Patna: बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने मंगलवार को सदन में वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश कर दिया. वित्त मंत्री सुशील मोदी 13वीं बार बजट पेश कर रहे हैं. डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सीएम सुशील मोदी ने बजट पेश करते हुए कहा कि बिहार में ‘जल जीवन हरियाली’ का सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है. उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 का बजट अनुमान 2 लाख 11 हजार 761 करोड़ है. उन्होंने बताया कि राज्य के 34,750 करोड़ के कर का अनुमान है. पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों के जिक्र के लिए ग्रीन बजट पेश किया जाएगा. पर्यावरण संरक्षण पर खर्च किए जाने वाली राशि की जानकारी ग्रीन बजट से दी जायेगी.
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि एनडीए की सरकार में नरसंहारों का दौर थमा है. एनडीए की सरकार में नरसंहार की एक भी घटना नहीं हुई है. 58 साल में एक मेडिकल कॉलेज बना, लेकिन, हमारी 15 साल की सरकार में 15 मेडिकल कॉलेज बनाये गये हैं. हमारी सरकार शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करने जा रही है. सदन में बजट पेश करते हुए सुशील मोदी ने बताया कि कृषि रोड मैप के तहत कॉलेजों की स्थापना की गयी है. राज्य के 12 जिलों में जैविक खेती की योजना है, जबकि, 8 जिलों के 40 गांवों में वैज्ञानिक कृषि होगी.

आपदा का जिक्र करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि राज्य के खजाने पर आपदा प्रभावितों का हक है. 2019 राज्य सरकार ने 1567 करोड़ राहत के रूप में पीड़ितों को दिया. सरकार ने डीजल पर अनुदान की राशि बढ़ाई. किसानों को 88 करोड़ डीजल के रूप में प्रदान किये गये. बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिये 432 करोड़ दिये गये. 2019-20 में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाई गयी. इस पर सरकार ने 3,370 करोड़ रुपये खर्च किये गये.