पटना, 24 जुलाई (हि.स.)। राज्य के नवादा जिले के वारिसलीगंज औद्योगिक क्षेत्र में अदाणी समूह की अम्बुजा सीमेंट लिमिटेड के सीमेंट प्लांट का शिलान्यास 29 जुलाई को किया जाएगा। यह शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। यह जानकारी उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने दी।

संदीप पौंड्रिक ने बताया कि 6 एमएमटीपीए क्षमता वाले इस प्लांट की अनुमानित लागत 1400 करोड़ रुपये है। इस सीमेंट प्लांट के निर्माण के लिए बियाडा ने वारसिलीगंज में बंद पड़ी चीनी मिल की 72 एकड़ जमीन अडानी समूह को उपलब्ध कराई है, जिस पर अंबुजा सीमेंट की ग्रेडिंग यूनिट स्थापित की जाएगी। इस प्लांट के निर्माण से प्रत्यक्ष रूप से 1000 लोगों को रोजगार मिलेगा और अप्रत्यक्ष रूप से 5000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

इस सीमेंट फैक्टरी के शिलान्यास समारोह के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नवादा पहुंचेंगे, जिसके लिए प्रशासनिक तैयारियां शुरू हो गई हैं। अंचलाधिकारी राजेश कुमार और नगर परिषद वारिसलीगंज के कार्यपालक पदाधिकारी सिमीर कुमार के संयुक्त नेतृत्व में बुधवार को शहीद चंदन सिंह चौक से चीनी मिल तक मुख्य सड़क को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। इस दौरान दुकानों के आगे की जमीन पर दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को सख्ती से हटाया गया।

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नई दिल्‍ली, 23 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी 3.0 के केंद्रीय बजट 2024-25 को लोकसभा में पेश किया। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया।

सीतारमण ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी शानदार अपवाद बनी हुई है। ये आने वाले साल में भी ऐसी ही रहेगी। उन्‍होंने कहा कि भारत की मुद्रास्फीति कम और स्थिर बनी हुई है, जो चार फीसदी के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। वित्तमंत्री ने कहा कि मुझे 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इस वर्ष हमने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सीतारमण ने कहा कि जैसा कि अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया है, हमें चार अलग-अलग जातियों, गरीब, महिला, युवा और किसान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। किसानों के लिए, हमने सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है, जो लागत से कम से कम 50 फीसदी मार्जिन के वादे को पूरा करता है। उन्‍होंने कहा कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में सरकारी की नौ प्राथमिकताएं हैं, जिनमें खेती में उत्पादकता, रोजगार और क्षमता विकास, समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अधोसरंचना, नवाचार, शोध और विकास और अगली पीढ़ी के सुधार शामिल है।

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-उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी सरकार

नई दिल्‍ली, 23 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 लोकसभा में पेश किया। वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि वैश्विक स्‍तर पर भारत की वृद्धि एक चमकता सितारा बना हुआ है, जो आने वाले सालों में ऐसी ही बना रहेगा। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में बिहार के लिए अपना पिटारा खोल दिया है, जबकि आंध्र प्रदेश के लिए बजट में 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

सीतारमण ने केंद्रीय बजट में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। उन्‍होंने कहा कि सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करेगी, जिसमें 5000 रुपये प्रति महीने इंटर्नशिप भत्ता और 6 हजार रुपये की एकमुश्त सहायता दी जाएगी।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार अगले 5 साल में बुनियादी ढांचे के लिए मजबूत राजकोषीय समर्थन बनाए रखने का प्रयास कर रही है। उन्‍होंने कहा कि पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ रुपये होगा, जो हमारे सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 फीसदी होगा। उन्‍होंने कहा कि वित्तीय घाटा 2024-25 तक सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि हमारा लक्ष्य घाटे को 4.5 फीसदी से नीचे पहुंचाना है। निशुल्क सौर बिजली योजना पर वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली मिल सकेगी। यह योजना इसे और बढ़ावा देगी।

सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि हमारी सरकार आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए प्रयास किए हैं। उन्‍होंने कहा कि राज्य की पूंजी की आवश्यकता को समझते हुए, हम बहुपक्षीय एजेंसियों के माध्यम से विशेष वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भविष्य के वर्षों में अतिरिक्त राशि के साथ 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी।

वित्त मंत्री ने बिहार के लिए अपना पिटारा खोलते हुए कहा कि 21,400 करोड़ रुपये की लागत से बिहार के पीरपैंती में 2400 मेगावाट का नया बिजली संयंत्र स्थापित करने सहित बिजली परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। बिहार में नए हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भविष्य के वर्षों में अतिरिक्त राशि के साथ 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी। हमारी सरकार पोलावरम सिंचाई परियोजना के शीघ्र पूरा होने और वित्तपोषण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है जो आंध्र प्रदेश और उसके किसानों के लिए जीवन रेखा है।

सीतारमण ने कहा कि अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर पर हम बिहार के गया में औद्योगिक विकास को समर्थन देंगे। यह पूर्वी क्षेत्र के विकास को गति देगा। हम सड़क संपर्क परियोजनाओं पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे, बक्सर-भागलपुर राजमार्ग, बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा के विकास में भी सहयोग करेंगे और बक्सर में गंगा नदी पर 26,000 करोड़ रुपये की लागत से एक अतिरिक्त दो लेन का पुल बनाया जाएगा।

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New Delhi: नई दिल्‍ली, 23 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के विकसित भारत के सपनों का पहला केंद्रीय बजट लोकसभा के पटल पर रखा। इसके साथ ही सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बना दिया। इससे पहले मोरारजी देसाई के नाम लगातार छह बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है।

केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करने से पहले वित्तमंत्री सीतारमण ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। स्थापित परंपरा के तहत वित्तमंत्री केंद्रीय बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति भवन पहुंचीं और राष्ट्रपति से मुलाकात की। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है। लोकसभा चुनाव के कारण अंतरिम बजट एक फरवरी, 2024 को पेश किया गया था। आज पेश किया बजट 2047 तक विकसित भारत की रूपरेखा तैयार करेगा।

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नई दिल्‍ली, 23 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज (मंगलवार) सुबह 11 बजे केंद्रीय बजट 2024-25 लोकसभा में पेश करेंगी। ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है। लोकसभा चुनाव के कारण अंतरिम बजट एक फरवरी, 2024 को पेश किया गया था।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण लगातार सातवीं बार वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश कर रिकॉर्ड बनाने वाली हैं। इस बजट से करदाताओं को बड़े राहत की उम्मीद है। बजट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि आम बजट अमृतकाल का बजट होगा, जो पांच साल के लिए हमारी दिशा तय करने के साथ ही 2047 तक विकसित भारत की आधारशिला भी रखेगा।

वो सुबह 11 बजे मोदी 3.0 का पहला केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इससे पहले सुबह 9 बजे बजट बनाने वाली वित्तमंत्रालय की टीम के साथ वित्तमंत्री का फोटो सेशन होगा। इसके बाद कैबिनेट में बजट को मंजूरी दी जाएगी। फिर सीतारमण बजट पेश करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के लिए राष्ट्रपति भवन जाएंगी।

वित्त मंत्रालय ने एक्‍स पर कहा है केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2024-25 सुबह 11 बजे लोकसभा के पटल पर रखेंगी। मंत्रालय ने कहा है कि विकसित भारत के बजट से संबंधित पल-पल की जानकरी और लाइव अपडेट मंत्रालय के एक्‍स हैंडल पर, फेसबुक, पीआईबी और https://finmin.gov.in/ पर लिया जा सकता है।

मंत्रालय के मुताबिक वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण पूरा होने पर केंदीय बजट 2024-25 का बजट दस्तावेज एंड्रॉइड और ऐप्पल ओएस दोनों प्लेटफार्मों पर उपलब्ध होगा। इसके साथ ही यह “यूनियन बजट मोबाइल ऐप” पर अंग्रेजी और हिंदी में भी उपलब्ध होंगे।

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नई दिल्ली, 22 जुलाई (हि.स.)। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 से पता चलता है कि भारत में उच्च शिक्षा में कुल नामांकन ने वित्त वर्ष 2015 के मुकाबले 2022 में 26.5 प्रतिशत की वृद्धि की है।

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश किया। इसमें कहा गया है कि उच्च शिक्षा क्षेत्र में विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों में तृतीयक और स्कूल के बाद की शिक्षा शामिल है, ने पिछले आठ वर्षों में कुल नामांकन में तेजी के साथ-साथ ‘नामांकन इक्विटी’ में वृद्धि देखी है।

उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2021-22 के अनुसार, उच्च शिक्षा में कुल नामांकन वित्त वर्ष 2022 में लगभग 4.33 करोड़ हो गया है, जो वित्त वर्ष 2021 में 4.14 करोड़ और वित्त वर्ष 2015 में 3.42 करोड़ था।

सर्वेक्षण में उल्लेख किया गया है कि उच्च शिक्षा में नामांकन में वृद्धि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की प्रमुख रूप से दर्ज की गई है। वहीं सभी वर्गों में महिला नामांकन में तेज़ वृद्धि हुई है। उच्च शिक्षा में महिला नामांकन वित्त वर्ष 2015 में 1.57 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में 2.07 करोड़ हो गया, यानी 31.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

सर्वेक्षण में बताया गया है कि भारत में 26.52 करोड़ छात्र स्कूल में हैं, 4.33 करोड़ उच्च शिक्षा में हैं और 11 करोड़ से ज़्यादा छात्र कौशल विकास संस्थानों में पढ़ रहे हैं। शैक्षिक परिदृश्य के विशाल विस्तार में 14.89 लाख स्कूल, 1.50 लाख माध्यमिक विद्यालय, 1.42 लाख उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, 1,168 विश्वविद्यालय, 45,473 कॉलेज, 12,002 स्वतंत्र संस्थान, स्कूली शिक्षा में 94.8 लाख शिक्षक और उच्च शिक्षा में 15.98 लाख शिक्षक शामिल हैं।

सर्वेक्षण में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि भारत अनुसंधान एवं विकास में तेजी से प्रगति कर रहा है, वित्त वर्ष 2024 में लगभग 1,00,000 पेटेंट दिए गए, जबकि वित्त वर्ष 2020 में 25,000 से भी कम पेटेंट दिए गए।

डब्ल्यूआईपीओ के अनुसार, भारत ने 2022 में पेटेंट फाइलिंग में सबसे अधिक वृद्धि (31.6%) देखी। जीआईआई (2023) के अनुसार, भारत ने वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) में अपनी रैंक में लगातार सुधार किया है, जो 2015 में 81वें स्थान से बढ़कर 2023 में 40वें स्थान पर पहुंच गया है।

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नई दिल्ली, 22 जुलाई (हि.स.)। कांग्रेस ने सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी का कहना है कि आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था की मनमानी तस्वीर दिखा रहा है। इसमें अर्थव्यवस्था की सब ठीक है, वाली गुलाबी तस्वीर पेश करने की कोशिश की गई है जबकि स्थिति निराशाजनक है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि भारत पिछले कई वर्षों से आर्थिक रूप से सबसे अधिक अनिश्चितता और संकट से जूझ रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था की मनमानी तस्वीर दिखा सकता है, लेकिन हमें उम्मीद है कि कल का बजट देश की वास्तविकताओं के अनुरूप होगा।

उन्होंने अपने बयान में कहा कि खाद्य पदार्थों की महंगाई दर अनियंत्रित है। कोविड के बाद आर्थिक सुधार बेहद असामान हैं। वहीं आयात निर्यात असंतुलन से किसानों को नुकसान हो रहा है।

रमेश ने कहा कि समय की मांग है प्रशिक्षुता का अधिकार, गिग श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सुरक्षा, न्यूनतम वेतन में 400 रुपये प्रति दिन की बढ़ोत्तरी, ‘कर आतंकवाद’ का अंत और आंगनबाड़ियों जैसी सामाजिक-सुरक्षा योजनाओं का विस्तार जरूरी है।

उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में सबसे शर्मनाक और आश्चर्यजनक दावा है कि ‘भयानक गरीबी पूरी तरह से समाप्त हो गई है।’ वहीं वास्तविकता यह है कि सभी भारतीयों में से आधे लोग प्रति दिन 3 वक्त के भोजन का ख़र्च भी वहन नहीं कर सकते, एनएफएचएस-5 के अनुसार, 3 में से 1 बच्चा अविकसित है और 4 में से 1 बच्चा पूरी तरह से प्रतिरक्षित नहीं है। देश का लगभग दो-तिहाई हिस्सा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाले मुफ़्त खाद्यान्न पर निर्भर है।

रमेश ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने बेरोजगारी की स्थिति को स्वीकारा है। इसके अनुसार अगले 20 वर्षों तक हर साल लगभग 80 लाख नौकरियां पैदा करनी होंगी। सर्वेक्षण बताता है कि मेक इन इंडिया के तमाम प्रकार और दावे के बावजूद मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में रोजगार सृजन पिछले दशक में कम हुआ है।

उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण निजी निवेश उत्पन्न करने की केन्द्र सरकार की नीति निर्धारण की विफलता को स्वीकार करता है। कार्पोरेट क्षेत्र के लिए मोदी सरकार का दृष्टिकोण बेहद उदार है।

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नई दिल्ली, 22 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री के साेमवार काे लाेकसभा में पेश किए गए

इकाेनाॅमिक सर्वे की विपक्ष ने कड़ी आलाेचना की है।लाेकसभा में कांग्रेस के उप नेता गाैरव गाेगाेई ने कहा कि सरकार द्वारा जाे इकाेनाॅमिक सर्वे प्रस्तुत किया गया है, उस इकोनॉमिक सर्वे से जमीनी हालात बिल्कुल परे हैं। उन्हाेंने कहा कि इकोनॉमिक सर्वे में सरकार का पक्ष ‘सब चंगा सी’ जैसा है। जबकि असलियत में लोगों की हालत ठीक नहीं है। सरकार आज भी महंगाई को नियंत्रित नहीं कर पाई है।गाेगाेई ने कांग्रेस मुख्यालय में आयाेजित प्रेस वार्ता में पत्रकाराें काे संबाेधित करते हुए ये बातें कहीं।

उपनेता गाेगाेई ने कहा कि अमीर को महंगाई से फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन गरीब-मध्यम वर्ग के लिए यह एक बड़ी समस्या है।

महंगाई कब कम होगी, इसका जवाब इकोनॉमिक सर्वे में नहीं मिलता। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को तो महंगाई दिखती ही नहीं।

उन्हाेंने कहा कि कोविड के बाद देश में असमानता बढ़ी है। आज ट्रेन में महंगी एसी कोच वाले टिकट मिल रहे हैं, लेकिन जनरल और स्लीपर क्लास में जो सुविधा होनी चाहिए, वो नहीं है। अधिकतर ट्रेन यात्री जनरल और स्लीपर क्लास में जाते हैं, लेकिन सरकार का पूरा ध्यान एसी कोच पर है। जनरल, स्लीपर और सेकेंड सिटिंग रिजर्व कम्पार्टमेंट में भीड़ के कारण आज लोगों को सीट मिलना मुश्किल हाे रहा है।

उन्हाेंने कहा कि आज का आर्थिक सर्वेक्षण मोदी सरकार की नाकामियों पर चमचमाते हुए खाेखले लिफ़ाफ़े की तरह है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री सदन में झूठ फ़ैलाते हैं, नीट पेपर लीक पर ज़िम्मेदारी लेने से बचते हैं। बेरोज़गारी दर 9.2 प्रतिशत पर है। नौकरियों के लिए भगदड़ मच रही है। कमरतोड़ महंगाई ने देश के परिवारों की बचत 50 वर्षों में सबसे निम्न स्तर पर कर दी है। खाद्य महंगाई 9.4 प्रतिशत पर है, अनाज की महंगाई 8.75 प्रतिशत, दलहन की महंगाई 16.07 प्रतिशत और सब्ज़ी की महंगाई 29.32 प्रतिशत पर है।

उन्हाेंने कहा कि किसानों की हालत ख़राब है। अब मोदी सरकार पिछले दरवाज़े से किसान विरोधी तीन काले क़ानून फिर से लागू करना चाहती है। अन्नदाता किसानों की राष्ट्रीय औसत मासिक कृषि आय मात्र 5,298 रुपये है। आर्थिक सर्वेक्षण सफ़ेद झूठ बोलकर दावा करता है कि ग़रीबी लगभग ख़त्म हो गई है। सच्चाई ये है कि देश में अमीरों और ग़रीबों के बीच अंतर 100 वर्षों में सबसे अधिक है !

गाेगाेई ने कहा इकाेनॅामिक सर्वे बड़ी-बड़ी कंपनियों का मुनाफा बढ़ता हुआ दिखा रहा है, अगर ऐसा है तो कंपनियों में नौकरियां कितने लोगों को मिली हैं। ये सर्वे अगर इतना ही अच्छा है, तो भारत का युवा रूस की सेना में भर्ती क्यों हो रहा है। अगर इकाेनाॅमी अच्छी होती तो बाहर के लोग यहां आ रहे होते, लेकिन आज इसके उलट पलायन हो रहा है।

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नई दिल्ली, 22 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण हमारी अर्थव्यवस्था की मौजूदा ताकत को उजागर करता है और सरकार द्वारा लाए गए विभिन्न सुधारों के परिणामों को भी प्रदर्शित करता है।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, “आर्थिक सर्वेक्षण हमारी अर्थव्यवस्था की मौजूदा ताकत को उजागर करता है और सरकार द्वारा लाए गए विभिन्न सुधारों के परिणामों को भी प्रदर्शित करता है। यह आगे विकास और प्रगति के क्षेत्रों की भी पहचान करता है क्योंकि हम एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में वित्त वर्ष 2023-24 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इस आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 से 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आर्थिक सर्वेक्षण में जोखिम को संतुलित रखा गया है।

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नई दिल्ली, 22 जुलाई (हि.स.)। मुफ्त बिजली योजना के तहत ‘डिस्कॉम को प्रोत्साहन’ के कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार ने दिशा निर्देश

अधिसूचित किया है। यह अधिसूचना 18 जुलाई काे जारी की गई। ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक इस योजना पर 75,021 करोड़ रुपये व्यय हाेने

का अनुमान है। इसे वित्त वर्ष 2026-27 तक लागू किया जाना है। ऊर्जा मंत्रालय ने साेमवार काे यह जानकारी दी।

ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक स्कीम के अंतर्गत, डिस्काम को राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों (एसआईए) के रूप में पदनामित किया गया है जो नेट मीटर की उपलब्धता, समय पर निरीक्षण और संस्थापनाओं को चालू करने सहित विभिन्न उपायों को सुकर बनाने के लिए उत्तरदायी हैं। पीएम सूर्य मुफ्त बिजली योजना को भारत सरकार द्वारा 29 फरवरी 2024 को मंजूरी दी गई थी, जिसका उद्देश्य सोलर रूफटॉप क्षमता की हिस्सेदारी बढ़ाना और आवासीय परिवारों को अपनी बिजली पैदा करने के लिए सशक्त बनाना था।

ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, डिस्कॉम को प्रोत्साहन’ घटक के लिए कुल वित्तीय परिव्यय 4,950 करोड़ रुपये है। डिस्काॅम को बेसलाइन स्तर से परे अतिरिक्त ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सोलर क्षमता की स्थापना में उनकी उपलब्धि के आधार पर प्रोत्साहन मिलेगा। इसमें डिस्कॉम के फील्ड स्टाफ को पहचानने और प्रेरित करने के लिए सांकेतिक पुरस्कार प्रणाली का भी प्रावधान है।

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नई दिल्ली, 22 जून (हि.स.)। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को वस्तु एवं सेवा कर परिषद की बैठक हुई। 53वीं जीएसटी परिषद की बैठक में व्यापार सुविधा, अनुपालन बोझ को कम करने और अनुपालन को आसान बनाने के मामले में करदाताओं को राहत देने पर कई निर्णय लिए गए हैं।

बैठक में कुछ सेवाओं पर जीएसटी छूट दी गई है और कुछ समानों पर जीएसटी की एक समान दर तय की गई है। इसके अलावा आधार प्रमाणीकरण को रोल आउट किया जाएगा, जिससे फर्जी कंपनी और धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों से निपटा जा सकेगा।

ऑनलाइन गेमिंग जीएसटी परिषद के एजेंडे में नहीं रहा। रियल-मनी गेमिंग पर पिछले साल अक्टूबर में 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया था। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां 28 प्रतिशत कर व्यवस्था की समीक्षा का इंतजार कर रही हैं।

सभी दूध के डिब्बों अर्थात् स्टील, लोहा, एल्युमीनियम पर 12 प्रतिशत की एक समान दर निर्धारित करने की सिफारिश की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद पत्रकार वार्ता कर फैसलों और चर्चा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन्हें दूध का डिब्बा कहा जाता है लेकिन जहां भी इनका उपयोग किया जाएगा वही दर लागू होगी ताकि इससे कोई विवाद न हो।

परिषद ने सभी कार्टन बक्सों और नालीदार तथा गैर-नालीदार कागज या पेपर बोर्ड दोनों के मामलों पर 12 प्रतिशत की एक समान जीएसटी दर निर्धारित करने की भी सिफारिश की। इससे विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को मदद मिलेगी। जीएसटी परिषद ने सभी सोलर कुकर पर 12 प्रतिशत जीएसटी दर की सिफारिश की है चाहे उसमें एकल या दोहरा ऊर्जा स्रोत हो।

जीएसटी परिषद ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर छात्रावास आवास के माध्यम से प्रति व्यक्ति 20,000 रुपये तक की सेवाओं को छूट दी है। शर्त है कि इन आवास में कम से कम 90 दिन की रिहाइश हो।

भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं जैसे प्लेटफ़ॉर्म टिकट को जीएसटी से छूट दी गई है। इसमें प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम की सुविधा, वेटिंग रूम, क्लॉकरूम सेवाएं, बैटरी चालित कार सेवा शामिल है। इसके अलावा इंट्रा-रेलवे आपूर्ति को भी छूट दी जाएगी।

एक प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में आयें। यह अब राज्यों पर है कि वे इस बारे में मिलकर निर्णय लें।

वित्त मंत्री ने बताया कि छोटे करदाताओं की मदद के लिए परिषद ने जीएसटीआर 4 फॉर्म में विवरण और रिटर्न भरने की समय सीमा 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून किए जाने की सिफारिश की है। यह वित्तीय वर्ष 2024-25 के बाद के रिटर्न पर लागू होगा।

परिषद ने जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए मांग नोटिसों के लिए ब्याज और जुर्माने को माफ करने की सिफारिश की है। इसमें धोखाधड़ी, दमन या गलत विवरण से जुड़े मामले शामिल नहीं हैं। वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए धारा 73 के तहत जारी किए गए सभी नोटिसों के लिए परिषद ने ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है।

मंत्री ने बताया कि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(4) के तहत वित्तीय वर्ष 17-18, 18-19, 19-20 और 20-21 के लिए 30-11-2021 तक दायर किसी भी चालान या डेबिट नोट के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने की समय सीमा को 2011 से 2021 माना जा सकता है। 01 जुलाई 2017 से पूर्वव्यापी प्रभाव से उसी अपेक्षित संशोधन के लिए परिषद ने एक सिफारिश की है।

वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि अखिल भारतीय आधार पर बायोमेट्रिक-आधारित आधार प्रमाणीकरण शुरू होने जा रहा है। इससे हमें मामलों में फर्जी चालान के माध्यम से किए गए धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों से निपटने में मदद मिलेगी।

सरकारी मुकदमेबाजी को कम करने के लिए परिषद ने विभाग द्वारा अपील दायर करने के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, उच्च न्यायालय के लिए 01 करोड़ रुपये और उच्चतम न्यायालय के लिए 02 करोड़ रुपये की मौद्रिक सीमा की सिफारिश की है। परिषद ने यह भी सिफारिश की है कि अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर करने के लिए पूर्व-जमा की अधिकतम राशि 25 करोड़ रुपये सीजीएसटी और एसजीएसटी से घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दी जाएगी।

सीतारमण ने बताया कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को दर युक्तिकरण के जीओएम का अध्यक्ष बनाया गया है। अगली बैठक में सम्राट चौधरी रेट रेशनलाइजेशन के लिए किये गये काम पर यथास्थिति रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद हम स्टार्ट रेट रेशनलाइजेशन पर काम शुरू करेंगे।

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