नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने सोमवार को कहा कि मध्यक्रम के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर को पूरी तरह से फिट घोषित कर दिया गया है, जबकि केएल राहुल को परेशानी है और उनके एशिया कप के दूसरे या तीसरे मैच तक ठीक होने की उम्मीद है।

अगरकर ने यहां कप्तान रोहित शर्मा के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही और एशिया कप 2023 टीम की घोषणा की।

अगरकर ने कहा, “श्रेयस अय्यर को पूरी तरह से फिट घोषित कर दिया गया है। यह बहुत अच्छी खबर है। केएल राहुल की तबीयत ठीक है। लेकिन हमें उम्मीद है कि वह एशिया कप के दूसरे या तीसरे मैच तक फिट हो जाएंगे। ये दोनों हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।”

एशिया कप और विश्व कप में भारत के लिए नंबर चार पर कौन खेलता है, इस बारे में रोहित ने हंसते हुए कहा, “आपको ऐसे लोग मिल गए हैं जो नंबर चार पर बल्लेबाजी कर सकते हैं। यह नंबर चार के बारे में नहीं है, बल्कि शीर्ष तीन के बारे में है, फिर वहां से आगे। यह सिर्फ एक स्थिति नहीं है जो हमें गेम और टूर्नामेंट जिता सकती है। यह बल्लेबाजी इकाई के रूप में एक साथ आने और काम पूरा करने के बारे में है। चुनौतियाँ रही हैं, लोगों पर दबाव डाला गया है। हमें कुछ चोटें लगी हैं, हमें अन्य खिलाड़ियों को उस स्थिति में देखने की कोशिश करनी होगी। कार्यभार प्रबंधन के कारण कुछ खिलाड़ी चूक गए। हमें यह प्रयास करना था कि कौन सा संयोजन हमारे अनुकूल है। हमने चौथे नंबर पर बाएं हाथ के खिलाड़ी अक्षर को आजमाया और उन्हें आजादी के साथ खेलने का मौका दिया। एक बार जब हम विश्व कप में पहुंच जाएंगे तो हम आश्वस्त होना चाहेंगे कि हम यही करना चाहते हैं।”

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोमवार को आगामी एशिया कप 2023 के लिए 17 सदस्यीय मजबूत टीम की घोषणा की, जो 30 अगस्त से शुरू होगी, जिसमें जसप्रीत बुमराह, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल की टीम में वापसी हुई है और तिलक वर्मा को भी जगह मिली है।

2023 एशिया कप की संयुक्त मेजबानी पाकिस्तान और श्रीलंका द्वारा की जाएगी और यह टूर्नामेंट 30 अगस्त से 17 सितंबर तक चलेगा।

दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी के पिता पंडित बनारस त्रिपाठी का 98 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बिहार के बेलसंड गांव में अंतिम सांस ली। खबर है कि पंडित बनारस त्रिपाठी का निधन बढ़ती उम्र के कारण हुआ है। पंकज अपने परिवार के साथ मुंबई छोड़ चुके हैं।

पिता की मौत की खबर सुनते ही पंकज त्रिपाठी मुंबई से गांव के लिए रवाना हो गए हैं। रात 11 बजे तक पंकज अपने गांव पहुंच जायेंगे। पंकज और उनके पिता एक दूसरे के बहुत करीब थे। पिता की अचानक मौत से पंकज पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पंडित बनारस के परिवार में उनकी पत्नी हेमवंती त्रिपाठी और चार बच्चे हैं। पंकज के पिता और माँ अपने गाँव में साधारण जीवन जीते थे।

पंकज त्रिपाठी के माता-पिता अपने पैतृक गांव में रहते थे। पंकज अपनी पत्नी और बेटी के साथ मुंबई में रहते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने पिता के बारे में जानकारी दी थी। उनके पिता को भी नहीं पता कि वह फिल्म इंडस्ट्री में क्या करते हैं। वह कभी भी मेरी फिल्में देखने थिएटर नहीं गए। पंकज ने कहा था कि उनके पिता एक बार अपने पहले घर के गृहप्रवेश समारोह के लिए मुंबई आए थे, जिसके बाद वह कई सालों तक नहीं आए।

पंकज त्रिपाठी ने कहा था कि जब उनके पिता को कोई टीवी पर फिल्में दिखाता था तो वह वही देखते थे। वह कभी सिनेमा देखने नहीं गए। पंकज ने हाल ही में अपने गांव में घर पर अपने माता-पिता के लिए एक टीवी लगाया था। अब उनके पिता की मौत की खबर आई है। उन्होंने 98 साल की उम्र में आखिरी सांस ली।

पटना, 21 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार शाम जेपी गंगा पथ पर दीघा से गांधी मैदान तक के क्षेत्र में सौंदर्यीकरण कार्य को लेकर प्रस्तावित परियोजना का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जेपी गंगा पथ का एक हिस्सा बनकर तैयार हो गया है और दूसरा हिस्सा भी जल्दी से बनकर तैयार हो जाएगा। सब काम जल्दी से हो जाए और लोगों को अधिक से अधिक सुविधा मिले यही देखने के लिए हम यहां बराबर आते रहते हैं।

जेपी गंगा पथ के पूरे प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 के शुरुआती दौर में पूरी तरह से इसके बन जाने के आसार हैं। पहले फेज का उद्घाटन किया गया था। अभी दूसरे फेज का उद्घाटन किया गया है जो दीघा से गायघाट तक है। जल्द ही तीसरे फेज में दीदारगंज तक सड़क बना ली जाएगी। पिछले वर्ष एक हिस्सा यानी गांधी मैदान से दीघा तक पूरा हुआ था फिर इस साल यानी वर्ष 2023 में गायघाट तक काम पूरा हुआ और वर्ष 2024 में दीदारगंज तक पूरा कर लिया जाएगा। कच्ची दरगाह से बिदुपुर सिक्स लेन का पुल बन रहा है, हालांकि उसके निर्माण में थोड़ी देरी हुई है। अगले साल यानी 2024 के शुरुआती दौर में उस पुल का काम भी पूरा हो जाएगा।

भाजपा बोल रही है कि काम नहीं हो रहा है, पत्रकारों के इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका जवाब तो आप लोगों को देना चाहिए। आप लोग खुद देखिए और उन लोगों को बताइये कि यहां कितनी तेजी से काम हो रहा है। हम उन लोगों का कोई बयान नहीं देखते-सुनते हैं। जब भाजपावाले साथ थे तो कभी कोई कुछ नहीं बोलता था। अब जब काम तेजी से करवा रहे हैं तो कुछ-कुछ बयान आने लगता है। इसका कोई मतलब नहीं है। उन लोगों के बोलने का कोई वैल्यू नहीं है।

नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने भारत के चंद्रमा मिशन को अब तक सफल बताते हुए कहा है कि चंद्रयान-3 की सभी प्रणालियां अब तक पूरी तरह से काम कर रही हैं और 23 अगस्त को भारतीय समयानुसार लगभग 18:04 बजे चंद्रमा पर उतरने के लिए तैयार है। बुधवार को लैंडिंग के समय किसी भी आकस्मिकता की आशंका नहीं है

डॉ. सोमनाथ ने सोमवार को चंद्रयान-3 की लैंडिंग की तैयारियों और मौजूदा स्थिति के बारे में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह को आधिकारिक जानकारी दी। इसरो के अध्यक्ष ने मंत्री को बताया कि चंद्रयान-3 की सभी प्रणालियां पूरी तरह से काम कर रही हैं और 23 अगस्त को लगभग 18:04 बजे चंद्रमा पर उतरने के लिए तैयार है। बुधवार को लैंडिंग के समय किसी भी आकस्मिकता की आशंका नहीं है। अगले दो दिनों में चंद्रयान-3 की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि लैंडिंग का अंतिम क्रम दो दिन पहले लोड किया जाएगा।

इसरो के अनुसार चंद्रयान-2 मिशन केवल आंशिक रूप से असफल रहा था, क्योंकि हार्ड लैंडिंग के बाद लैंडर का संपर्क टूट गया था। सोमवार को इसरो ने ट्वीट करके बताया कि चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल का चार साल से परिक्रमा कर रहे चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के बीच दो-तरफा सफलतापूर्वक संचार स्थापित हुआ है। इससे पहले आज इसरो ने चंद्रयान-3 से ली गई चंद्र सुदूर क्षेत्र की नई छवियां साझा कीं।

इसरो अध्यक्ष से आधिकारिक जानकारी मिलने के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बार चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग का भरोसा जताया और उम्मीद जताई कि इस बार ग्रहों की खोज का एक नया इतिहास लिखा जायेगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि चंद्रयान की श्रृंखला में चंद्रयान-1 को चंद्रमा की सतह पर पानी की उपस्थिति की खोज करने का श्रेय दिया जाता है, जो दुनिया और प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों के लिए एक नया रहस्योद्घाटन था। संयुक्त राज्य अमेरिका का नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) इस खोज से प्रभावित हुआ और अपने आगे के प्रयोगों के लिए इनपुट का उपयोग किया।

चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी मार्क 3 (एलवीएम 3) हेवी-लिफ्ट लॉन्च वाहन के माध्यम से लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-3 मिशन सफल होने पर संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश होगा, लेकिन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत दुनिया का एकमात्र देश होगा।

मशरख में राजद सुप्रीमो लालू यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का कार्यकर्ताओं नें किया भव्य स्वागत

Chhapra: जिले के मशरख थाना क्षेत्र के महाराणा प्रताप चौंक पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का पटना से गोपालगंज जाने के दौरान कार्यकर्ताओं के द्वारा भव्य स्वागत किया गया। मौके पर सारण जिला राजद उपाध्यक्ष राजेश राय, मशरक नगर पंचायत राजद युवा अध्यक्ष वीरेंद्र राय, प्रवीण कुमार, रंजीत कुमार, बिनोद राय सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहें।

वही मशरक थाना पुलिस पूरे चौंक चौराहे पर चुस्त-दुरुस्त दिखी और सड़कों पर खड़ी गाड़ियों को हटाती दिखी। महाराणा प्रताप चौंक पर राजद कार्यकर्ताओं के द्वारा स्वागत के दौरान उन्होंने काफिला रोका और कार का शीशा नीचे कर सभी का अभिवादन स्वीकार किया और सभी का हाल चाल पूछते हुए पूछा कि यह कौन सा जगह हैं जिस पर राजद कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया कि मशरख हैं।

बता दें कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पटना से कार में सवार होकर पटना से शीतलपुर परसा तरैया मशरक एस एच 73 और मशरक से एन एच 227 ए राम जानकी पथ होकर गोपालगंज जा रहे हैं। जहां रात में सर्किट हाउस में ठहरेंगे और दूसरे दिन अपने पैतृक गांव फुलवरिया जाएंगे।

Chhapra: रेलवे प्रशासन द्वारा यात्री सुविधा में उन्नयन एवं परिचालनिक सुगमता हेतु छपरा स्टेशन यार्ड में किये जाने वाले इंजीनियरिंग कार्य के फलस्वरूप विभिन्न रेल गाड़ियों का शार्ट टर्मिनेशन एवं शार्ट ओरिजिनेशन किया जा रहा है।

इस आशय की जानकारी देते हुए जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि छपरा में यार्ड में कार्य को लेकर गाड़ियों का शॉर्ट टर्मिनेशन किया गया है।

इन गाड़ियों का हुआ है शार्ट टर्मिनेशन

– वाराणसी सिटी से 22 से 30 अगस्त, 2023 तक चलने वाली 05446 वाराणसी सिटी-छपरा अनारक्षित विशेष गाड़ी छपरा के स्थान पर बलिया में यात्रा समाप्त करेगी।

– सोनपुर से 22 से 30 अगस्त, 2023 तक चलने वाली 05247 सोनपुर-छपरा मेमू अनारक्षित विशेष गाड़ी छपरा के स्थान पर छपरा कचहरी में यात्रा समाप्त करेगी।

इन गाड़ियों का हुआ है शार्ट ओरिजिनेशन

– छपरा से 22 से 30 अगस्त, 2023 तक चलने वाली 05445 छपरा-वाराणसी सिटी अनारक्षित विशेष गाड़ी छपरा के स्थान पर बलिया से चलायी जायेगी।

– छपरा से 22 से 30 अगस्त, 2023 तक चलने वाली 05248 छपरा-सोनपुर मेमू अनारक्षित विशेष गाड़ी छपरा के स्थान पर छपरा कचहरी से चलायी जायेगी।

इनरव्हील क्लब ऑफ सारण के सावन मिलन में शालिनी अग्रवाल बनी सावन क्वीन

Chhapra: इनर व्हील क्लब ऑफ सारण ने शहर के एक स्थानीय होटल में सावन मिलन समारोह का आयोजन किया। आयोजन का शुभारंभ अध्यक्ष तनुजा जायसवाल, सचिव अंजू फैशन, पूर्व अध्यक्ष अनिता राज ने दीप जलाकर किया। मौके पर सावन से जुड़े गीत संगीत में नृत्य किया। सभी महिलाओं ने एक से बढ़कर एक गीतों और और डांस की प्रस्तुति दे जमकर मस्ती की।

फिर शुरू हुई प्रतियोगिता का दौर, मेहंदी प्रतियोगिता, ड्रेस प्रतियोगिता, माचिस गेम, हाउजी। मेहंदी प्रतियोगिता में रीना गुप्ता प्रथम, संजू गोल्ड द्वितीय और मंजू गुप्ता को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। वही सबसे लाजवाब गेम था माचिस के डब्बी में हरा रंग के सामानों को ज्यादा से ज्यादा भरना, जिसमे शालिनी अग्रवाल ने बाजी मार ली एक माचिस की डब्बी में 68 वस्तुओं को समाहित कर सबको चौका दिया। वही सबसे सुंदर ड्रेस प्रतियोगिता में भी शालिनी अग्रवाल ही बाजी मार सावन सुंदरी का खिताब जीत लिया, हरी सब्जियों, हरे फूल पत्तियों से अपने आप को सजा ये संदेश भी दिया कि प्राकृतिक रूप से सजने संवरने की तमाम साधन प्रकृति ने दे रखा जरूरत सिर्फ उसे तरीके से इस्तेमाल करने की है।

डांस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर अंकिता जायसवाल, द्वितीय पिंकी गुप्ता और तृतीय स्थान पर शालिनी अग्रवाल चुनी गई। इस अवसर पर हाउजी का खेल भी खेला गया जिसमे फूल हाउजी का पुरस्कार प्राची अग्रवाल ने जीता।

अंत मे सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार अध्यक्ष तनूजा जायसवाल, सचिव अंजू फैशन ने दिया। कार्यक्रम का संचालन पूर्व अध्यक्ष अनिता राज ने किया। इस अवसर पर अन्नू जायसवाल, सीमा देवी, शिल्पी कुमारी विनीता अग्रवाल एवं अन्य सदस्य मौजूद थी।इसकी जानकारी मीडिया प्रभारी रूपा राज ने दी।

रोटरी क्लब छपरा द्वारा सावन मिलन समारोह का किया गया आयोजन

Chhapra: रोटरी क्लब छपरा द्वारा रोटेरियन डॉ बीके सिन्हा के आवास पर सावन मिलन समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में सावन के गीतों पर लोगों ने जमकर मस्ती की साथ ही कई मनोरंजक खेलों का अयोजन किया जिसमे सदस्यों ने भाग लिया.

कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ रोटेरियन डॉ एचके वर्मा और डॉ मृदुल शरण ने किया. इस मौके पर रोटरी क्लब छपरा के सचिव अमरेंद्र कुमार सिंह अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि क्लब के सदस्य हर एक परिस्थिति में मानवता की सेवा करते हैं लेकिन समय-समय पर मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है.

जिससे क्लब के सदस्यों को एक दूसरे से जुड़ने का मौका मिलता है और नई ऊर्जा के साथ कार्य करते हैं.

वहीं क्लब के अध्यक्ष इंजीनियर अमरेश मिश्रा ने क्लब के सदस्यों को आगामी कार्यक्रमों के बारे में बताया और कहा कि रोटरी ब्लड बैंक क्लब का अगला सबसे बड़ा लक्ष्य है जिसे मिलकर पूरा करना है.

इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है जिसमें सफल होने वाले सदस्यों को पुरस्कृत भी किया गया.

इन कार्यक्रमों में बुद्धिमान बबुआ में 1. स्वर्णा सिंह 2. माही सिंह 3.दीपाली 4. नमिता 5. अनमोल सिंह द्वितीय 1. रीयांश तृतीय 1. पीहू प्रियदर्शनी 2.रितिक पुरस्कृत हुए.

बीबी नम्बर वन मे 1. आशा शरण प्रथम 2. उषा वर्मा द्वितीय 3. प्रियदर्शनी किशोर और रुचि सिंह तीसरे स्थान पर रही।

मस्त मौला में संतोष गुप्ता, प्रथम 2.करुणा सिन्हा, द्वितीय और अभिषेक हर्षवर्धन को तीसरा स्थान मिला. बेस्ट कपल अवार्ड के लिए रोटेरियन संजीव कुमार और राखी को पुरस्कृत किया जबकि सदाबहार कपल के लिए रोटेरियन सत्येंद्र कुमार श्रीवास्तव और किरण सहाय को सावन किंग के लिए रो. रंजीत आर्या और सावन क्वीन कंचन सोनी को पुरस्कृत किया गया.

इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से निशिकांत तिवारी, कुमार सौरभ, नवनीत कुमार, हिमांशु किशोर, पुनितेश्वर, चंद्रकांत सिंह, शहीद कई जर्मन लोगों उपस्थित रहे.

-विज्ञान पत्रकारिता से जुड़े विजय कुमार शर्मा बता रहे हैं लूना-25 के क्रैश होने के बाद चंद्रयान क्यों है पूरी दुनिया के लिए खास और क्या होती है सॉफ्ट लैंडिंग

कोलकाता, 21 अगस्त (हि.स.)। रूस के चंद्र मिशन लूना-25 के क्रैश होने के बाद अब भारत के चंद्रयान-3 पर पूरी दुनिया की निगाहें टिक गई हैं। महज चंद घंटों बाद चंद्रयान-3 चंदा मामा की दुर्गम सतह के “सॉफ्ट आलिंगन” के उस वादे को पूरा करने के लिए तैयार है जो आज से तीन साल पहले (2019) 125 करोड़ देशवासियों ने चंद्रयान-2 के गुमशुदा हो जाने के बाद चांद से किया था।

आज (सोमवार) लूना-25 को भी चांद के सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी लेकिन रविवार को ही उसका रूसी अंतरिक्ष एजेंसी से संपर्क टूट गया और दावा किया जा रहा है कि चांद की सतह से टकराकर हार्डवेयर डैमेज की वजह से मिशन को अंजाम देने में फेल हो गया है। इसके साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने घोषणा कर दी है कि 23 अगस्त (बुधवार) शाम करीब 6:00 बजे चंद्रयान-3 चांद के उस दक्षिणी हिस्से पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा जहां अरबों साल से सूरज की रोशनी नहीं पहुंची है।

आखिर क्या होती है सॉफ्ट लैंडिंग और चंद्रयान-3 से पूरी दुनिया को क्या उम्मीदें हैं। इसे मशहूर विज्ञान लेखक विजय कुमार शर्मा ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से बातचीत में सरल भाषा में समझाने की कोशिश की है।

उन्होंने कहा, “स्पेस मिशन लॉन्च करना कोई मुश्किल नहीं है। स्पेसशिप का गंतव्य तक पहुंच जाना भी मुश्किल नहीं है। उसका सबसे खतरनाक, चुनौतीपूर्ण और असाध्य हिस्सा सफलतापूर्वक लैंडिंग होता है। कोई चाहे कितना भी एक्सपर्ट हो, यही एक ऐसी चीज है जिसमें विफलता की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। सॉफ्ट लैंडिंग ही एकमात्र उपाय है जो दुनिया भर के स्पेस मिशन के विभिन्न खगोलीय पिंडों पर सुरक्षित लैंडिंग का रास्ता सुनिश्चित करेगा।”

सॉफ्ट लैंडिंग मैकेनिज्म के तकनीकी पहलू को सरल शब्दों में स्पष्ट करते हुए विजय बताते हैं कि स्पेस शिप उतारने के दौरान नीचे की दिशा में रॉकेट फायर किए जाते हैं ताकि न्यूटन के क्रिया के बराबर प्रतिक्रिया के नियम अनुसार ऊपर की दिशा में धक्का लगे और स्पेसशिप की रफ्तार धीमी हो। रफ्तार धीमी करनी इसलिए जरूरी है कि चांद अपने गुरुत्वाकर्षण की वजह से स्पेसशिप को अपनी सतह की ओर तेज रफ्तार में खींच रहा होता है और अगर रफ्तार धीमी नहीं हुई तो स्पेसक्राफ्ट सतह से टकराकर नष्ट हो जाता है। इससे पूरा मिशन फेल हो जाता है। चंद्रयान-3 में रॉकेट बूस्टर लगे हैं जिनको नीचे की और फायरिंग किया जाएगा। इससे उसकी रफ्तार धीमी होगी और चांद की सतह तक पहुंचने तक ऑन बोर्ड कंप्यूटर से इस तरह से कमांड सेट किए गए हैं कि चांद के ग्रेविटी को कैंसिल करते हुए बिल्कुल शून्य रफ्तार कर इसके सतह को छुएगा। उसके बाद विक्रम चंद्रयान-3 से निकलकर वन लूनर डे यानी चांद के एक दिन जो धरती के 14 दिनों के बराबर है, सतह पर मिट्टी के सैंपल लेकर रिसर्च करेगा।”

चांद की सतह पर उतर रहे चंद्रयान-3 की गति धीमी करने के लिए सतह के करीब पैराशूट का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता है? इस सवाल पर वह कहते हैं कि चांद की धरती पर हवा नहीं है। इसीलिए वहां पैराशूट काम नहीं करेगा। एकमात्र उपाय नीचे की ओर रॉकेट की फायरिंग है ताकि ऊपर की ओर लगे उसके धक्के से चंद्रयान की गति कम हो। विजय इस बात की उम्मीद जताते हैं ति इस बार चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की उम्मीद पूरी दुनिया को है, क्योंकि चंद्रयान-2 की विफलता से भारत ने सबक सीखा है और इस मिशन में कई बदलाव किए हैं।

चंद्रयान-3 की खूबियों का जिक्र करते हुए विजय ने कहा कि 2019 में भारत ने जब चंद्रयान-2 लॉन्च किया था तब कुछ ही दिनों के अंतराल पर इजरायल ने बेरेशीट, जापान ने हकूटो आर और एक दिन पहले ही रूस ने लूना-25 गंवाया है। इन सभी मिशनों को विफलता हाथ लगी। खास बात यह है कि चांद पर उतरने की कोशिश करने वाले विफलतम देशों में एकमात्र भारत ही है जो महज तीन सालों के अंतराल पर दूसरा प्रयास कर फिर चांद की वायुमंडल में दस्तक दे चुका है। इसीलिए चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक चांद के उस हिस्से में उतरना बेहद अहम है जहां आज तक रोशनी नहीं पहुंची।

वो कहते हैं कि यहां अगर सफल लैंडिंग होती है तो इस हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश भारत होगा। विजय कहते हैं-” आज से 50 वर्ष के भीतर हम इंसानों के भेजे अंतरिक्षयान मिल्की-वे गैलेक्सी के विभिन्न हिस्सों में अपनी आमद दर्ज करा रहे होंगे। उन सुदूर मौजूद ग्रहों तक प्रकाश की गति से भेजे हमारे सिग्नल्स को भी स्पेसशिप तक पहुंचने में घंटों, हफ्तों, महीनों अथवा वर्षों का समय लगेगा। तब एकमात्र यही तरीका बचता है कि हम “सेफ लैंडिंग” की प्रक्रिया पूर्वनियोजित रूप से इंस्टॉल करके स्पेसशिप्स को दूसरे संसारों के सफर पर रवाना करें। जब तक हम अपने बगल में मौजूद चांद पर सेफ लैंडिंग में दक्षता हासिल नहीं कर लेते, तब तक अंतरिक्ष विस्तार की मानवीय महत्वकांक्षाओं पर सवालिया निशान बने रहेंगे। इसलिए चांद पर अगर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग होती है तो यह भविष्य के अंतरिक्ष मिशन को सबसे सफल दिशा देने वाला होगा।”

साल 2019 में भारत के महत्वकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन की विफलता के बावजूद उससे हुए वैज्ञानिक लाभ का जिक्र करते हुए विजय कहते हैं, “महानतम अभियानों के शुरुआती दौर अक्सर मायूसी भरे होते हैं। 2019 में चंद्रयान-2 से संपर्क टूट जाने के बाद इसरो प्रमुख के शिवन को पड़े थे। पूरे देश में उदासी थी। मायूसी के उस दौर में भी दो दिनों तक सवा सौ करोड़ निगाहें रात के आसमान में टकटकी लगा कर चांद को निहार रही थीं, मानों किसी खो गए अपने को खोज रही हों। इस विफलता से एक संकल्प का जन्म हुआ था। वह था, आज नहीं तो कल, देर-सबेर… हम फिर आएंगे और चांद के सीने पर तिरंगा फहराएंगे। यह 125 करोड़ लोगों का चांद से किया गया वादा था, जिसे निभाने के लिए चंद्रयान-3 बिल्कुल करीब पहुंचकर दस्तक दे चुका है।

विजय शर्मा विज्ञान पत्रकारिता का प्रमुख नाम हैं। ब्रह्मांड के अनंत रहस्यों और विज्ञान के रोमांचकारी प्रयोगों को लेकर सबसे पहले “बेचैन बंदर” और उसके बाद “महामानव” दो किताबें लिखी हैं। इनमें से बेचैन बंदर को 2019 में भारत सरकार का राजभाषा मंत्रालय पुरस्कृत कर चुका है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें इसके लिए सम्मानित कर चुके हैं।

नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। चंद्रयान-3 इतिहास रचने के महज कुछ ही घंटों की दूरी पर है। चांद पर लैंडिंग की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 23 अगस्त शाम 5.45 मिनट पर चंद्रयान-3 चांद पर कदम रखेगा। इस बीच सोमवार को चंद्रयान-2 ने चंद्रयान -3 का औपचारिक स्वागत किया। दोनों के बीच दोतरफा संचार स्थापित हो गया है। इससे पहले इसरो ने यान द्वारा ली गई चंद्रमा की कुछ तस्वीरें भी साझा की।

सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ट्वीट करके कहा कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल का स्वागत किया। दोनों के बीच द्विपक्षीय संपर्क स्थापित किया गया है। उल्लेखनीय है कि साल 2019 में भारत ने अपना मिशन चंद्रयान-2 लॉन्च किया था लेकिन सॉफ्ट लैंडिंग में गड़बड़ी हो गई थी। चंद्रयान-2 क्रैश हुआ लेकिन इसने अपना काम किया था।

चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर पिछले 4 साल से चांद के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रहा है और अपना काम कर रहा है। अब चार साल के बाद जब विक्रम लैंडर फिर से चांद के पास पहुंचा है तब चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर एक्टिव हुआ है।

नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने सोमवार को पाकिस्तान और श्रीलंका की मेजबानी में खेले जाने वाले एशिया कप के लिए भारतीय क्रिकेट टीम की घोषणा कर दी है। टीम में चोट के कारण लंबे समय से बाहर चल रहे श्रेयस अय्यर और केएल राहुल की वापसी हुई है, जबकि संजू सैमसन को स्टैंडबाय खिलाड़ी के रूप में रखा गया है। युजवेंद्र चहल को टीम में शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा हार्दिक पांड्या को टीम का उपकप्तान बनाया गया है।

तेज गेंदबाजी की जिम्मेदारी जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी और प्रसिद्ध कृष्णा के ऊपर होगी, जबकि स्पिन विभाग का जिम्मा कुलदीप यादव के ऊपर होगी। हरफनमौला खिलाड़ी के रूप में अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर पर होगा।

एशिया कप के लिए भारतीय टीम इस प्रकार है-
रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, तिलक वर्मा, केएल राहुल, ईशान किशन, हार्दिक पांड्या (उपकप्तान), रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा।

स्टैंडबाय खिलाड़ी- संजू सैमसन।

बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान हमेशा किसी न किसी वजह से चर्चा में रहते हैं। फिलहाल सलमान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये वीडियो एक पार्टी के दौरान का है। इस पार्टी के दौरान सलमान का नया लुक देखकर हर कोई हैरान है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सलमान खान अपनी कार से उतरते नजर आ रहे हैं। सलमान एक पार्टी में शामिल होने पहुंचे थे। इस बीच सलमान का नया लुक देखकर हर कोई हैरान है। ऐसा प्रतीत होता है कि सलमान ने अपने पूरे सिर के बाल हटा दिए हैं। सलमान का ये बाल्ड लुक इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है।

सलमान के इस लुक पर फैंस तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं। संभावना है कि सलमान ने यह लुक फिल्म ‘तेरे नाम-2’ के लिए किया है। हालांकि, सलमान ने अभी तक अपने नए लुक पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इस वायरल वीडियो पर फैंस ने खूब कमेंट किए हैं।

सलमान के वर्कफ्रंट की बात करें, तो उनकी ‘टाइगर-3’ जल्द ही पर्दे पर आएगी। सलमान फिलहाल इस फिल्म की रिलीज की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ‘टाइगर-3’ के अलावा सलमान ‘प्रेम की शादी’ नाम की फिल्म में भी नजर आने वाले हैं। हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।