छपरा: स्मार्ट फ़ोन खरीदने वाले शौकीनों के लिए एक अच्छी खबर है. शहर के म्युनिसिपल चौक के पास  मंगलवार को  मल्टी ब्रांडेड मोबाइल फ़ोन शोरूम का उद्घाटन किया गया. मोबाइल एक्सपो नाम के इस शो रूम का उद्घाटन NUJ(I)के सारण जिला इकाई के अध्यक्ष  राकेश सिंह व सारण जिला पत्रकार संघ के महासचिव पंकज जयसवाल ने संयुक्त रूप से किया.

इस शोरूम में लगभग सभी ब्रांडेड  कंपनियों के मोबाइल फ़ोन्स बेचे जा रहे हैं.  त्योहारों का सीजन आने से पहले ही ग्राहकों को लुभाने के लिए  शोरूम से मोबइल फ़ोन के खरीद पर विशेष छूट व मोबाइल के खरीद पर सुनिश्चित उपहार भी दिया जा रहा है. वहीं उद्घाटन के बाद से ही शोरूम में स्मार्ट फ़ोन खरीदने के लिए ग्राहक भी पहुँचने लगे.

 

Mobile Expo के मैनेजर सनीष तिवारी ने बताया कि त्योहारों के समय लोग किसी भी चीज़ की खरीददारी करना ज्यादा पसंद करते हैं. ऐसे में ग्राहकों को बाज़ार भाव से कम दाम में मोबाइल फ़ोन की बेचे जा रहे हैं साथ ही साथ विशेष छूट भी दी जा रही है.

छपरा: आगामी अक्टूबर माह में जिला स्तरीय वॉलीबाल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा.

आयोजन को लेकर रविवार को सारण जिला वॉलीबाल संघ की बैठक आयोजित की गई.

जिसमे पूर्व विधायक विनय सिंह, रमाकांत सिंह सोलंकी, रंजीत सिंह, यशपाल कुमार, श्यामदेव सिंह मौजूद थे.

बैठक में प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर आगामी 17 सितम्बर तक निबंधन की तिथि तय की गई है.

सभी क्लब सचिव अमित सौरभ के पास जिला स्कूल में शाम 4 बजे तक निबंधन करा सकते है.

छपरा: छपरा नगर निगम चुनाव के बाद मेयर का चुनाव हुआ. प्रिया देवी छपरा नगर निगम की पहली मेयर बनी है. मेयर से छपरा टुडे डॉट कॉम के संपादक सुरभित दत्त ने की खास बातचीत.

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गरखा: खेल दिवस के अवसर पर मंगलवार को संत जोसेफ एकेडमी स्कूल में कई  खेलों का आयोजन किया गया. पारंपरिक व अन्य खेल कूद को बढ़ावा देने हेतु आयोजित इन खेलों में स्कूल के ही छात्रों ने बड़े उत्साह से बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. पारंपरिक खेलों में मुख्य रूप से कबड्डी का आयोजन हुआ. जिसके बाद अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार भी दिया गया.

वहीं संत जोसेफ एकेडमी के डायरेक्टर देव सिंह ने बताया कि छात्रों को सोशल मीडिया की दुनिया से बाहर निकल कर इन खेलों पर भी ध्यान देना चाहिए और ऐसे खेलों से छात्रों का मानसिक विकास भी तेज़ी से बढ़ता है.

छपरा: बिहार क्रिकेट संघ से मान्यता प्राप्त सिटीजन केयर फाउंडेशन के तत्वावधान में खेले जा रहे हरिहरनाथ कप अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट में छपरा क्रिकेट एकेडमी ने सोनपुर को हराकर टूर्नामेंट के अगले दौर में प्रवेश किया. टॉस जीतकर छपरा की टीम ने 23 ओवरों में 210 रनों का विशाल लक्ष्य सोनपुर के सामने रखा. छपरा की ओर से पहले बल्लेबाजी करते हुए सर्वाधिक 51 रन हसरत ने बनाये, प्रशांत ने नाबाद 45 रन और हिमांशु ने 41 रन बनाये.

लक्ष्य का पीछा करने उतरी सोनपुर की टीम महज 99 पर सिमट गई. मैच में शानदार प्रदर्शन करने वाले प्रशांत कुमार सिंह को मैन ऑफ़ द मैच के ख़िताब से नवाजा गया. जिन्होंने बल्लेबाजी करते हुए 45 रन की पारी खेली और गेंदबाजी करते हुए महत्वपूर्ण दो विकेट चटकाए.

छपरा: खेल दिवस के अवसर पर सारण जिला कबड्डी संघ और रोटरी सारण के संयुक्त तत्वावधान में बालक एवं बालिका वर्ग का कबड्डी मैच का आयोजन किया गया. बालिका वर्ग में छपरा की टीम ने 40-26 से सरस्वती शिशु विद्या मंदिर की टीम को हराकर मैच अपने नाम किया.

वहीँ बालक वर्ग में छपरा की टीम ने संत जोसेफ एकेडमी स्कूल की टीम को 30-27 से हराया. मुकाबला बेहद रोमांचक रहा. पुरे मैच में दोनों ही टीम में बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिला. हाफ टाइम तक संत जोसेफ एकेडमी की टीम ने मैच पर अपना दबदबा कायम रखा. वही दूसरे हाफ में छपरा की टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया. अंतिम के दो मिनट में संत जोसेफ एकेडमी की टीम की गलती भारी पड़ी और मैच गवां बैठी.

शहर के शिशु पार्क में हुए इस मैच का दर्शकों ने काफी आनंद लिया. विजेता औरे उपविजेता टीम को रोटरी छपरा और इनरव्हील छपरा की अध्यक्ष ने मेडल पहनकर सम्मानित किया. इस अवसर पर रोटरी छपरा, इनरव्हील छपरा और सारण जिला कबड्डी संघ के पदाधिकारी, संरक्षक एवं सदस्यगण उपस्थित थे.

छपरा: कुर्बानी का पर्व ईद-उल-जुहा (बकरीद) 2 सितंबर को मनाया जायेगा, जिसके लिए पूरे देश में जोर-शोर से तैयारी चल रही है. 23 अगस्त को चाँद का दीदार हुआ था. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल के 12वें महिना के 10 तारीख को ईद-उल-जुहा (बकरीद) मनाई जाती है.

त्याग और बलिदान का यह त्योहार कई मायनों में खास है और एक विशेष संदेश देता है. इस त्योहार को रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग 70 दिनों बाद मनाया जाता है. हजरत इब्राहिम द्वारा अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए तत्पर हो जाने की याद में इस त्योहार को मनाया जाता है. इस्लाम के विश्वास के मुताबिक अल्लाह हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने उनसे अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने के लिए कहा.

हजरत इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते समय उनकी भावनाएं आड़े आ सकती हैं, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी. बेटा नहीं, बल्कि दुंबा था जब उन्होंने पट्टी खोली तो देखा कि मक्का के करीब मिना पर्वत की उस बलि वेदी पर उनका बेटा नहीं, बल्कि दुंबा था और उनका बेटा उनके सामने खड़ा था. जानवरों की कुर्बानी विश्वास की इस परीक्षा के सम्मान में दुनियाभर के मुसलमान इस अवसर पर अल्लाह में अपनी आस्था दिखाने के लिए जानवरों की कुर्बानी देते हैं.

छपरा(कबीर): देश डिजिटल क्रांति की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है. इसका असर अब पर्व व त्योहारों पर देखने को मिला रहा है. अपनी पुराणी परम्पराओं से दूर जाती युवा पीढ़ियों को कही न कहीं सोशल मीडिया और शोपिंग वेबसाइट एक दूसरे के प्यार को और करीब ला रहा है.

भाई-बहन के अटूट रिश्ते का त्यौहार रक्षाबंधन के अवसर पर जो भाई बहन तक नही पहुँच सके या बहन भाई तक नही पहुँच पाई तो उन्होंने सोशल मीडिया और कुरियर का सहारा लिया. बहनों ने भाइयों को राखी कुरियर की तो वहीँ भाइयों ने भी राखी बंधते समय विडियो कॉल के माध्यम से बहन से जुड़े रहे और फिर जब गिफ्ट की बारी आई तो भला भाई बहन को नाखुश कैसे देख सकते थे. फटाफट भईयों ने भी Paytm से गिफ्ट कर दिया.

{सुरभित दत्त}
समाज के उत्थान और प्रगति के लिए शिक्षा बेहद जरुरी आयाम है. समाज को शिक्षित करने के मुहीम के माध्यम से समाजसेवा में जुटे कुछ जुनूनी युवाओं ने इन दिनों शहर में एक अभियान छेड़ रखा है. युवाओं द्वारा दलित बस्ती का चुनाव कर उनमें रह रहे बच्चों तक शिक्षा का अलख जलाया जा रहा है. 

इस कार्य में लगे फेस ऑफ़ फ्यूचर इंडिया संस्था के मंटू कुमार यादव बताते है कि समाज के गरीब बच्चों को शिक्षा देने की प्रेरणा उन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक के रूप में कार्य करते हुए मिली. मंटू राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक के रूप में अपने बेहतर कार्यो के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके है. 

बच्चों के साथ मंटू की टीम                                                                                       Photo: Mantu Kumar

शहर के दलित बस्तियों में आपको मंटू के संस्था के द्वारा चलायी ऐसी पाठशाला अमूमन दिख जाएगी. संस्था के माध्यम से इन दिनों एक अभियान चला कर दलित बस्ती के बच्चों को साक्षर बनाने में जुटे है.

प्रतिदिन शहर के किसी न किसी दलित बस्ती में शिविर के माध्यम से संस्था के युवा शिक्षा की अलख जगाने निकल पड़ते है. बस्ती का चुनाव होता है. बच्चों को बुलाया जाता है, और शुरू हो जाती है पाठशाला.

यहाँ देखे वीडियो रिपोर्ट 

मंटू ने बताया कि उनकी संस्था से जुड़े युवाओं की टोली अलग अलग स्थानों पर दलित बस्तियों में शिक्षा का अलख जा रही है. छपरा शहर के आलावे कई प्रखंडों में भी ऐसे शिविर के माध्यम से बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि दलित बस्तियों में पहले लोगों ने विरोध किया पर जब उन्हें पता चला की बच्चों के भविष्य के लिए शिक्षा जरुरी है और उनकी टीम बच्चों को शिक्षित करने पहुंची है, तो स्थानीय लोगों ने भी सहयोग करना शुरू किया और अभियान चल पड़ा. दलित बस्ती में लगी इस पाठशाला से बच्चों को निश्चित ही लाभ मिल रहा है. दलित बस्ती की महिलाओं ने भी इनके प्रयास की सराहना करते हुए इसे जारी रखने की बात कही.

तमाम सरकारी संसाधनों और योजनाओं के बाद भी कही ना कही गरीब बच्चे शिक्षा से दूर रह जाते है. मंटू की टीम ‘पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया’के अपने ध्येय वाक्य को लेकर आगे बढ़ रही है. इन युवाओं की निःस्वार्थ सेवा समाज को एक नई प्रेरणा दे रही है.

छपरा: नगर निगम चुनाव में प्रचार का दौर शुरू हो चूका है. प्रत्याशी अपने अपने तरीके से प्रचार में जुटे है. कुछ प्रत्याशियों ने सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इसे प्रचार का माध्यम बनाया है.

चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को जैसे ही चुनाव चिन्ह जारी हुए पोस्टर बैनर छपवाने का दौर शुरू हुआ. अब प्रत्याशी इन बैनरों को सोशल साईट फेसबुक के माध्यम से अपने मतदाताओं तक पहुँचाने में जुटे है.

प्रत्याशी जमीनी प्रचार के साथ साथ अपने सोशल प्रोफाइल से वोट देने की अपील कर रहे है. सोशल मीडिया पर जारी इस प्रचार से प्रत्याशी आम जनता तक कितना पहुँच पाते है यह तो चुनाव का परिणाम बताएगा.

 

(अमन कुमार)
एक वक़्त था जब हमें कहीं पत्र भेजना होता था तो उसे हम किसी ई-मेल या कूरियर से नहीं बल्कि उसे घर के आस-पास बने पोस्ट बॉक्स में डाला करते थे. हमें जब कही पत्र भेजने होते, रक्षाबंधन से पहले कहीं दूर राखी भेजनी होती थी तो उसे लिफाफे में बंद करके इस लाल रंग वाले डब्बे में डालने का मज़ा कुछ और ही था.

पहले के समय चौक चौराहों पर ऐसे पोस्ट बॉक्स लगे होते थे. अगर किसी को कहीं कोई चिट्ठी भेजनी होती थी तो बस चिट्ठी वाले लिफाफे को इसी लाल डब्बे में डालना होता था, एक निश्चित समय के बाद डाकिया आता और उस चिट्ठी को निकालकर उचित पते पर पहुंचा देता था.

कुछ साल पहले तक ये पोस्ट बॉक्स ही सूचना के आदान-प्रदान का एक सुगम माध्यम हुआ करता था. बदलते वक्त के साथ लोगों की ज़रूरतें भी बदल गयी. नई टेक्नोलॉजी और संचार के आधुनिक माध्यमों के आने से धीरे-धीरे लोगों ने इसका प्रयोग कम करना शुरू कर दिया. फलस्वरुप कल तक चमचमाने वाले ये लाल डब्बे अब कही कही ही नज़र आते है.

आज की तस्वीरें कुछ और ही हकीकत बयाँ करती हैं. आज आपने आस पास लगे पोस्ट बॉक्स पत्रों के इंतज़ार में खाली पड़े रहते हैं. आज संचार के लिए फोन, एसएमएस, व्हाट्स अप और सोशल और वीडियो कॉल को लोग अपना रहे है. पत्रों को भेजने के लिए भी आधुनिक व्यवस्था में ई-मेल से सेकंडों में भेज देते हैं.

कल तक जो पोस्ट बॉक्स लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण हुआ करता था. आज के डिजिटल होते युग ने उसकी महत्ता को ही खत्म कर दिया है.

अब ज्यादा दिन नही जब ये पोस्ट बॉक्स बस मात्र एक इतिहास बनकर रह जायेंगे.

*राष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव का सांसद अली अनवर के किया उद्घाटन, सांस्कृतिक संध्या में बिखरी भोजपुरिया छटा

छपरा: दो दिनों तक चलने वाले राष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव का उद्घाटन सोमवार को राज्य सभा सांसद अली अनवर ने विधिवत रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया.

सांसद अली अनवर ने भोजपुरी में दिए अपने संबोधन में कहा कि आज भोजपुरी कई देशों में बोली जा रही है. वही कई देशों की मातृभाषा भी है. बावजूद इसके आज अपने देश में इसे संविधान की आंठवी अनुसूची में जगह नहीं मिल सकी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए कई बार संसद में आवाज़ भी उठाया पर अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. उन्होंने भोजपुरी को संविधान की आंठवी अनुसूची में शामिल कराने के लिए ;लोगों से आन्दोलन खड़ा करने की बात कही. साथ ही कहा कि भोजपुरी के जैसी मीठी भाषा हो ही नहीं सकती. इस भाषा की मिठास गुड के सामान है.

अध्यक्षीय भाषण में विधान पार्षद वीरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि छपरा फिरंगियों बटोहिया की धरती है. ऐसा काम हो जिससे भोजपुरी का नाम चारो ओर पहुंचे. भोजपुरी के विरासत की रक्षा के लिए आठवी अनुसूची में शामिल करना जरूरी है. इससे आर्थिक सामाजिक उत्थान होगा.

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इस अवसर पर कार्यक्रम के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ लाल बाबू यादव, मूंगा लाल शास्त्री, जय राम सिंह, श्याम बिहारी अग्रवाल, राजेंद्र राय, हरेंद्र सिंह, बैधनाथ सिंह विकल, प्राचार्य सिद्धार्थ शंकर सिंह आदि ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन राजाजी राजेश ने तथा संचालन उमाशंकर साहू ने किया.

इससे पहले शहर के भिखारी ठाकुर चौक पर स्थित लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया.