दरभंगा: साइकिल गर्ल के नाम से मशहूर हो चुकी ज्योति के पिता मोहन पासवान का सोमवार को निधन हो गया।

पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार हार्ट अटैक के कारण उनकी मृत्यु हुई। उनके निधन के बाद परिजनों के बीच शोक की लहर है। धीरे-धीरे लोग उनके घर पर जुटने लगे हैं।

उल्लेखनीय है कि ज्योति तब चर्चा में आई थीं, जब वह साइकिल से अपने पिता को बैठाकर गुरुग्राम से दरभंगा पहुंची थी। इसको लेकर देश-विदेश में उसकी चर्चा शुरू हो गई थी। इवांका ट्रंप तक ने ट्वीट कर उसकी तारीफ की थी। साथ ही साइकिल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने उसे फेडरेशन से जुड़ने का ऑफर दिया था, लेकिन ज्योति ने मना कर दिया था। ज्योति दरभंगा के सिरहुल्ली गांव की रहने वाली है। अपने पिता के साथ गुड़गांव में रहा करती थी। ज्योति केे पिता मोहन पासवान ई-रिक्शा चलाने का काम किया करते थे।

लॉकडाउन के बीच ही ज्योति के पिता का एक्सीडेंट हो गया था। इस बीच आर्थिक परेशानियों से जूझ रही ज्योति ने एक पुरानी साइकिल खरीद कर अपने पिता को लेकर गुड़गांव से दरभंगा तक का सफर मात्र छह दिनों में तय किया था। ज्योति 1,200 किलोमीटर तक साइकिल चलाकर गुड़गांव से बिहार के दरभंगा में अपने गांव पहुंची थीं।

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बेतिया: मुजफ्फरपुर के कर्जा थाना क्षेत्र से अपहृत किशोरी को पुलिस ने पकडीया पंचायत के फतेपुर गाव से सोमवार को बरामद कर लिया है।

इस बाबत किशोरी के पिता पकड़ी पकौनी गांव निवासी मोहम्मद समीर ने कर्जा थाना मे अपहरण का मामला कांड संख्या 105/21 दर्ज कराया था ।इधर किशोरी के पिता को भनक लगी की उसके किसी दूर के रिश्तेदार के गांव मे उनकी लड़की को छुपाकर रखा गया है।

किशोरी के पिता ने कर्जा थाना के पुलिस के साथ रविवार की शाम नौतन थाना पहुचे।घटना के बारे मे नौतन थाने मे पुरी बात कही गई ।सोमवार की सुबह हरकत मे आई पुलिस ने किशोरी को फतेपुर से बरामद कर मुजफ्फरपुर पुलिस के हवाले सौप दिया।

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पटना: बिहार में लॉकडाउन फिर एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है।  सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली राज्य मंत्रिमंडल की क्राइसिस मैनेजमेंट  (आपदा प्रबंधन) कमेटी की बैठक में इसका निर्णय लिया गया। राज्य के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण,डीजीपी एसके सिंघल के साथ-साथ गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आज दोपहर इसकी जानकारी दी। 
 
लॉकडाउन गाइड लाइन्स में  बदलाव की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने बताया कि सभी सरकारी कार्यालय 25 प्रतिशत कर्मियों के साथ खुलेंगे,लेकिन निजी कार्यालय बंद रहेंगे।सरकारी कार्यालयों को चार बजे तक खोला जाएगा। सरकार ने फैसला किया है कि दुकानों को बारी-बारी खोला जाएगा। इस संबंध में जिलाधिकारी निर्णय करेंगे कि किस क्षेत्र की दुकानें कब खुलेंगी।आवश्यक वस्तुओं की दुकान हर दिन सुबह 6:00 बजे से 2:00 बजे तक खुलेंगी। इसमें सब्जी, दूध के साथ साथ किराना और कीटनाशक की दुकानें भी शामिल हैं। इनके अतिरिक्त अन्य दुकानें भी एक दिन के अंतराल पर सुबह 6:00 बजे से 2:00 बजे तक खुलेंगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी दुकानों में मास्क पहनना अनिवार्य होगा। दुकानदार के साथ-साथ दुकान में आने वाले ग्राहकों के लिए भी मास्क जरूरी किया गया है। साथ ही साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा। कोताही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी इन दुकानों को अस्थायी तौर पर बंद कर सकते हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार ने सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन पर अभी पाबंदी जारी रखी है। विवाह और श्राद्ध के आयोजनों पर भी पूर्व की तरह गाइडलाइन लागू रहेगा। गाड़ियों के परिचालन को लेकर पहले की तरह लॉकडाउन की शर्तें लागू रहेंगी। मुख्य सचिव शरण ने बताया कि कोविड-19 सेंटर पर जनप्रतिनिधियों को जाने की इजाजत नहीं होगी। शिक्षण संस्थान पहले की तरह ही बंद रहेंगे। सभी तरह के धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधि पर रोक रहेगी। कारोबार के मामले में छूट की रियायत दी गई है।
इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट कर खुद लॉकडाउन-4 का ऐलान किया था। सीएम लिखा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन को एक सप्ताह अर्थात आठ जून, 2021 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। परन्तु व्यापार के लिए अतिरिक्त छूट दी जा रही है। सिर्फ जरूरी सेवाओं से संबंधित कार्यालयों को ही खोलने की अनुमति है।
लॉकडाउन में इनको मिलेगी छूट
अस्पताल एवं अन्य संबंधित स्वास्थ्य प्रतिष्ठान (पशु स्वास्थ्य सहित)। दवा दुकानें, मेडिकल लैब, नर्सिंग होम, एम्बुलेंस सेवाएं। ठेले पर घूमकर फल-सब्जी बेचने वाले (सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक)। रेस्टोरेंट एवं खाने की दुकानें केवल होम डिलीवरी के लिए सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक। एनएच पर स्थित ढाबे टेक होम  के आधार पर। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा तथा शहरी क्षेत्रों में शहरी रोजगार योजना के अन्तर्गत किए जाने वाले कार्य।
जरूरी सरकारी-निजी सेवाओं में किनको छूट।
प्रशासन, पुलिस, सिविल डिफेंस, विद्युत आपूर्ति, जलापूर्ति, स्वच्छता, फायरब्रिगेड, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, दूरसंचार, डाक विभाग से संबंधित कार्यालय। बैंकिंग, बीमा, एवं एटीएम से जुड़ी सेवाएं, औद्योगिक एवं विनिर्माण कार्य से संबंधित प्रतिष्ठान। सभी प्रकार के निर्माण कार्य । ई कॉमर्स  से जुड़ी सारी गतिविधि, कृषि एवं इससे जुड़े कार्य। कोल्ड स्टोरेज एवं वेयर हाउसिंग सेवाएं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, टेलीकम्यूनिकेशन, इंटरनेट सेवाएं, ब्रॉडकास्टिंग एवं केबल सेवाएं। पेट्रोल पम्प, एलपीजी, पेट्रोलियम से संबंधित खुदरा एवं भंडारण प्रतिष्ठान। निजी सुरक्षा सेवाएं। आवश्यक खाद्य सामग्री तथा फल एवं सब्जी/मांस-मछली/ दूध/पीडीएस दुकानें।
सड़क पर निकलने की इनको छूट
रेल-हवाई सफर के लिए जा सकेंगे। आवश्यक कार्यों में शामिल सेवाओं के कर्मी निजी वाहनों से जा सकेंगे। स्वास्थ्य सेवा से जुड़े वाहन चल सकेंगे। आवश्यक सेवा से जुड़े सरकारी वाहन। ऐसे वाहन जिन्हें जिला प्रशासन से पास प्राप्त है। इंटरस्टेट यात्रा  वाले वाहन आ-जा सकेंगे। 
अभी तक  लागू हुई पाबंदियां
18 अप्रैल : नाइट कर्फ्यू रात 9 से सुबह 5 बजे तक।  28 अप्रैल : नाइट कर्फ्यू का वक्त बढ़ा, शाम 6 बजे से ही।   4 मई : 5 से 15 मई तक टोटल लॉकडाउन लगाया गया। 13 मई : कुछ दुकानों को छूट देकर लॉकडाउन 25 मई तक बढ़ा।24 मई : खाद-बीज की दुकानों को छूट के साथ एक जून तक बढ़ा।31 मई : दुकानें खुलने के समय में छूट के साथ 8 जून तक बढ़ा।

 

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पटनाः बिहार में आठ जून तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है. सीएमजी की बैठक के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि आठ जून तक लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. लेकिन व्यापार के लिए अतिरिक्त छूट दी जा रही है. सभी लोग मास्क पहनें और सामाजिक दूरी बनाए रखें.

बता दें कि बिहार में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने पांच मई से लॉकडाउन लगाया था. कोरोना को देखते हुए आज जिलों की समीक्षा की गई. इस दौरान कुछ रिपोर्ट भी देखे गए. अधिकारियों के साथ बातचीत पर निर्णय लिया गया है. पहली बार लगाए गए लॉकडाउन की मियाद 15 मई तक थी जिसे बढ़ाकर 25 तक फिर किया गया था. वहीं 25 मई के बाद हुई सीएमजी की बैठक के बाद इसे एक जून तक किया गया था. बिहार में लॉकडाउन लगाने के बाद कोरोना की संख्या कम हुई है.

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बिहारशरीफ: जिले के भागनबिगहा थाना ओपी के समीप एक सिरफिरे युवक ने रविवार को प्रेमिका को गोली मारने के बाद खुद को भी गोली मार ली। घटना को देख ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दोनों को इलाज के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल भेज दिया जहां चिकित्सक दौरान दोनों की मौत हो गयी।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि भागनबिगहा के गांव निवासी भगिनी के पूर्वी रिकी का प्रेम-प्रसंग सिलाव गांव निवासी राजपाल कुमार के साथ चल रहा था। पर परिजन के हस्तक्षेप से रिंकी की शादी शेखपुरा गांव निवासी विकास कुमार के साथ 19 मई को कर दिया गया।
रिंकी अपने देवर के साथ ज्यौं ही भागनबिगहा गांव के पास पहुंचा की पूर्व से घात लगाए राजपाल कुमार ने प्रेमिका को बोलेरो गाड़ी से पिस्तौल का भय दिखाकर उतारना चाहा तो लड़की के विरोध करने पर लड़की की शिर में गोली मारने के बाद लड़के ने खुद को भी गोली मार ली।
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पटना: बिहार में रविवार को कोरोना संक्रमण के 1475 नए मामले दर्ज किए गए। पटना में सबसे ज्यादा 161 कोरोना संक्रमित नए मरीजों की पहचान की गई। पटना के अलावा राज्य के किसी भी जिले में 100 से ज्यादा नए मरीज आज नहीं मिले।

प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कुल 100,494 सैम्पल की जांच हुई है। अबतक कुल 6,82,166 मरीज ठीक हुए हैं। वर्तमान में कोविड 19 के सक्रिय मरीजों की संख्या 18,377 है। वहीं कोरोना मरीजों का रिकवरी प्रतिशत 96.67 है।

किस जिले में कितने कोरोना मरीज
प्रदेश में जिला वार कोरोना संक्रमित की बात करें तो अररिया में तीन ,अरवल में पांच, औरंगाबाद में नौ, बांका में तीन, बेगूसराय में 58, भागलपुर में 16, भोजपुर में 17, बक्सर में दो, दरभंगा में 35,मोतिहारी में 36, गया में 19, गोपालगंज में 64, जमुई में 12, जहानाबाद में छह, कैमूर में चार, कटिहार में 63, खगरिया में 38, किशनगंज में 36, लखीसराय 12 मधेपुरा में 50।

इसी तरह मधुबनी में 70, मुंगेर में 59, मुजफ्फरपुर में 81, नालंदा में 84, नवादा में, 16 पूर्णिया में 61, रोहतास में 10, सहरसा में 37, समस्तीपुर में 42, सारण में 47, शेखपुरा में पांच, शिवहर में 19, सीतामढ़ी में 18, सिवान में 44, सुपौल में 8, वैशाली में 32, और बेतिया में 60 मरीज मिले हैं।

 

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पटना: बिहार में लॉकडाउन-3 चल रहा है,जिसकी मियाद एक मई को समाप्त हो रही है। लॉकडाउन की मियाद बढ़ाने या अनलॉक करने को लेकर कल यानी सोमवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में मुख्य सचिव फैैसला करेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लॉकडाउन-4 भी बिहार में एक सप्ताह के लिए लागू किया जा सकता है। हालांकि, इसमें कुछ छूट मिल सकती है। दुकान खुलने की अवधि में विस्तार के साथ गारमेंट्स और साड़ी कपड़े की दुकान खोलने का आदेश आपदा प्रबंधन समूह दे सकती है।इस दौरान प्रतिबंधों में भी ढील दी जाएगी ताकि लोगों को कम दिक्कत हो।
कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने को राज्य सरकार ने पांच मई से बिहार में लॉकडाउन लगा रखा है। लॉकडाउन का प्रथम चरण 15 मई तक था। बाद में इसे 25 तक बढ़ाया गया। हालात की समीक्षा के बाद सरकार ने इसे एक सप्ताह विस्तारित कर एक मई तक बढ़ाने का फैसला किया।फिलहाल बिहार में लॉकडाउन-3 है, जो एक जून तक प्रभावी है।
कोरोना के बिहार में 29 मई तक के आंकड़े एक नजर में
कुल पॉजिटिव केस मिले- 7,04,173
लॉकडाउन में स्वस्थ-6,78,036
एक्टिव केस – 21,084
कोविड टेस्ट किए गए – 27,44,841
इस दौरान कुल मौत – 5,052
हिन्दुस्थान समाचार/गोविन्द

Submitted By: Govind Chaudhary Edited By: Chandra Prakash Singh Published By: Chandra Prakash Singh at May 30 2021 6:50PM

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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नक्शे कदम पर चल रहे हैं।केन्द्र सरकार ने कोविड के चलते कमाने वाले सदस्य को खोने वाले परिवारों की सहायता की घोषणा की है। इसके तहत इन परिवारों को पेंशन दी जाएगी और साथ ही बीमा भरपाई का दायरा बढ़ा कर इसे आसान बनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री की इस घोषणा के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिहार में बड़ी पहल की है। सीएम ने आज ऐलान किया कि कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक 1500 रुपये प्रतिमाह दिये जायेंगे। खुद मुख्यमंत्री ने इसकी जानकारी ट्वीट कर रविवार को दी।

सीएम नीतीश ने ट्वीट कर कहा कि वैसे बच्चे-बच्चियों जिनके माता पिता दोनो की मृत्यु हो गई, जिनमें कम से कम एक की मृत्यु कोरोना से हुई हो, उनको ‘बाल सहायता योजना’ अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा 18 वर्ष होने तक 1500 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिन अनाथ बच्चे-बच्चियों के अभिभावक नहीं हैं, उनकी देखरेख बालगृह में की जाएगी। ऐसे अनाथ बच्चियों का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में प्राथमिकता पर नामांकन कराया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि कोरोना के इस संकट में कई ऐसे परिवार हैं जो पूरी तरह से उजड़ गए हैं। अब उस परिवार में छोटे बच्चे हैं। ऐसे में सरकार ने बड़ी पहल की है और अनाथ बच्चों की मदद को आगे आई है। सीएम नीतीश की इस घोषणा के बाद विभागीय स्तर पर ऐसे परिवार को चिन्हित कर उन्हें मदद दी जायेगी।

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पटना: बक्सर में ईटीवी भारत के लिए रिपोर्टिंग करने वाले उमेश पांडेय के खिलाफ एक भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य परशुराम चतुर्वेदी द्वारा दर्ज कराए गए मामले पर वेब जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WJAI) ने संज्ञान लिया है. WJAI पत्रकारों ने इसे पीड़क कार्रवाई माना है। WJAI की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल, महासचिव डॉ. अमित रंजन और कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अश्क़ ने एक बयान जारी कर कहां है कि पत्रकार पर लगाए गए आरोप पहली नजर में बदले की कार्रवाई दिख रहे हैं। इसलिए कि रिपोर्टर ने सीरीज में एक केंद्रीय मंत्री के खिलाफ खबरें लिखीं, लेकिन मंत्री की ओर से इसका खंडन नहीं किया गया और भाजपा नेता द्वारा उल्टे सीधे कई गंभीर आरोप लगाते हुए पत्रकार पर मामला दर्ज करा दिया गया।

डब्ल्यूजेएआई ने कहा है कि अगर खबरें तथ्यहीन या गलत थीं तो पहले मंत्री महोदय का पक्ष आना चाहिए था. रिपोर्टर अगर उसे अपने पोर्टल में या खबरों में स्थान नहीं देता तो उसे लीगल नोटिस भेजा जाना चाहिए था। पर ऐसा न कर सीधे रिपोर्टर पर केस दर्ज करना यह दर्शाता है कि भाजपा नेता मीडिया को दबाना चाहते हैं.

संगठन के अध्यक्ष आनंद कौशल ने मंत्री महोदय से हस्तक्षेप करते हुए रिपोर्टर पर दर्ज करवाए गये मुकदमे को वापस कराने और मामले के निपटारे का आग्रह किया है. साथ ही कहा है कि उन्हें खबरों पर आपत्ति है तो अपना पक्ष संबंधित रिपोर्टर के पास भेजें.

केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा आईटी मंत्रालय ने भी इसी फरवरी में एक्ट लाकर यह प्रावधान किया है कि अगर किसी को पोर्टल पर चली खबरों पर आपत्ति है तो इसकी शिकायत पहले ग्रिवांस अधिकारी से करना है न कि संबंधित रिपोर्टर पर मुकदमा दायर कर दिया जाए।

संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमिताभ ओझा, रजनीशकांत, माधो सिंह, हर्षवर्धन द्विवेदी, आशीष शर्मा, राष्ट्रीय सचिव निखिल केडी वर्मा, सुरभित दत्त, मुरली मनोहर श्रीवास्तव, टी. स्वामिनाथन, संयुक्त सचिव मधूप मणि पिक्कू, रमेश पांडेय, डॉ. लीना, जीतेन्द्र कुमार सिंह, डॉ. राजेश अस्थाना, बिहार प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण बागी, महासचिव रजनीकांत पाठक समेत सैकड़ों की तादाद में वेब पत्रकारों ने इस प्रकरण पर खेद व्यक्त करते हुए मुकदमे को वापस लेने की अपील की है।

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पटना: बिहार में इन दिनों ब्लैक फंगस पांव पसारता जा रहा है। इसके मरीजों की संख्‍या पटना समेत राज्य के हर इलाके में लगातार बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं इस बीमारी से मौतों की संख्‍या में भी इजाफा हो रहा है।
शुक्रवार को भी आइजीआइएमएस अस्पताल में ब्‍लैक फंगस के कारण एक मरीज की मौत हो गई। मरीज के नाक व आंख में फंगस पाया गया था, जिससे उसको सांस लेने में व देखने में काफी तकलीफ हो रही थी।
सूबे में ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या में हो रही वृद्धि के बारे में सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। अब सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इसका इलाज होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को इसका ऐलान किया कि बिहार में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है।
स्वास्थ्य विभाग को सभी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों में इसके ईलाज के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा गया है। कोरोना से बचाव के लिए लगातार सावधानी जरूरी है।
हलांकि शुरुआती दौर में इस बीमारी से इलाज की व्यवस्था पटना के चार अस्पतालों में की गई थी। अब राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक फंगस का इलाज होगा।

 

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पटना: बिहार में ‘यास’ चक्रवाती तूफान से अलग-अलग जिलों में अब तक सात लोगों की मौत हुई है।

इनमें दरभंगा में एक, बांका में एक, मुंगेर में एक, बेगूसराय में एक, गया में एक, भोजपुर में एक और पटना में एक व्यक्ति की मृत्यु पर शामिल हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। मख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं। साथ ही मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये अविलम्ब अनुग्रह अनुदान(मुआवजा) देने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने ‘यास’ चक्रवाती तूफान में बेगूसराय के चार, बांका के एक और गया के एक घायल व्यक्ति के समुचित इलाज का निर्देश दिया है और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये सुझावों का अनुपालन करें।

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पटना: बिहार में पिछले 24 घंटों के दौरान 1785 कोरोना संक्रमित नए मामलों की पहचान की गई है। पटना में आज 238 नए मरीज कोरोना के मिले हैं। पटना के अलावा बेगूसराय में 129 संक्रमित की पहचान हुई है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पटना और बेगूसराय को छोड़कर राज्य के बाकी 36 जिलों में कोरोना संक्रमण के नए मामले 100 से नीचे दर्ज किया गया। विगत 24 घंटे में कुल 92,173 सैम्पल की जांच हुई है।
अब तक कुल 6,72,868 मरीज ठीक हुए हैं। वर्तमान में कोविड-19 के एक्टिव मरीजों की संख्या 24,809 है। बिहार में कोरोना मरीजों का रिकवरी प्रतिशत 95.76 है।

 

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