Patna: बिहार में डेंगू का कहर लगातार जारी है. पटना के कई इलाकों में भी डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में यह बीमारी घटने के बजाय चेन की तरह बढता जा रहा है. अस्पतालों में ज्यादातर मरीज डेंगू से ग्रसित आ रहे हैं.

पटना के रूबन हॉस्पिटल में 200 के करीब डेंगू के मरीज भर्ती है. इस बीमारी ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को अपने चपेट में लिया है.

हाल यह है कि हॉस्पिटल में बेड कम पड़ गये हैं और वही प्लेटलेट्स की मांग भी बढ़ गयी है. डेंगू की भयावह स्थिति को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने सिपाहियों के लिए जरूरी आदेश जारी किया है. पुलिस मुख्यालय ने कॉन्स्टेबल को फुल शर्ट पहनने को कहा है वही सोने के वक्त मच्छरदानी का उपयोग करने की बात कही है.

बता दें कि पटना सहित बिहार के कई थानों और पुलिस बैरक में कई पुलिसवाले डेंगू की चपेट में आ गये हैं. डेंगू से पुलिस मुख्यालय में तैनात बॉडीगार्ड की मौत हो जाने के बाद पुलिस मुख्यालय ने यह निर्देश जारी किया है। जिलों के एसपी को पुलिस क्वार्टर, पुलिस बैरेक, रसोईघर, थाना सहित अन्य कार्यालय में अगले तीन दिनों तक विशेष स्वच्छता अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही फॉगिंग और ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव कराने का भी निर्देश दिया गया है.

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पटना सहित राज्य के कई जिलों में भूकंप के झटके

Patna: पटना सहित राज्य के कई जिलों में भूकम्प के हल्के झटके महसूस किये गये हैं. पटना, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया सहित नेपाल से सटे कई जिलों में भी भूकम्प के झटके महसूस किये गये.

वहीं यूपी के गोरखपुर सहित कई जिलों में भी यह झटके लोगों ने महसूस किये. हालांकि इन इलाकों के ज्यादातर लोगों को भूकम्प का झटका महसूस नहीं हुआ. लेकिन भूकंप को लेकर नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने जो ताजा जानकारी साझा की है.

उसके मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल काठमांडू से 66 किलोमीटर पूर्व में पाया गया है. दोपहर 2 बजकर 52 मिनट और 44 सेकंड पर भूकंप का झटका आया है. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 पाई गई है.

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बिहार में भारतीय पुलिस सेवा के 13 पदाधिकारियों का हुआ स्थानांतरण, कुछ को अतिरिक्त प्रभार

Patna: बिहार सरकार के गृह विभाग ने राज्य के 13 भारतीय पुलिस सेवा के पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया है. वही कुछ को अतिरिक्त प्रभार दिए गए हैं.

गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में एम० आर० नायक, भा०पु०से० (1998) को पुलिस महानिरीक्षक, मगध क्षेत्र, गया

के० एस० अनुपम, भा०पु०से० (1998) को विशेष सचिव, गृह विभाग (विशेष शाखा), बिहार, पटना

गणेश कुमार, भा०पु०से० (2000) को पुलिस महानिरीक्षक, तकनिकी सेवाएँ एवं वितंतु बिहार, पटना अतिरिक्त प्रभारः पुलिस महानिरीक्षक, आधुनिकीकर बिहार, पटना

विकास वैभव, भा०पु० से० (2003) को पुलिस महानिरीक्षक-सह-अपर महासमादेष्टा गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशाम सेवाएँ, बिहार, पटना

विनय कुमार, भा०पु०से० (2004) को पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय), बिहार, पटना

अतिरिक्त प्रभार: पुलिस महानिरीक्षक, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस, बिहार, पटना

निलेश कुमार, भा०पु०से० (2010) को समादेष्टा बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस 5 पटना

आमीर जावेद, भा०पु० से० (2012) को पुलिस अधीक्षक पूर्णियाँ

संजय भारती, मा०पु०से० (2014) पुलिस अधीक्षक, रेल, कटिहार को अतिरिक्त प्रभार पुलिस अधीक्षक, रेल, जमालपुर

शुभांक मिश्रा. भा०पु० से० (2019) को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, फारबिसगंज, अररिया

के0 रामदास, भापुसे (2010) को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, शेरघाटी, गया

स्वीटी सहरावत, | भा०पु०से० ( 2020 ) को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर, औरंगाबाद

सरथ आर० एस० | भा०पु०से० ( 2020 ) को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, चकिया, मोतिहारी

विक्रम सिहाग, भा०पु० से० ( 2020 ) को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, रजौली, नवादा के पद पर स्थानांतरित किया गया है.

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पटना: बिहार के दो आईपीएस अधिकारियों को सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। गृह विभाग ने इससे जुड़ी अधिसूचना भी जारी कर दी है। निलंबित आईपीएस अधिकारियों में आदित्य कुमार और पूर्णिया के एसपी दयाशंकर के नाम शामिल हैं।

आदित्य कुमार पर बिहार के डीजीपी को फोन कॉल से दबाव डालने के मामले में साजिश रचने का आरोप है। आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को निलंबन अवधि में मुख्यालय से अटैच किया गया है। पूर्णिया के एसपी दयाशंकर पर आय से अधिक मामले में एसयूवी की रेड हुई थी। इस दौरान नकदी समेत करोड़ों रुपये की संपत्ति मिली थी। इस मामले में अब एसपी दयाशंकर के ऊपर गाज गिरी है और सरकार ने उन्हें भी सस्पेंड कर दिया है।

आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को बचाने के लिए पटना हाई कोर्ट के फर्जी मुख्य न्यायाधीश बनकर बिहार के डीजीपी को कॉल कर दबाव बनाने के मामले में ईओयू ने आदित्य के दोस्त अभिषेक अग्रवाल समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एडीजी पुलिस मुख्यालय जेएस गंगवार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी थी।

एडीजी ने कहा था कि इस मामले में आपीएस आदित्य कुमार नामजद आरोपित हैं। उन्होंने मामले की साजिश रची है। मामले की ईओयू जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक चार आरोपित गिरफ्तार किये गये हैं। इनके पास से मोबाइल और सिम कार्ड जब्त किये गये हैं।

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पटना; उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के दिल्ली की सीबीआई अदालत में आज आईआरसीटीसी घोटाले मामले की हुई सुनवाई के बाद उनकी जमानत को बरकरार रखे जाने पर बिहार में राजद नेताओं में खुशी है। राजधानी पटना में राजद समर्थकों ने इस जश्न के मौके पर आज खुशी मनायी।

राजद के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव के नेतृत्व में राजद समर्थकों ने लड्डू बांटकर तेजस्वी यादव को मिले जमानत की खुशी मनाई। मौके पर बड़ी संख्या में राजद कार्यालय में लोग मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली सीबीआई कोर्ट में मंगलवार को तेजस्वी यादव को हाजिर होना था। इसे लेकर आज सुबह से ही कोर्ट के फैसले पर बिहार के सभी नेताओं की नजरे टिकी थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील और तेजस्वी यादव के वकील में तीखी बहस देखने को मिली। सीबीआई के वकील ने जांच अधिकारियों को तेजस्वी यादव के द्वारा धमकाने का आरोप लगाते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज करने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।

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सहरसा; शहर मे जाम की समस्या समाधान को लेकर आगामी दीपावली और छठ पर्व में शहरी क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ व्यवस्थित और जामरहित बनाने के लिए एसपी लिपि सिंह द्वारा 20 पुलिस जवान की प्रतिनियुक्ति यातायात थाना में की गई है। जिनकी जिम्मेवारी आगामी दीपावली और छठ पर्व में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने की होगी।

यातायात थाना अध्यक्ष नागेंद्र राम ने बताया कि आगामी आयोजित होने वाले पर्व-त्योहार के दौरान शहरी क्षेत्र को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए पुलिस जवान मिला है।पुलिसकर्मी की मांग की गई थी। जिस पर एसपी द्वारा संज्ञान लिया गया।अब 20 नए पुलिस जवान की प्रतिनियुक्ति यातायात थाना में की गई है।जिससे यातायात थाना को पर्याप्त सुरक्षा बल उपलब्ध हो गया है। जिन्हें पर्व त्योहार में विभिन्न चौक चौराहे पर नियुक्त किया जाएगा। सड़क पर जाम नहीं लगने दिया जाएगा।उन्होंने लोगों से अपील भी किया कि अधिक देर तक बाजार की प्रमुख सड़क पर अपनी गाड़ी को अनियंत्रित खड़े नहीं रखें।

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पटना (एजेंसी): राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार सुबह छह बजे फुलवारी शरीफ में दो जगहों पर छापा मारा है। यह कार्रवाई पीएफआई मामले में की गई है।

एनआईए की टीम गजवा ए हिन्द से जुड़े मरगुब अहमद उर्फ दानिश के घर को सुबह छह बजे से खंगाल रही है। टीम के साथ सुरक्षाबल के जवान और एजेंसी के अधिकारी भी हैं। दानिश की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। दानिश गजवा ए हिंद का व्हाट्स ऐप एडमिन है।

 

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सीवान: जिले के जीरादेई थाना क्षेत्र के अकोल्ही मिडिल स्कूल के समीप रविवार देर रात अपराधियों ने एक स्कार्पियो चालक की हत्या कर दी । हत्या करने के बाद उसकी स्कॉर्पियो को लूटकर अपराधी फरार हो गए ।

मृतक की पहचान उसके जेब में रखे ड्राइविंग लाइसेंस से हुई । पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंच कर पहचान करते हुए इसकी सूचना चालक के परिजनों की दी ।

मृतक का नाम महेश्वर प्रसाद है , जो बड़हरिया थाना क्षेत्र के पलटु हाता गांव का निवासी था । सोमवार की सुबह ग्रामीणों ने सड़क के ने किनारे शव को देखकर स्थानीय पुलिस को सूचना दी । पुलिस तथा ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच में जुट गए ।

परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार महेश्वर प्रसाद भाड़े की गाड़ी चलता था । वह अक्सर सीवान रेलवे स्टेशन से ही भाड़ा बुक करता था । महेश्वर प्रसाद के परिजनों ने बताया कि रोज की तरह स्कॉर्पियो लेकर रेलवे स्टेशन गया था । जहां से अपराधियों ने भाड़ा के लिए बुक किया । आधी रात के बाद अपराधियों ने अकोल्ही मिडिल स्कूल के समीप सुनसान इलाके में चालक की हत्या कर दी तथा स्कॉर्पियो लूटकर फरार हो गए ।

वहीं स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया । थानाध्यक्ष राकेश कुमार ने बताया कि मृत चालक के घरवालों ने को सूचित कर दिया गया । मामले की जांच कर जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा ।

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बिहार के नवादा में डेंगू से एक और मौत, अबतक तीन की मौत 

नवादा: जिले में डेंगू से एक और व्यक्ति के मौत शनिवार को हो गई है। मृतक रामावतार प्रसाद पिता स्व कैलाश प्रसाद जिले के नरहट प्रखंड के निवासी बताए गए हैं। बुखार और अन्य परेशानियों के बाद उन्हें परिजन इलाज के लिए लेकर नवादा पहुंचे थे,जहां मौत हुई।

ग्रामीण समाजसेवी महेंद्र प्रसाद ने बताया कि पुरानी जेल रोड में स्थित पाटलिपुत्रा जांच घर में उनके ब्लड की जांच हुई थी। जिसमें प्लेटलेट्स 58 हजार पाया गया था। डेंगू के लक्षण भी जांच रिपोर्ट में आया था। काशी हेल्थ क्लिनिक में चिकित्सक डॉ दीपक कुमार द्वारा इलाज किया जा रहा था।उनकी मौत से घर परिवार में कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो गया है।

जिले में डेंगू से मौत की यह तीसरी घटना सामने आई है। हालांकि जिला प्रशासन आधिकारिक रूप से किसी की मौत की पुष्टि नहीं कर रहा है।इसकी वजह बताई जा रही है कि नवादा सदर अस्पताल में अबतक मात्र 6 मरीज डेंगू के भर्ती हुए हैं। सभी का इलाज चल रहा है।

डेंगू मरीज का इलाज के लिए अधिकृत किए गए चिकित्सक डॉ प्रभाकर सिंह ने कहा कि भर्ती सभी मरीजों की नियमित जांच की जा रही है। नशा मुक्ति वार्ड में 10 बेड डेंगू पीड़ितों के लिए सुरक्षित रखा गया है। फिलहाल 6 मरीज भर्ती हैं। जांच के लिए जरूरी कीट सदर अस्पताल में उपलब्ध है। डेंगू नवादा जिले में व्यापक पैमाने पर जो रही है ।लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों में रोगों की रोकथाम के लिए तत्परता नहीं देखी जा रही है ।छिड़काव के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है गरीब बस्तियों तथा तंग गलियों में तो दवा छिड़काव का नामोनिशान तक नहीं है जिससे आम नागरिक भी भयभीत नजर आ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व वारिसलीगंज प्रखंड के अपसढ गांव के एक युवक और वारिसलीगंज बाजार के एक व्यवसाई की मौत डेंगू से पटना के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई है। चुकी, सभी मौत सरकारी अस्पताल से बाहर हुई है, ऐसे में जिला प्रशासन मौत की औपचारिक पुष्टि नहीं कर रहा है। रोगों के प्रसार से स्थिति गंभीर बनी हुई अब देखना है कि रोगों की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन के अधिकारी कितना बेहतर कदम उठा पाते हैं। जिला प्रशासन की ओर से दवा छिड़काव की व्यवस्था भी सही तरीके से नहीं की जा रही है इस कारण डेंगू रोग का प्रसार तेजी से बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

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पटना: बिहार के दो विधानसभा सीटों पर चुनाव से पहले राजद को बड़ा झटका लगा है। कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से राजद के विधायक अनिल सहनी की सदस्यता को समाप्त कर दिया गया है। इस संबंध में अधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया है। विधायक पर यह कार्रवाई एलटीसी घोटाले में सजा होने के बाद की गई है।

पूर्व राज्यसभा सदस्य और राजद विधायक अनिल सहनी को अवकाश एवं यात्रा भत्ता घोटाला मामले में दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दोषी करार दिया था और तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद से इस बात की चर्चा चल रही थी कि अनिल सहनी को भी विधानसभा सदस्यता गंवानी पड़ सकती है।

उल्लेखनीय है कि एलटीसी घोटाले के मामले में 31 अक्टूबर, 2013 में सीबीआई ने केस दर्ज किया था। इस पर सुनवाई के बाद 29 अगस्त को कोर्ट ने अनिल सहनी समेत तीनों को एलटीसी घोटाले का दोषी करार दिया था। यह मामला उस समय का है, जब वह राज्यसभा सदस्य थे। सहनी के सहयोगियों एनएस नायर और अरविंद तिवारी को दो-दो साल जेल की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

सहनी पर आरोप है कि राज्यसभा सांसद रहते उन्होंने बिना कोई यात्रा किए जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के जरिये 23 लाख 71 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी। सीबीआई ने इस मामले में मनी लांडरिंग एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरुपयोग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।

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समाज में आधुनिकता हावी हो रहा है, शहर से लेकर गांव तक आधुनिक हो रहे हैं। मॉल संस्कृति आ गई है, जहां एक ही दुकान में खाने-पीने से लेकर कपड़ा और सब कुछ मिल रहा है। लेकिन इन सारी कवायद के बावजूद आज भी लगने वाले हाट-बाजार का जो आकर्षण है, वह बड़े-बड़े मॉलों में नहीं दिख सकता है।

मॉल में खरीदने वाले लोग आते हैं और अपने आप में मशगूल रहकर खरीदारी कर जाते हैं लेकिन सामाजिक समरसता क्या होती है यह दिखता है गांव में लगने वाले हाट में। भले ही आज के भौतिकवादी युग में मनुष्य चांद पर रहने और मंगल ग्रह पर जमीन खरीदने की बात कर रहे हों। शहरों में चकाचौंध वाले बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल खुल गए हों।

ऐसे में अति प्राचीन परंपरा साप्ताहिक हाट का अवलोकन निश्चित तौर पर अपने आप में सुखद अनुभूति है। हाट, हटिया या पेठिया आमतौर पर भारत के गांवों में लगने वाले स्थानीय बाजार को कहा जाता है। सब्जी, फल, ताजा मांस, खाद्यान्न या परचून सामग्री आदि हाट में खरीद-बिक्री की जानेवाली प्रमुख सामग्री है। गांव के लोगों की दैनिक जरुरतों को पूरा करने में हाट की भूमिका अतिमहत्वपूर्ण है। सदियों से भारत के गांवों की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने में हाट की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता।

स्थानीय कृषि-विपणन के अलावे हाट स्थल महत्वपूर्ण मिलन बिंदु एवं सांस्कृतिक केंद्र भी है। सामान्यतया गांवों में लगनेवाले हाट दो-चार घंटों का होता है, लेकिन उस क्षेत्र में बाजार का विस्तार एवं दूरी भी लगने वाले हाट की अवधि को तय करती है। जनसंख्या घनत्व के आधार पर हाट सप्ताह में दो या तीन दिन के लिए लगता है। कई कस्बों या छोटे शहरों में यह कुछ घंटों के लिए दैनिक भी लगाया जाता है। महानगरों में स्थाई तौर पर बनी सब्जी मंडी हाट का विकसित रूप है।

शहर एवं बाजार स्थाई होता है, जहां शहरी लोग अपनी रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कोई स्थाई बाजार नहीं होता, रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए ग्रामीणों के लिए शहर आना मुश्किल कार्य होता है। गांव के लोगों की इन्हीं कठिनाइयों को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में सप्ताह में एक या दो दिन बाजार लगाया जाता है, जिसे ‘ग्रामीण हाट’ कहते हैं। ग्रामीण हाटों में गांव के लोग अपनी जरूरत की सारी चीजें खरीद लेते हैं। यह बाजार अकसर दोपहर बाद लगाए जाते हैं और शाम होते-होते उठा लिए जाते हैं।

ग्रामीण हाटों में ग्रामीणों की जरूरत की अधिकांश चीजें बिकती हैं। सभी दुकानें एक क्रम में सजी होती हैं, एक ओर अन्न की दुकानें रहती हैं, तो दूसरी ओर वस्त्रों की। एक ओर साग-सब्जियां बिकती रहती हैं और दूसरी ओर जलेबी, मिष्ठान, पकवान आदि नाश्ते की वस्तुएं। महिलाओं के लिए यहां चूड़ी, सिंदूर एवं सौंदर्य प्रसाधन की अन्य वस्तुएं भी बिकती हैं। कृषि के छोटे-छोटे औजार कुदाल, हल, खुरपी आदि भी उपलब्ध रहते हैं।

बच्चों के लिए तरह-तरह के खिलौने बिकते रहते हैं। किसी-किसी ग्रामीण हाट में गाय, भैंस, बकरी आदि छोटे-बड़े पशु भी खरीदे-बेचे जाते हैं। ग्रामीण हाटों में ग्रामीणों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के खेल होते रहते हैं। हाट में बच्चे कहीं सपेरों की बीन की आवाज पर झूमते सांपों को देख आनंदित होते हैं, तो कहीं मदारी के बंदर के साथ मस्ती में नाचते नजर आते हैं। ग्रामीण बुजुर्ग भी इन हाटों में घूमते दिखते हैं, वे दूसरे गांवों से आए सगे-संबंधियों से मिलकर बातें करके अपना मन बहलाने जाते हैं। इससे नीरस जीवन सरस हो जाता है।

प्राचीन परंपरा साप्ताहिक हाट का अवलोकन निश्चित तौर पर अपने आप में सुखद अनुभूति है। जरूरत है इसकी प्रासंगिकता को बरकरार रखने के साथ-साथ इसे संजोने की। साइबर क्रांति ने पूरी दुनिया को एक गांव में समेट दिया है। लेकिन सप्ताह में एक दिन लगनेवाले वे हाट आज भी ग्रामीण अर्थ व्यवस्था की रीढ़ बने हुए हैं। ग्रामीण इन्हीं हाटों से अपनी रोजमर्रा की वस्तुओं की खरीद-बिक्री करते हैं।

आजादी के बाद से सप्ताह में एक दिन ग्रामीण क्षेत्र में हाट लगना शुरू हुआ। हाट की शुरूआत पहले लोग अपने निजी जमीन पर किया, बाद में किसी बड़े मैदान में किया जाने लगा। जिसके बाद पीढ़ी दर पीढ़ी हाट की व्यवस्था का संचालन किया जाता है। यह हाट सगे संबंधियों के मिलन स्थल के तौर पर भी जाना जाता है। इस दिन किसी भी व्यक्ति व रिश्तेदार से मुलाकात हाट में हो जाना तय है, आसपास के गांवों में इस दिन विशेष चहल-पहल रहती है। कुल मिलाकर कहें तो गांव के लिए बड़े-बड़े मॉलों से भी अधिक प्रसांगिक ग्रामीण हाट सबके लिए समान रूप से उपयोगी है।

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पटना: पहले बेगूसराय फिर हाजीपुर और अब बेतिया में गोलीबारी की घटना हुई है। पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया स्थित योग्गापट्टी थाने के डुमरी गांव में आज एक युवक ने एक साथ कई लोगों को गोली मार दी। इस घटना से इलाके में दहशत फैल गई है। ये घटना बेगूसराय की गोलीकांड से मिलती-जुलती है।

बताया जा रहा है कि आरोपित ने छह लोगों को गोली मारी है लेकिन छह से ज्यादा लोग गोलीबारी के शिकार हुए हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार युवक के दोनों हाथ में पिस्टल था, जिससे उसने दस से ज्यादा लोगों को गोली मारी है। घटना के बाद किसी को भी उस इलाके में जाने से रोक दिया गया है।

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