पटना हाई कोर्ट में जातीय गणना पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

पटना हाई कोर्ट में जातीय गणना पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

पटना, 07 जुलाई (हि.स.)। पटना हाई कोर्ट में पांच दिनों तक चली जातीय गणना की सुनवाई शुक्रवार को पूरी हो गई। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में दायर याचिकाओं पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ में सुनवाई पूरी हुई। राज्य सरकार की ओर से आज महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट में पक्ष रखा।

महाधिवक्ता ने कहा कि ये सर्वे है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों के सम्बन्ध में आंकड़ा एकत्रित करना, जिसका उपयोग उनके कल्याण और हितों के किया जाना है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जाति सम्बन्धी सूचना शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश या नौकरियों लेने के समय भी दी जाती है। शाही ने कहा कि जातियां समाज का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हर धर्म में अलग अलग जातियां होती है।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की कोई अनिवार्य रूप से जानकारी देने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा रहा है। जातीय सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो गया है। ऐसा सर्वेक्षण राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस सर्वेक्षण से किसी की निजता का उल्लंघन नहीं हो रहा है। महाधिवक्ता ने कहा कि बहुत सी सूचनाएं पहले से ही सार्वजनिक होती हैं।

इससे पहले हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार की जातीय व आर्थिक सर्वेक्षण पर रोक लगा दिया था। कोर्ट ने ये जानना चाहा था कि जातियों के आधार पर गणना व आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है। कोर्ट ने ये भी पूछा था कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है या नहीं। साथ ही ये भी जानना कि इससे निजता का उल्लंघन होगा क्या।

याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि सर्वेक्षण कराने का ये अधिकार राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के बाहर है। ये असंवैधानिक और समानता के अधिकार का उल्लंघन है। अधिवक्ता ने कोर्ट को ये भी बताया कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है। उन्होंने कहा था कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है। ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है। उन्होंने बताया था कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पांच सौ करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार, ऋतिका रानी, अभिनव श्रीवास्तव और राज्य सरकार के महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया। इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई को सुनवाई होनी है।

0Shares

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें