तालाब में अज्ञात ने डाला ज़हर, मर गई सात लाख रूपये की मछलियां

इसुआपुर: प्रखंड के आतानगर गांव स्थित टोला बेला के मंदिर के तालाब में जहर डालकर अज्ञात लोगों द्वारा लगभग 7 लाख रुपए की मछली को मार दिया गया।

इस बाबत मछली पालक सवाली राउत ने इसुआपुर थाने में एक लिखित आवेदन दिया है। जिसमें कहा है कि वह मंदिर के तालाब को किराए पर लेकर उसमे मछली पालन का कार्य करते हैं ।

आज सुबह जब वह उठकर तालाब पर आए तो देखा कि उनके तालाब में सारी मछलियां मरी पड़ी है। यह देख उनके होश उड़ गए। कर्ज पर पैसा लेकर मछली पालन का काम करने वाले सवाली रावत यह समझ ही नहीं पा रहे थे कि अब वह साहूकारों का कर्ज कैसे देंगे।

मछलियों को देखकर वह बार-बार बेहोश हो जा रहे थे मौके पर आए पूर्व मुखिया विजय सिंह, राजेश चौरसिया, संजय तिवारी उपेंद्र सिंह आदि सवाली राउत को संतावना दे रहे थे।

इसुआपुर पुलिस मौके पर पहुंचकर मछलियों के मरने का कारण जांच रही थी।

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छपरा में 28 एवं 29 नवंबर को रोजगार मेला का होगा आयोजन

Chhapra: आगामी 28 एवं 29 नवंबर को श्रम संसाधन विभाग, अवर प्रादेशिक नियोजनालय छपरा, सारण द्वारा सुबह 10:30 से शाम 4:00 बजे तक अवर प्रादेशिक नियोजनालय छपरा कार्यालय परिसर बाजार समिति के समीप एक दिवसीय रोजगार -सह – मार्गदर्शन शिविर का आयोजन किया जाएगा।

इस आशय की जानकारी देते हुए जिला नियोजन पदाधिकारी शोभा कुमारी ने बताया कि रोजगार शिविर में अप्रेंटिस ट्रेनिंग एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर पद के लिए युवा शक्ति फाउंडेशन (मदर सन ग्रुप) नियोक्ता कंपनी 28 नवंबर 2023 को भाग लेगी एवं युवा शक्ति फाउंडेशन (आइल जिन इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड) नियोक्ता कंपनी 29 नवंबर 2023 को भाग लेगी l

अप्रेंटिस ट्रेनी पद के लिए न्यूनतम, उम्र 18 से 26 वर्ष, सैलरी 11500 से 13500 /= 8 घंटे की ड्यूटी एवं ओवर टाइम डबल प्रति घंटा, इनका योग्यता 10th, 12th, आईटीआई डिप्लोमा होगा।

सैलरी योग्यता के अनुसार दिया जाएगा। सभी पदों के लिए अन्य सुविधाएं भी हैं। खाना एवं रहना रियायती दर पर दिया जाएगा। इनका कार्यस्थल नोएडा उत्तर प्रदेश होगा। इस रोजगार शिविर में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी अपना बायोडाटा, शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र, फोटो, आधार कार्ड के साथ आएंगे।

नियोजन शिविर में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक है कि उनका निबंधन जिला नियोजनालय में हो। नियोजनालय में निबंधन की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है जो कि भारत सरकार के पोर्टल www.ncs.gov.in के माध्यम से होता है। कोई भी अभी स्वयं भी उपरोक्त पोर्टल के माध्यम से अपना निबंधन कर सकता है। अवर प्रादेशिक नियोजनालय छपरा में भी निबंधन हेतु संपर्क किया जा सकता है। इसमें शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को कोविड-19 से बचाव हेतु सरकारी दिशा निर्देश का पालन करना अनिवार्य होगा।

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Chhapra: जिला स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की बैठक जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जिलाधिकारी के द्वारा विभिन्न उर्वरकों की उपलब्धता एवं विक्रय से सबंधित समीक्षा के क्रम में कई महत्वपूर्ण निदेश दिये गये। जिलाधिकारी के द्वारा निर्देशित करते हुए कहा गया था कि सरकार द्वारा जारी निर्धारित दरों पर ही विभिन्न उर्वरकों की बिक्री होनी चाहिए।

निर्देश के आलोक में जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा जिला में उर्वरक की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध होने की जानकारी दी गयी। बताया गया कि सभी प्रकार के उर्वरक निर्धारित मूल्य पर कृषकों को आवश्यकता अनुसार उपलब्ध कराया जा रहा है।

सरकार द्वारा उर्वरक का निर्धारित मूल्यों में यूरिया नीम कोटेड 266 रुपए 50 पैसे 45 किलो प्रति बोरा, डी.ए.पी. 1350 रुपए 50 किलो प्रति बोरा, एम.ओ.पी. 1700 रुपए 50 किलो प्रति बोरा, एन पी के (12:32:16) 1470 रुपए 50 किलो प्रति बोरा, एन.पी. (14-28-00) 1550 रुपए 50 किलो प्रति बोरा, एन.पी.के. (10-26-26) 1470 रुपए 50 किलोग्राम प्रति बोरा, ए.पी.एस. (20:20:0:13) 1250 रुपए 50 किलो प्रति बोरा, ए.पी.एस. इफको 1250 रुपए 50 किलो प्रति बोरा, एस.एस.पी. 645 रुपए 50 किलो प्रति बोरा है। जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा सारण जिला के सभी किसान भाईयों से अनुरोध किया गया कि वे सरकार द्वारा निर्धारित दर पर ही उर्वरक की खरीददारी करें।

जिलाधिकारी के निर्देशा लोक में जिला भर में उर्वरक बिक्री हेतु अनुज्ञप्तिधारियों की जाँच की गयी थी। जाँच के क्रम में कुल 262 उर्वरक विक्रेता वैसे विक्रेता पाये गये जिन्होंने पिछले एक साल से न तो उर्वरक का उठाव किया है और न ही बिक्री किया है। सबों से स्पष्टीकरण की मॉग जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा की गयी थी।

बताया गया कि 14 अनुज्ञप्तिधारियों से स्पष्टीकरण का जबाब प्राप्त हुआ है। जिसपर अग्रेत्तर कार्रवाई की जा रही है। शेष 248 अनुज्ञप्तिधारियों ने स्पष्टीकरण का कोई जबाब नही दिया है। अतएव सभी 248 अनुज्ञप्तिधारियों का अनुज्ञप्ति रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है।

बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी के साथ उर्वरक निगरानी समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।

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Chhapra: सारण जिला के मशरक थाना क्षेत्र के लखनपुर गाँव के दो लोगों को आँख से कम दिखाई देने की शिकायत के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से बेहतर इलाज के लिए चिकित्सकों ने दोनों व्यक्तियों को पटना रेफर कर दिया है।  परिजनों का कहना है कि दोनों लोगों ने देसी शराब का सेवन किया था। जिसके बाद तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से सदर अस्पताल भेजा गया।    

सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने बताया कि बीमार व्यक्ति आखों से कम दिखाई पड़ने की शिकायत कर रहे हैं। इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है।   

बीमार व्यक्तियों में सत्येन्द्र राय उर्फ प्याजु, पिता-अदालत राय और ढोरा गिरी, पे०-स्व० ब्रम्हा गिरी शामिल हैं। बिमार व्यक्ति बैकुण्ठपुर में राज मिस्त्री का कार्य करते है। इनके परिजन द्वारा स्वास्थ्य खराब होने पर उनके परिजनों द्वारा ईलाज हेतु मंगलवार (22.11.2023) को पी०एच०सी० मशरख ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों के द्वारा ईलाज हेतु सदर अस्पताल, छपरा भेजा गया।

सारण पुलिस ने बताया कि इन दो के अलावा लखनपुर व आसपास के गाँव में किसी और के बिमार होने की सूचना नही है। घटना के संबंध में जॉच करने हेतु एक जॉच दल का गठन किया गया है। मेडिकल रिपोर्ट व जॉच दल की रिपोर्ट के उपरांत घटना के संबंध में स्थिति स्पष्ट होगी।

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Chhapra: छपरा नगर निगम के नगर आयुक्त सुमित कुमार के द्वारा छपरा नगर निगम क्षेत्रांतर्गत विभिन्न वार्डो मे बन रहे रोड एवं नाला का औचक निरीक्षण किया गया।

उन्होंने वार्ड नम्बर 24 में प्रो0 मान सिंह गली होते हुए सत्येंद्र सिंह के मकान तक बन रहे रोड एवं नाला का निरीक्षण किया। वार्ड नम्बर 29 मे साहेबगंज सुतापटी हवेली मनोज गुप्ता के घर होते हुए अड्डा नम्बर 2 तक बन रहे रोड एवं नाला का निरीक्षण किया गया।

वार्ड 38 मे मुन्ना क्लिनिक होते हुए धीरज सिंह के घर होते हुए राकेश मिल्टन के घर तक रोड एवं नाला का निरीक्षण किया गया।

नगर आयुक्त ने वार्ड 33, 35 एवम् 42 वार्डो मे बन रहे नाला एवं रोड का निरीक्षण किया। साथ ही आस पास के लोगो से इसकी गुणवता एवं किस तरह का कार्य हुआ सारी जानकारी लिए एवं सवेदक को शख्त निर्देश दिये की सभी कार्य गुणवतपूर्ण होने पर ही आपका भुगतान किया जायेगा। किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर उस संवेदक को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। जो भी विभागीय प्राकलन राशि एवं निर्देश दिया गया है उसी के अनुसार कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें। अन्यथा आपके ऊपर नियमानुसार कारवाई की जाएगी। निरीक्षण के क्रम मे सहायक अभियंता, राजश्री, कनीय अभियंता नविन कुमार एवं सवेदक मौजूद थे।

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24 घंटे का अखंड अष्टयाम प्रारंभ

इसुआपुर: प्रखंड के सांढ़वारा बाजार से सटे चाहपुरा में अखंड अष्टयाम का शुरुआत बुधवार को हुआ। जिसमें विद्वान पंडित वीरेंद्र त्रिपाठी, विमल त्रिपाठी तथा गुड्डू ओझा के मन्त्रोच्चारण से वातावरण भक्ति मय हो गया।

इस यज्ञ में यजमान के रूप में सुरेंद्र शर्मा तथा उनकी पत्नी मीना देवी ने यज्ञ का संकल्प लिया। इससे पूर्व 151 कन्याओं महिलाओं ने हाथों में कलश लेकर एक जुलूस के रूप में सन्ढवारा शिव मंदिर स्थित तालाब से जलभरी कर यज्ञ स्थल पहुंची।

जहां शुद्ध जल से अष्टयाम का शुरूआत किया गया। जुलूस का नेतृत्व पूर्व सरपंच तहसील शर्मा, विश्वनाथ शर्मा, काशीनाथ शर्मा, धनेश्वर शर्मा, वीरेंद्र शर्मा, हरेराम शर्मा आदि ने किया।

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नही ली जाएगी अतिथि शिक्षकों की सेवा : डीईओ

Chhapra: सारण जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र जारी करते हुए जिले के विभिन्न विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की सेवा लेना से मना किया गया है.

जारी पत्र में डीईओ ने कहा है वैसे विद्यालय जहां बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति विषय के अनुरूप की जा चुकी है. उन विद्यालय में उस भाषा के अतिथि शिक्षकों से सेवा नही ली जाएगी.

इस आशय से संबंधित पत्र निदेशक द्वारा जारी किया गया है जिसके आलोक में सारण डीईओ द्वारा पत्र निर्गत करते हुए सभी विद्यालयों को निदेशित किया गया है कि अगर उनके विद्यालयों में भी बीपीएससी द्वारा जिस विषय पर बीपीएससी के शिक्षक नियुक्त हो चुके है उस विषय के अतिथि शिक्षकों से सेवा ना ली जाए.

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Chhapra: छपरा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 17 को आदर्श वार्ड के रूप में विकसित करने को लेकर वार्ड आयुक्त के द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इस कार्य में स्थानीय मुहल्लावासियों का भी सहयोग मिल रहा है।

वार्ड पार्षद प्रतिनिधि संतोष कुमार ने बताया कि वार्ड में साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। साथ ही पास में अवस्थित सदर अस्पताल की दीवाल को भी मुहल्लावासियों के सहयोग से रंग रोगन का कार्य कराकर वार्ड को सुंदर और स्वच्छ बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

इस बार छठ माह पर्व के मद्देनजर साफ सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए उसे क्रियान्वित किया गया है।

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 भारत विविधताओं का देश है, यहां हर पर्व-त्योहार बड़ी खुशी और उल्लास के साथ मनाया जाता है। जिसमें बिहार का सुप्रसिद्ध छठ, लोक आस्था का महत्वपूर्ण पर्व जो भारतीय लोक संस्कृति और परंपराओं का अनूठा महापर्व है। छठ हमारी लोक आस्था ही नहीं, स्वजनों का स्वमिलाप और स्वरोजगार का साधन भी है।

जिसकी छाप छठ के छह दिनों में दिखती है, अब इसकी खनक विदेशों में भी देखने को मिलती है। सूर्योपासना का महत्वपूर्ण पर्व छठ अपनी सादगी, पवित्रता और पौराणिक लोक कथाओं के रूप में प्रचलित है। जिसमें भक्ति और आध्यात्म के लिए भव्य पंडाल से सुसज्जित मंदिर, साफ एवं सुंदर पोखर, तालाब, नदी का तट एवं आकर्षक मूर्ति की भी आवश्यकता होती है।

जिसमें छठ पर्व के लिए बांस से बने सूप, अब पीतल का सूप, टोकरी, मिट्टी के बर्तन, गन्ने, गुड़, अरवा चावल, गेहूं के आटे से बना ठेकुआ, केला, सेव, संतरा, शरीफा, अमरूद, पानी फल सिंघारा, नींबू, नारियल, अनानास, सुथनी, शकरकंद, पत्ते वाली हल्दी, अदरक, चावल के आटे का पीट्ठा, पान का पत्ता, तुलसी, बद्धि, अलता, अक्षत, सिंदुर, घी, बाती, धूप, दिए आदि से सूर्यदेव को पहले संध्या बाद में सुबह का अर्घ्य लोकगीत के माधुर्य से सराबोर वातावरण के बीच दिया जाता है।

जिसके लिए सामाजिक समरसता और पारिवारिक सौहार्द की भूमिका अहम हो जाती है। लोक आस्था का यह महत्वपूर्ण पर्व मनाने के लिए प्रवासी भारतीय सहित घर से दूर-दराज के राज्य, प्रांत, देश, शहर, विदेश में रहने वाले परिजन जरूर घर आते हैं। जिससे उनके स्वजनों का स्वमिलाप का केंद्र बिंदु हो जाता है। सालभर पहले ही लोग प्लान कर छठ में घर आने की तैयारी में रहते हैं। दूसरी ओर यह महापर्व स्वरोजगार का भी बड़ा माध्यम है।

बड़ा माध्यम इसलिए कहा जाता है कि छठ पर्व के निमित्त किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी एक दो महीने पहले ही पूर्ण तैयारी के साथ उपरोक्त वर्णित साम्रगी की उपलब्धता के लिए जीतोड़ करते हैं। खासकर सुथनी सौरखा आदि के लिए किसान खेती कर लोग को ससमय उपलब्ध कराते हैं। बाजार में पान का पत्ता, अगरबत्ती की बिक्री लोग बोल बोलकर करते हैं। ठेला, रिक्शा, सड़क किराने फुटपाथ की दुकाने सजकर लोगो को छठ पर्व से संबंधित महत्वपूर्ण साम्रगी उपलब्ध कराते हैं।

समाजनीति पर सार्थक चर्चा करने वाले शिक्षक कौशल किशोर क्रांति कहते हैं कि जो व्यक्ति वर्षभर बेरोजगार बैठे रहते हैं, उन्हे इन छह दिनो में व्यापक रोजगार मिलता है। चाहे वो साफ-सफाई हो, छठ का समान खरीद बिक्री का हो, पंडाल निर्माण का हो, मूर्ति निर्माण का हो, उन्हें किन्ही ना किन्ही रूप में रोजगार मिलता है। सुचिता एवं आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ की धूम मची हुई है। यह छठ सिर्फ बिहार की लोक संस्कृति का ही पर्व नहीं, बल्कि प्राचीन काल से ही गांव के लोकल फॉर वोकल होने का उत्सव भी है।

एक अनुमान के मुताबिक छठ पर्व के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा खर्च किए गए पैसे में से 50 प्रतिशत से अधिक सिर्फ गांव में पहुंचता है। उद्योगपतियों तक पहुंचता है तो सिर्फ रिफाइन, चीनी, सूखा मेवा एवं कुछेक श्रृंगार वस्तुओं पर खर्च की गई राशि ही। इसलिए एक ऐसा महापर्व है जो लोकल फॉर वोकल के सबसे प्राचीन उदाहरण है। यह एक ऐसी पूजा है जिसमें किसी पंडित की जरूरत नहीं होती है, जिसमें देवता प्रत्यक्ष हैं, डूबते सूर्य भी पूजे जाते हैं। व्रती-जाति समुदाय से परे हैं, केवल लोक गीत गाए जाते हैं।

पकवान घर पर बनते हैं, घाटों पर कोई ऊंच-नीच नहीं है। एक समान प्रसाद अमीर-गरीब सभी श्रद्धा से ग्रहण करते हैं। सबसे बड़ी बात है कि सामाजिक सौहार्द, सद्भाव, शांति, समृद्धि और सादगी के इस महापर्व का बाजार गांव की वस्तुओं से सजता है। सिर्फ बेगूसराय जिले में इस महापर्व में 25-30 करोड़ का कारोबार होता है, जिसमें 15 करोड़ से अधिक रुपया गांव के गरीब और किसानों तक पहुंचता है। जिस पैसों से यह महापर्व उनके लिए आर्थिक समृद्धि का त्यौहार साबित होता है। किसानों द्वारा उपजाए जाने वाले सुथनी की भले ही आम दिनों में कोई पूछ नहीं हो, लेकिन छठ में यह डेढ़ सौ रुपये किलो बिक रहा है।

हल्दी तो हल्दी, हल्दी के पत्ते भी किसानों को अतिरिक्त आय दे जाते हैं। बांस लगाने वाले किसान को भी इस पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है तथा मलिक समुदाय के लोग सूप एवं अन्य लोग डाला बनाने के लिए बड़ी संख्या में बांस खरीदते हैं। केराव (मटर), शरीफा, पानी फल सिंघारा, दीपक, अमरूद, केला, पान का पत्ता, फूल, माला, अदरक, मूली, गन्ना (ईंख), आम की लकड़ी, ओल, गुड़, डाभ नींबू, गोयठा तथा गाय का दुध भी किसी फैक्ट्री में नहीं बनता है, बल्कि गांव से ही आता है।

इस वर्ष भी गांव से लेकर शहर तक का बाजार ग्रामीण उत्पादों से भर चुका है। कहीं सुथनी बिक रहा है तो कहीं ओल, अल्हुआ, गन्ना, हल्दी का पता, पानी फल सिंघाड़ा, चीनी का सांच आदि और तमाम जगहों पर लोगों की भीड़ जुटी हुई है। कुल मिलाकर लोक आस्था के महत्वपूर्ण महापर्व छठ को स्वमिलन और स्वरोजगार का भी केंद्र कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं है। प्रवासी ट्रेन से भर-भर कर आ चुके हैं तो बाजार में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। 

 

एजेंसी इनपुट 

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Chhapra: लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर पूरे जिले में माहौल भक्तिमय बन गया है। आस्था श्रद्धा एवं नियम निष्ठा के महापर्व छठ के दूसरे दिन शनिवार की रात खरना व्रत का महाप्रसाद खाने के साथ ही व्यक्तियों की लगातार 36 घंटे का निर्जल आहार व्रत शुरू हो गया। अब व्रति सोमवार को उगते सूरज को अर्घ देने के बाद पहले पूजा अर्चना करेगी। तत्पश्चात प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पालन करेगी। नियम निष्ठा वाले इस पर्व मे परिवार को हर पल खास ख्याल रखना होता है।शुद्धता और सफाई पर्व की पहचान होती है।

सूर्य उपासना के इस महान पर्व के प्रति लोगों की मनोकामना पूर्ण होने की बात कही जाती है। इस पर्व मे मिट्टी से बने चूल्हे पर आम की लकड़ी से महा खरना का प्रसाद बनाया गया। पर्व को लेकर पूरा क्षेत्र मे छठी मैया के गीतों से गुंजायमान हो रहा है। 

हर घर गली मोहल्ले चौक चौराहे पान दुकान इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर छठी मैया के गीत पूरे माहौल को भक्तिमय बना रहे हैं। छठव्रतियों ने बताया कि खरना के मौके पर खीर के अलावे छठी मैया को चढ़ने वाली चपाती की भी तैयारी पूरी कर ली गई है। पर्व की निमित्त खरीदे गए गेहूं को व्रती महिलाओं ने नहाए खाए कि दिन शुक्रवार को ही धोकर सुखा लिया। शनिवार को धुले हुए आटा चक्की मिलन पर गेहूं की पिसाई कराई गई।इसके अलावे खरना के प्रसाद में चढ़ाए जाने वाले खीर पुरी,केला,नारियल, शकरकंद, पत्ते वाली हल्दी, अदरक, नाशपाती,टाब नींबू,पान सुपारी,आरती पत्ता, सिंदूर,कपूर, कुमकुम,सुथनी,गन्ना, फूल एवं दूध से सूर्य उपासना की जाती है।

ज्ञात हो कि आज संध्या कालीन एवं सोमवार की सुबह प्रातः कालीन अर्घ्य के साथ ही इस पर्व का समापन होगा। 

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छपरा के रास्ते तिनसुकिया के लिए स्पेशल, यहां देखें समय सारणी…

Chhapra: रेलवे प्रशासन द्वारा आगामी छठ त्यौहार पर पर होने वाली अतिरिक्त भीड़ को ध्यान में रखते हुये 05980/05979 न्यू तिनसुकिया-गोरखपुर-न्यू तिनसुकिया छठ पूजा विशेष गाड़ी को संचलन दो अतिरिक्त फेरो के लिए बढ़ाया जा रहा है।

यह गाड़ी न्यू तिनसुकिया से 23 एवं 30 नवम्बर, 2023 दिन वृहस्पतिवार को तथा गोरखपुर से 24 नवम्बर एवं 01 दिसम्बर, 2023 दिन शुक्रवार को दो अतिरिक्त फेरो के लिये चलायी जायेगी।

इसमें यात्रा करने वाले यात्रियों को कोविड-19 के सम्बन्ध में समय-समय पर जारी सभी मानकों का पालन करना होगा।

05980 न्यू तिनसुकिया-गोरखपुर छठ पूजा विषेष गाड़ी 23 एवं 30 नवम्बर, 2023 दिन वृहस्पतिवार को न्यू तिनसुकिया से 05.00 बजे प्रस्थान कर सिमालुगुड़ी से 06.30 बजे, मरियानी से 07.30 बजे, फरकटिंग से 08.32 बजे, दीमापुर से 09.35 बजे, दीफू से 10.12 बजे, लम्डिंग से 11.05 बजे, होजई से 11.47 बजे, जागीरोड से 12.52 बजे, गुवाहाटी से 14.25 बजे, कामाख्या से 14.42 बजे, रंगिया से 15.47 बजे, बरपेटा रोड से 16.37 बजे, न्यू बोंगाईंगांव से 17.20 बजे, कोकराझार से 17.52 बजे, न्यू कूच बिहार से 19.00 बजे, न्यू जलपाई गुड़ी से 21.45 बजे, अलुआबारी रोड से 22.29 बजे, किषनगंज से 23.00 बजे, बरसोई जं. से 23.57 बजे, दूसरे दिन कटिहार जं0 से 01.30 बजे, नवगछिया से 02.20 बजे, खगड़िया जं. से 03.20 बजे, बेगूसराय से 03.56 बजे, बरौनी जं. से 04.45 बजे, हाजीपुर से 07.20 बजे, छपरा से 09.35 बजे, सीवान से 10.35 बजे, तथा देवरिया सदर से 11.45 बजे छूटकर गोरखपुर 13.45 बजे पहुंचेगी।

वापसी यात्रा में 05979 गोरखपुर-न्यू तिनसुकिया छठ पूजा विषेष गाड़ी 24 नवम्बर एवं 01 दिसम्बर, 2023 दिन शुक्रवार को गोरखपुर से 20.45 बजे प्रस्थान कर देवरिया सदर से 21.55 बजे, सीवान से 23.10 बजे, दूसरे दिन छपरा से 00.50 बजे, हाजीपुर से 02.10 बजे, बरौनी जं0 से 05.40बजे, बेगूसराय से 06.10 बजे, खगड़िया से 06.48 बजे, नवगछिया से 07.50 बजे, कटिहार जं0 से 10.30 बजे, बरसोई से 11.07 बजे, किषनगंज से 11.52 बजे, अलुआबारी रोड से 12.17 बजे, न्यू जलपाई गुड़ी से 13.55 बजे, न्यू कूचबिहार से 16.05 बजे, कोकराझार से 17.27 बजे, न्यू बोंगाईंगांव से 18.25 बजे, बरपेटा रोड से 19.02 बजे, रंगिया से 20.25 बजे, कामाख्या से 22.20 बजे, गुवाहाटी से 23.00 बजे, जागीरोड से 23.57 बजे, तीसरे दिन होजई से 01.02 बजे, लम्डिंग से 02.25 बजे, दीफू से 03.17 बजे, दीमापुर से 04.05 बजे, फरकटिंग से 05.42 बजे, मरियानी जं0 से 06.27 बजे तथा सिमालुगुड़ी से 07.22 बजे छूटकर न्यू तिनसुकिया 09.15 बजे पहुंचेगी।

इस गाड़ी की संरचना में जी.एस.एल.आर. के 02, साधारण द्वितीय श्रेणी के 02, शयनयान श्रेणी के 12 तथा वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के 04 कोचों सहित कुल 20 कोच लगाये जायेंगे।

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छपरा विधानसभा के बीएलओ के साथ एसडीओ सदर ने की बैठक

Chhapra: मतदाता सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य को लेकर सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार राय ने 118 छपरा विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ के साथ बैठक की।

इस दौरान एसडीओ ने सभी को निर्देश दिया कि मतदाता बनने के सभी पात्र व्यक्तियों का नाम मतदाता सूची में जोड़ना सुनिश्चित करें। इसके लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर उनका नाम मतदाता में जोड़ने के लिए प्रेरित करने को उन्होंने कहा।

इसके साथ ही मृत वोटरों का नाम मतदाता सूची से काटने को लेकर भी उन्होंने बीएलओ को आवश्यक निर्देश दिए।

विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण जो मतदाता सूची का होना है। उसके लिए अभियान चल रहा है।

इसी क्रम में संबंधित बीएलओ जो 118 छपरा विधानसभा क्षेत्र के है, उनकी बैठक बुलाई गई है और आवश्यक निर्देश दिया गया है, इस क्रम में जो भी व्यक्ति 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं उनको हर हाल में मतदाता सूची में जोड़ना है इसके लिए उनको house house घर-घर घूम करके सर्वे करना है ताकि कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं छूट पाए जो कि पात्र मतदाता बनने की योग्यता रखते हैं साथ ही मृत हैं उनको मतदाता सूची से हटाना है.

इसके लिए आवश्यक निर्देश देते हुए कहा है कि इसको युद्धस्तर पर अभियान चला करके हम लोगों को पूरा कर लेना है.

वही लिंगानुपात में जो कमी है अगर सारे बीएलओ कार्य करे तो उसे पूरा किया जा सकता है.

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