Patna/Chhapra:  बिहार में अब से कुछ महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार के द्वारा लगातार अलग अलग घोषणाएं की जा रहीं हैं। इसी क्रम में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक और घोषणा की।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैन्डल से पोस्ट करते हुए लिखा कि बिहार में 07 निश्चय योजना के अंतर्गत 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए 02 अक्टूबर 2016 से बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू है। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अधिकतम 04 लाख रुपए का शिक्षा ऋण सामान्य आवेदक को 04 प्रतिशत ब्याज दर पर तथा महिला, दिव्यांग एवं ट्रांसजेन्डर आवेदक को मात्र 01 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि अब स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले शिक्षा ऋण की राशि सभी आवेदकों के लिए ब्याज रहित होगी।

साथ ही 02 लाख रुपए तक के शिक्षा ऋण को 60 मासिक किस्तों (05 वर्ष) में वापस करने का प्रावधान था, जिसे अब बढ़ाकर अधिकतम 84 मासिक किस्तों (07 वर्ष) में तथा 02 लाख से ऊपर ऋण राशि को 84 मासिक (07 वर्ष) किस्तों से बढ़ाकर अधिकतम 120 मासिक (10 वर्ष) किस्तों में वापस करने का प्रावधान किया गया है।
हमलोगों का उद्देश्य है कि राज्य के अधिक से अधिक छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। उच्च शिक्षा के लिए प्रदान की जाने वाली शिक्षा ऋण में दी जाने वाली इन सुविधाओं से छात्रों के मनोबल में वृद्धि होगी और वे अधिक उत्साह एवं लगन से उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने भविष्य के साथ-साथ राज्य एवं देश का भविष्य भी संवार सकेंगे।
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Chhapra: 14 सितंबर हिंदी दिवस के अवसर पर हिन्दी विभाग, राजेंद्र कॉलेज, छपरा के तत्वावधान में प्राचार्य डॉ. उदय शंकर पांडेय के मार्गदर्शन में हिंदी सप्ताह का आयोजन आज से आरंभ हुआ।

सप्ताह भर चलने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में प्रश्नोत्तरी, निबंध, काव्य पाठ, श्रुतिलेख, पत्र लेखन आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी जिसमें सभी संकाय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर में अध्यनरत छात्र छात्राएँ भाग लेंगे।

उद्घाटन समारोह में कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. उदय शंकर पांडेय ने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी की जननी के रूप में संस्कृत को स्वीकार्य किया जाता है। दोनों का संबंध घनिष्ठ है। फ्रेंच के 60 प्रतिशत शब्द संस्कृत के हैं। उन्होंने भारतीय मूल्य संवाहक के रूप में हिन्दी को महत्वपूर्ण निरुपित किया। 

अगली कड़ी में सभा को संबोधित करते हुए शिक्षक संघ के सचिव डॉ. प्रशांत कुमार सिंह ने हिंदी के प्रति गौरव भाव रखने और अपने दैनन्दिन जीवन में इसका आधिकारिक उपयोग करते हुए एक अधिक समर्थ भाषा के रूप में स्थापित करने हेतु अपनी भूमिका सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जन -जन को मिलाने वाली भाषा ही हिंदी है। इसे 14 सितम्बर 1949 को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। राष्ट्रीय एकता व अखंडता को अक्षुण रखना ही हिंदी दिवस की सार्थकता है।

दर्शन शास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ देवेश रंजन ने अपने उद्बोधन में कहा कि वैज्ञानिक खोजों एवं अन्य चीजों को अपनी मातृभाषा में लाकर सहजतापूर्ण तरीके से समझना चाहिए। भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ अनुपम सिंह ने कहा कि हमें हिंदी के प्रति आत्मविश्वास व गर्व होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया की देश की समृद्ध विरासत को सँभालने और आगे बढ़ाने के लिए उन्हें तत्पर रहना चाहिए।

वाणिज्य विभाग की अध्यक्ष डॉ. अर्चना उपाध्याय ने इसे चेतन अचेतन हर अवस्था में अपने अन्तःकरण में अवस्थित रहने वाली स्वाभाविक भाषा के रूप में रेखांकित किया| अगली कड़ी में हिन्दी के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुनील कुमार पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में आग्रह किया कि हमे शिक्षा, प्रशासन, न्यायालय आदि क्षेत्रों में अधिकाधिक उपयोग करना चाहिए।

हिन्दी के ही सहायक प्राध्यापक डॉ. बेठियार सिंह साहू ने प्रयोक्ताओं की संख्या और भौगोलिक विस्तार की दृष्टि से हिन्दी की वैश्विक स्थिति को गौरवपूर्ण बताते हुए अपने ही देश में दृष्टिगत होने वाली कुछ समस्याओं के प्रति सजग रहने और समाधान हेतु प्रयास करने का आग्रह किया| डॉ. रविकांत सिंह ने अपने वक्तव्य में कथनी और करनी में समन्वय का आग्रह किया। 

उन्होंने कहा कि हम कार्यक्रमों में बातें बहुत करते हैं किन्तु व्यवहार में पीछे रह जाते हैं यही समस्या की जड़ है। कार्यक्रम के दौरान सफल मंच सञ्चालन हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. रजनीश कुमार यादव ने किया और डॉ. ऋचा मिश्रा द्वारा हिन्दी के विविध विचारणीय पहलुओं पर चर्चा करते हुए धन्यवाद तथा आभार ज्ञापन किया गया।

उल्लेखनीय है कि अपरिहार्य कारणों से अन्यत्र गए हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार सिन्हा ने दूरभाष पर अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित कीं और कार्यक्रम की सफलता के लिए मार्गदर्शन किया| इसी तरह डॉ. विशाल कुमार सिंह ने भी दूरभाष पर सतत कार्यक्रम के बारे में अपने मूल्यवान सुझाव साथियों को दिए। 

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों में डॉ. तनु गुप्ता, डॉ. गौरव सिंह, डॉ. मृणाल चन्द्र, डॉ. नीलाम्बरी गुप्ता, डॉ. इश्तियाक अहमद, डॉ. निधि कुमारी, डॉ. सुनील प्रसाद डॉ. सुप्रिया कुमारी, डॉ. ओमप्रकाश, डॉ. अंकित विश्वकर्मा, डॉ. गौरव शर्मा, डॉ. विकास कुमार, डॉ. प्रवीण कुमार भास्कर, डॉ. आनंद गुप्ता, प्रशाखा पदाधिकारी श्री हरिहर मोहन, कर्मचारियों में सूरज राम, मनोज दास, रामबाबू आदि की सक्रिय उपस्थिति रही। वहीँ स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों में अमित कुमार, सुरुचि कुमारी, पल्लवी, शालिनी, नेहा, पूजा, रिहा, जुली, खुशबू आदि की उत्साहपूर्ण सक्रिय सहभागिता रही साथ ही सभी संकायों के विद्यार्थियों की भरी संख्या में सुरुचिपूर्ण उपस्थिति रही| कार्यक्रम उल्लासपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ।

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Chhapra: सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के भावी प्रत्याशी डॉ राहुल राज ने शिक्षकों के लंबे समय से चल रहे जटिल समस्याओं के निराकरण हेतु बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से मुलाकात की है।

राहुल राज ने आवास भत्ता को निर्धारित दरों पर भुगतान करवाने की मांग की

डॉ राहुल राज ने बताया कि उन्होंने वार्ता के दौरान अपर मुख्य सचिव से सभी प्रकार के शिक्षकों के महंगाई भत्ता एवं आवास भत्ता को निर्धारित दरों पर भुगतान करवाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि HRMS अपडेट नहीं होने के कारण सभी प्रकार के शिक्षकों का मंहगाई भत्ता और आवास भत्ता काफी लंबे समय से पुराने दर पर ही भुगतान हो रहा है जो कि न्यायोचित नहीं है।

उन्होंने अपर मुख्य सचिव से वार्ता के दौरान शिक्षकों के सेवा के निरंतरता के उद्देश्य से 19 वर्ष पहले नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालय अध्यक्षों जो कि अब राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त कर चुके हैं उन सभी वरिष्ठ शिक्षकों को प्राथमिकता के साथ वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए जिससे कि उनके साथ नैसर्गिक न्याय हो सके और उनके बीच व्याप्त असंतुष्टि का भाव कम हो सके।

यह शिक्षक समाज के मनोबल को बनाए रखने के लिए अति आवश्यक है: राहुल राज

उन्होंने कहा कि विशिष्ट शिक्षकों का वेतन BPSC से नियुक्त विद्यालय अध्यापकों के वेतन से कम हो रहा है जबकि बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली में वरीयता के लिए स्पष्ट प्रावधान है कि स्थानीय निकाय शिक्षक के रूप में प्रशिक्षित वेतनमान मिलने की तिथि से वरीयता का निर्धारण किया जाएगा। इस आधार पर वेतन विसंगति को दूर किया जा सकता है। यह शिक्षक समाज के मनोबल को बनाए रखने के लिए अति आवश्यक है।

राहुल राज ने शिक्षकों के सभी मुद्दों पर शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय लेने हेतु आश्वस्त किया

उन्होंने ANO के रूप में कार्यरत NCC प्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों को NCC आच्छादित विद्यालय में पदस्थापित करने हेतु भवदीय स्तर से आदेश निर्गत करने की बात भी कही। वही शिक्षकों के सेवा निरंतरता, वेतन वृद्धि एवं वित्तरहित शैक्षणिक संस्थानों के वर्षों से लंबित बकाया अनुदान का भुगतान एवं अनुदान के बदले वेतनमान पर शिक्षा समिति की शीघ्र अनुशंसा की बात कही। उन्होंने अपर मुख्य सचिव से कहा कि पूर्ण प्राथमिकता के साथ शिक्षकों से जुड़ी तमाम समस्याओं पर शीघ्र ही विचार करते हुए निराकरण हेतु आदेश निर्गत किया जाए ताकि शिक्षकों में एकरूपता और संतुष्टि का भाव जागृत हो और वे शिक्षा को एक बेहतर आयाम दे सकें।

प्रखंड प्रमुख द्वारा सौंपे गए ज्ञापन और सभी तथ्यों को सुनकर अपर मुख्य सचिव का रुख काफी सकारात्मक रहा। उन्होंने शिक्षकों के सभी मुद्दों पर शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय लेने हेतु आश्वस्त किया।

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Chhapra: शिक्षक दिवस पर गुरु-शिष्य परंपरा के भावों को सहेजे डॉ.धीरज सिंह ने अपने गुरु प्रो.डॉ. परमेंद्र रंजन सिंह को अलग अंदाज में सम्मान प्रदान किया। जिसमें सम्मान भी था और समाज के लिए संदेश भी।

उन्होंने शॉल व पेन के साथ पौधा भी भेंट किया। इस अवसर पर डॉ.धीरज सिंह ने कहा कि गुरुजन ही जीवन की सही दिशा दिखाते हैं। वे शिक्षा,संस्कार और समाज सेवा के लिए प्रेरित करते हैं। उनका मार्गदर्शन जीवनभर ऊर्जा और संबल देता है। पौधा भेंट कर गुरु का सम्मान करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता का संदेश भी दिया गया।

समारोह में मौजूद लोगों ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि यह सम्मान न केवल गुरु के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है,बल्कि भावी पीढ़ी के लिए अनुकरणीय उदाहरण भी है। मौके पर प्रोफेसर डॉक्टर पर्मेन्द्र रंजन ने डॉ धीरज को अपनी शुभकामनाएं दी

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सारण के दरियापुर की पूनम कुमारी सहित सूबे के 72 शिक्षक राजकीय पुरस्कार के लिए चयनित

छपरा: आगामी 5 सितंबर शिक्षक दिवस के अवसर पर सारण के दरियापुर स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोठिया की विशिष्ट शिक्षक पूनम कुमारी का चयन राजकीय पुरस्कार के लिए किया गया है. शिक्षिका पूनम कुमारी को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आगामी 5 सितंबर को पुरस्कृत किया जाएगा.

पुरस्कार वितरण को लेकर शिक्षा विभाग की निदेशक साहिला ने पत्र जारी करते हुए इसकी सूचना दी है. जारी पत्र में सूबे के 72 शिक्षकों का चयन किया गया है जिन्हे पुरस्कृत किया जाएगा.

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Chhapra: सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड के प्रखंड प्रमुख सह सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के भावी एवं प्रत्याशी डॉ राहुल राज ने बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का अपने कार्यालय पर भव्य स्वागत किया।

सर्वप्रथम शिक्षा मंत्री के आगमन पर प्रखंड प्रमुख ने उन्हें माल्यार्पण कर एवं बुके व अंगवस्त्र के साथ हार्दिक अभिवादन किया तत्पश्चात वहां उपस्थित शिक्षक नेता व तमाम शिक्षकों ने भी माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया।

इस दौरान बैठक में राजकीयकृत एवं उत्क्रमित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा हुई तथा शिक्षकों से जुड़ी सभी प्रासंगिक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

विशिष्ट शिक्षकों के वेतन विसंगति पर उनका कहना था कि इसके समाधान के लिए वित्त विभाग में फाइल भेज दी गई है, शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय आने पर उसे लागू किया जायेगा। इतना ही नहीं बल्कि क्षतिपूरक अवकाश के लिए ई- शिक्षाकोष पर विकल्प शीघ्र देने पर सहमति भी बनी।

बैठक में शिक्षकों के आवास-भत्ता, मंहगाई-भत्ता एवं सेवा निरन्तरता को अद्यतन करने की मांग भी रखी गई जिसके संबंध में मंत्री के द्वारा इस मुद्दे पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा से बात कर समाधान करने की सहमति प्रदान की गई।

शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि डॉ राहुल राज जिस प्रकार शिक्षकों की समस्याओं को लेकर पूर्ण सक्रियता के साथ उन्हें विश्वास दिलाते हुए आगे बढ़ रहे हैं तथा वृहद स्तर पर उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों से पहली बार ऐसा लग रहा है कि इस क्षेत्र को एक ईमानदार प्रतिनिधि मिलने जा रहा है जो शिक्षकों के वर्तमान व भविष्य दोनों को सुरक्षित करेगा।

डॉ राहुल राज ने शिक्षा मंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनका यह आगमन शिक्षा जगत में नई ऊर्जा का संचार करेगा और प्रदेश के युवाओं को मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से सशक्त बनाएगा।

इस मौके पर मकसूद आलम अंसारी, अजय यादव, पुनीत रंजन, प्रभु बैठा, नसीम अख्तर, सफदर अली, प्रकाश, झुन्नु कुमार अर्णज, बृजभूषण, शशि, शाहनवाज हुसैन आदि प्रमुख शिक्षक नेता मौजूद रहें।

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Chhapra: लोक शिक्षा समिति बिहार द्वारा आयोजित विभाग स्तरीय प्रश्न मंच प्रतियोगिता में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर दर्शन नगर, छपरा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 9 पुरस्कार अपने नाम किए। इस उपलब्धि से सारण जिला गौरवान्वित हुआ है।

इन सफलताओं के साथ विद्यालय के भैया-बहनों का चयन प्रांतीय प्रश्न मंच प्रतियोगिता के लिए हो गया है, जो 21 से 23 सितंबर तक सरस्वती विद्या मंदिर फारबिसगंज में आयोजित होगी। सर्वविदित है कि विद्या भारती प्रत्येक वर्ष विभाग स्तर से लेकर अखिल भारतीय स्तर तक विभिन्न विषयों का प्रश्न मंच आयोजित करती है।

सिवान विभाग के विभाग स्तरीय प्रश्न मंच प्रतियोगिता में विद्यालय ने अन्य विद्यालयों को कड़ी टक्कर देते हुए साबित किया कि बिना कठिन परिश्रम के सफलता संभव नहीं।

पुरस्कार सूची इस प्रकार रही :

  • संस्कृति ज्ञान: शिशु वर्ग द्वितीय स्थान, बाल वर्ग प्रथम स्थान, किशोर वर्ग प्रथम स्थान
  • विज्ञान: किशोर वर्ग तृतीय स्थान
  • संगणक (कंप्यूटर): बाल वर्ग द्वितीय स्थान, किशोर वर्ग द्वितीय स्थान
  • अंग्रेजी: बाल वर्ग द्वितीय स्थान
  • संस्कृत: शिशु वर्ग प्रथम स्थान, किशोर वर्ग तृतीय स्थान

प्रधानाचार्य  ने सभी प्रतिभागियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं

इस जीत पर विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव सुरेश प्रसाद सिंह, प्रधानाचार्य विनोद कुमार, डॉ. देव कुमार सिंह एवं डॉ. कल्पना खेत्री (प्राचार्य सेंट जोसेफ स्कूल, गड़खा) ने विजेता छात्रों को बधाई दी। वक्ताओं ने कहा कि समय प्रबंधन और कठिन परिश्रम सफलता की कुंजी है। साथ ही उन्होंने सभी प्रतिभागियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

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Chhapra: भारत निर्वाचन आयोग के महती कार्यक्रम स्वीप के तहत शुक्रवार को शहर के गंगा सिंह कालेज में शुक्रवार को परिचर्चा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का विषय ‘गहन पुनरीक्षण अभियान में हमारी भूमिका-कोई भी योग्य मतदाता छूटे नहीं’ था। मुख्य वक्ता उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद एकबाल ने छात्रों से समान्य ज्ञान के विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछ कर आकर्षक ढंग से विषय प्रवेश कराया। उन्होंने मतदाता बनना क्यों आवश्यक है, मतदाता बनने की क्या योग्यता है, कैसे अपना नाम निर्वाचक सूची में शामिल कराएं आदि पर बिन्दुवार प्रकाश डाला।

उन्होंने गहन पुनरीक्षण अभियान के विषय में जानकारी देते हुए इसकी आवश्यकता, उद्देश, प्रक्रिया और उसके प्रतिफल से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि एक अगस्त को प्रारूप निर्वाचक सूची का प्रकाशन किया जा चुका है।

आगामी एक सितंबर तक दावा-आपत्ति की अवधि है। उन्होंने नए नाम जोड़ने, किसी प्रकार के सुधार आदि में छात्रों को सहयोग करने की विधि बतायी। इसके लिए फॉर्म भरने, बीएलओ से संपर्क करने, विशेष कैंप की मदद लेने और मोबाईल ऐप के ईस्तेमाल की जानकारी आकर्षक ढंग से दी।

उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता के लिए हमें ज्ञान आधारित शिक्षा ग्रहण करने की आवश्यकता है। इलेक्ट्रानिक्स गैजेट्स को अभिशाप और समय बर्बाद करने वाला बनाने की बजाय उपयोगी बनाना होगा।

मौके पर प्राचार्य प्रो डाॅ प्रमेन्द्र रंजन ने छात्रों को इस आयोजन को ज्ञानवर्धन का अवसर बताते हुए जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए सभी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सम्पूर्ण जानकारी आवश्यक है।

जितना जरूरी मतदाता बनना है उतना ही आवश्यक निर्वाचन में भागीदारी है। किसी भी विषय की जानकारी सम्पूर्णता के साथ ग्रहण किया जाना चाहिए। आज के समय में डिग्री से अधिक कौशल महत्वपूर्ण है।

रिसोर्स पर्सन नदीम अहमद ने एसआईआर की विस्तार से जानकारी देते हुए स्वीप कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। उन्होंने इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब (इएलसी) के गठन, क्रियाकलाप और संचालन को समझाते हुए कालेज प्रशासन से इसका गठन करने और कैंपस एंबेसडर बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने वोटर हेल्प लाईन मोबाईल ऐप का परिचय करते हुए उसके उपयोग की विधि बतायी।

कार्यक्रम का संचालन एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कमाल अहमद ने और धन्यवाद ज्ञापन प्रो अंजर आलम ने किया। परिचर्चा में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉ संतोष कुमार सिंह, नलिन रंजन, राजीव कुमार गिरी, डॉ हरिमोहन पिंटू, डॉ फिरोज आलम, डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह, डॉ विजया वैजयंती, डॉ कुमकुम रे, डॉ सुमनलता सिंह, डॉ नीलेश झा, डॉ दिनेश यादव, डॉ फ़ख्र शायान, डॉ पुनीत पांडेय, अभिषेक चतुर्वेदी, डॉ राजेश मांझी, डॉ रुद्र नारायण शर्मा, डॉ नारायण दत्त शर्मा, डॉ बशिष्ठ कुमार शर्मा स्वीप कोषांग के राकेश कुमार सिन्हा, संतोष कुमार, विनय कुमार आदि के अलावा 100 से अधिक छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।

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Chhapra: सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी डा.धर्मेंद्र सिंह ने शिक्षकों से संबंधित विभिन्न मुद्दे को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी से मुलाकात की मुलाकात के दौरान पूर्व एमएलसी प्रत्याशी धर्मेंद्र सिंह ने शिक्षकों से संबंधित मुद्दा यथा विशिष्ट शिक्षक जिनका योगदान 1 जनवरी 2025 को है उनका वार्षिक वेतन वृद्धि 1 जुलाई 2025 को लगा है । उनका वेतन भुगतान वार्षिक वेतन वृद्धि जोड़ कर किया जाए।बीपीएससी शिक्षकों का दूसरा वार्षिक वेतन वृद्धि अति शीघ्र किया जाए। Bpsc tre 3 में कार्यरत शिक्षकों का वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

जिले से स्थानांतरित शिक्षकों का Lpc आउट अति शीघ्र किया जाए एवं अन्य जिले से आए हुए शिक्षकों का Lpc in कर वेतन भुगतान यथा शीघ्र हो। सक्षमता उत्तीर्ण शेष शिक्षकों का यथाशीघ्र ऑनबोर्डिंग कर के वेतन भुगतान किया जाए।प्रत्येक माह होने वाले वेतन भुगतान में कई विद्यालयों से एक दो शिक्षकों का नाम छूट जाना एवं वेतन भुगतान नहीं होना जिसके कारण शिक्षकों में काफी असंतोष है इसमें सुधार किया जाए एवं उनका वेतन भुगतान किया जाए।चिकित्सा अवकाश, मातृत्व अवकाश एवं अन्य बकाया का भुगतान यथाशीघ्र किया जाए।

जिले में सेवानिवृत हुए शिक्षकों का बकाए का भुगतान यथाशीघ्र किया जाए जिससे कि उन्हें कार्यालय का चक्कर न लगाना पड़े। प्रत्येक माह के एक दिन अनुमंडलवार विद्यालय के प्रधानाध्यापक की एक बैठक पूर्व के भांति किसी सभागार में कराया जाए जिससे कि किसी भी प्रकार की समस्या से आप रूबरू हो सके एवं विद्यालय संचालन में हो रही कठिनाइयों का निराकरण कर सके। नव नियुक्त प्रधानाध्यापक को विद्यालय का प्रभार से संबंधित मुद्दे का निपटारा कराया जाए। उपर्युक्त बातों पर गहनता से चर्चा की गई जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा आश्वासन मिला की अति शीघ्र सभी मुद्दों का निराकरण कर दिया जाएगा । इस अवसर पर शिक्षक नेता सुजीत कुमार,अंकित कुमार सिंह,रंजन यादव आदि उपस्थित थे ।

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Chhapra: विद्या भारती के विद्यालय सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य फणीश्वर नाथ का स्थानांतरण सरस्वती विद्या मंदिर, बेतिया के प्रधानाचार्य के रूप में हो गया है। जिसके परिपेक्ष्य में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, छपरा द्वारा एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

सम्मान समारोह में विद्यालय परिवार ने उन्हें भावभीनी विदाई दी। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानाचार्य फणीश्वर नाथ में अद्भुत कार्यशैली, कर्मठता, अभिभावक, भैया- बहन एवं कार्यकर्ताओं से संवाद की उन्नत शैली, आचार्य बंधु भगिनी एवं कर्मचारी से नियंत्रण एवं समन्वय बनाने के साथ कक्षा व्यवस्था की अद्भुत शैली के कारण विद्यालय निरंतर प्रगति का द्योतक है।

प्रधानाचार्य फणीश्वर नाथ ने आचार्य – बंधु भगिनी एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मैंने विद्यालय विकास एवं भैया बहनों तथा आचार्य- बंधु भगिनी के हित में जो भी कार्य किया वह सब समय प्रबंधन एवं टीमवर्क की देन हैं। आप सभी को इसी तरह निरन्तर कार्य करते रहने की आवश्यकता है, ताकि विद्यालय का चौमुखी विकास होता रहे। मै आपके सहयोग, विश्वास एवं समर्पण का आभारी हूँ।

इस कार्यक्रम में विजय कुमार सिंह (विभाग संचालक), विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के उपाध्यक्ष रामेश्वर यादव, सचिव सुरेश प्रसाद सिंह, कोषाध्यक्ष अमरेश कुमार मिश्र, प्रभारी प्रधानाचार्य राजेश पाठक, राजेश कुमार, अनिल कुमार आजाद, दिलीप पति तिवारी, मणिभूषण, दर्शना सिंह, नीलू कुमारी, इंदु कुमारी, ऋचा गुप्ता, स्वाति सिंह, प्राची, आशुतोष कुमार, योगेश त्रिपाठी, रितेश सिंह, विशाल सिंह, अंजली कुमारी, शुभम सिंह अन्य आचार्य- बंधु भगिनी तथा कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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Bihar: बिहार के हाई स्कूल और प्लस-टू स्कूलों में लाइब्रेरियन (पुस्तकालय अध्यक्ष) की बहाली अब ज्यादा दूर नहीं है। एजुकेशन डिपार्टमेंट ने सभी जिलों से खाली पदों का डिटेल्स मंगाया है। नवादा, बेगूसराय, सारण, सुपौल और भोजपुर जैसे कई जिलों ने रिपोर्ट भी भेज दी है। अनुमान है कि इस बार लगभग 6500 सीट्स पर बहाली होगी। जिलों से लिस्ट आने और रोस्टर क्लियर होने के बाद यह वेकेंसी बीपीएससी को भेजी जाएगी। प्रोसेस स्कूल असिस्टेंट की तरह ही होगा।

हाल ही में कैबिनेट ने बिहार विद्यालय पुस्तकालय अध्यक्ष नियमावली 2025 को ग्रीन सिग्नल दे दिया है। इसके बाद भर्ती की तैयारियां फाइनल स्टेज पर हैं।

कौन अप्लाई कर सकता है?

किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन (Graduation) पास होना चाहिए।

न्यूनतम 45% मार्क्स जरूरी हैं। एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांग और महिलाओं को 5% की छूट मिलेगी।

लाइब्रेरी साइंस (Library Science) में डिग्री होना अनिवार्य है।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा होने वाली Eligibility Test पास करना होगा।

एज लिमिट – न्यूनतम 21 साल (1 अगस्त को गिना जाएगा)। पहली बार के लिए मैक्सिमम एज में 10 साल की छूट मिलेगी।

एक कैंडिडेट अधिकतम 5 बार ही एग्जाम दे पाएगा।

अभी क्या स्थिति है?

राज्य में पहली बार 2008 में लाइब्रेरियन की भर्ती के लिए नियम बने थे। 2010-11 में करीब 2596 पदों पर बहाली हुई थी, जिसमें 2100 को नियोजित टीचर की तरह रखा गया था। फिलहाल बिहार के स्कूलों में 1696 लाइब्रेरियन काम कर रहे हैं।

ट्रांसफर और दूसरी बातें

लाइब्रेरियन का पोस्ट जिला कैडर का होगा। यानी ट्रांसफर ज्यादातर जिले के अंदर ही होगा। खास परिस्थितियों में डायरेक्टर ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की अनुमति से दूसरे जिले में भी ट्रांसफर हो सकता है। अगर सेवा के दौरान लाइब्रेरियन की मृत्यु हो जाती है, तो आश्रित को क्लर्क या परिचारी की नौकरी दी जाएगी।

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Chhapra: पाटलिपुत्र इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस रिसर्च और डिपार्टमेंट ऑफ़ पोलिटिकल साइंस जय प्रकाश विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से 16 सितंबर 2025 को विश्वविद्यालय परिसर में “एक देश एक चुनाव: संभावनाएं और चुनौतियां” विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है।

जिसमे देश के विभिन्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर भाग लेंगे। पाटलिपुत्र इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस रिसर्च के मानद निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार का कहना है जय प्रकाश विश्वविद्यालय में समय – समय पर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार होने से विश्वविद्यालय के छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतर अवसर मिलता है।

देश-दुनिया में हो रहे अकादमिक विमर्श से अवगत रहते है। इस राष्ट्रीय सेमिनार को मंजूरी मिलने पर डॉक्टर प्रमोद ने जीपीयू के कुलपति प्रो. परमेन्द्र कुमार वाजपेयी, राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. इरफान अली को धन्यवाद दिए।

डॉ. विकाश कुमार चौहान एवं डॉ. संदीप कुमार यादव को आयोजन समिति का क्रमश: सचिव और सह सचिव बनाया गया है।

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