मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वैशाली में 331 योजनाओं का किया उद्घाटन-शिलान्यास

पटना:  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को वैशाली जिला के डिग्री कॉलेज, गोरौल में आयोजित कार्यक्रम स्थल से 744 करोड़ 85 लाख रुपये लागत की कुल 331 योजनाओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।

इनमें 129 करोड़ रुपये की लागत से हाजीपुर नगर परिषद क्षेत्र में स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम निर्माण कार्य, 181 करोड़ 78 लाख की लागत से ऊर्जा विभाग की चार योजनाएंं, 43 करोड़ 20 लाख की लागत से वाया नदी का उड़ाही कार्य, 27 करोड़ 14 लाख की लागत से लालगंज (रपुटा)-सराय रोड (12.95 किमी) का चौड़ीकरण कार्य, 44 करोड़ 50 लाख की लागत से सदर अस्पताल वैशाली परिसर अंतर्गत 100 शैय्या के क्रिटिकल केयर ब्लॉक, 19 करोड़ 51 लाख की लागत से गोरौल-सोंधों-मथनामल रोड का चौड़ीकरण, 14 करोड़ 82 लाख की लागत से पनसडिया (लोहा पुल) भारत चौक-छह लेन गंगा ब्रिज पहुंच पथ (4.20 किमी) का उद्घाटन शामिल है।

मुख्यमंत्री ने 40 करोड़ 43 लाख की लागत से कृषि बाजार समिति के पुनर्विकास, 15 करोड़ 10 लाख की लागत से बालक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, हाजीपुर, 13 करोड़ 90 लाख की लागत से 132/33 केवी ग्रिड उपकेन्द्र हाजीपुर का नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण, 15 करोड़ 17 लाख की लागत से 220/132 केवी ग्रिड उपकेन्द्र, हाजीपुर में 01 अदद 200 एमवीए के ट्रांसफॉर्मर का अधिष्ठापन तथा 78 करोड़ 69 लाख की लागत से भवन, पुस्तकालय एंव खेल मैदान के निर्माण सहित अन्य 210 विकासात्मक योजनाओं का उद्घाटन किया। इसमें प्रगति यात्रा के दौरान जिले के विकास के लिए घोषित योजनाओं का शिलान्यास भी शामिल है।

मुख्यमंत्री ने 122 करोड़ 14 लाख रुपये की लागत से भवन, पुस्तकालय एवं खेल मैदान के निर्माण सहित अन्य 110 विकासात्मक योजनाओं का शिलान्यास किया गया। मुख्यमंत्री ने डिग्री कॉलेज गोरौल का शिलान्यास किया और सूक्ष्मता से प्रस्तावित डिग्री कॉलेज के 3डी मॉडल का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने वैशाली के डिग्री कॉलेज, गोरौल में ही आयोजित संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित पेंशनधारी लाभुकों, जीविका दीदियों, आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका सहित अन्य लाभुकों के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि आप लोग अच्छे से मिल-जुलकर रहें तथा बिहार को आगे बढ़ाने में अपना अहम योगदान दें।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, राज्यसभा सांसद सह जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा, विधायक सिद्धार्थ पटेल, अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त राजकुमार, तिरहुत प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक चंदन कुशवाहा, वैशाली जिलाधिकारी वर्षा सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारीगण, लाभार्थीगण, गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में आमलोग उपस्थित थे।

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बिहार के मोकामा में बनेगा भव्य तिरूपति मंदिर

पटना: बिहार में पटना जिले के मोकामा में तिरुपति बालाजी की तर्ज पर एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस पहल से मोकामा एक नए धार्मिक केंद्र के रूप में उभरेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चाैधरी ने रविवार को इसकी जानकारी दी।

उपमुख्यमंत्री ने पटना में पत्रकाराें से बातचीत में बताया कि राज्य सरकार ने सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पर्यटकीय सुविधाओं के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने पटना जिले के मोकामा शहर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त समेकित सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पर्यटकीय स्थल के निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग की 10.11 एकड़ भूमि को पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरण की स्वीकृति प्रदान की है। गंगा नदी के किनारे स्थित मोकामा शहर प्राचीन काल से अंग, मगध और मिथिला तीन जनपदों के संगम स्थल के रूप में ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व रखता है। इसके निकटवर्ती सिमरिया घाट पर अर्ध कुंभ मेला आयोजित होता है, जो इसे धार्मिक दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण बनाता है।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि तिरूमला तिरूपति देवस्थानम्, तिरूपति (आंध्र प्रदेश) ने इस भूमि पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त समेकित सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पर्यटकीय स्थल के निर्माण का प्रस्ताव दिया है। यह संस्थान अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सरकारी ट्रस्ट है, जो न केवल तिरुपति स्थित प्राचीन देवस्थानों का प्रबंधन करता है, बल्कि विभिन्न राज्यों में मंदिर, वेदपाठशाला, विश्वविद्यालय, अस्पताल एवं सामाजिक संस्थान भी संचालित करता है। इस परियोजना के निर्माण एवं प्रबंधन का संपूर्ण व्यय तिरूमला तिरूपति देवस्थानम् द्वारा किया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से भूमि 99 वर्ष की लीज पर मात्र 1 रुपये के टोकन शुल्क पर उपलब्ध कराई जाएगी |

सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। आठ अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में करीब 1 हजार करोड़ की लागत से भव्य सीता मंदिर का भूमिपूजन किया। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 29 जुलाई को 550 करोड़ की लागत से वैशाली में बुद्ध स्मृति स्तूप का उद्घाटन किया और अब मोकामा में तिरुपति मंदिर बनाने के लिए लगभग 10 एकड़ जमीन का तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्, तिरुपति, आंध्र प्रदेश के साथ समझौता किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्थल के विकसित होने से मोकामा और आसपास के क्षेत्र का तीव्र सामाजिक-आर्थिक विकास होगा तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही गया विष्णुपद मंदिर, मां जानकी मंदिर पुनौराधाम और दूसरे प्रमुख मंदिरों को जोड़ते हए धार्मिक पर्यटन कॉरिडोर विकसित किया जाएगा।

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New Delhi, 27 सितंबर (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह आज बिहार प्रवास के दौरान अररिया के फारबिसगंज में ‘सहरसा, पूर्णिया और भागलपुर’ भाजपा मंडल कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। भाजपा की एक्स पोस्ट के अनुसार, शाह का संबोधन दोपहर दो बजे शुरू होगा।

कार्यक्रम में नौ जिला के कार्यकर्ता होंगे शामिल 

बिहार भाजपा के एक प्रवक्ता के अनुसार, शाह इस दौरान फारबिसगंज के हवाई फील्ड मैदान में नौ जिलाें के लगफग पांच हजार कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। वो करीब एक बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री के दौरे के मद्देनजर हवाई फील्ड मैदान के आपासपास सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को दिनभर तैयारियों का जायजा लिया। कार्यक्रम में नौ जिला के कार्यकर्ता शामिल होंगे। जिसमें क्रमशः अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मधेपुरा, सुपौल, सहरसा, बांका और नवगछिया आदि शामिल हैं। जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा ने बताया कि कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गई है।

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Araria, 26 सितम्बर(हि.स.)। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 56वीं वाहिनी की बाह्य सीमा चौकी जी समवाय घुरना की ओर से बीती रात कार्य क्षेत्र के बाबुआन गांव में छापेमारी कर 180 किलो तस्करी का गांजा जब्त किया।

जब्त गांजा को घुरना थाना के सुपूर्द कर दिया गया

बबुआन में भारतीय बोर्डर भारत-नेपाल सीमा स्तंभ संख्या 191/4 के नजदीक भारत साइड में करीबन डेढ़ किलोमीटर पर तस्करी का गांजा जब्त किया गया। जब्त किए गए गांजा को नेपाल से भारत की और लाया जा रहा था। जिसे सशस्त्र सीमा बल के विशेष नाका टीम द्वारा जब्त किया गया।एसएसबी के द्वारा आवश्यक कार्यवाही के बाद जब्त गांजा को घुरना थाना के सुपूर्द कर दिया गया।

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Patna, 26 सितम्बर (हि.स.)। बड़े पैमाने पर बाल विवाह के लिए अक्सर खबरों में बने रहने वाले बिहार में अब इसमें खासी गिरावट देखने में आई है। एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में लड़कियों के बाल विवाह की दर में 70 प्रतिशत और लड़कों के बाल विवाह की दर में 68 प्रतिशत की कमी आई है।

लड़कों के बाल विवाह की दर में 72 प्रतिशत की गिरावट

जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) की ओर से जारी शोध रिपोर्ट, ‘टिपिंग प्वाइंट टू जीरो : एविडेंस टूवर्ड्स ए चाइल्ड मैरेज फ्री इंडिया’ के अनुसार खराब आर्थिक स्थिति (90 प्रतिशत), बच्चों के लिए अच्छा जोड़ीदार मिल जाना (65 प्रतिशत) और सुरक्षा के सवाल (39 प्रतिशत) अब भी इस राज्य में बाल विवाह के पीछे प्रमुख कारण हैं। राष्ट्रीय स्तर पर लड़कियों में बाल विवाह की दर में 69 प्रतिशत और लड़कों के बाल विवाह की दर में 72 प्रतिशत की गिरावट आई है।

सर्वे में शामिल अन्य चार राज्यों में लड़कियों की बाल विवाह की दर में असम में सबसे ज्यादा 84 प्रतिशत जबकि महाराष्ट्र में 70 प्रतिशत, राजस्थान में 66 प्रतिशत और कर्नाटक में 55 प्रतिशत की गिरावट आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन वर्षों के दौरान केंद्र, राज्य सरकारों और नागरिक समाज संगठनों के समन्वित प्रयासों की बदौलत बाल विवाह की दर में यह अप्रत्याशित गिरावट संभव हुई है।

32 सहयोगी संगठन बिहार के 38 जिलों में काम कर रहे हैं

बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 250 से भी ज्यादा नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के सहयोगी संगठन इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन के लिए यह रिपोर्ट सेंटर फॉर लीगल एक्शन एंड बिहैवियरल चेंज फॉर चिल्ड्रेन (सी-लैब) ने तैयार की है जिसे न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर एक अलग कार्यक्रम में जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन ने जारी किया।

बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के 32 सहयोगी संगठन बिहार के 38 जिलों में काम कर रहे हैं।

जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के संयोजक रवि कांत ने कहा, “अर्से से बिहार में बाल विवाह की दर देश में सबसे ज्यादा रही है। लेकिन जिस तरह से सरकार ने ग्राम पंचायतों की जवाबदेही तय करने, पंचायतों के सशक्तीकरण और सभी संबंधित पक्षों को साथ लेते हुए जमीन पर जागरूकता अभियान चलाने जैसे कदम उठाए हैं, उसके नतीजे अब दिखने लगे हैं। हम आश्वस्त हैं कि इस तरह के समन्वित प्रयासों से बिहार 2030 से पहले बाल विवाह से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।

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Patna, 25 सितंबर (हि.स.)। पटना उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक रीतलाल यादव को चर्चित सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में बरी होने के निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया है।

सबूतों के अभाव में विधायक रीतलाल यादव को बरी कर दिया था

जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने गुरुवार को आशा सिन्हा की याचिका की सुनवाई करते हुए रीतलाल यादव को निचली अदालत द्वारा बरी करने के आदेश को रद्द करते हुए सत्यनारायण सिन्हा मर्डर केस की सुनवाई पुनः करने का निर्देश दिया। साल 2023 में पटना सिविल कोर्ट के एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट ने सबूतों के अभाव में विधायक रीतलाल यादव को इस मामलें में बरी कर दिया था।

रीतलाल को बड़ा झटका दिया

सत्यनारायण सिन्हा की पत्नी पूर्व भाजपा विधायक आशा सिन्हा ने पटना हाईकोर्ट में निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की। इस मामलें की सुनवाई जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने की। कोर्ट ने रीतलाल यादव को बरी करने के आदेश को रद्द करते हुए इस मामलें पर पुनः सुनवाई करने का देते हुए रीतलाल को बड़ा झटका दिया।

उल्लेखनीय है कि 30 अप्रैल,2003 को पटना के गांधी मैदान में तेल पिलावन,लाठी घुमावन रैली का आयोजन किया गया था। इसी दिन खगौल के जमालुद्दीन चक के पास सत्यनारायण सिन्हा की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। इस मामलें में रीतलाल यादव समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था।

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Patna: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। चुनाव कब घोषित होंगे, इसे लेकर प्रदेश की राजनीति और आम जनता में जिज्ञासा बनी हुई है। इस बीच चुनाव को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने चुनाव संबंधी तैयारियों के तहत मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 6 अक्टूबर तक सभी सरकारी पदाधिकारियों और कर्मियों के स्थानांतरण और तैनाती की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

चुनाव तारीखों को लेकर अटकलें तेज

पत्र के जारी होने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं कि जैसे ही ट्रांसफर-तैनाती की प्रक्रिया पूरी होगी, वैसे ही मुख्य चुनाव आयुक्त बिहार का दौरा करेंगे और विधानसभा चुनाव की तारीखों की औपचारिक घोषणा कर देंगे। चुनाव आयोग की यह कवायद संकेत दे रही है कि राज्य में कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है।

ट्रांसफर-तैनाती को लेकर सख्त निर्देश

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने अपने पत्र में स्पष्ट कहा है कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की तैनाती उनके गृह जिले में नहीं की जाएगी। साथ ही जिन अधिकारियों-कर्मचारियों का कार्यकाल 30 नवंबर तक तीन साल पूरा हो रहा है, उनका ट्रांसफर अनिवार्य रूप से किया जाएगा। यह कदम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि प्रशासनिक मशीनरी पर किसी तरह का पक्षपात का आरोप न लगे।

इसके अलावा, पत्र में कहा गया है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसकी विस्तृत रिपोर्ट भी चुनाव आयोग को उपलब्ध कराई जाए।

चुनावी सरगर्मी बढ़ी

इन निर्देशों के सामने आने के बाद राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की सक्रियता भी बढ़ गई है। सत्तारूढ़ गठबंधन से लेकर विपक्षी दलों तक, सभी अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। वहीं, जनता भी इस बात को लेकर उत्सुक है कि चुनाव आयोग तारीखों की घोषणा कब करेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा अब ज्यादा दूर नहीं है। आमतौर पर आयोग प्रशासनिक तैयारियों को पूरा करने के बाद ही चुनावी कार्यक्रम का ऐलान करता है। इस बार भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

निष्पक्ष चुनाव की तैयारी

चुनाव आयोग हमेशा से ही निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने पर जोर देता आया है। यही कारण है कि अधिकारियों-कर्मचारियों की तैनाती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। गृह जिले में पोस्टिंग पर रोक और तीन साल पूरे करने वालों के अनिवार्य तबादले से आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि किसी भी स्तर पर चुनाव प्रक्रिया प्रभावित न हो।

जल्द आ सकती है चुनावी घोषणा

अब सभी की निगाहें चुनाव आयोग पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि जैसे ही 6 अक्टूबर तक प्रशासनिक कवायद पूरी होगी, उसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त बिहार दौरे पर आएंगे और विधानसभा चुनाव की तारीखों की औपचारिक घोषणा कर देंगे।

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Patna, 25 सितंबर (हि.स.)। बिहार में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक पहल होने जा रही है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का शुभारंभ 26 सितम्बर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करने वाला कदम मानी जा रही है।

योजना के पहले चरण में 75 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से ₹7,500 करोड़ की राशि का आवंटन किया गया है। योजना की शुरुआत के अंतर्गत प्रत्येक पात्र महिला को 10,000 रुपए की राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी। अब तक 1.11 करोड़ से अधिक महिलाओं ने इस योजना के लिए आवेदन किया है, जिससे साफ है कि बिहार की महिलाओं में इसे लेकर जबरदस्त उत्साह है।


महिलाओं को मिलेगा रोजगार और आत्मनिर्भरता का अवसर

योजना के तहत मिलने वाली राशि का उपयोग महिलाएं खेती, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई-बुनाई, खाद्य प्रसंस्करण और छोटे व्यवसायों की शुरुआत में कर सकेंगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाएं इस राशि का प्रयोग करके अपने और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार पाएंगी। सरकार का मानना है कि यह पहल महिलाओं को सिर्फ रोजगार तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि उन्हें उद्यमिता की दिशा में भी अग्रसर करेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। स्थानीय स्तर पर छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही, महिलाओं की बढ़ती आर्थिक भागीदारी से परिवार और समाज में भी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का साझा प्रयास

राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयास से तैयार इस योजना को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किए जाने को एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक संदेश माना जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि यह योजना महिलाओं की आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी।

उन्होंने कहा कि “आज बिहार की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और व्यवसाय में उनका योगदान बढ़ रहा है। यह योजना उनके सपनों को साकार करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार का ठोस प्रयास है।”

आत्मनिर्भर बिहार की मजबूत नींव

विशेषज्ञ मानते हैं कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना राज्य की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती देगी। यह पहल ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के साथ-साथ समाज में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देगी।

सरकार को उम्मीद है कि यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बिहार के निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाने का अवसर देगी। आने वाले वर्षों में यह योजना न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बेहतर करेगी, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की भी मजबूत नींव रखेगी।

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Patna: नितिश सरकार ने मजदूरों की जेब में राहत डालते हुए न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। श्रम संसाधन विभाग की ओर से जारी नई अधिसूचना के मुताबिक, 1 अक्टूबर 2025 से नई दरें लागू होंगी। इस फैसले का सीधा फायदा लाखों श्रमिकों को मिलने वाला है। चाहे वे गांवों में काम कर रहे हों या शहरों में। सरकार का कहना है कि महंगाई के बोझ को कम करने के लिए यह कदम बेहद ज़रूरी था।

अतिकुशल श्रमिक को 660 रुपये रोज़ाना

नई दरों के हिसाब से अब अतिकुशल श्रमिक को 660 रुपये रोज़ाना मिलेंगे। वहीं कुशल मजदूरों की मजदूरी 541 रुपये तय की गई है। अर्धकुशल श्रमिकों को 444 रुपये और अकुशल कामगारों को 428 रुपये प्रति दिन भुगतान करना होगा। ये नियम निर्माण, कृषि और उद्योग समेत सभी सेक्टरों में लागू रहेंगे। विभाग ने साफ कर दिया है कि अगर कोई नियोक्ता तय दर से कम मजदूरी देगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

अधिसूचना को सभी जिलों में प्रचारित किया जा रहा है

आर्थिक जानकारों का मानना है कि यह फैसला मजदूर परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। बढ़ती महंगाई के बीच जहां राशन, बच्चों की पढ़ाई और इलाज पर खर्च बढ़ गया था, वहीं अब बढ़ी हुई मजदूरी से जीवन आसान होगा। इससे श्रमिकों का मनोबल भी ऊंचा होगा और काम की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिलेगा। खासकर ग्रामीण इलाकों में इसका असर बड़ा दिखेगा, जहां अब तक मजदूरी अक्सर कम मिलती थी।

नीतीश सरकार लगातार मजदूर वर्ग के लिए योजनाएं ला रही है। इससे पहले भी दुर्घटना बीमा और आवास जैसी सुविधाएं दी जा चुकी हैं। अब यह नया फैसला सरकार के उस वादे को मजबूत करता है कि गरीब और मजदूर उसके एजेंडे की प्राथमिकता में हैं। विभाग की ओर से बताया गया कि अधिसूचना को सभी जिलों में प्रचारित किया जा रहा है और मजदूरों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल न केवल मजदूरों की जिंदगी आसान करेगी, बल्कि राज्य की आर्थिक रफ्तार को भी तेज़ कर सकती है।

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Patna, 25 सितंबर (हि.स.)। बिहार में नालंदा जिले के चंडी थाना क्षेत्र में स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रावास की तीन मंजिला इमारत से बुधवार रात एक सेकंड ईयर सिविल ब्रांच की छात्रा ने आत्महत्या कर ली है। साथी छात्रों का कहना है कि रैगिंग से परेशान होकर छात्रा ने यह कदम उठाया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है।

घटना के बाद छात्रावास में हड़कंप मच गया। गोपालगंज की रहने वाली मृतका सोनम की रूममेट शिखा खून से लथपथ शव देखकर सदमे में आ गई और बेहोश हो गई। उसे तुरंत चंडी रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत के कारण पटना रेफर कर दिया गया।

छात्राओं ने प्राचार्य पर लापरवाही का आरोप लगाया

रूममेट शिखा ने बताया कि रात 9 बजे उसने छात्रा को खाना खाने के लिए कहा था, लेकिन उसने मना कर दिया और कहा कि उसने नमकीन खा लिया है।

रूममेट ने बताया कि खाना खाने के बाद जब वह कमरे में लौटी, तो छात्रा वहां नहीं थी। उसका लैपटॉप चालू था, लेकिन फोन कॉल का जवाब नहीं मिला। इसके बाद उसने छात्रावास के नीचे जाकर देखा, जहां छात्रा का शव खून से लथपथ पड़ा था। यह दृश्य देखकर वह स्तब्ध रह गई।

छात्राओं ने प्राचार्य पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि घायल छात्रा को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए प्राचार्य ने अपना निजी वाहन उपलब्ध नहीं कराया, और एंबुलेंस के देर से पहुंचने के कारण स्थिति और बिगड़ गई। इस लापरवाही के कारण छात्रा की मौत हो गई, जिससे छात्रों का गुस्सा और भड़क गया।

चंडी थानाध्यक्ष सुमन कुमार ने बताया कि पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। अभी तक आत्महत्या के स्पष्ट कारणों का पता नहीं चल सका है, लेकिन रैगिंग की शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही घटना के कारणों का खुलासा हो सकेगा।

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Patna, 24 सितंबर (हि.स.)। बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने कहा कि इस महीने के अंत तक पटना में मेट्रो रेल का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम चरण में प्राथमिक कॉरिडोर में कुल पांच स्टेशनों आईएसबीटी, जीरो माइल, भूतनाथ, खेमनीचक एव मलाही पकड़ी के बीच परिचालन शुरू किया जा रहा है, जिसकी कुल लम्बाई 6.20 किलोमीटर है।

इस महीने के अंत में दौड़ने लगेगी पटना में मेट्रो रेल 

नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार बुधवार को स्वच्छता ही सेवा-2025 कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने नगर विकास एवं आवास विभाग की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि कभी बजबजाती गंदगी और कचरों के अंबार को लेकर चर्चा में रहने वाले बिहार के विभिन्न शहर अब देशभर में अपनी स्वच्छता का परचम लहरा रहे हैं।

जिवेश कुमार ने कहा कि देशभर में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवारा मनाया जा रहा है, लेकिन बिहार में त्योहारों के इस मौसम में यह 17 सितंबर से 29 अक्टूबर तक यह स्वच्छोत्स्व के रूप में करीब डेढ़ महीने तक मनाया जा रहा है।इस मौके पर नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह, अपर सचिव विजय प्रकाश मीणा, संयुक सचिव अभिलाषा शर्मा और पटना के नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर मौजूद थे।

एम्स तथा कई अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से जोड़ा जाएगा

नगर विकास मंत्री ने पटना मेट्रो रेल की चर्चा करते हुए कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजन के फेज-2 के तहत बिहटा, एम्स तथा कई अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से जोड़ा जाएगा।

जिवेश कुमार ने दावा किया कि अगले एक वर्ष में बिहार पूरी तरह कचरा मुक्त राज्य होगा और राज्य के किसी भी कोने में कचरे का अंबार नहीं दिखेगा। वर्ष 2024 में केन्द्रीय स्तर पर कचरा मुक्त 100 शहरों की सूची में बिहार की राजधानी पटना और गया को थ्री स्टार रेटिंग तथा भागलपुर और सुपौल को वन स्टार रेटिंग प्रदान किया गया है। साथ ही, वर्ष 2024 में स्वच्छता सर्वेक्षण में गंगा टाउन श्रेणी में शामिल कुल 88 शहरों में पटना को देशभर में चौथा, भागलपुर को 15वां, छपरा को 19वां और मुंगेर को 20वां स्थान प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा कि राज्य में शहरीकरण के विस्तार एवं बढ़ती आबादी के कारण विगत वर्षों में शहरी नागरिकों के लिए शुद्ध पेयजल का अभाव था। वर्ष 2011 के सर्वे के अनुसार राज्य के शहरी क्षेत्र में मात्र 3.26 लाख घरों को ही जलापूर्ति की जाती थी। लेकिन आज शुद्ध नल-जल योजना, मुख्यमंत्री शहरी शहरी पेयजल निश्चय योजना तथा अमृत योजना के तहत कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप अब कुल 29.68 लाख घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।

उन्होंने कहा कि नगर निकायों में नागरिकों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री सुरक्षित सुशासित शहर के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। साथ ही नगर निकायों में बहुद्द्देश्यीय आयोजनों के लिए सम्राट अशोक भवन का निर्माण किया जा रहा है। इस मौके पर नगर विकास एवं आवास मंत्री ने शहरी क्षेत्र के विकास के लिए शुरू की गई दर्जनों योजनाओं का विस्तार से चर्चा की। जिसमें आधुनिक शवदाह गृह से लेकर नदी के तट पर बसे शहरों के विकास और जल-जीवन-हरियाली अभियान भी शामिल हैं।

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New Delhi, 24 सितंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार के पटना में आज हो रही कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की एक दिवसीय बैठक पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें बिहार की याद 85 साल बाद आई है। यह शुद्ध रूप से राजनीतिक लाभ से प्रेरित है।

पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक 85 साल बाद हो रही है: रविशंकर

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि आज पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक हो रही है। पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक 85 साल बाद हो रही है। कांग्रेस को पटना और बिहार की सुध 85 साल के बाद आई है। उन्होंने कहा कि राजेन्द्र बाबू पहले राष्ट्रपति थे और पंडित नेहरू उन्हें राष्ट्रपति नहीं बनने देना चाहते थे। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को एकाएक बिहार में रुचि क्यों हो गई? तो पटना में कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक इनके शुद्ध राजनीतिक लाभ से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि चारा घोटाला मामले में कांग्रेस ने लालू यादव की गतिविधियों पर कभी कोई आपत्ति नहीं जताई। यह घोटाला 2,000 करोड़ रुपये का था और लालू को इसमें दोषी ठहराया जा चुका है। इस धोखाधड़ी की जवाबदेही से कोई भी बच नहीं सका। इसके अलावा, लालू जी पर रेलवे घोटाले और ज़मीन के बदले नौकरी घोटाले में आरोप पत्र दायर किया गया है। यहां तक कि तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी भी इन मामलों में आरोपित हैं।

कांग्रेस ने लगातार लालू का समर्थन किया है: रविशंकर

उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस ने कभी अपनी कथित संलिप्तता के बारे में कुछ कहा है? इसलिए, मेरा दृढ़ विश्वास है कि कांग्रेस ने लगातार लालू का समर्थन किया है, जिनकी सरकार बिहार में भय, लूट, अपहरण और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई थी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने हाल ही में एक चौंकाने वाला बयान दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि देश में बेरोज़गारी चुनावी गड़बड़ी का नतीजा है। उनकी यह टिप्पणी हाल के चुनावों तक सीमित नहीं है, बल्कि 2014 के चुनावों का संदर्भ देती प्रतीत होती है। क्या ऐसे आरोप लगाकर राहुल गांधी अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं और देश के नागरिकों की ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं?

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सितंबर 2014 से मई 2025 तक लगभग 7.91 करोड़ व्यक्तियों के भविष्य निधि अंशदान में कटौती की गई है। ईपीएफओ के आंकड़ों के अनुसार, यह दर्शाता है कि इस अवधि के दौरान लगभग 8 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है।

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