पटना, 22 सितंबर (हि.स.)। बिहार में पिछले एक दशक यानी 10 वर्ष के दौरान जमीन, मकान और फ्लैट जैसे संपत्तियों के निबंधन से होने वाला राजस्व दोगुने से अधिक हो गया है। राज्य के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आधिकारिक आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है।
राज्य के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2024-25 तक की अवधि में कुल एक करोड़ 22 लाख 66 हजार दस्तावेजों का निबंधन हुआ, जिससे राज्य सरकार को 49 हजार 606 करोड़ 69 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2015-16 में लगभग 11 लाख दस्तावेजों के निबंधन से 3 हजार 562 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। वहीं, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 16 लाख 61 हजार दस्तावेजों के निबंधन से 7 हजार 648 करोड़ 88 लाख रुपये की आय हुई है। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 14 लाख से अधिक दस्तावेजों के निबंधन से 6 हजार 170 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में सितंबर तक 7 लाख 57 हजार दस्तावेज निबंधित हुए हैं, जिससे 3 हजार 418 करोड़ 52 लाख रुपये की आय हो चुकी है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि दस्तावेज निबंधन की संख्या और उससे होने वाली आय में निरंतर वृद्धि हो रही है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से निबंधन प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया गया है। इससे लोग घर बैठे आसानी से ऑनलाइन निबंधन कराने के साथ संबंधित दस्तावेजों को भी डाउनलोड कर सकते हैं।
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