एपीएक्सएस सुचारू रूप से काम कर रहे हैं। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर पर सभी उपकरण सामान्य ढंग से काम कर रहे हैं।

प्रज्ञान रोवर के दो उपकरण ‘अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर’ (एपीएक्सएस) का लक्ष्य चंद्र सतह की रासायनिक संरचना और खनिज संरचना का अध्ययन करना है। वहीं, ‘लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप’ (एलआईबीएस) चंद्रमा पर लैंडिंग स्थल के आसपास की मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना की पड़ताल के लिए है।

उधर, विक्रम लैंडर के तीन पे लोड ने भी काम करना शुरू कर दिया है। गुरुवार को इसरो ने बताया कि आईएलएसए, रंभा, और चस्ते सुचारू रूप से काम कर रहे हैं।

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नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। केंद्र सरकार के स्मार्ट शहरों की प्रतियोगिता के चौथे संस्करण में सर्वश्रेष्ठ “राष्ट्रीय स्मार्ट सिटी पुरस्कार” इंदौर ने जीता है। इंदौर शहर को स्मार्ट शहरों में पहला स्थान मिला है। 100 स्मार्ट शहरों के बीच अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए सूरत और आगरा को दूसरा और तीसरा स्थान मिला है। यह पुरस्कार इंदौर में 27 सितंबर को आयोजित होने वाले समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रदान करेंगी।

शुक्रवार को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि राज्यों की श्रेणी में प्रथम स्थान मध्यप्रदेश, दूसरा स्थान तमिलनाडु और तीसरा स्थान संयुक्त रूप से राजस्थान और उत्तर प्रदेश को दिया गया है। केन्द्रीय शासित प्रदेश में चंडीगढ़ को स्वच्छ यूटी का पुरस्कार दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देश के शहरों को स्वच्छ और साफ सूथरा बनाने के उद्देश्य से 25 जून 2015 को लॉन्च किया गया था। इस मिशन के तहत अब तक 1.11 लाख करोड़ की लागत से 6,041 योजनाएं पूरी की जा चुकी है। चयनित 100 स्मार्ट शहरों में कचरा निस्तारण, बेहतर परिवहन, सेंट्रल कमांड सेंटर लगाए जा रहे हैं।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (हि.स.)। चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद अब चंद्रयान-3 अपने मिशन में जुट गया है। बुधवार शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद की सतह पर उतरने के कुछ घंटों बाद विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर बाहर आ गया। गुरुवार सुबह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक्स पर बताया कि `प्रज्ञान रोवर ने चांद पर घूमना शुरू कर दिया है। भारत में तैयार और चांद के लिए बना प्रज्ञान रोवर ने सुबह चांद पर घूमना शुरू कर दिया।’

बुधवार देर रात चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद लैंडर, प्रोपल्शन मॉड्यूल के जरिए इसरो के डाटा सेंटर से जुड़ गया। लैंडिंग के बाद लैंडर ने चंद्रमा की पहली तस्वीर भी भेज दी। इसके कुछ ही देर बाद प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से बाहर आया। अब 14 दिनों तक लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर अलग-अलग स्तरों पर खोजबीन करेंगे जो भविष्य में चंद्रमा पर जीवन की खोज में अहम होंगे।

अगले 14 दिनों में क्या करेगा प्रज्ञान व विक्रम

प्रज्ञान रोवर में दो पेलोड्स यानी उपकरण हैं जो चांद की सतह पर मौजूद रसायन की मात्रा और गुणवत्ता का अध्ययन करने के साथ यहां अल्यूमिनियम, सिलिकन, पोटैशियम, कैल्सियम, टिन और लोहा जैसे खनिज पदार्थ की खोज करेगा।

वहीं, इस दौरान विक्रम लैंडर भी अपने काम पर लगेगा जिसमें चार पेलोड्स लगे हैं। विक्रम चांद की सतह पर सूरज से आने वाले प्लाज्मा कणों के घनत्व और उनमें होने वाले बदलाव की जांच करेगा। साथ ही चांद की सतह पर तापमान की जांच, भूकंपीय गतिविधियों के साथ चांद के डायनेमिक्स को समझने की कोशिश करेगा।

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