दरभंगा, 11 सितम्बर (हि.स.)। महापर्व छठ को लेकर बिहार के लोगों के दिलों में एक खास स्थान रखता है। ऐसे में बिहार से बाहर रह रहे लोगों को छठ के मौके पर अपने घर आने की खास लालसा होती है। लेकिन हर वर्ष की भांति इस साल भी उत्तर बिहार के एकमात्र हवाईअड्डे दरभंगा के लिए देश के सभी महानगरों से आने का किराया आसमान छू रहा हैं। दिल्ली से दरभंगा आने वाली फ्लाइट का टिकट शुल्क 16,486 है ,मुम्बई से दरभंगा आने वाली फ्लाइट का टिकट का शुल्क 24,046 है।

इसके अलावा बेंगलुरु से दरभंगा आने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट के टिकट का प्राइस 11 नवम्बर को 15,120 है। हैदराबाद से दरभंगा आने वाली टिकट का प्राइस 22,955 है। साथ ही इसी टिकट का प्राइस 16 नवंबर को बेंगलुरु से दरभंगा के लिए 14,070 रुपये है। दिल्ली से दरभंगा के लिए 12,172 रुपये, और हैदराबाद से दरभंगा के लिए 20,015 रुपये है। कोलकता से दरभंगा आने के लिए 21,683 रुपये खर्च करने होंगे।

जब दरभंगा एयरपोर्ट बन गया तब लोगों के दिलों में आशा जगी कि वह आसानी से अपने घर जा सकते हैं। लेकिन, इस सबके एक तरफ जहां उड़ान योजना के तहत शुरू हुए दरभंगा एयरपोर्ट के बारे में सरकार यह दावा करती है। हमने यह एयरपोर्ट बनाकर हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई यात्रा करने का अवसर प्रदान किया।दूसरी और इसका किराया आसमान छू रहा है। आमतौर पर फ्लाइट्स के टिकट बुकिंग के लिए कहा जाता है कि अगर लंबे अवधि के टिकट की बुकिंग कराई जाए तो टिकट सस्ता उपलब्ध होता है। लेकिन दरभंगा एयरपोर्ट इस सब के मामले में बहुत अलग प्रतीत होता है।

दरभंगा में विमानों का परिचालन उड़ान योजना के तहत किया जा रहा है।राज्य सरकार यहां एटीएफ पर मात्र एक प्रतिशत वैट वसूलती है। ऐसे में अन्य बड़े हवाई अड्डों की तुलना में यहां से हवाई किराया सस्ता होना चाहिए, लेकिन स्थिति इसके उलट है।

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नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। रक्षाबंधन के अवसर पर केंद्र सरकार ने बड़ी राहत देते हुए रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती का ऐलान किया जो बुधवार से लागू हो गया।

घरेलू रसोई गैस के दाम में कटौती के बाद राजधानी दिल्ली में इसकी कीमत 1103 रुपये से घटकर अब 903 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में इसकी कीमत 1102 रुपये की जगह 902 रुपये, कोलकाता में 1129 रुपये की बजाय 929 रुपये, चेन्नई में 1118 रुपये की जगह 918 रुपये, भोपाल में 908 रुपये और जयपुर में 906 रुपये हो गई है।

दरअसल, केंद्र सरकार ने मंगलवार को घरेलू रसोई गैस (14.2 किलोग्राम) सिलेंडर के दाम में 200 रुपये की कटौती का ऐलान किया था। एलपीजी सिलेंडर के दाम में की गई कटौती देशभर में लागू हो गई है। सरकार के इस फैसले से लगभग 30 करोड़ ग्राहकों को फायदा होगा। इसके अलावा उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 200 रुपये की सब्सिडी को बढ़ाकर 400 रुपये कर दिया गया है। उज्ज्वला के लाभार्थियों को अब एलपीजी सिलेंडर करीब 700 रुपये में मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 14.2 किलोग्राम वाला एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम मार्च, 2023 में 50 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा किया था। इसके बाद दिल्ली में इसकी कीमत बढ़कर 1103 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई थी। इससे पहले 6 जुलाई, 2022 को इसकी कीमतें 50 रुपये बढ़ाई गई थी। जून 2020 से एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं मिल रही है। दिल्ली में जून 2020 में बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 593 रुपये में मिलता था, जो नई कीमत के बाद अब 903 रुपये का हो गया है।

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Chhapra: रक्षाबंधन का तयोहार करीब हैं ऐसे में रखियों की खूब खरीद हो रही है । रेशम की राखी के साथ साथ चांदी से बनी रखियाँ भी इस बार बाजारों में धूम मचा रहा है। 

राखी पर बहनें भाइयों के लिए चांदी की राखियां खरीद रहीं हैं।   

शहर के साहेबगंज सोनरपट्टी के दीपक ज्वेलर्स के प्रोपराइटर अखिलेश प्रकाश ने बताया कि चांदी की रखियों की खरीदारी हो रही है। इस बार 300 से लेकर 700 तक की चांदी की राखियां बिक रही हैं। उन्होंने बताया कि रेशम की रखियों के साथ साथ चांदी की रखियाँ भी कई डिजाइन में उपलब्ध हैं। जिनमें रुद्राक्ष और डायमंड लगी राखियों को ग्राहक पसंद कर रहे हैं।  

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-वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी दर 6.50 फीसदी पर रहने का अनुमान

मुंबई/नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने नीतिगत दर में लगातार तीसरी बार कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक के बाद इसका ऐलान किया।

शक्तिकांत दास ने गुरुवार को यहां प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि 8 से 10 अगस्त तक चली एमपीसी की बैठक में सभी छह सदस्यों ने फिर से रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया है। दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर 6.50 फीसदी और वित्त वर्ष 2024-25 में रियल जीडीपी दर 6.60 फीसदी तक रह सकती है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था उचित गति से बढ़ती रही है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है, जो वैश्विक विकास में लगभग 15 फीसदी का योगदान दे रही है। शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर दिया गया है जो कि पिछली बार 5.1 फीसदी पर रखा गया था।

शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी महंगाई दर पर नजर रखेगी। उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने महंगाई को काबू करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की, हालांकि खाद्य महंगाई दर चिंता का विषय बनी हुई है। आरबीआई ने पिछले साल मई से लेकर फरवरी तक रेपो रेट में छह बार में 2.50 फीसदी तक का इजाफा किया था, लेकिन अप्रैल और जून के बाद लगातार तीसरी बार रेपो रेट को यथावत 6.50 फीसदी पर स्थिर रखा है।

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Chhapra: उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम PMEGP एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना PMFME का ऋण स्वीकृति, वितरण शिविर तथा जिला स्तरीय इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन  आलोक कुमार, विशेष सचिव, उद्योग विभाग की अध्यक्षता में किया गया। 

बताया गया कि इस आयोजन में स्थानीय उद्यमी एवं जिले के कुल 110 उद्यमी एवं निवेशक इस इन्वेस्टर्स मीट में सम्मिलित हुए। सर्व प्रथम विशेष सचिव, उद्योग विभाग के द्वारा उपस्थित सभी बैंकर्स, पदाधिकारियों, चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स, सभी उद्योगपतियों, व्यवसायियों एवं निवेशकों का स्वागत किया गया तथा सभी से परिचय प्राप्त किया गया।

इसके उपरांत पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में बिहार इन्भेस्ट पर विस्तृत रूप से प्रस्तुतीकरण दिया गया। विशेष सचिव द्वारा बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2016 से संबंधित अनुदान के बारे उद्योगपतियों को विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। साथ ही निवेशकों से निवेश के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में संवाद किया गया।

चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पवन अग्रवाल के द्वारा छोटे एवं बड़े व्यासायियों को बैंक द्वारा ऋण देने के नकारात्मक पहलुओं से अवगत कराया। जिले से आये हुए उद्यमियों के द्वारा भी जिले के बैंकों से ऋण प्राप्त करने में होने वाली कठिनाईयों से भी अवगत कराया गया। एक उद्यमी द्वारा बिजली बिल का दर अत्यधिक होने की शिकायत की गयी तथा इससे उद्योग संचालन में बाधक बताया गया । इस संबंध में अग्रणी बैंक प्रबंधक द्वारा बताया गया कि राशि 10.00 (दस लाख) तक ऋण लेने में उद्यमियों को किसी भी प्रकार के कोलेट्रल सिक्यूरिटी की आवश्यकता नहीं है।

इसके पश्चात जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, सारण छपरा द्वारा ऋण शिविर में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम PMEGP एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना PMFME के 13 लाभुकों के बीच कुल राशि 133.00 लाख (एक करोड़ तैतीस लाख रू० ) का ऋण स्वीकृति पत्र वितरित किया गया । विशेष सचिव, उद्योग विभाग, बिहार, पटना द्वारा सभी बैंक समन्वयकों को ऋण स्वीकृति / वितरण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने का अनुरोध किया गया। उनके द्वारा कहा गया कि लक्ष्य से अधिक ऋण स्वीकृति एवं वितरण का प्रयास करें। च्डम्ळच में भौतिक लक्ष्य 451 एवं च्डथ्डम में भौतिक लक्ष्य 280 । जिला अग्रणी बैंक एवं सभी बैंक के प्रतिनिधियों द्वारा एक सुर में आश्वासन दिया गया की माह सितम्बर 2023 तक शत प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति कर ली जायेगी। बैठक के समापन के अवसर पर विशेष सचिव द्वारा सारण जिला के उद्यमियों एवं निवेशकों से औद्योगिक विकास में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने एवं सारण जिला के तरक्की के लिए आगे आने का आहवान किया गया।

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20 जुलाई को सारण इन्वेस्टर मीट, प्रेक्षागृह में होगा आयोजन

Chhapra: जिला पदाधिकारी अमन समीर ने जानकारी देते हुए बताया कि सारण जिले में उद्योगों के विस्तार हेतु 20 जुलाई 2023 को प्रेक्षागृह छपरा में इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया जाएगा।

जिला में उद्योग लगाने हेतु इच्छुक इन्वेस्टर मीट में सम्मिलित होकर जिला में उद्योग लगाने हेतु आवश्यक सुविधाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस संबंध में विशेष जानकारी मोबाइल नंबर 7320923254, 9661338377, 7717776214 पर प्राप्त किया जा सकता है।

इच्छुक इन्वेस्टर रजिस्ट्रेशन के लिए www.saran.nic.in पर आवेदन पत्र भर सकते हैं।

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नई दिल्ली, 12 जून (हि.स.)। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर में फिर गिरावट आई है। मई में खुदरा महंगाई दर सालाना आधार पर घटकर 25 महीने के निचले स्तर 4.25 फीसदी पर आ गई है, जो अप्रैल में 4.7 फीसदी पर रही थी। पिछले साल मई 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी रही थी।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया कि खाने-पीने की चीजों के दाम में गिरावट के कारण महंगाई में गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक मई में सीपीआई पर आधारित खुदरा महंगाई दर घटकर 4.25 फीसदी रही है। ये लगातार चौथा महीना है, जब खुदरा महंगाई दर में गिरावट आई है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में घटकर 2.9 फीसदी रही, जो अप्रैल में 3.84 फीसदी रही थी। खाद्य उत्पादों की सीपीआई इंडेक्स में हिस्सेदारी करीब आधी होती है। इसके साथ ही ईंधन एवं ऊर्जा क्षेत्र की महंगाई भी घटकर 4.64 फीसदी पर आ गई है, जबकि अप्रैल में यह 5.52 फीसदी रही थी।

इस दौरान ग्रामीण महंगाई भी 4.68 फीसदी से घटकर 4.17 फीसदी हो गई है। शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर मई महीने में घटकर 4.27 फीसदी हो गई, जो अप्रैल महीने के 4.85 फीसदी रही थी। गौरतलब है कि यह लगातार तीसरा महीना है, जब खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के संतोषजनक स्तर पर है।

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नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दो हजार रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला किया है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे 30 सितंबर तक इन नोटों को बैंकों में जमा करा दें या बदलवा लें।

आरबीआई की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक की ‘स्वच्छ नोट नीति’ के अनुसरण में 2 हजार के बैंक नोटों को चलन से वापस लेने का निर्णय लिया गया है। 2 हजार के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। उसका कहना है कि 2013-14 में भी ऐसा ही पहले किया जा चुका है।

बैंकों से कहा गया है कि वे अब दो हजार का नोट जारी न करें। वहीं लोग बैंकों में जाकर दो हजार का नोट एक्सचेंज करा सकते हैं। 23 मई से एक बार में 20 हजार तक की सीमा में 2 हजार के नोट अन्य नोटों में एक्सचेंज कराए जा सकते हैं। वहीं बैंकों में जमा कराने की कुछ शर्तों के साथ कोई सीमा नहीं होगी।

आरबीआई के अनुसार, “लोग अपने बैंक खातों में बेरोक-टोक और मौजूदा निर्देशों व अन्य वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत समान्य तरीके से 2 हजार के नोट जमा कर सकते हैं। इसके अलावा किसी भी बैंक शाखा में उन्हें अन्य नोटों से बदल सकते हैं। 23 मई से किसी भी बैंक में दो हजार के बैंकनोटों को एक बार में 20 हजार की सीमा तक बदला जा सकता है।”

रिजर्व बैंक के अनुसार नवंबर 2016 में 2 हजार के बैंकनोट लाये गए थे। इनका मकसद पांच सौ और एक हजार के बैंक नोटों की कानूनी वैधता वापिस लिए जाने की स्थिति में अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आवश्यकता को तेजी से पूरा करना था। एक बार अन्य बैंकनोट के पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाने के बाद दो हजार के बैंकनोटों को पेश करने का उद्देश्य पूरा हो गया।

प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने और जनता को पर्याप्त समय प्रदान करने के लिए सभी बैंक 30 सितंबर तक दो हजार के नोटों के लिए जमा और विनिमय सुविधा प्रदान करेंगे। वहीं एक्सचेंज की सुविधा आरबीआई के 19 क्षेत्रीय दफ्तरों में भी उपलब्ध होगी।

सूत्रों का कहना है कि लोगों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। दो हजार के नोट 30 सितंबर के बाद भी वैध रहेंगे। 30 सितंबर तक की सीमा तय की गई है क्योंकि आरबीआई को उम्मीद है कि बैंकों के साथ नोट बदलने के लिए लोगों के लिए 4 महीने का समय पर्याप्त है। चलन में चल रहे 2000 रुपये के अधिकांश नोट 30 सितंबर की निर्धारित समय सीमा के भीतर बैंकों में वापस आ जाएंगे।

आरबीआई का कहना है कि 2018-19 में 2 हजार के बैंक नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। दो हजार के बैंकनोटों में से लगभग 89 प्रतिशत मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे और 4-5 वर्षों के अपने अनुमानित जीवनकाल के अंत में हैं। चलन में इन बैंक नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च 2018 को अपने चरम पर 6.73 लाख करोड़ रुपये से घटकर 3.62 लाख करोड़ हो गया है। यह कुल नोटों का 10.8 प्रतिशत है।

शीर्ष बैंक का कहना है कि यह भी देखा गया है कि इस मूल्यवर्ग का आमतौर पर लेन-देन के लिए उपयोग नहीं किया जाता है। इसके अलावा जनता की मुद्रा आवश्यकता को पूरा करने के लिए अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का स्टॉक पर्याप्त बना हुआ है।

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नई दिल्ली:  कमर्शियल रसोई गैस सिलेंडर आज (सोमवार) सुबह से सारे देश में 171.50 रुपये सस्ता हो गया।

अब देश के प्रमुख चार महानगरों दिल्ली में यह 1856.50 रुपये, कोलकाता में 1960.50 रुपये, मुंबई में 1808.50 रुपये और चेन्नई में 2021.50 रुपये में मिलेगा। नई दरें आज से प्रभावी हो गई हैं।

सनद रहे हर महीने की पहली तारीख को सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियां गैस का दाम रिवाइज करती हैं। पिछले महीने भी कमर्शियल सिलेंडर के दाम में करीब 92 रुपये की कटौती की गई थी।

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ये बिहार के सेब है, इस फसल से लाखों की कमाई हो रही है

Begusarai: बिहार में भी अब सेब की खेती हो रही है. मौसम और जलवायु को देखते हुए बिहार के बेगूसराय में सेब की खेती शुरू हुई है.

बेगूसराय जिले के एक किसान ने आधुनिक ढंग से सेब का उत्पादन शुरू किया है. बेगूसराय निवासी अमित कुमार नई तकनीक से सेब की खेती कर रहे हैं और इस खेती से उन्हें लाखों रुपए की कमाई हो रही है.

अमित कुमार ने बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई पूरी की है. उनके खेतों में केवल साल भर के पौधे लगे हुए हैं.

यूं तो सेब की खेती ठंडे प्रांतों में होती है, मगर बिहार के 40 से 45 डिग्री के तापमान पर इसे उगाने का शानदार प्रयास जारी है. अमित ने एक विशेष किस्म का पौधा “हरमन 99” लगाया है. राज्य के औरंगाबाद जिले में भी ऐसे पौधे लगाए गए हैं. इस पौधे की खासियत है कि यह देश के सबसे गर्म राज्यों में उगाया जाता है जो कि राजस्थान है.

बताते चले कि अमित ने 4 कट्ठा जमीन में 86 पौधे लगाए हैं. बेगूसराय मे उगने वाला यह सेब का टेस्ट, साइज और कलर एक आम सेब की तरह होगा. इसे लगाने से पूर्व पहले गड्ढा खोदा जाता है फिर रोगनाशक दवा से छिड़का जाता है तब कर्बेंडाजाइम में उपचारित कर लगाया जाता है.

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पटना: बिहार विधानसभा में मंगलवार को राज्य सरकार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का 2.61 लाख 885 करोड़ का बजट पेश किया। इसमें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र पर विशेष बल दिया गया है। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि प्रदेश में बीपीएससी के जरिए 49 हजार खाली सीटें भरी जाएंगी। 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की योजना है।

वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार का विकास दर शानदार रहा है। सीमित संसाधनों में विकास दर ज्यादा है। बजट आकार देश में 14वें स्थान पर है और बिहार का विकास दर 10.98 प्रतिशत है। विजय चौधरी ने कहा कि बिहार अभी विकासशील प्रदेश है। इस राज्य को विकसित बनाने के लिए केंद्र से अतिरिक्त मदद की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग में 75 हजार 543 पदों की मंजूरी दी गयी है। स्कूलों में 40506 प्रधान शिक्षकों की बहाली होगी। 44193 माध्यमिक और 89724 उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली होगी।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भर्तियां चल रही हैं, इसे भी मई तक पूरी कर ली जाएगी। राज्य में बिहार कर्मचारी चयन आयोग के तरफ से 2900 पद सृजन किया जाएगा। साथ कहा कि कोरोना काल के बाद आर्थिक मजबूती का सबूत यह है कि हमारी विकास दर देश में तीसरे नंबर पर है। सिर्फ दो राज्य बेहद कम फासले में हमसे आगे हैं। हमें केंद्र से विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार का बजट आकार पिछले 10 वर्षों में तीन गुना बढ़ा है। विकास दर में बिहार राज्य देश में लगातार प्रगति कर रहा है। आज बिहार तीसरे नंबर पर है।

वित्त मंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में नारी शक्ति योजना के लिए 60 करोड़ और साइकिल योजना के लिए 50 करोड़ की राशि उपलब्ध करायी गयी है। उन्होंने कहा कि बिहार के कुल नौ जिलों में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। सिंचाई के लिए नदी जोड़ो योजना के तहत कोसी-मेची लिंक पर काम चल रहा है। इन सभी योजना पर राशि का प्रावधान कर दिया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि मदरसे के पुर्ननिर्माण के लिए 40 करोड़, पीएमसीएच के विस्तार के लिए 5540 करोड़, नारी शक्ति योजना के लिए 60 करोड़, बालिका साइकिल योजना के लिए 50 करोड़, बालिका पोशाक योजना के लिए 100 करोड़, मैट्रिक में फर्स्ट आने वालों के लिए 94 करोड़ खर्च किये जाने की योजना बनायी गयी है। 21 सदर अस्पतालों को मॉडल अस्पताल बनाया जाएगा।

विजय चौधरी ने कहा कि बिहार के सभी जिलों में अल्पसंख्यक स्कूल बनाए जा रहे हैं। वर्तमान में किशनगंज और दरभंगा जिले में स्कूल तैयार हो चुका है। इसके अलावा सरकार राज्य के मदरसों को बेहतर बनाने का काम कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा मिथिला पान, मखाना को जीआईए टैग दिया गया है। यह बिहार वासियों के लिए खुशी की बात है। नारी शक्ति योजना के तहत संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण महिला अभ्यर्थियों को सरकार की तरफ से मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार की तैयारी के लिए एक लाख की राशि उपलब्ध करायेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीविका योजना के तहत महिलाओं को सामाजिक स्तर पर सशक्त किया जा रहा है। अभी तक कुल 10.45 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। एक करोड़ 30 लाख परिवारों की महिलाओं को इन समूहों से जोड़ा गया है। 62 अस्पतालों में दीदी की रसोई, अनुसूचित जाति/ जनजाति, आवासीय विद्यालयों एवं अन्य संस्थानों में 14 दीदी की रसोई का संचालन जीविका दीदियों द्वारा किया जा रहा है। एम्बुलेंस और ई-रिक्शा के लिए अब सरकार अनुदान देगी। बालिका पोशाक योजना के लिए 100 करोड़, मैट्रिक में फर्स्ट आने वालों के लिए 94 करोड़ खर्च किये जाने की योजना बनायी गयी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार हमारी सरकार की योजनाओं को कॉपी करके नकल करती है। उन्होंने कहा कि हर घर बिजली योजना हमने 2016 में शुरू की। मोदी सरकार ने 2017 में इसे लागू किया। फिर हमने जल जीवन हरियाली योजना 2019 में शुरू की। मोदी सरकार ने यहां भी नकल की और हमारी देखा-देखी योजना देशभर में लागू कर दी।

उनके भाषण के दौरान भाजपा विधायकों ने हंगामा भी किया। वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार की बड़ी उपलब्धियों में एक है कि उसका राजकोषीय घाटा नियंत्रित हुआ है। साथ ही राजस्व में भी बढ़ोतरी हुई है। केंद्र द्वारा लाए गए जीएसटी पर वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के बाद कई जगहों पर टैक्स लगाना अब संभव नहीं है। ऐसे में उस घाटे को कम करने की कोशिश की जा रही है।

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नई दिल्ली:  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023-24 के बाद शनिवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निदेशक मंडल की केंद्रीय बोर्ड की बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी उपस्थित रहे। सीतारमण ने कहा कि नई कर प्रणाली से मध्य वर्ग को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को अपनाने से करदाताओं के हाथ में ज्यादा पैसा बचा रहेगा।

नई दिल्ली में आयोजित आरबीआई के निदेशक मंडल की बैठक को संबोधित करने के बाद सीतारमण ने मीडिया से कहा कि सरकारी योजनाओं के जरिए लोगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी नहीं है। इसकी जगह लोगों को अपने निवेश के बारे में व्यक्तिगत स्तर पर निर्णय लेने का मौका दिया जाना चाहिए। वित्त मंत्री ने हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट की चिंता पर कहा कि भारत के नियामक बहुत अनुभवी हैं, वे हमेशा से तैयार हैं, इसलिए मैं इसे उन पर छोड़ देती हूं।

क्रिप्टोकरेंसी पर उन्होंने कहा कि इसमें तकनीक का ज्यादा रोल है। इसलिए हम सभी देशों से बात कर रहे हैं कि अगर क्रिप्टो को लेकर नियम लाना है तो क्या कोई मानक संचालन प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं, क्योंकि क्रिप्टो पर एक अकेला देश कुछ नहीं कर सकता। इस मुद्दे पर जी 20 देशों के साथ भी चर्चा जारी है।

बैठक में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने संबोधन में कहा कि जब से रूस-युक्रेन युद्ध शुरू हुआ है, तब से कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के दाम में गिरावट आ सकती है। शक्तिकांत दास ने कहा कि मुद्रास्फीति का 5.3 फीसदी रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में स्थिति वैसी नहीं है, जैसे छह महीने पहले थी, रिस्क समान रूप से संतुलित हैं।

बैठक में वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशन राव कराड़ और वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के साथ वित्त सचिव भी उपस्थित रहे।

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