पटना: शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं को खोलने के लिए अनुकूल परिस्थितियां आने पर सबसे पहले कॉलेज और समकक्ष उच्च शिक्षण संस्थान खोले जायेंगे. टीकाकरण और दूसरी परिस्थितियों को देखते हुए कोई भी फैसला लिया जायेगा.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि छह जुलाई के बाद उच्च शिक्षण संस्थान खोलने पर विचार किया जायेगा. हालांकि, अभी इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. उन्होंने साफ किया कि स्कूलों को खोलने का अभी कोई विचार नहीं है.

उच्च शिक्षण संस्थाओं के खुलने के बाद की परिस्थितियों का आकलन करने के बाद ही सरकार स्कूल खोलेगी. फिलहाल कोरोना की संभावित लहर और वर्तमान स्थितियों पर शिक्षा विभाग की पूरी नजर है. हालांकि, उन्होंने साफ किया कि विभाग बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों से कोई समझौता नहीं करेगा.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले शिक्षा मंत्री चौधरी ने संकेत दिये थे कि रूटीन क्लास की जगह ऑनलाइन पढ़ाई नहीं ले सकती है. हालांकि, अनुकूल परिस्थितियां आने पर ही स्कूल खोले जायेंगे. शिक्षा विभाग कॉलेज खोलने के पहले 18 साल से अधिक उम्र के युवकों में टीकाकरण की स्थिति पर भी नजर रखे हुए है.

युवकों के बीच मुकम्मल टीकाकरण उच्च शिक्षण संस्थान खोलने के संबंध में पृष्ठभूमि तैयार करेगा. इधर विशेषज्ञों का कहना है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों का टीका आने के बाद ही स्कूल खोलना उचित होगा. यह देखते हुए कि तीसरी लहर बच्चों पर केंद्रित रहने वाली है.

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Chhapra: आर एस ए के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक स्थानीय कार्यालय में हुई। बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते छात्र नेताओं ने कहा कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर फारूक अली के कार्यकाल में शैक्षणिक भ्रष्टाचार चरम पर है ।71 करोड़ से अधिक के वित्तीय लेनदेन को लेकर कुलपति के वित्तीय निर्णय एवं नीतिगत निर्णय पर रोक है। जिसके कारण विश्वविद्यालय में कोई छात्र हित का कार्य नहीं हो रहा है। हम लोग मांग करते हैं कि जब तक जांच नहीं हो जाता वित्तीय लेनदेन को लेकर वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति की तरह जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति को भी लंबी छुट्टी पर भेज दिया जाए एवं किसी अन्य को कुलपति का प्रभार दिया जाए। क्योंकि छात्र हित में कार्य प्रारंभ हो सके। पैट, स्नातक,स्नातकोत्तर एमबीए, बी टेक समेत अन्य का परीक्षा का आयोजन नहीं हो पा रहा है।

वैसे ही सत्र पहले से ही विलंब चल रहा है । शोध कार्य पूर्णत: ठप हो गया है । पीजीआरसी की बैठेक नही हो रहा है , स्नातकोत्तर विभाग सेमिनार, सिम्पोजियम, का आयोजन नही करा पा रहे जिसके चलते दो वर्ष से थेसिस जमा नहीं कर पा रहे हैं शोधार्थीगण। क्योंकि कम से कम सेमिनार सिंपोजियम में दो पेपर प्रेजेंटेशन करना रहता है ।सेमिनार सिंपोजियम का आयोजन नहीं होने के कारण नहीं हो पा रहा है । कुलपति के कमजोर होने के कारण जिला प्रशासन ने ट्रकों का पार्किंग स्थान बना दिया है ।कोई भी संस्था लूज पूज वाले व्यक्ति के हाथों में होगा तो यही हाल होगा । धीरे-धीरे विश्वविद्यालय के जमीन पर अवैध कब्जा हो रहे हैं। कुलपति का कोई भी पदाधिकारी विभागाध्यक्ष ,प्रिंसिपल बात नहीं मानता है । संस्था हनक एवं प्रताप से चलता है लेकिन कुलपति के आए हुए 3 माह से अधिक भी नहीं हुए थे ।तब तक कि इनके वित्तीय पावर एवं नीतिगत निर्णय पर राजभवन के द्वारा रोक लगा दिया जबकि ऐसा देखा गया है कि कुलपति के अंतिम 3 सालों में 3 महीने पहले वित्तीय पावर पर रोक लगते हैं, लेकिन जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति के आते ही इनके वित्तीय पावर एवं नीतिगत निर्णय पर रोक लग चुका है। ऐसी स्थिति में तो कुलपति को नैतिकता के आधार पर ही इस्तीफा दे देना चाहिए था लेकिन नैतिकता शब्द ही इनके डिक्शनरी में नहीं है ।ऐसे में राजभवन को छात्र हित में तुरन्त फैसला लेना चाहिए ।

राजभवन ने ऐसा कर दिया है कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति का हाल जब से पावर सीज हुआ है। आयोदीन कुलपति विश्वविद्यालय कैंपस में घास उखाड़ते हुए दिखाई पड़ते हैं । कुलपति की बहाली शैक्षणिक व्यवस्था कायम करने के लिए हुआ है न कि घास उखाड़ने के लिए। जल्द से जल्द कमेटी से जांच करा कर जो भी दोषी है उसको करवाई करें या कुलपति को छुट्टी पर भेज दे या इन को बर्खास्त कर नए कुलपति की बहाल की जाए ।यहां के गरीब छात्र-छात्राओं का आखिर क्या दोष है ?अन्यथा संगठन प्रवेश, पढ़ाई ,परीक्षा एवं परिणाम को ठीक करने के लिए बड़ा आंदोलन करेगा। मीडिया से बात वार्ता करने वालों में प्रमुख रूप से विवेक कुमार विजय, संयोजक प्रमेन्द्र सिंह कुशवाहा, छात्र संघ सचिव पूनम कुमारी, कॉउंसिल मेंबर अर्पित राज गोलू आदि उपस्थित थे।

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Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के परिसर का मुख्य सड़क इन दिनों ट्रकों के पार्किंग का स्थल बन गया है. बालू और सामान लदे ट्रकों को यहाँ पार्क किया गया है. जिससे विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी और यहाँ आने वाले छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल, विश्वविद्यालय के बगल में मुफ्फसिल थाना है, जहाँ वाहनों के चेकिंग के दौरान उन्हें पकड़ा जाता है और चालान की प्रक्रिया तक उन्हें रोक के रखा जाता है. थाना के पास अपनी समुचित पार्किंग नहीं है जहाँ सैकड़ों ट्रकों को रोक कर रखा जा सके. ऐसे में पुलिस प्रशासन के द्वारा जयप्रकाश विश्वविद्यालय के परिसर को पार्किंग बना दिया गया है. मुख्य द्वार से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन तक ट्रकों की कतार लगी हुई है. जिससे रोजाना यहाँ आने जाने वालों को परेशानी हो रही है. साथ ही विश्वविद्यालय की सड़क को भी नुकसान पहुँच रहा है.

इस समस्या पर छपरा टुडे डॉट कॉम ने कुलसचिव डॉ आरपी बबलू से बातचीत की. कुलसचिव ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर को पार्किंग बना देना बिलकुल भी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि इस समस्या को लेकर उन्होंने कई बार पुलिस उपाधीक्षक और जिला के एसपी तक को जानकारी दी. बावजूद इसके अबतक ट्रकों के पार्किंग को लेकर कोई सार्थक पहल पुलिस प्रशासन के द्वारा नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि इस समस्या के जल्द निराकरण के लिए वे प्रयास कर रहें है. जरूरत पड़ी तो सरकार और राजभवन को पत्र भेजा जाएगा.

अब देखने वाली बात होगी की आखिर कबतक विश्वविद्यालय को ट्रकों के पार्किंग से मुक्त कराया जाता है.

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Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अतिथि सहायक प्राध्यापकों के द्वारा अपने सेवा के विस्तार के मामले को लेकर कुलपति के समक्ष धरना दिया. इस दौरान प्राध्यापकों का पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल कुलसचिव डॉ आरपी बबलू से मिला.

अतिथि सहायक प्राध्यापकों ने कहा कि कुलपति द्वारा साक्षात्कार लेकर रिन्यूअल करने की बातें कही जा रही है. जबकि राज्य सरकार और राजभवन के द्वारा जो पत्र है उसमें कहीं भी रिनुअल के लिए साक्षात्कार की बात नहीं की गई है. कुलपति अपने तानाशाही रवैए के साथ पूरे जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अतिथि सहायक अध्यापकों को आर्थिक शोषण करने के लिए प्रतिबद्ध लग रहे हैं. इसी दिशा में उनके पदाधिकारियों द्वारा यह बार-बार थोपने की कोशिश की जा रही है.

प्राध्यापकों का कहा था कि बिहार के ही पटना विश्वविद्यालय द्वारा अपने सभी अतिथि सहायक अध्यापकों को बिना साक्षात्कार किए हुए उन्हें जून महीने से 11 महीने का रिनुअल दे दिया गया है. एक ही राज्य में अलग नियम कैसे हो सकते हैं. अतिथि सहायक प्राध्यापकों से विश्वविद्यालय प्रशासन पर पैसा की वसूली का भी आरोप लगाया.

वही कुलसचिव डॉ आरपी बबलू ने कहा कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के संकल्प के आधार पर अतिथि सहायक प्राध्यापकों के सेवा का विस्तार किया जाना है. जिसका अक्षरसः पालन विश्वविद्यालय प्रशासन कर रहा है. जिसके लिए कुलपति ने आदेश दिया है. 29 जून को सभी अतिथि सहायक प्राध्यापकों को बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सकारात्मक रुख अपनाते हुए उनके सेवा का विस्तार तय प्रक्रिया से करेगा.

वही दूसरी ओर देर संध्या कुलपति प्रो फारूक अली ने प्राध्यापकों से वार्ता की और उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए 29 जून को बगैर अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति के ही सेलेक्शन कमिटी अतिथि शिक्षकों की सेवा का नवीनीकरण करेगी ऐसा आश्वासन दिया.

इस दौरान डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह, डॉ हरी महंत कुमार, डॉ मनोज कुमार पांडे, डॉ मनीष कुमार, डॉ रिजवान अहमद, डॉ विभूति दत्त सिंह, डॉ इंद्रकांत बबलू, डॉ राजेश कुमार, डॉ देवराम, डॉ विकास कुमार सिंह, डॉ अमित यादव, डॉ नीतू कुमारी, अनिता कुमारी, नाजिया परवीन, डॉ अनिल कुमार, डॉ जितेंद्र कुमार राम, डॉ सरोज कुमार सिंह, डॉ अनवर अली, डॉ कमलेश कुमार सिंह, डॉ विनोद केसरी आदि उपस्थित थे.

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Patna: STET, 2019 के तीन विषयों उर्दू, संस्कृत एवं विज्ञान का परीक्षाफल शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जारी किया.

इस अवसर पर अपर सचिव संजय कुमार एवं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर भी उपस्थित थे.

शिक्षा मंत्री के द्वारा पेपर-I एवं पेपर-II के सभी 15 विषयों में विषयवार रिक्ति के अनुसार मेधाक्रम (Position in Merit list) भी जारी किया गया.

संबंधित परीक्षार्थी अपना परीक्षाफल तथा संबंधित विषय में अपना मेधाक्रम वेबसाइट https://bsebstet2019.in पर देख सकते हैं.

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बिहार के सभी प्लस टू और कॉलेजों में 11वीं में एडमिशन के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो गयी. स्टूडेंट्स वेबसाइट http://ofssbihar.in/ पर जाकर आवेदन फॉर्म ऑनलाइन भर सकते हैं. 11वीं में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स 28 जून तक एडमिशन फॉर्म ऑनलाइन भर सकते हैं. इस बार बिहार के 3564 प्लस टू स्कूलों और कॉलेजों में 17 लाख दो हजार सीटों पर 11वीं में एडमिशन होना है.

स्टूडेंट्स एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन करते समय, न्यूनतम 10 या अधिकतम 20 शिक्षण संस्थानों का चयन कर सकते हैं. विद्यालय या कॉलेज में एक विषय एक विकल्प माना जायेगा. स्टूडेंट्स को ऑनलाइन आवेदन करते समय अपना मोबाइल नंबर तथा इ-मेल आइडी अनिवार्य रूप से देना होगा. एक मोबाइल नंबर और इ-मेल आइडी से एक ही रजिस्ट्रेशन होगा. स्टूडेंट्स विभिन्न विद्यालयों का विकल्प सावधानीपूर्वक चुनें, क्योंकि ओएफएसस के माध्यम से फॉर्म भरते समय एक बार विकल्प चुनने के बाद वही सारे विकल्प अंतिम विकल्प माने जायेंगे तथा एडमिशन प्रक्रिया के दौरान उन्हें बदला नहीं जायेगा.

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पटना:  बिहार बोर्ड ने इंटर व मैट्रिक परीक्षा-2021 में एक या दो विषयों में फेल विद्यार्थियों को अतिरिक्त ग्रेस अंक देकर पास कर दिया है. इस निर्णय से इंटर में 97,474 विद्यार्थी और पास हुए हैं. इनमें आर्ट्स के 53,939, कॉमर्स के 1,814, साइंस के 41,691 और वोकेशनल के 30 विद्यार्थी पास हुए हैं.

उस प्रकार अब कुल पास विद्यार्थियों की संख्या 11,46,320 हो गयी है, जो इंटर वार्षिक परीक्षा 2021 में शामिल होने वालों का 85.53% है. इसी प्रकार मैट्रिक परीक्षा में 1,21,316 विद्यार्थी और पास हुए हैं. ग्रेस से पास हुए विद्यार्थियों का रिजल्ट 19 जून शाम पांच बजे जारी कर दिया जायेगा.

स्टूडेंट्स अपना रिजल्ट results.biharboardonline.com पर जाकर देख सकते हैं. इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार एवं बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर उपस्थिति रहेंगे. वहीं, शिक्षा मंत्री की माने तो मौजूदा स्थिति में एक या दो विषय में फेल करने वाले परीक्षार्थियों को विशेष ग्रेस मार्क्स देकर पास किया गया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के प्रस्ताव को शिक्षा विभाग ने हरी झंडी दे दी है. शनिवार की शाम तक सफल परीक्षार्थियों की सूची बोर्ड की वेबसाइट पर जारी कर दी जाएगी.

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बिहार में लंबे इंतजार के बाद बीपीएसएससी ने दारोगा, सार्जेंट और परिचारी के पदों पर रिजल्ट जारी कर दिया है. बोर्ड के वेबसाइट पर जाकर अभ्यर्थी अपना रिजल्ट देख सकते हैं. बोर्ड ने बताया कि इस बार दारोगा पद पर 812 जनरल कैटिगरी, 330 एससी और 362 ईबीसी कैटिगरी में अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. बीपीएसएससी ने अपने नोटिफिकेशन में बताया है कि चयनित छात्रों का पत्र जल्द ही बोर्ड के वेबसाइट पर जारी किया जाएगा. इसके बाद अभ्यर्थी अपना सेवा शुरु कर सकते हैं. बीपीएसएससी की ओर से बिहार दारोगा का रिजल्ट जारी किया गया है.

2019 में निकली थी वैकेंसी- बता दें कि बिहार पुलिस में 1998 दारोगा और 215 सार्जेंट की नियुक्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 2019 में शुरू की गई थी. बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की ओर से इस संबंध में विज्ञापन जारी किया गया था. पुलिस सब इंस्पेक्टर एवं परिचारी के पदों पर ऑनलाइन आवेदन लिये गए थे.

जनवरी में हुआ था मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी- बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने 15 जनवरी को दारोगा, सार्जेंट और सहायक जेल अधीक्षक के पदों पर बहाली के लिए ली गई मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया था. परीक्षा में कुल 15231 सफल अभ्यर्थियों का चयन शारीरिक परीक्षा के लिए किया गया था. वहीं रिजल्ट को लेकर काफी विवाद भी हुआ था, जिसके बाद बोर्ड को सफाई देनी पड़ी थी.

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 सीबीएसई (CBSE), आईसीएसई (ICSE) के साथ-साथ अन्य राज्यों के 12वीं बोर्ड के छात्रों का मूल्यांकन किस तरह किया जाएगा. इसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सीबीएससी ने फार्मूला बता दिया है. रिजल्ट को लेकर बनी 13 सदस्यों को कमेटी ने 30-30-40 फीसदी के आधार पर छात्रों को नंबर देगी. वहीं, एजी केके वेणुगोपाल ने कहा है कि, 12वीं का रिजल्ट 31 जुलाई तक घोषित कर दिया जाएगा.

बता दें, इससे पहले 3 जून को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) को अगले दो सप्ताह के अंदर मूल्यांकन योजना (Evaluation Criteria) पेश करने का आदेश दिया था. बता दें कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्रीय और राज्यों के बोर्ड ने 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को कैंसल कर दिया था. इससे बाद से ही मूल्यांकन क्राइटेरिया पर मंथन किया जा रहा है.

मूल्यांकन का फॉर्मूलाः गौरतलब है कि 12वीं बोर्ड के परिक्षार्थियों के लिए मूल्यांकन क्राइटेरिया को लेकर एक कमेटी बनाई गयी थी. जिसमें 13 सदस्य थे. मीडिया रिपोर्ट में यह कहा जा रहा था कि, मूलायांकण के लिए 10वीं, 11वीं और 12वीं को प्री बोर्ड की परीक्षा को आधार बनाया जाएगा. कमेटी का ये भी कहना था कि इसमें 10वीं और 11वीं कक्षा के फाइनल रिजल्ट को 30-30 फीसदी शामिल किया जाएगा और 12वीं कक्षा के प्री बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट को 40 फीसदी महत्व दिया जाएगा.

रिजल्ट में यूनिट, टर्म और प्रैक्टिकल में मिले नंबरों को भी शामिल किया जाएगा. सीबीएसई ने बताया कि रिजल्ट के लिए बनाये गये फॉर्मूले के आधार पर 31 जुलाई तक परिणाम घोषित कर दिया जाएंगे. वहीं यह भी कहा गया है कि जो छात्र रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे, वो दोबारा परीक्षा दे सकते हैं.

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नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने टीईई (टर्म-ईंड-एग्जाम) दिसम्बर-2020 के लिए असाइनमेंट और प्रोजेक्ट आदि जमा करने की अंतिम तिथि को भी 30 जून तक के लिए आगे बढ़ा दिया है. इस परीक्षा को कोरोना के कारण स्थगित कर दिया गया था और अभी परीक्षा के लिए नई तिथि घोषित नहीं की गई है.
इग्नू ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण लॉकडाउन को देखते हुए, विश्वविद्यालय द्वारा टीईई दिसम्बर-2020 के लिए पुनर्मूल्यांकन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 30 जून तक बढ़ा दी गई है. हालांकि, उन सभी छात्रों के लिए 30 दिन जमा करने का समय उपलब्ध है, जिनके परिणाम 2 जून से घोषित किए जा रहे हैं.
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Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों द्वारा अपने सेवा के नवीनीकरण के लिए कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए विश्वविद्यालय कैंपस में सांकेतिक धरना दिया गया. धरना प्रदर्शन की गंभीरता को देखते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने धरना स्थल पर आकर संघ के शिक्षकों द्वारा वार्तालाप किए उन्होंने आश्वासन दिया कि आप लोगों का सेवा का नवीनीकरण एक सप्ताह के अंदर कर दी जाएगी तत्पश्चात कुलसचिव के आश्वासन के बाद धरने को समाप्त किया गया साथी अतिथि शिक्षक संघ द्वारा यह भी बताया गया कि अभी हमारी सेवा का नवीनीकरण यदि 1 सप्ताह के अंदर में न की जाएगी तो हम लोग लोकतांत्रिक तरीके से धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे.

साथ-साथ इन सभी बिंदुओं को लेकर कुलसचिव को ज्ञापन भी दिया गया. इस संकेतिक धरना प्रदर्शन में मुख्य तौर से डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह, डॉ हरी मोहन कुमार, डॉ मनोज कुमार पांडे, डॉक्टर नीतू सिंह, डॉक्टर मनीष कुमार सिंह, डॉक्टर इंद्रकांत बबलू, डॉक्टर पवन कुमार, डॉक्टर विभूति दत्त सिंह, डॉक्टर रिजवान अहमद, डॉ पंकज कुमार, सूर्यदेव राम, डॉ अनिल कुमार, डॉ जितेंद्र कुमार सिंह, डॉ राजेश कुमार सिंह, मोहन कुमार, एमडी अब्बास अनिल कुमार, अमित कुमार झा, दिलीप कुमार, अमित जाधव, रमन कुमार, अमिता कुमारी, विकास कुमार सिंह, चंद्र कुमार सिंह, दयाशंकर प्रताप, पवन कुमार, सतीश कुमार, जितेंद्र कुमार, दिलीप कुमार, चंद्रा इंद्रकांत, डॉ विवेक कुमार, डॉ जितेंद्र कुमार सिंह, डॉक्टर मनीष कुमार सिंह, निलेश झा, पंकज कुमार, इत्यादि उपस्थित थे.

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बिहार राज्य में आयोजित प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा(बीइटीइटी ) के प्रमाण पत्र की वैधता अब लाइफ टाइम होगी. शिक्षा विभाग की तरफ से शुक्रवार को एक आदेश जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि भविष्य में होने वाले बीटेट के फलस्वरूप दिये जाने वाले प्रमाण पत्र की वैधता भी लाइफ टाइम के लिए रहेगी.

शिक्षा विभाग के उपसचिव अरशद फिरोज के नाम से जारी इस आदेश में कहा गयाहै कि संबंधित नियुक्ति प्राधिकारी इस आदेश के अनुसार कार्यवाही करेंगे. इस तरह एक बार बीटेट उत्तीर्ण होने पर संगत नियुक्ति नियमावली में निहित अन्य शर्तों के अधीन संबंधित अभ्यर्थी शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे.

उल्लेखनीय है कि बिहार राज्य की प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्र की वैधता सात साल तक निर्धारित थी. फिलहाल इस प्रमाण पत्र को बीटेट के लिए निर्गत प्रमाण पत्र की अवधि, जैसे मई 2012 के प्रभाव से ‘री वेलिड’ करते हुए उसे ‘ रीमेन वेलिड फॉर लाइफ’ किया जाता है.

बता दें कि एनसीटीइ की तरफ से टीइटी प्रमाण पत्र की वैधता को लाइफ टाइम किया गया था. एनसीटीइ ने ही राज्य सरकार को पत्र लिख कर राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र की वैधता को लाइफ टाइम करने के लिए कहा था. इस आशय का आदेश सभी नियोजन इकाइयों को भी भेज दिया गया है.

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