नई दिल्ली: चंद्रयान-3 मिशन को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक नया अपडेट दिया है। चांद की सतह पर निष्क्रिय पड़े लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अब तक सक्रिय नहीं हो सके हैं। शुक्रवार को इसरो की ओर से इन दोनों को लगातार सिग्नल भेजे गए लेकिन अभी तक इन्हें सिग्नल नहीं मिलें। हालांकि इसरो इस संबंंध में प्रयास जारी रखेगा।

इसरो ने शुक्रवार को सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए उनके जागने की स्थिति का पता लगाने के लिए प्रयास किए गए हैं। अभी तक उनकी ओर से कोई संकेत नहीं मिले हैं। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे।

चंद्रयान-3 पर अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया कि लैंडर और रोवर से संपर्क स्थापित करने का प्रयास जारी है। यह स्वचलित रूप से पुनर्जीवित होगा और सिग्नल भेजेगा। हालांकि अभी तक कोई सिग्नल नहीं आया है। ठंडे तापमान में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के फिर से काम करने के 50-50 फीसदी संभावना होती है। हालांकि चंद्रयान-3 मिशन पहले ही अपना काम कर चुका है।

उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर हैं, पिछले 4 सितंबर को ही इसरो ने इन्हें स्विच ऑफ कर दिया था ताकि चांद पर नई सुबह होने पर इनसे फिर काम लिया जा सके। शुक्रवार को इसरो ने लगातार सिग्नल भेजे लेकिन अभी तक लैंडर और रोवर ने इन्हें रिसीव नहीं किया है।

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नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि महिला आरक्षण देते समय पादर्शिता बेहद जरूरी है। ऐसे में परिसीमन की प्रक्रिया के बाद ही जनप्रतिनिधियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का सरकार ने फैसला लिया है।

गृह मंत्री ने लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। शाह ने विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे कई प्रश्नों का जवाब दिया। उन्होंने महिला आरक्षण में देरी से जुड़े प्रश्न के उत्तर में कहा कि कौन सी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, इसका निर्णय कौन लेगा। इसे राजनीति दृष्टि से भी देखा जा सकता है। ऐसे में परिसीमन की प्रक्रिया के बाद पूरी पारदर्शिता से महिलाओं के लिए सीटें रिजर्व होंगी।

गृह मंत्री ने विपक्ष की ओर से ओबीसी महिलाओं के आरक्षण के मुद्दे का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग तीनों में 33 प्रतिशत के हिसाब से लागू होगा। यह केवल एक शुरुआत है महिलाओं को आरक्षण देने की। आने वाली सरकारें इसमें अन्य विषयों को जोड़ सकती हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने राहुल गांधी के सचिवों में ओबीसी की संख्या से जुड़े विषय पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि देश को सरकार चलती है, सचिव नहीं चलाते। उनकी सरकार में ओबीसी सांसदों और मंत्रियों की पर्याप्त संख्या है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओबीसी समाज से आते हैं।

अपने भाषण के अंत में गृहमंत्री ने सभी दलों से सर्वसम्मति से महिला आरक्षण विधेयक लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि समाज की स्थिति को देखते हुए महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिले इसके लिए आरक्षण विधेयक लाया गया है।

उन्होंने सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में सरकार में आने के बाद से महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम शुरू कर दिया था। उन्होंने इसके लिए 11 करोड़ परिवारों को शौचालय बनाने में मदद की गई, महिलाओं को आवास योजना के तहत पक्के मकानों का मालिक बनाया गया, जनधन योजना से उनके खाते खोले गए और हर जल योजना के माध्यम से महिलाओं के जीवन को आसान बनाया है।

बाद में एक प्रश्न में बीजू जनता के सांसद भर्तृहरि महताब ने लोकसभा में महिलाओं को सीटें आरक्षित करने से जुड़ा एक प्रश्न पूछा। उन्होंने जानना चाहा कि लोकसभा की सीटें क्या राज्य अनुसार ही 33 प्रतिशत आरक्षित होंगी। इसके जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि परिसीमन आयोग इस विषय पर विचार करेगा और तय करेगा कि लोकसभा में सीटें कैसे महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।

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नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। लोकसभा से बुधवार को महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने वाला विधेयक पारित हो गया। संविधान संशोधन विधेयक होने के कारण मतविभाजन द्वारा इसे पारित किया गया। संविधान में 128वें संशोधन किए जाने के पक्ष में 454 मत पड़े और 2 मत विरोध में पड़े। ज्ञात हो कि विधेयक को पारित किए जाने के लिए दो-तिहाई बहुमत अनिवार्य होता है।

नारी शक्ति वंदन विधेयक पर चर्चा में सदन के 60 सदस्यों ने भाग लिया। केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक पर चर्चा का उत्तर दिया। चर्चा की शुरुआत कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने की और गृहमंत्री ने सबसे अंत में चर्चा में भाग लिया। इसके बाद मतपत्रों के माध्यम से मत विभाजन किया गया।

लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला नेतृत्व विकास की बात कही है और यह विधेयक उसी दृष्टि से लाया गया है। दुनिया में जनप्रतिनिधियों में महिलाओं का 24 प्रतिशत प्रतिनिधत्व है। वर्तमान में भारत में 15.1 प्रतिशत महिलाएं जनप्रतिनिधी हैं। विधेयक के पारित होने से 33 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा और विश्व में हमारी रैकिंग में इजाफा होगा।

उन्होंने कहा कि महिलाओं यानी मातृत्व से नेतृत्व में आने की स्थिति में निर्णय प्रक्रिया में संवेदनशीलता, सहजता तथा राष्ट्र और समाज की भलाई होगी।

परिसीमन से जुड़े प्रश्न का उत्तर देते हुए कानून मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस बार महिला आरक्षण विधेयक को फंसने नहीं देगी। विधेयक से जुड़े कई तकनीकि पहलु हैं। जैसे कौन सी सीट किसके लिए आरक्षित होगी। इससे विधेयक आगे कानूनी प्रक्रिया में उलझ सकता है। पीआईएल के माध्यम से इसे लागू होने से रोका जा सकता है। ऐसे में सभी विषयों पर विचार करते हुए परिसीमन के बाद महिलाओं को आरक्षण देने की बात विधेयक में कही गई है।

मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं हुआ। इसका प्रमुख कारण था कि नीति, नियत और नेतृत्व नहीं था। अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नीति और नियत दोनों है।

राहुल गांधी के सचिवों की संख्या में ओबीसी की संख्या का विषय उठाने पर मेघवाल ने कहा कि वर्तमान में सचिव 92वें बैच से हैं। उस समय कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने इस विषय पर कोई काम क्यों नहीं किया। वहीं सचिव बनने की भी एक प्रक्रिया है।

इस दौरान अर्जुन राम मेघवाल ने बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के सभी व्यस्कों को मताधिकार देने की बात कहते हुए कांग्रेस पर उन्हें दो बार हराने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने अंबेडकर जी को भारत रत्न नहीं दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएं आज मतदान को उत्सव की तरह मनाती हैं और इसके लिए बाबा साहेब को धन्यवाद देती हैं।

इसी बीच कांग्रेस की ओर से हंगामा करने पर गृह मंत्री ने बीच में कहा कि राहुल गांधी को हराने वाली भाजपा थी। यह तथ्य है। इसी तरह भीमराव अंबेडकरजी को हराने वाले कांग्रेस के नेता थे।

लोकसभा में देर शाम विधेयक को पारित कराने पर विचार किए जाने के दौरान आरएसपी के नेता एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि विधेयक में 33 प्रतिशत के करीब आरक्षण की बात कही गई है जिसे 33 प्रतिशत ही से बदलना चाहिए। इस पर गृह मंत्री ने उत्तर देते हुए कहा कि परिसीमन के दौरान 33 प्रतिशत आरक्षण देने का ही काम होगा। हालांकि कुछ स्थितियों में 33 प्रतिशत विभाजन संभव नहीं यानी भाग करना संभव नहीं है ऐसी स्थिति के लिए विधेयक में इसे शामिल किया गया है।

खंडवार विचार के दौरान एआईएमआईएम ने संशोधन के प्रस्ताव पर मतविभाजन की मांग की। इसके चलते विधेयक पारित करने की प्रक्रिया में देरी हुई। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को गुरुवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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नई दिल्ली, 19 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज हम यहां से विदाई लेकर संसद के नए भवन में जा रहे हैं लेकिन हमें पुराने भवन की भी प्रतिष्ठा बरकरार रखनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ के रूप में जाना जाए।

प्रधानमंत्री मंगलवार को विशेष सत्र के दौरान संसद को नई इमारत में शिफ्ट करने से पहले सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के संकल्प और दृढ़ संकल्प के साथ नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे हैं।”

पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ के नाम से पुकारे जाने का सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “इस भवन को पुरानी संसद कहकर नहीं छोड़ना चाहिए। मैं उपराष्ट्रपति महोदय और स्पीकर महोदय से प्रार्थना करूंगा कि भविष्य में इसे संविधान सदन के रूप में जाना जाए।”

उन्होंने कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराने, संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि क्या छोटे कैनवास पर बड़ी पेंटिंग बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि अपनी सोच का दायरा बढ़ाए बिना हम अपने सपनों का भव्य भारत नहीं बना सकते। प्रधानमंत्री ने भारत की भव्य विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि अगर हमारी सोच इस भव्य विरासत से जुड़ जाए तो हम उस भव्य भारत की तस्वीर बना सकते हैं। मोदी ने कहा, “भारत को बड़े कैनवास पर काम करना होगा। अब समय छोटी-छोटी बातों में उलझने का नहीं है।”

उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की प्रधानता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शुरुआती आशंकाओं को खारिज करते हुए दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि रक्षा, विनिर्माण, ऊर्जा और खाद्य तेल के क्षेत्र में कौन आत्मनिर्भर नहीं बनना चाहेगा और इस तलाश में दलगत राजनीति बाधा नहीं बननी चाहिए।

संसद भवन और सेंट्रल हॉल की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने इसके प्रेरक इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने सेंट्रल हॉल में आयोजित ऐतिहासिक समारोहों और संबोधनों को याद किया। उन्होंने याद किया कि यही वह स्थान है, जहां संविधान ने आकार लिया था और आजादी के समय सत्ता का हस्तांतरण हुआ था। उन्होंने बताया कि 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधित किया है। हमारे सभी राष्ट्रपति के द्वारा 86 बार यहां संबोधन दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा ने पिछले सात दशकों में लगभग चार हजार अधिनियम पारित किये हैं। उन्होंने संयुक्त सत्र के तंत्र के माध्यम से पारित कानूनों के बारे में भी बात की और इस संबंध में दहेज निषेध अधिनियम, बैंकिंग सेवा आयोग विधेयक और आतंकवाद से लड़ने के लिए कानूनों का उल्लेख किया। उन्होंने तीन तलाक पर रोक लगाने वाले कानून का भी जिक्र किया। मोदी ने ट्रांसजेंडरों और दिव्यांगों के लिए कानूनों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने सहित उन ऐतिहासिक कानूनों के बारे में भी चर्चा की, जो 2014 से उनके कार्यकाल के दौरान बनाए गए थे।

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में जन प्रतिनिधियों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बड़े गर्व के साथ रेखांकित किया कि हमारे पूर्वजों द्वारा हमें प्रदान किया गया संविधान अब जम्मू और कश्मीर में लागू किया जा रहा है। मोदी ने कहा, “आज, जम्मू-कश्मीर शांति और विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है और यहां के लोग अब अवसरों को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहते।”

प्रधानमंत्री ने वर्तमान समय के महत्व को रेखांकित किया, जब भारतीय आकांक्षाएं हजारों वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर हैं। उन्होंने कहा कि भारत जिसकी आकांक्षाएं हजारों वर्षों से जंजीरों में जकड़ी हुई थीं, अब इंतजार करने को तैयार नहीं है, वह आकांक्षाओं के साथ आगे बढ़ना चाहता है और नए लक्ष्य बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि नई आकांक्षाओं के बीच नए कानून बनाना और पुराने कानूनों से छुटकारा पाना सांसदों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

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अयाेध्या, 18 सितम्बर (हि.स.)। तपस्वी छावनी, रामघाट में साेमवार काे धर्मसंसद का आयाेजन किया गया। धर्मसंसद में 29 प्रांताें के संत-धर्माचार्य सम्मिलित रहे, जिसमें सभी संत-धर्माचार्यों ने एक साथ हुंकार भरते हुए कहा कि सनातन धर्म पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले तमिलनाडु मुख्यमंत्री के पुत्र उदयनिधि स्टालिन माफी मांगे। इसके लिए हम उन्हें एक सप्ताह का समय देते हैं। अगर वह माफी नहीं मांगते हैं ताे देश के हम सभी संत-धर्माचार्य तमिलनाडु के लिए कूच करेंगे।

धर्मसंसद की अध्यक्षता करते हुए तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि सनातन धर्म काे मानने वाले लाेगाें काे अपमानित करने का काम किया जा रहा। संवैधानिक पदों पर बैठे लाेग असंवैधानिक बयान दे रहे हैं। हम सब सनातन धर्म के पवित्र मार्ग पर चलने वाले लाेग हैं। हम किसी धर्म के विराेधी नहीं हैं लेकिन यदि कोई हमारे सनातन धर्म पर कुठाराघात करेगा ताे हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। देश के 120 कराेड़ सनातनी अभी जिंदा हैं। जाे सनातन धर्म पर अमर्यादित टिप्पणी, निंदा करने वालाें काे सत्ता से हटाने व भगाने का काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि हम संत-धर्माचार्यों ने धर्मसंसद में निर्णय लिया है कि सनातन धर्म पर अमर्यादित बयान देने वाला डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन एक सप्ताह के अंदर माफी नहीं मांगता है। ताे हम सभी संत-धर्माचार्य तमिलनाडु के लिए कूच कर वहां विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संकटमोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय दास ने कहा कि जाे भी लाेग सनातन धर्म की निंदा व कटाक्ष कर रहे हैं। उन्हें पता नहीं सनातन धर्म सबकी जननी है। सनातन धर्म पर कटाक्ष करने वालाें का विनाश निश्चित है। उसे काेई राेक नहीं सकता है। यदि सनातन धर्म पर अमर्यादित टीका-टिप्पणी बंद नहीं हुई। ताे देश के हम सभी संत-धर्माचार्य आने वाले समय में विराेध प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए राष्ट्रपति से मिलेंगे और संसद भवन का घेराव करेंगे। इसलिए सनातन धर्म की निंदा करने वाले लाेग अभी से चेत जाएं। वह जल्द से जल्द माफी मांग लें नहीं ताे उनका भी हश्र कालनेमि की तरह हाेगा।

श्रीनिर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत मुरली दास ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन, ए राजा, स्वामी प्रसाद माैर्या जैसे लाेगाें द्वारा सनातन धर्म पर लगातार गलत बयानबाजी की जा रही है। जिसे कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

धर्मसंसद में हनुमानबाग के महंत जगदीश दास, हनुमानगढ़ी बसंतिया पट्टी के महंत रामचरण दास, सरपंच रामकुमार दास, नागा नंदराम दास, हनुमानगढ़ी के पुजारी हेमंत दास, पहलवान राजेश दास, मामा दास आदि समेत सैंकड़ो संत-धर्माचार्य माैजूद रहे।

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नई दिल्ली, 18 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को लोक सभा में कहा कि देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा का पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को याद करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है।

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सही है कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था लेकिन ये बात हम कभी नहीं भूल सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में देशवासियों का परिश्रम, पसीना और पैसा लगा था। उन्होंने कहा कि हम भले ही नए भवन में जाएंगे लेकिन ये पुराना भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदन से विदाई लेना बहुत ही भावुक पल है। हम जब इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन बहुत सारी भावनाओं और अनेक यादों से भरा हुआ है। जब मैंने पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर, इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन किया था।

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह 75 साल की संसदीय यात्रा को याद करते हुए आगे बढ़ने का समय है। करीब-करीब 7,500 से अधिक जनप्रतिनिधि अब तक दोनों सदनों में अपना योगदान दे चुके हैं। इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसदों ने दोनों सदनों की गरिमा को बढ़ाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संसद में पंडित जवाहर लाल नेहरू की ”आधी रात को” की गई गूंज हमें प्रेरित करती रहेगी और यह वही संसद है, जहां अटल जी ने कहा था ”सरकारें आएंगी, जाएंगी; पार्टियां बनेंगी, बिगड़ेंगी; मगर ये देश रहना” चाहिए। इस देश में दो प्रधानमंत्री ऐसे रहे (मोरारजी देसाई और वीपी सिंह) जिन्होंने कांग्रेस में अपना जीवन खपाया और एंटी कांग्रेस सरकार का नेतृत्व कर रहे थे। ये भी इसकी विशेषता थी।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की मुक्ति का आंदोलन और उसका समर्थन भी इसी सदन ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में किया था।इसी सदन ने इमरजेंसी में लोकतंत्र पर होता हुआ हमला भी देखा था और इसी सदन ने भारत के लोगों की ताकत का एहसास कराते हुए लोकतंत्र की वापसी भी देखी थी।

उन्होंने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र, दशकों से लंबित मुद्दों पर कई ऐतिहासिक फैसले, उनका स्थायी समाधान इस संसद में हुआ है। अनुच्छेद 370 ये सदन हमेशा याद रखेगा। वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी का निर्णय भी इसी सदन ने किया। ”वन रैंक, वन पेंशन” भी इसी सदन ने देखा। गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण बिना किसी विवाद के इसी सदन में हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता पूरे देश की सफलता है, किसी अकेले व्यक्ति या किसी एक पार्टी की नहीं है। भारत की शक्ति ने जी 20 घोषणापत्र पर सर्वसम्मति सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि हम सबके लिए गर्व की बात है कि आज भारत ”विश्व मित्र” के रूप में अपनी जगह बना पाया है। आज पूरा विश्व, भारत में अपना मित्र खोज रहा है, भारत की मित्रता का अनुभव कर रहा है।

चंद्रयान-3 की सफलता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस उपलब्धि से आज पूरा देश अभिभूत है। यह 140 करोड़ देशवासियों के संकल्प की शक्ति से जुड़ा हुआ है।

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नई दिल्ली, 18 सितंबर (हि.स.)। सूर्य के अध्ययन के लिए लॉन्च किए गए आदित्य एल-1 ने वैज्ञानिक डेटा भेजना शुरू कर दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को बताया कि आदित्य-एल1 ने वैज्ञानिक डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है। अंतरिक्ष यान में लगे एसटीईपीएस उपकरण के सेंसर ने पृथ्वी से 50,000 किमी से अधिक दूरी पर सुपर-थर्मल और ऊर्जावान आयनस् और इलेक्ट्रॉनस् को मापना शुरू कर दिया है।

इसरो के मुताबिक यह डेटा वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करता है। यह आंकड़ा ऊर्जावान कण वातावरण में भिन्नता को प्रदर्शित करता है, जो भेजे गए उपकरणों की किसी एक इकाई द्वारा एकत्र किया गया है।

उल्लेखनीय है कि आदित्य एल-1 का अगला पड़ाव सूर्य के ऑर्बिट में स्थापित होने का है। 19 सितंबर को अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा को छोड़ कर सूर्य के ऑर्बिट की तरफ अग्रसर होगा।

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नई दिल्ली, 18 सितंबर (हि.स.)। केरल में पिछले 24 घंटों में निपाह से संक्रमित कोई मामला सामने नहीं आया है। इससे संक्रमित नौ साल के बच्चा वेंटिलेटर से बाहर आ गया है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के मुताबिक बच्चे की सेहत में अब सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस निपाह वायरस का खतरा केरल समेत देश के नौ राज्यों में है। इस पर आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ द्वारा किए अध्ययन में यह बात सामने आई है। यह निपाह संक्रमण चमगादड़ों से होता है।

उन्होंने बताया कि केरल में हमें जो वायरस मिला है, उसकी पहचान भारतीय जीनोटाइप या आई जीनोटाइप के रूप में की गई है, जो बांग्लादेश में पाए जाने वाले स्ट्रेन के जैसे है। निपाह वायरस के दो स्ट्रेन हैं, एक मलेशियाई और दूसरा बांग्लादेश से आया है। उन्होंने बताया कि राज्य में निपाह को लेकर स्थिति संतोषजनक है। निपाह संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों की सूची तैयार की गई है। 1233 लोग अब संपर्क सूची में हैं। 23 लोगों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में 4 लोग हैं।

उन्होंने बताया कि निपाह से निपटने के लिए अब तक 36 चमगादड़ों के नमूने एकत्र किए गए और परीक्षण के लिए भेजे गए। इसके साथ 34,167 घरों में हाउस विजिट पूरा हो चुका है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। उच्च जोखिम वाली संपर्क सूची में 352 लोग हैं। जिन स्थानों पर निपाह वायरस की पुष्टि हुई है, वहां स्वास्थ्य कर्मियों ने रोकथाम गतिविधियां तेज कर दी हैं।

उल्लेखनीय है कि निपाह से केरल में दो लोगों की मौत हो चुकी है और चार लोगों का इलाज चल रहा है। इस वायरस का संक्रमण ज्यादा तेज नहीं है लेकिन इससे होने वाली मौत की दर 40 से लेकर 70 प्रतिशत तक है।

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नई दिल्ली, 18 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।

राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा है कि गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर मैं भारत और विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।

उन्होंने कहा कि ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि के प्रतीक भगवान श्री गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला गणेश चतुर्थी का यह त्योहार उत्साह, हर्ष और उल्लास का त्योहार है। यह त्योहार मिल-जुलकर काम करने का संदेश देता है और हमें जीवन में विनम्र बने रहने तथा समाज में सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देने की प्रेरणा भी देता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान श्री गणेश हमें बाधाओं को दूर करने में मदद करें ताकि हम एक विकसित राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।

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नई दिल्ली, 16 सितम्बर (हि.स.)। भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ रविवार सुबह 9.30 बजे नए संसद भवन पर ध्वजारोहण करेंगे।

संसद के आगामी सत्र से एक दिन पहले नए संसद भवन के गज द्वार के शीर्ष पर ध्वजारोहण होगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस अवसर की शोभा बढ़ाएंगे।

इसके अलावा केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी. मुरलीधरन, राज्यसभा और लोकसभा में राजनीतिक दलों के नेता और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर के बीच आयोजित किया जाएगा। इस दौरान पहले दिन पुरानी संसद में बैठक होगी और अगले दिन यानी गणेश चतुर्थी से नए संसद भवन में कार्यवाही होगी।

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बारामूला, 16 सितंबर (हि.स.)। पाकिस्तानी सेना ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश के दौरान घुसपैठ करने वाले आतंकियों को कवर फायर दिया और भारतीय सेना के क्वाडकॉप्टर को निशाना बनाया, जिसे तीन आतंकियों मार गिराने के साथ नाकाम कर दिया गया। यह सब ब्रिगेडियर पी एम एस ढिल्लों ने शनिवार को बताया।

उत्तरी कश्मीर के उड़ी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ब्रिगेडियर ढिल्लों ने कहा कि पाकिस्तान स्थित संगठनों द्वारा घुसपैठ के प्रयासों के बारे में विशिष्ट इनपुट के बाद नियंत्रण रेखा के पास उड़ी सेक्टर के हथलंगा में ऑपरेशन शनिवार तड़के शुरू किया गया था।

उन्होंने कहा कि हमें खुफिया जानकारी मिल रही थी कि पाकिस्तानी संगठन जम्मू.कश्मीर में शांति को अस्थिर करने के लिए उड़ी में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए हमने अपने घुसपैठ रोधी और निगरानी ग्रिड को मजबूत किया।

उन्होंने कहा कि आज सुबह 6ः40 बजे खराब मौसम के बावजूद हथलंगा इलाके में तीन से चार आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश करते हुए देखा गया। तुरंत संपर्क स्थापित किया गया और गोलीबारी दो घंटे तक जारी रही।

अधिकारी ने कहा कि सेना ने आतंकवादियों को मार गिराने के लिए अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर ;यूबीजीएल, मल्टी ग्रेनेड लॉन्चर, एमजीएल और रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल किया।

इस दौरान एक आतंकवादी को मार गिराया गया। तब सेना को एहसास हुआ कि दो घायल आतंकवादियों ने अपना रास्ता बदल दिया है। इसके बाद सुबह लगभग 9ः15 बजे जवानों और आतंकियों के बीच दूसरी बार गोलीबारी हुई जो लगभग आधे घंटे तक जारी रही और परिणामस्वरूप दूसरा आतंकवादी मारा गया।

ब्रिगेडियर ढिल्लों ने कहा कि तीसरा घायल आतंकवादी पास की पाकिस्तानी चौकी से गोलीबारी की मदद से घुसपैठ कर गया।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना की चौकी ने आतंकियों की घुसपैठ के लिए गोलीबारी कर सहायता दी और हमारी ओर गोलीबारी की। उन्होंने हमारे क्वाडकॉप्टर पर भी गोलीबारी की। हमारे अनुमान के मुताबिक घायल आतंकवादी ने पाकिस्तानी पोस्ट से करीब 300 मीटर दूर जनरल एरिया में दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मौसम बहुत खराब है लेकिन इलाके में तलाश जारी है।

अधिकारी ने कहा कि ऑपरेशन में पाकिस्तान के तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया है और दो के शव बरामद कर लिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि पाकिस्तानी सेना कैसे आतंकवादियों का समर्थन करती है और उन्हें घुसपैठ करने के लिए पूरा समर्थन देती है। यह यह भी स्थापित करता है कि पाकिस्तानी सेना कश्मीर में शांति को अस्थिर करने में कैसे शामिल है।

सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के पास से एक एके 47 और एके 74 राइफल, सात मैगजीन, एक पांच किलो की आईईडी, कुछ गोला.बारूद, एक चीनी पिस्तौल और कुछ ग्रेनेड के साथ भारतीय और पाकिस्तानी मुद्रा भी बरामद की।

ढिल्लों ने कहा कि हमें लगता है कि वे अल्पसंख्यक इलाकों या सुरक्षा बलों के प्रतिष्ठान समेत कुछ संवेदनशील ठिकानों पर आईईडी का इस्तेमाल करना चाहते थे।

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अररिया,16 सितंबर(हि.स.)। गृह मंत्री अमित शाह ने जोगबनी के इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट स्थित 27 करोड़ रुपये की लागत से बने बॉर्डर गार्ड फोर्सेज अर्थात आवासीय कॉलोनी का उद्घाटन किया।इसके अलावा गृह मंत्री ने बथनाहा एसएसबी 56 वीं वाहिनी मुख्यालय में 35 करोड़ रुपैये की लागत से बने नवनिर्मित भवन का वर्चुअल तरीके से उद्घाटन किया।जिसके भाजपा के जिला के चयनित एक हजार कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद स्थापित किया।

अमित शाह के साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, सांसद प्रदीप सिंह, केंद्र सरकार के सीमा प्रबंधन के सचिव अटल टुल्लू,एसएसबी की महानिदेशक रश्मि शुक्ला,भारतीय भूमि पत्तन विमानन प्राधिकरण के अध्यक्ष आदित्य मिश्रा आदि मंचासीन थे।

अपने संबोधन में गृह मंत्री अमित शाह ने सबसे पहले परमवीर चक्र विजेता श्री तारापुर की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अंडमान निकोबार द्वीप समूह के एक द्वीप का नाम श्री तारापुर आईलैंड किए जाने को एक बड़ी श्रद्धांजलि कर दिया। इसके बाद उन्होंने सीमांचल की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार की सीमा क्षेत्र की सारी दिक्कतों से वे परिचित है। चाहे वह घुसपैठ की समस्या हो या अवैध रूप से भूमि कब्जाने का सवाल या फिर अवैध व्यापार का मामला।सबों से वाकिफ होने की बात करते हुए निकट भविष्य में सारी समस्याओं के समाधान की बात कही।

अपने संबोधन में अमित शाह ने 11 लैंड पोर्ट के विकास होने की बात करते हुए कहा कि कई लैंड पोर्ट का विकास का मामला भी पाइपलाइन में है। उन्होंने भारत नेपाल के बीच 19 लैंड कस्टम स्टेशन की पहचान करने की बात करते हुए कहा कि इन 19 लैंड कस्टम स्टेशन में 10 बिहार के सीमा पर हैं और उनके बनने के बाद व्यापार में काफी बढ़ोतरी होगी।

उन्होंने सीतामढ़ी के बैरगनिया, किशनगंज के गलगलिया,पश्चिम चंपारण के सिकटा,वाल्मीकिनगर, सुपौल के भीमनगर, कुनौली, मधुबनी के जयनगर, लौकहा,पिपरा और सहरसा के सोनबरसा में लैंड कस्टम स्टेशन बनने की बात कही।

भारत-नेपाल के बीच संबंध पर बातचीत करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि भारत नेपाल के साथ को-ऑर्डिनेशन,कॉपरेशन और कोलाब्रेशन तीनों क्षेत्रों मैं वृद्धि हुई है। भारत नेपाल के बीच कुल व्यापार का 14 फ़ीसदी कारोबार जोगबनी से होने की बात करते हुए गृह मंत्री ने प्रतिदिन 7 हजार ट्रक की आवाजाही जोगबनी के रास्ते भारत और नेपाल के बीच होने की बात कही।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीमा क्षेत्र के विकास में लगे हुए हैं और भारत के अंतिम गांव को प्रथम गांव बनाने का काम किया है।जनकल्याणकारी योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम किया गया है। फलस्वरूप सीमाएं क्षेत्र में वर्तमान समय में वैधानिक ट्रेड को बढ़ावा मिला है, जबकि वैधानिक ट्रेड को नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा कि एसएसबी की प्रतिनियुक्ति नेपाल और भूटान सीमा क्षेत्र में है।जो सुरक्षा के साथ-साथ दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का काम कर रहे हैं।एसएसबी की ओर से भारत सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन में बढ़ चढ़कर भागीदारी के साथ आपदा के समय मानवता का मिसाल देने की बात उन्होंने कही।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 5-6 साल में लैंड पोर्ट अथॉरिटी पड़ोसी देशों के साथ सांस्कृतिक और वाणिज्यिक दूध का काम करेगी। यही कारण है कि लैंड पोर्ट अथॉरिटी को की सुविधाओं को आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस किया जा रहा है, जिससे व्यापार सुचारू रूप से चल सके। 7485 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले लैंड पोर्ट अथॉरिटी की ओर से वर्तमान समय में 10 हजार 500 करोड़ रुपैया के व्यापारिक आंकड़ा के भविष्य में बढ़ने की संभावना व्यक्त की।उन्होंने कहा कि आने वाला समय में भारत का पड़ोसी देशों से व्यापार बढ़ेगा।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह झंझारपुर में सभा को संबोधित करने के बाद सेना के विशेष हेलीकॉप्टर से जोगबनी पहुंचे।जोगबनी के इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट परिसर में बने हेलीपेड पर डीएम इनायत खान,एसपी अशोक कुमार सिंह सहित एसएसबी के अधिकारियों ने बुके देकर उनका स्वागत किया।

गृह मंत्री के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किया गया।300 स्थानों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी और जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई थी।पूर्णिया प्रमंडल के सभी जिलों से पुलिस के जवान और अधिकारी समेत सुरक्षा में एसएसबी के जवानों को लगाया गया।गृह मंत्री बॉर्डर गार्ड फोर्स के रहने के लिए बनाए घरों का उद्घाटन किया।बनाए गए घरों में कुल 232 लोगों के रहने की व्यवस्था है और इन घरों को दो अलग अलग सेक्टर में बांटा गया है।ऑफिसर्स,महिलाओं और जवानों के लिए अलग अलग भवन बनाए गए हैं।

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