– वे रंग बदलने में गिरगिट को मात दे रहे, फिर बदलेंगे
– बिहार ने भुगता सीएम की गलतियों का परिणाम

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को यहां बयान जारी कर कहा कि नीतीश कुमार रंग बदलने में गिरगिट को मात दे रहे हैं। उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं रही और अब भाजपा के दरवाजे उनके लिए बंद हो चुके हैं।

सुशील मोदी ने कहा कि 2013 में नीतीश कुमार ने कहा कि मिट्टी में मिल जाऊंगा, लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा, लेकिन 4 साल बाद उन्हें गलती का एहसास हुआ। 2017 में फिर भाजपा की शरण में आना पड़ा। नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनवाया, लेकिन 8 महीने बाद पलटी मार कर उनकी कुर्सी छीन ली और खुद मुख्यमंत्री बन गए।

सुशील मोदी ने कहा कि नोटबंदी का समर्थन करते हुए जिस नीतीश कुमार ने बेनामी सम्पत्ति पर कार्रवाई की मांग की थी, वही बेनामी सम्पत्ति के आरोप में घिरे तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ सरकार चला रहे थे।उन्होंने कहा कि 20 महीने महागठबंधन-01 की सरकार चलाने के बाद नीतीश कुमार को घुटन होने लगी थी। उन्हें लालू प्रसाद के दबाव में राजद के बाहुबली नेता शहाबुदीन को छोड़ना पड़ा था ।जिन लोगों ने नीतीश कुमार को “परिस्थितियों का मुख्यमंत्री” कहा और जिनके साथ काम करने में उनकी आत्मा गवाही नहीं देने लगी थी, उन्हीं के साथ फिर क्यों चले गए ?

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की गलतियों का खामियाजा बिहार को बार-बार भुगतना पड़ा।महागठबंधन-02 से भी उन्हें जल्द निराशा होगी और जब फिर उनकी अन्तरात्मा कुछ कहेगी, तब नाक रगड़ने पर भी भाजपा के दरवाजे उनके लिए नहीं खुलेंगे।

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– ललन सिंह ने कहा, दो की संख्या से शुरू किया था, फिर वापस वहीं पहुंच जाएंगे

पटना: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की तीन दिवसीय बैठक रविवार दोपहर चार बजे संपन्न हो गई। तीन दिनों तक चली इस बैठक में मुख्य रूप से 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई। इस दौरान कई राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित हुए। आज हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कई अहम मुद्दों पर मंथन हुआ।

बैठक में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सभी पार्टियां अगर एकजुट होकर लड़े तो परिणाम अच्छा आयेगा। उन्होंने कहा कि मैं संख्या बल की बात नहीं कर रहा हूं लेकिन सब साथ हो तो तो भारी सफलता मिल सकती है।

सीएम नीतीश अपने उस बयान से पलट गए जिसमें उन्होंने भाजपा को 50 सीटों पर समेटने का दावा किया था। नीतीश ने कहा कि वो सीटों की बात नहीं करते हैं लेकिन जब सभी विपक्षी दल एक होंगे तो भाजपा को परास्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में वे दिल्ली जाएंगे और वहां विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर उन्हें एकजुट करेंगे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के सात दलों में चार दलों के नेता दिल्ली में ही है। दिल्ली जाने के बाद उनसे मिलेंगे और सभी लोगों से बातचीत करने के बाद आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि उन्होंने तो दो की संख्या से शुरू किया था, वहीं फिर वापस पहुंच जाएंगे। मीडिया ने जब सवाल किया कि अमित शाह भी आ रहे हैं, तो उन्होंने कहा की वो बिहार आ कर सांप्रदायिक सद्भाव को खराब करने की कोशिश करेंगे। बिहार के लोग सतर्क है, उनके आने से यहां के लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा की भाजपा के साथ थे तो बिहार में 40 में 39 सीट मिली थी, इस बार 40 में 40 सीट महागठबंधन को मिलेगी।

जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार के 50 सीटों पर भाजपा के रोकने का फार्मूला बताया। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दल अगर एक साथ एक मंच पर आ जाएंगे तो सब कुछ संभव है। हम सभी की पहली प्राथमिकता देश से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता से बेदखल करना है। प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है।

बैठक खत्म होने के बाद मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इस बैठक का एक ही लक्ष्य है। भाजपा को 2024 में हटाना है और महागठबंधन की सरकार दिल्ली में बनाना है। देश में जिस तरीके से नफरत फैलाया जा रहा है, भाजपा के इन मंसूबों को कामयाब नहीं होने देना है।

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Chhapra: पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित भिखारी ठाकुर के सहयोगी रहे रंगकर्मी पद्मश्री रामचद्र मांझी की तबियत बिगड़ गयी है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्हें  गैंग्रीन संक्रमण के साथ-साथ उन्हे ह्रदय की समस्या भी हो गयी है. जिसके बाद छपरा में इलाज के बाद अब पटना के IGIMS  में इलाजरत हैं.

कला संस्कृति मंत्री जीतेन्द्र कुमार राय ने उनके परिवार से बात कर हर संभव सहायता की बातें कहीं हैं. उनकी पोती पिंकी, पोता विपिन, बेटी और उन्हें सहयोगी जैनेन्द्र दोस्त उनका पटना में इलाज करवा रहे हैं. जैनेन्द्र दोस्त ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी है.  

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पटना: बिहार की महागठबंधन सरकार में मंत्री बनने के बाद से लगातार विवादों में चल रहे कार्तिकेय सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें बुधवार सुबह ही कानून मंत्रालय से हटाकर गन्ना उद्योग विभाग का मंत्री बनाया गया था। रात उन्होंने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए राज्यपाल फागू चौहान को अपनी अनुशंसा भेज दी। कार्तिक कुमार अब राज्य मंत्री परिषद के सदस्य नहीं रहे। गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि महागठबंधन सरकार को बने अभी एक महीना भी पूरा नहीं हुआ है और सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इससे पहले राजद के बिहार में सीबीआई एंट्री को बैन करने की बात पर भी मुख्यमंत्री ने कहा था कि पता नहीं कौन क्या-क्या बोलता है। अब राजद कोटे के मंत्री कार्तिकेय सिंह के इस्तीफे से लगता है कि महागठबंधन सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों की समस्या पर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी एवं बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद के साथ बैठक की । बैठक के बाद बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पहले की तरह एक दिन और एक ही पाली में आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीपीएससी अभ्यर्थियों के विरोध के बाद आयोग का फैसला पलट दिया है।

बैठक में बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने पूरी स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने सभी जिलाधिकारी एवं क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ विमर्श किया है। इस संदर्भ में निर्णय लिया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पूर्व की तरह एक दिन एवं एक पाली में ही ली जायेगी।

उल्लेखनीय है कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) 67वीं परीक्षा में बदलाव किए जाने के विरोध में अभ्यर्थी बुधवार को सड़क पर उतर गए थे। अभ्यर्थी लगातार परसेंटेज सिस्टम और एक पाली में परीक्षा आयोजित कराने की मांग पर अड़े हुए थे। बीपीएससी ने पैटर्न में बदलाव कर दो पाली में परीक्षा को आयोजित करने की घोषणा की थी। प्रदर्शनकारी छात्र जब बीपीएससी कार्यालय का घेराव करने के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद भी वे नहीं माने तो पुलिस ने काबू में करने के लिए बल प्रयोग किया था।

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई मंत्रिमंडल की बैठक में समग्र शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए केंद्र की तरफ से कम राशि उपलब्ध होने के कारण कुल 94 अरब 40 लाख के अनुदान को स्वीकृति के साथ कुल आठ एजेंडों पर मुहर लगाई गई।

इसके अलावा नए बालू घाटों की नीलामी को लेकर भी कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया है। इसमें ने बालू घाटों की आगामी पांच वर्षों के लिए बंदोबस्ती ई-नीलामी से कराने के लिए पहले साल के लिए डिपॉजिट राशि का निर्धारण जिला सर्वेक्षण प्रतिवेदन में अंकल खनन योग्य बालू की मात्रा और उसके स्वामित्व के आधार पर किए जाने की स्वीकृति दी गई है।

लघु खनिज बालू के स्वामित्व दर के पुनरीक्षण के लिए बिहार खनिज समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण नियम और नियमावली 2019 की अनुसूची तीन-क में संशोधन के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है।

बैठक में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत मधुबनी जिले के लौकही प्रखंड में विपुल नदी पर लक्ष्मीपुर गांव के पास वीयर योजना का निर्माण कराने के लिए 68 करोड़ से ज्यादा की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़े जिस एजेंडे को मंजूरी दी है उसके मुताबिक साल 2023 के लिए बिहार सरकार के कार्यालयों में अवकाश और निगेसिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के अंतर्गत बिहार में अवकाश की घोषणा की गई है।

विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के तहत उद्योग विभाग, बिहार सरकार के अधीन स्थापित बिहार रेशम एवं वस्त्र संस्थान, भागलपुर को टेक्सटाइल एवं अन्य अभियंत्रण शाखा में डिप्लोमा स्तरीय पाठ्यक्रम के लिए राजकीय पोलिटेकनिक (टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी) भागलपुर के रूप में संचालित करने एवं इसके लिए बिहार रेशम एवं वस्त्र संस्थान, भागलपुर के अधीन कुल 7.12 एकड़ भूमि एवं उसपर निर्मित भवन सहित अन्य परिसम्पत्तियों विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग बिहार सरकार को हस्तान्तरित करने की स्वीकृति दी गई है।

कृषि विभाग के तहत राज्य स्कीम मद से वित्तीय वर्ष 2022-23 में सब मिन अन एग्रीकल्चरल एक्सटेशन के कार्यान्वयन के लिए संविदा आधारित नियोजित कर्मियों के लिए नियत मानदेव एवं ईपीए की राशि बामेती परिसर का प्रबंधन एवं प्रसार कार्यक्रम के लिए कुल 336298.96 की राशि स्वीकृत की गई है। पिछडा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अन्तर्गत संचालित 12 एवं प्रस्तावित 27 यानी कुल 39 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय 2 उच्च विद्यालय के लिए विभिन्न कोटि के 1092 शैक्षणिक पद एवं 273 गैर शैक्षणिक पद यानि कुल-1305 पदों के सृजन, वेतनमान तथा स्थापना के लिए 49,49,51,512 रुपये की स्वीकृति दी गई है।

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-महागठबंधन को मजबूती देने के लिए बुधवार को आ रहे हैं तेलंगाना के सीएम

पटना: बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीति हलचल तेज हो गयी है।गठबंधन की सरकार बनने के बाद अब बिहार में केंद्रीय राजनीति पर बहस तेज है। एक ओर गृहमंत्री सितंबर माह में दो दो दिवसीय प्रवास पर बिहार आ रहे हैं तो दूसरी ओर दक्षिण भारत के कद्दावर नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर बुधवार को पटना आयेंगे।

31 अगस्त को तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर पटना आएंगे। पटना पहुंचने के बाद वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात करेंगे। वो लालू प्रसाद से भी बात करेंगे।

बिहार दौरे पर आ रहे अमित शाह जहां 40 में से बिहार की 35 सीटों पर कब्जा बनाये रखने की रणनीति का खुलासा करेंगे, वहीं विपक्ष 2024 में मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने की रणनीति तैयार करेगा। बुधवार की बैठक के बाद इस बात को लेकर भी तस्वीर थोड़ी साफ होने की उम्मीद है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की भूमिका क्या होगी।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर लंबे समय से विपक्षी एकता के लिए प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले केसीआर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल व एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर चुके है। ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल रंग लाने लगी है।

केंद्र की सत्ता से भाजपा को बेदखल करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे देश में विपक्ष के नेताओं को एकजुट करने में लग गए है। पिछले दिनों उनकी कई नेताओं से फोन पर बातचीत भी हुई थी। भाजपा के खिलाफ विपक्षी दल को एकजुट करने के मिशन में सीएम नीतीश को पहली कामयाबी हाथ लगी है।

हालांकि, सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव पटना आने का मुख्य उद्देश्य बीते दिन बिहारी मजदूरों की मौत के सिलसिले में उन्हें मुआवजा देना है न कि 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी।

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पटना/दरभंगा: बिहार में दरभंगा जिले के मेहरा सहायक खाना के अंतर्गत रजवाड़ा टोला के पास अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस पर स्थानीय लोगों ने हमला बोल दिया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अवकाश कुमार ने बताया कि मंगलवार को पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर जिले के नेहरा सहायक थाना क्षेत्र के रजवाड़ा टोल (तरौनी मोड़) के समीप सड़क से अतिक्रमण हटाने गये पुलिसकर्मी पर अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गयी है, जबकि मनीगाछी के अंचलाधिकारी एवं दो पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिस और प्रशासन की कई गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। पुलिस उपद्रवियों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

अवकाश कुमार ने ड्राइवर चेत नारायण सिंह की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि अतिक्रमण पूर्ण रूप से खाली करा लिया गया है। पुलिस पर पथराव एवं सरकारी कार्य में व्यवधान करने वाले के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया की जा रही है। गांव में तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

दरभंगा पुलिस मेन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू सिंह समेत कई लोग दरभंगा अस्पताल पहुंच जवान की मौत पर दु:ख जताया। साथ ही सभी तरह के सरकारी सुविधा दिलाने की मांग की है। मृतक जवान (गृह रक्षक ) चेत नारायण सिंह दरभंगा जिले के विरौल थाना में दंगा नियंत्रण वाहन पर चालाक के रूप में तैनात था।

एसएसपी ने बताया कि इस पत्थरबाजी में वहां तैनात कर्मचारियों एवं पुलिस बल के जवान भी चोटिल हो गये।इसमें तीन गाड़ियों के क्षतिग्रस्त होने के साथ ही राजीव प्रकाश राय, हल्का कर्मचारी सुधीर सिंह के साथ ही एक दंगा नियंत्रण वाहन गाड़ी के ड्राइवर चेत नारायण सिंह बुरी तरह घायल हो गये। घायल ड्राइवर को स्थानीय स्तर पर इलाज के बाद डीएमसीएच रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है।

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-नीतीश नहीं चाहते सुशासन की छवि खराब हो

पटना: बिहार में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एंट्री को बैन करने को लेकर नीतीश और तेजस्वी में आपसी सहमति बनती नहीं दिख रही है। राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी के राज्य में सीबीआई की डायरेक्ट एंट्री को लेकर दिए बयान से विवाद खड़ा हो गया था। इस पर जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पता नहीं कौन क्या-क्या बोलता है। मुझे इसकी जानकारी नहीं है।

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी सीबीआई के संबंध में शिवानंद तिवारी के दावे को खारिज किया है। कुशवाहा ने कहा कि शिवानंद तिवारी के पास गलत जानकारी है। इस बारे में महागठबंधन सरकार और घटक दलों के बीच कोई बैठक नहीं हुई है। बिहार में बिना अनुमति के सीबीआई जांच पर रोक लगाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।

जदयू से प्राप्त जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार सीबीआई की एंट्री को बिहार में बैन नहीं करना चाहते हैं। इसके पीछे उनकी छवि को कारण बताया जा रहा है। पूरे देश में सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश कुमार सीबीआई की एंट्री को बिहार में बैन करके अपनी छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं। इसीलिए राजद की इस बात पर वह सहमत नहीं है।

उल्लेखनीय है कि शिवानंद तिवारी सहित मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की खबरें फैलाई जा रही थी कि आज की कैबिनेट की बैठक में बिहार में सीबीआई की एंट्री बैन पर मुहर लगेगी। जैसा कि देश के नौ अन्य राज्यों ने कर रखा है लेकिन नीतीश कैबिनेट की बैठक में इस पर कोई चर्चा नही हुई।

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महात्मा गांधी सेतू पर बस में लगी आग मच गई अफरा तफरी, कोई हताहत नहीं

Patna: महात्मा गांधी सेतु पर उस समय अफरा तफरी का माहौल बन गया. जब एक चलती बस से धुआं निकलने लगा. बस में बैठे यात्री इधर उधर से निकलने का प्रयास कर रहे थे.

पूरे घटनाक्रम को देख गांधी सेतु पर चल रहे वाहन चालकों ने सूझबूझ दिखाते हुए फायर ब्रिगेड और पुलिस को फोन किया. थोड़ी देर बाद बहुत पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने लंबी मशक्कत के बाद बस में लगी आग पर काबू पा लिया.

घटना को लेकर बताया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर की तरफ से पटना आ रही बस जैसे ही महात्मा गांधी सेतु के पाया नंबर 37 के करीब पहुंची बस से अचानक धुआं निकलने लगा. चालक की सूझबूझ से बस में बैठे सभी यात्रियों को बाहर निकाला गया. कुछ ही देर बाद बस में भयंकर आग लग गई. आग से बस जलने लगी इस.

इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी लोगों ने पुलिस, फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने घंटों मशक्कत करने के बाद बस में लगी आग पर काबू पाया. हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.

बावजूद इसके बस में आग लगने के बाद महात्मा गांधी सेतु पर अफरा तफरी का माहौल बना रहा. बस में लगी आग को बुझाने के बाद ही यातायात व्यवस्था उक्त लेन पर चालू हो पाई.

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पटना/किशनगंज: बिहार के पटना-किशनगंज में शनिवार को ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता के यहां हुई छापेमारी में निगरानी की टीम ने पांच करोड़ रुपये नकदी और आभूषण बरामद किए हैं।

बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग में तैनात कार्यपालक अभियंता संजय कुमार राय के किशनगंज और पटना स्थित ठिकानों पर शनिवार को छापेमारी की गई। इस दौरान घर से करीब पांच करोड़ रुपये नकद बरामद हुए। इसके अलावा भारी मात्रा में गहने और अन्य कीमती सामान भी मिलने की संभावना है। नोटों की गिनती जारी है।

निगरानी टीम ने इंजीनियर संजय राय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। शनिवार को उसके किशनगंज और पटना के दानापुर स्थित दो ठिकानों पर छापेमारी की गई। संजय राय किशनगंज प्रभाग में तैनात है। घर से इतनी ज्यादा मात्रा में नोट देखकर एकबार तो निगरानी टीम के अधिकारी भी चौंक गए।

निगरानी डीएसपी अरुण कुमार पासवान ने बताया कि किशनगंज में तीन स्थानों पर छापेमारी की गई। साथ ही पटना में भी दो स्थानों पर छापेमारी की गई है।अभी तक दोनों स्थानों से पांच करोड़ नकदी सहित गहने जेवर और दस्तावेज बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल जांच छापेमारी जारी है। छापेमारी पूरी होने के बाद ही पता चलेगा की कि कितना कालाधन इन्होंने छुपाकर रखा है।

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बेगूसराय: बेगूसराय पुलिस ने छह-सात अगस्त की रात बखरी थाना क्षेत्र में हुए एक प्रेमिका की हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। प्रेमी बदलने के कारण प्रेमिका की हत्या हुई तथा हत्याकांड में शामिल मृतका के दो पूर्व प्रेमी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

एसपी योगेन्द्र कुमार ने शनिवार को बताया कि छह अगस्त की रात बखरी थाना क्षेत्र के अहमदपुर घाघरा निवासी विकेश कुमार ने अपने चचेरे भाई बिट्टू कुमार के साथ मिलकर खलीफा बाबा स्थान के नीचे बगीचा में शादीपुर (रामपुर) निवासी नंदकिशोर सदा की पुत्री की चाकू से गला काटकर हत्या कर दिया तथा शव फेंक कर फरार हो गया।

सात अगस्त की सुबह घटना की सूचना मिलते ही बखरी डीएसपी चंदन कुमार नेतृत्व में बखरी थानाध्यक्ष हिमांशु कुमार सिंह एवं जिला आसूचना इकाई को शामिल कर विशेष टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा लगातार सूचना संकलन, तकनीकी एवं वैज्ञानिक अनुसंधान करते हुए हत्याकांड में शामिल अहमदपुर (घाघरा) निवासी प्रेमिका के पूर्व प्रेमी विकेश कुमार एवं बिट्टू कुमार को मृतिका के मोबाईल के साथ गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया है कि मृतिका का प्रेम प्रसंग विकेश कुमार के साथ चल रहा था। इसी बीच कुछ दिनों के लिए विकेश बंगलौर चला गया, विकेश बंगलौर से वापस आया तो पता चला कि उसकी प्रेमिका किसी दूसरे से प्रेम कर रही है।

इसी से आक्रोशित होकर बदला लेने के लिए छह अगस्त की रात उसने प्रेमिका को फोन कर मिलने के लिए शादीपुर गांव के खलीफा बाबा स्थान के समीप बगीचा में बुलाया। जहां दोनों ने उसको पकड़ कर चाकू से गला काटकर हत्या कर दी। परिजनों ने सुबह में फूल तोड़ने के बाद हत्या की बात कही थी लेकिन अनुसंधान के दौरान घटनाक्रम ही बदल गया तथा त्वरित कार्रवाई करते हुए 20 दिनों के अंदर ही दोनों हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया गया है।

 

 

 

 

इनपुट एजेंसी से 

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