नई दिल्ली, 20 अगस्त (हि.स.)। केंद्र सरकार बुधवार को लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है।

इनका मकसद यह है कि अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में 30 या उससे अधिक दिनों के लिए गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है तो उन्हें उनके पद से हटाया जा सके।

इन विधेयकों में केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक, 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने के लिए लोकसभा में एक प्रस्ताव भी पेश करेंगे।

हालांकि इन विधेयकों को विपक्ष की तरफ से कड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार विपक्ष को अस्थिर करने के लिए ये नया कानून ला रही है।

0Shares

नई दिल्ली, 20 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार सुबह जन सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने अचानक हमला कर दिया।

सीएम रेखा गुप्ता के साथ गंभीर रूप से हाथापाई हुई है। मुख्यमंत्री अपने कैंप ऑफिस पर आज सुबह जन सुनवाई कर रही थीं। इसके बाद वहां अफरातफरी मच गई। पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ कर रही है।

हालांकि अभी तक हमले की वजह साफ नहीं हो पाई है। यह उनकी सरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है।

0Shares

कोलकाता, 19 अगस्त (हि.स.)। केरल की एक सरकारी स्कूल की किताब में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के देश छोड़ने को “ब्रिटिशों के डर से भागना” लिखा गया, जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया। तृणमूल कांग्रेस ने इसपर आक्रोश व्यक्त हुए कहा कि ये सीपीएम की “बांग्ला विरोधी सोच” का नतीजा है।

असल में, चौथी कक्षा के टीचरों के लिए बनी एक गाइडबुक में यह लाइन लिखी गई थी। इसे स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) ने तैयार किया था। मामला सामने आते ही बवाल बढ़ा, तो केरल सरकार ने सफाई दी कि ये “भूल” थी, जिसे तुरंत सुधार लिया गया है। साथ ही, जिन लोगों ने ये गड़बड़ी की, उन्हें आगे किसी भी काम से हटा दिया गया है।

राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा, “जैसे ही मामला सामने आया, तुरंत सुधार के आदेश दिए गए। किताबों में सिर्फ सही इतिहास ही रहेगा। हमारी सरकार कभी भी केंद्र की तरह इतिहास से छेड़छाड़ नहीं करती, इसलिए एससीईआरटी को साफ बता दिया गया है कि गलती करनेवालों को सभी जिम्मेदारियों से हटा दिया जाए।”

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने इसे जानबूझकर किया गया कदम बताया। पार्टी के राज्यसभा सांसद ऋतब्रत बंद्योपाध्याय ने कहा, “नेताजी का देश छोड़ना, उनका मोहम्मद जियाउद्दीन नाम से बीमा एजेंट बनकर बाहर जाना और फिर आज़ाद हिंद फौज के जरिए आज़ादी की लड़ाई लड़ना—ये सबको पता है। तो सवाल ये है कि सीपीएम को ये इतिहास मालूम नहीं था, या उन्होंने जानबूझकर नजरअंदाज किया?”

उन्होंने आरोप लगाया, “ये गलती नहीं बल्कि साफ-साफ बांग्ला आइकन को छोटा दिखाने की कोशिश है। सीपीएम हमेशा से बांग्ला विरोधी रही है। नेताजी का अपमान हुआ है और इसके लिए उन्हें खुलकर माफी मांगनी चाहिए।”

0Shares

New Delhi, 19 अगस्त (हि.स.)। इंडी गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर मंगलवार को इंडी गठबंधन के घटक दलों की बैठक के बाद इसका औपचारिक ऐलान किया गया।

बी. सुदर्शन रेड्डी देश के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने इस अवसर पर कहा कि बी. सुदर्शन रेड्डी देश के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में न्यायाधीश, गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में लंबा और उत्कृष्ट कार्य किया है।

खरगे ने कहा कि रेड्डी हमेशा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के पक्षधर रहे हैं। वह एक साधारण परिवार से आते हैं और उनकी कई ऐतिहासिक न्यायिक टिप्पणियां गरीबों और वंचितों के पक्ष में रही हैं। उन्होंने संविधान और मौलिक अधिकारों की रक्षा में अहम भूमिका निभाई है। खरगे ने कहा कि यह उपराष्ट्रपति पद की लड़ाई एक वैचारिक संघर्ष है और इसी कारण इंडी गठबंधन ने सर्वसम्मति से रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे।

0Shares

New Delhi, 19 अगस्त (हि.स.)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण मामले को लेकर मंगलवार को भी राज्यसभा में हंगामा हुआ। सभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद आवश्यक कागजात पटल पर रखवाने के तुरंत बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

20 नोटिसों मिले जिसे नियमों के तहत अस्वीकार कर दिया गया

मंगलवार को उपसभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग वाले सभी 20 नोटिसों मिले जिसे नियमों के तहत अस्वीकार कर दिया गया। इस पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसके कारण सभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

दो बजे के बाद राज्यसभा में, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 का प्रस्ताव रखेंगे । यह विधेयक पहले ही लोकसभा द्वारा पारित किया गया है।

0Shares

New Delhi, 19 अगस्त (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने सोमवार शाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके आवास लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात कर अपने अंतरिक्ष मिशन के अनुभवों की विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष मिशन से जुड़ी कई उत्सुकताओं और स्पेस मिशन के लिए भारतीय आकांक्षाओं को लेकर बातचीत की। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर इस मुलाकात का वीडिया अपलोड किया है।

प्रधानमंत्री मोदी और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की बातचीत का ब्यौरा इस प्रकार है-

आप जब अंतरिक्ष में जाते हैं तो कैप्सूल में सीटिंग अरेजमेंट वैसा ही रहता है और पूरे 23-24 घंटे उसी स्थिति में निकालते हैं?

-हां सर, लेकिन एकबार जब आप अंतरिक्ष में पहुंच जाते हैं आप सीट खोल कर उसी कैप्सूल में आप मूव कर सकते हैं…इधर-उधर चीजें कर सकते हैं…

इतनी जगह है होती है उसमें?

-इतनी तो नहीं लेकिन थोड़ी बहुत है।

यानी फाइटर जेट कॉकपिट है उससे ज्यादा है?

-उससे तो अच्छा है लेकिन पहुंचने के बाद काफी कुछ चेंजेज होते हैं लेकिन चार ांच दिन में बॉडी नार्मल हो जाती है, फिर जब आप वापस आते हैं फिर वही दोबारा से चेंजेज… मतलब आप चल नहीं सकते वापस आते हैं चाहे कितने भी स्वस्थ हों …मैं मुझे बुरा नहीं लग रहा था.. जब पहला कदम रखा तो गिर रहा था तब लोगों ने पकड़ रखा था… फिर दूसरा.. तीसरा …हालांकि मालूम है कि चलना है लेकिन वो ब्रेन जो है वो उसको टाइम लगता है, वापस समझने में कि अच्छा अब ये नया वातावरण है..

यानी सिर्फ बॉडी का ट्रेनिंग नहीं है, माइंड का भी ट्रेनिंग है?

-माइंड का ट्रेनिंग है सब… बॉडी में ताकत है… मांसपेशियों में ताकत है… लेकिन ब्रेन की री वायरिंग होनी है उसे दोबारा से ये समझना है कि ये नया एन्वायरमेंट हैइसमें चलने के लिए इतनी ताकत लगेगी।

स्पेस स्टेशन पर सबसे ज्यादा समय कितना बिताने का है?

-इस समय सबसे ज्यादा समय 8 महीने का है …इसी मिशन से शुरू हुआ है कि लोग 8 महीने तक रहेंगे।

मूग और मेथी का प्रयोग कैसा है?

-बहुत अच्छा है…फूड बहुत बड़ा चैलेंज से स्पेस मिशन पर… जगह कम है…. कम से कम जगह में ज्यादा से ज्यादा न्यूट्रीशन आपको पैक करने की हमेशा कोशिश रहती है और हर तरह से प्रयोग चल रहे हैं…और इनको उगाना बहुत सिंपल है… रिसोर्स नहीं चाहिए.. छोटी से जगह में छोड़ दीजिए… आठ दिनों में अंकुरित होना शुरू हो गए थे… मिशन में ये देखने को मिले… जैसे हमारे देश की विशेषज्ञता है … जैसे ही हमें माइक्रो ग्रेविटी में पहुंचने का मौका मिला ये वहां पहुंच गए।

पहला कोई भारतीय आया… भारतीयों को देखकर उनके मन में क्या रहता है… क्या पूछते हैं, क्या बात करते हैं?

-मेरा पर्सनल अनुभव बहुत अच्छा रहा… जहां भी गया सभी लोग मिलकर बहुत खुश हुए… बात करनें उत्सुक थे… यह पूछने में कि आप लोग क्या कर रहे हैं…कैसे कर रहे हैं…सबसे बड़ी बात कि सबको मालूम था कि भारत स्पेस के क्षेत्र में क्या कर रहा है… मुझे ज्यादा तो कई लोग गगनयान के बारे में इतने एक्साइटेड थे कि मुझसे आकर पूछते थे कि आपका मिशन कब जा रहा है… मेरे ही क्रूू मेट जो मेरे ही साथ थे मुझसे साइन करवा कर मुझसे लिखकर ले गए कि जब भी आपका गगनयान जाएगा आपको भी इन्वाइट करेंगे लॉन्च के लिए। मुझे लगता है कि बहुत ज्यादा उत्साह है।

होमवर्क जो दिया था उसमें क्या प्रोग्रेस है-हां काफी प्रोग्रेस है… लोग हंसे थे कि प्रधानमंत्री ने आपको होमवर्क दिया है… बहुत जरूरी है। मुझे इस बात का आभास है… मैं गया ही इसलिए था। मिशन सफल रहा है लेकिन यह मिशन का अंत नहीं है, यह शुरुआत है। आपने भी बोला था कि यह पहला कदम है। इस पहले कदम का उद्देश्य ही यही था कि हम कितना कुछ सीख सकते हैं।

सबसे बड़ा काम होगा हमारे सामने कि अंतरिक्ष यात्रियों का एक पूल होना चाहिए हमारे पास… हमारे पास 40-50 लोग रेडी हों इस प्रकार का… अबतक तो शायद बहुत कम बच्चों के मन में होता होगा लेकिन आपकी सफलता के बाद शायद वह विश्वास भी बढ़ेगा आकर्षण भी बढ़ेगा

-जब मैं छोटा था तब राकेश शर्मा सर गए थे पर एस्ट्रोनॉट बनने का सपना कभी मन में नहीं आया क्योंकि हमारे पास कोई प्रोग्राम नहीं था …लेकिन मैं जब इसबार गया स्टेशन में… तीन बार सामूहिक रूप से कार्यक्रमों में बच्चों से बातचीत की… तीनों कार्यक्रमों में बच्चे पूछते थे कि मैं कैसे एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। मैं समझता हूं कि यह अपने देश के लिए अपने आप में सफलता है… आज के भारत में उसको सपने देखने की जरूरत है क्योंकि उन्हें मालूम है कि यह मुमकिन है.. मौका है… ये मेरी जिम्मेदारी है कि मुझे मौका मिला कि मैं अपने देश को रिप्रजेंट कर पाया हूं और अब मेरी जिम्मेदारी है कि मैं ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को यहां तक पहुंचाऊं।

स्पेस स्टेशन और गगनयान, अब ये हमारे बड़े मिशन हैं…उसमें आपका अनुभव बहुत काम आएगा।

-मुझे लगता है कि कहीं न कहीं हमारे लिए बहुत बड़ा मौका है , खासकर जिस तरह का कमिटमेंट हमारी सरकार… आपके द्वारा जो है स्पेस प्रोग्राम को हर साल बजट…. असफलताओं के बाद भी… चंद्रयान 2 सफल नहीं हुआ उसके बाद भी हमने कहा कि हम आगे बढ़ेंगे… चंद्रयान 3 सफल हुआ… ऐसी ही असफताओं के बाद भी इतना समर्थन… पूरी दुनिया देख रही है…तो कहीं न कहीं हमारी क्षमता भी है और स्थियां भी हैं और हम यहां पर नेतृत्वकर्ता का किरदार हासिल कर सकते हैं…

0Shares

New Delhi, 18 अगस्त (हि.स.)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित वोट चोरी के विरोध में संसद भवन परिसर में आज विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया।

सांसद मनोज झा समेत कई विपक्षी दलों के सांसद शामिल हुए

प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने किया। इस दौरान राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, धर्मेंद्र यादव, प्रिया सरोज और राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा समेत कई विपक्षी दलों के सांसद शामिल हुए।

“एसआईआर वापस लो” और “वोट चोरी रोको” बैनर-पोस्टर लेकर प्रदर्शन

सभी नेताओं ने हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया, जिन पर “एसआईआर वापस लो” और “वोट चोरी रोको” जैसे नारे लिखे थे। प्रदर्शन के दौरान सांसदों ने चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी की और बिहार में एसआईआर को तत्काल रोकने की मांग की।

मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर लिखा कि चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से विमुख होकर राजनीतिक दलों के वास्तविक प्रश्नों से बच नहीं सकता। मतदान का अधिकार भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है। भारत लोकतंत्र का गला घोंटने के किसी भी प्रयास का डटकर विरोध करेगा।

0Shares

Bihar: त्योहारों का मौसम शुरू होने ही वाला है। दशहरा, दीपावली और छठ जैसे बड़े पर्व पर अपने घर लौटने वालों के लिए अच्छी खबर है। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) ने खास इंतज़ाम किया है। बाहर के राज्यों से बिहार के अलग-अलग शहरों के लिए स्पेशल बस सेवा शुरू की जा रही है।

1 सितंबर से टिकट बुकिंग

इन बसों के लिए ऑनलाइन एडवांस टिकट की बुकिंग 1 सितंबर से शुरू होगी। इसके लिए यात्री निगम की आधिकारिक वेबसाइट bsrtc.bihar.gov.in पर जाकर टिकट बुक कर सकेंगे।

20 सितंबर से 30 नवंबर तक चलेगी बस सेवा

त्योहारों के सीजन को देखते हुए ये बसें 20 सितंबर से चलना शुरू होंगी और 30 नवंबर तक लगातार चलेंगी। यानी करीब ढाई महीने तक रोज़ाना लोगों को ये सुविधा मिलेगी।

कहां से कहां तक बसें चलेंगी

दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, पंचकूला, अंबाला, चंडीगढ़, पानीपत, कोलकाता और सिलीगुड़ी समेत कुल 12 शहरों से बसें बिहार के पटना, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और पूर्णिया तक जाएंगी। यात्रियों की सुविधा के लिए एसी और डीलक्स दोनों तरह की बसें उपलब्ध रहेंगी।

नीतीश कुमार ने की थी घोषणा 

हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि छठ, होली, दीपावली और दुर्गा पूजा जैसे अवसरों पर बड़ी संख्या में बिहारवासी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और पश्चिम बंगाल से घर लौटते हैं और इस दौरान उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रवासियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बिहार से जुड़े अंतर्राज्यीय मार्गों पर 299 ए॰सी॰ और नॉन-ए॰सी॰ बसों के परिचालन की योजना बनाई है। इसके तहत 24 जून 2025 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में 75 वातानुकूलित और 74 डीलक्स बसों की खरीद पर 105.82 करोड़ रुपये व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त लोक-निजी भागीदारी (पीपीपी मोड) के तहत 150 और ए॰सी॰ बसें चलाई जाएंगी। साथ ही पर्व-त्योहारों के समय प्रवासियों की बढ़ी हुई आवाजाही को देखते हुए केंद्र सरकार से विशेष ट्रेनों की अतिरिक्त व्यवस्था करने का अनुरोध भी किया जाएगा, ताकि लोगों को बिहार आने-जाने में अधिकतम सुविधा मिल सके।

त्योहारों में घर आने-जाने की दिक्कत को देखते हुए नीतीश सरकार का का ये फैसला यात्रियों के लिए बड़ी राहत साबित होगा। अब बिहार आने-जाने वालों को ट्रेन या अन्य साधनों की भीड़ से काफी हद तक छुटकारा मिल सकेगा।

0Shares

नई दिल्ली, 15 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से दिए गए संबोधन में कहा कि विकसित भारत का आधार आत्मनिर्भर भारत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सामर्थ्य बनाए रखने के लिए आत्मनिर्भर होना अत्यंत आवश्यक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरों पर निर्भरता, आजादी पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। आत्मनिर्भर बनने के लिए निरंतर जागरूक रहना जरूरी है। उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सामर्थ्य से जुड़ी हुई है। सामर्थ्य को सुरक्षित रखने और उसे निरंतर मजबूत बनाने के लिए आत्मनिर्भर होना अनिवार्य है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और सेना अपनी शर्तों व समय पर ही कार्रवाई करेगी। उन्होंने दोहराया कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते” और सिंधु जल समझौते को अन्यायपूर्ण तथा एकतरफा बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंधु जल समझौते ने देश के किसानों को अकल्पनीय नुकसान पहुंचाया है और किसान हित व राष्ट्रहित में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को याद करते हुए कहा कि वे भारत के संविधान के लिए बलिदान देने वाले पहले महापुरुष थे। उनका जीवन राष्ट्र के लिए प्रेरणा है। धारा 370 की दीवार गिराकर, एक देश-एक संविधान के मंत्र को जब हमने साकार किया, तो हमने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धाजंलि दी।

0Shares

नई दिल्ली, 15 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 वर्ष पूर्ण होने पर संगठन और उसके स्वयंसेवकों को आदरपूर्वक स्मरण किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प तक, मां भारती के कल्याण का लक्ष्य लेकर मातृभूमि को जीवन समर्पित किया है।

प्रधानमंत्री ने गर्व के साथ कहा कि सेवा, समर्पण, संगठन और अप्रतिम अनुशासन, संघ की पहचान रहे हैं। उन्होंने इसे दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताते हुए कहा कि 100 वर्षों में देश की सेवा करने वाले लाखों स्वयंसेवकों ने राष्ट्रहित में अमूल्य योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि आरएसएस की प्रेरणा और कार्यशैली ने समाज में एकता, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की भावना को मजबूत किया है, जो समृद्ध और सशक्त भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना विजयादशमी के दिन 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। इसका मूल उद्देश्य व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण है।

संघ अनुशासन, सेवा, समर्पण और संगठन को अपने कार्य का आधार मानता है। इसकी शाखाओं में शारीरिक, बौद्धिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से स्वयंसेवकों में राष्ट्रभक्ति और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित की जाती है।

आरएसएस शिक्षा, ग्रामीण विकास, आपदा राहत, स्वास्थ्य और सामाजिक समरसता के क्षेत्रों में कार्यरत है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन माना जाता है, जिसने पिछले सौ वर्षों में राष्ट्रहित में व्यापक योगदान दिया है।

0Shares

नई दिल्ली, 15 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से दिए संबोधन में घोषणा की कि सरकार दीपावली के अवसर पर नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म लागू करेगी। इससे नागरिकों पर टैक्स का बोझ कम होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही आज से देश में प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वालों को सरकार से 15,000 रुपये मिलेंगे।

प्रधानमंत्री ने नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म को लेकर कहा कि एक उच्चस्तरीय समिति द्वारा समीक्षा के बाद तय किए गए इन सुधारों के तहत सामान्य नागरिक से जुड़े करों में उल्लेखनीय कमी की जाएगी। इससे रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी और एमएसएमई क्षेत्र को लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने आयकर प्रणाली को भी बेहद सरल बनाया है। हाल ही में 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ये कदम मध्यमवर्ग और वेतनभोगी वर्ग को बड़ी राहत लेकर आया है।

0Shares

रांची, 15 अगस्त (हि.स.)। झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन का शुक्रवार को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। वे पिछले 13 दिनों से जीवन रक्षक प्रणाली (लाइफ सपोर्ट) पर थे, लेकिन स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था।

गत दो अगस्त को सोरेन अपने आवास पर बाथरूम में फिसलकर गिर गए थे, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई और ब्रेन हेमरेज हो गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाया लाया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगातार उनका उपचार कर रही थी। बावजूद इसके, उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और शुक्रवार रात उनका निधन हो गया।

राजनीतिक सफर और योगदान

रामदास सोरेन झामुमो के एक मजबूत और प्रभावशाली नेता थे। उन्होंने घाटशिला विधानसभा सीट का दो बार प्रतिनिधित्व किया और झारखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी पहचान एक जननेता के रूप में थी, जो हमेशा लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याओं का समाधान करने में जुटे रहते थे। शिक्षा मंत्री के तौर पर उन्होंने राज्य के शैक्षणिक विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कीं, जिन्हें लंबे समय तक याद किया जाएगा।

झारखंड में शोक की लहर

उनके निधन की खबर से झारखंड की राजनीति और शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री सहित कई राजनीतिक दलों के नेताओं और समर्थकों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्हें झारखंड की राजनीति में एक अपूरणीय क्षति बताया जा रहा है। झामुमो के प्रवक्ता कुणाल सारंगी सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी सोशल मीडिया पर लिखा है कि ऐसे छोड़कर नहीं जाना था रामदास दा। अंतिम जोहार दा…

स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन शोक जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि रामदास सोरेन के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत मर्माहत हूं। वे सरल स्वभाव के, कर्मठ एवं जनसेवा के प्रति समर्पित नेता थे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवार को संबल दें।

रांची जिला झामुमो की ओर से बताया गया कि रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची लाया जा रहा है। मौके पर पार्टी के पदाधिकारी, नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे।

0Shares